हिंसक राहुल गांधी का खुले में घूमना ठीक नही है : अनिल विज

राहुल गांधी ने देश के प्रधानमंत्री को खुलेआम मोब लिंचिंग की धमकी देते हुए कहा यह जो नरेंद्र मोदी भाषण दे रहा है। 6 महीने बाद यह घर से बाहर नहीं निकल पाएगा। हिंदुस्तान के युवा इसको ऐसा डंडा मारेंगे इसको समझा देंगे कि हिंदुस्तान के युवा को रोजगार दिए बिना यह देश आगे नहीं बढ़ सकता। राहुल गांधी के इस ब्यान को यदि कुछ यवाओं ने शब्द्श: ले लिया तो इसे परिणाम घातक हो सकता है। गरिमापूर्ण पद पर बैठे लोगों को मर्यादित भाषा का प्रयोग करना चाहिए जिसे कॉंग्रेस भूलती जा रही है।

चंडीगढ़

कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष राहुल गांधी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डंडे से मारने के बयान पर हरियाणा सरकार में मंत्री अनिल विज ने कांग्रेस नेता पर हमला बोला है। विज ने कहा कि डंडे से मारने की बात करने वाले राहुल गांधी को पागलखाने में भर्ती कराया जाए। उन्‍होंने कहा कि हिंसक राहुल गांधी का खुलेआम घूमना ठीक नहीं है।

विज ने ट्वीट कर कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को डंडे से मारने की बात करने वाले राहुल गांधी को किसी अच्छे पागलखाने में भर्ती करवा देना चाहिए। हिंसक राहुल गांधी का ऐसे खुले में घूमना लोगों के लिए सुरक्षित नहीं है। उन्‍हें नुकसान हो सकता है।’ इससे पहले दिल्ली की एक चुनावी रैली में राहुल गांधी ने कहा था कि युवा इतने गुस्से में हैं कि छह महीने में मोदी को डंडे पड़ेंगे।

हौज काजी में उनकी ऐसी जुबान फिसली कि उन्होंने पीएम मोदी को लेकर बेहद आपत्तिनजक बात कह दी। रोजगार के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरते हुए बुधवार को राहुल अपनी मर्यादा भूल बैठे और कहा, ‘ये जो नरेंद्र मोदी भाषण दे रहा है, 6 महीने बाद ये घर से बाहर नहीं निकल पाएगा। हिंदुस्तान के युवा इसको ऐसा डंडा मारेंगे, इसको समझा देंगे कि हिंदुस्तान के युवा को रोजगार दिए बिना ये देश आगे नहीं बढ़ सकता।’

पीएम मोदी ने भी दिया करारा जवाब

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी गुरुवार को राहुली गांधी को करारा जवाब दिया। संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जवाब देते समय पीएम ने बिना राहुल का नाम लिए कहा, ‘मेरे बारे में कहा गया है कि छह महीने में मुझे डंडा मारा जाएगा। मैंने भी ठान ली है। छह महीने का टाइम मिला है तो मैं भी सूर्य नमस्कार की संख्या बढ़ा दूंगा। तब डंडों का मेरी पीठ पर कोई असर ही नहीं होगा।’

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‘डंडे खाने के लिए अपनी पीठ को मजबूत करूंगा’ गौरतलब है कि आज पीएम मोदी ने भी राहुल गांधी के इस बयान पर लोकसभा में बयान दिया है, लोकसभा में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को लेकर चल रही चर्चा के दौरान पीएम ने कहा कि अब मैं सूर्य नमस्‍कार करने की संख्‍या बढ़ा दूंगा। डंडे खाने के लिए अपनी पीठ को मजबूत करूंगा। मैंने छह महीने में डंडे मारने की बात सुनी है।’

आज का पंचांग

विक्रमी संवत्ः 2076, 

शक संवत्ः 1941, 

मासः माघ़, 

पक्षः शुक्ल पक्ष, 

तिथिः चतुर्दशी सांय 04.02 तक है, 

वारः शनिवार, 

नक्षत्रः पुष्य रात्रि 10.05 तक, 

योगः आयुष्मान सांय 07.10 तक, 

करणः वणिज, 

सूर्य राशिः मकर, 

चंद्र राशिः कर्क, 

राहु कालः प्रातः 9.00 बजे से प्रातः 10.30 तक, 

सूर्योदयः 07.09, 

सूर्यास्तः 06.01 बजे।

विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। शनिवार को देशी घी,गुड़, सरसों का तेल का दानदेकर यात्रा करें।

शाहीन बाग में विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई बच्चे की मौत पर सर्वोच्च नयायालय का संग्यान

दिल्ली के शाहीन बाग में पिछले करीब 50 दिनों से नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है. इस बीच प्रदर्शन में एक चार महीने की बच्चे की मौत मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है. सोमवार को कोर्ट इस मामले में सुनवाई करेगा.

  • बहादुरी पुरस्कार से सम्मानित छात्रा सदावर्ते ने लिखी थी SC को चिट्ठी
  • सोमवार को SC में शाहीन बाग से जुड़ी 2 याचिकाओं पर होगी सुनवाई

नयी दिल्ली(ब्यूरो):

जेन ने सीजेआई बोबडे को भेजे पत्र में लिखा था कि जनवरी 30, 2020 को शाहीन बाग़ में एक बच्ची की मौत पर संज्ञान लेते हुए ऐसे विरोध प्रदर्शनों में बच्चों को शामिल किए जाने पर रोक लगाई जाए। इस मामले में संज्ञान लेने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा।

शाहीन बाग़ में एक नन्हे बच्चे की हुई मौत से जहाँ मीडिया के एक बड़े वर्ग ने मुँह मोड़ लिया, एक 12 साल की बच्ची ने वो कर दिखाया जो बड़े-बड़े समाजिक कार्यकर्ता नहीं कर पाए। या हम ये भी कह सकते हैं कि कथित एक्टिविस्ट्स ने उसे दिखाने की जहमत ही नहीं उठाई। जेन सदावर्ते नामक 12 वर्षीय बच्ची को देश के मुख्य न्यायाधीश बोबडे को पत्र लिख कर इस मामले को संज्ञान में लेने की अपील की थी। अब सीजेआई ने इस मामले को संज्ञान में लिया है।

जेन ने सीजेआई बोबडे को भेजे पत्र में लिखा था कि जनवरी 30, 2020 को शाहीन बाग़ में एक बच्ची की मौत पर संज्ञान लेते हुए ऐसे विरोध प्रदर्शनों में बच्चों को शामिल किए जाने पर रोक लगाई जाए। इस मामले में संज्ञान लेने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा।

जेन सदावर्ते का कहना है कि बच्चों को सीएए के ख़िलाफ़ चल रहे विरोध प्रदर्शन में लेकर जाना सही नहीं है क्योंकि उन बच्चों को पता ही नहीं होता कि उन्हें कहाँ और किसलिए लाया गया है। उसने कहा कि बुजुर्गों को तो नहीं लेकिन बच्चों को कहा जा सकता है कि वहाँ न जाएँ। जेन सदावर्ते ने कहा कि देश के ‘यंग सिटिज़न्स’ की ‘राइट टू लाइफ’ का हनन हो रहा है। सदावर्ते ने कुछ माह की बच्ची की मौत पर दुःख जताया।

बता दें कि कुछ महीने पहले जन्मी उस बच्ची को लेकर उसकी अम्मी जामिया नगर और शाहीन बाग़ और के सीएए विरोधी प्रदर्शनों में जाती थीं। भीषण ठण्ड में भी उस बच्ची और ऐसे कई बच्चे-बच्चियों को उनके परिजन विरोध प्रदर्शन में लेकर सिर्फ़ इसीलिए जाते थे ताकि मीडिया अटेंशन मिले, खासकर इंटरनेशनल मीडिया का।

बच्ची की मौत के बाद उसकी अम्मी ने कहा कि उसने सीएए के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन में अपनी बच्ची को कुर्बान कर दिया। जबकि अन्य प्रोटेस्टरों का कहना था कि वो अल्लाह की बच्ची थी और उसे अल्लाह ने ले लिया। ऐसे कई बयान दिए गए, जिससे पता चलता है कि बच्ची मरी नहीं, उसकी ‘हत्या’ की गई।

जहाँ तक जेन गुणरत्न सदावर्ते की बात है, उसने 2018 में 10 साल की उम्र में 17 लोगों की भीषण आग से जान बचाई थी, जिसके बाद उसे बहादुरी का अवॉर्ड दिया गया था। उसे ‘नेशनल ब्रेवरी अवॉर्ड’ मिला था। मुंबई के क्रिस्टल टॉवर में लगी आग के दौरान उसने ये कारनामा किया था।

ज्ञानवापि मस्जिद के मामले में स्टे बरक़रार रखने की मांग कोर्ट ने ख़ारिज कर दी

  • अयोध्या केस पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शुरू हो गई है ज्ञानवापी मस्जिद केस की सुनवाई
  • वाराणसी की सीनियर डिविजन-फास्‍ट ट्रैक कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई के बाद सुरक्षित रखा फैसला
  • इस केस में एक पक्ष का दावा है ज्ञानवापी मस्जिद ज्‍योतिर्लिंग विश्‍वेश्‍वर मंदिर का एक अंश है

वाराणसी की फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में स्वयंभू भगवान विश्वनाथ और यूपी सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड के बीच मुकदमा चल रहा है। इस मामले में अंजुमन इंतेजामिया बनारस भी वक़्फ़ बोर्ड के साथ है। मुस्लिम पक्ष की माँग थी कि इस मामले में स्टे बरक़रार रहे लेकिन कोर्ट ने उनकी माँग ख़ारिज कर दी है। अब ज्ञानवापी मस्‍जि‍द के पुरातत्‍वि‍क सर्वेक्षण की वादी पक्ष की माँग पर अगली सुनवाई 17 फरवरी को होगी। प्रतिवादियों की याचिका ख़ारिज होने के बाद लोगों में उम्मीद बँधी है कि अब इस मामले में तेज़ी से सुनवाई होगी।

इस मामले में भगवान विश्वेश्वर पक्ष की ओर से वरिष्ठ वकील राजेंद्र प्रताप पांडेय पैरवी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि अंजुमन इंतेजामि‍या बनारस और यूपी सुन्‍नी सेंट्रल चाहता था कि इस कार्यवाही को स्थगित कर दी जाए और आगे कोई सुनवाई न हो। कोर्ट द्वारा उनकी माँगें ख़ारिज किए जाने के बाद अब इस मामले में कार्यवाही चलेगी। नवम्बर 2019 में सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर के पक्ष में फ़ैसला आने के बाद अब लोगों के भीतर उम्मीद जगी है कि मथुरा व काशी विवाद में भी हिन्दुओं को न्याय मिलेगा।

काशी विश्वनाथ व ज्ञानवापी मस्जिद का मामला हाईकोर्ट और सेशन कोर्ट, दोनों में ही चल रहा था। बाद में हाईकोर्ट ने कहा कि मुकदमा एक ही कोर्ट में चलेगा और सेशन कोर्ट में जारी रहेगा। वादी पक्ष की तरफ से पूरे ज्ञानवापी परिसर के एएसआई द्वारा भौतिक सर्वे कराने के लिए आवेदन दिया गया था, जिस पर मुस्लिम पक्ष ने आपत्ति जताई थी। उसका कहना था कि हाईकोर्ट के 1998 में दिए गए आदेश के अनुसार इस मामले में स्टे लगा हुआ है।

सुन्नी वक्फ बोर्ड ने कहा- सिविल जज को केस की सुनवाई का अधिकार नहीं

आपत्तियों पर मंगलवार को कोर्ट में सुनवाई होने पर अंजुमन इंतजामिया के वकील एखलाक अहमद और वक्‍फ बोर्ड के वकील तौहीद खां ने हाईकोर्ट में प्रकरण से संबंधित याचिका हाई कोर्ट में लंबित और स्‍टे होने की जानकारी दी। कहा कि ऐसी स्थिति में इस कोर्ट (सिविल जज) को मुकदमे की सुनवाई का अधिकार नहीं है। सुनवाई स्‍थगित की जानी चाहिए।

वादमित्र विजय शंकर रस्‍तोगी ने विपक्षियों के कथन का विरोध किया। उनका कहना था कि हाई कोर्ट का स्‍थगन आदेश समाप्‍त होने पर ही यहां सुनवाई शुरू हुई है। पक्षों की लंबी बहस सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया। बताते चलें कि इस मामले में भगवान विश्‍वेश्‍वर के पक्षकारों की ओर से कहा गया था कि ज्ञानवापी मस्जिद ज्‍योतिर्लिंग विश्‍वेश्‍वर मंदिर का अंश है। वहां हिंदू आस्‍थावानों को पूजा-पाठ, राग-भोग, दर्शन आदि के साथ निर्माण, मरम्‍मत और पुनरोद्धार का अधिकार प्राप्‍त है। इस मुकदमे में वर्ष 1998 में हाई कोर्ट के स्‍टे से सुनवाई स्‍थगित हो गई थी, जो अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुपालन में फिर से शुरू हुई है।

क्या है ज्ञानवापी विवाद?

विजय शंकर रस्‍तोगी ने कोर्ट में दी गई अर्जी में कहा है कि कथित विवादित ज्ञानवापी परिसर में स्‍वयंभू विश्‍वेश्‍वरनाथ का शिवलिंग आज भी स्‍थापित है। मंदिर परिसर के हिस्‍सों पर मुसलमानों ने कब्जा करके मस्जिद बना दिया। 15 अगस्‍त 1947 को भी विवादित परिसर का धार्मिक स्‍वरूप मंदिर का ही था। इस मामले में केवल एक भवन ही नहीं, बल्कि बड़ा परिसर विवादित है। लंबे इतिहास के दौरान पूरे परिसर में समय-समय पर हुए परिवर्तन के साक्ष्‍य एकत्रित करने और धार्मिक स्‍वरूप तय करने के लिए भारतीय पुरातत्‍व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) से सर्वेक्षण कराया जाना जरूरी है। रस्तोगी ने भवन की बाहरी और अंदरूनी दीवारों, गुंबदों, तहखाने आदि के सबंध में एएसआई की निरीक्षण रिपोर्ट मंगाने की अपील की है।

रिश्वत लेते हुए दिल्ली के उप मुख्यमन्त्री मनीष सीसोदिया का ओएसडी गिरफ्तार

नई दिल्ली: 

CBI ने दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) के OSD और GST में तैनात अधिकारी गोपाल कृष्ण माधव को 2.26 लाख की रिश्वत लेने के आरोप में गुरुवार देर रात गिरफ्तार किया था. सीबीआई ने मिडिलमैन (Middleman) धीरज गुप्ता की निशानदेही पर गोपाल कृषण माधव को गिरफ्तार किया था.

दरअसल CBI को शिकायत मिली थी की धीरज गुप्ता मनीष सिसोदिया के OSD गोपाल कृष्ण के लिए मिडलमैन का काम करता है और दिल्ली के ट्रांसपोर्टरों से टैक्स बचाने के नाम पर रिश्वत लेता है. गोपाल कृष्ण जो कि GST अधिकारी के तौर पर दिल्ली सरकार के ट्रेड और टैक्स विभाग में भी तैनात है, धीरज के साथ मिल कर रिश्वत लेकर ट्रांस्पोर्टरों के टैक्स चोरी करने में मदद कर रहा था. 

CBI ने इसी सूचना के आधार पर पहले धीरज गुप्ता को 2.26 लाख रुपयों के साथ 5 फरवरी को गिरफ्तार किया और उसके बाद गुरुवार की देर रात गोपाल कृष्ण माधव को गिरफ्तार किया. 

अपने ओएसडी की गिरफ्तारी पर डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा, ‘मुझे पता चला है कि सीबीआई ने एक GST इन्स्पेक्टर को रिश्वत लेते हुए गिरफ़्तार किया है. यह अधिकारी मेरे ऑफ़िस में बतौर OSD भी तैनात था. सीबीआई को उसे तुरंत सख़्त से सख़्त सजा दिलानी चाहिए. ऐसे कई भ्रष्टाचारी अधिकारी मैंने खुद पिछले 5 साल में पकड़वाए हैं’ 

वहीं भाजपा आईटी विभाग के प्रभारी अमित मालवीय ने एबीपी न्यूज़ की एक वीडियो के साथ ट्वीट किया है।

भारतीय स्टेट बैंक ने मियादी जमा यानी फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दर में कटौती की

नई दिल्ली(ब्यूरो): 

देश के सबसे बड़ा सरकारी बैंक, भारतीय स्टेट बैंक ने मियादी जमा यानी फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर ब्याज दर में कटौती की है. एसबीआई ने रिटेल एफडी पर ब्याज दरों में 10-50 आधार अंकों की कटौती की है, जबकि थोक एफडी पर ब्याज दरों में 25-50 आधार अंकों की कटौती की है, जो 10 फरवरी से लागू होगी.

बैंक ने सात से 45 दिनों की परिपक्वता अवधि के छोड़कर बाकी एफडी पर ब्याज दरों में कटौती की है. एसबीआई ने 46 से 179 दिनों के भीतर परिपक्वता वाली एफडी पर ब्याज दर में 50 आधार अंकों की कटौती की है. इन जमा राशि पर अब ब्याज दर पांच फीसदी होगी.

वहीं, 180 से 210 दिनों और 211 दिनों से एक एक साल से कम अवधि के भीतर परिपक्वता वाली एफडी पर एसबीआई 5.50 फीसदी की दर से ब्याज देगा. इससे पहले जमा रकमों पर एसबीआई 5.80 फीसदी ब्याज की पेशकश करता था.

एक से दस साल की अवधि की परिपक्वता वाली एफडी पर एसबीआई ने ब्याज दर 6.10 फीसदी से घटाकर छह फीसदी कर दी है.

वहीं, 180 दिनों से लेकर 210 दिनों और 211 दिनों से लेकर एक साल से कम अवधि में परिपक्व होने वाली एफडी पर भी एसबीआई अब छह फीसदी ब्याज दर देगा.

सीनियर सिटीजन्स के लिए 6.50 फीसदी ब्याज दर

एफडी पर हालिया ब्जाज दर कटौती के बाद एसबीआई वरिष्ठ नागरिकों को एक साल से 10 साल की अवधि के बीच में परिपक्व होने वाली एफडी पर 6.50 फीसदी ब्याज दर देगा. बता दें कि आरबीआई ने गुरुवार को रेपो रेट 5.15 फीसदी पर बरकरार रखने का फैसला किया.

मालूम हो कि SBI की भारत में 24000 शाखाएं हैं और दुनियाभर के 35 अन्य देशों में 190 से अधिक दफ्तर हैं. SBI के पास भारतीय बैंकिंग क्षेत्र की 1/5 बाजार हिस्सेदारी है. साथ दुनियाभर में इस बैंक के 40 करोड़ से ज्यादा ग्राहक हैं.

आज फिर संविधान के कुछ पन्ने बचाने में नाकामयाब रही काँग्रेस

संपादक
डेमोक्रेटिक्फ्र्ण्ट॰ कॉ

जब से मोदी सरकार ने अपना दूसरा कार्यकाल आरंभ किया है तभी से संविधान खतरे में आ गया है। तीन राज्य जीतने के पश्चात कांग्रेस के सुर बदल चुके हैं। पिछली चुनावी रैलियों में राहुल गांधी चुनाव प्रचार में मोदी को चोर कह कर बुलाते थे अब दिल्ली चुनावों में तो उन्होने मोदी को डंडे मारने का दंड भी सुना दिया। भारत के चुने हुए प्रधानमंत्री को दंड सुना देना और वह भी विपक्ष के एक साधारण सांसद द्वारा न केवल अशोभनीय है अपितु घोर निंदनीय है। परंतु राहुल और उसके दल को लगता है की संविधान खतरे में है। आज संसद भवन में प्रश्नकाल के दौरान डॉ॰ हर्षवर्धन और भाजपा ने सोचा भी नहीं होगा की डॉ॰ हर्षवर्धन का राहुल गांधी से उसके प्रधान मंत्री मोदी के लिए दिये गए घृणा से भरे हुए भाषण के लिए राहुल से माफी की मांग करना इतना भारी पड़ जाएगा की सदन ई गरिमा को तार तार करते हुए कोंग्रेसी सांसद उनसे हाथा पाई करने को लपक पड़ेंगे। सत्ता पक्ष के कुछ सांसदों द्वारा बीच बचाव किया गया अन्यथा आज काँग्रेस ने तो संविधान के कुछ पन्ने बचा ही लिए थे।

“द स्टोरी ऑफ़ शॉप कीपर या डॉक्टर” : क्या है बस्ती बावा खेल की FIR NO.98/2016 का राज़ ?

जालंधर (अनिल वर्मा):

दोस्तों आम तोर पर हमें अगर कोई दिक्कत व परेशानी अति है तो सबसे से पहले सबकी जुबां पर होता है की पुलिस के पास जाओ ! परन्तु अगर यही रक्षक पुलिस आम व्यक्ति की भक्षक बन जाये और अगर किसी इंसान को अपनी वर्दी और पद का गलत इस्तेमाल करकर किसी पर झूठी FIR दर्ज करवा दे तो क्या बीतेगी उस व्यक्ति/इंसान पर ?

आज की हमारी कहानी जालंधर के 120 फूटी रोड पर रहने वाले मनीष मेहता की है जो पेशे से एक दुकानदार है और मनीष मेहता के अनुसार साल 2016 में थाना 5 में हेड कांस्टेबल(HC) तेनात था और अब जालंधर पुलिस में बतौर ASI तैनात है, जोकि उक्त ASI अभी जालंधर में तेनात डीसीपी अमरीक सिंह पोवार का रीडर है, मनीष मेहता के मुताबिक उक्त ASI ने उन्हें साल 2016 में जब वह थाना 5 में हेड कांस्टेबल (HC) तेनात था और अपनी वर्दी का गतल इस्तेमाल करते हुए उन पर थाना बस्ती बावा खेल में एक FIR दर्ज करवाई जिसमे उक्त शातिर ASI ने मनीष मेहता को एक डॉक्टर बताया और IPC धारा 354-A, POCSO 7,8 एक्ट के तेहत मामला रातो रात दर्ज करवा दिया| वही पीड़ित मनीष मेहता का कहना है की वह न तो डोक्टर है, न कभी डॉक्टर थे, फिर भी उक्त ASI द्वारा अपनी वर्दी व पद का गलत इस्तेमाल करते हुए उनपर झूठी FIR दर्ज करवाई गई|

अगली खबर में हम इस किस्से के और भी कई राज़ खोलेंगे जिससे कही न कही ये सही में लगता है की कुछ पुलिस वाले अपनी वर्दी का गलत इस्तेमाल करते है और फिर चन्द इसे पुलिस वालो की वजह से आम जनता में पुलिस की छवि कही न कही ख़राब होती है जिस करण से आम लोग सभी पुलिस वालो को एक जेसा ही समझ बैठते है, मनीष मेहता की मने तो यही लगता है पुलिस की नोकरी हासिल कर कोई कुछ भी कर सकती है जिसे चाहे किसी भी केस में फसा दे जिसे चाहे किसी भी केस से बहार निकल दे|

पीड़ित मनीष मेहता की माने तो इस पर कई सवाल खड़े होते है और आम तौर पर हमें कई लोग ये कहते व सुनते मिल जाते है की पुलिस कुछ भी कर सकती है अब ये कहा तक सही है! आने वाले समय के एपिसोड “द स्टोरी ऑफ़ शॉप कीपर या डॉक्टर” उजागर होंगे|

चीनी नागरिकों को मिलने वाली ई-वीज़ा सुविधा निरस्त: एमईए

भारतीय विदेश मंत्रालय ने कोराना वायरस से प्रभावित चीन के शहर वुहान से भारतीयों को सुरक्षित निकालने के अभियान में चीन सरकार की तरफ से मिले सहयोग के लिए उसकी तारीफ की है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने जानकारी दी कि भारत ने दो उडा़नों के जरिये चीन से 640 भारतीयों और मालदीव के 7 नागरिकों को सुरक्षित निकाला है. एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह भी कहा कि अगर कुछ ऐसी स्थितियां बनती हैं तो भारत सरकार चीन में फंसे पाकिस्तानी छात्रों की भी मदद पर विचार कर सकती है.

नई दिल्ली: 

कोरोना वायरस (Coronavirus) के प्रकोप की वजह से भारत ने चीन के नागरिकों को दी जाने वाली ई-वीजा की सुविधा निरस्त कर दी है. साथ ही मौजूदा ई-वीजा भी अमान्य कर दिए गए हैं. इसके अलावा वुहान में फंसे पाकिस्तानी लोगों की मदद करने का संकेत दिया है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि सामान्य वीजा जो जारी किए गए हैं, वे भी अधिक वैध नहीं हैं. हालांकि, जो लोग बहुत मजबूरी के चलते भारत आना चाहते हैं, वे वीजा जारी करने के लिए हमारे दूतावास या नजदीकी वाणिज्य दूतावास से संपर्क कर सकते हैं.

राजनयिकों के लिए ई-वीजा उपलब्ध
रवीश कुमार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि कुछ श्रेणियों के लिए भारत का ई-वीजा उपलब्ध है. राजनयिक उस श्रेणी में नहीं आते हैं, क्योंकि उनका वीजा दूतावास के जरिए एक लगाया जाता है. इसलिए, यह फैसला राजनयिक प्रक्रिया को प्रभावित नहीं कर सकता है.

पाकिस्तानी छात्रों की मदद पर विचार
विदेश मंत्रालय कहा कि चीन में पाकिस्तानी छात्रों के वीडियो पर भारत से मदद मांगी है. हमें पाकिस्तान सरकार से इसके बारे में कोई अनुरोध नहीं मिला है. लेकिन, अगर ऐसी स्थिति पैदा होती है और हमारे पास संसाधन हैं तो हम इस पर विचार करेंगे.

उड़ानों पर पाबंदी नहीं
वहीं, भारत-चीन के बीच उड़ानों की रोक को लेकर रवीश ने कहा, ”मुझे किसी भी कमर्शियल उड़ान के संचालन पर भारत सरकार की तरफ से लगाए गए किसी प्रतिबंध की जानकारी नहीं है. एयरलाइंस अपने स्वयं के आकलन के आधार पर निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं.

कोंग्रेस के एक नेता मुझे डंडे से पिटवाएंगे इधर मैं सूर्य नमस्कार की गिनती बढ़ा दूँगा: प्रधान मंत्री मोदी

बजट सत्र के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर लोकसभा में एक घंटे 40 मिनट तक बोला। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। पीएम ने अपने संबोधन के दौरान नागरिकता कानून, अनुच्छेद 370, राम मंदिर समेत कई मुद्दों पर बेबाकी से राय जाहिर की। वहीं कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों ने इस दौरान संसद में हंगामा भी किया लेकिन पीएम मोदी ने अपना संबोधन जारी रखा। उन्होंने राहुल गांधी के बुधवार को दिए गए भाषण पर भी तीखे व्यंग किए। इसके बाद लोकसभा से राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाया गया धन्यवाद प्रस्ताव पारित हो गया।

नई दिल्‍ली(ब्यूरो): 

राहुल गांधी ने बुधवार को एक चुनावी रैली में कहा था कि देश के युवा छह महीने बाद पीएम नरेंद्र मोदी को डंडे से पीटेंगे. इस पर पीएम मोदी ने लोकसभा में गुरुवार को अपने भाषण में तंज कसते हुए कहा कि वह इससे निपटने के लिए अपने ‘सूर्य नमस्‍कार’ करने की संख्‍या को बढ़ा देंगे ताकि वह इस तरह के वार को सह सकें. लोकसभा में राष्‍ट्रपति के अभिभाषण पर धन्‍यवाद प्रस्‍ताव के दौरान पीएम मोदी ने अपने भाषण में ये बात कही. इस दौरान राहुल गांधी ने कुछ कहने की कोशिश की लेकिन सदन के शोरगुल की वजह से सुना नहीं जा सका. इस पर पीएम मोदी ने हल्‍के-फुल्‍के अंदाज में कहा, ‘मैं पिछले 30-40 मिनट से बोल रहा हूं लेकिन वहां तक करंट अब पहुंचा है…कुछ ट्यूबलाइटें इसी तरह चलती हैं.’

दरअसल पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि छह महीने के भीतर मुझे डंडे से पीटा जाएगा. जाहिर है कि ये एक मुश्किल बात है. हालांकि इससे निपटने की तैयारी के लिए छह महीने का समय चाहिए. इस लिहाज से छह महीने का समय चाहिए.

इस संदर्भ में अपने योगाभ्‍यास का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मैं अपने ‘सूर्य नमस्‍कार’ करने की संख्‍या को बढ़ाऊंगा. ऐसा करके मैंने पिछले 20 वर्षों में खुद को गालियों से प्रूफ किया है. ऐसे ही मैं सूर्य नमस्‍कार कर खुद को इतना मजबूत कर लूंगा ताकि डंडे की मार सहने के लिए अपनी पीठ को मजबूत कर सकूं. हालांकि मैं इनका आभारी हूं कि मुझे छह महीने पहले बता दिया ताकि मैं अपनी तैयारियां कर सकूं.

CAA
CAA के मुद्दे पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जिस तरह से बयान दिए गए हैं, सही नहीं हैं. विपक्ष ने शाहीन बाग का मुद्दा उठा दिया. पं. बंगाल के पीड़ित लोग यहां बैठे हैं. अगर यहां कच्‍चा-चिट्ठा खोल दिया जाएगा तो तकलीफ होगी. कुछ लोग कह रहे हैं कि सीएए लाने की इतनी जल्दी क्या है. देश के टुकड़े करने की बात की जा रही है. काल्पनिक भय पैदा करने की पूरी कोशिश की जा रही है. देश के टुकड़े-2 करने वालों के बगल में खड़े होकर फोटो खिंचवाते हैं. पाकिस्तान ने भारतीय मुसलमानों को भड़काने में कोई कसर नहीं छोड़ी. कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि सत्ता के सिंहासन से जिन लोगों को उतार कर घर भेज दिया…अफसोस वो लोग ये काम कर रहे हैं. कांग्रेस की नजर में मुस्लिम सिर्फ मुस्लिम हैं जबकि सरकार की नजर में हर मुस्लिम भारतीय है. “काल्पनिक भय पैदा करने के लिए पूरी शक्ति लगा दी गई है. वो लोग बोल रहे हैं जो देश के टुकड़े-टुकड़े करने वालों की बात करने वालों के साथ फोटो खिंचवाते हैं. पाकिस्तान यही बोलता आया है. पाकिस्तान की बात बढ़ नहीं पा रही है. देश ने देख लिया है कि दल के लिए कौन है और देश के लिए कौन है. पीएम बनने की इच्छा किसी की भी हो सकती है लेकिन हिंदुस्तान पर लकीर खींच कर देश का बंटवारा कर दिया गया.

एक शायर ने कहा था-
ख़ूब पर्दा है, कि चिलमन से लगे बैठे हैं.
साफ़ छुपते भी नहीं, सामने आते भी नहीं!!
ये पब्लिक सब जानती है. समझती है

उन्‍होंने कहा कि CAA से किसी को कोई नुकसान होने वाला नहीं है. भारत के अल्‍पसंख्‍यकों को किसी तरह का नुकसान नहीं होने वाला है. मैं कांग्रेस के लोगों से पूछना चाहता हूं कि राजनीति के नाम पर रोटियां सेंकते रहते हैं लेकिन क्‍या इनको 84 के दंगे याद हैं? सिखों के गलों में टायर बांध कर जला दिया गया था… आरोपियों को जेल तक नहीं भेजा था. जिन पर आरोप लगे हैं, उनको आप सीएम बना देते हो. क्या अल्‍पसंख्‍यकों के लिए आपके दो तराजू होंगे?

नेहरू-लियाकत समझौता
पाकिस्तान में अभी भी अल्पसंख्यकों के ऊपर दुराचार हो रहे हैं. ननकाना साहिब में क्या हुआ? 1950 में नेहरू-लियाकत समझौता हुआ. धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव नहीं होगा. ये समझौता हुआ था. पाकिस्तान में अभी भी अल्पसंख्यकों के ऊपर दुराचार हो रहे हैं. ननकाना साहिब में क्या हुआ? नेहरु जैसे इतने बड़े सेक्युलर, विचारक ने सारे नागरिक का शब्द क्यों इस्तेमाल नहीं किया? कुछ तो कारण होगा तभी तो नहीं किया?

कश्‍मीर
19 जनवरी, 1990 को कश्‍मीर की पहचान दफना दी गई. कश्‍मीरी पंडितों के कश्‍मीर से पलायन के संदर्भ में पीएम मोदी ने ये बात कही. हमने कश्मीर की अवाम पर भरोसा किया.

इससे पहले जब पीएम मोदी के भाषण की शुरुआत हुई तो सत्‍ता पक्ष की तरफ से जय श्री राम के नारे लगे. महात्मा गांधी अमर रहें के नारे लगे. इस पर भाषण की शुरुआत में पीएम मोदी ने कहा कि आपके लिए गांधी जी ट्रेलर हो सकते हैं… हमारे लिए गांधी जी जिंदगी हैं. उन्‍होंने कहा कि राष्ट्रपति ने न्यू इंडिया का विजन अपने अभिभाषण में प्रस्तुत किया है.  21वीं सदी के तीसरे दशक का माननीय राष्ट्रपति का वक्तव्य हम सभी को दिशा व प्रेरणा देने वाला और देश के लोगों में विश्वास पैदा करने वाला है. सभी ने अपने विचार प्रस्तुत किए हैं … लेकिन स्वर उठा कि सरकार के कामों की इतनी जल्दी क्या है? एक स्वर ये उठा है कि सरकार को सारे कामों की जल्दी क्यों है? हम सारे काम एक साथ क्यों कर रहे हैं? सर्वेश्वर दयाल सक्सेना ने अपनी कविता में लिखा है कि-

लीक पर वे चलें, जिनके चरण दुर्बल और हारे हैं,
हमें तो जो हमारी यात्रा से बने, ऐसे अनिर्मित पथ ही प्यारे हैं

पीएम मोदी की अहम बातें:

– लोगों ने सिर्फ सरकार बदली है… ऐसा नहीं है… सरोकार भी बदला है

– अगर हम उसी तरीके से चलते…उसी रास्ते पर चलते… तो 70 साल बाद भी इस देश से आर्टिकल 370 नहीं हटता…

– आपके तरीके से चलते तो मुस्लिम बहिनों को तीन तलाक की तलवार आज भी डराती रहती

– नाबालिग से रेप की सजा में फांसी का कानून नहीं बनता

– राम जन्मभूमि आज भी विवादों में रहती

– करतारपुर साहिब कॉरीडोर कभी नहीं बन पाता

– भारत-बांग्लादेश सीमा विवाद कभी नहीं सुलझता

– जब मैं अधीर जी को देखता हूं तो किरण रिजीजू को बधाई देता हूं. फिट इंडिया का प्रचार-प्रसार अधीर जी अच्छे से करते हैं. भाषण भी करते हैं, साथ में जिम भी करते हैं

– हम नई लकीर बनाकर लीग से हट कर चलना चाहते हैं

– 70 साल बाद भी देश लंबे इंतेजार के लिए अब तैयार नहीं है. स्पीड और स्केल भी बढ़े…हमारी कोशिश है. सेंसेटिविटी भी हो और सोल्यूशन भी होना चाहिए

– हमने जिस तेज गति से काम किया है…वो देश की जनता ने 5 साल में देखा. ये इस सरकार की तेजी ही रही कि पिछले पांच साल में 37 करोड़ लोगों के बैंक अकाउंट खुले. 11 करोड़ लोगों को घरों में टॉयलेट की सुविधा मिली. 13 करोड़ लोगों को गैस कनेक्‍शन मिले. दो करोड़ लोगों को घर मिले.

– नॉर्थ ईस्ट में पिछले पांच वर्ष में जो दिल्ली उन्हें दूर लगती थी, आज दिल्ली उनके दरवाजे पर जाकर खड़ी हो गई है

– इस बार के बोडो समझौते में सभी आर्म्‍स ग्रुप साथ आए हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात इसमें लिखा है कि इसके बाद बोडो की कोई मांग बाकी नहीं रही है. आज नई सुबह भी आई है, नया सवेरा भी आया है, नया उजाला भी आया है. विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि वो प्रकाश, जब आप अपने चश्मे बदलोगे तब दिखाई देगा. एक बार ट्रेन में कुछ लोग जा रहे थे. एक संत बोला कि देखो पटरी से कैसी आवाज आ रही है, निर्जीव पटरी भी कह रही है कि प्रभु कर दे बेड़ा पार. तब दूसरा संत कहता है कि नहीं मुझे तो सुनाई दे रहा है प्रभु तेरी लीला अपार. पास बैठे मौलवी ने कहा कि मुझे सुनाई दे रहा है कि अल्लाह तेरी रहमत. साथ बैठा पहलवान कहता है कि मुझे सुनाई दे रहा है कि खा रबड़ी, कर कसरत. इस पर संसद में ठहाके लगने लगे. फिर मोदी बोले कि जैसी मन की रचना होती है वैसा ही सुनाई देता है.

– हमारे आने से पहले कृषि मंत्रालय का बजट 27 हजार करोड़ रुपये था, अब इसे करीब पांच गुना बढ़ाकर लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपये तक हमने पहुंचाया है. पीएम फसल बीमा योजना से किसानों में एक विश्वास पैदा हुआ है. इस योजना के अंतर्गत किसानों से करीब 13 हजार करोड़ रूपये का प्रीमियम आया. लेकिन प्राकृतिक आपदा के कारण किसानों को जो नुकसान हुआ, उसके लिए किसानों को करीब 56 हजार करोड़ इस बीमा योजना से प्राप्त हुए.

– किसानों की आय बढ़े, ये हमारी प्राथमिकता है. Input cost कम हो ये हमारी प्राथमिकता है. हमारे देश में पहले 7 लाख टन दाल और तिलहन की खरीद हुई. जबकि हमारे कार्यकाल में 100 लाख टन दाल और तिलहन की खरीद हुई. विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि मैं आपकी बातों को आलोचना नहीं मानता हूं. मार्गदर्शक-प्रेरणा मानता हूं क्योंकि आपको भी पता है कि करेगा तो यही करेगा. (मुस्कराते हुए)
– विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि सदन में भी पहले करप्शन पर ही बहस होती थी. संसाधनों की बंदरबाट पर चर्चा होती थी. हे भगवान, क्या करके रख दिया था. एक काम ना करेंगे…ना होने देंगे…आपकी बेरोजगारी हटने नहीं देंगे.