चिरंजीव को जन्मदिवस की बधाई

हरियाणा युवा कंग्रेस्सी नेता कर्मवीर सोनी ने राष्ट्रीय सचिव भारतीय यूथ कांग्रेस चिरंजीव राव को जन्म दिवस की बधाई दी

जाट आरक्षण देशव्यापी मुद्दा: मालिक

 

चंडीगढ,2जून:

जाट आरक्षण का मुद्दा अभी सुप्रीम कोर्ट और पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में अटका है। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति की राय में सरकार द्वारा असरदार पैरवी न करने के कारण जाट आरक्षण के पक्ष में फैसला नहीं हो पा रहा। हरियाणा के रोहतक जिले के जसिया में शनिवार को आयोजित जाट महासम्मेलन में इस स्थिति के लिए सरकार को जिम्मेदार मानते हुए रोष प्रकट किया गया और आरक्षण आंदोलन को देशव्यापी बनाने का फैसला किया गया।

महासम्मेलन में जो रणनीति तय की गई उसके अनुसार आगामी 15 जून से 15अगस्त तक हरियाणा में जिला सम्मेलन आयोजित कर पिछडे,दलित व किसान संगठनों को जोडा जाएगा और आंदोलन की जिलेवार जिम्मेदारी तय की जाएगी। जिला स्तर पर सम्मेलन से पहले गांव,हल्का,ब्लाॅक और तहसील स्तर पर भी कार्यक्रम आयोजित किए जायेंगे। संघर्ष समिति इस तरह आंदोलन के लिए जनाधार जुटायेगी। इस जनसमर्थन से आगामी 16अगस्त से हरियाणा के मुख्यमंत्री और मंत्रियों के कार्यक्रमों का विरोध किया जाएगा। जहां भी मुख्यमंत्री और मंत्रियों के कार्यक्रम होंगे वहां धरना दिया जाएगा। मांगें पूरी किए जाने तक विरोध का यह सिलसिला कायम रहेगा। यह भी तय किया गया कि यदि भाजपा का कोई राष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम इससे पहले हरियाणा में आयोजित किया गया तो विरोध उसी समय शुरू कर दिया जाएगा।

जसिया महासम्मेलन में आंदोलन की यह रणनीति तय करने के साथ ही केन्द्र व हरियाणा सरकारों से यह मांग की गई कि सुप्रीम कोर्ट में सही तथ्य रखकर जाट आरक्षण पर लगाई गई रोक हटवाई जाए,पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में सामाजिक पिछडेपन के आंकडे पेश कर आरक्षण लागू करवाया जाए और संसद के आगामी सत्र में राष्ट्रीय सामाजिक व शैक्षिक पिछडा वर्ग आयोग विधेयक पारित करवाया जाए। महासम्मेलन के जरिए यह चेतावनी भी दी गई कि भविष्य में जाट आरक्षण आंदोलन को देशव्यापी रूप दिया जाएगा। राजस्थान व मध्यप्रदेश के आगामी दिसम्बर में आयोजित विधानसभा चुनावों में जाट समुदाय के खिलाफ अन्याय को मुद्दा बनाया जाएगा। इसी तरह आगामी लोकसभा चुनाव में भी जाट समाज के साथ अन्याय का मुद्दा उठाया जाएगा। अन्य पिछडा वर्ग के लिए आंदोलन कर रही पटेल,मराठा,कापू आदि जातियों को भी आंदोलन की रणनीति से जोडा जाएगा।

महासम्मेलन में संघर्ष समिति के हरियाणा के जिलाध्यक्ष,प्रदेश पदाधिकारी,उत्तर प्रदेश,दिल्ली,राजस्थान,मध्यप्रदेश व पंजाब के पदाधिकारियों ने भी हरियाणा में आंदोलन को ताकत देने और केन्द्रीय स्तर पर चलाए जाने वाले आंदोलन में भागीदारी का भरोसा भी दिया। सभी राजनीतिक दलों से जाति-धर्म के आधार पर बांटने वाली भाजपा सरकार के खिलाफ संसद व विधानसभा में आवाज उठाने की अपील की जायेगी। महासम्मेलन को संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने संबोधित किया।

मलिक ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 26मार्च 2015 को जाटों को आरक्षण देने का वायदा किया था लेकिन इस वायदे को पूरा नहीं किया गया। इस वायदाखिलाफी से जाट समुदाय नाराज है और आंदोलन के लिए किसी भी सीमा तक जाने को तैयार है। उन्होंने कहा कि फरवरी 2016 के जाट आरक्षण आंदोलन में हिंसा की योजना हरियाणा की भाजपा सरकार ने अपने सांसद,विधायक और मंत्रियों द्वारा अमल में लाई गई और पूरे हरियाणा को जाट व गैर जाट में बांट दिया गया। मलिक ने इस साजिश में सांसद राजकुमार सैनी,अश्विनी चैपडा,मंत्री कैप्टेन अभिमन्यु,ओम प्रकाश धनखड और रोहतक के विधायक मनीष ग्रोवर का शामिल होना बताया।

हरियाणा की सड़कों पर दूध की नदियाँ

जींद, 2 जून:
देश भर में स्वामीनाथन आयोग कि रिर्पोट को लागू करवाने की मांग को लेकर 1 जुन से लेकर 10 जून तक किसानों ने फल,सब्जी,दूध न देने का निर्णय लिया हुआ है,जिसका असर हरियाणा के जिला जींद में भी देखने को मिला। किसान आंदोलन के दूसरे दिन शनिवार दोपहर किसान गांव ईक्कस में भारतीय किसान युनीयन कि राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामफल कंडेला कि अगुवाई में इक्टठे हुए और सड़कों पर दुध, फल व सब्जीयां बिखेरकर अपना रोष जाहिर किया। इस दौरान पत्रकारों से बात करते हुए रामफल कंडेला ने सरकार पर किसानों की जायज मांगों पर विचार न करने का आरोप लगाया।  उन्होंने कहा कि अपनी मांगों के चलते देश भर के किसानों ने 1 जून से लेकर 10 जून तक किसान आंदोलन का निर्णय लिया है जिसके तहत किसान अपने उत्पादों को नही बेचेगा। उन्होंने बताया कि अगर दस तारीख तक उनकी मागों पर सरकार ने गौर नहीं किया तो वें फिर आगामी निर्णय लेगें।
उन्होने कहा कि स्वामी नाथन आयोग कि रिर्पोट को लागू करवाने की उनकी लंबे समय से मांग रही है लेकिन काफी समय बीत जाने के पश्चात भी इस रिर्पोट को लागू नही किया जा रहा है जिसका देश भर के किसान विरोध कर रहे है। उन्होंने कहा सरकार को चाहिए कि वें किसान हित को देखते हुए जल्द से जल्द इस रिर्पोट को लागू करें ताकि देश भर के किसान इसका लाभ उठा पाएं।

कैराना का मुस्लिम -दलित गठजोड़ आजमगढ़ में धाराशायी

दिनेश पाठक अधिवक्ता, राजस्थान उच्च न्यायालय, जयपुर। विधि प्रमुख विश्व हिन्दु परिषद

कैराना मे मुस्लिम दलित गठजोड का दम्भ भरने वालो कैराना उपचुनाव का परिणाम आने के दो दिन बाद ही गठजोड ने आजमगढ मे दम तोड दिया ! हाल ही मै हुये कैराना लोकसभा के उपचुनाव मे भाजपा के खिलाफ एकजुटता दिखाने वाले मुस्लिम और दलित आजमगढ मे आमने सामने हो गये बताया जाता है कि 31 म ई की रात सरायवीर के बखरा गांव मे दलित बस्ती पर मुस्लिम भीड ने हमला कर दिया घरो मे तोडफोड की मारपीट की जिससे 10 दलित लोग बुरी तरह घायल हो गये जिन्हे पास के ही खरेवा अस्पताल मे भर्ती कराया गया है जहां उनका जिनका इलाज चल रहा है यह घटना एक 10 साल के दलित अमन और एक मुस्लिम युवक के बीच गौ कशी को लेकर हुयी तकरार का नतीजा थी तकरार के बाद अमन अपने घर चला गया कुछ देर बाद भारी संख्या मे आये मुस्लिमो ने दलितो के घरो पर हमला कर दिया पूरे गांव मे तबाव का माहौल बना हुआ है दलित वर्ग के लोग भयभीत है हालांकि सीओ फूलपुर के साथ भारी संख्या मे पुलिस बल तैनात कर दिया गया है खास बात है कि कुछ दिन पहले ही इन दोनो समुदाय ने कैराना उपचुनाव मे अपनी एकता का जमकर प्रदर्शन किया तथा अपनी पूरी ताकत भाजपा और नरेन्द्र मोदी को पराजित करने मे लगाई दो दिन बाद ही जबकि उपचुनाव का परिणाम आ चुका जिसमे भाजपा पराजित हुयी मुस्लिम दलित एकता का भी पर्दाफास आजमगढ मे हो गया लेकिन कोई दलित नेता ,चिंतक ,दलित हितैषी पीडित दलितो का हाल जानने नही आया अब जबकि 2019 मे लोकसभा चुनाव आने वाले है तो क्या मुस्लिम दलित गठजोड बच पायेगा या 2019 के बाद भी यही परणाम देखने को मिलेगा

 

Protest in Srinagar the Day before HM’s Visit

 

SRINAGAR: 

  1. The incident occurred days before Home Minister is to visit the valley
  2. Video footage shows the vehicle encircled by a mob
  3. “Selective picture” didn’t show “whole scene”: Jammu and Kashmir police
 A CRPF vehicle targeted by protesters in downtown Srinagar ran over three people in an attempt to get away, triggering a fresh wave of protests and criticism for the government. One of the three who had received serious injuries, later died.

The police have filed two First Information Reports or FIRs against the CRPF and unidentified stone throwers. While the stone throwers have been charged for attempt to murder and rioting, the CRPF driver has been charged with rash driving.

The incident in Srinagar’s Nowhatta area, just a few days before Home Minister Rajnath Singh is to visit the valley, could dampen the centre’s renewed efforts to reach out to Kashmiri youth after announcing the Ramzan truce with terrorists.

Mr Singh had planned to use his visit to not only review preparations for the Amarnath Yatradue to begin on June 29 but more importantly, signal his intent to engage with all stakeholders including the Hurriyat leaders.

The outrage over the latest incident could overshadow the outreach.

A police officer said the incident took place when the CRPF vehicle, on its way back after dropping a senior officer, ran into a street protest.

The sequence of events isn’t very clear yet.

But video footage that has emerged shows the vehicle encircled by a mob, people trying to force their way into the vehicle and the driver trying hard to get away.

Another clips shows the vehicle driving through the hostile group of people who are throwing stones and bricks from close range, and people removing one of the injured.

A couple of photographs that made its way to social media showed the vehicle just before it ran over a youth.

National Conference leader Omar Abdullah was unsparing in his attack on Chief Minister Mehbooba Mufti, who has not spoken on the incident. “Ceasefire means no guns so use jeeps,” he tweeted, asking Ms Mufti if this was the standard operating procedure of dealing with protesters.

But the Jammu and Kashmir police tweeted that “a selective picture” did not present the “whole scene”, a reference to the videos and pictures that showed the aggressive mob attacking the vehicle.
Mr Abdullah’s party described the pictures of a man being run over by a CRPF gypsy “haunting”.”The gypsy was attacked – that’s a fact – yes. However, it’s a failure of the local police in the area to have allowed a CRPF gypsy to pass through an almost 200 strong hostile crowd,” National Conference spokesperson Junaid Azim Mattu tweeted, blaming the police for allowing the jeep to pass through a hostile crowd.

“Almost every single civilian casualty in Kashmir is due to continued, repeated failures at crowd control, sanitisation of encounter sites and policing blunders. It’s not rocket science! You allow a CRPF gypsy to speed through a hostile crowd – didn’t you know this could happen???,” Mr Mattu said.

मोदी सरकार का किसानो के प्रति आक्रामक रवैया : सुरजेवाला

 

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के संचार विभाग के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने आज मोदी सरकार की किसान विरोधी नीतियों की कड़ी भर्त्सना की. उन्होंने बताया की किसानों के प्रति सहानुभूति रखने की बजाये नीतियों का विरोध कर रहे  किसानों के विरुद्ध झूठे मुकदमे दर्ज किये जा रहे हैं जोकि बहुत निंदनीय है.

सुरजेवाला के अनुसार अपने घोषणा पत्र में भाजपा  ने   किसानों को स्वामी नाथन समिति की सिफारिशों के अनुसार  ही लागत अक ५० प्रतिशत के ऊपर समर्थन मूल्य देने का वादा किया था परन्तु  ऐसा नहीं किया गया जबकि कांग्रेस शासनकाल में स्वामी नाथन समिति की 201 सिफारिशों में से १७५ लागू कर दी गई थी.

कांग्रेस ने शनिवार को सरकार से किसानों के कर्ज माफ करने की मांग की और आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार देश के गन्ना किसानों की परेशानी पर ध्यान देने की बजाय पाकिस्तान से चीनी का आयात कर रही है.

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक बयान में कहा, ‘देश भर के 130 से अधिक किसान संगठन मोदी सरकार की किसान विरोधी नीतियों के चलते एक से दस जून तक ‘गांव बंदी’ आंदोलन कर रहे हैं. यह पहला अवसर नहीं है कि किसानों ने बीजेपी सरकार के प्रति अपना रोष प्रकट किया हो. बीते चार सालों से यही हालत है.’

कांग्रेस नेता ने कहा कि मोदी सरकार ने किसानों को धोखा देते हुए देश के सुपईम कोर्ट में 6 फरवरी, 2015 को शपथ पत्र दिया कि अगर स्वामीनाथन कमीशन की ‘लागत का 50 फीसदी से ज्यादा समर्थन मूल्य’ देने की सिफारिश को स्वीकार किया गया तो बाजार बिगड़ जाएगा. इसका मतलब यह है कि मोदी सरकार किसानों की अपेक्षा जमाखोरों और बिचौलियों के पक्ष में खड़ी हो गई.

उन्होंने कहा, ‘गन्ना किसानों की दुर्दशा का भी यही हाल है. देश के गन्ना किसानों का लगभग 20 हज़ार करोड़ रुपया बकाया है. मूल कारण यह है कि शक्कर के अच्छे उत्पादन के बाद भी शक्कर का भाव धराशाई हो गया है. मोदी जी ने पाकिस्तान से बड़ी मात्रा में शक्कर का आयात करवा कर देश के गन्ना किसानों के जीवन में कड़वाहट घोल दी है.’ सुरजेवाला ने सवाल किया कि मोदी सरकार जब अपने कुछ धनपतियों का लाखों करोड़ रूपए का कर्ज माफ़ कर सकती है तो फ़िर किसानों का कर्ज क्यों नहीं माफ़ कर सकती ?

 

Arbaaz Khan has confessed to involvement in betting over IPL

Bollywood actor-producer Arbaaz Khan has confessed to involvement in betting over Indian Premier League (IPL) matches, said police officials of Thane anti-extortion cell. The actor reportedly said that he had placed bets in IPL matches last year and had lost Rs 2.75 crore.

Meanwhile, Thane Police Commissioner, Param Bir Singh said that interrogation in the matter is underway, while adding that the Deputy Commissioner of Police will brief about it once the interrogation concludes.

On being asked about the issue, Rajeev Shukla, IPL Chairman said,”The matter is with the police, we have nothing to do with it. Both BCCI and ICC have anti-corruption units, police can coordinate with them.”

Earlier in the day, the actor, brother of Bollywood superstar Salman Khan was called to record his statement before the anti-extortion cell of Thane police.

The summons were issued to Arbaaz after prominent bookie Sonu Jalan alias Sonu Batla who reportedly has links with various mafia dons, including absconding Dawood Ibrahim Kaskar was arrested sometime ago and interrogated by the AEC sleuths in connection with the IPL scam, Police Inspector Rajkumar Kothmire said.

“The case investigations are going on since the past five-six years and could involve amounts of over Rs 500-600 crore. We want to find out from Arbaaz what was his role in the entire matter,” said Kothmire who is probing the matter.

The 50-year-old actor-producer’s cropped up during Jalan’s interrogation and recovery of some photographs which include other major film personalities who may be subsequently summoned, he indicated.

According to Kothmire, the entire IPL scam involves some of the biggest bookies operating from Mumbai, Ahmedabad, Jaipur and New Delhi. Jalan was first nabbed around 10 years ago when the IPL betting scam had erupted and later investigations proved he was in touch with several world personalities, including Arbaaz.

Modi’s  Carefree Attitude Annoys Voters

 

Sareeka Tewari

The growing disenchantment with the government seems to be linked to a decline in consumer sentiment witnessed over the past couple of years.

Data from consumer confidence surveys conducted by the Reserve Bank of India (RBI) show that consumer sentiments have been on the decline since 2016. RBI consumer sentiment survey is based exclusively on an urban sample of 5,000 respondents, and hence fails to capture the sentiments in rural India

The latest poll conducted in May 2018 showed that if snap Lok Sabha elections were to be held today, only 34% of people would prefer Narendra Modi to return as Prime Minister, down from 37% in January and 44% a year ago. The proportion of people choosing Rahul Gandhi as their preferred Prime Minister has risen 15 percentage points over the past year to 24%, the survey data

 

Narendra Modi continues to remain the most popular leader in the country, his approval ratings seem to be on a decline as anti-incumbency grows.

That’s the key message from successive rounds of “Mood of the Nation” surveys —large-scale, nationally representative surveys conducted by Lokniti-CSDS since mid-2017.

One of the key reasons behind Modi’s declining approval ratings appears to be rising discontent with the economic performance of the Modi government. A majority of people now believe that the government has failed to deliver on its election promise of “achhe din” or better days.

Pet rolled down 9 paise

After touching the historic hike in fuel prices and facing the ridiculous remarks from opposition parties, Prices for petrol and diesel were dropped by nine paise on Saturday.

In Delhi, petrol now costs Rs 78.20 a litre, and diesel costs Rs 69.11 per litre.

On Friday, price for petrol was dropped Rs 78.29 per litre, while diesel price was fallen Rs 69.20 a litre in the national capital.

The revised petrol prices in other metro cities are – Rs 80.84 in Kolkata, Rs 86.01 in Mumbai and Rs 81.19 in Chennai.

Meanwhile, the revised diesel prices in other metro cities are – Rs 71.66 in Kolkata, Rs 73.58 in Mumbai and 72.97 in Chennai.

IOC (Indian oil corporation Ltd) also raised the prices of subsidized and non-subsidized domestic cooking gas cylinders by Rs2.34 and Rs48, respectively on Friday.

This is consecutive third day drop in fuel prices, as fuel prices reaching a record hike in India. there has been a demand for an excise duty cut on petrol and diesel. The Narendra Modi led government has so far declined to roll back its decision to link domestic and international fuel prices and said that it was working in the direction of a long-term solution.

हरियाणा कांग्रेस को नए प्रभारी का इंतजार

हाल फिलहाल कौन बनेगा हरियाणा का प्रभारी? इस सवाल पर कयास लगाए जा रहे हैं। कुछ दिनों से उत्तर प्रदेश के कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी और मध्यप्रदेश के नेता अरूण यादव के नाम चर्चा में है। हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष डाॅ अशोक तंवर आने वाले प्रभारी के बारे में कोई जानकारी न होने की बात कह चुके हैं। लेकिन उन्होंने कहा कि नए प्रभारी का इंतजार है। लोकसभा चुनाव के अलावा हरियाणा में अगले साल के मध्य में विधानसभा चुनाव भी होने है। ऐसे में संगठन को निचले स्तर तक मजबूत रखने के लिए पर्यवेक्षक के बतौर प्रभारी की जरूरत पर जोर दिया जा रहा है। अभी तक कांग्रेस में बिखराव बना हुआ हैं और इसकी ताकत बंटी हुई है। हालांकि अलग’-अलग गुटों का नेतृत्व कर रहे कांग्रेस के नेता कहते हैं कि यही कांग्रेस है और कांग्रेस सक्रिय है। वे यह भी कहते हैं कि कांग्रेस एक है। लेकिन कभी एक-दूसरे के मंच पर वे नहीं पहुचते।

प्रभारी के बतौर कमलनाथ ने जब कार्यभार संभाला था तो वे भले ही हरियाणा कांग्रेस की गुटबाजी समाप्त नहीं कर पाए थे लेकिन उन्होंने एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी बंद करवा दी थी और उसी का नतीजा है कि अब पार्टी के नेता एक-दूसरे के विरोध में मीडिया या सार्वजनिक मंच पर कुछ कहने से बचते है। हालांकि इसके बाद कमलनाथ ने हरियाणा कांग्रेस को दिल्ली में ही बैठकर संभालने का काम किया । कमलनाथ से पहले हरियाणा की प्रभारी रहीं आशा कुमारी ने संगठन को सक्रिय रखने के लिए लगातार बैठकें की थीं और वे पर्यवेक्षण का काम करती रहीं थीं। इससे कहीं अधिक सक्रियता शकील अहमद की भी थी। पार्टी के सभी गुटों को एक कर कांग्रेस को मजबूत देखने के इच्छुक कांग्रेसजन कहते हैं कि आला कमान को एक सक्रिय और चतुर खिलाडी प्रभारी भेजना चाहिए जो कि सभी गुटों को एक मंच पर लाने के लिए राजी कर लें।