मनमोहन सरकार के दौरान हुई थी 3 सर्जिकल स्ट्राइक, लेकिन हमने नहीं उठाया फायदा- राहुल


राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी ने सर्जिकल स्ट्राइक का इस्तेमाल उत्तर प्रदेश चुनाव में किया क्योंकि वो हार रहे थे अचानक ही राजस्थान चुनाव में कांग्रेस सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांगते मांगते मोदी को ही उसका लाभार्थी बता रही है।

जबकि सच तो यह है कि यदि कांग्रेस काल में कोई सर्जिकल स्ट्राइक हुई भी थी तो उसका श्रेय सेना को नहीं दिया गया, जबकि मोदी ने उसका श्रेय दोनों बार सेना ही को दिया वह तो इनके नेता संजय निरूपम, पी चिदम्बरम और अरविंद केजरीवाल  के सबूत मांगने के बाद इस स्ट्राइक का राजनीतिकरण हुआ था। 


राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी आज यानी शनिवार को उदयपुर में थे. इस दौरान उन्होंने शहर के युवाओं, कारोबारियों और अन्य क्षेत्र के लोगों से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की वसुंधरा सरकार पर जमकर हमला बोला. राहुल ने सर्जिकल स्ट्राइक, नोटबंदी, जीएसटी, बेरोजगारी से लेकर तमाम मुद्दों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला. राहुल ने कहा कि पीएम मोदी सर्जिकल स्ट्राइक को राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल करते हैं.

राहुल ने कहा कि क्या आपको पता है? मनमोहन सिंह ने तीन सर्जिकल स्ट्राइक कराए थे. जब आर्मी मनमोहन सिंह के पास गई और कहा कि हमें पाकिस्तान के खिलाफ बदले की कार्रवाई करनी है और इसे सिक्रेट रखना है. राहुल ने कहा कि मनमोहन सिंह ने आर्मी की बात मानी और सर्जिकल स्ट्राइक हुआ.

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मनमोहन सिंह के पास आर्मी आई थी लेकिन नरेंद्र मोदी खुद आर्मी के पास गए और सर्जिकल स्ट्राइक को रचा और इसे राजनीतिक संपत्ति में बदल दिया जबकि यह मिलिट्री का डिसिजन था. राहुल ने कहा कि आर्मी को यह पसंद आता कि हम इसे करते और किसी को पता नहीं चलता कि हमने किया है. लेकिन मोदी जी यह नहीं करना चाहते थे. वह उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ रहे थे और हार रहे थे. इसलिए उन्होंने मिलिट्री की संपत्ति को राजनीति की संपत्ति में बदल दिया.

राहुल ने नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री इस बात से आश्वस्त हैं कि सेना को क्या करना है, वे उनसे बेहतर जानते हैं. वे विदेश मंत्री से बेहतर जानते हैं कि विदेश मंत्रालय में क्या करना है. कृषि मंत्री से बेहतर जानते हैं कि कृषि मंत्रालय में क्या करना है. पीएम को लगता है सारा ज्ञान उन्हीं के दिमाग से आता है.

राहुल गांधी ने यहां पर हिंदू धर्म पर भी बात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म का सार क्या है? गीता में क्या है? ज्ञान हर किसी के पास है और आपके चारों ओर है. प्रत्येक के पास ज्ञान है. हमारे पीएम कहते हैं कि हम हिंदू हैं लेकिन वे हिंदू धर्म की नींव को नहीं समझते हैं. उन्होंने सवाल पूछा कि वह किस तरह के हिंदू हैं?

आज देश के बैंकिंग सिस्टम में 12 लाख करोड़ का एनपीए

उन्होंने कहा कि आज हिंदुस्तान के बैंकिंग सिस्टम में 12 लाख करोड़ का एनपीए है. पिछले 3-4 साल में मोदी जी ने, उनकी सरकार ने 3 लाख 50 हजार करोड़ रुपए कर्ज माफ किया है.

राहुल ने कहा कि ये जो कर्ज हैं वो देश के मात्र 15 से 20 लोगों के हैं. अनिल अंबानी पर 45 हजार करोड़ का कर्ज है. राहुल ने कहा कि एक साल के लिए मनरेगा योजना में 35 हजार करोड़ रुपए लगते हैं. नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और विजय माल्या जैसे लोगों ने लाखों करोड़ रुपए लेकर देश से भाग गए.


राहुल गांधी यह जताने की कोशिश में है की मेहुल चौकसी, नीरव मोदी और मल्लाया 2014 के बाद ऋण से लाभान्वित हुए थे और मोदी ने साढ़े तीन लाख करोड़ के कर्जे माफ कर दिये, हैरानी तो यह है की जितना पैसा एक साल में कांग्रेस नीत मानरेगा में लगता है इन तीनों का कर्ज़ तो उससे आधा भी नहीं पड़ता और उसमें से भी लगभग आधे की सम्पत्तियों की कुर्की हो चुकी है। 


उन्होंने कहा कि ये लोग तो पैसे लेकर चले गए, जो रही सही कसर थी उसे गब्बर सिंह टैक्स (जीएसटी) और नोटबंदी ने पूरी कर दी. राहुल ने कहा कि इन दोनों से देश के असंगठित क्षेत्र की कमर टूट गई. उन्होंने कहा कि असंगठित क्षेत्र में काफी लोगों को रोजगार मिलता है और यह बैकबोन है. राहुल ने कहा कि इनफॉर्मल सेक्टर को नोटबंदी और जीएसटी से सरकार ने इसलिए तोड़ा क्योंकि इसमें देश के चंद उद्योगपतियों अंदर घुसने का रास्ता मिले.

राहुल ने कहा कि यह एक प्रकार का झूठ है कि देश के निजी शिक्षण संस्थान अच्छे हैं. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा के लिए हम सरकारी संस्थान के बगैर देश नहीं चला सकते. राहुल ने कहा कि राजस्थान और केंद्र की सरकार सोचती है कि सबकुछ प्राइवेट से हो जाएगा, मगर ऐसा संभव नहीं है.

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