अयोध्या मामले में फैसला कल सुबह 10:30 बजे, सारे देश में सुरक्षा के कड़े इंतेज़ाम

अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट कल सुबह यानी 9 नवंबर को फैसला सुनाएगा. पांच जजों की पीठ यह फैसला सुनाएगी.
सूत्रों ने कहा कि न्यायाधीशों ने राज्य के अधिकारियों से पूछा कि कानून और व्यवस्था को बनाए रखने और इसे मजबूत करने के लिए क्या उन्हें किसी भी तरह की मदद की जरूरत है?

चंडीगढ़: 

अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट कल सुबह यानी 9 नवंबर को फैसला सुनाएगा. पांच जजों की पीठ यह फैसला सुनाएगी. अयोध्या मामले में सुनवाई पूरी हो चुकी है. इस मामले में 40 दिनों तक नियमित सुनवाई हुई है. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की पीठ यह फैसला सुनाएगी. यह भारत का सबसे पुराना मामला है. अयोध्या मामले में पक्षकार और पंच निर्वाणी अणी अखाड़े के परमाध्यक्ष श्रीमहंत धर्मदास ने कहा, ‘माहौल कोई बिगाड़ ही नहीं सकता है, हम लोग अयोध्यावासी सब मिलकर राम मंदिर का निर्माण करेंगे. इस पर कोई विचार न करे कोर्ट क्या कह रहे हैं. लड़ना होगा तो हम ही लड़ेंगे. यहां पर जो हो, एक धार्मिक व्यवस्था को जो व्यापार नहीं मिल रहा है उसपर ध्यान ना दें.’

वहीं इस मामले में मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा, ‘हमारी अपील है, लोग शांति बनाए रखें. हम लोग साथ होंगे आज हम पूरी दुनिया को संदेश दे रहे हैं. हम भारत के वासी हैं, जो फैसला कोर्ट करेगा वह हम मानेंगे. हम हिन्दुस्तान को बड़ा देखना चाहते हैं. हमारे यहां कोई विवाद नहीं है, किसी के खिलाफ कोई मुकदमा नहीं, तमाम साधू और मुस्लिम साथ दिखाई पड़ते हैं. पूरी दुनिया देख रही है हम एक हैं. यहां जात नहीं पूछी जाती है, यहां इंसानियत देखी जाती है, ये हमारे घर भी आते हैं और हम भी जाते हैं हम शान्ति चाहते हैं. सब रख रखाव सरकार के हाथ में है.’

यहां आपको बता दें कि अयोध्या जमीन विवाद के फैसले से पहले एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के साथ अति गोपनीय बैठक की. ऐसा मना जा रहा है कि बैठक में प्रदेश में कानून-व्यवस्था का न्यायाधीश ने जायजा लिया. सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी, डीजीपी ओम प्रकाश सिंह और न्यायमूर्ति रंजन गोगोई के साथ अयोध्या मामले की सुनवाई कर रही पीठ के पांच न्यायाधीशों में से अन्य दो न्यायमूर्ति एस.ए. बोबडे और न्यायमूर्ति अशोक भूषण भी मौजूद रहे.

अयोध्या मामले पर फैसला कभी भी आ सकता है, इसलिए बैठक में राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पर केंद्रित चर्चा की गई. एक सूत्र ने कहा, ‘न्यायधीशों और राज्य अधिकारियों के बीच बैठक सुबह 11.30 बजे शुरू हुई और दोपहर 1 बजे खत्म हुई.’

सूत्रों ने कहा कि न्यायाधीशों ने राज्य के अधिकारियों से पूछा कि कानून और व्यवस्था को बनाए रखने और इसे मजबूत करने के लिए क्या उन्हें किसी भी तरह की मदद की जरूरत है?

पांचवे दिन दु्र्गा शक्ति टीम को किया गया सम्मानित

कोरल, पंचकुला- 8 नवंबर:

प्रथम हरियाणा पुलिस  सप्ताह :  

आयुक्तालय पंचकूला मे चल रहे प्रथम पुलिस सप्ताह के दौरान महिला थाना मे NGO ‘NANHE KADAM’ द्वारा एक समारोह का आयोजन किया गया । इस दौरान सहायक पुलिस आयुक्त श्रीमति नुपूर बिश्नोई  मुख्य अतिथी के तौर पर उपस्थिति रही । दु्र्गा शक्ति टीम के सभी सदस्यों को NGO ‘नन्हे कदम’ द्वारा महिलाओं की सुरक्षा के प्रति उनके प्रयासों के लिए सम्मानित किया गया ।

प्रबंधक महिला थाना श्रीमति नेहा,  ग्रीफ काउंसलर रेणु माथुर को भी महिलाओं की सुरक्षा के प्रति उनके अथक प्रयासों के लिए सम्मानित किया गया । दुर्गा शक्ति टीम की तरफ से महिला सिपाही नेहा, वन्दना, आरती, रमनदीप, रीना, रेखा, प्रवीन, सिपाही विवेक, अजय, रामचन्द्र, पवन तथा SPO नूरन नॉबी मौजूद रहे । 

पुलिस उपायुक्त ने दिवंगत एक्जम्प्टी सब इंस्पेक्टर विनोद कुमार की धर्मपत्नी श्रीमति पूनम को 17 लाख रुपये का चेक सौंपा

कोरल, पंचकुला, 8 नवंबर

पुलिस उपायुक्त, कमलदीप गोयल ने शुक्रवार को आकस्मिक मृत्यु बीमा कवर के तहत दिवंगत एक्जम्प्टी सब इंस्पेक्टर (ईएसआई) विनोद कुमार (सेवानिवृत्त) की धर्मपत्नी श्रीमति पूनम को 17 लाख रुपये का चेक सौंपा।

  यह राषि एचडीएफसी बैंक के साथ आकस्मिक मृत्यु बीमा कवर के तहत किए गए एक समझौते के तहत प्रदान की गई।

    इस अवसर पर डीसीपी ने कहा कि दिवंगत ईएसआई विनोद कुमार ने पुलिस में बेहतरीन सेवाएं दी। उन्हें पुलिस विभाग में उनकी बहादुरी और सेवाओं के लिए लंबे समय तक याद किया जाएगा।

अब फिल्म शूटिंग की मंजूरी मिलना होगा आसानऑनलाइन आवेदन के बाद सात दिन में मिल जाएगी मंजूरी

हरियाणा में फिल्म पॉलिसी के संबंध में सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक ने की राज्य के अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंगअब फिल्म शूटिंग की मंजूरी मिलना होगा आसानऑनलाइन आवेदन के बाद सात दिन में मिल जाएगी मंजूरी

कोरल,पंचकूला, 8 नवम्बर

हरियाणा में फिल्म निर्माताओं को आकर्षित करने के लिए राज्य सरकार ने फिल्म शूटिंग की मंजूरी के लिए ऑनलाइन सेंट्रल पोर्टल तैयार किया है। इस पोर्टल पर आवेदन के बाद सात कार्यदिवस के अंदर-अंदर फिल्म की मंजूरी प्रदान की जाएगी। इसी संबंध में सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक समीरपाल सरों ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य के सभी नगराधीश, डीआईपीआरओ तथा डीआईओ को दिशा-निर्देश जारी किए। उन्होंने बताया कि इसके लिए जिलो में नगराधीश को नोडल अधिकारी बनाया गया है तथा डीआईपीआरओ सदस्य सचिव होंगे। सभी को जल्द की यूजर आईडी दी जाएगी जिसके माध्यम से उन्हें इस प्रक्रिया को पूरा करना है।

सरों ने स्पष्ट किया कि आवेदन करने वाले को कहीं भी व्यक्तिगत रूप से हाजिर नहीं होना है। उसे केवल ऑनलाइन पीआर हरियाणा की वेबसाइट पर फिल्म सैल पर जाकर आवेदन करना है। आवेदन के सात दिन के बाद मंजूरी पत्र भी उसे ऑनलाइन ही उपलब्ध हो जाएगा।उन्होंने बताया कि आवेदन में संबंधित 18 विभागों को अपने-अपने स्तर पर ऑनलाइन ही सारी कार्यवाही करनी है। अगर कहीं मंजूरी नहीं दी जा सकती तो उसका कारण बताकर उसे रद्द किया जा सकता है लेकिन बिना कारण कोई भी आवेदन रद्द नहीं किया जा सकता।

निर्माता को मिल सकती है 1 से 3 करोड़ तक की प्रोत्साहन राशिपंचकूला। सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक समीरपाल सरो ने बताया कि कोई फिल्म निर्माता हरियाणा की पृष्ठभूमि पर फिल्म बनाता है या हरियाणा के युवाओं को कलाकार के तौर रखता है अथवा अन्य तकनीकी स्टाफ के तौर पर उनसे काम लेता है तो उसे प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इसके लिए भी इसी साइट पर आवेदन करना होगा। यह राशि एक करोड़ से लेकर तीन करोड़ तक हो सकती है।

इस संबंध में पीआर हरियाणा की वेबसाइट पर फिल्म पॉलिसी दी गई है। उसमें हर प्रक्रिया को स्पष्ट किया गया है। उन्होंने बताया कि 28 अक्टूबर 2018 को हरियाणा फिल्म पॉलिसी को कैबिनेट से मंजूरी के बाद गुरुग्राम से लांच किया गया था। इसमें कई ऐसे प्रावधान किए गए हैं जिससे फिल्म निर्माताओं को हरियाणा में फिल्म बनाने के लिए आकर्षित किया जा सके। राज्य में हरियाणा फिल्म प्रमोशन बोर्ड बनाया गया है। इस बोर्ड के चेयरमैन हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के निवासी मशहूर फिल्म निर्माता सतीश कौशिक हैं।

पिंजोर-कालका और पंचकूला में हैं कई अच्छी लोकेशन

सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक समीरपाल सरो ने बताया कि फिल्म निर्माताओं के लिए हरियाणा राज्य में लगभग 40 स्थान ऐसे हैं जो फिल्म के लिहाज से बहुत ही आकर्षक हैं। इन क्षेत्रों में पंचकूला जिले में फिल्माकन के लिए मनोरम स्थानों की भरमार है। मोरनी और टीकर ताल की छटा देखते ही बनती है। मोरनी स्थित ऐतिहासिक नाहन के राजा के किले का सुदंर जीर्णोधार किया गया है। किले से सुदूर फैली घाटियां बहुत ही सुदंर लगती है। और कश्मीर सा नजार प्रस्तुत करती हैं। टीकर ताल भी डल झील जैसा सुदंर लगता है। यहाँ पर म्यूज्यिम से लेकर मनोंरंजन तक के सभी साधन उपलब्ध है। पिंजोर के बाग की छटा में कई लेयर की चटानों से इस बाग का सांैर्दय अप्रतिम नजर आता है। सुदंर पिंजोर से लेकर नारनौल तक ऐतिाहासिक धरोहरों से लेकर समृद्ध सांस्कृतिक विरासत वाले इस प्रदेश की तरफ आने वाले समय में फिल्म उद्योग बहुत अधिक संख्या में युवाओं के रोजगार के अवसर पर उपलब्ध कराएगा। 

मुझे फड़णवीस और अमित शाह के आशीर्वाद की जरूरत नहीं. इनके सच झूठ के सर्टिफ़िकेट की जरूरत नहीं: उद्धव ठाकरे

“बाला साहेब को वचन दिया है मैं शिवसेना का मुख्यमंत्री बनाऊंगा. शिवसेना का सीएम बनाने के लिए मुझे फड़णवीस और अमित शाह के आशीर्वाद की जरूरत नहीं. इनके सच झूठ के सर्टिफ़िकेट की जरूरत नहीं.’  उद्धव ठाकरे

चंडीगढ़: 

देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफा देने के बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. ठाकरे ने अपने संबोधन में साफ कहा कि हमें शिवसेना का मुख्यमंत्री बनाने के लिए फड़णवीस और बीजेपी अध्यक्ष शाह के आशीर्वाद की जरूरत नहीं है. मुझें दुख है कि शिवसेना पर गलत आरोप लगाए गए. 

शिवसेना चीफ ठाकरे ने कहा, “कुछ समय पहले मैंने कार्यवाहक सीएम देवेंद्र फडणवीस की प्रेस कॉन्फ्रेंस सुनी. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने कार्य गिनाए. विकास का काम उन्होंने अकेले नहीं किया, हम साथ थे. दुख है गलत आरोप लगाया गया. लोकसभा चुनाव के वक्त अमित शाह और फड़णवीस मेरे पास आए थे, मैं दिल्ली नहीं गया. चर्चा शुरू हुई उपमुख्यमंत्री पद की बात हुई तो मैंने कहा थ उपमुख्यमंत्री पद लेने के लिए लाचार नही हूं.”  

उन्होंने आगे कहा, “बाला साहेब को वचन दिया है मैं शिवसेना का मुख्यमंत्री बनाऊंगा. शिवसेना का सीएम बनाने के लिए मुझे फड़णवीस और अमित शाह के आशीर्वाद की जरूरत नहीं. इनके सच झूठ के सर्टिफ़िकेट की जरूरत नहीं.’ 

इससे पहले, शिवसेना प्रवक्ता ने राउत ने अगर हम चाहे तो सरकार बना सकते हैं, शिवसेना का मुख्यमंत्री बन सकता है. फडणवीस के बयान पर चुटकी लेते हुए राउत ने कहा, “अगर मुख्यमंत्री जी यह कहते हैं कि फिर एक बार उनकी सरकार आएगी मैं उनको शुभकामना देता हूं. लोकतंत्र में जिसके पास बहुमत है, वह सरकार बनाते हैं.”

संजय राऊत ने फड़नवीस के इस्तीफे पर तंज़ कसा

“अगर मुख्यमंत्री जी यह कहते हैं कि फिर एक बार उनकी सरकार आएगी मैं उनको शुभकामना देता हूं. लोकतंत्र में जिसके पास बहुमत है, वह सरकार बनाते हैं. मुख्यमंत्री होता है विरोध करने का कोई कारण नहीं है. मैं भी कहता हूं कि मेरी पार्टी की तरफ से अगर हम चाहे तो सरकार बना सकते हैं, शिवसेना का मुख्यमंत्री बन सकता है. ” संजय राऊत

चंडीगढ़:

शिवसेना नेता संजय राउत ने देवेंद्र फड़णवीस के बयान पर पलटवार किया है. राउत ने कहा कि एनसीपी नेता शरद पवार से मिलने के बाद पत्रकारों से कहा कि मैंने और पवार साहब ने फड़णवीस की पूरी प्रेस कॉन्फ्रेंस सुनी है. जहां तक उनका इस्तीफा है तो वो परंपरा के मुताबिक देना होता है. शिवसेना की तरफ से प्रधानमंत्री और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पर कोई बयानबाजी नहीं हुई.

राउत ने कहा, “ढाई ढाई साल का फॉर्मूला तय नहीं हुआ है, ये बात मुझे नहीं पता लेकिन उद्धव ठाकरे साहेब कह रहे हैं कि तय हुआ था. नितिन गडकरी उस वक़्त मौजूद नहीं थे. अगर मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि बीजेपी की सरकार फिर आएगी तो हम उन्हें शुभकामना देते हैं. हम चाहें तो सरकार बना सकते हैं और शिवसेना का मुख्यमंत्री भी बन सकता है.”  

राउत ने पत्रकारों से कहा, “हमारा इतना ही कहना था जो मुख्यमंत्री साहब बोल रहे थे कि 50-50 की बातें नहीं हुई थी, 2.5 साल का फॉर्मूला तय नहीं होता. मुझे मालूम है कि इस बारे में उद्धव साहब का कहना है कि सरकार से बातचीत हुई थी, यह इनकी कमिटमेंट है. गडकरी साहब उस वक्त नहीं थे, जब चर्चा हुई तब गडकरी साहब मातोश्री में मौजूद नहीं थे.” 

राउत ने फड़णवीस के बयान पर चुटकी लेते हुए कहा, “अगर मुख्यमंत्री जी यह कहते हैं कि फिर एक बार उनकी सरकार आएगी मैं उनको शुभकामना देता हूं. लोकतंत्र में जिसके पास बहुमत है, वह सरकार बनाते हैं. मुख्यमंत्री होता है विरोध करने का कोई कारण नहीं है. मैं भी कहता हूं कि मेरी पार्टी की तरफ से अगर हम चाहे तो सरकार बना सकते हैं, शिवसेना का मुख्यमंत्री बन सकता है.

उधर, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक बार फिर दोहराया कि शिवसेना के साथ कभी भी 50-50 फॉर्मूले पर बात नहीं हुई थी. उन्होंने कहा, “हम लोग महारष्ट्र में गठबंधन में  लड़े  थे. सामूहिक रूप से हम सरकार बना सकते हैं. पहले दिन ही शिवसेना ने कह दिया कि और विकल्प खुल गए हैं. हमारे सबसे लंबा गठबंधन है. मुझे अभी भी लगता है कि मिलकर दोनों सरकार बनाएंगे. मेरी अमित जी से बात हुई. उन्होंने भी 50-50 की  बात पर कहा कि ये लोकसभा के लिए कहा था, बाकी विधानसभा के लिए कहा कि उसको अभी छोड़ दो. तो कोई वादा नहीं किया. मै चाहता हूं कि गठबंधन का मार्ग खुले तो बीजेपी इसका समर्थन करेगी.”

फड़नवीस ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से दिया इस्तीफा

मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को अपना इस्तीफा सौंपा. महाराष्ट्र मे सरकार बनाने को लेकर शिवसेना की ओर से शुक्रवार तक कोई पेशकश न मिलने की हालत में फड़णवीस ने इस्तीफा दिया. दरअसल 9 नवंबर को महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल खत्म हो रहा है.

इस्तीफा देने के बाद फड़णवीस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिसमें उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने मेरा इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. हमने 5 साल तक महाराष्ट्र के विकास के लिए काम किया है. उन्होंने आगे कहा, “मै प्रधानमंत्री मोदी जी का धन्यवाद करता हूं. सभी हमारे साथ काम करने वाले मंत्रियों और साथियों का शुक्रिया करता हूं. मैने किसानों की हितकारी योजनाओं पर पूरी ईमानदारी से काम किया. सिंचाई परियोजनाओं को आगे बढ़ाया और नई योजनाओं का क्रियान्वयन किया.” 

फड़णवीस ने कहा, “विधानसभा में महायुती करके हम चुनाव में गए. शिवसेना -बीजेपी सहयोगी दल को इसमें सफलता मिली. 160 से जादा सीटे गठबंधन को मिली. 105 सीटे बीजेपी को मिली हैं. हम सबसे बड़े दल बने हैं. हमारा स्ट्राईक रेट जादा रहा है. जो सीटें लड़ी हैं, उसमें से 70 फिसदी सीट हमने जीती.” 

फड़णवीस ने कहा, “उद्धव ठाकरे ने पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में कह था कि सरकार बनाने के सभी विकल्प खुले हैं. हम महायुती गठबंधन से जीत के आए थे, फिर भी उन्होंने कहा कि सभी विकल्प खुले हैं. हमने तो पहले ही कहा कि की हम ‘महायुति’ की सरकार बनाएंगे. मेरे सामने कभी की ढाई ढाई साल का सीएम पद का विषय नहीं था.”  

फड़णवीस ने कहा, “बाला साहेब ठाकरे हमारे लिए पूज्यनीय हैं. हमने चुनाव लड़ते वक्त उद्धव ठाकरे के खिलाफ भी कभी टिप्पणी नहीं की. हमारे नेता पीएम मोदी के खिलाफ शिवेसना टीका-टिप्पणी करती रही है. केंद्र और राज्य में सरकार मे सहयोगी पक्ष रहना और हमारे शीर्ष नेतृत्व पर टिप्पणी करना सही नहीं है.” 

राज्य में एक बार फिर बीजेपी सरकार बनाने के आश्वासन के साथ फड़णवीस ने कहा, “मैं यह बात एक बार फिर से साफ तौर पर ऑन रिकॉर्ड रखना चाहता हूं कि सरकार बनाने के लिए हम तोड़फोड़ की राजनीति बिल्कुल नहीं करेंगे. अगली सरकार महाराष्ट्र मे बीजेपी की बनेगी ये तय है. विधायकों की खरीद फरोख्त के आरोप बेबुनियाद हैं.” 

इससे पहले, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बयान दिया था कि जरूरत पड़ने पर मैं मध्यता करने को तैयार हूं. गडकरी ने कहा कि फिफ्टी-फिट्टी पर कोई बात नहीं हुई थी. जरूरत पड़ी तो मध्यस्थता को तैयार हूं. उधर शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने फिर दोहराया कि उनकी पार्टी नहीं झुकेगी.

फड्नविस के इस्तीफे के बाद शिव सेना ने अपने विधायकों के लिए पुलिस सुरक्षा की मांग की

शिवसेना ने अपने सभी विधायकों को हॉर्स ट्रेडिंग से बचाने के लिए मुंबई मढ में शिफ्ट कर दिया है. साथ ही शिवसेना ने मुंबई पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर अपनी पार्टी के विधायकों की सुरक्षा की मांग की है.

चंडीगढ़:

महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर बीजेपी और शिवसेना में जारी खींचतान के बीच जहां मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्यपाल को इस्तीफा दे दिया है. वहीं शिवसेना ने अपने सभी विधायकों को हॉर्स ट्रेडिंग से बचाने के लिए मुंबई मढ में शिफ्ट कर दिया है. साथ ही शिवसेना ने मुंबई पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर अपनी पार्टी के विधायकों की सुरक्षा की मांग की है. उधर, कांग्रेस ने अपने विधायकों को मुंबई से राजस्थान की राजधानी जयपुर में शिफ्ट कर दिया है. कांग्रेस के सभी विधायकों को एक रिजॉर्ट में ठहराया गया है.

इससे पहले गुरुवार को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अपने सभी विधायकों के साथ अपने निवास स्थान मातोश्री में बैठक की थी, जिसके बाद उन्हें मुंबई के रंगशारदा होटल में ठहराया गया था. शुक्रवार दोपहर में अचानक से बस भेजकर शिवसेना ने अपने सभी विधायकों को मुंबई के मढ में शिफ्ट कर दिया है. पार्टी की ओर से कहा गया कि रंगशारदा में जगह की कमी हो रही थी, इसलिए विधायकों को दूसरी जगह शिफ्ट किया गया है. यहां आपको बता दें कि रंगशारदा मातोश्री के नजदीक ही स्थित है.

बीजेपी-शिवसेना में सुलह के लिए संभाजी भिड़े कूदे

मालूम हो कि महाराष्ट्र की वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल नौ नवंबर यानी शनिवार को समाप्त हो रहा है. उधर, हिंदूवादी नेता संभाजी भिड़े ‘गुरुजी’ भी महाराष्ट्र में किसी भी तरीके से बीजेपी और शिवसेना में मान-मनौव्वल कराने में जुटे हैं. मालाबार हिल स्थित मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के आधिकारिक आवास ‘वर्षा’ पर उन्होंने उनसे मुलाकात की. हालांकि, दोनों के बीच क्या बातचीत हुई, भिड़े ने इस पर बोलने से कुछ भी इनकार कर दिया.

संयोग से 85 वर्षीय नेता गुरुवार देर रात शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से भी मिलने बांद्रा स्थित उनके घर ‘मातोश्री’ पहुंचे थे, लेकिन उन्होंने विनम्रता के साथ उनसे मिलने से मना कर दिया था. बाद में पार्टी के एक नेता ने भिड़े की साख और उनकी हैसियत पर सवाल उठाया था.

शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि पार्टी को बातचीत के लिए किसी मध्यस्थ की जरूरत नहीं है और यदि भारतीय जनता पार्टी के पास कोई संदेश है तो वह सीधे स्वयं शिवसेना से संपर्क करे. उन्होंने लोकसभा चुनाव से पहले तय हुए मुख्यमंत्री पद और सत्ता के बराबर के बंटवारे को लेकर पार्टी के रुख को दोहराया.

संघ प्रमुख मोहन भागवत सहित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शीर्ष नेताओं से मिलने के बाद गुरुवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी मुंबई पहुंचे. यहां वह राजनीतिक गतिरोध पर राज्य के पार्टी नेताओं के साथ चर्चा कर सकते हैं.

मालूम हो कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी+शिवसेना गठबंधन को जीत मिली है. हालांकि सरकार गठन को लेकर दोनों दलों में खींचतान चल रही है. बीजेपी को सबसे अधिक 105, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें आई हैं. 13 निर्दलीय प्रत्याशी विधायक बने हैं. जनता ने इस तरह का परिणाम दिया है कि बिना शिवसेना की मदद के कोई सरकार नहीं बना पा रहा है.

हो रही निचले स्तर की राजनीति: SPG सुरक्षा मामले पर भड़के अशोक गहलोत

केंद्र सरकार के गांधी परिवार को मिली एसपीजी सुरक्षा हटाने की खबर के बाद गहलोत का यह बयान सामने आया है
दरअसल, सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों के सिक्‍योरिटी कवर का रिव्‍यू समय-समय पर किया जाता है और जरूरत पड़ने पर उसे कम भी किया जाता है. हाल ही में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह से भी एसपीजी सुरक्षा का घेरा हटा लिया गया था.

राजस्थान ब्यूरो: 

गांधी परिवार से एसपीजी सुरक्षा हटाने की बात सामने आने के बाद कांग्रेस बीजेपी के विरोध में खुलकर सामने आ गई है.इस मामले में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि अब केंद्र सरकार निचले स्तर की राजनीति कर रही है. राजधानी जयपुर में मीडियाकर्मियों से बातचीत में उन्होंने यह बातें कही.

गहलोत ने यह भी कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश के लिए जान दे दी. वहीं, राजीव गांधी देश के लिए कुर्बान हो गए. जबकि सुरक्षा सिर्फ जिंदगी बचाने के लिए मिली है. उनका यह भी कहना है कि यदि केंद्र सरकार इस प्रकार की राजनीति कर रही है,  तो यह उनके दिवालियापन का निशान है.

जानिए पूरा मामला

दरअसल, केंद्र सरकार गांधी परिवार को मिली एसपीजी सुरक्षा हटाने जा रही है. इस मामले में सूत्रों का कहना है कि उन्हे एसपीजी की जगह जेड+ मिलने जा रही है. इस दौरान गांधी परिवार की सुरक्षा का जिम्मा पूरी तरह से सीआरपीएफ कमांडों के पास रहेगा. बताया जा रहा है कि गृह मंत्रालय की एक उच्चस्तरीय बैठक में यह फैसला लिया गया.

पूर्व पीएम मनमोहन की भी हटी थी सुरक्षा

इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सुरक्षा से भी SPG कवर हटाकर CRPF की Z+ कैटेगरी की सुरक्षा दी गई थी. सूत्रों के अनुसार, गांधी परिवार की सुरक्षा से समझौता नहीं किया जाएगा और उसे जेड प्लस रखा जा सकता है.अब सीआरपीएफ के ट्रेन्‍ड कमांडो उनकी सुरक्षा का जिम्‍मा संभालेंगे. हाल ही में सभी एजेंसियों से खतरे के इनपुट का आकलन करने के बाद ये निर्णय लिया गया था. सूत्रों के मुताबिक, हाल के दिनों में गांधी परिवार को कोई सीधा खतरा नहीं था.

दरअसल, सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों के सिक्‍योरिटी कवर का रिव्‍यू समय-समय पर किया जाता है और जरूरत पड़ने पर उसे कम भी किया जाता है. हाल ही में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह से भी एसपीजी सुरक्षा का घेरा हटा लिया गया था.

E-CONTENT DEVELOPMENT FOR MOOCS WORKSHOP AT PU

Chandigarh November 8, 2019

Prof. Jatinder Grover, CALEM Coordinator, Panjab University, and Dr. Vishal Sharma, SWAYAM Coordinator PU, introduced the theme and topics to the participants attending seven days workshop on designing and development of  the Massive Open Online Courses (MOOCs). The workshop is being organised by the Centre of Academic Leadership and Education Management (CALEM) and Swayam Cell, Panjab University, Chandigarh.

The day four of workshop was devoted to the e-content development at ETV Studio at NITTTR, Chandigarh. The Instructional design and creating effective learning experiences by Mr. Girish Gurjar from IIM, Banglore were discussed. The rest of the sessions were dedicated to the practical aspects of video production and editing of the e-content in the ETV studio. Prof. Maitreyee Dutta coordinated the practical sessions. The technical team consisting of Savita Bhanot (STA, ETV), Anurag Soni (Cameraman), Jagir Singh, Baljeet, Monika Arora, Harjot Pal Singh, G.B. Pandey handled the studio production and post production sessions. The participants were shown the e-content developed in the studio after post production or final editing was done. The discussion and feedback session between the participants and the technical team culminated in the practical session at NITTTR, Chandigarh. 

The day five was devoted to the understanding of learner-centric MOOC model by Dr. Vineeta Shah from IIT, Mumbai.  She explained in detail the concept and intricacies of Learning by doing (LeD) and Learning Extension Trajectories (LxT) with the help of group activities and multimedia presentations. LxT enables the learner to increase the depth of their knowledge which usually supported by the assimilation quiz. The Learning Experience Interactions (LxI) in which learners interact via discussion forums were also discussed in detail.

Prof. Rajat Sandhir discussed the issues of Plagiarism in the MOOCs in the last academic session. He emphasized that the proper referencing and citation of the original sources from where the educational content was shared or used for developing the MOOCs is imperative.