भाजपा जहां पीड़ितों के साथ खड़ी दिखी वहीं ममता भृष्टाचारियों

शायद ममता बनर्जी बेचैनी में अपना आपा खो रही हैं. वो 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले विपक्ष को अपने पीछे हर हाल में लामबंद करने की हड़बड़ी में हैं. इस हड़बड़ी में उन्होंने अपने नेतृत्व को उभार देने के लिए एक गलत मकसद का चुनाव किया.
‘राजनीति धीरज और अनथक मेहनत की मांग करती है. इसके लिए भावावेग और दृष्टि दोनों की जरूरत होती है.’ ममता बनर्जी के भीतर भावावेग तो है लेकिन दृष्टि नहीं वर्ना वो मोदी को अपने मुखालिफ के तौर पर नहीं चुनतीं.

कोलकाता में जो कुछ हो रहा है उसके मायने समझने की कोशिश करें तो लगता यही है मानो शारदा चिटफंड घोटाले पर कोई सियासी रस्साकशी चल रही हो. तनिक सीधे-सरल अंदाज में सोचें तो कहा जा सकता है कि बीजेपी पश्चिम बंगाल में अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रही है, हिंदुत्ववादी ताकतों के लिए पश्चिम बंगाल अबतक एक बेगाना इलाका साबित हुआ है और ममता बनर्जी अपने किले को बचाने के लिए बीजेपी के खिलाफ उठ खड़ी हुई हैं. लेकिन इन शब्दों में सोचना मसले को हद से ज्यादा सरल करना कहलाएगा और जो कुछ जमीनी तौर पर हो रहा है उसे समझने में चूक की एक दलील बन सकता है.

घोटाला वित्तीय फर्मों के एक समूह शारदा ग्रुप से जुड़ा है. इस घोटाले में झारखंड, बिहार, ओड़िशा तथा पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों के तकरीबन एक करोड़ भोले-भोले निवेशकों ने अपनी हाड़-तोड़ मेहनत की कमाई कुछ ठगेरे लोगों के हाथों गंवा दी. ये ठगेरे लोग अपने को आंत्रेप्रेन्योर्स बताते थे और ठगेरों की इस जमात को ढीठ राजनेताओं तथा नौकरशाहों की सरपरस्ती हासिल थी. पोंजी स्कीम कहलाने वाली ठगी की इन घटनाओं की चपेट में आकर ऊपर बताए गए इलाकों के एक सौ से ज्यादा लोगों ने आत्महत्या की है.

इस फर्जीवाड़े का तौर-तरीका बड़ा सीधा-सा है. इलाके में दिहाड़ी पर काम करने वाले गरीब लोगों को कोई सांस्थानिक बैंकिंग सहायता हासिल नहीं होती और ऐसे में ये छोटे निवेशक जमा की गई रकम पर ऊंचे रिटर्न के लालच में औनी-पौनी जमा-योजना चलाने वालों के झांसे में आ जाते हैं. जमा-योजना चलाने वाले झांसा देते हैं कि रकम तीन सालों में दोगुनी हो जाएगी.

बहुत से छोटे निवेशक एजेंट के बहकावे पर यकीन कर लेते हैं, एजेंट स्थानीय लोगों में से ही नियुक्त किए जाते हैं. साल 2012 में ठगी की इस योजना का भंडाफोड़ हो गया. उस वक्त सेबी ने शारदा ग्रुप से कह दिया था कि निवेशकों से अब और रकम जमा ना करवाई जाए. निवेशकों ने रुपया जमा कराने वाले एजेंटों से पूछताछ शुरू की और ऐसे में एजेंटों ने कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस के दफ्तर का घेराव कर डाला.

इसके बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक विशेष जांच दल (एसआटी) गठित किया. जांच दल की कमान राजीव कुमार को सौंपी गई जो उस वक्त बिधानगर के पुलिस कमिश्नर थे. हालांकि उन्होंने मामले में तहकीकात शुरू की थी लेकिन जल्दी ही यह भी जाहिर हो गया कि शारदा घोटाला तो बस हाथी की पूंछ के बराबर है और इस तरह के फर्जीवाड़े पूरे पूर्वी तथा पूर्वोत्तर के इलाके में धड़ल्ले से जारी हैं.

जेवीजी, रोजवैली तथा कई अन्य कंपनियों ने लाखों निवेशकों को चूना लगाया था. विडंबना देखिए कि इनमें से कई कंपनियों के मीडिया हाउस भी चलते थे और इन लोगों ने नामी-गरामी पत्रकारों तथा फिल्मी हस्तियों को अपनी साख कायम करने और निवेशकों में भरोसा जगाने के लिए अपने साथ जोड़ रखा था

अचरज नहीं कि समाज के सबसे कमजोर तबके की इस लूट में सबसे ज्यादा चांदी राजनेता तथा नौकरशाह काट रहे थे. तृणमूल कांग्रेस का सियासी ग्राफ तेजी से ऊपर उठ रहा था और जब सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में घोटाले की जांच का दायरा बढ़ाते हुए सीबीआई से कहा कि अपनी जांच को विस्तार दीजिए तो यह तथ्य सामने आया कि घोटाले का सबसे ज्यादा फायदा तो तृणमूल कांग्रेस को हुआ है. अभी तक उपलब्ध आंकड़ों का संकेत है कि पश्चिम बंगाल, ओडिशा, असम, बिहार तथा अन्य जगहों पर पोंजी स्कीम के जरिए निवेशकों को तकरीबन एक लाख करोड़ रुपए का चूना लगा है.

मामले के इतिहास का जिक्र मौजूदा माहौल के मायने समझने के एतबार से अहम है वह भी तब जब ममता बनर्जी राजीव कुमार के बचाव में धरने पर बैठी हैं और राजीव कुमार के बारे में आशंका जताई जा रही है कि उन्होंने साक्ष्यों के साथ खिलवाड़ किया है.

ममता की शैली राजनीतिक लड़ाई को गली-मुहल्लों तक खींच ले जाने की है, वो लोक-लुभावन मुद्दों पर सियासी हंगामा खड़ा करती हैं और अब चूंकि वो एक संवैधानिक पद पर हैं तो ऐसा लगता है कि उन्होंने सियासत की अपनी शैली को तनिक बदल लिया है. ऐसा लगता है कि अभी वो भ्रष्टाचार करने वालों की तरफदारी में खड़ी हैं और अवाम के हितों को तिलांजलि देते हुए अपने चंद मनपसंद लोगों की हिफाजत में लगी हैं.

इसमें कोई शक नहीं कि सीबीआई के अधिकारी कोलकाता पुलिस कमिश्नर के अवास पर बिना किसी वारंट के गए थे और ऐसा करना कई कारणों से ठीक नहीं. अगर सरकारी ओहदे पर बैठा कोई व्यक्ति सहयोग नहीं कर रहा तो विकल्प के तौर पर उससे निपटने के कई रास्ते हो सकते हैं.

मिसाल के लिए, लालू यादव को ही याद करें. वे मामले की जांच में सहयोग के लिए तैयार नहीं थे लेकिन 1997 में चारा-घोटाला में चार्जशीट लग जाने पर उनके पास कोई चारा न रह गया. उन्हें भारी विरोध के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा. ऐसा ही कोई कदम उठाया गया होता वह विवादास्पद कम और कारगर ज्यादा होता.

लेकिन जरा उस हालात पर गौर कीजिए जिसके दायरे में फिलहाल पश्चिम बंगाल में सियासत अपने रंग दिखा रही है. यों ममता बनर्जी एक संवैधानिक पद पर हैं लेकिन इस पद पर रहते वो संविधान की तमाम मर्यादाओं को ताक पर रखकर अड़ी हुई हैं. उनकी सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पश्चिम बंगाल में रैली नहीं होने दे रही, सूबे में बीजेपी के झंडे तले होने वाले मार्च को प्रतिबंधित किया जा रहा है और बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह की सूबे में होने वाली बैठकों तथा यात्रा पर रोक लगाई जा रही है.

अभी हाल ही की बात है जब ममता बनर्जी ने संघीय मान-मूल्यों को तिलांजलि देते हुए पश्चिम बंगाल में प्रवर्तन निदेशालय तथा केंद्रीय जांच ब्यूरो के ऑपरेशन्स पर एकदम से रोक लगा दी. उनका बड़बोलापन अब सियासी लड़ाई की हदें लांघ रहा है. वो संघवाद से जुड़े मसलों पर चली आ रही मर्यादाओं को लगातार धक्का दे रही हैं और केंद्र के अधिकारियों तथा न्यायाधिकार को चुनौती दे रही हैं.

इसमें कोई शक नहीं कि नरेंद्र मोदी आज प्रधानमंत्री के पद पर नहीं होते तो ममता बनर्जी की बड़जोरी को बराबरी की टक्कर नहीं मिलती. मोदी ने मुख्यमंत्री के रूप में एक लंबा अरसा गुजारा है और अब वे प्रधानमंत्री हैं और ऐसे में यह मानना भोलापन होगा कि ममता को किसी तरफ से चुनौती नहीं मिलेगी.

निस्संदेह कोलकाता पुलिस कमिश्नर के आवास पर तलाशी लेना एक सियासी कदम था और इस पहल के जरिए केंद्र सरकार ने अपना अधिकार जताया, ममता बनर्जी को संकेतों में समझाना चाहा कि अगर वो समझती हैं कि केंद्र-राज्य संबंधों को अपने सिरे से ही तय करती रहेंगी तो यह उनका भ्रम है.

जैसे कि उम्मीद थी, ममता बनर्जी ने बिल्कुल दो-दो हाथ करने की शैली में अपनी प्रतिक्रिया जताई लेकिन उनके मकसद में झोल था. यहां जरा रुककर याद करें ममता की वह छवि जब ज्योति बसु की पुलिस ने उन्हें राइटर्स बिल्डिंग (विधानसभा) के परिसर से बाहर खींच निकाला या फिर याद करें आम जनता की प्रिय नेता के रूप में विशाल रैली को अपने सादगी भरे अंदाज में संबोधित करती ममता बनर्जी को. पुराने दिनों की उनकी ये छवियां आज संदेहास्पद पृष्ठभूमि वाले नौकरशाहों और राजनेताओं की तरफदारी में खड़े होने के कारण धूल-धूसरित हो गई है.

शायद ममता बनर्जी बेचैनी में अपना आपा खो रही हैं. वो 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले विपक्ष को अपने पीछे हर हाल में लामबंद करने की हड़बड़ी में हैं. इस हड़बड़ी में उन्होंने अपने नेतृत्व को उभार देने के लिए एक गलत मकसद का चुनाव किया.

जर्मन समाजशास्त्री मैक्सवेबर ने अपने प्रसिद्ध व्याख्यान ‘पॉलिटिक्स ऐज वोकेशन’ में लिखा है, ‘राजनीति धीरज और अनथक मेहनत की मांग करती है. इसके लिए भावावेग और दृष्टि दोनों की जरूरत होती है.’ ममता बनर्जी के भीतर भावावेग तो है लेकिन दृष्टि नहीं वर्ना वो मोदी को अपने मुखालिफ के तौर पर नहीं चुनतीं.

ईडी वादरा के जवाबों से संतुष्ट नहीं, फिर होगी पेशी

नई दिल्ली: 

कांग्रेस नेता और यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा विदेश में कथित तौर पर अवैध संपत्ति रखने के सिलसिले में मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय की पूछताछ जारी है. जानकारी के मुताबिक सवालों का अंतिम चरण चल रहा है. सूत्रों के मुताबिक, ईडी वाड्रा के जवाबों से संतुष्ट नहीं है. वाड्रा से दोबारा पूछताछ हो सकती है. सूत्र बता रहे हैं कल भी उनसे पूछताछ होगी. कुल चार चरण की पूछताछ हो रही है. सूत्रों के मुताबिक वाड्रा ने बहुत छोटे-छोटे जवाब दिए हैं. 

लंदन की प्रॉपर्टी के बारे पूछा गया तो वाड्रा ने कहा कि यह मेरी नहीं है. इस पर ईडी ने वाड्रा से कहा कि अगर आप प्रॉपर्टी के बारे में नहीं जानते तो लिखित में बताएं. संजय भण्डारी को अगर आप नहीं जानते तो लिखित में बताएं. वाड्रा को चेतावनी दी गई की अगर आप ने गलत बयानबाजी की तो आपको कानूनी कार्यवाही का सामना करना पड़ सकता है.  

इससे पहले, वाड्रा की पत्नी प्रियंका वाड्रा सफेद टोयोटा लैंड क्रूजर गाड़ी में उनके साथ थीं और उनके पीछे एसपीजी के सुरक्षाकर्मियों की गाड़ियां थीं। उन्होंने वाड्रा को मध्य दिल्ली के जामनगर हाउस स्थित एजेंसी के दफ्तर के सामने छोड़ा और वहां से फौरन अपनी गाड़ियों के काफिले के साथ रवाना हो गईं. वाड्रा करीब तीन बजकर 47 मिनट पर ईडी के दफ्तर में दाखिल हुए। उनके वकीलों का एक दल पहले ही वहां पहुंच चुका था.

यह पहला मौका है जब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के जीजा वाड्रा संदिग्ध वित्तीय लेन-देन के आपराधिक आरोपों के सिलसिले में किसी जांच एजेंसी के समक्ष पेश हुए हैं. वाड्रा ने पहले इन आरोपों से इनकार किया था और कहा था कि राजनीतिक बदले के लिए उनके खिलाफ यह कार्रवाई की जा रही है.
दिल्ली की एक अदालत ने वाड्रा को केंद्रीय जांच एजेंसी से सहयोग करने को कहा था. वाड्रा ने मामले में अग्रिम जमानत के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था. अदालत ने उनसे लंदन से लौटने के बाद बुधवार को ईडी के समक्ष पेश होने के कहा था.

“Sadak Sureksha Jeevan Raksha” The Female Helmet Rally

Today, i.e. on 06.02.2019, Chandigarh Traffic Police organized a Female Helmet Rally as part of 30th Road Safety Week-2019 being observed from 4th to 10th February 2019 with a theme “Sadak Sureksha Jeevan Raksha”. The Female Helmet Rally was flagged off at 11.00 AM by Smt. Savita Bhatti w/o Late Sh. Jaspal Singh Bhatti from MCM College, Sec-36, U.T., Chandigarh, wherein about 300 female two wheeler riders participated, which passed through various sectors of U.T., Chandigarh to promote wearing of safety head gear by women while riding on two wheelers. Sh. Shashank Anand, W/SSP/Security & Traffic along with other Officers was also present there. Two hundred helmets were also gifted to female riders for their participation for a noble cause.

Panchkula provides free legal aid to the under-trial prisoners to defend their criminal cases

Panchkula  February 06 –

                  District Legal Services Authority, Panchkula started Video Conferencing facility for interaction of under-trial prisoners with their legal aid advocates. Sh.Vivek Goyal, Chief Judicial Magistrate-cum-Secretary, District Legal Services Authority, Panchkula informed that during visits to Central Jail, Ambala it remains a consistent grievance of the jail inmates that they do not get proper time to interact with their legal aid counsels. It is also felt that sometimes the advocates also feel the need to discuss the cases with the under-trial prisoners but since the under-trial prisoners of District Panchkula are lodged in Central Jail, Ambala, even the legal aid counsels face difficulty in getting proper information about the case from the under-trial prisoners.

Moreover, the Hon’ble Supreme Court of India also in Special Leave Petition (Criminal) No.6740 of 2018 and Special Leave Petition (Criminal) No.6747 of 2018 titled Imtiyaz Ramzan Khan Vs. State of Maharashtra, vide order dated 14.08.2018 has directed all Legal Services Authorities/Committees in every State to extend Video Conferencing facility so that the under-trial prisoners could interact with their legal aid counsels.

He further informed that District Legal Services Authority, Panchkula provides free legal aid to the under-trial prisoners to defend their criminal cases. To make process of interaction between the under-trial prisoners and their legal aid counsels more easier the facility of Video Conferencing has been started in the District ADR Center, Panchkula. He further informed that list of under-trial prisoners has been prepared, as per which, all the legal aid counsels shall interact with the under-trial prisoners through video conferencing on rotation basis. The legal aid advocates shall be able to interact with the under-trial prisoners twice in a month which will help both the legal aid advocates as well as under-trial prisoners to discuss their cases.

Curtain Raiser on International Conference on Sarasvati River

Chandigarh February 6, 2019

Third International Conference on Sarasvati River will be organized by Panjab University(PU), Chandigarh in collaboration with Haryana Sarasvati Heritage Development Board, Panchkula (Haryana) on  8th and 9th February,2019, with the aim to revisit and comprehend Indian civilization, which developed in and around river Sarasvati, informed Prof. Anju Suri, Chairperson, Department of History, PU.

The historical literature along with archeological, scientific studies and techniques help in reviving river Sarasvati, which originated in Himalaya and passed through Haryana, Rajasthan, Sindh and Bhawalpur before descending in Rann of Kutch. The significance of River Sarasvati  in  Indian civilization is the central theme of the conference.

            The conference would further focus on the origin, journey, relevance and disappearance of the river Sarasvati and on agricultural practices essential for sustainability of life.  The conference will take into consideration the archaeological evidence and recent explorations along Sarasvati river Palaeochannel. The rejuvenation of river Sarasvati which is very pertinent issue to be addressed today shall also be discussed during the course of conference.

The cumulative knowledge of different disciplines of social sciences throwing light on the history of river Sarasvati on Indian civilization will be discussed in various technical sessions of the conference. 

14 vehicles and 9 mobiles are recovered with 1 arrest

       06.02.19

                        Keeping in view the increasing MV theft & snatching incidents in Chandigarh, a special team was constituted for the prevention and detection of crime especially MV theft & snatching incidents. The Special team did commendable job by arresting accused namely Pardeep Kumar (18 ½  Years) S/o Nand Kishore R/o H.no. 1405/A, Small Flats, Dhanas, Chd and apprehending one juvenile.

With the arrest of above said accused total 14 number of  vehicles (7 M/C & 7 Activa), stolen from different area of Chandigarh and 9 mobile phones were recovered from their possession and 14 cases of vehicle theft of different police stations of Chandigarh (PS-36=02, PS-34=04, PS-17=06, PS-49=01, PS-26=01) and 05 cases of snatching (PS-36=03, PS-19=2) have been worked out. The detail of worked out cases is as under:-

Worked out MV Theft Cases:-

Sr No. Police Station FIR & U/s Vehicle
  36 451/18 U/S 379 added 411 IPC Activa No. CH01 AQ 8251
  36 452/18 U/S 379 added 411 IPC Activa no. CH01AW6426
  34 431/18 U/S 379 IPC Activa No.  CH01 BH 5519
  34 33/19 U/S 379 Activa No. CH01 BR 1711
  34 36/19 U/S 379 IPC Activa No. PB65-W-9918
  34 37/19 U/S 379 IPC M/C No. PB13 AQ 2479
  17 15/19 U/S 379 IPC Activa No. CH01 AB 4114
  17 16/19 U/S 379 IPC M/C No. HR03-J-0879
  17 17/19 U/S 379 IPC Activa No. CH01 AN 8102
  17 34/19 U/S 379 M/C No. HR 49-B-8422
  17 281/18 U/S 379 IPC M/C No. HP22-C-6485
  17 395/18 u/s 379 IPC M/C No. PB10-ER-3496
  26 24/19 U/S 379 IPC M/C No. CH04-9012
  49 12/19 U/S 379 IPC Activa CH01 BE 2852

Worked out Snatching Cases:-

Sr No. Police Station FIR & U/s Property
  36 02/19 u/s 356,379,34 added 411 IPC Zen Mobile
  36 34/19 u/s 356,379 added 411 IPC IPC Samsung J-7 (Prime) Mobile
  36 38/19 u/s 379,356 added 411 IPC IPC Nokia-2 Mobile
  19 59/18 U/S 356,379,511 IPC (Attempt to snatching)
  19 16/19 U/S 356,379 IPC Vivo Mobile

Modus Oprandi:-

During the interrogation of accused it has been revealed that both the accused belong to a very poor family. They are having fond of driving the vehicles especially two wheelers. So they used duplicate key to open bike/activa and after stolen the motorcycles/activa, they snatched the phone from the ladies going alone. Both the accused used the stolen bike for their ride as well as to commit crime until the fuel finished. When the fuel is finished, they left the stolen bike there and stolen another bike.

Further interrogation is in progress and more recoveries of vehicles can be affected from their possession. Today the accused are being produced in the court.

Chandigarh Police Athletic Team won five medals at Senior State Athletic Meet

Press Note

06.02.2019

        Chandigarh Police Athletic team members participated in Senior State Athletic Meet held between 18 to 20 January, 2019 at Sports Club, Sector 7, Chandigarh. Chandigarh Police team members won total five medals in this competition under the guidance of DSP/Lines & Training and their coaches HC Joginder 1484/CP and HC Bhim Singh 3320/CP. The medal details are given below:

  1. Ct. Mukesh 6409 (IRB) won Gold Medal in the event javelin throw.
  2. Ct. Vikash 6146 (IRB) won Silver Medal in the event 5000 meter.
  3. Ct. Vikash 6146 (IRB) won Silver Medal in the event 10000 meter.
  4. Ct. Jaswinder 3864/CP won Silver Medal in the event triple jump.
  5. Insp. Parvesh Sharma won Bronze Medal in the event Javelin Throw.

        Sh. Sanjay Baniwal, IPS, Director General of Police, UT, Chandigarh appreciated the achievement of team members got at State level competition. Sh. Sanjay Baniwal, IPS, Director General of Police, UT, Chandigarh congratulated the medal winners and shared the wining moment with them at Police Headquarters, UT, Chandigarh.I

PU results

Chandigarh February 6, 2019
PU Results
          It is for the information of the general public and students of Panjab 
University Teaching Departments/Colleges in particular that result of the following examinations have been declared:-
1.      M.A.( Governance & Leadership), 3rd Sem., Dec. 2018
2.      M.A.(Gandhian & Peace Studies), 1st Sem., Dec. 2018
3.      M.A. (Indian Classical Dance), 3rd Sem., Dec. 2018
4.      M.A. Fine Arts, 1st Sem., Dec. 2018
5.      M.A. Philosophy, 1st Sem., Dec. 2018

 The students are advised to see their results in their respective  Departments/ Colleges/ University website.

निर्वाचन क्षेत्र के मास्टर ट्रेनर को इवीएम व पोलिंग पार्टी की तैयारी एवं प्रयोग करने के लिये प्रशिक्षण दिया

पंचकूला, 6 फरवरी-

राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर एवं एडीसी अंबाला कैप्टन शक्ति सिंह ने जिला सचिवालय के कांफ्रेंस हाल में अंबाला व पंचकूला के सभी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के मास्टर ट्रेनर को इवीएम व पोलिंग पार्टी की तैयारी एवं प्रयोग करने के लिये प्रशिक्षण दिया।  उन्होंने मास्टर ट्रेनर को चुनावों के दौरान ईवीएम की शुरुआत से लेकर समापन तक समस्त प्रक्रिया के संबंध में विस्तार से जानकारी दी ताकि उन्हें चुनाव के दौरान किसी प्रकार की असुविधा न हो। उन्होंने ईवीएम के प्रयोग की दिशा में मशीन के माध्यम से उन्हें ज्ञानवर्द्धक जानकारी दी ताकि वे अपने विधानसभा क्षेत्रों में अन्य अधिकारी एवं कर्मचारियों को ईवीएम के प्रयोग का प्रशिक्षण दे सके।

  इसके साथ साथ उन्होंने मतदान के आरंभ होने से गिनती तक की समस्त प्रक्रिया के बारे में मशीन के माध्यम से विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मतदान के समय सभी ईवीएम के साथ वीवीपैट का प्रयोग किया जायेगा, जिसमें मतदाता अपना वोट देख सकता है कि उसने किस उम्मीदवार को वोट किया है।

उन्होंने कहा कि सभी प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर आगे मतदान अधिकारियों को ईवीएम के बारे में प्रशिक्षण देंगे तथा आम जनता को इस बारे जागरुक किया जायेगा ताकि मतदान प्रक्रिया को आसनी से पूरा किया जा सके। इस अवसर पर एमडीएम पंचकूला पंकज सेतिया, कालका रिचा राठी, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी एमएल गर्ग, तहसीलदार वीरेंद्र गिल, कार्यकारी अभियंता पंचायती राज अशोक श्योकंद सहित अंबाला विधानसभा क्षेत्रों व जिला पंचकूला विधानसभा क्षेत्रों के मास्टर ट्रेनर उपस्थित थे। 

राज्य स्तरीय युवा साँसद कार्यक्रम आयोजित

पंचकूला 6 फरवरी।

           हरियाणा के शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा ने कहा कि मोरनी, बरवाला, पिंजौर व रायपुररानी खण्डों में आसपास के गांवों से विद्यार्थियों को पंचकूला लाने के लिए स्टूडेंट एक्सप्रैस बसे चलाई जाएगी। इसके अलावा पंचकूला के इसी राजकीय महाविद्यालय में वाताकुलुनित सभागार तथा खेल स्टेडियम का भी निर्माण करवाया जाएगा।

     शिक्षा मंत्री राजकीय महाविद्यालय सैक्टर 1 में आयोजित राज्य स्तरीय युवा संासद कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि संसद देश की सर्वोच्य निर्णय करने एवं जनता को दिशा देेने वाला स्थान है जिसमें बैठकर नागरिकों की भलाई के लिए अहम निर्णय लिए जाते है लेकिन राजनेतिक सोच छोटी होती जा रही है जिसके कारण कुछ समस्याएं विकट आ जाती है। फिर भी देश की संसद में ही विकट समस्याओं का निदान भी सम्भव है।

       श्री शर्मा ने कहा कि महाविद्यालय में आयोजित राज्यस्तरीय युवा संसद के सदस्यों ने उनके सामने देश में लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव करवाने पर बल दिया है लेकिन हरियाणा विधायक दल का विचार इसके उलट है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार का 8 माह का कार्यकाल बाकी है।   

   शिक्षा मंत्री ने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ऐसे योद्धा है जिनका दृष्टिाकोण हर मोर्चे पर देश सबसे आगे है। प्रधानमंत्री की आर्थिक, सामाजिक, समरस्ता एवं दृष्टिकोण देश के प्रति सकारात्मक है। उन्होंने कहा कि दुनिया का भारत सबसे बड़ा  प्रजातंात्रिक देश है जिसमें सभी समुदायों के लोग खुली हवा में स्वतऩ्त्र रूपी सांस ले रहे है और सभी को समान अवसर मिले हैं ।

      पंचकूला के विधायक एवं मुख्य सचेतक ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि इस प्रकार  के कार्यक्रमों के आयोजन से नागरिकों को संसद में हुई वास्तविक  प्रक्रिया की जानकारी मिलती है। इसके साथ ही युवाओं एवं देश के नागरिकों के विचारों एवं सुझावों को एकत्र करके जनता के हितार्थ क्रियान्वयन करने का कार्य करती है। उन्होंने कहा कि युवाओं में राष्ट्रीय एकता व नेतृत्व की भावना भी पनपती है और वे आगे चलकर संसद की कार्यकारिणी में भी शामिल होते है। उन्होंने कहा कि युवाओं में असीम ताकत एवं साहस होता है। यदि उन्हें प्रारम्भिक जीवन से उचित मार्गदर्शन एवं अच्छे संस्कार दिए जाएं तो वे आगे चलकर देश के अच्छे नागरिक बनकर राष्ट्र एवं आदर्श समाज के नवनिर्माण में अहम भूमिका निभा सकते है। उन्होंने कालेज प्रशासन विशेषकर प्राचार्य डा. अर्चना की सराहना करते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन में महाविद्यालय में इस तरह की गतिविधियां होती रहती है। उन्होंने आशा व्यक्त कि भविष्य में भी इस महाविद्यालय में निरंतर गतिविधियां जारी  रखें ताकि शिक्षा के साथ अन्य जानकारी भी विद्यार्थियों को मिलती रहे।

     इस अवसर पर अपने स्वागतीय भाषण में बोलते हुए कालेज की प्राचार्य डा. अर्चना मिश्रा ने महाविद्यालय की गतिविधियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि नितिन जैसे कई विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय स्तर पर हुई कई प्रतियोगिताओं में पदक हासिल कर गौरव बढाया है। शिक्षा मंत्री ने युवा संसद कार्यक्रम में निर्णायक मण्डल की भूमिका निभाने वालों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।