अरे! कहाँ गायब हो गए “पाण्डेय जी”


पुलिस सूत्र जहां कह रहे हैं कि आरोपी आशीष पांडे की गिरफ्तारी जल्द हो जाएगी वहीं मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि वो शुक्रवार को पटियाला हाउस कोर्ट में सरेंडर कर देगा


बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के पूर्व सांसद राकेश पांडे के बेटे आशीष पांडे के खिलाफ दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने गैर-जमानती वारंट जारी कर दिया है. बीते 13 अक्टूबर की आधी रात को दिल्ली के फाइव स्टार हयात होटल में आशीष पांडे ने खुलेआम पिस्तौल लहरा कर एक जोड़े को धमकाया था. इस घटना का वीडियो मंगलवार को सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद दिल्ली पुलिस हरकत में आई थी. दिल्ली पुलिस और यूपी एसटीएफ की कई टीमें इस समय भी आशीष पांडे की तलाश में दिन-रात एक किए हुए हैं. गोंडा, बस्ती, अंबेडकरनगर से लेकर नेपाल बॉर्डर तक आशीष पांडे की तलाश की जा रही है. फरार आशीष पांडे लगातार अपना लोकेशन बदल रहा है.

आशीष पांडे की तलाश में दिल्ली पुलिस के साथ यूपी पुलिस की भी कई टीमें लगी हुई हैं. दिल्ली पुलिस ने कुंवर गौरव सिंह नाम के शख्स के बयान के आधार पर मामला दर्ज कर लिया है. कुंवर गौरव सिंह और उनकी एक मित्र से ही आशीष पांडे की 13 अक्टूबर की रात कहा-सुनी हुई थी. गौरव ने सोशल मीडिया पर आकर एक बयान जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि गुलाबी पतलून पहने एक शख्स ने उन्हें होटल हयात में जान से मारने की धमकी दी थी.

पीड़ित कुंवर गौरव सिंह ने बताया क्या हुआ था उस रात

गौरव अपने साथ घटी घटना का वर्णन करते हुए कहते हैं, ‘13 अक्टूबर की रात को मैं अपने एक दोस्त के साथ खाना खाने गया था. जब हमलोग खाना खाने बैठे तो मेरी दोस्त ने कहा कि मुझे अच्छा महसूस नहीं हो रहा है. वो उठकर वॉमटिंग (उल्टी) करने वॉशरूम की तरफ चल दी. उसने मुझे भी वॉशरूम (बाथरूम) के गेट तक साथ चलने को कहा. मैं लेडिज़ बाथरूम के गेट पर ही खड़ा था तभी 3 लड़कियां वहां पर आईं. वो तीनों शराब के नशे में मुझे गाली देने लगीं. मैंने तब भी चुप रहना ही मुनासिब समझा और होटल स्टॉफ से अपने दोस्त को मदद करने को कहा. उन तीनों लड़कियों ने बाथरूम के अंदर मेरे दोस्त के साथ भी गाली-गलौच और बदतमीजी की. इससे वो काफी डर गई. मेरी दोस्त स्टॉफ की मदद से किसी तरह वॉशरूम से बाहर निकली. मैंने देखा वो बुरी तरह रो रही है.

कुछ देर बाद हमलोगों ने होटल से जाने का फैसला किया. लेकिन वो लोग होटल के गेट पर भी मेरा इंतजार कर रहे थे. उन लोगों ने एक बार फिर से मुझे और मेरी दोस्त को गाली देना शुरू कर दिया. लड़कियों के साथ एक युवक हमें धमकाने लगा. वो बार-बार जान से मारने की धमकी दे रहा था. मैं लड़ाई करने के मूड में नहीं था. गेट पर खड़े होटल के स्टॉफ ने मुझे बचाया. इस घटना के बाद मैं अपनी जिदगी के लिए काफी डर गया हूं. मैं अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंतित हूं.’

कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर इस घटना का वीडियो वायरल हुआ था. इसके वायरल होने के बाद ही दिल्ली पुलिस हरकत में आई. आशीष पांडे की तलाश में यूपी और दिल्ली पुलिस की कई टीमें लगातार दबिश में लगी हुई हैं. दिल्ली पुलिस द्वारा आशीष पांडे की मोबाइल लोकेशन लगातार मॉनीटर की जा रही है. गिरफ्तारी से बचने के लिए वो लगातार अपना लोकेशन बदल रहा है. अभी तक आशीष का लोकेशन लखनऊ, बस्ती और अंबेडकरनगर के पास था. बुधवार सुबह 11 बजे भी उसका लोकेशन अंबेडकरनगर में था. जिसके बाद से उसने उसने अपना मोबाइल नंबर बंद कर रखा है. मंगलवार को मामला सामने आने के बाद दिल्ली पुलिस ने आशीष पांडे के घर छापा भी मारा था. पुलिस ने घरवालों से आशीष के बारे में पूछताछ कर जानकारी हासिल करने की कोशिश की थी.

आशीष के पुराने इतिहास को खंगालने में जुटी है दिल्ली पुलिस 

इसके अलावा दिल्ली पुलिस आशीष के पुराने इतिहास को खंगालने में जुटी हुई है. दिल्ली पुलिस को पता चला है कि आशीष वर्ष 2016 में भी लखनऊ पुलिस के कब्जे में आया था. लखनऊ के पॉश गोमतीनगर में आशीष ने अपनी महंगी मर्सिडीज़ गाड़ी से रेनेसां होटल के सामने एक गाड़ी को टक्कर मार दी थी. मगर तब आशीष पांडे अपने रसूख के दम पर लखनऊ पुलिस के चंगुल से किसी तरह बचकर निकल गया था.

मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि यूपी के डीजीपी के निर्देश पर आशीष पांडेय की तलाश में यूपी एसटीएफ की कई टीमें तैनात की गई हैं. राज्य के कई जिलों में आशीष की तलाश में यह टीमें छापा मार रही हैं. लेकिन अभी तक  पुलिस को उसे गिरफ्तार करने में कामयाबी नहीं मिली है.

एक तरफ पुलिस सूत्र कह रहे हैं कि आशीष की गिरफ्तारी जल्द ही हो जाएगी तो दूसरी तरफ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में आशीष के हवाले से कहा जा रहा है कि वो सरेंडर करेगा. ऐसा कहा जा रहा है कि आशीष शुक्रवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में आत्मसमर्पण कर देगा.

मंगलवार को वीडिया सामने आने के बाद ही दिल्ली पुलिस आशीष पांडे को गिरफ्तार करने के लिए लखनऊ पहुंची थी. लखनऊ में आशीष के 5 ठिकानों पर दिल्ली पुलिस की टीम ने छापा भी मारा था, लेकिन वो कहीं नजर नहीं आया. दिल्ली पुलिस ने आशीष पांडे की तलाश में मंगलवार रात देश भर के एयरपोर्ट पर लुकआउट नोटिस जारी किया था.

इस घटना पर काफी बारीकी से नजर रख रहे दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी फ़र्स्टपोस्ट हिंदी से बात करते हुए कहते हैं, ‘देखिए दिल्ली पुलिस और यूपी पुलिस के काम करने का स्टाइल काफी अलग है. मैं यह नहीं कह रहा हूं कि यूपी पुलिस इस समय राजनीतिक दबाव में काम कर रही है. यूपी पुलिस का काफी सहयोग मिल रहा है. हमलोग खुद इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं. अगर आगे जरुरत पड़ी तो परिवार के अन्य सदस्यों के साथ उस रात आशीष के साथ मौजूद तीनों लड़कियों से भी दिल्ली पुलिस पूछताछ कर सकती है. दिल्ली में सरेआम इस तरह से पिस्टल दिखा कर आप खौफ पैदा नहीं कर सकते चाहे आप कितने ही रसूखदार क्यों न हों? मैं अभी सिर्फ इतना ही कह सकता हूं कि आशीष जल्द ही हमारे शिकंजे में होगा.’

काफी रसूखदार है आरोपी आशीष पांडे का परिवार

बता दें कि आशीष पांडे बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के पूर्व सासंद राकेश पांडे का बेटा है. आशीष के चाचा पवन पांडे भी शिवसेना के एमएलए रह चुके हैं. आशीष के सबसे छोटे चाचा कृष्ण कुमार पांडे कांग्रेस के नेता हैं. आशीष का छोटा भाई रितेश पांडे वर्तमान में यूपी के जलालपुर से बीएसपी का विधायक है.

कहा जा रहा है कि दिल्ली पुलिस आशीष के राजनीतिक रसूख को देखते हुए फूंक-फूंक कर कदम रख रही है. आशीष के फेसबुक प्रोफाइल में भी दिखता है कि वो काफी रंगीन मिजाज का शख्स है. ऐसा प्रतीत होता है कि वो हथियारों का बहुत शौकीन है या फिर हथियारों की कोई दुकान चलाता है.

दुर्गा पुजारियों से दबंगाई और डॉक्टरों से मारपीट इसी के सहारे कम्यूनिस्ट पार्टी में जीवन फूंकेंगे कन्हैया


  • कन्हैया को कम्यूनिस्ट पार्टी की खून खराबे की राजनीति बहुत भाति है, वह पूरे बिहार को अपनी इसी राजनीति की चपेट में देखना चाहते हैं

  • दुर्गा पूजा के पंडाल में लोगों से मार पीट ओर एम्स मे डॉक्टरों से दबंगाई लाल बनाम भगवा की लड़ाई बनाते जा रहे हैं कन्हैया

  • कन्हैया पार्टी के भीतर अपनी साख बढ़ाने और मोदी विरोधियों को लामबंद करने के लिए राजनीतिक स्टंट अपनाने से बाज नहीं आ रहे


कन्हैया एक बार फिर सुर्खियो में हैं और वजह है बेगूसराय में उनके समर्थकों द्वारा दुर्गा पूजा आयोजन समिति के लोगों का पीटा जाना. स्थानीय पत्रकारों के मुताबिक कन्हैया बेगूसराय के मंसूरचक से सभा कर लौट रहे थे और रास्ते में उनका काफीला एक ऐसी जगह पर रुका जहां पास में दुर्गा पूजा का पंडाल लगा था. वक्त आरती का था इसलिए लोगों की भीड़ ठसाठस थी. वैसे भी बिहार में दशहरा बेहद धूमधाम से मनाया जाता है और आम लोग सड़कों पर दुर्गा पूजा पंडाल देखने परिवार के साथ आते हैं.

कन्हैया के काफिले में कई गाड़ियां थीं जिनमें उनके समर्थक मौजूद थे. गाड़ी बीच सड़क पर रोके जाने की वजह से आयोजन समिति के लोगों ने ऐतराज जताया. उस दरम्यान कन्हैया पास के एक कोंचिग संस्थान के डायरेक्टर से मुलाकात कर रहे थे. मामूली कहासुनी हुई और कन्हैया समर्थकों ने आयोजन समिति के लोगों को पीट दिया. बाद में लोकल लोगों की नाराजगी को देखते हुए कन्हैया और उनकी टोली को भागना पड़ा.

स्थानीय लोगों के मुताबिक ये कोई राजनीतिक लड़ाई थी ही नहीं. ये महज कन्हैया के लोगों की दबंगई थी कि उन्हें सड़क के किनारे गाड़ी लगाने के लिए क्यूं कहा जा रहा है. हो सकता है आयोजन समिति के लोगों के कहने के तरीके में थोड़ी तल्खी हो लेकिन उनकी तल्खी का जवाब उन्हें पीटकर दिया गया.

स्थानीय पत्रकार सत्येन्द्र कुमार कहते हैं, ‘कन्हैया के काफिले की गाड़ी तोड़ी गई, ये स्थानीय लोगों के गुस्से का इजहार था लेकिन बेरहमी से मारपीट को अंजाम कन्हैया के लोगों ने ही दिया ये साफ प्रतीत होता है.

वहीं प्रसार भारती के संवाददाता रह चुके अमरेन्दर कुमार कहते हैं, ‘मामले दोनों तरफ से दर्ज किए गए हैं जबकि घायल पूजा समिति के लोग हुए हैं. कन्हैया की गाड़ी को लोगों ने गुस्से में तोड़ा है. कन्हैया के लोग पूजा आयोजन समिति के लोगों को मारकर भाग रहे थे. इसलिए इसे कोई राजनीतिक रंग देना सोची समझी रणनीति है.’

कुछ दिन पहले पटना के एम्स में भी डॉक्टर्स ने कन्हैया और उनके समर्थकों पर बदसलूकी और मारपीट का आरोप लगाया था जब कि कन्हैया और उनके समर्थकों ने इसे बीजेपी द्वारा प्रायोजित करार देकर मामले को राजनीतिक रंग देने की कोशिश की थी. दोनों घटनाओं पर गौर फरमाया जाए तो साफ दिखता है कि कन्हैया यूनिवर्सिटी पॉलिटिक्स वाली तल्खी राजनीति के असली मैदान में भी बरकरार रखना चाहते हैं.

Kanhaiya Kumar

ध्यान रहे कन्हैया बखूबी जानते हैं कि उनकी हर गतिविधि को मीडिया खूब उठाएगा, इसलिए हर बात पर बीजेपी पर ठीकरा फोड़ने का कोई मौका वो गंवाते नहीं हैं. बेगूसराय कम्यूनिस्टों का गढ़ रहा है. एक जमाने में उसे मिनी मॉस्को भी कहा जाता था. कन्हैया महागठबंधन के उम्मीदवार होंगे, ऐसा लगभग सुनिश्चित माना जा रहा है. इसलिए कन्हैया हर मौके को बीजेपी बनाम कन्हैया बना देने का कोई कसर छोड़ते नहीं हैं.

वैसे उनकी पार्टी के भीतर लोकसभा में उनको टिकट दिए जाने को लेकर बेहद नाराजगी है. कई जमीनी कार्यकर्ता उन्हें ऊपर से थोपा हुआ करार देकर चुनाव में मजा चखाने की बात भी कर रहे हैं. पार्टी कार्यकर्ताओं में इस बात को लेकर भी नाराजगी है कि सालों से राजनीतिक जमीन पर पसीना बहाने वाले स्थानीय नेताओं को दरकिनार कर कन्हैया को ऊपर से थोपा जा रहा है. ये कम्यूनिस्ट कल्चर के खिलाफ है और स्थानीय कम्यूनिस्ट नेता और पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह, दिग्गज नेता राजेन्द्र सिंह और रामरतन सिंह सरीखे नेता का अपमान भी.

कन्हैया बेगूसराय संसदीय क्षेत्र में पार्टी की अंदरूनी राजनीति से भी बखूबी परिचित हैं. इसलिए हर मौके पर बीजेपी के खिलाफ लड़ने में अपने को अग्रसर दिखा वो पार्टी के अंदर और बाहर एक लंबी लकीर खींचने का कोई मौका हाथ से जाने देना नहीं चाहते. यही वजह है कि पटना एम्स के डॉक्टर्स और गार्डस और पूजा समिति के लोग जिसमें बीजेपी जेडीयू और कम्यूनिस्ट सबके लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं. उसे कन्हैया बनाम भगवा बना दिया गया.

युवाओं को लुभाने के लिए आक्रामकता का सहारा

कन्हैया जानते हैं कि कम्यूनिस्ट पार्टी का जहां एक समय बोलबाला था, वहां जमींदोज हो चुकी पार्टी को जिंदा करने के लिए आक्रामकता बेहद जरूरी है. जो युवा 90 के दशक में मंडल के बाद कम्यूनिस्ट पार्टी से मुंह मोड़ चुके थे उन्हें साथ लाने के लिए एससी/एसटी पर बीजेपी के रवैये को लेकर अगड़ी जाति के युवाओं में नाराजगी को भुनाने को कोई मौका गंवाते नहीं हैं.

वहीं पिछड़ों और दलित का दिल जीतने के लिए एक सप्ताह पहले कन्हैया ने एक सभा की जिसमें जिग्नेश मेवाणी के साथ बीजेपी के खिलाफ जमकर आग उगली. पिछड़ा खास कर यादव जाति के लोगों को लुभाने के लिए वो लालू को निर्दोष भी बताते हैं.

कन्हैया ने इतिहास को दोहराने की भी कोशिश की और जिस जगह का चुनाव किया उसका नाम बखरी है. यहां से कॉमरेड चंद्रशेखर ने 60 के दशक में कांग्रेस के खिलाफ बिगुल फूंक कर उसकी जड़ें हिला दी थी लेकिन पिछले लोकसभा में सीपीआई ने जेडीयू के साथ मिलकर चुनाव लड़ा फिर भी उसे तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ा था. इससे जनाधार की असली हकीकत पता की जा सकती है. इतना ही नहीं 2015 के विधानसभा चुनाव में बेगूसराय संसदीय क्षेत्र की 6 विधानसभा सीटों पर दूसरे या तीसरे नंबर पर रहना उसके खिसकते जनाधार की हकीकत को बखूबी बयां करता है. जाहिर है हाशिए पर जा चुकी पार्टी में जान फूंकने के लिए कन्हैया युवाओं को अपनी आक्रामकता से लुभाना चाहते हैं और लालू और जिग्नेश मेवाणी का साथ दिखाकर वो दलित और पिछड़े खासकर यादवों और मुसलमानों का समर्थन हासिल कर बाजी जीतने का दांव भी खेल रहे हैं.

1980 के दशक के खूनी खेल में न तब्दील जाए ये आक्रामकता?

murder husband

राजनीति क्या करवट लेगी ये कोई नहीं जानता क्योंकि बेगूसराय में राजनीतिक खूनी खेल का दौर तब से खत्म हुआ है जबसे कम्यूनिस्ट मोटे तौर पर बेहद कमजोर हुए हैं. 60 के दशक में पार्टी का नेतृत्व कॉमरेड चंद्रशेखर और कॉमरेड ब्रह्म देव के हाथों था. जिनकी सादगी और जोरदार भाषणों से कम्यूनिस्ट पार्टी की जड़ें मजबूत हो रही थीं. चंद्रशेखर के पिता कांग्रेस सरकार में दिग्गज मंत्री थे लेकिन बेटे चंद्रशेखर ने कांग्रेस का विरोध कर बेगूसराय के गांव और खेत-खलिहानों के मजदूरों के लिए संघर्ष करना जरूरी समझा. लोगों की नजरों में चंद्रशेखर की छवी बेहद लोकप्रिय नेता के रूप में थी.

इसलिए 60 और 70 के दशक में कम्यूनिस्ट पार्टी का झंडा घर-घर में लहराने लगा लेकिन इस दौर में भी कांग्रेसी नेता के मर्डर के आरोप में चंद्रशेखर सिंह और सूर्यनारायण सिंह नामजद हुए थे.

80 के दशक में कम्यूनिस्ट दफ्तर पर पुलिस की रेड हुई. जिसमें उस समय के एक बाहुबली कारबाइन जैसे हथियार के जखीरे के साथ धरे गए थे. कम्यूनिस्ट पार्टी की मिलिटेंट विंग इतनी पावरफुल थी कि उससे बचने के लिए काग्रेस को बाहुबलियों का सहारा लेना पड़ता था. घात प्रतिघात का एक लंबा दौर चला. विधायक सहित योगी सिंह और इंद्रदेव सिंह तक की हत्या हुई. योगी सिंह और इंद्रदेव सिंह मिलिटेंट विंग के नेता थे. इनकी हत्या कांग्रेस समर्थित बाहुबली किशोर सिंह के द्वारा की गई.

किशोर जेल में बंद थे और उनकी हत्या अस्सी के दशक में जेल को तोड़कर की गई. इस हत्या में जो लोग नामजद हुए थे वो बेगूसराय की कम्यूनिस्ट पार्टी के बड़े नेता थे. इतना ही नहीं अस्सी के दशक में एक खूनी खेल सीपीआई और सीपीएम के बीच भी हुआ, जिसमें तीन दर्जन से ज्यादा हत्याएं हुई लेकिन 90 के दशक में समाजवादी पार्टियों और बीजेपी के मजबूत हो जाने से राजनीतिक हिंसा का दौर थम सा गया. 90 के बाद शांति हुई. अब राजनीतिक हत्याओं का दौर खत्म हो चुका है.

लेकिन जमीदोज हो चुकी कम्यूनिस्ट पार्टी को किसी चमत्कार की तलाश है. कम्यूनिस्ट पार्टी लोकसभा में भी बेहद खराब प्रदर्शन से हतोत्साहित है. पार्टी के भीतर कलह है और पुराने नेता और पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह और राजेन्द्र सिंह आमने-सामने हैं. पिछले लोकसभा में पार्टी जब तीसरे नंबर पर आई तो इसके लिए एक दूसरे पर आरोप मढ़ने में मीडिया का भी सहारा लिया गया. जाहिर है पार्टी को पुनर्जीवित करना कन्हैया के लिए एक चुनौती है. खासकर तब जब पार्टी के कार्यकर्ता उनकी उम्मीदवारी को लेकर भी शीर्ष नेतृत्व से नाराज हैं.

इसलिए कन्हैया पार्टी के भीतर अपनी साख बढ़ाने और मोदी विरोधियों को लामबंद करने के लिए राजनीतिक स्टंट अपनाने से बाज नहीं आ रहे लेकिन ये स्टंट मंसूरचक की घटना के बाद महज राजनीतिक ही रहे यही बेहतर होगा

Mr. Akbar resigned from his post as Union Minister


Finally the mission of #MeToo V/s M J Akbar part one is over with his resignation, the smiles on the faces of Congressmen and opposition is clear as the agenda fits its shoe. Media trials will continue to over power the trial.

A source from “The Congress” on the condition of anonymity said,”This is just an election stunt, believe me, once elections are over no one is going to carry forward this gimmick”


On Wednesday, Minister of State for External Affairs M.J. Akbar resigned amid allegations of sexual harassment levelled against him by several women journalists.

The accusers came out with stories of his alleged harassment during his days as a journalist and editor. Here are the reactions on Twitter:

Journalist Priya Ramani tweeted shortly after his resignation. Mr. Akbar had filed a criminal defamation complaint against her.

“As women we feel vindicated by MJ Akbar’s resignation. I look forward to the day when I will also get justice in court #MeToo”

Swati Maliwal, Chairperson, Delhi Council for Women, tweeted:

“Finally MJ Akbar has resigned. Shame on him for having delayed it for so long. The credit for the resignation goes not to the Centre or MJ Akbar but directly to the #MeToo campaign. Esp to those brave women who reported the assault & those women and men who stood by them.”

Mumbai Mirror editor Meenal Bhagal had also alleged assault by Mr. Akbar, tweeted:

“A very big thanks to everyone who backed each of us. #MJAkbar.”

Congress spokesperson Priyanka Chaturvedi tweeted:

“The resignation of MoS External Affairs MJ Akbar after serious charges were levelled against him by senior women journalists who worked with him is a vindication of the power of truth even if it began with one brave person speaking up. I salute these women who stood their ground despite the brazen stance of the GoI, silence of the PM who speaks about women empowerment, the arrogant misuse of power by deploying a battery of lawyers against one woman and allowing the accused to continue in his role. The women of the country are saying the time for this is up&threat to silence voices can no longer be the norm or acceptable.”

Suparna Sharma, resident editor of The Asian Age newspaper which Mr. Akbar once edited, told PTI:

“It is a big moment for us. In a sense, I feel vindicated. Though the step should have been taken as soon as he landed in Delhi, but now, at least, there will not be a power imbalance and it will not be a fight between the government and Ramani.”

Kavita Krishnan, Secretary, All India Progressive Women’s Association, tweeted:

“So now, finally MJ Akbar had to resign thanks to the sheer numbers of women coming up to out him as a predator! Bravo women. You finally made it too costly for Modi to keep Akbar on as Minister.”

Nirupama Menon Rao, former Indian Foreign Secretary, tweeted:

“So glad that Minister MJ Akbar has resigned his post. His continuation was untenable and indefensible. A big shoutout to all the brave women journalists who called him out for his alleged, sickening and exploitative behaviour towards them. #Metoo #LetTheWomenBeHeard”

Aam Aadmi Party (AAP) spokesperson Dilip Pandey, told PTI: “Mere resignation by Akbar is not sufficient considering gravity of allegations against him. Criminal proceedings must be started against him. We salute the courage of the 20 brave women who boldly faced Akbar’s intimidation and forced him to resign as a minister of government of India. His resignation completely exposes the BJP that came to power with the slogan of ‘Chaal, Charita and Chehra’(behaviour, character and personality).”

Indira Jaisingh, lawyer and activist, tweeted:

“To all the women who stood testimony to the gross violations of human rights by MJ Akbar, to all the women Ministers who stood their ground and demanded his resignation, in the face of opposition from their Cabinet colleagues, I salute you.”

The CBI nabbed an accused from Bangkok in Thailand

Oct 17, Chandigarh, October 17, 2018:

The Central Bureau of Investigation (CBI) nabbed an accused, wanted in Jalandhar Tiffin Car Bomb Blast case. from Bangkok in Thailand.

Reportedly, the accused Palvinder Singh alias Dimple is being interrogated for his alleged role in the bomb blast incident which had taken place in December 2015. Although there is no official confirmation from the agency but sources told babushahi.com that Palvinder Singh was brought to India last week.

It was alleged that Palvinder Singh, a follower of Namdhari Sect fled to Thailand after he was named in the list of the accused of Car bomb blast at village Dugri under Maqsooda police station of Jalandhar. The Challan presented by the Jalandhar Rural police had revealed that Palvinder Singh was one of the conspirators who hatched the plan to attack the spiritual head of the Namdhari Sect, Satguru Uday Singh in Jalandhar on December 25, 2015.

It was alleged that one of the car bombs, which exploded on December 5, 2015, was handed over to the killed person, Ajay Sharma, by Palvinder Singh. The Police had arrested 3 accused in the case. One of the accused Jagmohan told the police that one of the three bombs went off in the Maruti Swift Dezire Car claiming Ajay’s life while two others were thrown into the Pond.

This car bomb blast case along with two other murder cases related to Namdhari sect were handed over to CBI by the previous Badal Government on September 11, 2016.One was the murder of Mata Chand Kaur and the other was murder of Namdhari follower Avtar Singh Tari.

Six IAS / PCS / HCS officers get new postings in UT Chandigarh

Ajay Kumar, Chandigarh, 17 Oct 2018 :

Six IAS / PCS / HCS officers get new postings in UT Chandigarh

The list is as under :

 

प्रदेश की भाजपा सरकार कर्मचारियों का दमन कर रही है: हुडा

चण्डीगढ़ 17 अक्तुबर 2018

पूर्व मुख्यमन्त्री भूपेन्द्र सिह हुड्डा ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर कर्मचारियों के दमन का आरोप लगाया है और कहा है कि सरकार ने कभी भी संजीदगी से कर्मचारियों की बात नहीं सुनी और किसी बात पर सहमति भी बनी तो उसे पूरा नहीं किया। मजबूर होकर कर्मचारियों को आन्दोलन का रास्ता चुनना पड़ा है, वहीं सरकार ने उनकी न्यायोचत मांगों पर विचार करने की बजाय एस्मा लगाकर उन्हें डराने का रास्ता चुना है। सरकार भूल रही हैं कि कर्मचारी किसी भी सरकार की धुरी होते हैं और कर्मचारियों के असन्तोष से जनता तो परेशान होती है साथ ही विकास का पहिया भी रूक जाता हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री ने हरियाणा रोडवेज की हड़ताल पर सरकार के कठोर निर्णयों की तीव्र भर्त्सना की और कहा है कि यह गलत है कि प्रोबेशन पर चल रहे उन चालकों और परिचालकों की सेवायें, जिन्होंने कल व आज की हड़ताल में भाग लिया, बिना कारण बताओ नोटिस के समाप्त कर दी गई। प्रोबेशन पर चल रहे जिन नव-नियुक्त लिपिकों ने हड़ताल में भाग लिया है, उन्हें भी निलम्बित कर दिया गया है। आउटसोर्सिंग पोलिसी-ाा के तहत ठेके पर लगे 252 चालक भी निलम्बित कर दिये गये हैं। सरकार यहीं नहीं रूकी, पलवल के महाप्रबंधक व बहादुरगढ़ के वर्क्स मैनेजर पर भी गाज गिरी है और उन्हें निलम्बित कर दिया गया है। इसके अलावा हड़ताल शुरू होने से पहले सरकार 247 कर्मचारियों को पहले ही निलम्बित कर चुकी है। कांग्रेस पार्टी सरकार के कर्मचारी विरोधी आचरण की घोर निन्दा करती है और कर्मचारियों को अपना समर्थन व्यक्त करती है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार को कर्मचारियों को कुचलने और जनता को परेशान करने वाली नीतियों को छोड़ कर कानून व्यवस्था बनाये रखने पर ध्यान देना चाहिये। बावल (रेवाड़ी) में 13 साल की नाबालिग छात्रा की बरामदगी को लेकर बावल चौरासी की महापंचायत काफी दिनों से धरने पर है, पर तीन माह से लापता छात्रा का अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है, जो सरकार की नाकामी दर्शाता है। कल ही गुरूग्राम में देर रात औम स्वीटस के अन्दर बदमाशों ने 18 हवाई फायर किये और दुःसाहस का आलम देखिये कि बैरे को जाते हुए पर्ची भी थमा गये, जिससे सारे शहर में दहशत का माहौल है। यही नहीं रेवाड़ी के पुष्पांजली होस्पीटल में भी बदमाशों द्वारा गोलियां दागी गई। आज हरियाणा में सरकार की अकर्मन्यता के कारण अपरोधियों के हौंसले बुलन्द हैं और उन्हें कानून का कोई डर नहीं है।

हुड्डा ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार शासकीय कौशल से कोसों दूर है। सरकार का न कानून व्यवस्था पर नियंत्रण है, न कर्मचारियों के किसी वर्ग की उचित मांगों को पूरा कर पाई है, न सामाजिक सौहार्द रख पाई है और न गत विधान सभा के चुनाव के वक्त किये गये अपने वायदों को पूरा कर पाई है। भाजपा सरकार को यह अनदेखा नहीं करना चाहिये कि हरियाणा की जनता का आक्रोश चर्म पर है, तभी तो पद यात्रा पर निकले भाजपा विधायकों को लोगों का गुस्सा और विरोध झेलना पड़ रहा है। मेरा प्रदेश सरकार से आग्रह है कि वो संयम दिखाये और टकराव का रास्ता छोड़कर कर्मचारियों से बातचीत कर समाधान निकाले।

त्यौहारों के दिनों में शहर के भीतर यातायात के नियन्त्रण संबंधी सुझाव को लेकर मिले आरएडबल्यूएफ़ के सदस्य

आज चंडीगढ़ रेजीडेंटस एसोसिएशनस वैलफेयर फैडरेशन(रजि) का प्रतिनिधिमंडल श्री हितेश पुरी, चेयरमैन की अगुआई में एस.एस.पी, ट्रैफिक श्री शशांक आनंद से “त्यौहारों के दिनों में शहर के भीतर यातायात के नियन्त्रण संबंधी सुझाव को लेकर मिले। मीडिया सेक्रेटरी डा०अनीश गर्ग ने बताया कि सैक्टर 22,23,34,45 की अंदरुनी सड़कों पर वन-वे ट्रैफिक की वैकल्पिक व्यवस्था, स्कूलों, कम्यूनिटी सैंटरों में खड़े किए जाने वाहनों की सुरक्षा, मार्किटों की कार्यकारिणी को विश्वास में लेकर प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड की नियुक्ति पर चर्चा की। और राउंड अबाउट के आसपास बैठे सभी कचरा बीनने वालों को उठाने का सुझाव दिया।एसएससी ने सभी सुझावों का स्वागत किया। प्रतिनिधिमंडल में पेट्रन मेजर डीपी सिंह, महासचिव रजत मल्होत्रा, संगठन मंत्री विंग कमांडर निर्मल सिंह मल्ही, कार्यकारिणी सदस्य धर्मपाल थे।

श्रद्वालुओं ने अब तक एक करोड़ 7 लाख 58 हजार 759 रूपए का चढावा माता के चरणों अर्पित किया:मुकुल कुमार

पंचकूला 16 अक्तूबर।    उपायुक्त एवं माता मनसा देवी पूजा स्थल बोर्ड के मुख्य प्रशासक मुकुल कुमार ने बताया कि नवरात्र के आठवें दिन भी माता मनसा देवी मंदिर एवं कालका स्थित काली माता मंदिर में श्रद्वालुओं की भारी भीड़ उमड़ी और उन्होंने 16 लाख 55 हजार 442 रूपए की राशि माता के चरणों में दान  स्वरूप भेंट की। इस प्रकार श्रद्वालुओं ने अब तक एक करोड़ 7 लाख 58 हजार 759 रूपए का चढावा माता के चरणों अर्पित किया गया।
 उन्होंने बताया कि  माता मनसा देवी मंदिर में लगभग 91 हजार 500 हजार से अधिक श्रद्वालुओं ने अपनी मनोकामना पूरी करवाने के लिए माता के चरणों में पूजा अर्चना की तथा 10 लाख 64 हजार 454 रूपए की राशि दान के रूप में भेंट की। इसके अलावा श्रद्वालुओं ने 2 नग सोने के तथा 42 नग चंादी के भी माता मनसा देवी के चरणों में दान स्वरूप अर्पित किए।
माता मनसा देवी पूजा स्थल बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एस.पी.अरोड़ा ने बताया कि इसके साथ साथ कालका में काली माता मंदिर में आठवें नवरात्र में 5 लाख 90 हजार 988 रूपए की राशि मां के चरणों में चढाई तथा 42 नग चांदी के माता के चरणों में आठवें नवरात्र के मौके पर श्रद्वालुओं ने अर्पित किए तथा 32 हजार 500 से अधिक श्रद्वालुओं ने दर्शन कर मन्नतें मांगी।  उन्होंने बताया कि दोनों मंदिरों श्रद्वालुओं ने अमेरिका के 70डालर,  न्यूजीलेेंण्ड के 20 ,आस्ट्रेलिय के 117 तथा कनाडा के 20 डालर भी माता के चरणों में अर्पित किए।

हरियाणा सरकार ने अपने निर्णय अनुसार शिक्षण महाविद्यालयों मेें छात्र संगठनों के चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न करवा दिए है तथा विद्यार्थियों ने छात्र चुनाव में बढचढ कर भाग लिया है: रंबिलस शर्मा

पंचकूला 17 अक्तूबर:
शिक्षा मंत्री श्री रामबिलास शर्मा ने कहा कि हरियाणा सरकार ने अपने निर्णय अनुसार शिक्षण महाविद्यालयों मेें छात्र संगठनों के चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न करवा दिए है तथा विद्यार्थियों ने छात्र चुनाव में बढचढ कर भाग लिया है।
शिक्षा मंत्री सैक्टर 5 स्थित इन्द्रधनुष ऑडिटोरियम में आयोजित आमजन से संवाद कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि एनएसयूआई एवं इनसो संगठन छात्र चुनाव की मांग कर रहे थे। लेकिन सरकार ने चुनाव करवाने का निर्णय लिया तो ये दोनों संगठन विरोध में उतर आए। उन्होंने कहा कि इनसो एवं एनएसयूआई का विरोध करने का कोई औचित्य नहीं बनता।
एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थाओं में छात्र संगठनों के चुनाव करवाने से युवाओं में समाज सेवा एवं नेतृत्व की भावना उत्पन्न होती है। इसके अलावा छात्र चुनावों से युवा प्रेरणा लेेकर देश व समाज सेवा को अपना कैरियर के रूप में चयन करते है। उन्होंने कहा कि छात्र नेता के रूप मेें चयनित होकर युवा एक होनहार नागरिक बनते हैं। क्योंकि वे अपने जीवन मे समाज सेवा करने की भावना धारण कर लेते है।

अंत्योदय सरल पर धीमी गति से कार्य करने वाले अधिकारींहोंगे निलम्बित-राकेश गुप्ता

पंचकूला 17 अक्तूबर:
मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव राकेश गुप्ता ने कहा कि अंत्योदय सरल पर जिन विभागों की कार्यप्रणाली ठीक नहीं है और कार्य धीमी गति से कर रहे हैं ऐसे अधिकारियों को निलम्बित किया जाएगा। इसलिए अधिकारी अपनी कार्यप्रणाली में प्राथमिकता के आधार पर सुधार लाएं। क्योंकि उनकी लापरवाही से लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ता है।
अतिरिक्त प्रधान सचिव आज वीडियो कांन्फ्रेसिंग के माध्यम से अन्त्योदय भवन एवं सरल तथा सक्षम हरियाणा को लेकर कार्यो की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कई जिले अच्छा कार्य कर रहे हैं और वे बधाई के पात्र भी हैं। उन्होंने कहा कि अन्य जिलोंं को भी उनसे प्रेरणा लेकर अंत्योदय भवन एवं सरल पर निष्ठा लग्र के साथ भूमिका निभानी होगी और जो अधिकारी इस दिशा में कोताही बरतेंगें तो उनके खिलाफ कार्यवाही करने में भी सरकार कोई संकोच नहीं करेगी।
वीसी में अतिरिक्त उपायुक्त जगदीप ढांडा  ने बताया कि पंचकूला में जिला स्तर पर 21 नवम्बर तक अंत्योदय भवन में कार्य करना आरम्भ कर दिया जाएगा। इसके बाद जिला के लोगों को एक ही छत के  नीचे सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा।  उन्होंने बताया कि जिला में अंत्योदय भवन का निर्माण कार्य तेजी से जारी है जिसे नवम्बर माह के अंतिम सप्ताह में पूरा करके चालू कर दिया जाएगा। अंत्योदय सरल पर वन, उत्तर बिजली वितरण निगम, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण व श्रम विभाग की कार्यप्रणाली काफी धीमी है। उन्होंने कहा कि उपायुक्त ने भी इस संबध में आयोजित बैठक में इन विभागों के अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए कि वे इस दिशा में तुरंत सुधार लाएं अन्यथा उनके विरूद्व कार्यवाही अवश्य सुनिश्चित की जाएगी।
अतिरिक्त प्रधान सचिव ने सक्षम शिक्षा हरियाणा को लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों की समीक्षा करते हुए कहा कि शिक्षा अधिकारियों को ओर अधिक मेहनत करें ताकि सभी खण्डों को सक्षम बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि सक्षम हरियाणा को लेकर आगामी सत्र में समीक्षा की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि एक बार सक्षम होने से बात नहीं बनती अपितु इसे निरंतर पांच साल तक इस दिशा में सतत प्रयास करने होंगें तभी शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश को सक्षम बनाया जा सकेगा।
इस अवसर पर उपमण्डल अधिकारी ना. पंचकूला पंकज सेतिया, कालका रिचा राठी, नगराधीश ममता शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी एच एस सैनी, लोक निर्माण विभाग के कार्यकारी अधिकारी हरपाल सिंह,जिला समाज कल्याण अधिकारी विशाल सैनी, जिला सूचना अधिकारी सतपाल शर्मा, मुख्यमंत्री के सुशासन सहयेागी सरोज सहित कई अन्य संबधित अधिकारी भी उपस्थित थे।