सडक़ सुरक्षा नीति लागू होने से जिला में दुर्घटनाओं की कमी आई है:अतिरिक्त उपायुक्त

चित्र केवल संदर्भ हेतु

रोहतक, 27 जुलाई:

ने कहा कि सडक़ सुरक्षा नीति लागू होने से जिला में दुर्घटनाओं की कमी आई है और सभी विभागाध्यक्ष यातायात नियमों एवं सडक़ सुरक्षा को लेकर तत्परता से कार्य कर रहे हैं।
अतिरिक्त उपायुक्त आज विकास सदन के कांफ्रेंस हाल में सडक़ सुरक्षा को लेकर आयोजित मासिक बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सडक़ सुरक्षा नियमों को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित किया जा रहा है और उनकी समीक्षा के लिए नियमित रूप से बैठके की जा रही हैं। स्कूली सुरक्षित वाहन पालिसी के तहत अब तक 1210 गाडिय़ों का निरीक्षण करके कमी पाए जाने पर 26 गाडिय़ों के चालान किए गए। इसके लिए विशेषकर सडक़ सुरक्षा एजेंसी एवं अधिकारी बधाई के पात्र हैं।
अतिरिक्त उपायुक्त ने बताया कि कई स्थानों पर सडक़ सुरक्षा नियमों को प्रभावी बनाने के लिए यातायात संकेत लगाए गए हैं तथा कर्ब तोडऩे का भी कार्य किया जा रहा है। उन्होंने नेशनल हाइवे के अधिकारियों को कई स्थानों का मौके पर मुआयना करके आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए। इसके अलावा कई स्थानों पर नेशनल हाईवे के अवैध कट को बंद करके आवागमन सुगम किया गया है। नजदीक हनुमान मंदिर खरावड़, नजदीक सुनारिया जेल रोड़, नजदीक पंचमुखी मंदिर महम, नजदीक दिल्ली बाईपास एवं आईएमटी, बोहर और ब्रिज के पास अवैध कट दुरूस्त करने का कार्य किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि जून माह के दौरान पुलिस द्वारा विभिन्न प्रकार के 5917 से अधिक चालान करके 67 लाख रूपये की कंपोजीशन फीस राजस्व के रूप में एकत्रित की गई है। इसके अलावा जून माह के दौरान 1112 व्हीकल पास किए गए तथा कंपोजिशन फीस के रूप में 76 लाख 87 हजार 900 रूपये की राशि एकत्र हुई। बैठक में नगर निगम को शहर के कई स्थानों पर पीजीआई के संकेत बोर्ड लगाने तथा चौराहों पर सफेद पट्टी के स्थान पर लाल पट्टी लगवाने का भी निर्णय लिया गया।
बैठक में एसडीएम महम दलबीर फौगाट, नगर निगम के संयुक्त आयुक्त रविन्द्र कुमार, डीईओ सुनीता रूहिल, सहायक सचिव ओमप्रकाश मोर सहित कई विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

छात्रों के ऑन दा स्पाट चयन हेतु 20 कंपनियों ने छात्रों के साक्षात्कार के उपरान्त लगभग 134 छात्रों को चयनित किया

 

रोहतक, 27 जुलाई:

हरियाणा स्कूल परियोजना परिषद की तरफ से एनएसआरएफ के लेवल-4 के छात्रों की प्लेसमेंट हेतु भिवानी रोड स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में रोजगार मेले का आयोजन किया गया। इसमें रोहतक, भिवानी तथा झज्जर जिलों के लगभग 200 छात्रों व 53 अध्यापकों ने भाग लिया। छात्रों के ऑन दा स्पाट चयन हेतु 20 कंपनियों ने छात्रों के साक्षात्कार के उपरान्त लगभग 134 छात्रों को चयनित किया गया।
आईटी से संबंधित प्रमुख प्रतिभागी कंपनियां गणपति इन्टरप्राईजिज, इओन टेक एंड साफ्ट, जैन इंडस्ट्रीज सोहना आटो मॉटिव तथा आशा डिजिटल वल्र्ड रही। रिटेल में रोहतक बाजार फिलिप्स टॉप तथा रिलायंस रिटेल ने भाग लिया। पैशेंट केयर में एमकेडी एकेडमी तथा भारद्वाज हास्पिटल ने भाग लिया। ब्यूटी एंड वैलनेस में स्काईलुक, बेबी ब्यूटी पार्लर, मैमरी ब्यूरी पार्लर तथा रोहिणी यूनिसैक्स सैलून ने भाग लिया। सिक्योरिटी में सिक्योरिटी एंड इंटीलिजेंस सर्विसिज इंडिया लिमिटेड तथा राऊंड दा क्लॉक कंपनियां शामिल हुई। आटो मोबाइल में जगमोहन आटो मोबाइल तथा सृष्टि आटो मोबाइल शामिल हुई। छात्रों का चयन 15 हजार रूपये मासिक वेतन तक किया गया।
रोजगार मेले में छात्रों की भागीदार व उत्साह देखने लायक थी। अधिकतर छात्र रोजगार के साथ-साथ अपनी शिक्षा को आगे बढ़ाने हेतु योजनाबद्ध थे। उन्होंने कहा कि यह सरकार का अत्याधिक सुंदर व अनूठा प्रयास है, जिसमें रोजगारपरक शिक्षा दी जाती है। विभिन्न कंपनियों के प्रतिनिधियों ने अत्यधिक प्रसन्नता व्यक्त की कि छात्र-छात्राएं विषय में दक्ष तथा प्रैक्टिकल कार्य में निपुण है।
रोजगार मेले में विभिन्न कंपनियों के 27 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। रोजगार मेले को सफल बनाने हेतु जिला समन्वयक आरपी वर्मा, एपीसी सुरेश हुड्डा, एपीसी राममेहर, जिला कोर्डिनेटर अमरीश, मनेन्द्र गिल तथा प्राचार्या ओकेश लता ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। जिला परियोजना संयोजक रामअवतार शर्मा ने पूर्णकालीन उपस्थित रहकर रोजगार मेले के प्रबंधन की निगरानी की।

रोहतक जिला निर्वाचन अधिकारियों व कर्मचारियों ने प्रकृति के संरक्षण के लिए शपथ ली

रोहतक, 27 जुलाई:

जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में कार्यरत सभी अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा पौधारोपण किया गया। इस उपरांत सभी उपस्थित अधिकारियों व कर्मचारियों ने प्रकृति के संरक्षण के लिए शपथ ली, जिसमें लगातार पौधारोपण व देखरेख भी करते रहेंगे। इस अवसर पर मुख्य रूप से डीआईपीआरओ कार्यालय से अधीक्षक आरबी चोपड़ा, जिला निर्वाचन कार्यालय से निर्वाचन कानूनगो कुलदीप सिंह, निर्वाचन कानूनगो दीपांशु, श्रीकृष्ण, डाटा एंट्री आप्रेटर श्रीभगवान, सेवादार श्री सचविन्द्र व देवेंद्र आदि उपस्थित रहे।

ओपन राष्ट्रीय स्कूल कुश्ती प्रतियोगिता में 7 मैडल प्राप्त करके लौटे छात्रों का सम्मान

रोहतक, 27 जुलाई:

जुलाई में जालन्धर में आयोजित विद्यार्थी ओपन राष्ट्रीय स्कूल कुश्ती प्रतियोगिता में 7 मैडल प्राप्त करके लौटने पर लखीराम अनाथालय की तरफ से उत्साहवर्धन समारोह आयोजित किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि जिला सत्र न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवाओं के अध्यक्ष संत प्रकाश थे। विशिष्ठ अतिथि के रूप में वरिष्ठ सिविल जज श्री हरीश गोयल, सिविल सर्जन डा. अनिल बिरला, डिप्टी सिविल सर्जन केएल मलिक तथा डीसीपीओ नरेंद्र रहे। मुख्य अतिथि ने कहा कि मुझे यहां आकर बहुत प्रसन्नता होती है और उन्होंने बालको के उज्जवल भविष्य के टिप्स भी दिए। मैडल प्राप्त करने वाले पहलवान शिवा व हिमांशु ने गोल्ड, पंकज व साहिल ने सिल्वर तथा अरूण, दिपांशु तथा अभिषेक ने ब्रांज मैडल प्राप्त किए। 10वीं व बारहवीं में मैरिट प्राप्त करने वाले साहिल व सागर को भी सम्मानित किया। प्रधान राजबीर आर्य, युवराज सुनील राठी, उपप्रधान बिजेंद्र राठी, कुलदीप सिंधु, सुभाष सांगवान, कर्णसिंह मोर, हवा सिंह राठी आदि उपस्थित रहे। दयानंद शर्मा, संदीप आर्य, शास्त्री जी व पारूल स्टाफ को भी अच्छा कार्य करने पर बधाई दी।

अपने क्षेत्रों में निस्संकोच कार्य करें और अपने गांव को टॉप-10 में लाने का प्रयास करें: मंत्री मनीष कुमार ग्रोवर

रोहतक, 27 जुलाई।

सहकारिता मंत्री मनीष कुमार ग्रोवर ने कहा किहुए अपने क्षेत्रों में निस्संकोच कार्य करें और अपने गांव को टॉप-10 में लाने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि स्वच्छता के मामले में फंड की कोई कमी नहीं है। इसके अलावा बीमारियों पर खर्च होने वाले 25 प्रतिशत राशि की भी बचत होगी।
सहकारिता मंत्री आज स्थानीय विकास सदन में स्वच्छता सर्वेक्षण ग्रामीण-2018 का शुभारंभ कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ग्रामीण इसे स्वच्छता प्रतियोगिता मानते हुए अपनाएं। विपक्षी लोग नौकरी लगवाने, सडक़ बनवाने जैसे आम आदमी के कार्यों को करने की बात कहकर इससे ध्यान हटाने का प्रयास करेंगे, जबकि स्वच्छता का हमारे जीवन से जुड़ा हुआ अहम पहलू है। यदि पूर्ववर्ती सरकारें इस ओर ध्यान देती तो आज वातावरण इस तरह दूषित न होता और देश की आधी से ज्यादा ग्रामीण क्षेत्रों में बसने वाली आबादी सुखमय जीवन व्यतीत करती। उन्होंने कहा कि तालाबों का पानी इतना गंदा हो गया है कि इसे पशु भी नहीं पीते। जबकि पहले संसाधनों की कमी के बावजूद लोग भी तालाबों का पानी बड़े चाव से पीते थे। उन्होंने कहा कि आज हम प्लास्टिक की बोतल में पानी महंगे दामों पर खरीदकर भी जहर पी रहे हैं, जिससे कैंसर जैसी बीमारियां पनप रही है।
सहकारिता मंत्री ने इंदौर शहर का उदाहरण देते हुए कहा कि गत दिनों उन्हें लगभग 9 किलोमीटर घूमने का मौका मिला। उस दौरान इन्दौर शहर में कहीं भी कूड़े का एक कचरा भी दिखाई नहीं दिया। उन्होंने कहा कि यह सब जनभागीदारी से सुनिश्चित किया जा सकता है। अपने आसपास ज्यादा से ज्यादा पौधारोपण करके हम एयरकंडीशन जैसी हवाएं ले सकते हैं। इसलिए शहर एवं गांव में थोड़ी सी भी भूमि दिखाई दे तो उस पर अवैध कब्जा न करके ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार ने पर्यावरण और स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए स्कूली बच्चों के माध्यम से पौधे लगाने का अभियान चलाया है। इसके तहत पौधे लगाने और संरक्षण करने वाले बच्चों को प्रोत्साहन स्वरूप राशि भी प्रदान की जाएगी।
श्री ग्रोवर ने जिला के अधिकारियों के साथ-साथ नगर निगम के अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि शहरी क्षेत्रों के सर्वे में रोहतक जिला 269 रैंक से आज 89 रैंक पर पहुंच गया है और करनाल के बाद रोहतक प्रदेशभर में दूसरे स्थान पर आ गया है। इस प्रकार रोहतक शहर का देश के 100 शहरों में शामिल होना गौरव की बात है। उन्होंने व्यक्तिगत स्वच्छता के साथ-साथ सामाजिक स्वच्छता को भी जीवन में अपनाने का अनुरोध करते हुए कहा कि पूरे प्रदेश में शहरों की तरह ग्रामीण क्षेत्र भी स्वच्छ बनें और प्रदेशभर में रोहतक अव्वल रहे, इसके लिए हर नागरिक इस मुहिम से जुडक़र बेहतरीन कार्य करे।
शुभारंभ अवसर को सम्बोधित करते हुए अतिरिक्त उपायुक्त अजय कुमार ने कहा कि एक से 31 अगस्त तक चलने वाले इस ग्रामीण स्वच्छता अभियान-2018 को ग्रामीण क्षेत्रों में पहली बार शुरू किया गया है। इसके लिए प्रत्येक व्यक्ति स्वच्छता के क्षेत्र में कार्य करे। उन्होंने कहा कि जिला में सेनिटेशन कवरेज, गांव में ओडिएफ स्टेटस और जिओ टैग्ड टॉयलेट के लिए 5-5 माकर््स तथा गांव में ओडीएफ वैरिफिकेशन और टायॅलेट फंगशनिंग के लिए 10-10 नम्बर निर्धारित किए गए है। इस प्रकार ये 35 प्रतिशत अंक बनते है।
उन्होंने बताया कि ग्रुप डिस्कशन के माध्यम से फीडबैक लेने के लिए भी 35 प्रतिशत नम्बर निर्धारित किए गए है। जिनमें ग्रामीणों की जागरूकता, स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांव में सफाई, सुरक्षित डिस्पोजल, लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए क्रमश: दो, छह, छह तथा ग्राम प्रधान, ग्राम सेविका, स्वच्छागृही, आंगनवाड़ी वर्कर और स्कूल अध्यापकों से मिली फीडबैक के 10 प्रतिशत अंक निर्धारित किए गए है। उन्होंने बताया कि डायरेक्ट आब्जर्वेशन के लिए 30 प्रतिशत अंक निर्धारित किए गए है, जिनमें शौचालयों की उपलब्धता के लिए 5 प्रतिशत, शौचालय के प्रयोग के लिए पांच प्रतिशत, सार्वजनिक स्थानों पर शौचालयों के स्टेटस के लिए 10 प्रतिशत और पानी की सही निकासी तथा खराब पानी कहीं भी खड़ा ना हो, इसके लिए 10 प्रतिशत अंक निर्धारित किये गये है।
बाक्स
सहकारिता मंत्री ने इस अवसर पर स्वच्छता सर्वेक्षण बुकलेट का भी अवलोकन किया। इसके अलावा उन्होंने गांव-गांव में लोगों को जागरूक करने के लिए चलाए जाने वाले 4 जागरूकता रथों को भी रवाना किया। उन्होंने स्वच्छता रथ को हरी झंडी दिखाने के बाद कुछ दूरी तक रथ को भी चलाया। यह देखकर प्रांगण में मौजूद लोग भी हैरान रह गए और मंत्री जी की इस सादगी पर तालियां बजाई।
तत्पश्चात पत्रकारों से बातचीत करते हुए सहकारिता मंत्री ने कहा कि सरकार ने जीएसटी, नोटबंदी, सर्जीकल स्ट्राइक के अलावा किसानों को उनकी फसलों के वाजिब दाम देकर लाभान्वित करने का कार्य किया है। इसके अलावा भाजपा सरकार की अनेक योजनाएं आम व्यक्ति का जीवन सुधारने के लिए तत्पर हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने समान रूप से प्रदेश का विकास करवाया है। इसके लिए विपक्षी पार्टियों के नेता भी विकास की मांग करने के लिए मुख्यमंत्री के समक्ष आ रहे हैं। एक अन्य प्रश्र में उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार क्षेत्रवाद एवं परिवारवाद की राजनीति करती है। अपने-अपने क्षेत्रों में सभी कांग्रेसी नेता मुख्यमंत्री बनने का दावा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने प्रदेश को लूटने का काम किया है। इसीलिए उसे भाजपा का विकास और आम आदमी का संस्कारित विकास हजम नहीं हो रहा है।
इस अवसर पर डीडीपीओ अरविन्द मलिक, कार्यकारी अभियंता पंचायतीराज केके धनखड़, जिला शिक्षा अधिकारी सुनीता रूहिल, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी परमेश्वरी हुड्डा, डीईटीसी सुरेश बोडवाल, जिला आयुर्वेदिक अधिकारी सुषमा नैन, बीडीपीओ राजपाल चहल, सिविल सर्जन अनिल बिरला, ब्लाक समिति चेयरमैन समुंद्र सिंह, सुनील कुमार, सरपंच काहनौर अमित कादियान सहित पंचायतीराज संस्थाओं के प्रतिनिधि, सक्षम युवा एवं ग्रवित योजना के प्रतिभागी मौजूद थे।
फोटो: 07 से 11

70 वर्ष से अधिक आयु के वृद्ध उठाएं सामाजिक सुरक्षा पेंशन का लाभः चैहान

मण्डी, 27 जुलाई, 2018:

बल्ह क्षेत्र के गुरूकोठा में पांच अगस्त को आयोजित किए जा रहे जनमंच से पूर्व आज सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, पशुपालन विभाग व स्वास्थ्य विभाग की ओर से शिविर लगाए गए।
प्रदेश सरकार द्वारा वृद्धावस्था पेंशन की पात्रता के लिए आयु बिना किसी आय सीमा 80 वर्ष से घटाकर 70 वर्ष कर दी गयी है। यह जानकारी पूर्व जनमंच गतिविधियों के अंतर्गत बल्ह विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायतलुहाखर तथा दसेहडा में आयोजित शिविर में तहसील कल्याण अधिकारी श्री हीरालाल चैहान ने दी।
इस शिविर के दौरान लोगों को प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न सामाजिक सुरक्षा पेंशन व अन्य कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी प्रदान की गयी। उन्होंने कहा कि 70 वर्ष आयु वर्ग से अधिक के सभी वृद्ध अब बिना किसी आय सीमा के वृद्धावस्था पेंशन के लिए पात्र हैं बशर्ते वे किसी अन्य पेंशन सुविधा का लाभ न ले रहे हों। उन्होंने कहा कि जागरूकता शिविर के दौरान नए पात्र व्यक्तियों को चिह्नित कर उनके आवेदन व अन्य दस्तावेज मौके पर ही तैयार किए गए। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत लुहाखर में 70 वर्ष से अधिक आयु के 15 नए आवेदकों को चिह्नित किया गया, जिन्हें शीघ्र ही पेंशन सुविधा प्रदान कर दी जाएगी।
पूर्व जनमंच के अंतर्गत पशुपालन विभाग द्वारा गुरूकोठा में पशुओं की जांच के लिए स्वास्थ्य एवं जागरूकता शिविर लगाया गया। इस दौरान पशुपालकों को पशुओं की उचित देखभाल तथा उन्हें होने वाली मौसमी बिमारियों तथा उनसे बचाव के उपाय बताए गए। शिविर के अंतर्गत 20 पशुओं का मौके पर ही उपचार भी किया गया। इसके अतिरिक्त स्वास्थ्य विभाग की ओर से स्वास्थ्य केंद्र परिसर व आस-पास साफ-सफाई की गयी।

हरियाणा में पशुगणना का कार्य टैब्लैटस के माध्यम से इलैक्ट्रॉनिकली किया जाएगा

चित्र केवल संदर्भ हेतु

चण्डीगढ़, 27 जुलाई-देश भर में चलाए जा रहे डिजिटल इण्डिया अभियान को और सफल बनाने के लिए हरियाणा में पशुगणना का कार्य टैब्लैटस के माध्यम से इलैक्ट्रॉनिकली किया जाएगा।
पशु पालन एवं डेयरी विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि पशुगणकों को इलैक्ट्रॉनिक्स माध्यम से पशुगणना की जानकारी प्रदान करने के लिए आज पंचकुला एक प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया जिसमें विभाग के सभी जिला अधिकारियों और प्रत्येक जिले से दो मास्टर ट्रेनर्स पशु चिकित्सकों ने भाग लिया।
उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को केन्द्र सरकार द्वारा इस सम्बन्ध में विकसित किए गए साफ्टवेयर का आनलाइन प्रशिक्षण दिया गया। इसके अतिरिक्त, उन्हें टैब्लैटस में डाटा दर्ज करने के अतिरिक्त निरीक्षक व पशुगणक की नियुक्ति और उनके गणना क्षेत्र को निर्धारित करने बारे जानकारी दी गई।
उन्होंने बताया कि पशुगणना एक महत्वपूर्ण कार्य है और इस गणना के आधार पर ही पशुपालकों के उत्थान सम्बन्धित विभिन्न योजनाएं तैयार की जाती है। पशुगणना पशुओं के विकास एवं उनके लिए सुविधाएं मुहैया करवाने का आधार है।
उन्होंने बताया कि पशुगणना कार्य के सुचारु संचालन के लिए देश के सभी राज्यों में टैब्लैटस की व्यवस्था की गई है ताकि पशुगणक गणना के दौरान ही डाटा अपलोड कर सकें।

सनातन गौरव दिवस के रूप में मनाया गया

जगतगुरु शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती के जन्मोत्सव को पिछले दिनों 11 जुलाई 2018 को आयोजित किया गया जिसे देश में सनातन गौरव दिवस के रूप में मनाया गया। इसकी सफलता को लेकर सनातन गौरव दिवस के संयोजक शैलेश तिवारी ने महाराज जी के जन्म भूमि हरिपुर बख्ति टोल के लोगों सहित संपूर्ण मिथिला वासियों एवं बिहारवासियों को इस कार्यक्रम में बड़-चढ़कर हिस्सा लेने के लिए धन्यवाद दिया है।

अगले वर्ष महाराज जी के जन्म महोत्सव को अंतरराष्ट्रीय पटल पर भव्य रुप से मनाया जाएगा जिसके लिए विश्व के संपूर्ण सनातन धर्म के लोग, सादर आमंत्रित रहेंगे। शैलेश तिवारी ने आगे बताया कि पूरी पीठ के शिष्यों की ओर से बिहार सरकार से आग्रह हैं कि जगतगुरु शंकराचार्य बिहार की धरती मधुबनी जिला के बख्ति टोल गांव से आते हैं जो हम बिहारियों के लिए गर्व की बात है, इन बातों को ध्यान में रखते हुए सरकार इनके पैतृक स्थान को पर्यटक स्थल में शामिल करें और शंकराचार्य धाम घोषित करें एवं महाराज जी के जन्मदिन को बिहार गौरव दिवस घोषित करे। उन्होंने आगे बताया कि महाराज जी के जन्म भूमि को पर्यटन स्थान का दर्जा दिलाने के लिए व्यापक रुप से उनके शिष्यों के द्वारा जनसंपर्क अभियान भी चलाया जाएगा और अगले वर्ष होने वाले जन्म महोत्सव में शामिल होने के लिए सनातन धर्म के प्रेमियों एवं गुरु महाराज जी के भक्तों से विनम्र रूपी आग्रह किया जाएगा कि उनके पैतृक स्थान पर चलकर महराज जी के जन्मदिन को देश सनातन गौरव दिवस के रूप में मनाने का काम करें।

कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग की स्थानांतरण नीति संशोधित

चित्र केवल संदर्भ हेतु

चण्डीगढ़, 27 जुलाई:

हरियाणा सरकार ने प्रशिक्षुओं के हित में सभी क्षेत्रों और संस्थानों में कर्मचारियों को उचित और समान रूप से नियुक्त करने के लिए कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग की स्थानांतरण नीति में संशोधन किए है।

कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि संशोधित स्थानांतरण नीति तुरन्त प्रभाव से ऑनलाइन लागू कर दी गई है।
उन्होंने बताया कि कर्मचारियों को सार्वजनिक सेवा या विभाग या दोनों की आवश्यकताओं के अनुसार, किसी भी समय, कितनी भी अवधि के लिए, राज्य में कहीं भी स्थानांतरित और नियुक्त किया जा सकता है। स्थानान्तरण एवं नियुक्त का अधिकार विभाग के पास होगा और सभी स्थानांतरण एवं नियुक्तियां कर्मचारियों द्वारा दिए गए विकल्पों के आधार पर ऑनलाइन प्रफ्यि के माध्यम से की जाएगीं।
स्थानांतरण नीति शिक्षण काडर के साथ-साथ लिपिकीय काडर, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों/औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (महिला) (प्रिंसिपल, ग्रुप प्रशिक्षकों, ग्रुप प्रशिक्षक प्रभारी (महिलाएं), टीटीसी के लिए ग्रुप प्रशिक्षक ( महिलाएं), प्रशिक्षक, अधीक्षक, उप अधीक्षक, स्टोर कीपर, सहायक, पुस्तकालय लिपिक, सेवादार-सह-चौकदार और कार्यशाला परिचायक के लिए)के ग्रुप-4 पदों के लिए लागू होगी। प्रारंभ में, यह नीति 500 या अधिक काडर पदों के लिए लागू होगी।
कर्मचारी के अनुरोध पर या यदि उसे अपनी पसंद के स्थान पर स्थानांतरित किए जाने पर कोई टीए / डीए नहीं दिया जाएगा। अधिमानत: स्थानान्तरण जुलाई मास में किया जाएगा। फाइल पर दर्ज होने के कारणों को छोड़कर कोई मध्य-अवधि स्थानांतरण नहीं किया जाएगा
पोस्टिंग के किसी भी स्थान पर किसी कर्मचारी का सामान्य कार्यकाल 5 वर्ष होगा। हालांकि, एक कर्मचारी जिसने 3 साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है वह रिक्ति या पारस्परिक स्थानांतरण के आधार पर स्थानांतरण मांगने के लिए पात्र होगा। कोई भी कर्मचारी ऑनलाइन हस्तांतरण के लिए आवेदन कर सकता है। अगले एक वर्ष के भीतर सेवानिवृत्ति होने वाले कर्मचारियों को प्रशासनिक आवश्यकता या अपने अनुरोध पर छोड़कर, सामान्य रूप से स्थानांतरित करने पर विचार नहीं किया जाएगा।
कर्मचारी पति/पत्नी (केंद्र सरकार कर्मचारी सहित) का जहां तक व्यावहारिक है, एक ही स्टेशन या पास के स्टेशन पर स्थानांतरण करने पर विचार किया जाएगा। कर्मचारियों की एक ही श्रेणी में टाई होने की स्थिति में, महिला कर्मचारी को पुरुष कर्मचारी पर वरीयता दी जाएगी।
यदि कोई कर्मचारी, जो प्रारंभिक नियुक्ति के समय या बाद में, मेवात जिले का निवासी नहीं है और वह रिक्ति के विरुद्घ मेवात जिले का चयन करता है या अगर ऐसा कर्मचारी ‘राज्य में कहीं भी’ का विकल्प चुनता है और विभाग मेवात में उसका स्थानांतरण करता है तो उसे मूल वेतन + डीए के अतिरिक्त 10 प्रतिशत का भुगतान किया जाएगा।
सामान्य स्थानांतरण साल में केवल एक बार किया जाएगा। हालांकि, सरकार द्वारा प्रशासनिक आवश्यकता, पति/पत्नी की आकस्मिक मृत्यु या पति/पत्नी की पुरानी बीमारी/ स्थायी अक्षमता, सरकार के विभागों/संगठनों के कर्मचारियों के पति/पत्नी के स्थानांतरण के मामले में और महिलाओं, विधवाओं, विधवाओं, अलग-अलग लोगों, गंभीर बीमारियों जैसी विशेष श्रेणियों के लिए वर्ष के दौरान किसी भी समय स्थानांतरण किया जा सकता है। इन आधारों के तहत स्थानान्तरण के कारण फाइल पर दर्ज किए जाएंगे।
वास्तविक रिक्तियों और डिम्ड रिक्तियों को 1मई से 31 मई तक अधिसूचित किया जाएगा। पात्र प्रशिक्षु प्रति वर्ष 1 जून से 15 जून तक संस्थानों की अपनी पसंद ऑनलाइन जमा करेंगे। कर्मचारियों द्वारा दावों और आपत्तियों के लिए मसौदा सूची और अंक का प्रदर्शन 16 जून से 30 जून। स्थानांतरण आदेश हर साल 15 जुलाई तक ऑनलाइन जारी किए जाएंगे। रिक्ति के लिए आवंटन का निर्णय कर्मचारी द्वारा अर्जित अंकों के कुल जोड़ पर आधारित होगा। उच्चतम अंक अर्जित करने वाले कर्मचारी एक विशेष रिक्ति के खिलाफ स्थानांतरण के हकदार होंगे। रिक्ति के खिलाफ कर्मचारी के दावे का निर्णय लेने के लिए उम्र प्रमुख कारक होगी क्योंकि इसमें 60 अंकों का वेटेज होगा। महिलाओं, विधवाओं, विधुरों, निशक्त व्यक्तियों, गंभीर बीमारियों और परिणामों में सुधार दिखाने वाले प्रशिक्षकों जैसी श्रेणियों को अधिकतम 20 अंकों का विशेषाधिकार प्रदान किया जा सकता है।
दो प्रकार की रिक्तियों होंगी, वास्तविक रिक्ति और डिम्ड रिक्त। पद जिस पर किसी भी कर्मचारी द्वारा कब्जा नहीं किया गया है अर्थात जो, सेवानिवृत्ति, पदोन्नति, स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति या अन्यथा योग्यता की तिथि को खाली हो जाएगा, को । वास्तविक रिक्ति कहा जाएगा। इसी प्रकार, योग्यता तिथि को पांच वर्ष या उससे अधिक की अवधि के लिए कर्मचारी द्वारा एक पद पर कब्जा कर लिया गया या एक कर्मचारी द्वारा तीन साल तक एक पद पर कब्जा कर लिया गया है और जिसने स्थानांतरण के लिए विकल्प दिया है, को डिम्ड रिक्त माना जाएगा। जिन पदों पर संविदात्मक कर्मचारियों तैनात है उस पद को खाली नहीं माना जाएगा। कर्मचारियों की सभी श्रेणियों की कुछ रिक्तियों को कुछ समय तक खाली रखा जा सकता है। संस्थानों में ऐसी रिक्तियों की अधिकता से बचने के लिए ऐसी रिक्तियों का प्रतिशत सभी संस्थानों के बीच आनुपातिक रूप से, श्रेणीवार बनाए रखा जाएगा, जिसे सरकार द्वारा तय किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि सरकार की पूर्व अनुमति से प्रशासनिक आधार पर किसी भी कर्मचारी को किसी भी समय स्थानांतरित किया जा सकता है। हालांकि, विशिष्ट प्रशासनिक आधार जिसके लिए एक कर्मचारी को स्थानांतरित करने की मांग की जाती है उसे लिखित में दर्ज किया जाएगा। आमतौर पर, कर्मचारी के स्थानांतरण के लिए एक प्रशासनिक आधार यह होगा कि यदि सांसदों / विधायकों / अध्यक्ष एमसी / अध्यक्ष जिला परिषद / आईटीआई के प्रधानाचार्य के माध्यम से कोई विशिष्ट लिखित शिकायत प्राप्त की जाती है, तो ऐसे मामलों में, स्थानांतरण प्रारंभिक जांच के बाद लागू किया जाएगा। खराब नतीजे भी आधार हो सकते है अर्थात यानि पास प्रतिशतता 75 प्रतिशत से कम है या जिनके शिक्षण प्रदर्शन को ‘पुअर’ रेट किया गया है। एनसीवीटी निर्देशों या समय-समय पर अन्य महत्वपूर्ण निर्देशों के अनुसार रिकॉर्ड रखरखाव के संबंध में निदेशालय द्वारा जारी निर्देशों का अनुपालन करने में विफलता तथा रिश्वत, भ्रष्टाचार या आधिकारिक दुर्व्यवहार/दुर्व्यवहार के मामलों में न्यायिक/विभागीय कार्यवाही और दुर्व्यवहार के सिद्ध मामलों को भी आधार माना जा सकता है।
स्थानांतरण के लिए कर्मचारी किसी से सिफारिश नहीं करवाएंगे। यदि ऐसी कोई सिफारिश आती है तो उसे कर्मचारी द्वारा करवाया गया माना जाएगा। ऐसे कर्मचारी के अनुरोध पर विचार नहीं किया जाएगा। ऐसे कर्मचारी के खिलाफ प्रासंगिक सेवा नियमों/कर्मचारियों के आचरण नियमों के तहत कार्रवाई भी शुरू की जा सकती है।

सुरजेवाला का राफेल को लेकर मोदी सरकार पर बड़ा हमला


उन्होंने कहा कि एक झूठ छिपाने के लिए सौ झूठ बोलना मोदी सरकार का चाल, चेहरा और चरित्र बन गया है। समय आ गया है कि प्रधानमंत्री देश को जवाब दें।


रणदीप सिंह सुरजेवाला, मीडिया प्रभारी, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी; डॉ. अमी याजनिक, सांसद एवं नासिर हुसैन, सांसद द्वारा जारी बयान :-

60,145 करोड़ रु. की राफेल डील ने साबित कर दिया कि ‘कल्चर ऑफ क्रोनी कैपिटलिज़्म’ यानि 3C’s मोदी सरकार का डीएनए बन गया है। ‘झूठ परोसना’ व ‘छल-कपट का चक्रव्यूह बुन’ देश को बरगलाना ही अब सबसे बड़े रक्षा सौदे में भाजपाई मूल मंत्र है। एक झूठ छिपाने के लिए सौ और झूठ बोले जा रहे हैं। वास्तविकता यह है कि 36 राफेल लड़ाकू जहाजों की एकतरफा खरीद से सीधे-सीधे ‘गहरी साजिश’, ‘धोखाधड़ी’ व ‘सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने के षडयंत्र’ की बू आती है। अब साफ है कि:-

1. राफेल जहाज बनाने वाली कंपनी, डसॉल्ट एविएशन ने 13 मार्च, 2014 को एक ‘वर्कशेयर समझौते’ के रूप में सरकारी कंपनी, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से 36,000 करोड़ रु. के ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर किए। परंतु प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी का ‘क्रोनी कैपिटलिज़्म प्रेम’ तब जगजाहिर हो गया, जब 10 अप्रैल, 2015 को 36 राफेल लड़ाकू जहाजों के खरीद की मोदी जी द्वारा की गई एकतरफा घोषणा के फौरन बाद, सरकारी कंपनी, एचएएल को इस सबसे बड़े ‘डिफेंस ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट’ से दरकिनार कर दिया गया व इसे एक निज़ी क्षेत्र की कंपनी को दे दिया गया। प्रधानमंत्री व रक्षामंत्री इसका कारण क्यों नहीं बता रहे?

2. ‘डिफेंस ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट’ एक निजी कंपनी, रिलायंस डिफेंस लिमिटेड को दे दिया गया, जिसे लड़ाकू जहाजों के निर्माण का शून्य भी अनुभव नहीं। रिलायंस डिफेंस लिमिटेड का गठन फ्रांस में 10 अप्रैल, 2015 को प्रधानमंत्री जी द्वारा 36 राफेल लड़ाकू जहाजों की खरीद की घोषणा किए जाने से 12 दिन पहले यानि 28 मार्च, 2015 को किया गया। रिलायंस डिफेंस लिमिटेड के पास लड़ाकू जहाज बनाने का लाईसेंस तक नहीं था।

3. आश्चर्य वाली बात यह है कि रिलायंस एयरोस्ट्रक्चर लिमिटेड को रक्षा मंत्रालय द्वारा लड़ाकू जहाजों के निर्माण का लाईसेंस तो दिया गया, लेकिन 2015 में लाईसेंस का आवेदन देने व उसके बाद लाईसेंस दिए जाने की तिथि, 22 फरवरी, 2016 को इस कंपनी के पास लड़ाकू जहाज बनाने की फैक्ट्री लगाने के लिए न तो कोई जमीन थी और न ही उस पर कोई बिल्डिंग। आश्चर्य की बात यह भी है कि रिलायंस एयरोस्ट्रक्चर लिमिटेड का गठन 24 अप्रैल, 2015 यानि प्रधानमंत्री जी द्वारा 10 अप्रैल, 2015 को फ्रांस में 36 राफेल लड़ाकू जहाजों की खरीद की घोषणा करने के 14 दिन बाद ही किया गया था।

4. चौंकाने वाले खुलासों एवं प्रमाणों से 30,000 करोड़ रु. का ‘डिफेंस ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट’ रिलायंस समूह को दिए जाने बारे रक्षामंत्री, श्रीमती निर्मला सीतारमन की झूठ जगजाहिर हो जाती है। इसके अलावा, रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी किए गए डिफेंस ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट दिशानिर्देशों का घोर उल्लंघन जगजाहिर है। रिलायंस समूह व डसॉल्ट एविएशन के 30,000 करोड़ के ऑफसैट कॉन्ट्रैक्ट के साझे समझौते को रक्षामंत्री व एक्विजि़शन मैनेजर, रक्षा मंत्रालय की अनुमति दिशानिर्देशों के मुताबिक अनिवार्य थी। पूरे मसौदे को डिफेंस एक्विजि़शन काउंसिल के समक्ष पेश करना भी जरूरी था। खुद मोदी सरकार ने ही रक्षा मंत्रालय के सभी दिशानिर्देशों की धड़ल्ले से धज्जियां उड़ा दीं।

मोदी सरकार का 1,30,000 करोड़ रु. का झूठ – ‘30,000’ करोड़ रु. का ‘डिफेंस ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट’ एवं 1,00,000 करोड़ का ‘लाईफ साईकल कॉस्ट कॉन्ट्रैक्ट’

रिलायंस डिफेंस लिमिटेड ने दावा किया है कि उसे ‘डसॉल्ट एविएशन’ से 30,000 करोड़ रु. का ‘ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट’ एवं 1 लाख करोड़ रु. का ‘लाईफसाईकल कॉस्ट कॉन्ट्रैक्ट’ मिल गया है। कृपया दिनांक 16.02.2017 की रिलायंस की प्रेस विज्ञप्ति देखें, जो संलग्नक A1 में संलग्न है तथा आरइन्फ्रा इन्वेंस्टर्स प्रेज़ेंटेशन संलग्नक A2 देखें।

डसॉल्ट एविएशन ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट 2016-17 (संबंधित अंश संलग्नक A3 है) में माना है कि ‘ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट’ का क्रियान्वयन ‘रिलायंस समूह’ कर रहा है।

इन सब दावों के बावज़ूद, रक्षामंत्री, श्रीमती निर्मला सीतारमन ने दिनांक 07.02.2018 को एक पीआईबी प्रेस विज्ञप्ति में यह दावा कर दिया कि डसॉल्ट एविएशन द्वारा ‘ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट दिया ही नहीं गया’। प्रेस विज्ञप्ति की प्रति संलग्नक A4 है।

प्रश्न बहुत साफ है- क्या मोदी सरकार व रक्षामंत्री, श्रीमती निर्मला सीतारमन झूठ नहीं बोल रहीं? क्या रिलायंस समूह को 30,000 करोड़ का डिफेंस ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट व 1,00,000 करोड़ का लाईफ साईकल कॉस्ट कॉन्ट्रैक्ट मिला है?

30,000 करोड़ रु. का ‘ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट’ देने में ‘डिफेंस ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट दिशानिर्देशों’ का उल्लंघन

रक्षा मंत्रालय में एक स्थायी ‘डिफेंस ऑफसेट मैनेजमेंट विंग’ (डीओएमडब्लू) की स्थापना की गई है और सभी ‘ऑफसेट कॉन्ट्रेक्टों’ के लिए ‘डिफेंस ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट दिशानिर्देश’ भी जारी किए गए हैं (http://www.makeinindiadefence.gov.in/DefenceOffsetGuidelines.pdf)। संबंधित अंश संलग्नक A5 है। इन दिशानिर्देशों में यह अनिवार्य है कि:-

I. सभी ऑफसेट प्रस्ताव रक्षामंत्री द्वारा स्वीकृत किए जाएंगे (ऑफसेट नियमों का अनुच्छेद 8.6)। ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट पर रक्षा मंत्रालय के ‘एक्विजि़शन मैनेजर’ के हस्ताक्षर जरूरी होंगे (ऑफसेट नियमों का अनुच्छेद 8.6)।

II. ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट की प्रगति का डिफेंस ऑफसेट मैनेजमेंट विंग के नामांकित अधिकारी द्वारा हर छः माह में ऑडिट कराया जाएगा (ऑफसेट नियमों का अनुच्छेद 8.8)।

III. रक्षा मंत्रालय की ‘एक्विजि़शन विंग’ को हस्ताक्षर किए गए ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट एवं क्रियान्वयन की स्थिति के विवरण बारे ‘डिफेंस एक्विजि़शन काउंसिल’ को वार्षिक रिपोर्ट देनी होगी (ऑफसेट नियमों का अनुच्छेद 8.17)। किसी भी साल ऑफसेट नियमों का पालन न कर पाने की स्थिति में पूरे न किए गए ऑफसेट दायित्व के 5 प्रतिशत के बराबर दण्ड के साथ पेनल्टी लगाई जाएगी (ऑफसेट नियमों का अनुच्छेद 8.13)।

प्रश्न सीधे हैं:-

I. क्या रिलायंस एवं डसॉल्ट एविएशन 30,000 करोड़ रु. के ‘ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट’ पर रक्षामंत्री की अनुमति के बिना हस्ताक्षर कर सकते हैं?

II. क्या इस ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट पर रक्षा मंत्रालय के ‘एक्विजि़शन मैनेजर’ ने हस्ताक्षर किए?

III. डीओएमडब्लू द्वारा छः महीने में किया जाने वाला ऑडिट क्यों नहीं किया गया?

IV. क्या ‘एक्विजि़शन विंग’ ने ‘डिफेंस एक्विजि़शन काउंसिल’ को अपनी वार्षिक रिपोर्ट जमा कराई? यदि नहीं, तो इसका कारण क्या है?

V. क्या देश के एक बड़े रक्षा सौदे में किसी प्राईवेट कंपनी और रक्षा उपकरणों की सप्लायर को पूरे ‘डिफेंस ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट नियमों/निर्देशों’ को ताक पर रखने की अनुमति है?

कैटेगरी A, ‘हाई सिक्योरिटी डिफेंस प्रोडक्शन’ के लिए औद्योगिक लाईसेंस बिना किसी भूमि या बिल्डिंग के दिया जाना

भारत में रक्षा उत्पादन के लिए लाईसेंस इंडस्ट्रीज़ (डेवलपमेंट एण्ड रेगुलेशन), एक्ट, 1951; रजिस्ट्रेशन एण्ड लाईसेंसिंग ऑफ इंडस्ट्रियल अंडरटेकिंग रूल्स, 1952 और न्यू आर्म्स रूल्स, 2016 के तहत दिया जाता है (www.makeinindiadefence.gov.in – industrial licenses)।


अभी श्री भूपेंद्र भूपी जी ने श्री रणदीप सुरजेवाला का प्रेसनोट पोस्ट किया है। इसमें मोदी सरकार के 1,30,000 करोड़ के झूठ का जि़क्र है। मैं यह कहना चाहूंगा कि मीडिया ने इस फिगर को आसान बनाने के लिए एक लाख तीस हजार करोड़ की तरह कहना और लिखना शुरू कर दिया क्योंकि यह लिखना या कहना आसान लगता है और सचमुच आसान है भी। लेकिन इसमें एक भारी दिक्कत है क्योंकि आम आदमी इसकी गंभीरता को नहीं समझ पाता। आइये जरा समझें कि मैं क्या कहना चाहता हूं। एक करोड़ लिखना हो तो “एक” लिखने के बाद “सात ज़ीरो” और लगेंगे। यानी, अगर हमने 1,30,000 करोड़ को सचमुच पूरा लिखना हो तो
1,30,00,00,00,00,000
लिखा जाएगा। सौ करोड़ का एक अरब बनता है, सौ अरब का एक खरब बनता है और सौ अरब का शायद “शंख” बनता है या शायद एक “नील”, मुझे भी पक्का पता नहीं है। यानी, अगर ये आरोप सच है तो हमें समझना चाहिए कि यह कितनी बड़ी राशि है जिसकी हेराफेरी हुई है, क्योंकि सिर्फ एक लाख तीस हजार करोड़ कह देने से आम आदमी को पक्का अंदाजा नहीं लग पाता कि यह राशि असल में “शंख” या “नील” जितनी बड़ी है। अंग्रेजी में भी इसे कितने ट्रिलियन कहा जाएगा मुझे पता नहीं है।
मैं फिर दोहराता हूं कि अगर श्री रणदीप सुरजेवाला का आरोप सही है तो यह बहुत बड़ी रकम है जिसकी हेराफेरी हुई है। यह बहुत गंभीर मामला है और सारे देश को, देश के एक-एक नागरिक को प्रधानमंत्री से पूछना चाहिए —

“राफेल का दाम बताओ, कौन है दलाल, नाम बताओ”।

कहना है क्षेत्र के जाने माने “विचारक ओर विश्लेषक श्री पी के खुराना” का


रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड व उसकी संबंधित कंपनियों – रिलायंस डिफेंस लिमिटेड एवं रिलायंस एयरोस्ट्रक्चर लिमिटेड को लड़ाकू जहाज बनाने का कोई अनुभव नहीं। वास्तव में रिलायंस डिफेंस लिमिटेड का गठन प्रधानमंत्री जी द्वारा 10 अप्रैल, 2015 को फ्रांस में 36 लड़ाकू जहाज खरीदे जाने की घोषणा करने के केवल 12 दिन पहले, यानि 28 मार्च, 2015 को किया गया था (संलग्नक A6)। रिलायंस डिफेंस लिमिटेड के पास लड़ाकू जहाज बनाने का लाईसेंस तक नहीं था।

रिलायंस एयरोस्ट्रक्चर लिमिटेड का गठन 24.04.2015 को किया गया था। कंपनी ने लड़ाकू जहाज बनाने के औद्योगिक लाईसेंस के लिए आवेदन साल, 2015 में दिया और इसे 22.02.2016 को वाणिज्य मंत्रालय द्वारा यह अनुमति दे दी गई। उस समय श्रीमति निर्मला सीतारमन वाणिज्य मंत्री थीं। लाईसेंसों का आवंटन करने से संबंधित सूची संलग्नक A7 में दी गई है। इस कंपनी का गठन भी 24.04.2015 को, यानि प्रधानमंत्री जी द्वारा 10 अप्रैल, 2015 को फ्रांस में 36 लड़ाकू जहाज खरीदे जाने की घोषणा करने के केवल 14 दिन बाद किया गया था।

लड़ाकू जहाज बनाने के लिए लाईसेंस के आवेदन में रिलायंस एयरोस्ट्रक्चर लिमिटेड ने अपना पता एवं स्थान, ‘सर्वे नं. 589, तालुका जफराबाद, ग्राम लुंसापुर, जिला अमरेली, गुजरात’ दिया था। उस समय ये परिसर रिलायंस एयरोस्ट्रक्चर लिमिटेड के स्वामित्व में नहीं थे। उपरोक्त स्थान की मल्कियत ‘पीपावाव डिफेंस एण्ड ऑफशोर इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड’ के पास थी। लाईसेंस के दिन, यानि 22.02.2016 को भी रिलायंस एयरोस्ट्रक्चर लिमिटेड के पास उपरोक्त पते पर कोई जमीन या भवन नहीं था। पीपावाव डिफेंस लिमिटेड का अधिग्रहण रिलायंस डिफेंस लिमिटेड द्वारा 18.01.2016 को किया गया और उसके बाद इसका नाम बदलकर रिलायंस डिफेंस एण्ड इंजीनियरिंग लिमिटेड रख दिया गया। यह बात वार्षिक रिपोर्ट 2015-16 से साबित हो जाती है, जिसका संबंधित हिस्सा संलग्नक A8 में संलग्न है।


वैसे पूछते हैं,

कहीं यह सारी कवायद राहुल गांधी द्वारा केन्द्रीय रक्षा मंत्री ओर प्रधान मंत्री पर संसद में लगाए अनर्गल ओर मिथ्या आरोपों (जिससे सम्पूर्ण राष्ट्र को शर्मिंदा हीना अदा इतना ही नहीं मित्र राष्ट्र को भी बचाव में आना पड़ा) की शर्मिंदगी से बचने की दूसरी कोशिश तो नहीं?