पार्टी को प्रत्याशी घोषित करने में इतना समय नहीं लगाना चाहिए: सुमित्रा महाजन

नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha elections 2019) में इंदौर से बीजेपी सांसद और लोकसभा की स्पीकर सुमित्रा महाजन ने चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया है. सुमित्रा महाजन ने चिट्ठी लिखकर चुनाव नहीं लड़ने के लिए कहा है. हालांकि अपनी चिट्ठी में सुमित्रा महाजन ने इस फैसले को लेने के लिए भी पार्टी को जिम्मेदार ठहराया है. सुमित्रा महाजन का कहना है कि पार्टी इंदौर लोकसभा सीट पर प्रत्याशी के ऐलान में इतनी देरी क्यों कर रही है? इंदौर में लोकसभा चुनाव के लिए 19 मई को मतदान होना है. 

बता दें कि 2 अप्रैल को मीडिया से बात करते हुए सुमित्रा महाजन ने कहा था कि उन्होंने अपने तीन दशक लम्बे संसदीय जीवन में आज तक अपनी पार्टी से मांग नहीं की है कि उन्हें चुनावी प्रत्याशी बनाया जाये. लगातार आठ दफा लोकसभा में इंदौर की नुमाइंदगी करने वाली वरिष्ठ बीजेपी नेता ने यह भी कहा कि अगर इस बार उनकी उम्मीदवारी के विकल्पों पर चर्चा की जा रही है, तो यह “स्वाभाविक प्रक्रिया” होने के साथ खुद उनके लिये “गौरव” की बात है क्योंकि इससे पता चलता है कि बीजेपी में योग्य नेताओं की कमी नहीं है.

“ताई” (मराठी में बड़ी बहन का सम्बोधन) के नाम से मशहूर नेता ने यह बात ऐसे वक्त कही है, जब इंदौर सीट से बीजेपी उम्मीदवार की घोषणा में देरी के चलते अटकलों के सियासी गलियारों में यह सवाल जोर पकड़ रहा है कि क्या लालकृष्ण आडवाणी (91) और मुरलीमनोहर जोशी (85) सरीखे वरिष्ठतम बीजेपी नेताओं की तरह महाजन को भी इस बार चुनावी समर से विश्राम दिया जायेगा? 

इसी महीने की 12 तारीख को उम्र के 76 साल पूरे करने जा रहीं महाजन ने यहां पत्रकारों से कहा, “सबसे पहली बात तो यह है कि जब मैंने वर्ष 1989 में इंदौर से अपना पहला लोकसभा चुनाव लड़ा था, तब भी मैंने पार्टी से टिकट नहीं मांगा था. पार्टी ने मुझे खुद टिकट दिया था. मैंने अपनी पार्टी से आज तक टिकट नहीं मांगा है.” 

इंदौर से बीजेपी उम्मीदवार की घोषणा में देरी के सबब को लेकर किये गये सवाल पर उन्होंने कहा, “इस प्रश्न का उत्तर तो बीजेपी संगठन ही दे सकता है. हो सकता है कि उनके (बीजेपी संगठन के नेताओं के) मन में कुछ बात हो. इस बारे में जब तक बीजेपी संगठन कुछ नहीं बोलेगा, मैं भी कुछ नहीं कह सकती.” 

उन्होंने कहा, “मैंने बीजेपी संगठन के किसी भी नेता से बात नहीं की है कि इंदौर से पार्टी के उम्मीदवार की घोषणा क्यों रोकी गयी है? हमारी पार्टी में इस तरह के सवाल नहीं किये जाते, क्योंकि उम्मीदवार तय करना हमारे संगठन का काम है. इंदौर से उम्मीदवार चयन के मामले में बीजेपी संगठन उचित समय पर उचित निर्णय करेगा.” 

इंदौर सीट के उम्मीदवार के तौर पर उनके विकल्प के रूप में बीजेपी के कुछ स्थानीय नेताओं के नाम सामने आये हैं. इस बारे में महाजन ने कहा, “यह (विकल्पों पर चर्चा) अच्छी बात है और स्वाभाविक प्रक्रिया भी है. (पार्टी में) बहुत सारे विकल्प होने चाहिये. इसी से पार्टी मजबूत मानी जाती है और यह भी पता चलता है कि पार्टी में इतने योग्य कार्यकर्ता हैं कि इनमें से किसी को भी टिकट दे दिया जाये, तो वह चुनाव जीत जायेगा.” 

उन्होंने कहा, “अगर इंदौर में मेरे विकल्पों की चर्चा की जा रही है, तो यह मेरे लिये गौरव की बात है क्योंकि मैं भी पार्टी की एक घटक हूं.” 

बहरहाल, अपना टिकट कटने की अटकलों से बेपरवाह महाजन ने स्थानीय बीजेपी कार्यकर्ताओं की मार्गदर्शक के तौर पर चुनावी मैदान पकड़ लिया है. वह लोकसभा चुनावों की तैयारियों के मद्देनजर बीजेपी के अभियान के तहत शहर भर में पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठकें ले रही हैं. 

वर्ष 1982 में इंदौर नगर निगम के चुनावों में पार्षद पद की उम्मीदवारी से अपने चुनावी करियर की कामयाब शुरूआत करने वाली बीजेपी नेता ने कहा, “चुनाव एक व्यक्ति नहीं, बल्कि पूरी पार्टी लड़ती है. व्यक्ति (उम्मीदवार) तो सहायक की भूमिका में रहता है. अभी हमारे मन में एक ही लक्ष्य है कि लोकसभा चुनाव जीतकर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक बार फिर बहुमत वाली सरकार बनानी है.” 

महाजन के अलावा, इंदौर लोकसभा सीट से बीजेपी के चुनावी टिकट के दावेदारों के रूप में शहर की महापौर तथा पार्टी की स्थानीय विधायक मालिनी लक्ष्मणसिंह गौड़, बीजेपी की अन्य विधायक ऊषा ठाकुर, बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, पूर्व विधायक भंवरसिंह शेखावत और इंदौर विकास प्राधिकरण के पूर्व चेयरमैन शंकर लालवानी के नाम चर्चा में हैं. 

लालू की जमानत याचिका पर सुनवाई 10 को

नई दिल्ली/पटना : 

लालू यादव के वकील कपिल सिब्बल ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दी है कि लालू यादव कि जमानत याचिका पर जल्द सुनवाई हो, अब सिब्बल कहे और बात ना मानी जाये ऐसा तो हो ही नहीं सकता, उनकी जमानत पर सुनवाई अब 10 अप्रैल को होगी। अटकलें हैं कि उन्हे चुनावों के चलते सेहत के आधार पर जमानत मिल ही जाएगी।

चारा घोटाला के विभिन्न मामलों में सजा काट करे राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में जल्द सुनवाई हो सकती है. लालू यादव के वकील कपिल सिब्बल ने जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई की मांग की है. खबर है कि सुप्रीम कोर्ट 10 अप्रैल को जमानत याचिका पर सुनवाई कर सकता है. इससे पहले कोर्ट ने 15 मार्च सीबीआई को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. ज्ञात हो कि लालू यादव ने स्वास्थ्य के आधार पर जमानत मांगी है.

इससे पहले झारखंड हाईकोर्ट ने लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. दरअसल, लालू प्रसाद यादव ने स्वास्थ्य के आधार पर जमानत मांगी है, जिसमें कहा गया है कि उनकी उम्र 71 की हो गई है. उन्हें डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और हृदय रोग सहित कई अन्य बीमारियां हैं. फिलहाल, उनका रिम्स में इलाज चल रहा है. वह प्रतिदिन करीब 13 प्रकार की दवाओं का सेवन कर रहे हैं.

चुनाव के लिए अहम है जमानत

लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है. ऐसे में लालू प्रसाद यादव का सुप्रीम कोर्ट का रुख करना बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि वह आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारी करनी है. इसको लेकर पार्टी नेताओं के साथ उन्हें कई बैठक करनी होगी और रणनीति तय करनी होगी.

हाईकोर्ट में दे थी ये दलीलें

झारखंड हाईकोर्ट में जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान लालू प्रसाद यादव ने कहा था कि इस मामले में तत्कालीन विभागीय मंत्री विद्यासागर निषाद, तत्कालीन विभागीय सचिव बेक जूलियस, नेता आरके राणा, जगदीश शर्मा और जगन्नाथ मिश्र बरी हो गए तो लालू प्रसाद ने किसके साथ मिलकर अवैध निकासी का षड्यंत्र रचा.

साथ वकील ने यह भी दलील दी थी कि कोर्ट ने लालू प्रसाद को षडयंत्र करने का दोषी पाया है, जबकि सीबीआई इसे साबित करने में विफल रही है.यदि यह मामला षड्यंत्र का रहता तो सभी को दोषी करार दिया जाना चाहिए. इससे साबित होता है कि उन्होंने कोई षड्यंत्र नहीं किया.

900 करोड़ रूपये से अधिक के चारा घोटाले से संबंधित तीन मामलों में प्रसाद को दोषी ठहराया गया है. ये मामले 1990 के दशक की शुरुआत में पशुपालन विभाग के कोषागार से पैसे की धोखाधड़ी करने से संबंधित थे. उस समय झारखंड बिहार का हिस्सा था.

अखिलेश अपनी नीतियों के कारण अजमगढ़ खो देंगे : ‘निरहुआ’

नई दिल्ली: 

भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के मशहूर अभिनेता दिनेशलाल यादव ‘निरहुआ’ के नाम से जाने जाते हैं. लोकसभा चुनाव 2019 में निरहुआ भी चुनावी मैदान में हैं और बीजेपी की तरफ से उन्हें यूपी के आजमगढ़ से उम्मीदवार बनाया गया है. इस सीट पर निरहुआ का मुकाबला यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश सिंह यादव से होने वाला है. अब तक अपनी फिल्मी करियर में निरहुआ ने खूब नाम कमाया है और अब वह राजनीतिक गलियारों में भी अपनी पहचान बनाने निकल पड़े हैं.

पूरा आजमगढ़ यही कह रहा है

एक निजी टीवी चैनल के साथ खास बातचीत में निरहुआ ने आजमगढ़ सीट पर चर्चा करते हुए बताया, ‘अखिलेश सिंह हमारे बड़े भाई हैं, साथ ही एक बड़े नेता भी हैं, लेकिन आजमगढ़ में वह सिर्फ अपने नीतियों के कारण हारेंगे. मेरे लिए तो पूरा आजमगढ़ ही मेरा है, चाहे वह हिंदू हो या मुस्लमान हो, चाहे वो कोई दलित हो या पिछड़ा हो कोई भी हो, सारे मेरे साथ हैं. पूरा आजमगढ़ कह रहा है कि भइया हमें सिर्फ आप ही चाहिए. सच के साथ जो हैं, उसके साथ सभी हैं. अगर मैं गलत राह पर होता तो मेरे साथ कोई नहीं होता.’

आजमगढ़ में चुनाव लड़ना को बताया नियती

आज तक जिसके लिए आप चुनाव प्रचार करते आए हैं और आज उन्हें के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. क्या आप उन्हें हराने की क्षमता रखते हैं? इस सवाल का जवाब देते हुए निरहुआ ने बताया, ‘ईश्वर को कब क्या करना है और नियती में कब क्या लिखा है वो हम लोग नहीं जानते. कहा जाता है कि एक पल में क्या से क्या हो जाएगा ये कोई नहीं जानता है और आज मैं अखिलेश सिंह के खिलाफ चुनाव में खड़ा हूं, यह उसी का उदाहरण है.’

पीएम मोदी ने जो कहा वो कर दिखाया

वहीं, पीएम मोदी के बारे में बातचीत करते हुए निरहुआ ने कहा, ‘पीएम नरेंद्र मोदी आज किसी से ये नहीं पूछने जाते हैं कि तुम अगले हो या पिछले हो, तुम मोदी हो या यादव हो. अरे भाई गरीब है तो इसको पेंशन दो, शौचालय दो… सबको दे रहे हैं, सबका साथ सबका विकास. पीएम ने जो कहा, वो करके दिखाया भी. कथनी और करनी में बाकी लोगों का तो बड़ा अंतर है. बाकी लोग तो कहते कुछ और हैं और करते कुछ और हैं.’

यूपी में सारी सीटें बीजेपी की

निरहुआ ने कहा, ‘वे लोग कहते हैं कि हम बाबासाहेब अंबेडकर जी को मानते हैं. बाबासाहेब अंबेडकर के नाम पर दलितों को इकट्ठा किए और बाबासाहेब अंबेडकर ने कहा कि शिक्षत बनो, संघर्ष करो और आगे बढ़ो. ये थोड़ी ही न कहा था कि शिक्षक बनो और दलितों का शोषण करो. ये (मायावती) तो शिक्षक बन गईं और शिक्षक बनने के बाद इन्होंने अपने दिमाग का इस्तेमाल करके सबको एक साथ जुटाकर उनके हक की चीजों को आज क्या कर रही हैं, देखिए आप.’ उन्होंने अंत में कहा, ‘यूपी में सारी सीटें बीजेपी ही जीतेगी. मैं उन लोगों के विचार से बिलकुल भी सहमत नहीं हूं, जो ये सोचते हैं कि नरेंद्र मोदी जी से बेहतर प्रधानमंत्री कोई और हो सकते हैं.

मोदी द्वारा पुराना बयान याद दिलाये जाने पर भड़के इमरान मसूद

चित भी मेरी पट भी मेरी, इमरान मसूद ने 2014 में जो ब्यान दिया था वह गलत था, तत्कालीन सरकार ने उस पर कोई कारवाई नहीं की थी क्योंकि ‘लड़कों में दोस्ती थी’। आज जब प्रधान मंत्री ने वही ब्यान याद दिलाया तो ‘प्रधान मंत्री की बौखलाहट है’। मसूद भाई आप कहें तो चौकीदार चोर और यदि आपके विरोधी आपको आप ही का वक्तव्य याद दिला दें तो वह बौखला गए हैं।

सहारनपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को सहारनपुर में आयोजित रैली में कांग्रेस प्रत्याशी इमरान मसूद पर परोक्ष रूप से निशाना साधा. प्रधानमंत्री ने सहारनपुर से कांग्रेस प्रत्याशी इमरान मसूद द्वारा वर्ष 2014 में अपने खिलाफ दिए गए ‘बोटी काट देंगे’ वाले बयान की याद दिलाई. उधर, मसूद ने भी पीएम के बयान पर प्रतिक्रिया दी है.  

बोटी- बोटी करने वाले शहजादे के बड़े चहेते
पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा, ‘यहां तो बोटी—बोटी करने वाले लोग शहजादे (कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी) के बड़े चहेते हैं. उन पर उन्हें ज्यादा ही प्यार आता है. याद रखिएगा वो बोटी-बोटी की धमकी देने वाले लोग हैं और हम बेटी-बेटी को सुरक्षा और सम्मान देने वाले लोग हैं.’ 

तीन तलाक का मुद्दा उठाया
मुस्लिम बहुल सहारनपुर में मोदी ने तीन तलाक का मुद्दा उठाते हुए कहा कि उनकी सरकार ने मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक के कुचक्र से मुक्ति दिलाकर उनका जीवन सुरक्षित करने का प्रयास किया, लेकिन कांग्रेस और उसके सहयोगी ऐसा नहीं चाहते.

उन्होंने कहा, ‘मैं मुस्लिम बेटियों से कहना चाहता हूं कि कांग्रेस, सपा, बसपा के राज में मुस्लिम महिलाओं का शोषण जारी रहेगा. ये तीन तलाक के खिलाफ कानून को भी अनुमति नहीं देंगे और हम जो अध्यादेश लाएं हैं उसे पारित नहीं होने देंगे.’ पीएम ने कहा, “सहारनपुर के बाजारों में आगजनी और व्यापारियों के साथ बदसलूकी यूपी भुला सकता है क्या? कैराना में पलायन की घटनाएं आप भूल सकते हैं क्या? अब कैराना में पलायन का भय खत्म हो चुका है.”

इमरान ने कहा, “पीएम को कम से कम इस तरह की भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए. ये बौखलाहट है. यहां सहारनपुर में क्योंकि हिंदू मतदाता बहुत भारी तादाद में मेरे साथ जुड़ने का काम कर रहा है, उसको प्रभावित करने के लिए इस प्रकार की भाषा का उपयोग किया जा रहा है.”

लोखीड मार्टिन की मीडिया द्वारा मेनेजड है F-16 की रिपोर्ट

अमेरिकी आयुध निर्माण कंपनी लोखीड मार्टिन की साख तब चूर चूर हो गयी जब एक रिटायर हो रहे MIG-21 ने अत्याधुनिक F-16 को मार गिराया। लोखीड मार्टिन के भावी व्यापार पर इसका क्या असर पड़ सकता है यह तो स्वाभाविक ही है। अब अपनी साख बचाने के लिए इस कंपनी ने एक समाचार पत्र समूह की मदद से यह खबर छ्प्व दी की पाकिस्तान के पास उतने ही F – 16 लदाऊ विमान हैं जीतने अमेरिका नें दिये थे। तो सच्चाई यह है की पाकिस्तान के पास एफ़ -16 का जखीरा उससे कहीं अधिक है जितना अमेरिका सोचता है, अमेरिका ने यही विमान जॉर्डन को भी बेचे थे, जॉर्डन ने आगे कुछ विमान पाकिस्तान को बेच दिये। अब बात यह है की यदि अमेरिकी विमान पूरे हैं तू जॉर्डन वाले विमान कहाँ गए और यदि अमेरिका ने गिनती की है तो उसे जॉर्डन वाले विमान क्यों दिखाये नहीं गए। खैर अमेरिका जो भी कहे सोचे, हमारे अभनंदन ने तो एक F-16 गिराया था और इसके साक्ष्य हैं। और सबसे महत्वपूर्ण बात इस दावे की अभी तक अमेरिकी सरकार ने आधिकारिक पुष्टि नहीं की है

नई दिल्‍ली: 

भारतीय वायुसेना ने एक वक्तव्य में कहा है कि 27 फ़रवरी को भारतीय वायुसेना के साथ हुई डॉग फाइट में पाकिस्तान के जिस विमान को मार गिराया गया था वो F-16 ही था. वायुसेना का दावा है कि इलेक्ट्रॉनिक सिग्नेचर से ये बात साफ हो जाती है. सूत्रों का कहना है कि F-16 को नियंत्रण रेखा से 8-10 किलोमीटर दूर सब्ज़कोट के इलाके में अभिनन्दन के mig 21 से फायर हुई आर72 मिसाइल से गिराया गया.

अभिनन्दन के विमान को इस जगह से 10 किलोमीटर दूर तंदर में गिराया गया. भारतीय सीमा के अंदर उड़ रहे अवाक्स के स्क्रीन शॉट से पता चलता है कि अभिनन्दन के सामने उड़ रहे पाकिस्तानी फाइटर केवल F-16 थे. इनमें से एक फाइटर कुछ सेकंड बाद स्क्रीन से गायब हो गया. बाद में पाकिस्तान के रेडियो ट्रांसमिशन के इंटरसेप्ट से भी यही पता चला कि उनका एक F-16 वापस नहीं लौटा है. सूत्रों का दावा है कि वायुसेना के पास ऐसे पर्याप्त सबूत हैं, जो बताते हैं कि पाकिस्तान एफ-16 के बारे में सबको गुमराह कर रहा है. अवॉक्स के electronic support measures ने हमलावर जेट्स में एफ 16 की पुष्टि की थी.

अमेरिकी पत्र‍िका ने किया दावा
दरअसल, ‘फॉरेन पॉलिसी’ नाम की एक पत्रिका ने गुरुवार को यह खबर प्रकाशित की कि पाकिस्तान के पास मौजूद एफ-16 विमानों की अमेरिका द्वारा की गई गिनती से यह पता चला है कि उनमें एक भी विमान कम नहीं है. पत्रिका की यह खबर भारत के इस दावे के उलट है कि उसके एक लड़ाकू विमान ने 27 फरवरी को हुई हवाई झड़प के दौरान पाकिस्तान के एक एफ-16 विमान को मार गिराया.

गौरतलब है कि पुलवामा में 14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी प्रशिक्षण शिविरों पर बम गिराए थे. भारत की इस कार्रवाई के बाद दोनों देशों के लड़ाकू विमानों के बीच एक झड़प हुई थी जिसमें एक एफ-16 विमान को मार गिराया गया था.

UPSC रिज़ल्ट घोषित

नई दिल्ली: सिविल सर्विस (UPSC Civil Services Result 2019) का रिजल्ट घोषित हो चुका है. कनिष्क कटारिया ने UPSC Exam 2019 में टॉप किया है. सृष्टि जयंत देशमुख ने महिलाओं में टॉप किया है. उनकी ऑल इंडिया रैंकिंग (AIR) 5 है. नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ की नम्रता जैन 12वें स्थान पर आई हैं. फाइनल रिजल्ट UPSC की आधिकारिक वेबसाइट upsc.gov.in पर चेक किया जा सकता है. 

टॉप 25 में 15 पुरुष और 10 महिला छात्र हैं. कुल 759 परीक्षार्थियों का IAS और IPS के लिए सलेक्शन हुआ है. इनमें 577 पुरुष और 182 महिलाएं हैं. 759 पास करने वाले परीक्षार्थियों में से जनरल कैटेगरी के 361, ओबीसी कैटेगरी के 209, एससी कैटेगरी के 128 और एसटी कैटेगरी के 61 परीक्षार्थी हैं.

पहले नंबर पर कनिष्क कटारिया, दूसरे नंबर पर अक्षत जैन, तीसरे नंबर  पर जुनैद अहमद, चौथे नंबर पर श्रेयांस कुमत और पांचवें नंबर  पर सृष्टि जयंत देशमुख हैं. छठे नंबर पर शुभम गुप्ता, सातवें नंबर पर करनाती वरुण रेड्डी, आठवें नंबर पर वैशाली सिंह, नौवें नंबर पर गुंजन द्विवेदी और 10वें नंबर पर तन्मय वषिष्ठ शर्मा हैं.

कनिष्क कटारिया IIT बॉम्बे के छात्र रहे हैं. उनका ऑप्शनल सब्जेक्ट गणित था. वह IIT बॉम्बे के प्लेसमेंट सेल के सदस्य भी हैं और डाटा साइंटिस्ट के तौर पर जॉब भी कर रहे हैं. महिला टॉपर सृष्टि जयंत देशमुख ने राजीव गांधी प्रौद्योगिरी विश्वविद्यालय, भोपाल से केमिकल इंजीनियरिंग में ग्रैजुएट हैं.

कनिष्क कटारिया IAS सांवरमल वर्मा के बेटे हैं. वह अपने परिवार के तीसरे IAS अधिकारी हैं. उनके परिवार में पिता के अलावा चाचा भी IAS अधिकारी हैं. दूसरे नंबर पर रहने वाले अक्षत जैन IPS अधिकारी DC जैन के बेटे हैं.

पुलिस फ़ाइल पंचकुला

पुरनूर, पंचकूला, 05 अप्रैल :-

1. पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बतलाया कि पुलिस थाना सैक्टर-20, पंचकुला की टीम द्वारा अभियोगांक संख्या 147/17 धारा 420, 120-B थाना सैक्टर-20, पंचकुला के तहत वांछित आरोपी जगजीत सिंह पुत्र तुलसी राम वासी गांव आमतोली, थाना ज्वालाजी, जिला कांगडा, हि0प्र0 को गांव आमतोली से विधी-पूर्वक गिरफ्तार किया गया । 

2. पुलिस चौकी सैक्टर-2 की टीम द्वारा थाना के अभियोगांक संख्या 70/16 धारा 323,406,498-A,506 IPC थाना सैक्टर-5 मे वांछित आरोपी दीपक पुत्र राजकुमार वासी SH-7, रिद्धी-सिद्धी एन्कलेव, गंगानगर को गंगानगर से विधी-पूर्वक द्वारा गिरफ्तार किया गया ।

पंचकुला पोलिस ने फ्लैग मार्च किया

पुरनूर, पंचकुला, 5 ऐप्रल,2019

पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बतलाया कि चुनाव को मद्देनजर रखते हुए दिनांक 05-04-2019 को पंचकुला पुलिस द्वारा फ्लैग-मार्च निकाला  गया । यह मार्च पुलिस रामगढ़ से शुरू होकर जसवंतगढ़, आसरेवाली, डुंगा, मट्टेवाली, बरवाला, भगवानपुर, रायपुररानी शहर, रायपुररानी मार्किट, पुराना बाजार, गढी कोटाहा, सुल्तानपुर, रैणा तथा शाहपुर होते हुए त्रिलोकपुर चौक तक गया । यह मार्च सुबह 10:00 बजे रामगढ़ से शुरू होकर शाम 5 बजे त्रिलोकपुर चौक मे समाप्त हुआ । इस मार्च मे पंचकूला पुलिस, 2 IRB की कम्पनी, SWAT फोर्स तथा एक BSF की प्लाटून शामिल हुई ।

Faculty Training Programme

Purnoor, Chandigarh April 5, 2019

            The University Institute of Pharmaceutical Sciences (UIPS), Panjab University is organizing a one week faculty training school on “Innovation and Entrepreneurship” from April 8 to 13, 2019 under the initiative of UGC Networking Resource Centre. The course will be attended by 20 selected faculty participants representing 10 states across the country.

            Models for transforming innovative ideas to entrepreneurial start-ups will be discussed during the course. Experts will dwell upon critical areas including ideation, proof of concept, validation, regulatory compliances and approvals. The course will also deliberate on the ways to secure the required financial backing. Critical thinking, problem solving, negotiation, collaboration, flexibility, teamwork, communication, and leadership – the key skills to being a successful entrepreneur, will be especially covered during the course.

            The program will be inaugurated by Professor Hirendra N Ghosh, Director, Institute of Nano Science and Technology, Mohali on the occasion and Professor Karamjeet Singh, Registrar, Panjab University, will preside over the function‎.

            Chairperson of the Institute, Professor Kanwaljit Chopra is the Programme Coordinator of UGC-NRC Programme. Professor Indu Pal Kaur (UIPS) will be the Coordinator of the Course, while Dr Vandita Kakkar (UIPS) will be the Joint Coordinator.

            Sessions will open with a lecture by Dr Rohit Sharma, Chief Coordinator & Project Leader, Cluster Innovation Centre in Biotechnology & BioNEST, Panjab University, Chandigarh, followed by interaction with various start-ups working at BioNEST. The post-lunch session will cover plenary lecture by Dr Manmohan Singh Gill, Technical Specialist, PDS, Contract Pharmaceuticals Limited Canada, and an alumnus of the Institute; and a popular lecture by Dr Jatinder V Yakhmi, Ex-Associate Director, Physics Group, and Head, Technical Physics Division, Bhabha Atomic Research Centre, Mumbai on the topic “When Talents in Fine Arts Helped Creativity and Innovations in Science.”

            Highlight of this course is a One-Day Symposium on April 9, 2019 with the same theme. Candidates selected for participation in the UGC-NRC program will get free registration for the Symposium. The day will cover plenary talks and panel discussion by eminent speakers.

2 days seminar remembering Jallianwala Bagh Massacre of 1919

Purnoor, Chandigarh April 5, 2019

            Department of History, Panjab University, Chandigarh  organized a two days seminar remembering Jallianwala Bagh Massacre of 1919 which kick started here today.

             The inaugural session of the seminar had an auspicious beginning with the lighting of the Deepshikha to the entrancing recitation of the Saraswati Vandana. The dignitaries were welcomed to the dais in a environment friendly manner with blooming potted plants and mementoes of the event. 

            Dr. Raghuram Rao Akkinepally, Director- NIPER, began his address by admitting that his participation in the seminar was an adventure as he considered himself the odd man out in terms of being a man of science in a room full of historians and history students. He recalled that several visits to Jallianwala Bagh have not lessened the impact that the place of such carnage evokes still in the hearts and minds of all visitors. Prof Rao compared the Jallianwala Bagh incident to the Tianammen Square massacre in China, in terms of the violence, repression and ruthlessness.

            Prof K L Tuteja, Eminent Historian and former Professor of Modern Indian History at Kurukshetra University, in his lecture brought to the fore many hitherto unknown and interesting aspects of the event. He reflected that the remembering of the Jallianwala Bagh incident was different before 1947 and is different today. The Indian nationalists dwelled on the brute use of the imperial force and the inherent imperialistic and animalistic aspect of the vent before 1947. Nationalists were keen to involve the maximum number of people in the freedom struggle and for them, Jallianwala Bagh incident was the best example of colonial brutality wherein Dyer became an icon of brutal force. Today, we remember the incident as a sacrifice, as an example of how Indians sacrificed their all for the cause of freedom. We are remembering the same incident, but in different contexts. When anything is remembered by students of history, there has to be an interpretation and understanding and putting into context. In history, tradition is important, but it has to be understood.

            Prof Devender Singh Thakur, Secretary to the Vice Chancellor, Panjab University, in his address deliberated on the legal-constitutional aspects which continue to plague Indian and indeed all societies. He lamented the fact that people today have become right centric, and have forgotten that they have responsibilities also. Everyone is interested in exercising their Rights, but no one discharges their Duties. He emphasised on the importance of organising such commemorative events that educate, awaken interest and encourage the students and also creates new perspectives and narratives.

            Dr Anju Suri, Chairperson, Department of History, Panjab University expounded on the theme and importance of the need for remembering Jallianwala Bagh in her introduction to the seminar. After a brief retrospective of the theme, she dwelled upon the relevance and need of the seminar recalling and remunerating on the vents of 1919, especially Jallianwala Bagh. She placed the event in a historical as well as academic and contemporary perspective.

            The Technical Session which followed the inauguration, was chaired by Prof. Viney Kapoor, Honourable Vice Chancellor, National Law University, Sonepat, Haryana. Prof. Karamjit Singh, Registrar, Panjab University, Chandigarh was the guest of honour.

            The session included 4 Resource persons namely Prof. S.S Sohal, Prof. M.Y Ganai, Prof. Arun Mehra and Prof. Sukhmani Bal Riar who presented their papers and discussed the issues concerning Mutiny Fixated Mind Set and Paternalstic Authoritarianism of the British Government responsible for the Massacre. They also touched upon historiographical accounts, Parliamentary Debates and Disorders Enquiry Committee Reports to unfold the brutality of the Jallianwala Bagh incident.             The second technical session, Prof. Ronki Ram, Dean, Faculty of Arts, chaired the session with 6 Resource persons on the panel namely Dr. Baljeet Singh, GHG College, Gursar Sadhar, Ludhiana, Dr. Parveen, Department of Punjabi, USOL, Dr. Sarabjit Singh, Department of Punjabi, Prof. Sukhdev Singh Sirsa, Department of Punjabi, Dr. Gurmeet Singh, Department of Hindi and Dr. Jasbir Singh, Department of History, PU. Prof. Navdeep Goyal, Chairperson, Department of Physics was the guest of honour in the session.