अगली लोकसभा के गठन के बाद संसद के नए भवन के निर्माण के प्रस्ताव पर अमल हो सकेगा: सुमित्रा महाजन


संसद भवन के लिए स्थान भी सुझाए गए हैं. इनमें से एक वर्तमान संसद परिसर में ही प्लॉट नंबर 118 है


सुमित्रा महाजन ने कहा, ‘संसद के नए भवन के निर्माण के विषय पर शहरी विकास मंत्रालय के साथ दो बैठक हुई हैं. हमने नए भवन के लिए कुछ वैकल्पिक स्थलों के बारे में भी सुझाव दिया है.’

उन्होंने कहा कि अब तो चुनावी साल में प्रवेश कर गए हैं. लोकसभा चुनाव में ज्यादा समय नहीं बचा है. ‘उम्मीद करते हैं कि अगली लोकसभा के गठन के बाद संसद के नए भवन के निर्माण के प्रस्ताव पर अमल हो सकेगा.’

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि आवश्यकताओं के अनुरूप वर्तमान संसद भवन छोटा पड़ रहा है. सदस्यों ने भी कहा है कि उन्हें बैठने में दिक्कत होती है, लेकिन इस भवन में सीटों की संख्या नहीं बढ़ा सकते. उन्होंने कहा कि अगली जनगणना के बाद अगर सदस्यों की संख्या बढ़ाने का विषय आया, तो इस पर अमल में समस्या आएगी.

सुमित्रा महाजन ने कहा कि संसद भवन 100 साल पुराना हो चुका है, इसकी मरम्मत कराने में भी डर लगता है. हालांकि रखरखाव और मरम्मत के काफी कार्य हुए हैं. अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने नौ दिसंबर 2015 को तत्कालीन शहरी विकास मंत्री एम वैंकेया नायडू को पत्र लिखा था.

उन्होंने लिखा था कि वर्तमान भवन ग्रेड 1 हेरिटेज बिल्डिंग है और यह पुराना हो रहा है. मरम्मत में बाधाएं आने के साथ ही स्टाफ के काम में भी दिक्कत आने लगी है. इसके चलते नए भवन की जरूरत महसूस की जा रही है .

संसद भवन के लिए स्थान भी सुझाए गए हैं. इनमें से एक वर्तमान संसद परिसर में ही प्लॉट नंबर 118 है. हालांकि यहां नए भवन के निर्माण पर कुछ सुविधाओं और सेवाओं को स्थानांतरित करना पड़ेगा. दूसरा स्थान राजपथ के दूसरी ओर है.

संसद भवन का निर्माण साल 1921 में शुरू हुआ था. निर्माण पूरा होने के बाद यहां वर्ष 1927 से कामकाज शुरू हुआ. उस समय सुरक्षाकर्मियों, कर्मचारियों और मीडियाकर्मियों की संख्या और संसदीय गतिविधियां सीमित थीं, लेकिन समय के साथ इनमें इजाफा हुआ है.

अब स्कॉलर्स पढ़ाई के साथ-साथ नौकरी नहीं कर सकेंगे: जेएनयू

 

जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में अगले सेमेस्टर के लिए सोमवार से रजिस्ट्रेशन भरे जाएंगे. लेकिन इस बार जेएनयू के स्कॉलर्स को रजिस्ट्रेशन फार्म भरते समय एक अंडरटेकिंग भी देना होगा. इसके मुताबिक अब स्कॉलर्स पढ़ाई के साथ-साथ नौकरी नहीं कर सकेंगे.

यूनिवर्सिटी प्रशासन ने 11 जुलाई को यह सूचना जारी की है. जारी किए गए आदेश के मुताबिक सभी स्कूलों के डीन, केंद्रों के अध्यक्षों से अनुरोध किया गया है कि वे प्रत्येक छात्र से स्कूल, विशेष केंद्र या किसी भी कार्यक्रम के लिए पंजीकरण के समय हर छात्र से अंडरटेकिंग ले. इस अंडरटेकिंग के मुताबिक छात्र किसी भी सरकारी, सार्वजनिक या निजी क्षेत्र में नौकरी में नहीं होना चाहिए.

यूनिवर्सिटी प्रशासन के इस फैसले का शिक्षक और विद्यार्थी कड़ा विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि यह कदम यूनिवर्सिटी के अध्यादेशों के खिलाफ है. हालांकि रेक्टर चिंतामणी महापात्रा ने से कहा कि वह सिर्फ 2016 यूजीसी गजट नोटिफिकेशन का पालन कर रहे हैं.

उन्होंने कहा, ‘यूजीसी नियमों के अनुसार, कोई पूर्णकालिक स्कॉलर कहीं भी नौकरी नहीं कर सकता है. बहुत से लोग पूरी नोटिफिकेशन नहीं पढ़ते हैं, इसलिए हम समय-समय पर चेतावनी जारी करते हैं.’

उन्होंने कहा, ‘यह नियम पहले भी था, लेकिन यह बहुत स्पष्ट नहीं था. एमफिल में, अंशकालिक नौकरियों का कोई नियम नहीं है, लेकिन पीएचडी स्तर पर, यदि कोई काम करना चाहता है, तो उन्हें खुद को अंशकालिक स्कॉलर के रूप में रजिस्ट्रेशन कराना होगा. जिसका मतलब है कि उसे हॉस्टल की सुविधा का लाभ नहीं मिलेगा.’

बॉम्बे हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज अभय एम थिप्से के कांग्रेस में शामिल


 

महाराष्ट्र के एक रिटायर्ड जज के कांग्रेस में शामिल होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जजों के उस पैनल से हटा दिया जिसे महाराष्ट्र सरकार और स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक के बीच के विवाद को सुलझाने की जिम्मेदारी दी गई थी.

प्रदेश सरकार द्वारा बॉम्बे हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज अभय एम थिप्से के कांग्रेस में शामिल होने की जानकारी मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला लिया है.

थिप्से को महाराष्ट्र सरकार और स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक के बीच राजकोषीय विवाद की मध्यस्थता करने के लिए मनोनीत किया गया था लेकिन बीते जून को देश में ‘बढ़ते फासीवाद और असहिष्णुता’ से लड़ने के लिए उन्होंने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली. यहां तक की थिप्से के स्वागत में राहुल गांधी ने एक फॉर्मल पार्टी का आयोजन भी करवाया था.

अब जब इस बात की खबर जजों के बेंच को लगी तो उन्होंने स्टेट कॉउंसल से कई सवाल जवाब किए और उस लेटर की मांग की जिसमें थिप्से के कांग्रेस ज्वाइन करने की बात लिखी हो. जजों को वो लेटर हैंडओवर की गई जिसमें लिखा था कि जस्टिस अभय एम थिप्से ने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली है. ऐसे में उनकी जगह हम पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट के रिटायर्ड चीफ जस्टिस एस.जे.वसीफदार को बेंच में शामिल कर रहे हैं. लेटर मिलने के बाद जजों ने मुस्कुराते हुए इसे बहुत विरले ही होने वाली घटना करार दिया.

CRIKC & CIIC to be developed soon

 

 

Dr Pramod Kumar, while speaking on the future of Chandigarh had that  “Chandigarh is emerging as the satellite town of Delhi. It has a potential to develop as a global destination in terms of culture, trade, knowledge exchange. It can locate a diplomatic enclave to realise this potential. The main focus should be to reach out to the people and influence policy planning institutions like CRIKC (Chandigarh Region Innovation and Knowledge Cluster) to be strengthened besides setting up an institution like India International Centre, Delhi.”

Both CM seconded the idea and also promised to contribute to turn the idea into reality.

It has been learnt that the proposed site of CIIC likely to be in one of the posh sectors of Chandigarh.

Here are some of the suggested features of the proposed CIIC

The underlying vision of CIIC will be aimed to have a vibrant space for preservation and dissemination of knowledge. The purpose is to make people’s contribution central in global processes through generation, dissemination and sharing of knowledge.

CIIC will try to support Chandigarh in its journey to emerge as an international city with number of knowledge imparting and disseminating institutions. To consolidate and reinforce its capacity to become a knowledge hub, CIIC shall make an effort to, preserve cultural impulse of the north-western region, promote spirit of enquiry to reinforce scientific temper and sustain dialogue. Chandigarh being a modern city with unique architecture will be used as an example to shape and influence process and pattern of urban development in the region in terms of people-centric growth of planned cities etc.

Chandigarh India International Centre will be a non-government institution, non-commercial in nature and carried out its activities in the spirit of public service. Its basic character and predisposition would be to remain non-aligned, non-governmental and non-affiliate to any political, economic or religious formations.

The aims and objectives of the proposed centre include:

  • To develop a place where statesmen, diplomats, policymakers, intellectuals, scientists, jurists, writers, artists and members of civil society meet to initiate the exchange of new ideas and knowledge in the spirit of international cooperation.
  • To promote dialogical tradition of lokayata  through lectures, seminars, workshops and conferencing etc.
  • To create a world class library fully equipped with modern technological facilities. It will have not only printed material, but also video and audio collections.
  • To invite cultural leaders, scholars, scientists and creative artists, who may or may not be members of the society, to exchange of new ideas, knowledge, art, skills and creativity.
  • To undertake, facilitate and provide for the publication of newsletters, research papers, and books, and of a journal for the exposition of cultural patterns and values prevailing in different parts of the world.

विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन की उत्तर प्रदेश सरकार को चेतावनी

वर्ष 2005 के बाद प्रदेश में नियुक्त सभी शिक्षकों एवं कर्मचारियों की पुरानी पेंशन व्यवस्था सरकार द्वारा बंद कर दी गई है सभी शिक्षकों एवं कर्मचारियों के पुरानी पेंशन की बहाली हेतु विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश शुरू से ही संघर्षरत रहा है अब संयुक्त राज्य कर्मचारी परिषद उत्तर प्रदेश के साथ मिलकर एसोसिएशन पुरानी पेंशन बहाली के लिए के लिए एक महा आंदोलन माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी जी के क्षेत्र गोरखपुर से 30 जुलाई 2018 को शुरुआत करने जा रहे हैं यह जानकारी अजय कुमार पांडे जिला अध्यक्ष विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन कौशांबी ने दी।

इस आंदोलन को संयुक्त राज्य कर्मचारी परिषद उत्तर प्रदेश द्वारा पूरा समर्थन दिया गया है तथा इस आंदोलन में प्रदेश भर के शिक्षक और कर्मचारी प्रतिभाग कर रहे हैं यह आंदोलन गोरखपुर की धरती से शुरू होकर पूरे प्रदेश में चलाया जाएगा और यह आंदोलन तब तक चलेगा जब तक राज्य सरकार शिक्षकों और कर्मचारियों की पुरानी पेंशन व्यवस्था को बहाल नहीं कर देती है इस आंदोलन सफल बनाने के लिए दिनांक 16 जुलाई 2018 को समय 1:00 बजे मंझनपुर के डाइट मैदान में सभी शिक्षकों एवं कर्मचारियों की एक बैठक होगी जिसमें गोरखपुर में होने वाले महा आंदोलन के लिए रणनीति बनाई जाएगी इसके साथ ही साथ हम देख रहे हैं कि समय लेखपाल महासंघ द्वारा कुछ मांगों को लेकर धरना दिया जा रहा है जिस पर राज्य सरकार अपना दमनात्मक पूर्व रवैया अपना रही है उनकी मांगों को ना मानकर बल्कि उनके साथ कठोर कार्रवाई की जा रही है हम सभी शिक्षकों एवं कर्मचारियों को मिलकर इसका विरोध करना चाहिए क्योंकि सरकार आज लेखपालों के साथ यह रवैया कर रही है कल हर संगठन के साथ यही रवैया करेगी इसलिए हम सब का कर्तव्य है कि हम सब कर्मचारी संगठन एकजुट होकर सरकार के इस दमनात्मक पूर्ण रवैये का विरोध करें।

झज्जर के मातनहेल में जल्द बनेगा सैनिक स्कूल

झज्जर के मातनहेल में बनने वाले सैनिक स्कूल के लिए हरियाणा सरकार ने जमीन उपलब्ध करवाने और भवन निर्माण के लिए बजट की मंजूरी दे दी है. इस स्कूल का शिलान्यास तत्कालीन रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नान्डीज़ ने 2003 में किया था. कांग्रेस सरकार के दस वर्ष के शासन में इस दिशा में कोई प्रयास नहीं किया गया जिसकी वजह से स्कूल शुरू नहीं हो पाया. वर्तमान सरकार के प्रयासों से स्कूल की स्थापना का सपना जल्द हकीकत में बदलने जा रहा है. प्रदेश के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने इस मुद्दे को 2014 में रेवाड़ी में हुई भाजपा की पूर्व सैनिक रैली में भी जोरशोर से उठाया था. इस रैली को उस समय भाजपा के प्रधानमन्त्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया था. स्कूल के शुरू होने से हरियाणा के छात्रों को बहुत लाभ होगा. हरियाणा में यह तीसरा सैनिक स्कूल होगा. वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने इसके लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल का आभार जताया है.
हरियाणा के झज्जर जिले के मातनहेल गाँव में सैनिक स्कूल खुलने की योजना जल्दी ही धरातल पर उतरने वाली है. इस स्कूल के लिए हरियाणा सरकार ने गाँव मातनहेल और रुडियावास की करीब 100 एकड़ भूमि को स्कूल के नाम स्थानांतरित करने को मंजूरी दे दी है. हरियाणा के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने बताया की हरियाणा वीरों की भूमि है. हरियाणा के लाखों जवान देश की सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं. सेना में हरियाणा की भागीदारी को देखते हुए पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नान्डीज़ ने झज्जर के मातनहेल में 7 सितम्बर 2003 को सैनिक स्कूल का शिलान्यास किया था. उसके करीब डेढ़ साल बाद केंद्र और राज्य में कांग्रेस की सरकार बन गई और सैनिक स्कूल की योजना को ठन्डे बस्ते में डाल दिया जिसकी वजह से यह स्कूल स्थापित नहीं हो पाया. विपक्ष में होते हुए भी उन्होंने इस मांग को जोर शोर से उठाया था और कांग्रेस सरकार से स्कूल को शीघ्र शुरू करने की मांग की थी लेकिन तत्कालीन सरकार ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया, उन्होंने बताया की केंद्र और हरियाणा में भाजपा सरकार का गठन होते ही इस स्कूल को स्थापित करने की दिशा में संजीदा प्रयास शुरू किये गये. इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने रक्षा मंत्री को पत्र भी लिखा और रक्षा मंत्री की तरफ से जवाब आने के बाद सरकार ने स्कूल के लिए जमीन, इन्फ्रास्ट्रक्चर और अन्य सुविधाएं देने के लिए कार्यवाही शुरू की. इसी के चलते स्कूल के लिए ज़मीन ट्रांसफर का कार्य सबसे पहले किया गया है. प्रदेश सरकार ने इस स्कूल के लिए ज़मीन को ट्रांसफर करने की मंजूरी दे दी है. वित्त मंत्री ने बताया की एक पूर्व सैनिक होने की वजह से यह स्कूल उनके दिल के करीब है और वे चाहते हैं की स्कूल जल्द से जल्द खुले. उन्होंने कहा की स्कूल के भवन के साथ अन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण पर हरियाणा सरकार की तरफ से तीन साल में करीब 50 करोड़ रूपये खर्च किये जाने का प्रस्ताव मंज़ूर किया गया है. इस सम्बन्ध में हरियाणा सरकार और रक्षा मंत्रालय के बीच एमओयु भी जल्दी साईन किया जाएगा. हरियाणा में पहले से ही करनाल के कुंजपुरा और रेवाड़ी में सैनिक स्कूल चल रहे हैं और मातनहेल में सैनिक स्कूल शुरू होते ही इनकी संख्या तीन हो जायेगी जो हरियाणा के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी. इसके साथ ही हरियाणा देश का ऐसा अकेला राज्य बन जाएगा जिसमे तीन सैनिक स्कूल होंगे.

International Vaish Federation’s (Punjab unit)

IVF’s State President (Punjab Unit), Mr. Mahesh Gupta & his team cordially invites you on 15 July 2018 (Sunday) at 12:00 ‘o clock at Chandigarh Club, Sector 1, Chandigarh as the Federation has organized an Honour Ceremony of Meritorious of UPSC Exam 2018. Sh. Sumesh Goyal, IPS, DGP Jail (HP) will grace the occasion as worthy Chief Guest. Chief Justice Sh. Ashok Bhan (R), Superme Court of India; Sh. Madan Mohan Mittal (Ex Cabinet Minister, Punjab); Sh. Bajrang Dass Garg (President, Business Cell); Justice R. K. Garg (R) (Chairman, NRI Commission); Sanjeev Garg (State Information Commissioner); IAS Dr. B. C. Gupta (R) and IAS Sh. J. B. Goyal (R) will also be a part of the event.

एक तरफ विधायक द्वारा पौधारोपण दूसरी ओर प्रशासन की कुल्हाड़ी तैयार

पंचकूला 15 जुलाई ( पुरनूर)
आज सेक्टर 19 में पंचकूला से विधायक ज्ञानचंद गुप्ता ने जहाँ एक और पौधरोपण किया वहीं इन्हीं के विधान सभा क्षेत्र में नहीं थमा पेड़ काटने का सिलसिला, सैक्टर 15-10. चौक में लगे दो और हरे भरे पेड़ काट डाले गए और दावा किया जाता है कि विकास की ब्यार चल रही है । हालांकि बताया जा रहा है कि ट्रैफिक regulation के लिए प्रशासन द्वारा ये कदम उठाये जा रहे हैं।

वहीं सैक्टर 19 के बाशिंदों ने विधायक से नाराजगी व्यक्त की। स्थानीय लोगों का मानना है कि लोगों को बहुत ही परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बिजली की क़िल्लत से यहां लोग बहुत ही परेशान हैं। इतना ही नहीं बरसात के दिनों में यहॉँ पानी के भराव की भी बहुत समस्या है। घरों के अन्दर पानी भर जाना आम बात है परन्तु कई जगह शिकायत करने पर भी कोई सुनवाई नहीं हुई।
आज ज्ञान चन्द गुप्ता द्वारा यहां पौधरोपण केवल चुनावी कदम है क्योंकि यहां की समस्याओ के प्रति विधायक का नकारात्मक रवैया निंदनीय है।

 

 

 

Mega Health Checkup camp on Sunday

On the occasion of ongoing Founders week CPC is organising a free Mega Health Checkup camp on Sunday 15th July 2018 from 10 am to 3 pm.

Specialist Doctors will conduct tests of blood sugar ECG, Echocardiography, Orthopaedic diseases, bmd, breast cancer.

Members are can avail this free facility by attending the camp.

‘जिवें राम नुं लक्ष्मण सी’ का विमोचन आज

पद्मश्री डॉ॰ सुरजीत सिंह पात्तर द्वारा पंजाबी के विख्यात लेखक श्री संतोख सिंह धीर  के चुनिन्दा पत्रों के संकलन, ‘जिवें राम नुं लक्ष्मण सी’ का विमोचन पंजाब कला भवन चंडीगढ़  में इतवार को सुबह 10:30 बजे होगा