अनुराधा भसीन भारत को बदनाम करने की साजिश करती जान पड़तीं हैं
पत्रकारिता की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने की मांग करते हुए कश्मीर टाइम्स की एग्जीक्यूटिव एडिटर अनुराधा भसीन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. इस पर प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन न्यायमूर्ति चंद्रमौली प्रसाद ने भसीन द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में हस्तक्षेप करते हुए सरकार के कदमों का समर्थन किया था
नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद पाकिस्तान बौखलाया हुआ है. दुनियाभर में वह भारत की छवि को बदनाम करने की पूरी कोशिश कर रहा है. हालांकि दुनिया के किसी भी देश ने जम्मू कश्मीर को लेकर पाकिस्तान के झूठ को समर्थन देने से मना कर दिया है. इसके बावजूद कुछ भारतीय ही पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं. वे पाकिस्तान की तर्ज पर जम्मू कश्मीर को लेकर भारत की छवि खराब करने पर आमदा हैं. इस कड़ी में ताजा नाम कश्मीर टाइम्स की एग्जीक्यूटिव एडिटर अनुराधा भसीन का है.
पत्रकार अनुराधा भसीन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाई है कि जम्मू कश्मीर में पत्रकारों पर बंदिशें लगा दी गई है. उन्होंने देश की सबसे बड़ी अदालत से अपील की है कि जम्मू कश्मीर में पत्रकारों को अपनी मर्जी से काम करने की इजाजत दी जाए. कोर्ट में इस मामले की सुनवाई गुरुवार (5 सितंबर) को सुनवाई होगी. यहां आपको बता दें जम्मू कश्मीर में सारे अखबार प्रकाशित हो रहे हैं. सुरक्षा दृष्टिकोण से थोड़ी बहुत बंदिशें जरूर हैं. हालांकि देशी-विदेशी मीडिया लगातार जम्मू कश्मीर की मौजूदा हकीकत पर स्टोरी कर रही हैं.
जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद पाकिस्तान किसी भी सूरत में वहां हिंसा कराने की फिराक में है, लेकिन भारतीय सुरक्षा बलों की मुश्तैदी के सामने उसके मंसूबे पर पानी फिर गया है. ऐसे में पाकिस्तान किसी भी भारतीय की ओर से दिए गए बयान को लपक कर उसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत कर रहा है. उदाहरण के तौर पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पत्रकारों से कहा था कि जम्मू कश्मीर में लोगों की आवाज को दबाया जा रहा है.
पाकिस्तान मीडिया ने राहुल गांधी के इस बयान को प्रमुखता से प्रकाशित किया. इतना ही नहीं पाकिस्तान ने उनके बयान को सबूत के तौर पर संयुक्त राष्ट्र में प्रस्तुत किया था. हालांकि पाकिस्तान की इस हरकत के बाद राहुल गांधी और कांग्रेस को अपनी गलती का अहसास हुआ और उन्होंने इसपर सफाई भी दी है.
जम्मू कश्मीर के बड़े अखबार की पत्रकार होने के नाते अनुराधा भसीन की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई याचिका को भी पाकिस्तान अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर सकता है. जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक कह चुके हैं कि राज्य में आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद हिंसा की एक भी घटना नहीं हुई है.