विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। शनिवार को देशी घी, गुड़, सरसों का तेल का दान देकर यात्रा करें।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/12/Hindu-Panchang-1.jpg388997Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-02-02 02:45:352019-02-02 02:45:37आज का पांचांग
हिंदी सिनेमा की अभिनेत्री से नेता बनीं जयाप्रदा ने कहा है कि वह अमर सिंह को अपना ‘गॉडफादर’ मानती हैं लेकिन अगर वह उन्हें राखी भी बांध दें, तब भी लोग उनके बारे में बातें बनाना बंद नही करेंगे.
साथ ही, जयाप्रदा ने समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामपुर से विधायक आजम खान पर गंभीर आरोप लगाए और दावा किया कि खान ने उन पर तेजाब हमला कराने की कोशिश की थी.
उत्तर प्रदेश के रामपुर से लोकसभा की पूर्व सदस्य ने एसपी से निकाले जाने के बाद अमर सिंह के साथ राष्ट्रीय लोक मंच बनाया था.
जयाप्रदा ने अमर सिंह के साथ अपने संबंधों के बारे में नकारात्मक बातें किए जाने पर कहा, ‘मेरे जीवन में कई लोगों ने मेरी मदद की है और अमर सिंह जी मेरे गॉडफादर हैं.’ जया प्रदा ने मुंबई के क्वींसलाइन लिटरेचर फेस्टिवल में बातचीत के दौरान ये बातें कहीं.
जयाप्रदा ने दावा किया, ‘जिस परिस्थिति में मैं एक महिला के तौर पर आजम खान के साथ चुनाव लड़ रही थी, उस समय मुझ पर तेजाब हमला और मेरी जान को खतरा था…जब कभी मैं घर से बाहर जाती मैं अपनी मां को यह भी नहीं बता सकती थी कि मैं जिंदा लौटूंगी या नहीं.’
उन्होंने कहा कि उनका समर्थन करने को कोई नेता सामने नहीं आया. उन्होंने कहा, ‘मुलायम सिंह जी ने मुझे एक बार भी फोन नहीं किया.’ उन्होंने कहा कि जब उनकी तस्वीरों में बुरी भावना के साथ बदलाव कर उसे सोशल मीडिया पर वायरल किया गया, तब उन्होंने आत्महत्या करने तक की सोची थी.
जयाप्रदा ने कहा, ‘अमर सिंह डायलिसिस पर थे और मेरी तस्वीरों में नकारात्मक बदलाव कर उसे फैलाया जा रहा था. मैं रो रही थी और कह रही थी कि अब मुझे और नहीं जीना है, मैं आत्महत्या करना चाहती हूं. मैं सदमे में थी और किसी ने मेरा समर्थन नहीं किया.’
उन्होंने बताया, ‘डायलिसिस से आने पर सिर्फ अमर सिंह जी मेरे साथ खड़े हुए, मेरा समर्थन किया. आप उनके बारे में क्या सोचते हैं? गॉडफादर या फिर कोई और? यदि मैं उन्हें राखी भी बांध दूं तब क्या लोग बातें करना बंद कर देंगे? लोग क्या कहते हैं मुझे परवाह नहीं.’
उन्होंने कहा कि पुरूष प्रधान इस व्यवस्था में किसी महिला के लिए नेता बनना असली चुनौती है. जयाप्रदा ने कहा, ‘एक पार्टी से सांसद रहने के दौरान भी मुझे नहीं बख्शा गया. आजम खान ने मुझे प्रताड़ित किया. उन्होंने मुझ पर तेजाब से हमला कराने की कोशिश की. मुझे नहीं पता था कि मैं अगले दिन जिंदा भी रहूंगी या नहीं.’
उन्होंने कहा, ‘मणिकर्णिका फिल्म में वे जो कुछ भी दिखा रहे हैं, मैं उस जैसा महसूस कर रही हूं. एक महिला दुर्गा का अवतार भी ले सकती है.’
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/02/Jaya-Prada.jpg415700Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-02-01 18:50:062019-02-01 18:50:09मैं अमर सिंह को राखी भी बांध दूं तब भी लोग बातें बनाना बंद नही करेंगे :जयाप्रदा
नई दिल्ली: मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में रॉबर्ट वाड्रा ने दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की है. प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस याचिका पर शनिवार को सुनवाई होगी. गौरतलब है कि रॉबर्ट वाड्रा कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा के पति हैं. दरअसल, मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला वाड्रा के करीबी सुनील अरोड़ा से जुड़ा हुआ है. वाड्रा ने इसी मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए अग्रिम जमानत याचिका लगाई है.
लंदन की प्रॉपर्टी से जुड़ा है यह कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामला गौरतलब है कि राबर्ट वाड्रा के करीबी कहे जाने वाले सुनील अरोड़ा के खिलाफ ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है. इस मामले में सुनील अरोड़ा को कोर्ट ने 6 फरवरी तक के लिए गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी है. दरअसल, यह मामला लंदन के 12, ब्रायनस्टन स्कवायर स्थित 19 लाख पाउंड (करीब 17 करोड़ रुपये) की एक प्रॉपर्टी की खरीदारी में हुए कथित मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है. ईडी ने दावा किया है कि इस संपत्ति के असली मालिक राबर्ट वाड्रा हैं.
भगोड़े डिफेंस डीलर संजय भंडारी पर भी दर्ज है मुकदमा ईडी ने कोर्ट में बताया कि लंदन स्थित इस प्रॉपर्टी को भगोड़े डिफेंस डीलर संजय भंडारी ने खरीदा था. भंडारी ने यह प्रॉपर्टी 16 करोड़ 80 लाख रुपये में खरीदा था. ईडी के अनुसार, भंडारी ने 2010 में इसी कीमत पर इसकी बिक्री वाड्रा के नियंत्रण वाली फर्म को कर दी थी. ईडी ने बताया कि इस प्रॉपर्टी में मरम्मत के लिए इस पर 65,900 पाउंड का अतिरिक्त खर्चा हुआ था. बावजूद इसके भंडारी ने इस प्रॉपर्टी की बिक्री कर दी थी. गौरतलब है कि भंडारी के खिलाफ ऑफिशल सीक्रेट ऐक्ट के तहत 2016 में मुकदमा दर्ज किया था.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/12/l_robert-vadra-574d873c42a1d_l_835x547.jpg467700Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-02-01 18:37:262019-02-01 18:37:28मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में रॉबर्ट वाड्रा ने अग्रिम जमानत याचिका दायर की है
पिछले कुछ हफ्तों से सीबीआई काफी हरकत में है जिससे विपक्ष बौखलाया हुआ है। सभी अपनी अपनी गोटियाँ बैठाने में लगे हैं। जहा सीबीआई का काम हाइ प्रोफ़ाइल मामलों की जांच कर उन्हे अंजाम तक पहुंचाना है वहीं जिनके खिलाफ जांच चल रही है वह सीबीआई निदेशक के पद पर अपना आदमी बैठाने की फिराक में हैं। सीजेआई रंजन गोगोई और खडगे प्रधान मंत्री मोदी के साथ विचार विमर्श कर अभी तक इस नतीजे तक नहीं पहुँच पाये हैं की अगला सीबीआई निदेशक कौन होगा?
शुक्रवार को सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन(सीबीआई) के नए निदेशक के नाम पर एक बार फिर से कोई फैसला नहीं हो सका. शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चयन समिति की बैठक तो हुई पर किसी एक नाम पर कोई सहमति नहीं बन पाई. शुक्रवार को लंबी बैठक के बाद किसी एक नाम पर न तो आम सहमति बन पाई और न ही 2-1 से फैसला ही हो पाया. पीएम मोदी, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगई और लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे सीबीआई के अगले निदेशक का फैसला करेंगे.
ऐसा कहा जा रहा है कि शुक्रवार को सेलेक्शन कमिटी ने पांच नाम तय किए थे. 1985 बैच के मध्यप्रदेश कैडर आईपीएस अधिकारी और मध्यप्रदेश के डीजीपी आर के शुक्ला, डीजी सीआरपीएफ राजीव राय भटनागर, यूपी के पूर्व डीजीपी और एनसीएफएस के डीजी जाविद अहमद, बीपीआर के डीजी एपी मेहश्वरी और सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर अरविंद कुमार के नाम पर चर्चा हुई, लेकिन किसी एक नाम पर सहमति नहीं बन पाई है. गौरतलब है कि सीबीआई के अगले डायरेक्टर के नाम पर बीते 24 जनवरी को भी बैठक हुई थी जो बेनतीजा रहा थी. बीते 10 जनवरी को आलोक वर्मा को सीबीआई डायरेक्टर के पद से हटाए जाने के बाद से ही यह पद खाली चल रहा है. वहीं पिछली बैठक टलने के बाद यह तय हो गया था कि देश की पहली महिला सीबीआई डायरेक्टर बनने की तमन्ना पाले बैठी रीना मित्रा अब इस रेस से बाहर हो जाएंगी. रीना मित्रा 31 जनवरी को रियाटर हो गईं. इसके बावजूद इस रेस में अब और कई हाई प्रोफाइल अधिकारियों का नाम जुड़ गया है.
10 जनवरी से पद खाली
1985 बैच के राजस्थान कैडर के आईपीएस अधिकारी और राजस्थान के पूर्व डीजीपी ओपी गल्होत्रा का नाम भी रेस में शामिल हो गया है. गल्होत्रा सीबीआई में 10 साल तक काम कर चुके हैं. हरियाणा कैडर के 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी और आईटीबीपी के डीजी एसएस देशवाल भी सीबीआई डायरेक्टर के रेस में शामिल हो गए हैं. इसके अलावा यूपी कैडर के 1985 बैच के आईपीएस अधिकारी और वर्तमान में आरपीएफ के डीजी अरुण कुमार का भी नाम सीबीआई के अगले डायरेक्टर के रेस में लिया जाने लगा है. दरअसल, पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने ही बीते 10 जनवरी को आलोक वर्मा को सीबीआई डायरेक्टर के पद से हटा दिया था, तब से यह पद खाली चल रहा है. सीबीआई के पूर्व निदेशक आलोक वर्मा और सीबीआई के ही पूर्व स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना की लड़ाई के बाद सीबीआई चर्चा में आई थी. सीबीआई के नंबर वन और टू अधिकारी ने एक दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. जिसके बाद आलोक वर्मा को सीबीआई डायरेक्टर के पद से हटाकर दमकल सेवा महानिदेशक, नागरिक रक्षा और होम गार्ड्स का महानिदेशक बनाया गया था, जिसके बाद उन्होंने खुद इस्तीफा दे दिया था.
जानकारों का मानना है कि सरकार इस बार कोई मौका मोल नहीं लेना चाहती है. इसीलिए उन्होंने 12-18 अधिकारियों को शॉर्टलिस्ट किया गया है. जिन अधिकारियों को शॉर्टलिस्ट किया गया है, उनमें 1983 बैच से 1985 बैच के कुछ वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी शामिल हैं. गुजरात के डीजीपी शिवानंद झा, बीएसएफ के महानिदेशक रजनीकांत मिश्रा, सीआईएसएफ के महानिदेशक राजेश रंजन, एनआईए के डीजी वाईसी मोदी और मुंबई पुलिस आयुक्त सुबोध जायसवाल के नाम सीबीआई के फ्रंट रनर में पहले से ही शामिल चल रहा है. सरकार के सूत्रों का कहना है कि शिवानंद झा का सीबीआई डायरेक्टर बनने का चांस ज्यादा बन रहा है. एक तो झा पीएम के भी नजदीकी हैं और दूसरा 2021 में रिटायर भी होंगे. दूसरी तरफ कुछ वरिष्ठ अधिकारियों का मानना है कि एनआईए के डीजी वाईसी मोदी इस पद के लिए एक और मजबूत दावेदार हैं. बीएसएफ के महानिदेशक आरके मिश्रा की दावेदारी से भी इनकार नहीं किया जा रहा है. सूत्रों का कहना है कि वह पीएम के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा की पहली पसंद हैं. मुंबई के पुलिस कमिश्नर सुबोध जायसवाल भी अपने आरएसएस लिंक के लिए जाने जाते हैं और वह भी इस पद के रेस में अब तक बने हुए हैं.
पांच आईपीएस अफसरों की दावेदारी
सीबीआई डायरेक्टर के लिए इसके अलावा जिन नामों को प्रमुखता से लिया जा रहा है, उनमें 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी और सीआईएसएफ के डीजी राजेश रंजन के साथ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के महानिदेशक राजीव राय भटनागर और रॉ के विशेष सचिव विवेक जौहरी का नाम भी प्रमुखता से लिया जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यूपी के पांच आईपीएस अफसरों की दावेदारी सामने आ रही है. यूपी के डीजीपी ओपी सिंह के अलावा डीजी रैंक के तीन आईपीएस अधिकारी इस समय केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं, जबकि एक अधिकारी यूपी में ही सेवाएं दे रहे हैं. बीएसएफ के डीजी रजनीकांत मिश्रा, एनआईसीएसएफ के डीजी जावीद अहमद, आरपीएफ के डीजी अरुण कुमार और यूपी में निदेशक सतर्कता हितेश चंद्र अवस्थी भी रेस में शामिल बताए जाते हैं.
बता दें कि हितेश चंद्र अवस्थी और जावीद अहमद के पास सीबीआई में काम करने का लंबा अनुभव है. जावीद अहमद तो यूपी के डीजीपी भी रह चुके हैं. अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री के अंतिम दिनों में जावीद अहमद यूपी के डीजीपी बने थे. पिछला यूपी विधानसभा का चुनाव जावीद अहमद के नेतृत्व में ही संपन्न हुआ था. बाद में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के कुछ महीनों के बाद अहमद का ट्रांसफर कर दिया गया. अवस्थी और जावीद अहमद का सीबीआई में 15-15 सालों का काम करने का तजूर्बा है. ये दोनों अधिकारी सीबीआई में एसपी से लेकर ज्वाइंट डायरेक्टर लेवल जैसे पदों पर काम कर चुके हैं.
बता दें कि तीन सदस्यीय चयन समिति चाहे तो किसी एक नाम पर सर्वसम्मति से फैसला कर निदेशक तय कर सकती है. अगर तीन सदस्यीय समिति में आम राय नहीं बन पाती है और तीनों की राय अलग-अलग होती है तो डीओपीटी से कहा जाता है कि कुछ और अधिकारियों के नामों को भेजे. साथ ही अगर दो सदस्यों की किसी एक नाम पर सहमति बन जाती है और तीसरा सदस्य दोनों सदस्यों की राय से इत्तेफाक नहीं रखता है तब भी यह फैसला 2-1 से माना जाता है. यानी किसी को हटाने और बनाने में दो सदस्यों की राय अहम होती है.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/10/CBI-AFP-1.jpg285380Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-02-01 18:29:272019-02-01 18:29:29आखिर सीबीआई निदेशक के नाम पर आम सहमति क्यों नहीं बन पा रही?
पीएचडी चैंबर ऑफ कामर्स ने किया बजट के सीधे प्रसारण का आयोजनआयकर विभाग के अधिकारियों ने दूर की उद्योगपतियों बजट संंबंधी शंकाएं
राकेश शाह, चंडीगढ़:
चंडीगढ़ आयकर विभाग के प्रिंसीपल चीफ कमीशनर बी.के.झा ने कहा कि यह एक संतुलित और बेहतर विकास वाला बजट है। जिसमें भविष्य के साथ-साथ वर्तमान की आशाएं भी हैं। सरकार ने राष्ट्र निर्माण प्रक्रिया में शामिल लोगों को राहत देने का प्रयास किया है। झा शुक्रवार को केंद्रीय वित्त मंत्री पीयूष गोयल द्वारा पेश किए गए बजट के बाद स्थानीय पीएचडी चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री में जुटे पंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़ के उद्योगपतियों के साथ बजट पर चर्चा कर रहे थे।उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने अपने अंतरिम बजट में समाज के प्रत्येक वर्ग को राहत प्रदान करने का प्रयास किया है। इस बजट को देश के मध्यमवर्गीय एवं नौकरी पेशा लोगों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि इस बजट से जहां एमएसएमई क्षेत्र को मजबूती मिलेगी वहीं नई कर प्रणाली को धरातल पर लागू करने के लिए कई तरह की चुनौतियों से निपटना होगा। उन्होंने विषय विशेषज्ञों व उद्योगपतियों से आहवान किया कि वह आयकर देने के मामले में अपनी भूमिका को सुनिश्चित करें।इस अवसर पर बोलते हुए पीएचडी चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री पंजाब चैप्टर के चेयरमैन आर.एस. सचदेवा ने कहा कि बजट में असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए तीन हजार रूपए मासिक पेंशन, दो हैक्टेयर तक के मालिक किसानों को छह हजार रुपए सालाना आर्थिक भत्ता, आयकर सीमा को बढ़ाकर पांच लाख रुपए करना इस बजट के सकारात्मक पहलू हैं।इस अवसर पर बोलते हुए आयकर विभाग की पूर्व महानिदेशक सुधा शर्मा ने कहा कि जीएसटी पंजीकृत औद्योगिक इकाईयों को ब्याज दरों में छूट प्रदान करके छोटे उद्योगों को बड़ी राहत दी गई है। केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए बजट का स्वागत करते हुए पीएचडी चैंबर ऑफ कामर्स के पूर्व अध्यक्ष डॉ.अशोक खन्ना ने कहा कि मोदी सरकार ने अंतरिम बजट में प्रत्येक वर्ग को छूने का प्रयास किया है। इस अवसर पर बी.के.झा व आयकर विभाग के अन्य अधिकारियों ने उद्योगपतियों एवं अन्य लोगों की वित्तीय शंकाओं को दूर करते हुए उनके सवालों के जवाब भी दिए। इस अवसर पर आयकर विभाग के प्रशासनिक आयुक्त राम मोहन तिवारी, आयकर विभाग के एक्जंपशन आयुक्त राम मोहन सिंह, आयकर-वन की प्रिंसीपल आयुक्त सुखविंदर खन्ना,आयकर-टू की प्रिंसीपल आयुक्त पूनम के सिद्धू, पंचकूला व शिमला जोन के प्रिंसीपल कमीशनर रामेश्वर सिंह के अलावा पीएचडी चैंबर ऑफ कामर्स की क्षेत्रीय निदेशक मधु पिल्ले समेत कई गणमान्य मौजूद थे।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/02/PIX1-1.jpg27605392Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-02-01 18:11:232019-02-01 18:11:25हर वर्ग को राहत देने वाला है केंद्र सरकार का बजट:बी.के.झा
संगीत के महत्व और उसकी अलग अलग विधाओं के बारे
में बताया. संगीतमय परिवार में जन्मे, उनके पिताजी ने लाहौर 1901 में गंधर्व
महाविद्यालय की स्थापना की और बहुत से दिग्गज़ों को संगीत के गुर सिखाए . विभाजन तक
उनके पिताजी वहीं रहे.
संगीत को नाद ब्रह्म मानने वाले अरविंद जी ने
वर्तमान दौर के संगीत के बाज़ारीकरण और बिना रागों पर बनाये जा रहे संगीत पर चिन्ता
जताई. संगीत तीसरी पीढ़ी तक पहुंच गया है और खुद के दोनों पुत्र भी संगीत भी है .
वर्तमान सेंगीत शिक्षा पर बोलते हुए कहा कि
संगीत कालांतर के साथ dilute
होता जा रहा है जिसका उद्देश्य केवल डिग्री
पाना ही हो गया है. एक ही तरह का संगीत सुनाई दे रहा है.
संगीत की पढ़ाई को पढ़ाई नहीं माना जाता. ज्यादा
मेहनत के कारण शास्त्रीय संगीत को कम दर्शकों का साथ मिलता है जिसका कारण हम सब भी
है.
रागों पर बोलते हुए कहा कि संगीत लोक परंपरा से
दूर होते जा रहे है . हमारे पुराने गाने राग पर आधारित होते थे. पुराने गाने इसलिए
चलते थे क्योंकि वे परंपरा से जुड़े होते थे. हम उन्हें भूल कर बिना सोचे समझे
ग्लोबलाइज़ेशन की ओर जा रहे है जिससे हम अपनी संस्कृति से दूर होती का रहे है.
भरत के नाट्यशास्त्र की अहमियत बताते हुए कहा
कि हमारे पास ऐसे अनमोल ग्रंथ भारत में ही मौजूद है. हमारा देश का संगीत मैलोडी पर
आधारित है पर पाश्चात्य संगीत हार्मोनी पर. बिना सोचे समझे नकल करने के कारण पारंपरिक संगीत
प्रभावित हो रहा है.
लोगों में संयम व धैर्य की कमी और चैनलों की
भेड चाल ने मौजूदा संगीत को प्रभावित किया है. विद्या को दान के रूप में ग्रहण
किया जाता था लेकिन अब बाज़ारीकरण हो गया है. साथ ही टोकने वाले ज़हीन लोग भी कम हो
रहे है.
सुर की पीड़ को तीर की पीड़ से बड़ा बताते हुए कहा
कि संगीत में भाव, स्वर और राग का समन्वय आवश्यक है तभी यादगार
संगीत बनता है. युवाओं से आवाहन किया कि इस परंपरा को वही बचा सकती है.
फ्यूज़न को ऐतिहासिक परंपरा बताते हुए कहा कि
सबका स्वागत करना हिंदुस्तान की परंपरा रही है.
हर गीत के पीछे भाव होता है और उस भाव के लिए
खुद की समझ को बढ़ाना और भावनाओं से ओत प्रोत होना भी आवश्यक है.मौके पर उन्होंने
अलग अलग रागों को गाकर उनपर आधारित गानों का भी विवरण दिया.
संगीत सीखा रहे गुरुओं से गुज़ारिश की अपने प्रोफेशन
के प्रति ईमानदार रहे और पूरे अनुशासन और बिना पक्षपात किये अपने छात्रों को पढ़ाये
फिर चाहें उसे डाँटना ही क्यों न पड़े. शिक्षा की असली शुरुआत कक्षा के बाहर होती
है. ज़रूरी ये नहीं की एक घंटे क्लास में क्या किया पर आवश्यक यह है की बाद के 23 घंटे क्या किया.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/02/image2.jpg36224957Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-02-01 17:58:512019-02-01 17:58:53एक घंटे की क्लास नहीं बल्कि 23 घंटे का रियाज़ काम आता है: प्रोफ॰ अरविंद शर्मा
Anti Leprosy Day is being celebrated as Sparsh Leprosy Awareness Campaign – SLAC during fortnight beginning from 30th Nov Jan to till 13 Feb 2019 under programme by Department of Health and family welfare ministry of Health, Govt. of India. The different activities and awareness programme about leprosy will be held under this programme.
In continuation of these SLAC activities during the fortnight a lecture demonstration was organized by Dr. Pushpinder Mangat, SMO at Police Hospital, Sector 26, Chandigarh, today. An interesting talk on leprosy was given by Dr. Manjit Pal, Skin Specialist, GMSH-16 to cover the basic courses, reasons for spread and methodologies to prevent the outbreak of the disease. Various posters and banners were used to spread awareness on leprosy. The populace was encouraged to treat patients with compassion and to adopt proper intervention to facilitate its eradication. The camp was attended by approximately 225 police personnel and their families.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/02/IMG-20190201-WA0027.jpg8501280Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-02-01 17:51:312019-02-01 17:51:33Sparsh Leprosy Awareness Campaign – SLAC
1150 विजिट करके दिव्यांगों को समाज की मुख्यधारा में लाने के किए प्रयास
पचंकूला 1 फरवरी: विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए पहियों पर स्कूल का नाम हेै कलाम एक्सप्रैस जिसका उदेश्य प्रत्येक विशेष आवश्यकता वाले बच्चे को उसके दरवाजे पर शिक्षा व भौतिक चिकित्सा उपलब्ध करवाना हेै। इसका शुभारम्भ हरियाणा के तत्कालीन राज्यपाल प्रोफेसर कप्तान सिह सोंलकी, द्वारा स्वतन्त्रता दिवस 2017 के सुअवसर पर किया गया। यह प्रोजेक्ट चण्डीगढ के पश्चात उत्तर भारत की एक सबसे बड़ी पहल है और पंचकूला हरियाणा का पहला जिला है जिसमें यह संचालित की जा रही हैै।
क्लाम एक्सप्रैस नामक इस बस टेलीविजन, लैबटाप पुस्तकालय, खेल व सिखाने की किट तथा फिजियोथरैपी आदि उपकरणों से सुसज्जित हेै। विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को बस पर चढ़ने के लिए रैम्प की व्यवस्था की गई हेै, ताकि बच्चों को सीखने, खेलने व भोैतिक चिकित्सा आदि में मदद मिले। विशेष आवश्यकता वाले बच्चों व उनके परिवार वालों के साथ सम्पर्क निश्चित करने के लिए यह बस सप्ताह में छः दिन चल रही हेै, जिसमें विशेष अध्यापक, फिजियोथरैपिस्ट व जरुरत पड़ने वाक चिकित्सक भी अपनी सेवाएं दे रहे हेै। इस बस के माध्यम से त्वनज ब्ींतज बनाकर पंचकूला जिला में 85 विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को गृह आधारित शिक्षा के साथ-साथ 800 विशेष आवश्यकता वाले बच्चे जो विद्यालय पहुंच रहे हेै, इसका लाभ उठा रहे हेै।
ऐक्सप्रैस बस में विशेष अध्यापक इन बच्चों के मानसिक विकास, समन्वय व कुछ सीमा तक स्थिरता को बढाने के लिए सिखाते है तथा इनके माता पिता को भी यही क्रियाएं इन बच्चों के साथ देाहराने के लिए सिखाया जाता है ताकि यह बच्चे भी कुछ क्रियाओं में अपनी भागीदारी कर इन बच्चों की आम दिनचर्या में सुधार हो सके। इसके अलावा इस प्रोजेक्ट के माध्यम से विषेष आवश्यक्ता वाले बच्चों के अभिभावकों को फिजियोंथैरपी व वाक चिकित्सा की फिल्में दिखाई जाती है ताकि वे अपने बच्चों की देखभाल करना सीख सके। भौतिक चिकित्सक इन बच्चों को शारीरिक रूप से विकसित करने में ऐसी भौतिक क्रियाएं करवाते है जिससे इन बच्चों की शारीरिक क्षमता को बढाया जा सके। इस बस प्रोजेक्ट हेतु धन भारतीय स्टेट बैंक के माध्यम से प्राप्त किया गया।
डपायुक्त मुकुल कुमार ने बताया कि दिसम्बर, 2018 तक जिला पंचकूला में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को गृह आधारित शिक्षा/भौतिक चिकित्सा की सुविधा हेतु 1150 वीजिट किए गए तथा जिला के 30 स्कूलों में पढ़ रहे विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को भी शिक्षा/भौतिक चिकित्सा की सुविधा प्रदान करने हेतु 390 स्कूल भी विजिट किए गए।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/02/kalam.jpg1040780Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-02-01 17:48:032019-02-01 17:48:04प्रदेश के एकमात्र जिला पंचकूला में चल रही कलाम एक्सप्रैस-मुकुुल कुमार
Chandigarh Police achieved major success by
arresting two thieves namely Prince Kondal @ Shanty S/o Lt Mohinder Singh R/o H
No 833, Phase II, Ram Darbar, Chandigarh Age 21 yrs and Narender Kumar @ Manu
S/o Lt Ravinder Kumar R/o H No 2900 A, Sec 20 C, Chd Age 28 yrs on 29.01.17,
who were active to commit property crime in the area of Chandigarh, Punjab
& Haryana and recovered 08 vehicles and 04 mobile phones from their
possession.
03 motorcycles, 01 auto tempo and 04 mobile are
related to cases registered in PS -31,
including one snatching case, whereas, 01 Activa and 04 motorcycles are
related to cases registered in PS 34, IA, Chd, PS Zirakpur, Phase 11 and PS Sec
5 Panchkula Haryana.
On 29.01.19, ASI Prem Singh along with police
officials were deputed on naka duty near Gurudwara, Sector 47, Chd and during
vehicle checking, the police party nabbed the above said thieves along with
stolen motorcycle in case FIR No 256 Dated 19.08.17 u/s 379, 411 IPC PS 31,
UT, Chandigarh. During the interrogation, the following recovered was made
accordingly in the cases mentioned against each.
u/s 102
Cr.P.C, and case registered at PS 34, Indl. Area, Zirakpur, Phase II Mohali & PS Sec 5, Pkl
Later, it
revealed that the accused persons are habitual criminals who are involved in
many other cases i.e. property crime in the Chandigarh and nearby areas. The
criminal profile is as under
Criminal Profile
Accused Arrested
Description
Cases registered
against accused
Narinder Kumar
@ Mannu S/o Lt Ravinder Kumar R/o H No 2900, Sec 20, Chd Age 28 yrs
Married – staying with
wife, sister and son Age 8 years
Qualification – 10+2
Occupation – Taxi Driver
on daily basis
Involved in
Crime – since 2011
Prince Kondal
@ Shanty S/o Lt Mohinder Kumar R/o H No 833, Phase II, Ram Darbar, Chd Age 21
yrs
Unmarried staying with
mother, brother and uncle
Qualification – 10+2 Occupation
– Nil
Involved in
Crime – Since 2014
Both the accused have been produced before the Hon’ble
Court and two days police remand has been obtained accordingly. They will
produce before in the court tomorrow.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/02/IMG-20190201-WA0030.jpg9601280Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-02-01 17:45:212019-02-01 17:45:23With the arrest of 2, 8 vehicles and 4 mobiles recovered
Chandigarh February 1, 2019 A one day NSS training workshop was conducted in Department of Social work, Panjab University Chandigarh. The workshop was inaugurated by Prof. Shankarji Jha, Dean of University Instructions and officiating Vice Chancellor, Panjab University. He congratulated the NSS team for their community uplifting activities, and motivated them to continue working with their selfless work spirit in future also. Prof. Karamjeet Singh, Registrar, PU in his key note address highlighted the importance of spirituality in thoughts, words and actions of each one of the individuals. Prof. Shivani Sharma, Swachta Abhiyaan Coordinator in her address suggested that PU has to come up with its environmental policy and NSS team along with department of environmental sciences can take the initiative of preparation of draft policy. Prof. Sanjay Kaushik, Dean College Development Council, while complementing the NSS team for their continuous efforts towards creating healthy minds, healthy attitudes and healthy bodies amongst students, gave a suggestion to include traffic management in university as a part of NSS curriculum. Mr. Vikram Nayyar, Finance & Development Officer gave a presentation on the importance of planning all the NSS activities as well defined projects and various options to get funding for these projects. Prof. Navdeep Sharma, NSS programme coordinator, read the annual report of NSS and apprised the dignitaries of all the awards and accolades won by NSS volunteers as well as the planned activity schedule for next academic year. The workshop was attended by all the programme officers of Panjab University along with the NSS volunteers.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/02/Press-note-3-photo1.jpg9882096Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-02-01 15:02:552019-02-01 15:02:57One day NSS training workshop was conducted in Department of Social work
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