इलाहाबाद कोर्ट द्वारा दंगाइयों को कानूनी कवच मिल गया क्या?
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ लखनऊ में प्रदर्शन के दौरान हिंसा व तोडफ़ोड़ करने वालों का सार्वजनिक स्थल पर पोस्टर लगाने के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सोमवार को अपना फैसला दिया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को सभी सार्वजनिक जगहों पर लगाए गए पोस्टर्स व होर्डिंग्स हटाने का आदेश दिया है। फैसला आने के बाद ट्वीटर पर ‘वाह रे कोर्ट’ और ‘इलाहाबाद हाईकोर्ट’ लगातार ट्रेंड कर रहा है.
नई दिल्ली:
उत्तर प्रदेश में दंगाइयों के पोस्टर लगाने पर आज इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया. हाईकोर्ट ने नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन करने वाले दंगाईयों के पोस्टर लखनऊ शहर से हटाने का आदेश दिया है. लखनऊ के अलग-अलग चौराहों पर वसूली के लिए 57 दंगाइयों के 100 पोस्टर लगाए गए थे. कोर्ट ने पोस्टर लगाने को निजता का उल्लंघन माना है. ऐसे में उन लोगों को क्या जिन्होंने इस हिंसा में अपने लोगों को खोया. सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान हुआ. उसकी भरपाई कैसे होगी.
इलाहाबाद हाइ कोर्ट को क्या योगी का ‘दंगा वसूली प्लान’ कोर्ट को कबूल नहीं ? क्या यूपी के ‘दंगाइयों’ को ‘कानूनी कवच‘ मिल गया है? ऐसे में जो हिंसा करेगा उसे ‘दंड’ कैसे दिया जाएगा? आखिर दंगों में नुकसान की भरपाई कौन करेगा ? जो दंगे भड़काएं उनके चेहरे क्यों छिपाएं?
‘दंगा वसूली पोस्टर’ पर इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लखनऊ में हिंसा के आरोपियों के पोस्टर हटाने का आदेश दिया है. कोर्ट ने कमिश्नर और डीएम को पोस्टर, होर्डिंग्स हटाने को कहा गया. कोर्ट का आदेश है कि हिंसा के 57 आरोपियों के 100 पोस्टर लखनऊ से हटाए जाएं. इस मामले में हाईकोर्ट ने यूपी सरकार से 16 मार्च से पहले रिपोर्ट मांगी हैं.
कोर्ट को योगी का ‘दंगा वसूली प्लान’ कबूल नहीं?
5 मार्च 2020 लखनऊ में 57 दंगाइयों के होर्डिंग्स और पोस्टर लगाए गए थे. पोस्टर में 1 करोड़ 55 लाख रुपए की वसूली का जिक्र था. 7 मार्च 2020 पोस्टर लगाने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया. हाईकोर्ट ने पूछा- किस कानून के तहत पोस्टर लगाए . 8 मार्च 2020 इलाहाबाद हाईकोर्ट में पोस्टर मामले पर सुनवाई हुई. हाईकोर्ट ने कहा कि बिना इजाजत पोस्टर लगाना निजता का हनन है. इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया. 9 मार्च 2020 हाईकोर्ट ने हिंसा के आरोपियों के पोस्टर हटाने का आदेश दिया. आदेश पूरा करने की जानकारी देने के लिए 16 मार्च तक वक्त दिया है.
यूपी में हिंसा से कितना नुकसान ?
आपको बता दें कि नागरिकता कानून के खिलाफ हुए प्रदर्शनों के चलते लखनऊ में अब तक 1.61 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. वहीं रामपुर में यह आंकड़ा 25 लाख, संभल में 15 लाख, बिजनौर में19.7 लाख, मेरठ में14 लाख और मऊ में 11.9 लाख का नुकसान हुआ है.
दंगे पर ‘वसूली पोस्टर’ में क्या?
लखनऊ में 57 दंगाइयों के होर्डिंग्स और पोस्टर लगाए गए. पोस्टर में दंगाइयों का नाम, तस्वीर और पता लिखा था. पोस्टर के जरिए इन आरोपियों से 1 करोड़ 55 लाख रुपए की वसूली का आदेश था. पैसा नहीं चुकाने पर संपत्ति कुर्की का आदेश था. तोड़फोड़ और आगजनी पर नुकसान की भरपाई.
यूपी के ‘दंगाइयों’ को ‘कानूनी कवच’ ?
यूपी में 9 दिन तक CAA के विरोध में हिंसा हुई थी. 17 जिलों में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए थे. 19 लोगों की हिंसक प्रदर्शन में मौत हुई. 288 पुलिसकर्मी हिंसा में घायल हुए. 1246 लोग हिंसा के आरोप में गिरफ्तार किए गए. 372 लोगों पर हिंसा के मामले में FIR दर्ज की गई. 405 अवैध हथियार और कारतूस बरामद किए गए.
यूपी में CAA विरोधी हिंसक प्रदर्शन
19 दिसंबर 2019 को लखनऊ के हज़रतगंज में हिंसक प्रदर्शन हुआ, पत्थरबाजी के बाद OB वैन जलाई. 19 दिसंबर 2019 को ही लखनऊ- हसनगंज में प्रदर्शन के दौरान गाड़ियों में आग लगाई. इसी दिन लखनऊ- परिवर्तन चौक के पास 20 बाइक, 10 कार, 3 बस को जलाया गया. 19 दिसंबर 2019 को ही संभल में दंगाइयों ने रोडवेज की बस में आग लगाई.
20 दिसंबर 2019 को गोरखपुर में दंगाइयों ने पुलिस पर पत्थरबाजी की. 20 दिसंबर 2019 को बुलंदशहर में दंगाइयों ने गाड़ियों में आग लगाई, भारी पुलिस की तैनाती. 20 दिसंबर 2019 को मेरठ में दंगाइयों ने पुलिसकर्मियों पर पत्थर फेंके. 21 दिसंबर 2019 को पुलिस ने प्रदर्शन में 15 लोगों की मौत, 263 पुलिसकर्मी घायल, 705 लोगों को गिरफ्तार बताया. 21 दिसंबर 2019 को कानपुर में दंगाइयों ने पुलिस पर पत्थरबाजी की, पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े.
हिंसक प्रदर्शनों पर क़ानून?
1984 सार्वजनिक संपत्ति नुकसान रोकथाम अधिनियम बना सजा 6 महीने से 5 साल तक जेल की सजा, जुर्माने का प्रावधान 29.8% औसत सजा हुई। नुकसान के मुकदमों में 14876 केस देश के कई अदालतों में लंबित है NCRB के मुताबिक 6300 केस लंबित हैं, सिर्फ हरियाणा, यूपी, तमिलनाडु में।
दिल्ली दंगों से कितना नुकसान ?
कुल संपत्तियां- 759
घर 122
दुकान 322
गाड़ियां 301
गोदाम 5
मस्जिद 4
फैक्ट्री 3
हिंसक प्रदर्शन पर सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस
कोर्ट किसी मामले पर खुद संज्ञान ले सकता है. कोर्ट नुकसान की पड़ताल कराने का आदेश दे सकता है. कोर्ट मुआवजे की व्यवस्था करने का सिस्टम बनाएगा. साजिशकर्ताओं, आयोजकों की जिम्मेदारी तय की जाएगी. हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट साजिशकर्ताओं, आयोजकों से जवाब मांगेगा.