यासिन मलिक को बुधवार को 24 मई तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेजा गया

नई दिल्लीः दिल्ली की एक अदालत ने जम्मू कश्मीर में अलगाववादियों और आतंकी समूहों के वित्त पोषण संबंधी एक मामले में गिरफ्तार किए गए जेकेएलएफ प्रमुख यासिन मलिक को बुधवार को 24 मई तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राकेश स्याल ने, सुरक्षा संबंधी चिंताओं के कारण वीडियो कॉन्फ्रेन्स के जरिए मलिक को पेश करने की मांग कर रही तिहाड़ जेल प्रशासन की एक याचिका पर भी बचाव पक्ष के वकील से जवाब मांगा. 

अदालत ने मलिक को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की हिरासत में भेज दिया. कश्मीर की एक अदालत से एनआईए को मलिक के ट्रांजिट रिमांड की मंजूरी मिलने के बाद उन्हें राष्ट्रीय राजधानी लाया गया था. जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय ने सीबीआई की एक याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा है. याचिका में सीबीआई ने तीन दशक पुराने उन मामलों को फिर से खोलने की अपील की है जिनमें मलिक आरोपी हैं.

जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख पर 1989 में तत्कालीन गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबैया सईद को अगवा करने तथा 1990 में भारतीय वायु सेना के चार कर्मियों को मार डालने के मामले में कथित संलिप्तता का आरोप है.

जेकेएलएफ पर गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) कानून के तहत प्रतिबंध लगा दिया गया है.

मसूद ने कहा कि पिछले 17 सालों में वह कभी बीमार भी नहीं पड़ा

मीडिया से हमेशा मुंह छुपा कर रहने वाले चीन के प्यारे मसूद अज़हर ने एक बार फिर सक्रियता दिखाई है और पुलवामा से बड़े हमले की साजिश की तैयारियां शुरू कर दिन हैं। मसूद अज़हर ने एक बार फिर पाकिस्तान के प्रति नर्म पड़ते भारत के रवैये की आग को हवा दे दी है।

नई दिल्ली: बालाकोट में भारतीय वायु सेना की तरफ से किए गए एयर स्ट्राईक के बाद एक बार फिर से जैश ए मोहम्मद चीफ मसूद अजहर सक्रिय हो गया है. खुफिया एजेंसियों की एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले दिनों अजहर मसूद ने जैश आतंकियों के साथ बैठक कर भारत पर पुलवामा जैसे एक और बड़े आतंकी हमले के लिए तैयार रहने को कहा है. वहीं मसूद अजहर ने मीटिंग के दौरान ये भी कहा कि वो पिछले 17 सालों में कभी न तो बीमार हुआ और न ही वो कभी अस्पताल में भर्ती हुआ है.

मसूद अजहर ने ये भी कहा है कि उसके स्वास्थ के बारे में गलत खबरें फैलाई जा रही हैं. बता दें कि बालाकोट में जैश के कैंप पर हुए एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एक विदेशी चैनल को दिये इंटरव्यू में कहा था कि अजहर मसूद को किडनी की गंभीर बीमारी है और उसका स्वास्थ्य काफी खराब है. कुरैशी ने कहा था कि भारत जिस तरह से मसूद अजहर पर भारत पर हमले के आरोप लगा रहा है वो झूठे हैं.

बहावलपुर में कई बड़े आतंकियों के साथ की बैठक
खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक मसूद अजहर ने पिछले दिनों बहावलपुर में जैश के कई बड़े आतंकियों के साथ बैठक की. फिदायीन हमलों के लिए जैश की तैयारियों का जायजा लिया. यही नहीं जैश के बहावलपुर कैंप में मीटिंग के दौरान मसूद ने भारत पर पुलवामा जैसे और बड़े आतंकी हमले के लिए तैयार रहने को कहा है.

पाकिस्तान कर रहा है कार्रवाई का दिखावा…
जाहिर है कि दुनिया भर से पाकिस्तान पर पड़ने वाले अतंराष्ट्रीय दवाब का कुछ खास असर पाकिस्तान पर होता नहीं दिख रहा है. केन्द्रीय सुरक्षा में तैनात एक अधिकारी के मुताबिक, “बालाकोट में जैश के कैंप पर हुए एयर स्ट्राइक के बाद से जैश-ए-मोहम्मद के नेटवर्क पर हम लगातार नज़र रखे हुए हैं. हम ये भी देख रहे हैं कि पाकिस्तान ने क्या वाकई में जैश के खिलाफ कोई कार्रवाई की है या कार्रवाई का दिखावा कर रहा है.”

भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा समिति में जैश ए मोहम्मद पर प्रतिबंध लगाने के फैसले का बेस्रबी से इंतजार कर रहा है, लेकिन जिस तरह से चीन मसूद अजहर के बचाव में सामने आया है उससे पाकिस्तान जैश पर कार्रवाई करने में आनाकानी कर रहा है. खुफिया एजेंसियों की इस रिपोर्ट से सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ गई है. जाहिर है जब तक मसूद अजहर और जैश पर कड़ी कारवाई नहीं की जाती, तब तक जैश के भारत पर हमले के खतरे कम नहीं होगें.

घाटी में जैश का कोई नामलेवा नहीं

बालाकोट और अभिनंदन की वापसी के बाद सेना के बढ़े हुए मनोबल की जीती जागती तस्वीर है घाटी में सेना द्वारा आतंकी समूहों का सफाया करने की मुहिम। सेना को मिली खुली छूट के कारण घाटी में आतंकियों की संख्या नगण्य हो गयी है। आतंकी अब इधर उधर मारे मारे फिर रहे हैं। इसमें काफी बड़ा योगदान अलगाववादियों की गिरफ्तारी और नज़रबंदी का भी है।

श्रीनगर: घाटी में आतंकवाद के बढ़ते कदमों पर सेना ने ब्रेक लगा दिए हैं. खासकर पिछले दो सालों में सेना ने जिस तरह से आतंकियों का चुन चुन कर सफाया किया है, उसी का असर है कि अब कोई भी आतंक की राह पर नहीं जाना चाहता. लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों ने बुधवार को कहा कि पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद सुरक्षा बलों ने घाटी में जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की, जिससे ऐसी स्थिति बन गई है कि कोई भी इस संगठन का नेतृत्व लेने के लिए इच्छुक नहीं है.

लेफ्टिनेंट जनरल ढिल्लों ने जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह एवं सीआरपीएफ महानिरीक्षक जुल्फिकार हसन ने कहा, “ इस साल अब तक 41 आतंकवादी मारे गए. इनमें से 25 जैश-ए-मोहम्मद के थे. 13 विदेशी आतंकवादी थे – पाकिस्तानी एवं श्रेणी ए और उससे ऊपर के.’

श्रीनगर की चिनार कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल ढिल्लन ने कहा, “हमने जैश-ए-मोहम्मद के नेतृत्व को निशाना बनाया और अब स्थिति ऐसी है कि कोई भी घाटी में जैश की कमान नहीं संभालना चाहता. पाकिस्तान के सर्वश्रेष्ठ प्रयासों के हम जैश का शमन जारी रखेंगे.” डीजीपी सिंह ने कहा कि घाटी में 14 फरवरी को हुए पुलवामा आतंकवादी हमले जैसे कुछेक मामलों को छोड़ 2018 में और उसके बाद से अब तक आतंकवाद को रोकने में कामयाबी मिली है.

जैश के 25 आतंकियों को ढेर किया
पुलिस ने बुधवार को कहा कि बड़ी संख्या में कश्मीरी युवा आतंकवाद से दूर हो गए, लेकिन सुरक्षा कारण से सटीक संख्या प्रकट करना ठीक नहीं होगा. “ऐसे कई युवा हैं, जिन्होंने या तो आत्मसमर्पण कर दिया है या उन्हें आतंकवाद में शामिल होने से रोक दिया गया है. पुलिस प्रमुख दिलबाग सिंह ने कहा, “हम उनकी सुरक्षा के लिए सटीक संख्या प्रकट नहीं कर सकते.” उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में 2018 में कानून व्यवस्था की स्थिति में सकारात्मक सुधार देखे हैं.

उन्होंने कहा, “स्थानीय युवाओं की आतंकवाद में भर्ती बहुत कम हो गई है और उम्मीद है कि आगे कम होगी,” उन्होंने कहा, 2018 से अब तक 272 आतंकवादी मारे गए और कई पकड़े गए. आतंकवादियों के लिए काम कर रहे बड़े पैमाने पर मॉड्यूल का भी भंडाफोड़ दिया गया है और जो गिरफ्तार हुए हैं वे न्यायिक हिरासत में हैं.”

पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने कहा, “पथराव की घटनाओं में भारी गिरावट आई है और कानून-व्यवस्था में सुधार हुआ है.” वही सुरक्षाबलों ने  लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी संगठन में भारी सेंध लगाई है. उन्होंने कहा कि राज्य में पंचायत चुनाव सफलतापूर्वक संपन्न हुए और जम्मू-कश्मीर में चल रहे संसदीय चुनावों में भी कोई भी चुनाव संबंधी हिंसा नहीं हुई है.

कॉन्फ़्रेन्स में जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल कंवल जीत सिंह ढिल्लों ने कहा कि “बड़ी संख्या में आतंकवादियों के सफाए के कारण कश्मीर में जैश का नेतृत्व करने के लिए कोई आगे नहीं आ रहा है.” ढिल्लन ने कहा कि पुलवामा हमले के बाद इस साल अभी तक 69 आतंकियों को मार गिराया जा चुका है 12 को ज़िंदा पकड़ा गया, जिनमें जैश के 25 आतंकियों ढेर हुए हैं. उसमें 13 पाकिस्तान से आए आतंकी शामिल हैं.

उन्होंने कहा कि लश्कर ने बडगाम मुठभेड़ के दौरान बंधक बनाकर रखने के बाद एक जवान लड़के की हत्या कर दी थी, कश्मीरियों को यह पूछना चाहिए कि क्या यह जिहाद है. जीओसी ने स्थानीय युवाओं से भी अपील की है कि वे मुठभेड़ के दौरान या उसके बाद मुठभेड़ स्थलों पर न आएं. श्रीनगर के पुलिस कंट्रोल रूम में सेना और जम्मू पुलिस और सीआरपीएफ ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी दी है.

भगौड़ा घोषित करना आर्थिक मृत्युदंड है: मलल्या

अब जब प्रत्यार्पण रोकने के सारे हथकंडे विफल हो चुके हैं और माल्या लंदन कोर्ट को हर तरह से समझाने में नाकामयाब रहे हैं तब उन्होने मुंबई उच्च न्यायालय में गुहार लगाई है की वह तो मात्र तंत्र के शिकार हैं। उन्हे तो एक तरह से प्रताड़ित किया जा रहा है। सभी इल्ज़ाम बेबुनियाद हैं। परंतु जब वह लंदन कोर्ट द्वारा भारतीय जेलों की दशा पुछवा रहे थे तब उन्हे इस बात का एहसास नहीं था। तब उन्होने ज़ोर देकर क्यूँ नहीं कहा की वह निर्दोष हैं और भारत में एक सम्मानित व्यापारी की भांति उन्हे सफाई रखने और सभी विसंगतियों को दूर करने का मौका मिले?

मुंबई: 

संकट का सामना कर रहे शराब कारोबारी विजय माल्या ने बुधवार को बंबई उच्च न्यायालय से कहा कि विशेष अदालत द्वारा उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करना और उसकी संपत्ति को कुर्क करने की अनुमति देना आर्थिक रूप से मृत्युदंड देने जैसा है. माल्या ने अपने वकील अमित देसाई के जरिए न्यायमूर्ति रंजीत मोरे और न्यायमूर्ति भारती डांगरे की पीठ के समक्ष यह बयान दिया. पिछले साल अगस्त में वजूद में आए भगोड़ा आर्थिक अपराधी कानून के कई प्रावधानों को चुनौती देने वाली माल्या की याचिका के दौरान वकील ने यह दलील दी.

माल्या ने अपने वकील के जरिए कहा, ‘‘ऐसे कर्ज पर मेरा ऋण और ब्याज बढ़ रहा है. मेरे पास इन कर्जों को चुकाने के लिए संपत्ति है लेकिन सरकार ने कर्ज चुकाने के लिए इन संपत्तियों के इस्तेमाल की अनुमति नहीं दी . मेरी संपत्ति पर मेरा नियंत्रण नहीं है.’’ माल्या के वकील ने कहा, ‘‘इस तरह मुझे आर्थिक मृत्युदंड दिया गया है.’’ 

जावेद हबीब भी अब “चौकीदार”

नई दिल्ली:

दादा वाइसराय और नेहरू के व्यक्तिगत नाई और पोते को भाजपा सुहाई

जाने माने हेयर स्टाइलिस्ट जावेद हबीब ने बीजेपी में शामिल होने के बाद कहा है कि उन्हें पीएम मोदी के 5 साल का कामकाज पसंद आया है. इसलिए वो बीजेपी में शामिल हुए हैं. जावेद हबीब ने कहा कि वह लोगों को बालों को स्वस्छ रखने के नुस्ख़े बताते हैं, और पीएम मोदी स्वस्छ भारत अभियान चलाते है, ये सारी बातें उन्हें बीजेपी की तरफ़ खींच लाईं.

मुस्लिम बीजेपी से दूरी रखते हैं? इस सवाल के जवाब पर जावेद हबीब कहते हैं कि ये सब बनी बनाई बातें है, आप किसी से दूर नहीं रह सकते. अपने समाज और समुदाय की बातों को रखना और उनके लिए आवाज़ उठाने के लिए आपको आगे आना ही पड़ेगा.

राजनीति में आने में बाद जावेद का मन सीधे तौर पर चुनाव लड़ने का नहीं बल्कि बीजेपी के साथ जुड़कर उनके लिए काम करने का है. जावेद का कहना है कि वह अपनी तरफ से कभी चुनाव लड़ने के लिए नहीं कहेंगे, हां अगर पार्टी उन्हें कहेगी तो इंकार भी नहीं करेंगे. हालांकि मौजूदा लोकसभा चुनाव के प्रचार में वो जरूर हिस्सा बनना चाहते हैं. जावेद का मानना है कि पार्टी को अगर उनके प्रचार में उतरने से फायदा होता है तो वो इसके लिए तैयार हैं.

जावेद अपने पेशे को लेकर कहते है कि उनके पास हर समुदाय हर पार्टी से जुड़ा आदमी आता है. वह इसका राजनीति में घालमेल नहीं करेंगे वरना धंधा चौपट हो जाएगा. जब से जावेद हबीब ने बीजेपी ज्वाइन की है, तब से लगातार सोशल मीडिया पर बीजेपी के बड़े नेताओं के मीम्स भी बन रहे हैं. जावेद हबीब कहते हैं कि मैं भी इसे देख रहा हूं. पीएम मोदी से लेकर अमित शाह तक सभी के बालों को स्टाइलिश बनाकर सोशल मीडिया पर तस्वीर वायरल की जा रही हैं, मैं इसे हंसी मज़ाक ज्यादा कुछ नहीं मानता.  

राष्ट्रपति भवन में हुआ जावेद का जन्म
अपनी राजनीतिक पारी को लेकर जावेद हबीब ने कहा कि मेरा  यह पॉलिटिकल कनेक्शन नया नहीं है. बल्कि मेरे दादा जी भारत के अंतिम वॉयसराय लॉर्ड माउंटबेटन और भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के व्यक्तिगत नाई थे और उनकी पैदाइश भी राष्ट्रपति भवन में हुई.

मयूरभंज में जेएमएम, बीजेडी के लिए भाजपा से बड़ी चुनौती

मयूरभंज: ओडिशा की मयूरभंज सीट पर चुनावी जंग अक्सर दिलचस्प रही है. इस सीट का चुनावी इतिहास भी अपने आप में अनूठा ही है. यह एक ऐसी सीट है जहां कांग्रेस, बीजेपी, बीजेडी और झारखंड मुक्ति मोर्चा को सफलता हाथ लगती रही है. शायद यही वजह रही है कि वह इस बार बीजेपी और बीजेडी दोनों ने अपना उम्मीदवार बदल दिया है. 

मयूरभंज सीट पर इस बार बीजेपी और बीजेडी दोनों ने ही अपना प्रत्याशी बदल दिया है. 2014 में इस सीट से बीजेडी के रामचंद्र हांसदा जीते थे, इस बार पार्टी ने यहां से डॉ देवाशीष मरांडी को टिकट दिया है. बीजेपी ने इस सीट से विशेषश्वर टुडु को मैदान में उतारा है. जबिक पिछली बाहर डॉ.नेपॉल रघु मुर्मू को टिकट दिया है. 

2104 में बीजेडी के रामचंद्र हांसदा को 3,93,779 वोट मिले थे जबकि दूसरे नंबर पर रहे बीजेपी के डॉ.नेपॉल रघु मुर्मू को 2,70,913 को वोट मिले थे. 

ओडिशा की यह एक ऐसी सीट पर जहां झारखंड मुक्ति मोर्चा खासा दबदबा रखती है. पिछले चुनाव में जेएमएम यहां से तीसरे स्थान पर रही थी. इस बार यहां से जेएमएम को अंजनी सोरेन को टिकट दिया है.

कैसा रहा है इस सीट का राजनीतिक इतिहास 
2014 और 2009 में यहां से बीजेडी को कामयाबी हाथ लगी थी. 2004 के लोकसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने यह सीट जीती थी. 1999 और 1998 में यहां बीजेपी ने बाजी मारी.  

यह दिलचस्प है मयूरभंज देश की ऐसी सीट रही है जहां आजादी के बाद कांग्रेस को कामयाबी नहीं मिल पाई. इस सीट पर पहला चुनाव 1951 में हुआ लेकिन कांग्रेस को यह सीट जीतने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा. 1980 के चुनाव में कांग्रेस का इंतजार खत्म हुआ और यह सीट पार्टी ने जीत ली. इसके बाद 1984, 1989, 1991, 1996 के चुनावों में यहां से कांग्रेस जीतती रही. लेकिन 1998 में यह सीट बीजेपी के खाते में गई तब से अब तक इस सीट पर कांग्रेस जीत नहीं सकी है. 

कुर्सी बचानी है तो कांग्रेस को जिताओ: अमरेन्द्र सिंह

चंडीगढ़: 

2014 में मोदी लहर के बावजूद आम आदमी पार्टी के डॉ। धरमवीर गांधी के हाथों सीट गंवा चुकी परनीत कौर के लिए इस तिकोणीय मुक़ाबले की राह आसान नहीं होगी जहां उनका सीधा मुक़ाबला डॉ॰ गांधी और सुरजीत सिंह रखड़ा के साथ है। यदि परनीत कौर अपनी सीट नहीं बचा पातीं तो क्या कैप्टन मुख्य मंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे? विचारणीय प्रश्न।

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि लोकसभा चुनाव में अगर मंत्री अपने अपने क्षेत्रों में पार्टी उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करने में विफल होते हैं तो उन्हें कैबिनेट से हटा दिया जाएगा. कैप्टन ने कहा कि इसके अलावा उन विधायकों को भी आगामी विधानसभा चुनावों में टिकट नहीं दिया जाएगा जो अपने विधानसभा क्षेत्र में पार्टी उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित नहीं कर पायेंगे. सत्तारूढ़ दल के पंजाब में सभी 13 संसदीय क्षेत्रों में जीत हासिल करने के दावे के बावजूद मुख्यमंत्री की यह चेतावनी आयी है. सिंह ने कहा कि सत्तारूढ़ दल के मंत्रियों और विधायकों पर पंजाब में उम्मीदवारों की जीत की जिम्मेदारी निर्धारित कर कांग्रेस ने अपने नेताओं के बेहतर प्रदर्शन पर जोर दिया है.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी आलाकमान ने यह निर्णय किया है. इसका लक्ष्य देश में चल रहे आम चुनाव में प्रदेश में ‘मिशन 13’ को हासिल करना है. कांग्रेस आलाकमान के निर्णय के अनुसार पंजाब के मौजूदा मंत्री अगर पार्टी उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करने में विफल रहते हैं, खास तौर से अपने निर्वाचन क्षेत्र में, तो उन्हें मंत्री पद से हटा दिया जाएगा.

कांग्रेस विधायकों के मामले में अगर उनके क्षेत्र में उनका प्रदर्शन ठीक नहीं होता है तो अगले विधानसभा चुनाव में टिकटों के बंटवारे के समय उनके नाम पर विचार नहीं किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि बोर्ड और कारपोरेशंस के अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए भी पार्टी ने अलग मापदंड तय किये हैं. उन्होंने कहा कि इसके लिए भी उनका प्रदर्शन देखा जाएगा न कि वरिष्ठता. मुख्यमंत्री ने कहा कि इसका मकसद पार्टी में प्रदर्शन आधारित संस्कृति को बढावा देना है.

Fortuner long with other vehicles recovered with the arrest of 3 and juvenile

Purnoor, Chandigarh 24.4.2019

In a major breakthrough the Crime Branch of Chandigarh Police under the supervision of Inspector Amanjot Singh is able to arrest the following two persons in four different cases who are involved in Fortuner lifting and other vehicle thefts from Chandigarh.

  1. Sunil Kumar @ Surender S/o Ram sewak R/o # 566, Mahdev Colony, Surajpur, Distt. Panchkula, HR age-30 years
  • Mohinder Kumar S/o Kishori Lal R/o # 2698, Sec-44, Chandigarh age 49 years present address- # 1077, Rajiv Colony Sec-17, PKL, HR.
  • Rajesh Kumar S/o Sh. Bhagwan Deen R/o # 1805, Vikas Nagar, Mouli Jagran Chandigarh aged 47 Years.
  •  (Juvenile)

With the arrest of Sunil Kumar, Mohinder, Rajesh Kumar and one juvenile four cases of solved out of which in one case fortuner involved in case FIR No. 379 dated 19.10.2016 u/s 379,411 IPC PS-34, Chandigarh was recovered, and three two wheelers were recovered in different cases i.e. FIR No. 44 dated 8.2.2019 u/s 379,411 IPC PS-34, Chandigarh of Activa theft, FIR No. 464 dated 1.11.2017 u/s 379,411 IPC PS-39 of M/Cycle theft and FIR No. 324 dated 4.10.2018 u/s 379,411 IPC PS-17, Chandigarh of M/Cycle Theft.

          Mohinder Singh was arrested as a receiver of stolen property who is scrap dealer in Mouli Jagran, Chandigarh and Rajesh Kumar was also arrested as a receiver of stolen property whereas he  works as Mechanic at Mouli Jagran, Chandigarh.

          Sunil Kumar was also Proclaim offender in two cases, he has been arrested in the following cases:

1)       Case FIR No. 379 dated 28.12.14 u/s 380,457,411,413 IPC, PS-17,    Chandigarh.

 2)     Case FIR No. 411 dated 02.10.14 u/s 379,411 IPC, PS-39,          Chandigarh.

Issued by

Chandigarh Police

IMA & ENT Forum celebrated Noise Pollution Day

Purnoor, Chandigarh 24th April, 2019

The IMA Chandigarh  chapter  and Tri-city  ENT forum celebrated  International  Noise Awareness  Day  on 24th April 2019  at the traffic Auditorium, Traffic and security Lines, Sector-29, Chandigarh   with the aim  to create public awareness  regarding  noise pollution and its hazardous impact on hearing and brain auditory  centre. Around 200 police officials of Traffic, Security and CRPF attended the function.  DR. Rajesh Dhir, President  IMA, Chandigarh Chapter  and Head ENT Department  at Govt. Multi-specialty Hospital Sector-16 gave an eye opening information about sound  & noise  as in general more than  85 db are harmful depending upon  how long & how after a person is exposed to the noise. He advised hearing protection by ear plugs/ear muffs for those who are exposed to the excessive noise. For those who are in habit of using ear phones more than 15 min/day are at a greater risk of hearing loss.

          . Dr Nitin Mathur, Jt. Secretary IMA Chandigarh dwelt upon the harmful effects of noise on hearing abilities of general public, leading to other health problems. Mr. T.S. Anand from Anand Hearing care explained to audience the basics of audiology and the management of problem arising due to excessive noise pollution.

          Sh Vineet Kumar, IPS, SP/Traffic was the chief guest in the function. DSP/Traffic Jaswinder Singh and Harjeet Kaur were also present in the function. Sh Vineet Kumar SP/Traffic honored the doctors and members with mementos.

प्रधानमंत्री की अक्षय वार्ता

प्रधानमंत्री आवास 7 लोक कल्याण मार्ग पर हुई इस बातचीत में अक्षय कुमार ने पीएम मोदी की जिंदगी से जुड़े कई पहलुओं पर चर्चा की.

  • अक्षय कुमार ने पूछा सर्दी-जुकाम का इलाज, PM मोदी ने बताया रामबाण नुस्खा
  • अक्षय कुमार ही नहीं बराक ओबामा भी पूछ चुके हैं पीएम मोदी से यह सवाल
  • अक्षय कुमार ने पीएम से पूछा उनका बैंक बैलेंस, मिला यह चौंकाने वाला जवाब…
  • PM मोदी की चाह थी संन्यासी बनूं या सोल्जर और कैसे भटकते-भटकते प्रधानमंत्री बन गए
  • पीएम मोदी ने बताया बॉलीवुड के कौन से नगमें आज भी उन्हें अच्छे लगते हैं
  • ट्विंकल खन्ना के ट्वीट्स पढ़ते हैं पीएम मोदी! अक्षय से बोले- ‘आपका झगड़ा नहीं होता होगा’

नई दिल्लीः अभिनेता अक्षय कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बुधवार को ‘‘निष्पक्ष और पूरी तरह से गैर राजनीतिक’’ बातचीत की. प्रधानमंत्री आवास 7 लोक कल्याण मार्ग पर हुई इस बातचीत में अक्षय कुमार ने पीएम मोदी की जिंदगी से जुड़े कई पहलुओं पर चर्चा की. पीएम मोदी ने इस बातचीत में अपने परिवार, खान-पान और हंसी-मजाक से जुड़े किस्से साझा किए.  

अक्षयः इंटरव्यू की शुरुआत में अक्षय ने अपने ड्राइवर की बेटी का सवाल पीएम मोदी से पूछा, क्या आप आम खाते हैं

पीएमः पीएम मोदी ने कहा कि मैं आम खाता हूं, जब छोटा था तब मैं खेत में जाकर आम खाने चला जाता था. मुझे आम के पेड़ पर पके हुए आम खाना ज्यादा पसंद था. जैसे जैसे समय आगे बढ़ा आम रस खाने की आदत लगी. लेकिन अभी कंट्रोल करना पड़ता है. 

अक्षयः कभी आपने सोचा था कि आप प्रधानमंत्री बनेंगे?

पीएमः कभी ऐसा विचार नहीं आया कि मैं कभी पीएम बनूंगा. अगर मेरी कहीं नौकरी लग जाती तो मेरी मां पूरे गांव में गुड़ बांट देती.

अक्षयः क्या आप संन्यासी बनना चाहते थे, आप सेना में भर्ती होना चाहते थे

पीएमः 1962 की लड़ाई के दौरान मेहसाणा स्टेशन पर जब जवान जाते थे तो मैं भी चला जाता था. मन को खुशी होती थी. गुजरात में सैनिक स्कूल के बारे में जानना और उसमें भर्ती होने की मेरी इच्छा थी. हमारे मोहल्ले में एक प्रिंसिपल रहते थे. मैं उनके पास चला गया. मैं कभी भी बड़े आदमी से मिलने से पहरेज नहीं करता था. मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं पीएम बनूंगा.

अक्षयःआपको कभी गुस्सा आता है, किस पर और कैसे निकालते हो?

पीएमः कभी कोई कहेगा कि मुझे गुस्सा नहीं आता है तो बहुत लोगों को हैरानी होगी. आप अच्छी चीजों पर जोर दें जिससे नकारात्मक चीजें अपने आप रुक जाएंगी. चपरासी से लेकर प्रिंसिपल सचिव तक पर मुझे गुस्सा व्यक्त करने का अवसर नहीं आया. मैं किसी को नीचा दिखाकर काम नहीं करता हूं. मैं हैल्पिंग हैंड की तरह काम करता हूं. मेरे अंदर गुस्सा होता होगा, लेकिन मैं उसे व्यक्त करने से रोक लेता हूं.

अक्षयः आपका मन करता है कि आप अपनी मां और परिवार के साथ रहें?

पीएमः मैंने बहुत छोटी आयु में घर छोड़ दिया था. कोई मोह माया नहीं रही, अब मेरी जिंदगी ऐसी ही बन गई है. मेरी मां मुझसे कहती है कि तुम मेरे पीछे क्यों समय खराब करते हो. जब वो दिल्ली आतीं हैं तो मैं भी उनको मां को समय नहीं दे पाता हूं. यहां मां रहीं थीं लेकिन मैं फील्ड में ही लगा रहता था. मैं रात को 12 बजे आता था, तो मां को दुख होता था. यहां मां का मन नहीं लगता, वो गांव के लोगों के साथ रहती है तो अच्छा लगाता है.

अक्षयः आपकी छवि बहुत कठोर प्रशासक की है?

पीएमः ये छवि सही नहीं है. काम का अनुशासन मैं अपने जीवन में खुद लेकर आया. मैं सख्त हूं, अनुशासित हूं लेकिन कभी किसी को नीचा दिखाने का काम नहीं करता. अक्सर कोशिश करता हूं कि किसी काम को कहा तो उसमें खुद इन्वॉल्व हो जाऊं. सीखता हूं और सिखाता भी हूं और टीम बनाता चला जाता हूं. मैंने पीएम वाली छवि नहीं बनाई. दोस्ताना व्यवहार रखता हूं. कई बार अफसर झिझकते हैं तो मैं चुटकले भी सुनाता हूं.

अक्षयः विपक्षी पार्टियों में आपके दोस्त हैं?

पीएमः गुलामनबी आजाद मेरे अच्छे दोस्त हैं. जब भी मिलते हैं बहुत अच्छे से मिलते हैं. ममता बनर्जी मेरे लिए खुद कुर्ते भेजतीं है. ममता दीदी साल में एक-दो कुर्ते मुझे भेज देतीं हैं. बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना मेरे लिए बंगाली मिठाई भेज देतीं हैं.

अक्षयः आपने अपने पैसे दे दिए, प्लॉट दे दियाक्या आप सच में गुजराती हैं

पीएमः पीएम मोदी ने चुटकला सुनाया, ट्रेन में स्टेशन आने पर ऊपर की सीट पर बैठे एक शख्स ने नीचे की सीट (खिड़की) पर बैठे शख्स से पूछा कौन सा स्टेशन आया है? तभी खिड़की पर बैठे शख्स ने बाहर खड़े आदमी से पूछा, भैय्या कौन सा स्टेशन है? बाहर खड़े शख्स ने जवाब दिया, 1 रुपया दो तब बताउंगा. इतने में खिड़की पर बैठे शख्स से ऊपर बैठे व्यक्ति ने कहा कोई बात, अहमदाबाद ही होगा. 

अक्षयः अगर आपको अलादीन का चिराग मिले और तीन चीजें मांगने को कहें तो क्या मांगेगे?

पीएमः मैं सबसे पहले नई पीढ़ी को कहूंगा कि ये अलादीन पर विश्वास करना बंद करें. इससे आलस का भाव आता है. ये हमारे यहां का चिंतन नहीं है, हमारे यहां का चिंतन परिश्रम का है. 

अक्षयः आपका रिटायरमेंट प्लान क्या है?

पीएमः जिम्मेवारी ही मेरी जिंदगी है, मुझे परवाह नहीं होती है कि मुझे अपने को एंगेज करने के लिए कुछ करना पड़ेगा. मैं शरीर का कण कण और जीवन का पल पल किसी ना किसी मिशन पर ही खपाऊंगा.

अक्षयः जब आप सीएम से पीएम बने थे तब सबसे वैल्यूबल चीज यहां (पीएम हाउस में) क्या लेकर आए थे

पीएमः पीएम बनते समय मुझे ये बैनिफिट मिला है कि मैं लंबे अरसे तक सीएम रहकर आया था. मैं गुजरात का लंबे समय तक सीएम रहा. ये तजुर्बा शायद मेरे पहले के पीएम को नहीं मिला था. देवगौड़ा साहब सीएम रहे थे लेकिन बहुत अल्पकाल के लिए. लेकिन मैं बहुत लंबे समय तक सीएम रहा. ये अनुभव मैं वहां (गुजरात से) से लेकर आया जो देश के काम आ रहा है.

अक्षयः आप केवल साढ़े तीन घंटे ही सोते हैं?

पीएमः इस बारे में मेरे मित्र अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा भी चिंतित रहते थे. ओबामा जब भी मिलते हैं तो पूछते हैं, मेरी बात मानी? नींद बढ़ाई? ओबामा कहते कि तुम ऐसा क्यों करते हो? आपको नींद पूरी लेनी चाहिए.  लेकिन मैं क्या करूं. मेरे जानने वाले सारे डॉक्टर कहते कि नींद बढ़ाओ. लेकिन ये मेरे जीवन का हिस्सा बन गया है. रिटायरमेंट के बाद मैं नींद बढ़ाने पर मैं ध्यान दूंगा.

अक्षयः अगर आपको कभी जुकाम लगता है तो आप क्या करते हैं?

पीएमः बहुत साल पहले मैं कैलाश यात्रा पर पैदल गया था. सब दर्द से परेशान थे, मुझे कुछ नहीं हुआ. मुझे आयुर्वेद पर विश्वास है. जुकाम होने पर सरसों का तेल गर्म करके नाक में डाल देता हूं. ठीक हो जाता है.

अक्षयः आपका फैशन आपने खुद ने किया है या आपको किसी ने सुझाया है?

पीएमः मेरे कपड़ों को लेकर दुनिया ने अलग छवि बनाई है. मैं सीएम बना तब तक कपड़े खुद धोता था. लंबी बांह वाले कुर्ते धोने में समय लगता है, यह बैग में जगह भी लेते. इसलिए मैंने आधी बाजू के कुर्ते पहनना शुरू कर दिया. मुझे शुरू से अच्छी तरह से कपड़े पहनने का शौक रहा. मैं बर्तन में गर्म कोयला भरकर के कपड़ों को प्रेस करके पहनता था. मेरे मामा मेरे लिए कैनवास के जूते लाए वो गंदे हो जाते थे फिर मैं उन्हें ब्लैक बोर्ड पर लिखने वाले चाक से चमकाता था. 

अक्षयः उल्टी घड़ी पहनने के पीछे का क्या कारण है?

पीएमः ये मैं इसलिए पहनता हूं ताकि समय देखूं तो किसी को पता ना चले, कहीं उसे बुरा ना लग जाए. मैं मीटिंग में होता हूं, समय देखते वक्त किसी को पता ना चले इसके लिए चोरी छिपे समय देख लेता हूं.

अक्षयः क्या आप अपने वेतन में से कुछ अपनी माता जी को भेजते हैं?

पीएमः मेरी मां आज भी मेरे हाथ पर कुछ ना कुछ रख देती है, मां मुझे आज भी एक सवा रुपया देतीं हैं. मेरी मां को कोई जरूरत नहीं है मुझसे कुछ लेने की. सीएम रहते हुए भी मेरे परिवार ने कोई बेनिफिट नहीं लिया.

अक्षयः आपने बचपन में कौन सा खेल खेला है?

पीएमः मुझे टीम गेम पसंद है, ये आपके व्यक्तित्व को अलग से डेवलप करता है. टीम वाले खेल जिंदगी जीना सिखाते हैं. हम सभी को ग्रुप वाले खेल खेलना चाहिए. मैंने गुल्ली डंडा भी खेला. ज्यादातर मैं तैरने के लिए चला जाता था. पहले तालाब में ही पानी आता था, मैं कपड़े धोने वहां जाता था. मेरा बॉडी डेवलप्मेंट स्वीमिंग से हुआ है. 

अक्षयः क्या मेरे पीएम यूएन में अपनी पहली स्पीच के समय नर्वस थे?

पीएमः यूएन में स्पीच से पहले मैं नर्वस बिल्कुल नहीं था. मेरी बातों के आधार पर भाषण लिखा गया था. 

अक्षयः क्या फिल्म देखते हैं? कौन सी फिल्म आखिरी देखी?

पीएमः जब सीएम था तब अमिताभ बच्चन के साथ ‘पा’ फिल्म देखी. सीएम था तभी अनुपम जी के साथ आतंकवाद पर बनी फिल्म  ‘A Wednesday’ देखी. मैंने पीएम बनने के बाद कोई फिल्म नहीं देखी. मैंने स्वच्छता अभियान पर बनी फिल्म ‘टॉयलेट एक प्रेम कथा’ देखने के लिए काफी लोगों को कहा. लेकिन मैं खुद ये फिल्म देख नहीं पाया. इस फिल्म की कई लोगों से तारीफ भी सुनी.

अक्षयः क्या आप सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते हैं? आप देखते हैं कि आजकल क्या चल रहा है

पीएमः मैं सोशल मिडिया जरूर देखता हूं इससे मुझे बाहर क्या चल रहा है इसकी जानकारी मिलती है। मैं आपका भी और टविंकल खन्ना जी का भी ट्विटर देखता हूं और जिस तरह वो मुझ पर गुस्सा निकालती हैं तो मैं समझता हूं की इससे आपके परिवार में बहुत शांति रहती होगी. 

अक्षयः आप में और मुझमें एक समानता है, आप चाय बेचते थे और मैं वेटर था, हम दोनों का कोई गॉडफादर नहीं था.

पीएमः जब मैं चाय बेचता था तो मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला. मैं जब चाय बेचता था तो मेरे गांव में ट्रेन तो बहुत कम आती थी लेकिन मालगाड़ी ज्यादा आती थी. मालगाड़ी में दूधवाले होते थे उनसे बातें करते करते मैं हिंदी सीख गया. शाम को वो भजन करते थे, उन्होंने मुझसे नॉर्थ इंडिया के कल्चर से मिलवा दिया.

बता दें कि एक दिन पहले अक्षय (51) ने ट्वीट कर बताया था कि वह कुछ ‘‘अनोखा करने जा रहे हैं, जो उन्होंने पहले कभी नहीं किया.’’ अभिनेता ने ट्वीट कर बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी बातचीत चुनाव के समय में ‘‘सुकून भरा माहौल’’ देगी. कुमार ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट पर लिखा था, ‘‘देश में जहां हर ओर चुनाव और राजनीति की बात हो रही है, यहां आप चैन की सांस ले सकेंगे. हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ निष्पक्ष और पूरी तरह गैर राजनीतिक बातचीत करने का अवसर पाकर मैं गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं.’’  ज़ी मीडिया से साभार