सोशल मीडिया के प्लेयर्स ने बढ़ाए दाम, हो रही धन की बरसात…

 

आजकल डिजिटल का जमाना है। शहरों से लेकर गांवों तक स्मार्टफोन की उपलब्धता आसान होने से इंटरनेट यूज करने वाले लोगों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। सभी तरह का कंटेंट इंटरनेट पर आसानी से उपलब्ध है। ऐसे में इन दिनों फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब का इस्तेमाल करने वालों की संख्या में भी लगातार बढ़ोतरी होती जा रही है। अपने प्लेटफॉर्म पर यूजर्स की बढ़ती संख्या को देखते हुए ये कंपनियां भी अब इस मौके को भुनाने में जुट गई हैँ।

अंग्रेजी अखबार ‘द इकनॉमिक टाइम्स’ में छपी एक खबर के मुताबिक, विडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म यूट्यूब ने अपने होमपेज पर दिए जाने वाले एक दिन के विज्ञापन रेट 70 लाख रुपए से बढ़ाकर 1.4 करोड़ रुपए करने की घोषणा की है।

बताया जाता है कि मंथली एक्टिव यूजर्स (MAUs) की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि के बाद यूट्यूब ने यह कदम उठाया है। आंकड़ों के अनुसार, यूट्यूब के मंथली एक्टिव यूजर्स 250 मिलियन, फेसबुक के 220 मिलियन और इंस्टाग्राम के 68 मिलियन हो चुके हैं, जबकि ट्विटर की बात करें तो यह आंकड़ा 30.4 मिलियन तक पहुंच चुका है। रिपोर्ट के अनुसार, यूट्यूब के बाद अब फेसबुक और ट्विटर भी अपनी विज्ञापन दरें बढ़ा रहे हैं।

विशेषज्ञों के हवाले से अखबार ने कहा है कि वर्ष 2019 में भी फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम अपनी विज्ञापन दरों में सालाना 20 से 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी करना जारी रखेंगे, क्योंकि हर साल इन प्लेटफॉर्म्स पर यूजर्स पहले के मुकाबले ज्यादा समय बिताने लग जाते हैं। हालांकि, फेसबुक ने विज्ञापन की दरों में बढ़ोतरी से इनकार किया है।

Dentsu Aegis Network-e4m Digital की रिपोर्ट के अनुसार, इस समय ऐडवर्टाइजिंग इंडस्ट्री 55,960 करोड़ रुपए की इंडस्ट्री बन चुकी है और 32 प्रतिशत ‘compound annual growth rate’ (CAGR) के स�

Media Ecosystem: The wall falls down


बहुत से छोटे मँझोले ओर बड़े व्यापारियों  को अपनि वित्तीय स्थितियों के कारण अपने मार्केटिंग के तरीकोण का चयन करने में दिक्कत आती है वह यह निर्णय नहीं कर पाते की उनके लिए विज्ञापन का कौन सा माध्यम ठीक रहेगा?

किस माध्यम से उनके द्वारा निवेशित रूपये की पूरी वसूली हो सकेगी?

व्यापारी अपने व्यापार के लिए किस माध्यम पर भरोसा करे?

उत्तर हैरान कर देगा।


इस बात में कोई शक नहीं है कि आज के समय में ब्रैंड्स के लिए डिजिटल बहुत जरूरी हो गया है, हालांकि ऐडवर्टाइजर्स अभी भी टेलिविजन को प्राथमिकता दे रहे हैं और यह उनकी पहली पसंद बना हुआ है।

ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या ऐडवर्टाइजर्स और टेलिविजन के बीच का संबंध और मजबूत होता जा रहा है? क्या टेलिविजन आगे भी ऐडवर्टाइजर्स की पहली पसंद बना रहेगा? क्या डिजिटल इस स्थिति को बदल पाएगा? इन सब बातों को लेकर हमने कुछ विशेषज्ञों से बातचीत की कि आखिर आने वाले समय में क्या हालात रहने वाले हैं?

डिजिटल का जमाना है। पिछले कुछ वर्षों की बात करें तो ऐडवर्टाइजर्स भी इसके प्रभाव से अछूते नहीं हैं और इसे काफी पसंद भी कर रहे हैं। जितने भी बड़े ब्रैंड हैं, लगभग सभी ऑनलाइन प्लेटफॉंर्म पर मौजूद हैं और अब हालात ये हैं कि डिजिटल के बिना कोई भी मार्केट स्ट्रैटजी पूरी नहीं मानी जाती है।

‘केपीएमजी’ की रिपोर्ट ‘Media Ecosystem: The wall falls down’ के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2018 (FY18) में डिजिटल ऐडवर्टाइजिंग के रेवेन्यू में 35 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज की गई है और यह 116000 करोड़ रुपए हो गई है। जबकि टेलिविजन की ग्रोथ वित्तीय वर्ष 2018 में इसके मुकाबले कम रही है और यह 9.5 प्रतिशत के हिसाब से बढ़कर 65200 रुपए रही है।

इस बारे में ‘एचयूएल’ (HUL)  के सीईओ और एमडी संजीव मेहता का कहना है कि टेलिविजन आज भी प्रासंगिक है और आने वाले कई दशकों तक देश में इसका प्रभाव यूं ही बना रहेगा।

मेहता का कहना है, ‘आज टेक्नोलॉजी इतनी एडवांस हो गई है कि हम डिजिटल कम्युनिकेशंस के साथ अपने टार्गेट को प्लान कर सकते हैं। हालांकि कुछ चीजें कभी नहीं बदलने वाली हैं। मार्केट के फंडामेंटल यानी बेसिक बातें हमेशा यही बने रहेंगे। मार्केटिंग में कंज्यूमर हमेशा ही मुख्य रहेगा। नए जमाने का कंटेंट हमें नए तरीके से स्टोरीटैलिंग की कला सिखाएगा।’

वहीं इस बारे में ‘पारले प्रॉडक्ट्स’ (Parle products) के कैटगरी हेड मयंक शाह का कहना है कि चूंकि टेलिविजन की पहुंच बहुत ज्यादा है, इसलिए यह ब्रैड्स के लिए पसंदीदा माध्यम बना हुआ है। उनका मानना है कि ब्रैंड्स के लिए टेलिविजन पर विज्ञापन करना ज्यादा उचित है क्योंकि टीवी की पहुंच ज्यादा है।

शाह का कहना है, ‘इस बात में कोई शक नहीं कि डिजिटल काफी तेजी से ग्रोथ कर रहा है और यह काफी महत्वपूर्ण माध्यम भी बना हुआ है। लेकिन जब बात इसकी पहुंच की आती है, खासकर एफएमसीजी और दैनिक जरूरतें की चीजों के ब्रैंड के बारे में तो टीवी का प्रदर्शन बेहतर है।’ उनका कहना है कि टेलिविजन कुछ समय के लिए डिजिटल पर अपनी बढ़त बनाए रखेगा। डिजिटल उन ब्रैंड्स के लिए एक प्लेटफॉर्म है जो आडियंस के खास वर्ग को टार्गेट करना चाहते हैं।

इस बारे में ‘मैडिसन वर्ल्‍ड’ (Madison World) के सीओओ (Buying) नील कमल शर्मा का कहना है कि पिछले वर्ष के मुकाबले एक प्रतिशत की गिरावट के बावजूद ऐडवर्टाइजिंग के चार्ट में टेलिविजन अभी भी टॉप पर बना हुआ है।

नील कमल शर्मा का कहना है, ‘यह सही है कि देश में डिजिटल ऐडवर्टाइजिंग का रेवेन्यू काफी बढ़ा है और यह ट्रेंड अभी भी जारी है। लेकिन पिछले वर्ष के मुकाबले एक प्रतिशत की गिरावट के बावजूद टेलिविजन का ऐडवर्टाइजिंग रेवेन्यू अभी भी सबसे ज्यादा है।’

शर्मा का कहना है, ‘चूंकि कुल ऐडवर्टाइजिंग में 12 प्रतिशत और डिजिटल में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, ऐसे में टीवी और प्रिंट जैसे स्थापित माध्यमों के शेयर में भविष्य में कमी आने की संभावना है। लेकिन टेलिविजन की प्रासंगिकता बनी रहेगी। चूंकि ऐडवर्टाइजिंग कैटेगरी में टीवी सबसे टॉप पर है, इसलिए यह एफएमसीजी प्लेयर्स की पहली पसंद बना हुआ है। इसके अलावा स्मार्ट फोन, ट्रैवल और ओटीटी प्लेटफॉर्म भी अपनी ग्रोथ के लिए टीवी का इस्तेमाल करते हैं।’

डिजिटल मीडिया की ग्रोथ में एफएमसीजी, टेलिकॉम, बीएफएसआई, रियल एस्टेट और ई-कॉमर्स जैसी कैटेगरी का काफी योगदान है। हालांकि इनमें से कुछ का ट्रेडिशनल मीडिया में भी काफी प्रभाव है। डिजिटल प्लेटफॉर्म पर न्यूज, ऐंटरटेनमेंट और स्पोर्ट्स के कंटेंट का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है। खासकर, युवा वर्ग इन दिनों ट्रेडिशनल मीडिया से दूर होता जा रहा है और यही कारण है कि एफएमसीजी और टेलिकॉम जैसी कैटेगरी भी बड़े पैमाने पर डिजिटल प्लेटफॉर्मस का इस्तेमाल कर रही हैं।

‘बजाज एलायंज लाइफ इंश्योरेंस’ (Bajaj Allianz Life Insurance) के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर चंद्रमोहन मेहरा का मानना है कि कम से कम तीन से पांच साल तक दोनों माध्यम सह-अस्तित्व में बने रहेंगे।

मेहरा का कहना है, ‘सबसे पहले मीडिया का सलेक्शन ऑब्जेक्ट के अनुसार करना है, टीवी और डिजिटल का चुनाव आपके काम पर निर्भर करता है। ब्रैंड्स के लिए इंटीग्रेटिड अप्रोच ज्यादा प्रभावी रहती है। टीवी पहुंच बढ़ाने और डिजिटल ब्रैंड को गहराई से जोड़ने के काम आता है।’

‘केपीएमजी’ की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका जैसे मार्केट में व्यूअर्स टीवी से डिजिटल की ओर इसलिए मुड़ रहे हैं क्योंकि वहां पर डिजिटल का इंफ्रॉस्ट्रक्चर काफी मजबूत है और इसकी कम कीमत भी एक बड़ी वजह है। लेकिन, भारत में ग्रोथ और कीमत के मामले में टीवी काफी मजबूत स्थिति में है। इसके अलावा, डिजिटल का उतना इंफ्रास्ट्रक्चर भी नहीं है। ऐसे में, लोगों का टीवी की तरफ झुकाव हो जाता है।

‘वॉयकॉम 18’ (Viacom 18) के रीजनल टीवी नेटवर्क के हेड रवीश कुमार के अनुसार, कंज्यूमर्स तक पहुंच के मामले में टीवी सबसे बड़ा और सस्ता माध्यम है।

उनका कहना है, ‘टीवी के दर्शकों को मापना काफी आसान है जबकि डिजिटल में इसके लिए काफी समय लगता है। हालांकि कंटेंट के मामले में दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं लेकिन दोनों को एक-दूसरे से बहुत कुछ सीखने की जरूरत है। कुल मिलाकर कह सकते हैं कि ब्रैंड्स के लिए टीवी पहली पसंद बना हुआ है।’

‘MullenLowe Lintas’ ग्रुप में ‘पाइंटनाइन लिंटास’ (PointNine Lintas) के नेशनल डॉयरेक्टर विधू सागर का मानना है कि अलग-अलग लोगों के लिए हमेशा अलग स्थिति होती है और सभी प्रकार के ऑडियंस के लिए सामान्य दृष्टिकोण लागू नहीं किया जा सकता है।

सागर का कहना है, ‘आज मीडिया की जो स्थिति है, उसमें आप पुराने दृष्टिकोण को नहीं अपना सकते हैं, क्योंकि समय के साथ चीजें बदलती रहती हैं। आज के समय में लॉन्च हो रहा कोई भी ब्रैंड टीवी और कई मामलों में प्रिंट के बिना कुछ नहीं कर सकता है।’

सागर का कहना है, ‘आप यदि बड़े पैमाने पर काम करना चाहते हैं तो आपको डिजिटल के साथ टीवी की जरूरत भी पड़ेगी। यदि आप अपने ब्रैंड के साथ कई अन्य पहलू सम्मान और विश्वसनीयता शामिल करना चाहते हैं तो आपको ब्रॉडकॉस्ट मीडिया के साथ जाना पड़ेगा।’

‘केपीएमजी’ की रिपोर्ट के अनुसार, देश में डिजिटल ऐडवर्टाइजमेंट मुख्य धारा में आ चुका है। वित्तीय वर्ष 2023 में डिजिटल पर विज्ञापन खर्च 40000 करोड़ रुपए होने का अनुमान है। वर्ष 2017 डिजिटल पर विज्ञापन खर्च का योगदान 86.2 बिलियन रुपए था और वर्ष 2023 तक सीएजीआर (CAGR)  ग्रोथ 30.9 तक बढ़ने का अनुमान है।

सागर का कहना है, ‘डिजिटल में तो काफी तेजी से वृद्धि हुई है लेकिन अधिकतर ऐडवर्टाइजर्स ने इस हिसाब से अपना बजट नहीं बढ़ाया है। इसलिए डिजिटल का रेवेन्यू दूसरे मीडिया से कटकर आ रहा है। यह रेडियो, सिनेमा और प्रिंट को प्रभावित कर रहा है।

मैगजींस लगभग समाप्ति की ओर हैं और कई जगह टेलिविजन भी प्रभावित हो रहा है। लेकिन टीवी की अपनी अलग बात है और कोई भी क्लाइंट अचानक से टीवी से हटकर एकदम से डिजिटल की ओर नहीं जाने वाला है।

इस समय भारतीय ओटीटी इंडस्ट्री ‘AVOD’ अथवा ‘freemium’ मॉडल पर काम कर रही है और ‘SVOD’ अभी आरंभिक अवस्था में है। टेल्को आधारित पेड सबस्क्रिप्शन के साथ 2-2.4 मिलियन सबस्क्राइबर्स सीधे ओटीटी प्लेटफॉर्म्स सबस्क्राइब कर रहे हैं। हालांकि ऐसे टेल्को आधारित सबस्क्रिप्शन में पिछले साल इजाफा हुआ है, लेकिन सीपीएम (CPM) रेट घटने से ऐडवर्टाइजमेंट रेवेन्यू को काफी चुनौती का सामना करना पड़ा है।

‘केपीएमजी’ के पार्टनर और हेड गिरीश मेनन का कहना है, ‘इस समय डिजिटल का सीपीएम कम है। इस वजह से भी डिजिटल के समक्ष काफी चुनौतियां हैं। प्रिंट में एक पेज के विज्ञापन के मुकाबले डिजिटल में काफी कम कमाई होती है। इसलिए सीपीएम बढ़ने से पहले आपको आरओआई (ROI) और मीजरमेंट की जरूरत होती है।’

‘केपीएमजी’ की रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2018 में भले ही टीवी की रफ्तार कम रही हो लेकिन उम्मीद है कि यह फिर वापसी करेगा और पिछले वर्षों की तरह फिर आगे बढ़ेगा।

बढ़ती पहुंच, विज्ञापन की बढ़ती मांग के कारण टीवी की सीएजीआर (CAGR) ग्रोथ 12.6 से होने की उम्मीद है।

Rupee dearer by fifty paisa against $


DF Bureau, Mombai:

The Indian rupee gained in the early trade on Thursday. It opened higher by 51 paise at 70.11 per dollar on Thursday versus against previous close 70.62.

Rupee strengthened against the US dollar and extended gains in the latter half of the session ahead of the important preliminary GDP number that was released from the US. In the last couple of sessions rally in domestic equities is also supporting the rupee with FIIs also turning net buyers after remaining sellers in September and October, said Motilal Oswal.

This month until now FIIs have poured in around USD 900 million of funds in equity and debt segment keeping the momentum positive for the currency. Today, USD-INR pair is expected to quote in the range of 70.20 and 70.80, it added.

Surjewala accuses BJP govt. of fradulant jugglery of GDP figures


Rajiv Kumar, vice chairman of NITI Aayog said the new series, based on the 2011-12 base year, is superior to the earlier one. 

P. Chidambaram criticized NITI Aayog’s revised GDP numbers, terming them a joke. 

“Resorting to malicious and fraudulent jugglery of GDP figures to hide the enormous body blow caused by them to India’s economy”: Surjewala


Sareeka Tewari V, Editor

Congress leader Randeep Singh Surjewala accused the government of “resorting to malicious and fraudulent jugglery of GDP figures to hide the enormous body blow caused by them to India’s economy”.
And Surjewala is right up to an extent.

Anticipating criticism of the numbers as they drastically scale down growth in the UPA era, Rajiv Kumar, vice chairman of NITI Aayog said the new series, based on the 2011-12 base year, is superior to the earlier one.

Senior Congress leader and former finance minister P. Chidambaram criticized NITI Aayog’s revised GDP numbers, terming them a joke.

“They are a bad joke. Actually, they are worse than a bad joke. The numbers are the result of a hatchet job,” Chidambaram said in a post on Twitter. He also questioned whether the National Statistical Commission had been disbanded as it did not calculate these numbers.
With general elections due next year, the Narendra Modi- led National Democratic Alliance government is likely to use the new data to claim that its management of the economy has been superior to that of the Congress-led United Progressive Alliance (UPA) when it seeks a second term.

“It is in complete sync with the UN system of national accounts. Any feeling around the new series that it is overestimating should completely be dispelled.” economic growth under the previous Congress-led coalition government was slower than estimated earlier and was never in double digits, according to the revised GDP numbers released by the government on Wednesday.

The new GDP data, pertaining to the years between 2005-06 and 2011-12, has sparked off a heated exchange between the Congress and the ruling Bharatiya Janata Party over the performance of the economy during their respective terms.

According to the back-series data, the Indian economy grew at an average of 6.67% in the nine years ended 31 March 2014 when UPA was in power, slower than the 7.35% achieved in the four years ended 31 March 2018, with Modi as the prime minister. It also shows that the highest growth rate the Indian economy has so far achieved is 8.5% in 2010-11, against the 10.3% estimated using the older base.

The link between the old and new GDP series through the back-series data is crucial as it helps in better economic forecasting. The link has so far been missing after the government shifted the base year to 2011-12 from 2004-05.

The new data shows that growth in the tertiary sector was much slower than initially estimated on account of changes to unorganized trade, communication and financial services.

The government attributes the lower growth rate in the unorganized sector in years prior to 2011-12 to better estimation of trade data using sales tax.

The numbers released by the government on Wednesday are also vastly different from the estimates put out by a subcommittee of the National Statistical Commission headed by N.R. Bhanumurthy in July. Its back-series calculation had showed that the Indian economy grew at a much faster pace during UPA’s tenure and had registered double-digit growth in two years—10.23% in 2007-08 and 10.78% in 2010-11.

Statisticians and economists questioned how the back-series data shows slower GDP growth compared to the old series for the years before 2011-12 and higher for the period after 2011-12.

“By and large, one methodology does not apply to every sector and this is the correct way to do it. But having said that, what I am concerned about is that for the entire period from 2004-05 to 2011-12, for all the sectors, the growth has been scaled down,” said Pronab Sen, programme director for the India programme of the International Growth Centre and former chief statistician of India. “I don’t know how this systematic scaling down has been done. It was expected for the tertiary sector but not for the secondary sector.”

“We have got official series now, for which we have been waiting for long, although there could be some discussions on database used in back series,” said Bhanumurthy, professor at National Institute of Public Finance and Policy.

मध्य प्रदेश में 75% मताधिकार का प्रयोग हुआ


 

भोपाल, 28 नवंबर :-

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बने मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए मतदान में आज सभी 230 विधानसभा क्षेत्रों के लगभग 65 हजार मतदान केंद्रों में अपरान्ह चार बजे तक 55 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं ने वोट डाले। इक्का दुक्का घटनाओं को छाेड़कर मतदान शांतिपूर्ण ढंग से चल रहा है, वहीं इंदौर, गुना और धार जिले में एक एक यानी कुल तीन मतदान कर्मचारियों की मृत्यु हृदयाघात और अन्य बीमारियों से हुयी है।

नक्सली प्रभावित बालाघाट जिले के तीन क्षेत्रों परसवाड़ा, बैहर और लांजी में दोपहर तीन बजे निर्धारित समय पर मतदान संपन्न हो गया। इन तीनों इलाकों में सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ था और औसतन 65 प्रतिशत वोट पड़े। हालाकि इन तीनों क्षेत्रों का अंतिम वोट प्रतिशत अभी आना शेष है।

वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में लगभग 72 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाले थे। राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय का प्रयास है कि इस बार कम से कम 80 फीसदी मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करें।

मतदान के शुरूआती क्षणों में सतना जिला और कुछ अन्य जिलों में इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में गड़बड़ी के कारण कुछ देर के लिए मतदान प्रभावित रहा। इन सभी स्थानों पर मशीनें बदलकर मतदान शुरू कराया गया। सतना जिले में लगभग डेढ़ हजार वीवीपेट और तीन सौ से अधिक कंट्रोल यूनिट बदली गयीं। इस जिले में रिजर्व मशीन भी कम पड़ गयीं, इसलिए रीवा और आसपास के जिलों से अतिरिक्त मशीनें बुलाकर सतना जिले में इनका उपयोग किया गया।

राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वी एल कांताराव ने पत्रकारों को बताया कि राज्य में आज मतदान के दौरान डेढ़ प्रतिशत कंट्रोल यूनिट (सीयू) और ढाई प्रतिशत वीवीपेट बदली गयीं। वहीं सतना जिले में 20 प्रतिशत वीवीपेट (1545 नग) बदले गए। उन्होंने कहा कि इन स्थानों पर पुनर्मतदान कराने की आवश्यकता इसलिए नहीं हैं, क्योंकि मशीन बदलकर फिर से मतदान शुरू करा दिया गया और शाम पांच बजे तक आने वाले सभी मतदाताओं से वोट डलवाए जाएंगे, भले ही इस कार्य में रात्रि के आठ नौ ही क्यों नहीं बज जाएं।

उन्होंने बताया कि मशीनों में खराबी के संबंध में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ की शिकायत आयी थी और आयोग की ओर से उठाए गए कदमों के बारे में बता दिया गया। एक सवाल के जवाब में उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा की ओर से श्री कमलनाथ के आज छिंदवाड़ा जिले में मतदान के दौरान चुनाव चिन्ह दिखाने के संबंध में शिकायत प्राप्त हुयी है। इस बारे में वीडियो रिकार्डिंग मंगवायी गयी है और उसके अवलोकन के बाद अगला कदम उठाया जाएगा।

श्री राव ने कहा कि राज्य में मतदान पूरी तरह शांतिपूर्ण ढंग से चल रहा है और भिंड जिले के मोहनपुरा के पास गोली चलने संबंधी जो खबर आयी है, उसका मतदान से कोई लेना देना नहीं है। पास के मतदान केंद्र पर मतदान प्रभावित नहीं हुआ और झगड़े के संबंध में पुलिस ने आवश्यक कार्रवाई की है। इस मामले में एक व्यक्ति को मामूली चोट आयी है।

Accused Kulbir Singh @ Guddu was produced before the Hon’ble Court and procured his 02 days police remand


FIR No. 354 dated 15.11.18 U/s 336 IPC, 25/27/54/59 Arms Act added 307, 34 IPC, PS-17, U.T. Chandigarh


The above case was registered on the complaint of Pankaj S/o Joginder Singh R/o H. No. 2727 Sector-22/C, Chandigarh. That he is running Nukkar Dhaba at Sector-22/C, Chandigarh. On 15.11.18 at about 12.00 AM, after closing his Dhaba he was going to his brother-in-law namely Vimal, who is also running a Dhaba in the name of Delhi Parantha Gali, Sector-22/A, Chandigarh. When he reached near Paul Merchants, Sector-22 and saw three cars came on 17/22 dividing road towards Sector-22 and stopped near cricket stadium chowk. All persons were abusing to each other. Out of them, one person started pelting stone and another boy fired shot in the air.

During investigation a special team was constituted, information was developed. After recorded the statements of victims Vineet Gautam, Ranbir, etc U/s 307, 34 IPC has been added in above said case.

On secret information one accused Kulbir Singh @ Guddu S/o Shingara Singh Dogar R/o # 4733/3, Sector 38 West, DMC, Chandigarh was arrested on 27.11.18 and on his disclosure a country made pistol .32 bore and three live cartridge recovered. He was thoroughly questioned and he disclosed his associate’s names as Nav Sandhu and Jai Pandit, who were involved in crime. On the day of incident Nav Sandhu came to him on his Pulsar M/cycle. He alongwith Nav Sandhu and Jai Pandit came to Sector 22, Chandigarh. He tried to fire a shot but could not succeed then Nav Sandhu fired shot in the air from his pistol. Nav Sandhu is residing at Village- Ghagga, Tehsil-Samana, Distt-Patiala, Punjab and Jai Pandit belongs to Bikaner, Rajasthan.

Today accused Kulbir Singh @ Guddu was produced before the Hon’ble Court and procured his 02 days police remand. Co-accused Nav Sandhu and Jai Pandit are yet to be arrested.

आज के चुनाव की खासियत यह है कि 2 चीजें शांति से निपट गईं. एक चुनाव और दूसरा बीजेपी: कमलनाथ


नागपुर में बुधवार को नौ राजनीतिक पार्टियों ने मिलकर महाराष्ट्र से अलग विदर्भ को नया राज्य बनाने की आवाज उठाई


कांग्रेस नेता कमलनाथ ने भोपाल में मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों पर बयान दिया है. उन्होंने कहा, ‘मैंने कहा था कि हम 140 से ज्यादा सीटें जीतेंगे लेकिन आज की वोटिंग के बाद जो जानकारी सामने आ रही है उससे इस बात की संभावना है कि नतीजे बहुत आश्चर्यजनक होंगे.’

कमलनाथ ने कहा, ‘हमने उन सभी पोलिंग स्टेशनों पर दोबारा वोटिंग की मांग की है जहां वोटिंग प्रक्रिया तीन घंटे बाधित रही. ऐसा इसलिए कहा गया कि वोटिंग 9 या 10 बजे तक होगी, यह सही नहीं है.’

कमलनाथ ने यह भी कहा कि आज के चुनाव की खासियत यह है कि 2 चीजें शांति से निपट गईं. एक चुनाव और दूसरा बीजेपी.

गौरतलब है कि एमपी में 230 विधानसभा सीटों के लिए आज वोटिंग खत्म हो गई. इस बार पिछली बार की तुलना में अधिक यानी करीब 75 फीसदी लोगों ने वोटिंग की. वहीं 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में करीब 72.69 फीसदी वोटिंग हुई थी.

Sanik School Students briefed about working of control room

Under the student Exchange Programme, A Contingent of 100 students (Boys only) and 10 teachers (male) of Manasab Sainik School, J&K visited at Police Control Room, Chandigarh.  The students were shown the practical  working of GPS based dial-100 system of Police Control Room.

Sh. Roshan Lal, SP/Communication, also briefed them in detail about the working of Police Control Room and answered their queries. They were also suggested to frequently use police helpline numbers 100 while in distress or if they observe any wrong surrounding them in routine life.

3 Snatchers arrested 3 bikes and 4 mobiles recovered

Chandigarh Police achieved a success to work out the snatching & MV theft cases occurred in jurisdiction of Police Station 39 by the team under the supervision of, SDPO South, lead by SHO- 39 and SI Gurjiwan Singh along with police party by the arrest of three accused namely Vikas S/o Rajesh R/o # 11 Near Gurudawara Dadu Majra Chandigarh age 22 years,  Sagar S/o Ashok Kumar R/o H No- 73 dadu Majra Chandigarh age 18 years and Vishal @ Baman S/o Ravinder Singh R/o H no- 30 Dadu Majra Chandigarh age 19 years in the snatching/theft cases.

On secret information a Naka was laid near Ziri Mandi Chowk Sector- 39 Chandigarh and apprehended one boy namely Vikas S/o Rajesh R/o # 11 Near Gurudawara Dadu Majra Chandigarh and a stolen motor cycle No- CH01AK5925 has been recovered from his possession, which was stolen in Case FIR No- 434 dated 13.11.2018 U/S 379, 411 IPC Ps 39 Chandigarh. During interrogation of the accused he confessed regarding one Vivo mobile Phone which was snatched from sector- 22 Chandigarh and one small Nokia mobile phone also recovered. Whereas one motorcycle No- CH03R3744 make Hero Honda Passion red colour has also been recovered U/S 102 CrPC from his possession. Moreover two accused namely Sagar S/o Ashok Kumar R/o H No- 73 dadu Majra Chandigarh age 18 years and Vishal @ Baman S/o Ravinder Singh R/o H no- 30 Dadu Majra Chandigarh age 19 years have been arrested. During interrogation, both have confessed that on 23.11.2018 they snatched mobile make Redmi Note 5 from near dividing road 37/41 Chandigarh from a pedestrian boy and one mobile phone make Oppo snatched from Ph-6 Mohali Punjab has also been recovered from the possession of accused Vishal @ Baman alongwith Activa No- PB65W2822 used by them during commission of crime. The recovered mobile make Redmi Note 5 phone which was snatched in case FIR no. 445 date 23.11.2018 u/s 379, 356 Add 411 IPC PS-39, Chandigarh and other mobile phone make Vivo was taken into police possession u/s 102 CrPC. The verification regarding the other recovered phone is pending so far. All the three accused are being produced in the Hon’ble Court for judicial custody.

Recovered Items:-

  1. Four mobile phones make Oppo, Vivo, Nokia and Redmi Note 5 have been recovered out of which Redmi Note 5 is recovered in case FIR No- 445 date 23.11.2018 u/s 379, 356 Add 411 IPC PS-39, Chandigarh and mobile phones make Oppo, Vivo, Nokia were taken into police possession U/s 102 CrPC.
  2. Two motor cycle numbers CH01AK5925 & motorcycle No- CH03R3744 have been recovered out of which  motor cycle number CH01AK5925 make splendor Plus black colour is recovered in Case FIR No- 434 dated 13.11.2018 U/S 379, 411 IPC Ps 39 Chandigarh and  motorcycle No- CH03R3744 make Hero Honda Passion red colour taken into police possession U/s 102 CrPC .

 

 

Profile of Accused:

 

  1. Accused Vikas S/o Rajesh R/o # 11 Near Gurudawara Dadu Majra Chandigarh age 22 years and at present he is doing nothing.

 

 

  1. Accused Sagar S/o Ashok Kumar R/o H No- 73 Dadu Majra Chandigarh age 18 years. He has done 9th class and working at readymade garment shop.

 

 

  1. Accused Vishal @ Baman S/o Ravinder Singh R/o H.No.- 30 Dadu Majra Chandigarh age 19 years. He is drug addict. He was released from drug addiction centre Kurali Punjab in the month of October.

 

 

 

 

Issued By

Chandigarh police

 

Motu and Patlu visit Chandigarh – Ask kids to vote for their favorite stars at the Kids Choice Awards 2018


Vote karo haq se and make your favorite celebrity win!


28th November 2018, Chandigarh: Most awaited awards of the year – Nickelodeon Kids Choice Awards 2018, is back, bigger than ever! It is all set to come to life on 13th December 2018 in Mumbai. As Kids’ Choice Awards is India’s only award show wherein the kids get to choose their favourite in each category, kids favorite duo Motu and Patlu visits The New Public School in Sector 18 Chandigarh to encourage kids to vote actively and select the best in entertainment. The kids enjoyed and had an experience of a lifetime playing games and getting pictures clicked with Motu and Patlu. Merry making activities with the kids, smiles all around and Motu and Patlu’s entertaining presence, was indeed a treat to witness.