श्रावण माह की पूर्णिमा: ओणम एवं रक्षाबंधन

 

श्रावण माह की पूर्णिमा बहुत ही शुभ व पवित्र दिन माना जाता है. ग्रंथों में इन दिनों किए गए तप और दान का महत्व उल्लेखित है. इस दिन रक्षा बंधन का पवित्र त्यौहार मनाया जाता है इसके साथ ही साथ श्रावणी उपक्रम श्रावण शुक्ल पूर्णिमा को आरम्भ होता है. श्रावणी कर्म का विशेष महत्त्व है इस दिनयज्ञोपवीत के पूजन तथा उपनयन संस्कार का भी विधान है.

ब्राह्मण वर्ग अपनी कर्म शुद्धि के लिए उपक्रम करते हैं. हिन्दू धर्म में सावन माह की पूर्णिमा बहुत ही पवित्र व शुभ दिन माना जाता है सावन पूर्णिमा की तिथि धार्मिक दृष्टि के साथ ही साथ व्यावहारिक रूप से भी बहुत ही महत्व रखती है. सावन माह भगवान शिव की पूजा उपासना का महीना माना जाता है. सावन में हर दिन भगवान शिव की विशेष पूजा करने का विधान है.

इस प्रकार की गई पूजा से भगवान शिव शीघ्र ही प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं. इस माह की पूर्णिमा तिथि इस मास का अंतिम दिन माना जाता है  अत: इस दिन शिव पूजा व जल अभिषेक से पूरे माह की शिव भक्ति का पुण्य प्राप्त होता है.

कजरी पूर्णिमा | Kajari Purnima

कजरी पूर्णिमा का पर्व भी श्रावण पूर्णिमा के दिन ही पड़ता है यह पर्व विशेषत: मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश के कुछ जगहों में मनाया जाता है. श्रावण अमावस्या के नौंवे दिन से इस उत्सव तैयारीयां आरंभ हो जाती हैं. कजरी नवमी के दिन महिलाएँ पेड़ के पत्तों के पात्रों में मिट्टी भरकर लाती हैं जिसमें जौ बोया जाता है.

कजरी पूर्णिमा के दिन महिलाएँ इन जौ पात्रों को सिर पर रखकर पास के किसी तालाब या नदी में विसर्जित करने के लिए ले जाती हैं .इस नवमी की पूजा करके स्त्रीयाँ कजरी बोती है. गीत गाती है तथा कथा कहती है. महिलाएँ इस दिन व्रत रखकर अपने पुत्र की लंबी आयु और उसके सुख की कामना करती हैं.

श्रावण पूर्णिमा को भारत के विभिन्न क्षेत्रों में अनेक नामों से जाना जाता है और उसके अनुसार पर्व रुप में मनाया जाता है जैसे उत्तर भारत में रक्षा बंधन के पर्व रुप में, दक्षिण भारत में नारयली पूर्णिमा व अवनी अवित्तम, मध्य भारत में कजरी पूनम तथा गुजरात में पवित्रोपना के रूप में मनाया जाता है.

रक्षाबंधन | Rakshabandhan

रक्षाबंधन का त्यौहार भी श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है इसे सावनी या सलूनो भी कहते हैं. रक्षाबंधन, राखी या रक्षासूत्र का रूप है राखी सामान्यतः बहनें भाई को बांधती हैं इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं उनकी आरती उतारती हैं तथा इसके बदले में भाई अपनी बहन को रक्षा का वचन देता है और उपहार स्वरूप उसे भेंट भी देता है.

इसके अतिरिक्त ब्राहमणों, गुरुओं और परिवार में छोटी लड़कियों द्वारा संबंधियों को जैसे पुत्री द्वारा पिता को भी रक्षासूत्र या राखी बांधी जाती है. इस दिन यजुर्वेदी द्विजों का उपकर्म होता है, उत्सर्जन, स्नान-विधि, ॠषि-तर्पणादि करके नवीनयज्ञोपवीत धारण किया जाता है. वृत्तिवान ब्राह्मण अपने यजमानों को यज्ञोपवीत तथा राखी देकर दक्षिणा लेते हैं.

श्रावणी पूर्णिमा पर अमरनाथ यात्रा का समापन

पुराणों के अनुसार गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर श्री अमरनाथ की पवित्र छडी यात्रा का शुभारंभ होता है और यह यात्रा श्रावण पूर्णिमा को संपन्न होती है. कांवडियों द्वारा श्रावण पूर्णिमा के दिन ही शिवलिंग पर जल चढया जाता है और उनकी कांवड़ यात्रा संपन्न होती है. इस दिन शिव जी का पूजन होता है पवित्रोपना के तहत रूई की बत्तियाँ पंचग्वया में डुबाकर भगवान शिव को अर्पित की जाती हैं.

श्रावण पूर्णिमा महत्व

श्रावण पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी पूर्ण कलाओं के साथ होता है अत: इस दिन पूजा उपासना करने से चंद्रदोष से मुक्ति मिलती है, श्रावणी पूर्णिमा का दिन दान, पुण्य के लिए महत्वपूर्ण होता है अत: इस दिन स्नान के बाद गाय आदि को चारा खिलाना, चिंटियों, मछलियों आदि को दाना खिलाना चाहिए इस दिन गोदान का बहुत महत्व होता है.

श्रावणी पर्व के दिन जनेऊ पहनने वाला हर धर्मावलंबी मन, वचन और कर्म की पवित्रता का संकल्प लेकर जनेऊ बदलते हैं ब्राह्मणों को यथाशक्ति दान दे और भोजन कराया जाता है. इस दिन भगवान विष्णु और लक्ष्मी की पूजा का विधान होता है. विष्णु-लक्ष्मी के दर्शन से सुख, धन और समृद्धि कि प्राप्ति होती है. इस पावन दिन पर भगवान शिव, विष्णु, महालक्ष्मीव हनुमान को रक्षासूत्र अर्पित करना चाहिए.

इतिहास में वर्णित कुछ प्रसंग:

श्रावण मास पूर्णिमा को मनाए जाने वाला रक्षाबंधन का त्योहार भाई-बहन के अटूट प्रेम को समर्पित है। इस बार 26 अगस्त रविवार को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जा रहा है। इस त्योहार का प्रचलन सदियों पुराना है। पौराणिक कथा के अनुसार इस त्योहार की परंपरा उन बहनों ने रखी जो सगी बहनें नहीं थी। आइए जानते हैं कि आखिर क्यों मनाया जाता हैं रक्षाबंधन का त्योहार।

राजा बलि और देवी-लक्ष्मी ने शुरू की भाई बहनों की राखी

राजा बलि ने जब 100 यज्ञ पूर्ण कर स्वर्ग का राज्य छीनने का प्रयास किया तो देवराज इंद्र ने भगवान विष्णु से प्रार्थना की। भगवान, वामन अवतार लेकर राजा बलि से भिक्षा मांगने पहुंचे। भगवान ने तीन पग में आकाश, पाताल और धरती नापकर राजा बलि को रसातल में भेज दिया। तब राजा बलि ने अपनी भक्ति से भगवान को रात-दिन अपने सामने रहने का वचन ले लिया। तब माता लक्ष्मी ने राजा बलि के पास जाकर उन्हें रक्षासूत्र बांधकर अपना भाई बनाया और भेंट में अपने पति को साथ ले आईं। उस दिन श्रावण मास की पूर्णिमा थी।

द्रौपदी और कृष्ण का रक्षाबंधन

राखी या रक्षा बंधन या रक्षा सूत्र बांधने की सबसे पहली चर्चा महाभारत में आती है, जहां भगवान कृष्ण को द्रौपदी द्वारा राखी बांधने की कहानी है। दरअसल, भगवान कृष्ण ने अपने सुदर्शन चक्र से चेदि नरेश शिशुपाल का वध कर दिया था। इस कारण उनकी अंगुली कट गई और उससे खून बहने लगा। यह देखकर विचलित हुई रानी द्रौपदी ने अपनी साड़ी का किनारा फाड़कर कृष्ण की कटी अंगुली पर बांध दी। कृष्ण ने इस पर द्रौपदी से वादा किया कि वे भी मुश्किल वक्त में द्रौपदी के काम आएंगे। पौराणिक विद्वान, भगवान कृष्ण और द्रौपदी के बीच घटित इसी प्रसंग से रक्षा बंधन के त्योहार की शुरुआत मानते हैं। कहा जाता है कि कुरुसभा में जब द्रौपदी का चीरहरण किया जा रहा था, उस समय कृष्ण ने अपना वादा निभाया और द्रौपदी की लाज बचाने में मदद की।

कर्णावती-हुमायूं

मेवाड़ के महाराजा राणा सांगा की मृत्यु के बाद बहादुर शाह ने मेवाड़ पर आक्रमण कर दिया था। इससे चिंतित रानी कर्णावती ने मुगल बादशाह हुमायूं को एक चिट्टी भेजी। इस चिट्ठी के साथ कर्णावती ने हुमायूं को भाई मानते हुए एक राखी भी भेजी और उनसे सहायता मांगी। हालांकि मुगल बादशाह हुमायूं बहन कर्णावती की रक्षा के लिए समय पर नहीं पहुंच पाया, लेकिन उसने कर्णावती के बेटे विक्रमजीत को मेवाड़ की रियासत लौटाने में मदद की।

रुक्साना-पोरस

रक्षा बंधन को लेकर इतिहास में राजा पुरु (पोरस) और सिकंदर की पत्नी रुक्साना के बीच राखी भेजने की एक कहानी भी खूब प्रसिद्ध है। दरअसल, यूनान का बादशाह सिकंदर जब अपने विश्व विजय अभियान के तहत भारत पहुंचा तो उसकी पत्नी रुक्साना ने राजा पोरस को एक पवित्र धागे के साथ संदेश भेजा। इस संदेश में रुक्साना ने पोरस से निवेदन किया कि वह युद्ध में सिकंदर को जान की हानि न पहुंचाए।

कहा जाता है कि राजा पोरस ने जंग के मैदान में इसका मान रखा और युद्ध के दौरान जब एक बार सिकंदर पर उसका धावा मजबूत हुआ तो उसने यूनानी बादशाह की जान बख्श दी। इतिहासकार रुक्साना और पोरस के बीच धागा भेजने की घटना से भी राखी के त्योहार की शुरुआत मानते हैं।

जब युद्धिष्ठिर ने अपने सैनिको को बांधी राखी

राखी की एक अन्य कथा यह भी हैं कि पांडवो को महाभारत का युद्ध जिताने में रक्षासूत्र का बड़ा योगदान था। महाभारत युद्ध के दौरान युद्धिष्ठिर ने भगवान कृष्ण से पूछा कि मैं कैसे सभी संकटो से पार पा सकता हूं। इस पर श्रीकृष्ण ने युद्धिष्ठिर से कहा कि वह अपने सभी सैनिको को रक्षासूत्र बांधे। इससे उसकी विजय सुनिश्चिच होगी। तब जाकर युद्धिष्ठिर ने ऐसा किया और विजयी बने। तब से यह त्योहार मनाया जाता है।

जब पत्नी सचि ने इन्द्रदेव को बांधी राखी

भविष्य पुराण में एक कथा हैं कि वृत्रासुर से युद्ध में देवराज इंद्र की रक्षा के लिए इंद्राणी शची ने अपने तपोबल से एक रक्षासूत्र तैयार किया और श्रावण पूर्णिमा के दिन इंद्र की कलाई में बांध दी। इस रक्षासूत्र ने देवराज की रक्षा की और वह युद्ध में विजयी हुए। यह घटना भी सतयुग में ही हुई थी

ओणम: महाबहो असुर सम्राट बली के वर्ष में एक बार धरती पर आने का उत्सव

 

चंडीगढ़:

यूं तो भारत भर में हर जाति-प्रजाति के अनेक पारंपरिक त्योहार मनाए जाते हैं, लेकिन कुछ त्योहार ऐसे होते हैं, जिनका स्वरूप शहर में बहुत ही कम देखने को मिलता है। केरल के राजा महाबलि की स्मृति में दक्षिण भारतीय परिवारों ने ओणम का त्योहार वहां के रीति-रिवाजों व परंपराओं के अनुरूप श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता हैं।

दक्षिण भारतीय युवतियां जहां अपने घर की देहरी को फूलों की रंगोली से सजाती है तो महिलाएं खट्ठे-मीठे तमाम तरह के व्यंजनों को बनाकर उनका स्वाद अपने परिवार के साथ सामूहिक रूप से चखती हैं।

चूंकि यह त्योहार दक्षिण भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है, इसलिए इसे उत्सव के रूप में मनाया जाता है। सुबह से ही घरों की साफ-सफाई कर दक्षिण भारतीय परिवारों ने आज राजा महाबलि की याद में तमाम तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं।

मान्यता है कि राजा महाबलि के शासन में रोज हजारों तरह के स्वादिष्ट पकवान व व्यंजन बनाए जाते थे। चूंकि महाबलि साल में एक बार अपनी प्रजा से मिलने आते हैं, इसलिए उनके प्रसाद के लिए कई तरह के लजीज व्यंजनों को बनाए जाते हैं।

ओनम केरल में मनाया जाने वाला सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है। वैसे तो इसे फसलों की कटाई के बाद मनाया जाता है, पर इसका महत्व सामान्य कृषि संबंधित त्योहारों से कहीं ज्यादा है। दरअसल ओनम की कहानी महान राजा महाबली से जुड़ी हुई है। महाबली की पौराणिक कथा से पता चलता है कि आखिर क्यों आज भी ओनम का त्योहार मनाया जाता है।

महाबली की पौराणिक कथा – राजा बलि देवांबा का बेटा और प्रह्लाद का पौत्र था। वह जन्म से ही असुर था। अपने दादा प्रह्लाद के परामर्श के कारण वह राजगद्दी पर बैठने में कामयाब रहा। असुरों का राजा होने के नाते उनका नीतिशस्त्र और प्रसाशनिक क्षमता अद्वितीय थी। वह भगवानों का सम्मान करता था और आपनी उदारता के लिए जाना जाता था।

ओणम का त्‍योहार तीनों लोक पर विजय – महाबली योग्य होने के साथ-साथ महत्वकांक्षी भी था। वह ब्रहमांड के तीनों लोक, यानी पृथ्वी, परलोक और पाताल लोक का सम्राट बनना चाहता था। इसलिए उन्होंने देवताओं के विरूद्ध युद्ध छेड़ दिया और परलोक पर कब्जा कर लिया। उन्होंने देवों के राजा इंद्र को पराजित किया और तीनों जगत का शासक बन गया। साथ ही उन्होंने अश्वमेध यगना शुरू किया, ताकि ब्राह्मांड के तीनों लोक पर शासन कर सके।

वामन अवतार – एक असुर के हाथों पराजित होने के कारण देवता परेशान हो गए। उन्होंने परलोक वापस पाने के लिए भगवान विष्णु से मदद के लिए प्रार्थना की। प्रार्थना सुन कर भगवान विष्णु एक बौने ब्राह्मण लड़के के रूप में महाबली के सामने प्रकट हुए। यह भगवान विष्णु का वामन अवतार था। उन्होंने महान राजा से अपने पैरों के तीन कदम जितनी भूमि देने का आग्रह किया।

उदार महाबली ने इसे तुरंत स्वीकार कर लिया। इसके बाद भगवान विष्णु का आकार एकाएक बढ़ता ही चला गया। तब उन्होंने एक कमद से ही पूरी पृथ्वी और दूसरे कदम से पूरा परलोक नाप डाला। अब भगवान विष्णु ने तीसरा कदम रखने के लिए स्थान मांगा। धर्मनिष्ठ महाबली ने तब अपना मस्तक ही प्रस्तुत कर दिया। भगवान विष्णु ने अपना तीसरा कदम उनके मस्तक पर रखकर उन्हें पाताल लोक पहुंचा दिया।

ओनम की कहानी पौराणिक कथाओं के अनुसार जब राजा महाबली पाताल लोक जा रहे थे तो उन्होंने भगवान विष्णु से एक वरदान मांगा। उन्होंने आग्रह किया कि उन्हें साल में एक बार केरल आने की अनुमति दी जाए, ताकि वह सुनिश्चित कर सकें कि उनकी प्रजा खुशहाल और समृद्ध है।

भगवान विष्णु ने उनकी इच्छा स्वीकार कर ली। यानी कि ओनम ही वह समय है जब महाबली अपनी प्रजा को देखने के लिए आते हैं। शायद यही वजह है कि ओनम इतने हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह ओनम की पौराणिक कथा है, जिसका संबंध प्रचीन असुर राजा बलि से है।

ओणम की रस्में
ओणम का त्यौहार 10 दिनों तक मनाया जाता है, जिसमें बहुत सी गतिविधियाँ शामिल हैं। महिलाएँ घरों को सजाने के लिए रंग बिरंगे फूलों से रंगोली बनाती हैं, और पुरुष तैराकी और नौका-दौड़ जैसी गतिविधियों में हिस्सा लेते हैं। केरल के लोग ओणम त्यौहार को बहुत धूमधाम से मनाते हैं। ओणम त्यौहार के दस दिन इस प्रकार हैं:

अथम – इस दिन बहुत ही शानदार फ़ूलों की रंगोली बनाई जाती है क्योंकि माना जाता है कि इस दिन राजा महाबली पाताल लोक से धरती पर ओणम के अवसर पर आते हैं। इस दिन हस्त नक्षत्र होता है।

चिथिरा –
 ओणम के दूसरे दिन सारी पुरानी चीज़ों को निकाल दिया जाता है और अपने घर को हर तरह सुंदर बनाया जाता है। आज चिथिरा नक्षत्र होता है।

चोढ़ी –
 इस दिन का विशेष महत्व महिलाओं के लिए है क्योंकि इस दिन महिलाएँ अपने आप को सजाने के लिए नए कपड़े और गहनों की खरीददारी करती हैं। इस दिन स्वाति नक्षत्र होता है।

विसकम –
 इस दिन सभी गतिविधियाँ और प्रतियोगिताएँ शुरू होती हैं। नौका-दौड़ और पूकलम इस दिन की प्रमुख विशेषताएँ हैं। इस दिन विसकम नक्षत्र होता है।

अनिज़्हम – ओणम के पाँचवे दिन नौक-दौड़ का अभ्यास प्रारंभ हो जाता है। वल्लमकली नामक नौका-दौड़ बहुत ही प्रसिद्ध खेल है जो कि अब पर्यटन आकर्षण केंद्र बन चुका है। इस दिन अनिज़्हम नक्षत्र होता है।

थ्रिकेटा – ओणम के छठें दिन बहुत ही बड़ा उत्सव मनाया जाता है। जो लोग घर से दूर काम करते हैं, वे सब इस दिन को अपने परिवार के साथ मनाते हैं। ओणम के छठें दिन थ्रिकेटा नक्षत्र प्रबल होता है।

मूलम –
 यह वो दिन है जब केरल के मंदिरों में ओणसाद्य का आयोजन किया जाता है जो कि एक भव्य दावत मानी जाती है। इस दिन बहुत सी नृत्य कलाओं का आयोजन भी होता है जैसे कि पुलीकली और कैकोट्टी। मूलम नक्षत्र इस दिन होता है।

पुरदम –
 इस दिन ओणम का उत्सव अपनी चरम सीमा पर पहुँच जाता है। भगवान वामन और राजा महाबली की मिट्टी की मूर्तियाँ बनाई जाती हैं और पूकलम की रचनाएँ अपनी जटिलता तक पहुँच जाती हैं। इस दिन पुरदम नक्षत्र प्रबल होता है।

उतरदम –
 इस दिन फूलों का एक विशाल गलीचा राजा महाबली के स्वागत के लिए तैयार किया जाता है। नौवें दिन की गतिविधियाँ अपने शीर्ष पर आ जाती हैं। इस दिन उत्तरदम नक्षत्र प्रबल होता है।

थिरुवोणम –
 यह दिन परम उत्सव का दिन है। सारी गतिविधियाँ जैसे कि लोक नृत्य, कथकली नृत्य, पूकलम प्रतियोगिता, नौका-दौड़, और ओणसाद्य मनाई जाती हैं। उसके बाद, केरल के लोग अपने प्रिय राजा महाबली को अलविदा करते हैं।

 

वल्लमकली – प्रसिद्ध नौका-दौड़
नौका-दौड़ की गतिविधि केरल के लोगों के बीच ही नहीं, बल्कि पर्यटकों की भी पसंदीदा है। नौका-दौड़ में भाग लेने वाली नाव विशेष होती है। यह लगभग 100 फ़ीट लंबी है और 140-150 लोगों के बैठने की क्षमता रखती है। इसकी आकृति कोबरा जैसी है। इस नाव को बनाने में बहुत ही मेहनत लगती है, इसलिए मछुआरों के लिए इस नाव का भावनात्मक मूल्य है। यह एक ऐसी गतिविधि है जिससे कोई चूकना नही चाहेगा।
ओणसद्या – एक भव्य भोज
यह एक ऐसी दावत है जो कोई भी छोड़ना नहीं चाहेगा। यह एक नौं प्रकार का भोज है जो मुँह में अपना स्वाद छोड़ जाता है। केरल के लोग इस भोज को इतना पसंद करते हैं कि एक ओणसद्या भोज के लिए वह अपना सब कुछ बेच सकते हैं। परंपरा के अनुसार, ओणसद्या भोज केले के पत्ते पर परोसा जाता है। भोज में 60 तरह के व्यंजन और 20 तरह के मिष्ठान शामिल हैं जो पर्यटकों के बीच बहुत प्रसिद्ध है।

पूकलम – फ़ूलों का गलीचा
पूकलम अनेक रंगों के फ़ूलों से तैयार किया हुआ गलीचा होता है। यह एक कलात्मक स्पर्श वाली कला है। हर घर के आँगन में सुंदर और रंगीन रंगोली बनाई जाती हैं जो कि बहुत ही आकर्षक होती हैं। लोग पूकलम के दिन रंगोली बनाना प्रारंभ करते हैं जो कि ओणम के अंतिम दिन तक चलती है। रंगोली की गोल आकृति केरल के लोगों की संस्कृति और सामाजिकता को दर्शाता है।

हरियाणा एजुकेशन बोर्ड द्वारा अनुक्रमांक पात्रता से सम्बन्धित अधूरे दस्तावेजॉन को पूरे करने की समयावधि तय की गयी

 

भिवानी, 25 अगस्त, 2018 :

हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड सचिव डॉ. अंशज सिंह, आई.ए.एस. ने आज यहाँ जारी एक प्रेस-वक्तव्य में बताया कि हरियाणा मुक्त विद्यालय की सैकेण्डरी एवं सीनियर सैकेण्डरी सितम्बर-2018 (सी.टी.पी./एस.टी.सी./ आंशिक अंक सुधार/पूर्ण अंक सुधार/अतिरिक्त विषय) की परीक्षाएं 05 सितम्बर, 2018 सेे आरम्भ हो रही हैं। इन परीक्षाओं से सम्बन्धित अनुक्रमांक बोर्ड वैबसाईट पर 24 अगस्त, 2018 से जारी कर दिए गए हैं।
बोर्ड सचिव ने बताया कि जिन परीक्षार्थियों के अनुक्रमांक पात्रता से सम्बन्धित दस्तावेज अधूरे होने के कारण रोके गये हैं ऐसे परीक्षार्थी 27 अगस्त (सोमवार) से 31 अगस्त (शुक्रवार) तक (प्रात: 9:00 बजे से सायं 5:00 बजे) अपने पात्रता से सम्बन्धित पूर्ण दस्तावेजों (ऑनलाईन आवेदन की हार्डकापी/पास प्रमाण-पत्र/विद्यालय त्याग प्रमाण-पत्र/जन्मतिथि प्रमाण-पत्र/रि-अपीयर कार्ड इत्यादि) सहित बोर्ड कार्यालय के कमरा नं. 90-91 में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर सम्पर्क करें।
उन्होंने बताया कि बोर्ड कार्यालय 01 सितम्बर से 03 सितम्बर तक अवकाश होने के कारण बन्द रहेगा, इसलिए परीक्षार्थी इन दिनों में अनुक्रमांक के लिए बोर्ड कार्यालय में न आयें।

Rs 30 lac cash seized during surprise checking by Patiala Police

 

Patiala, august 25, 2018 : Patiala Police, on Saturday, hit a Jackpot and recovered Rs 30 lac as unaccounted cash money during surprise checking for drugs in the buses coming from Ambala (Haryana) to Rajpura city area .

A senior official of Patiala Police told newsmen that during the checking in one of the buses ,it was noticed that a man started behaving suspiciously.

The police team searched his belongings . A bag full of cash was found from his possession . The amount was found to be Rs 30 lac.

The man carrying bag failed to failed to disclose the source of this cash. Suspecting the money as  Hawala transaction ,the police informed the Income tax authorities for taking further action.

नॉर्थ जोन फिल्म एंड टीवी आर्टिस्ट एसोसिएशन का पुनर्गठन

चंडीगढ़,25 अगस्त,2018:

शुक्रवार को पंजाब आर्ट कॉउंसिल में नॉर्थ जोन फिल्म एंड टीवी आरटिस्ट एसोसिएशन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। 2 कमेटियों का गठन किया गया जिसके तहत प्रेसिडेंट गुरप्रीत गुग्घी, सीनियर वाईस प्रेसिडेंट बी.बी. वर्मा, शिवेंद्र महल वाईस प्रेसिडेंट, जेनरल सेक्रेट्री मलकियत रौनी, ज्वाइंट सेक्रेट्री सतवंत कौर, फाईनेंस सेक्रेट्री रंजीत, ज्वाइंट फाइनेंस सेक्रेट्री परमजीत भंगू, एगजिक्यूटिव सदस्य बॉबी घई, हरदीप गिल,जसवंत दमन, रूपिंद्र रूपी व गुरप्रीत भंगू। इसके आलावा मेनंजमेंट कमेटी में चेयरमैन गुग्गु गिल, पेटरोनस विजय टंडन, निरमल, बी. एन शर्मा, सरदार सोही व जसविंद्र भल्ला। साथ ही एडवाइजरी बोर्ड में दलजीत दोसांज, गिप्पी ग्रेवाल, रोशन प्रिंस, रंजीत बावा, जस्सी गिल, एमी विर्क, पम्मी बाई, अमरित मान, शैरी मान, तरसेम जस्सड़ व निंजा को चुना गया।

चंडीगढ़ व पंजाब से तकरीबन 150 कलाकारों ने ने भी इस बैठक मे शिरकत की। 2013 मे  बनी इस एसेसिएशन ने कालाकारो के हित बहुत से काम किए गए, यह बैठक एगजिक्यूटिव बॉडी को बढाने के मकसद से की गई। इस मौके पर प्रेसिडेंट जी.एस. चीमा ने कहा कि वह सारी जिंदगी से इस सपने को संजोए बैठे थे कि पंजाब में एक सि प्रकार की एसोसिएशन होनी चाहिए उनका सपना आज साकार हो गया।

सेवारत, पूर्व सैनिकों के आवासों पर नहीं लगेगा प्रॉपर्टी टैक्स: एमसी चंडीगढ़

फ़ाइल फोटो


सेवारत, पूर्व सैनिकों के आवासों पर नहीं लगेगा प्रॉपर्टी टैक्स

 शिवालिक गार्डन का नाम अटल बिहारी वाजपेयी गार्डन होगा


चंडीगढ़,25 अगस्त,2018:

नगर निगम, चंडीगढ़ की 261वीं सदन बैठक में आज निगम के अंतर्गत आए गांवों हल्लोमाजरा, कजहेड़ी, पलसौरा, मलोया एवं डड्डूमाजरा में कमर्शियल टैक्स लगाने की निगम की मंशा उस वक्त धरी की धरी रह गई, जब सदन के सभी सदस्यों ने इसका जोरदार विरोध किया। यह प्रस्ताव पेश करने के तुरन्त बाद ही शिरोमणि अकाली दल के एक मात्र पार्षद हरदीप सिंह ने इसका विरोध किया।

 5 गांवों पर लगने वाले प्रॉपर्टी टैक्स का प्रस्ताव स्थगित…..

उनका कहना था कि जब इन गांवों को चंडीगढ़ की तरह मार्डन बनाकर सभी सुविधाएं उपलब्ध करा दी जाए तभी यहां प्रापर्टी टैक्स लगाने की बात होनी चाहिए। हरदीप ने कहा कि इन पिंडों के विकास के लिए प्रशासन की तरफ से मिले पैसे खर्च हों तभी टैक्स लगाएं। इन गांवों के लोग किसानी करते हैं, इनके पास आय के कोई अन्य साध्र नहीं है। फिर इन पर टैक्स का भारी भरकम बोझ क्यों। जवाब में कमिश्नर का कहना था कि नगर निगम के दायरे में आने वाले किसी भी क्षेत्र में प्रॉपर्टी टैक्स लगाने के लिए किसी के अप्रूवल की जरूरत नहीं होती। फिर भी जन भावना का सम्मान करते हुए इस प्रस्ताव को अगली बैठक तक स्थगित किया जाता है। निगम के लगभग सभी पार्षदों ने इस पर एकजुटता दिखाई।

इसके अलावा सेना में कार्यरत जवान या उनके परिजनों की आवासीय सम्पत्ति पर लगने वाले प्रापर्टी टैक्स पर छूट दे दी गयी। इस प्रस्ताव को कई बार सदन बैठक में लाया गया। किन्तु इस पर अमलीजामा इस बैठक में ही पहनाया जा सका। निगम के मनोनीत पार्षद मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) एमएस कंडल ने सदन का आभार व्यक्त किया। गुरदेव स्टूडियो के निकट, सेक्टर-17 की मल्टी लेवल पार्किंग पर सोलर पावर प्लांट लगाने संबंधी प्रस्ताव भी सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। कमिश्नर ने कहा कि इसका फंड अलग से आता है इसलिए उन्हें कोई आपत्ति नहीं। इस कार्य को फंड मिलते ही शीघ्रातिशीघ्र शुरू करवा दिया जाएगा।

औद्योगिक क्षेत्र फेज-एक के क्रिमेशन ग्राउंड को अपग्रेड करने व इसके नवनिर्माण संबंधी प्रस्ताव पर मनोनीत पार्षद हाजी मोहम्मद खुर्शीद अली एवं अरुण सूद ने चर्चा के दौरान कहा कि निगम के अंतर्गत आने वाले सभी क्रिमेशन ग्राउंड्स में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना प्राथमिकता होनी चाहिए। इसके साथ ही साथ कब्रिस्तानों की भी मरम्मत एवं मेंटीनेंस पर ध्यान देकर इसके अलग-अलग चार जोन बना देना चाहिए। इसके अलावा मनीमाजरा क्रिमेशन ग्राउंड को नियमित करने का काम सबसे जरूरी बताया गया।

कमिश्नर ने कहा कि मनीमाजरा क्रिमेशन ग्राउंड का मामला अदालत में है। किन्तु पार्षदों की भावनाओं को वह अदालत को अवगत करवा देंगे। सदन के समक्ष मेयर द्वारा एक विशेष प्रस्ताव लाया गया, जिसमें मनीमाजरा के शिवालिक गार्ड का नाम बदलकर अब पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखने की बात थी। सदन में संक्षिप्त बहस के बाद इसे पारित कर दिया गया। कांग्रेस के बबला ने थोड़ा विरोध जताया। किन्तु बहुमत इसके पक्ष में था। कमिश्नर ने कहा कि इस प्रस्ताव को नगर प्रशासन के पास उनकी कंसेंट लेने के लिए भेजा जाएगा। जैसा आदेश होगा, वैसा ही किया जाएगा।

शहर में इधर-उधर पड़े खड्डों आदि को भरने और उनको मेंटेन करने के लिए दो चेन डोजर खरीदने का प्रस्ताव भी पारित कर दिया गया। अभी हाल में पेड़ गिरने से दबकर मरे व्यक्ति व उसी के दूसरे भाई के गंभीर रूप से घायल के परिजनों को निगम द्वारा मुआवजा देने के श्रीमती हीरा नेगी के सुझाव को भी कमिश्नर ने मान लिया।

उनका कहना था कि जो भी संभव होगा, पीडि़त परिवार की मदद की जाएगी। इसके साथ ही शहर में डैंजर जोन के पेड़ों को काटने और छांटने को लेकर भी सदन में काफी नुक्ताचीनी चलती रही। कमिश्नर ने कानून का हवाला देकर निगम को शांत किया। टायलेट ब्लाक मामले को र्को में चुनौती देने पर सतीश कैंथ और कमिश्नर में बड़ी देर तक तू-तू मैं चली। अंत में केस अदालत में होने का हवाला देकर सतीश कैंथ को चुप कराया गया। सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर दो मिनट का मौन रखा गया।

Rahul Gandhi has constituted 3 Committies for the Lok Sabha Election 2019.

 

New Delhi, August 25, 2018 :

Ahead of Lok Sabha elections, Congress President Rahul Gandhi on Saturday constituted a core group committee comprising leaders like A.K. Antony, Ghulam Nabi Azad and P. Chidambaram, a manifesto committee and a publicity committee.

Besides Antony, Azad and Chidambaram, the core group committee also includes Ashok Gehlot, Mallikarjun Kharge, Ahmed Patel, Jairam Ramesh, Randeep Singh Surjewala and K.C. Venugopal.

The manifesto committee has Chidambaram, Ramesh, Bhupinder Singh Hooda, Salman Khurshid, Shashi Tharoor, Kumari Selja, Sushmita Dev, Rajeev Gowda, Mukul Sangma, Manpreet Singh Badal, Sam Pitroda, Sachin Rao, Bindu Krishnan, Raghuveer Meena, Balchnadra Mungekar, Meenakshi Natrajan, Rajni Patil, Tamradhwaj Sahu and Lalitesh Tripathii as its members.

The publicity committee includes Anand Sharma, Randeep Surjewala, Manish Tiwari, Pramod Tiwari, Rajeev Shukla, Bhakta Charan Das, Praveen Chakravarty, Milind Deora, Ketkar Kumar, Pawan Khera, V.D. Satheesan, Jaiveer Shergill and Divya Spandana.

Only Punjab FM Manpreet Badal has been nominated to Manifesto Committee of AICC. No other Punjab leader has been included in these committees.

The lists of the members of these committees have been released by Ashok Gehlot, General Secretary of AICC :

Total 16 cases of burglaries and house theft were solved, in which huge amount of gold and silver ornaments are recovered: Chandigarh Police

Photo: Rakesh Shah


 

A team of Crime Branch under the supervision of DSP Sh. Pawan Kumar lead by Insp. Amanjot Singh arrested the gang of notorious burglars who have committing large number of burglaries in the area of Chandigarh.

 

Profile of accused.

 

Name Father’s name Present Address Age Occupation
Jagdeep Singh Sh. Daler Singh Urban Estate Sector-7, Ambala City HR 24

years

Taxi Driver
Shankar Thap Sh. Hem Lal Thapa Village Palsoura, Sec-55, Chandigarh Permanent add- Narayan Ghat, Distt. Chitaun Country, Nepal 28 years Works in the catering camp.
Ashok Kumar Tiwari Om Parkash Tiwari Village Palsoura, Sec-55, Chandigarh Permanent add. Vill. Aastigan, PS- Dhamolia, Distt. Faizabad(Ayadhya), UP.

 

age 27 years Auto Driver
Gurminder Singh @ Happy Chand Singh Ph-1 Mohali, PB 54 years Jeweller

(Receiver of stolen property)

 

Photo: Rakesh Shah

On 20.08.18, secret information was received that the above said accused persons were involved in burglaries and house theft presently roaming in the area of Police Station 36, Chandigarh. On the basis of secret information the naka was laid and all were apprehended and from further interrogation and investigation total 16 cases of burglaries and house theft were solved, in which huge amount of gold and silver ornaments are recovered.

 

The cases solved with their arrest are as under:

Sr. No. FIR /Date U/S PS State
1. 274/24.07.18 380,457,411 IPC 36 Chandigarh
2. 51/02.02.18 380,457,411 IPC 39 Chandigarh
3. 237/05.06.18 380,411 IPC 39 Chandigarh
4. 10/09.01.18 380,457,411 IPC 39 Chandigarh
5. 140/07.07.18 380,457,411 IPC 3 Chandigarh
6. 49/30.01.18 380,454,411 IPC 39 Chandigarh
7. 241/02.07.18 380,457,411 IPC 34 Chandigarh
8. 178/27.06.18 380,457,411 IPC MJ Chandigarh
9. 120/21.03.18 380,457,411 IPC 31 Chandigarh
10. 98/25.05.18 380,457,411 IPC 49 Chandigarh
11. 248/21.06.18 380,411 IPC 39 Chandigarh
12. 121/22.03.18 380,457,411 IPC 39 Chandigarh
13. 232/19.6.18 380,457,411 IPC 36 Chandigarh.
14. 227/12.6.18 380,457,411 IPC 36 Chandigarh.
15. 233/20.6.18 380,457,411 IPC 36 Chandigarh.
16. 17/4.2.18 380,454,411 IPC MJ Chandigarh.

 

Modus operandi

All the three accused met each other through a common friend namely Manir who was also lodged in Patiala Jail with accused Jagdeep Singh and after the introduction all of them decided to commit crime conjointly. Jagdeep Singh who was a taxi driver and have two cars one Baleno and one Alto used to roaming around in the posh areas of Chandigarh to look for the locked houses during the day and by breaking open the locks during the night, they used to enter these houses for theft. All of them are enjoying luxury life style wearing branded clothes, drinking branded liquor and gambling. Some of the stolen items they have sold to one of the jewellers in Village Badheri, Chandigarh who has also been arrested. They have stolen the car keys from these houses as well and it was the part of their planning that later they will steal the cars from the said houses. 5 such car keys were also recovered.  They have committed theft in the house of Renowned Punjabi Singer Satinder Sartaj, Sec.34, Chandigarh. They have located this house as locked during the day and entered by breaking open the locks, but on entering the house they found that it is not a residence of the singer but his office, so fearing that they have been recorded in the CCTV cameras, they stolen the DVR from there, which has been recovered.

Theft in Mohali

They have also committed theft in Mohali, Ph.11, from where they have stolen one Double Barrel Gun, One Camera and other gold jewelleries. The gun according to the interrogation of the accused Ashok Kumar he has given to someone in Ayodhaya, UP.

Previous History of the accused.

All the three accused have a tainted past and have been arrested previously. Jagdeep Singh was arrested in cheating case and remained in Patiala Jail whereas Shankar Thapa was lodged in Burail Jail in theft case. Ashok Kumar Tiwari has also been remained in Ropar jail in theft case.

जनता का जमावड़ा बताता है की प्रदेश में बह रही है बदलाव की बहार

देश और प्रदेश में बहुत सी रैलियां होती है , सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी रैलियों में पूरा जोर लगा देती है । हमने मोदी की रैलियां भी सोशल मीडिया और मीडिया के माध्यम से देखी है ,अमित शाह की जींद रैली भी देखी। जिसमे पूरी बीजेपी ने जोर लगा रखा था फिर भी 70%कुर्सिया खाली थी । ये नज़ारा भी सबने देखा और दूसरा नज़ारा चौटाला परिवार की रैलियां देखी जिसमे लोग आते 1500 । और दिखाने की कोशिश होती थी 30 हज़ार। ये नौटंकी भी हरियाणा की जनता ने सभी जिलो में देखा नकली हाज़री का ।


हमने और प्रदेश की जनता ने एक और अद्भुत नज़ारा देखा गया। जहा जिस जिले में भूपिंदर सिंह हुड्डा ने रैल्ली की तो किसी भी पंडाल में कुर्सिया नहीं लगायी । लोगों ने खड़ी रैली की । मंडियों के शेड्स में भीड़ में तिल रखने की जगह नहीं मिली और जनता ने खड़े होकर सुना । जनक्रांति यात्रा की चारोँ चरणों की रैलियों में शेड्स से ज्यादा भीड़ बाहर धुप में खड़ी रही । शेड्स में जगह नहीं मिल पायी । हम उदाहरण के तौर पर टोहाना की ही फ़ोटो डाल रहे हैं। एक में शेड्स से बहार का अद्भुत नज़ारा है और दूसरी में शेड्स के अंदर का नज़ारा है। जिसमे हुड्डा साब जनता का अभिवादन स्वीकार कर रहे है ।
आप देख सकते है और तुलना कर सकते है… दूसरी पार्टीयो की रैल्लियो से ..और ……अनुमान लगा सकते है…. परिवर्तन की लहर किस और बह रही है……हरियाणा के चारों ओर…..

कांग्रेस के दस साल के कार्यकाल में कपास के न्यूनतम समर्थन मूल्य में औसत वृद्धि 57% रही जोकि मौजूदा भाजपा सरकार से कहीं ज्यादा थी। इसी प्रकार मोदी सरकार के कार्यकाल से कहीं ज्यादा यूपीए कार्यकाल में धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य में औसत वृद्धि 62% रही है जिसकी वजह से किसानों को भरपूर फायदा मिला और चारों तरफ खुशहाली थी। हुड्डा सरकार के कार्यकाल में गन्ना बीजेपी और inld कार्यकाल में 95 रुपये से कुल 117 हुआ था इन्होंने कुल 6 साल में 23 % इज़ाफ़ा किया और हुड्डा ने इसी का रेट लगभग 310 किया था अंदाज़ा लगाओ कितने प्रतिशत बढ़ा होगा , लगभग 165 %और अब बीजेपी ने कुल 10 रुपये बढ़ाये है और पॉपुलर तो 1250 रुपये तक बिका, हुड्डा कार्यकाल में जिस रेट में पत्ते बीके थे आज 250 रुपये में पॉपलर बिक रहा है और हुड्डा कायर्काल में धान 5500 रूपए प्रति क्विंटल और कपास 7000 रुपये प्रति क्विंटल बिकता था, ऐसे में धान पर 1750 रुपये प्रति क्विंटल और कपास पर 5150 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य का क्या औचित्य है।
साल 2014 के चुनाव से पहले मोदी ने कुरुक्षेत्र व पठानकोट की भूमि पर आयोजित जनसभाओं में देश के किसान को ‘लागत+50% मुनाफा’ की सार्वजनिक घोषणा की, जिसे प्रधानमंत्री ने पूरे देश में दोहराया। भाजपा ने अपने 2014 के घोषणापत्र के पृष्ठ 44 पर बाकायदा किसान को ‘लागत + 50 % मुनाफा’ देने का वायदा अंकित किया। सच्चाई यह है कि 4 सालों से लागत+50 % मुनाफा का ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य’ की बिसात पर मोदी सरकार कभी खरी नहीं उतरी।

हार की कगार पर खड़ी मोदी सरकार ने 4 जुलाई, 2018 को ‘समर्थन मूल्य’ की झूठ को ‘एक राजनैतिक लॉलीपॉप’ के जुमले की तरह देश को पेश करने का छल किया। हरियाणा के मुख्यमंत्री व कृषि मंत्री ने तो ‘झूठे ठुमके’ लगाकर किसानों को बरगलाने व बेशर्मी की एक नई मिसाल बना डाली। दूसरी तरफ, चाटुकारिता की दौड़ में एक कदम और आगे बढ़ाते हुए बादल परिवार ने तो समर्थन मूल्य की झूठी शान बघारने के लिए मलोट, पंजाब में 11 जुलाई, 2018 को प्रधानमंत्री की धन्यवाद जनसभा तक रख डाली।

सच तो यह है न समर्थन मूल्य मिला, न मेहनत की कीमत। न खाद/कीटनाशनक दवाई/बिजली/डीज़ल की कीमतें कम हुईं और न ही हुआ फसल के बाजार भावों का इंतजाम। क्या झूठी वाहवाही लूटने, अपने मुंह मियाँ मिट्ठू बनने, ढ़ोल- नगाड़े बजाने व समाचारों की सुर्खियां बटोरने से आगे बढ़ मोदी जी व हरियाणा/पंजाब के भाजपाई-अकाली दल नेतागण

20 जून, 2018 को नमो ऐप पर किसानों से बातचीत करते हुए खुद मोदी जी ने ‘लागत+50%’ का आंकलन ‘C2’ के आधार पर देने का वादा किया था और कहा कि किसान के मज़दूरी व परिश्रम + बीज + खाद + मशीन + सिंचाई + ज़मीन का किराया आदि शामिल किया जाएगा। फिर वह वायदा आज जुमला क्यों बन गया?

अगर चार वर्षों में ‘लागत+50%’ मुनाफा सही मायनों में मोदी सरकार ने किसान को दिया होता, तो लगभग 200,000 करोड़ रुपया किसान की जेब में उसकी मेहनत की कमाई के तौर पर जाता। परंतु यह बात मोदी जी व भाजपा देश को नहीं बताएंगे। यह किसानों के साथ विश्वासघात नहीं तो क्या है?
​क्या मोदी सरकार ने लागत निर्धारित करते वक्त निम्नलिखित मूलभूत बातों पर ध्यान दिया, जैसे कि:-

​16 मई, 2014 को डीज़ल की कीमत 56.71 रु. प्रति लीटर थी। यह लगभग 11.15 रु प्रति लीटर बढ़कर आज 67.86 रु. हो गई है।

यहां तक कि पिछले 6 महीने में खाद की कीमतें बेलगाम हो 24 प्रतिशत तक बढ़ गईं। IFFCO DAP खाद का 50 किलो का कट्टा जनवरी, 2018 में 1091 रु में बेच रहा था, जो आज बढ़कर 1290 रु प्रति 50 किलो हो गया है। हर साल किसान 89.80 लाख टन DAP खरीदता है, यानि उसे 5561 रु करोड़ की चपत लगी।
ज़िंक – सलफेट की कीमतें 50 रु किलो से बढ़कर 80 रु किलो हो गयी, यानी 60% की बढ़ोतरी । इसी प्रकार “सुपर” के 50 kg के कट्टे की कीमत 260 रु से बढ़कर 310 रु हो गयी, यानी 20 % की बढ़ोतरी ।

​कीटनाशक दवाई हों, बिजली हो, सिंचाई के साधन हों या खेती के उपकरण, उन सबकी कीमतें बेतहाशा बढ़ गईं।

​क्या मोदी सरकार ने आजादी के बाद पहली बार खेती पर टैक्स नहीं लगाया?

70 वर्ष के इतिहास में पहली बार किसान और खेती पर टैक्स लगाने वाली यह पहली सरकार है। खाद पर 5% जीएसटी, ट्रैक्टर/कृषि उपकरणों पर 12 % जीएसटी, टायर/ट्यूब/ट्रांसमिशन पार्ट्स पर 18 प्रतिशत जीएसटी, कीटनाशक दवाईयों पर 18 प्रतिशत जीएसटी, कोल्ड स्टोरेज़ इक्विपमेंट पर 18 प्रतिशत जीएसटी पिछले एक साल में मोदी सरकार ने लगा डाला।

छोटे किसान को कर्जमाफी से मोदी सरकार कन्नी क्यों काट रही? देश की आबादी में 62 प्रतिशत किसान हैं। परंतु प्रधानमंत्री, मोदी जी ने छोटे और मंझले किसान की कर्जमाफी से साफ इंकार कर दिया। प्रश्न बड़ा साफ है – यदि मोदी सरकार अपने चंद पूंजीपति मित्रों का 2,41,000 करोड़ रु. बैंकों का कर्ज माफ कर सकती है, तो खेत मजदूर व किसान को कर्ज के बोझ से मुक्ति क्यों नहीं दे सकती?

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना प्राईवेट बीमा कंपनी मुनाफा योजना बन गई? – 2016-17 व 2017-18 में कृषि कल्याण से मोदी सरकार ने 19,800 करोड़ रु. इकट्ठा किए, जिसका इस्तेमाल फसल बीमा योजना में किया गया, परंतु फसल बीमा योजना से बीमा कंपनियों को 14,828 करोड़ का मुनाफा हुआ, जबकि किसान को मुआवज़े के तौर पर मिला केवल 5,650 करोड़।

क्या मोदी सरकार में किसान मुसीबत में और माफिया की पौ बारह सच नहीं? भाजपा सरकार ने गेहूँ पर आयात शुल्क 25 प्रतिशत से घटाकर 0 प्रतिशत कर दिया। अनाज माफिया से मिलीभगत साफ है। कांग्रेस सरकार ने 2013-14 में 9261 करोड़ रु. के गेहूँ का निर्यात हुआ, जो 2016-17 में घटकर 4375 करोड़ रु. रह गया। साल 2015-16 में भाजपा सरकार ने 44 रु. प्रति किलो पर दाल के आयात की अनुमति दी थी, जबकि दालें 230 रु. प्रति किलो बिकी थीं। 2016-17 में भी 221 लाख टन के दाल के बंपर उत्पादन के बावजूद भाजपा सरकार ने 44 रु. प्रति किलो की दर से 66 लाख टन दाल के आयात की अनुमति दे दी। साफ है, किसान पिस रहा है और अनाज माफिया फलफूल रहा है।

क्या कृषि निर्यात औंधे मुंह नहीं गिरा और विदेशों से कृषि उत्पादों का बेतहाशा आयात नहीं बढ़ा? – किसान पर दोहरी मार यह है कि कृषि निर्यात में 9.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर की कमी आई और कृषि आयात 10.06 बिलियन अमेरिकी डॉलर बढ़ गया। यानि किसान को 19.46 बिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ।

इन्दिरा ओर राजीव भी सामान्य हृदयाघात से ही मारे होंगे: हरसिमरत

 

सिखों के खिलाफ हुए दंगों पर राहुल गांधी के बयान पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कांग्रेस अध्यक्ष पर निशाना साधा. केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘अगर राहुल गांधी के मुताबिक सिखों का नरसंहार नहीं हुआ तो मेरा भी मानना है कि उनके पिता (राजीव गांधी) और दादी मां (इंदिरा गांधी) की भी हत्या नहीं हुई. उनकी मौत भी सामान्य दिल के दौरे से हुई.’

दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष ने शुक्रवार को लंदन के हाउस ऑफ कॉमंस कैंपस में ‘भारत एवं विश्व’ विषय पर हुई परिचर्चा में शामिल हुए थे. यहां साल 1984 के सिख विरोधी दंगों में कांग्रेस पार्टी की ‘संलिप्तता’ के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में राहुल ने उस घटना को ‘त्रासदी’ और ‘दर्दनाक अनुभव’ करार दिया, लेकिन इस बात से सहमत नहीं हुए कि कांग्रेस इसमें ‘शामिल’ थी.

उन्होंने कहा, ‘मैं समझता हूं कि किसी के खिलाफ की गई कोई भी हिंसा गलत है. भारत में कानूनी प्रक्रियाएं चल रही हैं, लेकिन जहां तक मेरी राय है, उस दौरान हुई किसी भी गलती के लिए सजा मिलनी चाहिए. मैं इसमें 100 फीसदी समर्थन दूंगा.’ कांग्रेस अध्यक्ष के इसी बयान पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री ने यह हमला किया.

पी चिदंबरम भी उतरे राहुल के बचाव में

इस के बचाव में शनिवार को पूर्व वित्तमंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की. चिदंबरम ने प्रेस कॉन्फ्रेस कर कहा, ‘1984 में कांग्रेस सत्ता में थी. उस वक्त एक बहुत ही भयानक घटना हुई थी, जिसके लिए मनमोहन सिंह ने संसद में माफी भी मांगी थी. आप उसके लिए राहुल गांधी को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते हैं, वो उस वक्त बस 13-14 साल के थे. उन्होंने इसके लिए किसी का बचाव नहीं किया है.’