कर्नाटक के मंत्री डीके शिवकुमार ने बीजेपी पर कांग्रेस विधायकों की खरीद फरोख्त का आरोप लगाया. डीके शिवकुमार ने मुख्यमंत्री कुमारस्वामी पर भी बीजेपी का पक्ष लेने का आरोप जड़ दिया.
बेंगलुरू : कर्नाटक की कांग्रेस जेडीएस सरकार पर खतरा मंडरा रहा है. कांग्रेस के ही मंत्री ने दावा किया है कि उनकी ही पार्टी के तीन विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं. जो इस समय मुंबई में मौजूद हैं. कर्नाटक के जल संसाधन मंत्री डी के. शिवकुमार ने रविवार को कहा कि राज्य की गठबंधन (कांग्रेस- जेडीएस) सरकार को गिराने के लिए भाजपा का ‘ऑपरेशन लोटस’ वास्तव में चल रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के तीन विधायक मुंबई के एक होटल में भाजपा के कुछ नेताओं के साथ डेरा डाले हुए है.
कांग्रेस नेता शिवकुमार ने कहा, ‘राज्य में विधायकों की खरीद फरोख्त जारी है. हमारे तीन विधायक भाजपा के कुछ विधायकों और नेताओं के साथ मुंबई के एक होटल में हैं. वहां क्या कुछ हुआ है उन्हें कितनी रकम की पेशकश की गई है, उससे हम अवगत हैं.’ गौरतलब है कि 2008 में कर्नाटक में बीएस येदियुरप्पा नीत सरकार की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए भाजपा द्वारा कई विपक्षी विधायकों को कथित प्रलोभन दिए जाने को ‘ऑपरेशन लोटस’ के नाम से जाना जाता है.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/01/talk1.jpg450900Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-01-13 18:50:272019-01-13 18:50:30कर्नाटक सरकार के 3 एमएलए भाजपा के साथ :डी के शिवकुमार
सुषमा स्वराज ने कहा, आतंकवादी जिस नफरत की विचारधारा को प्रसारित करना चाहते हैं, उसकी हमारे समाज में कोई जगह नहीं है.
समरकंद (उज्बेकिस्तान): भारत ने रविवार को कहा कि वह अफगानिस्तान के आर्थिक पुन:निर्माण और युद्धग्रस्त क्षेत्र में ‘‘अफगान नीत, अफगान स्वामित्व वाली एवं अफगान नियंत्रित” शांति एवं सामंजस्य की समावेशी प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है. यहां ऐतिहासिक भारत-मध्य एशिया संवाद में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भारत के पक्ष को रखा जो आतंकवाद से बर्बाद देशों तक संपर्क बढ़ाने के साथ ही विभिन्न क्षेत्रीय मुद्दों पर ध्यान देता है. स्वराज ने संवाद के पहले सत्र में कहा, “मैं खासकर यह बताना चाहती हूं कि हमारा क्षेत्र आतंकवाद के गंभीर खतरों का सामना कर रहा है.
भारत, मध्य एशिया और अफगानिस्तान ऐसे समाज हैं जो सहिष्णु एवं मिश्रित हैं. आतंकवादी जिस नफरत की विचारधारा को प्रसारित करना चाहते हैं, उसकी हमारे समाज में कोई जगह नहीं है. ” उन्होंने कहा, “हमें यह भी पूछने की जरूरत है कि ये आतंकवादी कौन हैं, उनकी आर्थिक मदद कौन कर रहा है, उनका भरण-पोषण कैसे होता है, कौन उनका संरक्षण करता है और प्रायोजित करता है. ” भारत अफगानिस्तान को पुनर्निर्माण, अवसंरचना विकास, क्षमता निर्माण, मानव संसाधन विकास एवं संपर्क पर केंद्रित विकास कार्यों के लिए करीब तीन अरब डॉलर की आर्थिक मदद दे रहा है.
उन्होंने बताया कि सितंबर 2017 में शुरू की गई ‘नयी विकास साझेदारी’ के तहत काबुल शहर में शहतूत बांध पेयजल परियोजना, नांगरहार प्रांत में कम लागत का आवासन, 116 उच्च स्तरीय सामुदायिक विकास परियोजनाएं एवं अवसंरचना के कई अन्य परियोजनाओं पर काम किया जा रहा है.
स्वराज ने बताया कि भारत एवं मध्य एशियाई देशों के बीच इस विकासशील साझेदारी को आगे ले जाने के लिए भारत ने ‘भारत-मध्य एशिया विकास समूह’ के गठन का प्रस्ताव दिया है. साथ ही उन्होंने भारत, ईरान एवं अफगानिस्तान के संयुक्त प्रयास का उल्लेख किया जिससे ईरान में चाबहार बंदरगाह बन पा रहा है जो अफगानिस्तान से संपर्क का सुकर मार्ग है.
पहले भारत-मध्य एशियाई संवाद में शामिल होने के लिए स्वराज शनिवार को दो दिवसीय दौरे पर समरकंद पहुंची. रविवार को सुषमा स्वराज ने संवाद से इतर तुर्कमेनिस्तान के विदेश मंत्री रसित मेरेडो से मुलाकात की और विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की.
भारत तुर्कमेनिस्तान के साथ करीबी, दोस्ताना एवं ऐतिहासिक संबंध रखता है और दोनों देश महत्त्वकांक्षी टीएपीआई (तुर्कमेनिस्तान-अफगानिस्तान-पाकिस्तान-भारत) पाइपलाइन परियोजना का हिस्से हैं. इस परियोजना से भारत एवं पाकिस्तान की बढ़ती अर्थव्यवस्था को साफ ईंधन मिलेगा. साथ ही भारत के लिए ऊर्जा के क्षेत्र में लाभप्रद होगा.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/01/uzbek-foreign-minister-abdulaziz-kamilov-welcomes-772105.jpg600800Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-01-13 18:44:122019-01-13 18:44:15वादा किया है, उसे निभाएंगे और आपको बेहतर बनाएंगे: सुषमा स्वराज
पाकिस्तान में करोड़ों रुपये मूल्य की अपनी संपत्ति छोड़कर पंजाब पहुंचे 50 वर्षीय सरन सिंह ने कहा कि पाकिस्तान में उनके साथ दोयम दर्ज का व्यवहार किया जाता था. नरेन्द्र मोदी सरकार के नागरिकता संशोधन विधेयक से सुरवीर सिंह और पाकिस्तान तथा अफगानिस्तान के हजारों शरणार्थियों के मन में आस की उम्मीद फिर से जगी है
नई दिल्ली: अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न से परेशान होकर भागे सुरवीर सिंह को पहचान और आजीविका के दो पाटों के बीच पिसना पड़ रहा है. अपनी मातृभूमि भारत की नागरिकता के लिए आवश्यकताओं को पूरा करने और एक स्थिर नौकरी पाने के लिए उनकी दुविधा 27 साल बाद भी दूर होने का नाम नहीं ले रही है. चार सदस्यों के अपने परिवार के साथ अमृतसर में रहने वाले 33 वर्षीय सिंह ने कहा कि उसे अपनी मातृभूमि में रहने के लिए हर दूसरे महीने सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ते है. वर्ष 1992 में उसके माता-पिता के भारत आने का फैसला लेने से पहले सुरवीर सिंह का परिवार अफगानिस्तान के नंगरहार प्रांत में रहता था.
सोवियत संघ की वापसी और मुजाहिदीन के आगमन के बाद हिंदुओं और सिखों के अफगानिस्तान छोड़ने की एक लहर सी चली थी. परिवार का एकमात्र कमाने वाला होने के नाते सुरवीर सिंह कई तरह की नौकरियां करके अपनी आजीविका कमाते हैं. हालांकि उनका परिवार उसी समय भारत आया था और उनके परिवार के प्रत्येक व्यक्ति के पास अलग-अलग तारीखों में जारी किये गये वीजा और शरणार्थी प्रमाण पत्र हैं.
सिंह ने कहा कि क्योंकि उनकी नागरिकता का आवेदन नौकरशाही के चक्रव्यूह में फंस गया है और उन्हें अपने कागजातों को बनाये रखने के लिए नियमित रूप से सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने की आवश्यकता पड़ती है. उन्होंने कई राजनीतिक नेताओं से भारतीय नागरिकता हासिल करने की गुहार लगाई है लेकिन उन्हें आश्वासनों के अलावा कुछ नहीं मिला है. सुरवीर सिंह ने कहा,‘‘हर 12 महीनों में कागजातों की अवधि समाप्त होने के बाद, मुझे हर दो या तीन महीनों में इनके नवीनीकरण के लिए अपने परिवार के एक सदस्य के साथ नई दिल्ली जाना पड़ता है. ’’
उन्होंने कहा कि नौकरी तलाशना पहले से ही बहुत मुश्किल है क्योंकि कोई भी शरणार्थियों को रोजगार नहीं देना चाहता है. यहां तक कि अगर किसी को नौकरी मिलती है तो अक्सर उन्हें कम भुगतान किया जाता है और हर दूसरे महीने नई दिल्ली जाने की आवश्यकता की वजह से नियोक्ता नाराज हो जाते है और वे ऐसे कर्मचारियों की तलाश करते है जिन्हें कम छुट्टी की जरूरत होती है. हालांकि नरेन्द्र मोदी सरकार के नागरिकता संशोधन विधेयक से सुरवीर सिंह और पाकिस्तान तथा अफगानिस्तान के हजारों शरणार्थियों के मन में आस की उम्मीद फिर से जगी है.
यह प्रस्तावित विधेयक नागरिकता कानून 1955 में संशोधन के लिए लाया गया है. इस विधेयक के कानून बनने के बाद, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म के मानने वाले अल्पसंख्यक समुदायों को 12 साल के बजाय छह साल भारत में गुजारने पर और बिना उचित दस्तावेजों के भी भारतीय नागरिकता मिल सकेगी. सुरवीर सिंह ने कहा,‘‘मैं सरकार से इस विधेयक को जल्द से जल्द पारित करने का आग्रह करता हूं. ’’ उनकी तरह ही सरन सिंह ने कहा कि वह एक गरिमापूर्ण जीवन चाहते है.
पाकिस्तान में करोड़ों रुपये मूल्य की अपनी संपत्ति छोड़कर 1999 में अपने परिवार के साथ पंजाब पहुंचे 50 वर्षीय सरन सिंह ने कहा कि पाकिस्तान में उनके साथ दोयम दर्ज का व्यवहार किया जाता था. वह पाकिस्तान की खैबर एजेंसी में रहते थे जहां आतंकवाद और धार्मिक उत्पीड़न जोरों पर था. उन्होंने कहा कि आतंकवादी प्राय: उन्हें बाध्य किया करते थे कि यदि वे जीवित रहना चाहते हैं तो उनका परिवार इस्लाम कबूल कर ले.
इसलिए कई महिलाओं का अपहरण कर लिया गया और उन्हें जबरन इस्लाम कुबूलवाया गया. सरन ने कहा,‘‘कोई भी हमारी बेटियों और बेटों से शादी नहीं करना चाहता क्योंकि जब उन्हें पता चलता है कि हम पाकिस्तान से है तो वे हमे संदेह की नजर से देखते है. लोग कहते हैं कि आपके पास भारतीय नागरिकता नहीं है, अगर सरकार आपको निर्वासित करने का फैसला करती है तो क्या होगा? शादी का क्या होगा?’’
उन्होंने कहा,‘‘हम पाकिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न से बचकर अपनी मातृभूमि भारत पहुंचे लेकिन यहां हम लाल फीताशाही और नौकरशाही की बाधा में फंस गये. कभी-कभी अधिकारी हमें अपने पाकिस्तानी पासपोर्ट को नवीनीकृत करने के लिए कहते हैं जिसके लिए हमें पाकिस्तान जाने और जारी किए गए कागजात प्राप्त करने के लिए अपने जीवन को जोखिम में डालना पड़ता है. ’’
सरन ने कहा,‘‘जब हम पाकिस्तान में रह रहे थे तो स्थानीय लोगों का कहना था कि आप पाकिस्तानी नहीं हूं क्योंकि आप हिंदू और सिख हो और आपको अपने देश जाना चाहिए. भारत में रहने के दौरान लोग कहते हैं कि आप पाकिस्तान से हो. ’’ उन्होंने सरकार से उन्हें जल्द से जल्द नागरिकता दिये जाने का अनुरोध किया.
सरन ने कहा,‘‘हमें अपने दैनिक जीवन में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है क्योंकि किसी भी काम के लिए आधार कार्ड और मतदाता पहचान पत्र की जरूरत होती है. ’’ उन्होंने दावा किया कि कागजातों के नहीं होने के कारण कई शरणार्थी अपने बच्चों को शिक्षित भी नहीं कर पाते है.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/01/55891b417c034.jpg480800Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-01-13 18:34:572019-01-13 18:35:00नागरिकता संशोधन विधेयक से पाक हिंदुओं सिखों में बंधी सम्मानजनक जीवन की आस।
केंद्रीय मंत्री विजय गोयल की ओर से आयोजित एक समारोह में सिख विरोधी दंगा पीड़ितों के पक्ष में फूलका की कानूनी लड़ाई के लिए रविवार को सम्मानित किया गया.
नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी के पूर्व विधायक एवं अधिवक्ता एच एस फूलका ने केंद्र में सत्तारूढ़ BJP के विधायकों के साथ अपनी ‘‘नजदीकियां’’ स्वीकार की है लेकिन किसी भी राजनीतिक दल में शामिल होने से रविवार को इंकार कर दिया. दरअसल, केंद्रीय मंत्री विजय गोयल की ओर से आयोजित एक समारोह में सिख विरोधी दंगा पीड़ितों के पक्ष में फूलका की कानूनी लड़ाई के लिए रविवार को सम्मानित किया गया. इस कार्यक्रम में गोयल ने कहा कि भाजपा के दरवाजे सभी “अच्छे” लोगों के लिए खुले हैं. फूलका का बयान इसके बाद आया है.
वरिष्ठ अधिवक्ता ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘सिख विरोधी दंगों के पीड़ितों के लिए संघर्ष में भारतीय जनता पार्टी ने हमेशा हम लोगों का समर्थन किया. मैं कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद और गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मिला और उन्होंने मेरे रूख का समर्थन किया.’ उन्होंने, हालांकि, भाजपा में शामिल होने की अटकलों से इंकार कर दिया.
फूलका ने कहा, ‘‘मैं किसी राजनीतिक दल में शामिल नहीं हो रहा हूं.’ गोयल ने फूलका को ‘‘अच्छा आदमी’’ तथा अपना मित्र बताया और कहा कि उन्होंने 1984 के सिख विरोधी दंगा पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष किया. उन्होंने कहा, ‘‘यह कोई मायने नहीं रखता है कि वह आम आदमी पार्टी से जुड़े थे. वह एक अच्छे व्यक्ति हैं जिन्होंने अच्छा काम किया है. यही कारण है कि हम उन्हें सम्मानित कर रहे हैं. लोग मुझसे पूछते हैं कि क्या वह मेरी पार्टी में शामिल होंगे. भाजपा चाहती है कि सभी अच्छे लोग पार्टी में शामिल हों.’
फूलका ने इस महीने की शुरूआत में आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. फूलका ने इसके लिए कोई कारण नहीं बताया. इन अटकलों के बीच कि वह भाजपा में शामिल हो सकते हैं, फूलका ने चार जनवरी को गोयल से उनके जन्मदिन पर उन्हें बधाई देने के लिए उनसे मुलाकात की थी. आम आदमी पार्टी से फूलका के इस्तीफे के बारे में गोयल ने कहा, ‘‘उन्होंने हाल ही में आप छोड़ी है. देर आयद दुरूस्त आयद.’
आप छोड़ने के लिए फूलका ने कोई कारण नहीं बताया था. उन्होंने पंजाब में गैर सरकारी संगठन चलाने की इच्छा जाहिर की थी. उनके बारे में माना जा रहा है कि वह आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच किसी प्रकार के गठजोड़ के भी खिलाफ थे. सूत्रों ने यह भी दावा किया कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लिये जाने की मांग के आप के रुख से भी फूलका नाराज थे.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/01/337471-334580-h-s-phoolka.jpg545970Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-01-13 18:15:012019-01-13 18:17:28भाजपा से सम्मानित एचएस फूलका ने किसी भी राजनैतिक दल में जाने की बात नकारी
Special drive against consuming liquor at public place was carried out at different parts of the city in which total 03 cases U/S 68-1 (B) Punjab Police Act 2007 & 510 IPC got registered.
In continuation of a special drive against consuming liquor at public place, yesterday, the drive was carried out at different parts of the city. Under this drive total 03 different cases U/S 68-1(B) Punjab Police Act 2007 & 510 IPC got registered in different police stations of Chandigarh in which total 03 persons were arrested while consuming liquor at public place. All later on bailed out. The detail of police Stations in which cases U/S 68-1 (B) Punjab Police Act 2007 & 510 got registered:- PS-19= 1 case, PS-IT Park = 1 case, PS-49= 1 case. This drive will be continuing in future, the general public is requested for not breaking the law.
One arrested under NDPS
Chandigarh Police arrested Sourab R/o # 166, Upper Mohalla,Kalka, Distt.-Panchkula, Haryana near Shastri Nagar Light Point, Chandigarh and recovered 20 gram heroin from his possession on 12.01.2019. A case FIR No. 12, U/S 21 NDPS Act has been registered in PS-IT Park, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.
One arrested for possessing illegal liquor
A case FIR No. 03, U/S 61-1-14 Excise Act has been registered in PS-49, Chandigarh on the complaint of SI. Ranjit Singh of Traffic Staff against Manminder Singh R/o Village-Dharamgarh, PS-Almoh, Distt.-Fatehgarh Sahib, Punjab who was caught on drunken naka near sector 46/47/48/49 light point while illegally possessing 132 bottles of Whisky and 24 bottles of beer in white Maruti Car No. PB-48D-4017 on 11.01.2019. Accused arrested and bailed out. Investigation of the case is in progress.
Action against violation of orders of DM, UT, Chandigarh
A case FIR No. 16, U/S 188 IPC has been registered in PS-03, Chandigarh against Mahboob Khan R/o # 269, Sector-78, Distt.-Mohali, Punjab who did not give servant information to local police at SCO No.28-30, Sector-9/D, Chandigarh and violated the orders U/S 144 Cr.P.C of DM, UT, Chandigarh. Accused arrested and bailed out.
Missing/abducted
A person resident of Village-Dhanas, Chandigarh alleged that unknown person abducted his daughter age about 14 years from near his residence on 05.01.2019. A case FIR No. 09, U/S 363 IPC has been registered in PS-Sarangpur, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.
A lady resident of Sector-12, Chandigarh alleged that Goldie R/o Distt.-Patiala, Punjab abducted his daughter age about 17 years from near her residence on 06.01.2018. A case FIR No. 20, U/S 363, 366 IPC has been registered in PS-34, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.
Theft
A lady resident of Sector-12, Chandigarh reported that unknown girl stolen away complainant’s bag containing Cash Rs. 20,000, 02 diamond rings, 01 diamond bracelet, 01 diamond pendent and 01 small valet from Social Club, Sector-07, Chandigarh on 12.01.2019. A case FIR No. 14, U/S 379 IPC has been registered in PS-26, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.
Forgery
A case FIR No. 11, U/S 465, 467 IPC has been registered in PS-39, Chandigarh on the complaint of SI. Tulsi Ram, I/C Fro Branch against Mr. Festus Benson Onwuchuruba, R/o # 86, Robotsun Avenue, Distt Town Bujumbura, Republic of Berundi, Nigeria who is undergoing sentence in Burail Jail, Chandigarh in NDPS Case. The passport was recovered from his possession by the NCB Authority, which was handed over to FRO Branch by the NCB, CZU, Chandigarh and during verification, the same has been found fake. He presented his fake Berundi passport to NCB, Chandigarh. After taking legal opinion the above said FIR has been registered against him. Investigation of the case is in progress.
Cheating
Raman R/o # 1633, Adarsh Nagar, Village-Naya Gaon, Chandigarh reported that 02 unknown persons occupant of white activa scooter took mobile phone from complainant for making an urgent phone call but they sped away after taking mobile phone on activa scooter by cheating near sector-20/21 dividing road, Chandigarh on 12.01.2019. A case FIR No. 07, U/S 420 IPC has been registered in PS-19, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/12/Chandigarh-Police-Coaching-in-Chandigarh.jpg319889Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-01-13 15:07:312019-01-13 15:07:34Police File
सपा-बसपा के गठबंधन को लेकर आजाद ने कहा- हमने गठबंधन नहीं तोड़ा, हम सबसे बात करने के लिए तैयार थे
उन्होंने कहा- 2009 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उप्र में नम्बर 1 पार्टी बनी थी, इस बार दोगुनी सीटें जीतेंगे
राहुल गांधी ने शनिवार को कहा था- हम यूपी में पूरे दम से लड़ेंगे
माया अखिलेश तो वैसे भी अमेठी रायबरेली में चुनाव नहीं लड़ते, उनका सीट छोडना न छोडना एक बराबर है।
कांग्रेस 80 सीटों पर इस लिए लड़ रही है क्योंकि अखिलेश माया का पता ही नहीं कि वह चुनाव लड़ भी रहे हैं कि नहीं।
समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन में शामिल न होने के बाद कांग्रेस ने अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है. रविवार को पार्टी प्रदेश मुख्यालय पर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी गुलाम नबी आजाद, प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर समेत प्रदेश के शीर्ष नेताओं ने बैठक की. इस दौरान गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हम कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में पूरी शक्ति से अपनी विचारधारा का पालन करते हुए यह चुनाव लोकसभा लड़ेंगे और भारतीय जनता पार्टी को पराजित करेंगे. हम उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. हमारी तैयारी पूरी है. नतीजे चौंकाने वाले होंगे.
उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया जानती है कि संसद की लड़ाई बीजेपी और कांग्रेस के बीच है. हम उन दलों का समर्थन जरूर लेंगे जो हमारी मदद करेंगे. इस लड़ाई में हम उन तमाम दलों का सम्मान करते हैं जो इस लड़ाई में आगे बढ़ेंगे. बीजेपी और कांग्रेस के बीच सिद्धांतों की लड़ाई है. यह कोई व्यक्तिगत लड़ाई नहीं है यह भारत को एक रखने की लड़ाई है. देश मजबूत तब होगा जब सरकार पर सभी समुदाय, सभी वर्गों का विश्वास और भरोसा हो. पार्टी वह होती है जो अपनी पार्टी का नुकसान झेल ले, लेकिन राष्ट्र का नुकसान ना झेले.
गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस के इतिहास को बताते हुए कहा कि लोगों ने कुर्बानियां देकर भारत को स्वतंत्र कराया है. आजादी के बाद पहली कांग्रेस सरकार ने सबसे पहला काम सैकड़ों टुकड़ों में बंटे देश को इकट्ठा करके भारत बनाने का किया. पंडित नेहरू की सरकार ने संविधान बनाया और सभी धर्मों को बराबर अधिकार दिए. उन्होंने कहा कि हमने आजादी से पहले भी किसानों, दलितों, गरीबों, महिलाओं के लिए काम किया और आजादी के बाद भी हमने उन्हें बुनियादी सुविधाओं के साथ सामाजिक अधिकार दिया.
सवाल: मायावती ने कहा कि कांग्रेस के साथ गठबंधन करना बेकार है? गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हर आदमी का अपना विचार होता है और मैं किसी का विचार नहीं बदल सकता हूं। यह बात हमारे संविधान में भी है कि हर आदमी को विचार रखने की छूट है। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी का इतिहास रहा है और अगर किसी की पार्टी का है तो वह भी बताएं। वह बताएं कि वर्ष 85 से उनकी पार्टी कहां थी और उनका क्या योगदान है।
सवाल: क्या शिवपाल और अजित सिंह के साथ गठबंधन करेंगे? गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हमारी पार्टी तीन-चार सालों से कह रही है बीजेपी को हराने के लिए जो दल हमारे साथ आना चाहता है उसका स्वागत है। उन्होंने कहा कि कोई पार्टी गठबंधन में आना चाहती है तो उसका स्वागत है। एलान के बाद पार्टियां खुद से आती है और ये बातें मीडिया से नहीं होती है।
सवाल: क्या माया और अखिलेश चुनाव लड़ेंगे तो कांग्रेस उम्मीदवार उतारेगी? गुलाम नबी आजाद ने कहा कि रायबरेली औँर अमेठी में सपा-बसपा वैसे भी उम्मीदवार नहीं उतारती है। उन्होंने कहा कि अभी तो यह भी नहीं पता है कि मायावती और अखिलेश यादव लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे या नहीं।
सवाल: आपको तीसरे मोर्चो की संभवाना लगती है और ऐसा हुआ तो प्रधानमंत्री कौन होगा? गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पहले बीजेपी चुनाव हार जाए फिर दखेंगे। उन्होंने कहा कि अगर कोई चेहरा प्रधानमंत्री के समकक्ष होगा तो फिर देखेंगे।
सवाल: मायावती ने कहा है कि अगर EVM पर सवाल उठे तो आंदोलन करेंगे? इसमें आपका क्या स्टैंड है? गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हम कई साल कह रहे हैं और ईवीएम में शिकायतें मिल रही है। हम शिकायत लेकर चुनाव आयोग के पास भी गए। हमारी तो मांग है कि 30 प्रतिशत चुनाव बैलेट पेपर से होने चाहिए।
भाजपा पर किसानों का उत्थान न करने का आरोप लगाते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने जो वादे किए थे, वह हमने पूरे किए. कर्नाटक, पंजाब, मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में किसानों का कर्ज माफ किया.
एक बात तो तय है कि सभी दल पूरे दम खम से अपनी अपनी लड़ाई लड़ेंगे लेकिन ज्यों ही नतीजे आएंगे तो यही एक दूसरे के खिलाफ लड़ने वाले चुनाव पश्चात गठबंधन बना लेंगे। यही इनकी सच्चाई है ओर यही इनकी नीयति
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/01/akh.jpeg347618Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-01-13 10:07:412019-01-13 10:07:4380 के 80 पर लड़ेगी कांग्रेस
इतिहास ने कितने ही ऐसे नामों को संजोया जो हमें हमारे होने पर मान करवाते हैं। एक इतिहास है जो किताबों में लिखा गया और पाठशालाओं में हमने पढ़ा, और एक इतिहास वो जो लोगों के दिलों में रचा बसा, दादी नानी की कहानियों में, गावों से शहरों तक आये लोक गीतों में झूमता-डोलता है। कितने ही वीर सूरमा, कितने प्यार के परवाने, कितने भक्ति में डूबे दीवाने, कितने हंसी-ठट्ठा करते-कराते शेख़चिल्ली, कितने दानी धीर-वीर, सदियों से दिनों-दिन बदलते समाज के ढाँचे में लगे ईंट-पत्थर के समान उसकी सांस्कृतिक इमारत को बुलंद रखे हुए, बने हैं इन्हीं गीतों-कहानियों के ज़रिये हमारी आत्मा के प्रबल सम्बल। जिस समाज की कहानियाँ जितनी पुरानी हैं, उतनी ही गहरी है उसके शीलाचार, शिष्टाचार एवं सिद्धांतों की नींव। समय की आँधियाँ उस समाज के लोगों की प्रतीक्षित परीक्षाएं ही तो हैं। अपने बड़े-पुरखों की कहानियों में रचित जिजीविषा से प्रेरित वह समाज नयी कहानियाँ रचता है, परन्तु कभी समाप्त नहीं होता, बल्कि नया इतिहास बनाता है – पुरानी कहानियाँ-गीत संजोता है, और नए नए विचार गुनता है।
ऐसी ही भाग्यशाली शगुनों के ख़ुशी-भरे नाच-गानों में संजोयी एक खूबसूरत कहानी है, वीर सूरमा ‘दुल्ला भट्टी’ की जो लोहड़ी (मकर संक्रांति) के शुभ त्यौहार के दिन उत्तर भारत में घर-घर में न सिर्फ़ गायी जाती है, अपितु नाची भी जाती है। राय अब्दुल्लाह खान लोक-वाणी में ‘दुल्ला भट्टी’ नाम से प्रचलित हैं। हम में से कितनों की ज़बान पर यह नाम बिना इसकी सही जानकारी के लोहड़ी त्यौहार के प्रचलित लोक गीत में थिरकता है कि यह एक श्रद्धांजलि है एक ऐतिहासिक राजपूत वीर को जिसने सम्राट अक़बर के समय छापामार युद्ध किये, और आततायियों की सतायी कितनी ही स्त्रियों के जीवन पुनः बसाये।
पंजाब में फ़ैसलाबाद के पास के संदलबार इलाक़े में जन्मे दुल्ले की माँ का नाम लड्डी और पिता का नाम फ़रीद खान था, दादा थे संदल खान। ‘संदलबार’ (संदल की बार) का इलाका उन्ही संदल खान के नाम से पड़ा, रावी और चनाब नदियों के बीच का यह इलाक़ा अब पाकिस्तान में है और यहीं मिर्ज़ा-साहिबां की अमर प्रेमगाथा भी प्रसिद्ध हुई। दुल्ला के दादे-नाने यहीं संदलबार में पिंडी भट्टियाँ के राजपूत शासक थे। मुग़लों के शासन काल में पिंडी भट्टियां के राजपूत लड़ाकों नें विद्रोह करते हुए कर देना बंद कर दिया व मुगल सैनिकों से छापामार युद्धों की शुरुआत की। इस विद्रोह को डर से कुचलने के लिए पकड़े गए विद्रोहियों को मारकर उनकी मृत लाशों की चमड़ी उधड़वा, उनमें भूसा भर कर गावों के बाहर लटकाया गया, इन्हीं में दुल्ले के पिता और दादा भी थे। पंजाबी लोकगीतों ‘दुल्ले दी वार’ और ‘सद्दां’ में दुल्ले की यह गाथा मिलती है । इस शहादत के बारे में ‘सद्दां’ में ऐसे लिखा गया है –
दुल्ला, जिसका कि जन्म इस घटना के बाद हुआ, ओजस्वी अनख वाली राजपूत माँ का पुत्र था जिसके बारे में एक कहानी यह भी है कि अक़बर का पुत्र सलीम भी उसी समय के दौरान पैदा हुआ किन्तु वह एक कमज़ोर शिशु था, और अक़बर की आज्ञा से पिंडी भट्टियां की लड्डी को सलीम को दूध पिलाने की दाई रखा गया। क़रीब 12-13 वर्ष तक सलीम और दुल्ला इकट्ठे पले-बढ़े, एक ही दाई माँ की परवरिश में। लड्डी को जब उसकी इस सेवा से निवृत किया गया, और जब वह वापिस पिंडी भट्टियाँ आयी तो उसने दुल्ले को उसके पिता-दादा की शूरवीरता की कहानियाँ सुनाई, और उनके हश्र की भी। ज़ाहिर है कि उन दोनों के वापिस आने पर गाँव के बड़े-बूढ़ों की जुबां पर भी यही वीर-गाथाएं दिन-रात थिरकती रहती होंगी। दुल्ला ने अपने अंदर के दावानल को मुगलों की ताक़त के ख़िलाफ़ पूरे वेग से लगा दिया। दुल्ला ने फिर से अपने लोगों को इकट्ठा कर एक बार पुनः विद्रोह को जमाया, छापामार युद्ध किये, राजसी टोलों को लूट कर, लूट के धन को जनता में बांटा, संदलबार में लोगों ने फिर से ‘कर’ देना बंद कर दिया। कहानी है कि विद्रोह इस हद तक बढ़ा और फैला कि मुगलों को अपनी शहंशाही राजधानी दो दशकों तक लाहौर बनानी पड़ी।
यह राजपूत वीर सूरमा न सिर्फ़ राज-विद्रोह के लिए लोगों के मन में बसा, बल्कि इसने उस समय के समाज में हो रही स्त्रियों की दुर्दशा के ख़िलाफ़ ऐसे कदम उठाये जो कि उसको एक अनूठे समाज सुधारक की श्रेणी में ला खड़ा करते हैं। पंजाब की सुन्दर हिन्दू लड़कियां जिन्हें ज़बरन उठा लिया जाता था और मध्यपूर्वी देशों में बेच दिया जाता या शाही हरम के लिए या मुग़ल ज़मींदारों के लिए, दुल्ले ने उनको न सिर्फ़ आततायियों से छुटकारा दिलवाया बल्कि उनके एक नयी रीति से विधिपूर्वक विवाह भी रचाये। सोचिये, हम बात कर रहे हैं सोहलवीं सदी की – जिन लड़कियों को छुड़वाया गया, उनके दामन दाग़दार, इज्ज़त रूठी हुई , आबरू के आँचल कमज़ोर, झीने और ज़ार ज़ार थे। ऐसे में अत्याचारियों से छुड़वा कर उनको उनके घर वापिस ले जाना कैसे सम्भव हुआ होगा? कौन-सा समाज ऐसी कुचली हुई दुखी आत्माओं के लिए भूखे भूतों का जंगल नहीं है? ये सभी माँएं, बहनें, बेटियां उन सभी रिश्तों को खो तब किस हश्र के हवाले थी? लेकिन दुल्ले ने उसी समाज में से ऐसे ऐसे सुहृदय पुरुष ढूँढ निकाले जिन्होंने इन स्त्रियों को सम्बल दिया, घर-परिवार व सम्मान दिया और विवाहसूत्र में उनके साथ बंध गये।
ये सभी बनी दुल्ले की बेटियां – किसी पंडित के न मिलने पर हिन्दू विवाह की रीति निभाने के लिए शायद ‘राइ अब्दुल्लाह खान’ उर्फ़ मुसलमान राजपूत दुल्ला भट्टी ने स्वयं ही अग्नि के आस पास फेरे दिलवा, आहुति डाल उनके विवाह करवाये, न जाने कितनी ऐसी बेटियों का कन्यादान दिया, उनका दहेज बनाया जो एक सेर शक्कर के साथ उनको दिया जाता और इन विवाहों की ऐसी रीति बना दी कि दुल्ले के करवाये इन्ही विवाहों की गाथा आज हम लोहड़ी के दिन ‘जोड़ियां जमाने’ के लिए गाते हैं, विवाहों में समन्वय और ख़ुशी के संचार के लिए अग्नि पूजा करके गाते और मनाते हैं। –
12000 सैनिकों की सेना से युद्ध के बावजूद जांबाज़ दुल्ला को पकड़ न पाने पर धोखे से उसे या ज़हर दे कर मार देने का उल्लेख है, या बातचीत का झांसा दे दरबार बुला कर गिरफ़्तार कर जनता के सामने कोतवाली में फांसी दिए जाने का। धरती के इस सच्चे सपूत के जनाज़े में सूफ़ी संत शाह हुसैन ने भाग लिया और अंतिम दफ़न का काम पूर्ण किया, दुल्ला भट्टी की क़ब्र मियानी साहिब कब्रिस्तान (लाहौर, पंजाब, पाकिस्तान) में है। आज भी इस दरगाह पर फूल चढ़ते हैं।
उत्तर भारत में लोहड़ी का त्यौहार जो मकर संक्रांति की पूर्व संध्या का उत्सव है दुल्ले की याद की अमरता से जुड़ा है। अब जब हर साल लोहड़ी पर अग्नि में आशीर्वाद के लिए मूंगफली और फुल्ले डालें, उसके फेरे लें और “सुन्दर मुंदरिये” पर नाचते गाते बच्चों के थाल भरेंगे तो मन में इस अनूठे समाज सुधारक वीर सूरमा दुल्ला भट्टी को भी याद कर नमन करें और स्वयं भी अच्छे कर्म करने का संकल्प लें।
************************************************************************ लोकगाथाओं के सही सही काल का पता लगाना अक्सर मुश्किल होता है। समय की अनेकानेक परतों से गुज़रती यह गाथाएं कहीं कहीं कल्पनाशील अतिश्योक्तियों से पूर्ण भी होती हैं। मैं कोई शोधकर्ता नहीं, किन्तु जीवन और संस्कृति के प्रति जिज्ञासु ज़रूर हूँ। राय अब्दुल्लाह खान भट्टी की इस कथा के जालघर पर कोई २-४ वर्णन मिलते हैं। सन १९५६ में “दुल्ला भट्टी” नामक एक पंजाबी चलचित्र में भी यह कहानी दर्शायी गयी है। मेरा यह लेख इन्ही सूत्रों से प्रेरित है, हाँ, इसमें मामूली सी कल्पना की छौंक मेरी भी है, जो बस इस जोशभरी कहानी को जान लेने के बाद आयी एक स्वाभाविक उत्सुकता है जिसको सांझा करना सही समझती हूँ। कहीं उल्लेख है कई स्त्रियों के विवाह का, कहीं सिर्फ़ एक का, कहीं बताया है के ‘सुन्दर मुंदरिये’ गीत दुल्ले ने ही गाया। कहीं अक़बर की राजधानी दिल्ली से लाहौर ले जाने की बात है – जो कि लिखित इतिहास के अनुसार न कभी दिल्ली थी और न ही कभी लाहौर! तो ख़ैर, लेख लिखते समय मेरे लिए शायद यह एक बहुत ही बड़ी बात थी कि जिस गीत को मैं बचपन से गाती आ रही हूँ लोहड़ी पर वह उस वीर सुरमा की शौर्य गाथा है न कि कोई शादी का ‘दूल्हा’!! मेरा बाल-मन बस उछल उठा ‘दुल्ला भट्टी’ के कारनामों को पढ़ के और देख के, और अब आप से सांझा कर के। साभार: विभा चसवाल
लोहड़ी के लोक गीत
सुन्दर मुंदरिये,— हो तेरा कौन विचारा,— हो दुल्ला भट्टीवाला, —हो दुल्ले धी व्याही, —-हो सेर शक्कर पायी,— हो कुड़ी दा लाल पताका,—- हो कुड़ी दा सालू पाटा,—- हो सालू कौन समेटे,—- हो मामे चूरी कुट्टी, —-हो, जिमींदारां लुट्टी, —- हो ज़मींदार सुधाये, —-हो गिन गिन पोले लाए, — हो इक पोला घट गया! —-हो ज़मींदार वोहटी ले के नस गया—-हो इक पोला होर आया —-हो ज़मींदार वोहटी ले के दौड़ आया—-हो सिपाही फेर के ले गया,—–हो सिपाही नूं मारी इट्ट —-हो भावें रो ते भावें पिट्ट। —-हो
साहनूं दे लोहड़ी, तेरी जीवे जोड़ी! साहनूं दे दाणे तेरे जीण न्याणे!!
‘पा नी माई पाथी तेरा पुत्त चढ़ेगा हाथी हाथी उत्ते जौं तेरे पुत्त पोते नौ! नौंवां दी कमाई तेरी झोली विच पाई टेर नी माँ टेर नी लाल चरखा फेर नी! बुड्ढी साह लैंदी है उत्तों रात पैंदी है अन्दर बट्टे ना खड्काओ सान्नू दूरों ना डराओ! चार क दाने खिल्लां दे पाथी लैके हिल्लांगे कोठे उत्ते मोर सान्नू पाथी देके तोर!
जहां से लोहड़ी मिल जाती थी वहाँ कंघा बी कंघा एह घर चंगा
और जहां से ना मिले
हुक्का बी हुक्का एह घर भुक्खा
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/01/15_59_126282610lohri-1-ll-1.jpg400600Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-01-13 06:01:242019-01-13 06:01:27लोहड़ी पर्व: राय अब्दुल्लाह खान जिसकी स्मृति में हम नाचते गाते हैं
विशेषः आज पश्चिम दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर रविवार को पान खाकर लाल चंदन, गुड़ और लड्डू का दान देकर यात्रा करें।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/12/Hindu-Panchang-1.jpg388997Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-01-13 02:34:072019-01-13 02:34:09आज का पांचांग
13 जनवरी 2019: आज आप अपने भाषाई ज्ञान को बढ़ाने के लिए किसी अनुभवी व्यक्ति से सहयोग की अपेक्षा में होगे। आप देखेंगे कि आज कुछ तकनीक स्तर को उच्च करने की जरूरत है। वैसे व्यवसाय को बढ़ाने में आज अधिक धन खर्च करना होगा। स्थानीय बाज़ार में बढ़ती हुई प्रतिस्पर्धा से निपटने की आज भी चुनौती है।
13 जनवरी 2019: आज आप बेटे व बेटी को जहाँ पढ़ाने लिखाने के लिए भरपूर प्रयास जारी रखेंगे। वहीं आमदनी को उच्च करने के लिए भी तैयार होगे। वैसे इन कामों को करने में पहले आपको कुछ कठिनता का एहसास होगा। किन्तु ग्रहीय स्थिति से फिर सरलता होगी। व्यवसाय में बढ़त होगी। प्रेम संबंधों में सुखद स्थिति कुछ प्रयासों से होगी।
13 जनवरी 2019: आज आप अपने निवास स्थान की सुन्दरता को बढ़ाने के लिए तत्पर होगे। आप देखेंगे कि आज भौतिक सुख के साधनों को घर में लाना जरूरी हो गया है। यदि आप व्यवसाय करते हैं। तो आज अधिक सफलता की स्थिति होगी। किन्तु धन खर्च अधिक होगा। आज आपका स्वास्थ्य बढ़िया होगा। जिससे कामों में बाधा नहीं होगी।
13 जनवरी 2019: आज आप अपने पराक्रम को बढ़ाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ने वाले हैं। जिससे आगामी प्रतियोगी क्रीड़ा के क्षेत्रों में आपको बढ़त अर्जित हो सके। आज आप अपने परिवारिक जीवन में तालमेल को बढ़ाने के लिए तैयार होगे, आप देखेंगे कि भौतिक सुख के साधनों का लाभ हो रहा है। नौकरी में चिंता होगी।
13 जनवरी 2019: आप आज किसी भूमि को खरीदने के लिए लोगों से कुछ पूंछ-ताँछ करते हुए दिखेंगे। आप इस बात को लेकर काफी सजग होगे। कि मेहनत की कमाई कहीं विवादों में न फंस जाएँ। नौकरी के क्षेत्रों को आप परिवर्तित करने के लिए कुछ नए कदम उठाना चाहेंगे। आज आपके धन में अधिक व्यय होगा। जिससे आप परेशान होगे
13 जनवरी 2019: आज आप अपने आगामी कल को सुखद व सुन्दर बनाने के लिए कुछ नई योजनाओं को अमल में लेना चाहेंगे। जिससे समय रहते धन लाभ को अर्जित किया जा सके। आज आपका स्वास्थ्य सुखद व सुन्दर होगा। जिससे आप अपने कामों को पहले की तरह सामान्य रूप से करते होगे। प्रेम संबंध मधुर होगे।
आज के दिन को आप अपने लिए हित वर्धक बनाने के लिए सक्रिय होगे। जिससे आने वाले दिनों में आपको व्यवसायिक मुनाफा होगा। अपने प्रेम संबंधों में निकटताओं को बढ़ाना चाहेंगे। किन्तु समय का आभाव होने से आज यह कुछ कठिन सा होगा। धन में व्यय की स्थिति तेज होगी। जिससे आप कुछ परेशान हो सकते हैं।
13 जनवरी 2019: आज आप अपने आजीविका के क्षेत्रों में पहले की ही तरह सामान्य से रूप से काम करते होगे। आप देखेंगे कि आज आपके लाभ की स्थिति और मज़बूत हो रही है। किन्तु आज पिछली देन-दारी को चुकाने के लिए आपको अधिक धन व्यय करना होगा। प्रेम संबंधों में आज हंसी खुशी होगी। सांस की व रक्त पीड़ाएं होगी।
13 जनवरी 2019: आज आप अपने काम-काजी जीवन में कुछ नयापन लाने के लिए तत्पर होगे। आप बढ़ती हुई प्रतिस्पर्धा का सामना करने के लिए तैयार तो होगे। किन्तु कुछ लोगों के कपट व्यवहार के कारण आपके यह प्रयास प्रभावित हो सकते है। स्वास्थ्य अच्छा होगा। प्रेम संबंधों में मधुर संवाद की स्थिति मज़बूत होगी।
13 जनवरी 2019: आज आप अपने औषधीय ज्ञान को आगे बढ़ाने के लिए कुछ अनुभवी लोगों से चर्चाएं तेज कर देंगे। आपका स्वास्थ्य वैसे आज अच्छा होगा। जिससे आपके काम पहले की ही तरह होते रहेंगे। किन्तु संतान पक्ष को पढ़ाने-लिखाने की चिंताएं होने से आप कुछ अप्रसन्न हो सकते हैं। प्रेम संबंधों में चिंताएं होगी।
13 जनवरी 2019: आज आप अपने कामों को तेजी देने के लिए कुछ कर्मचारियों की नियुक्ति करना चाहेंगे। इस काम में आपको पूरी सावधानी की जरूरत होगी। वैसे आज आपके पराक्रम व साहस में बढ़त की स्थिति होगी। स्वास्थ्य सुखद बना रहे, इसके लिए आप रोज कुछ व्यायामों को करने में दिलचस्पी दिखा देंगे। प्रेम संबंध तनाव मे होगे।
13 जनवरी 2019: आज आप अपने शादी-शुदा जीवन में रौनकता को बढ़ाने के लिए भरपूर प्रयास करते हुए होगे। जिसमें आपको सफलता प्राप्त होगी। आज आपके व्यवसाय में बढ़त की स्थिति और बढ़िया होगी। स्वाथ्य सामान्य होगा। किन्तु भूमि के मामलों में चिंताएं उभर सकती है। कुछ कपटी लोग आपको अधूरी जानकारी देंगे।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/12/rashifal.jpg476715Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-01-13 02:29:202019-01-13 02:30:20आज का राशिफल
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