The Marine Academy & TMC Shipping is to organised Marathon to promote career in Merchant Navy 24th June

 

The Marine Academy &  TMC Shipping is to organised Marathon to promote career in Merchant Navy 24th June. TMC Foundation President Neeraj Kumar informed that 25th June is celebrated as International Day of Seafarer .To acknowledge support  of Seafarer on 24th of june 25 km long a grand Marathon  is organised ,which will begin from  TMC office, SCO 270, Sector 14, Panchkula at 5.25 A.M  to Chandigarh& will last at  back at starting venue .  Neeraj informed that there will be four categories of the rally General, seafarers, women, senior citizens. Reporting time will be 24h June 4:00 am, Registration will be done on the spot also .Water and Refreshment will also be arranged for the participants. Bus service will also be available to the starting point.

The Marine Academy Global head Anil Jansi further informed at the Press conference that  First Second and third winner of the winner be honoured with 51,000/-,21000/-& 11,000 respectively for General Category. While seafarers, women, senior citizens have also cash prizes for first three positions. The Purpose of the day is to give thanks to the Seafarer for their contribution to the world economy and civil society as 90% of worlds goods are transports by Seafarer  .Almost everything that we use in daily lives ,directly or indirectly affected by see transport . Without shipping, half the world would starve and the other half would freeze.

He further encouraged youngsters to join Merchant Navy even after completing their schooling as SSC means Status- Salary- Career in Merchant Navy. Many Merchant navy officers will also present at the moment.

7th Senior National Rugby Championship-2018 begins

The Punjab Governor and Administrator, Union Territory, Chandigarh, Shri V.P. Singh Badnore being introduced with the players at the opening ceremony of 7th Senior National Rugby Championship-2018 at Panjab University, Chandigarh on Friday, June 22, 2018.

 

    

 

अभिनेत 28 जून को ‘पगला घोड़ा’ पेश करेगा

 

चंडीगढ़, जून 22: चंडीगढ़ की सबसे पुरानी नाट्य संस्था अभिनेत अपने पैंतालिसवें साल के सफर में बादल सरकार के कालजयी, बहुचर्चित और एकादिमि अवार्ड से सम्मानित नाटक ‘पगला घोडा’ को साहित्यकार और रंगकर्मी विजय कपूर के निर्देशन में 28 जून को टैगोर थिएटर, चंडीगढ़ में प्रस्तुत करेगी। यह प्रस्तुति नार्थ ज़ोन कल्चरल सेंटर, पटियाला  और कल्चर अफेयर्स डिपार्टमेंट चंडीगढ़ प्रशाशन के सौजन्य से लाई जा रही है। इसमें कोर पी आर और वेल्किन का भी सराहनीय सहयोग है।

शमशान-भूमि की पृष्ठभूमि पर आधारित यह नाटक अतृप्त प्रेम की अद्भुत अभिव्यक्ति है। चार दोस्तों के जीवन में आई लड़कियां जो मर चुकी हैं के ज़रिये मनोविज्ञानिक स्तर पर उनकी कमियां और अकेलेपन की गुथियाँ उस समय खुलती हैं जब वो एक लड़की को जलाने एक सूने शमशानघाट में लाते  हैं। जलने वाली लड़की एक-एक करके उन चारों की प्रेमिकाओं के रूप में बदल उन्हें उनके भूतकाल में ले जाती है, अपनी व्यथा-कथा को दर्शाते। जलती लड़की के भस्म होने के इंतज़ार में शराब और ताश के दौर चलते हैं। नारी पर जाने-अनजाने होने वाले अत्याचार उधड़ कर झाँकने लगते है, न्याय की मांग करते हैं। मधुर क्षणों की स्मृतियों भी बीच-बीच में लौटती हैं। अंततः शमशान में घटने वाली नाटक की यह कहानी मृत्यु पर जीवन के सन्देश से खत्म होती है। इस प्रस्तुति में भाग लेने वाले कलाकार हैं , बबिता कपूर, गौरव आहूजा, संजय मल्होत्रा, विजय कपूर, शुभम वशिष्ठ और प्रणव वशिष्ट। नाटक में संगीत दिया है हिमांशु शर्मा ने।

एक सपना जादू के माध्यम से वास्तविकता नहीं बनता है, यह बहुत पसीना, दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत माँगता है : राजबीर वत्स

 

टीसीरीज़ द्वारा रिलीज़ किये गए गाने, रूह में दिखेंगे राजबीर वत्स, जिसे गाया है कमल खान ने

चंडीगढ़ २२ जुन

हर दिन हम नए चेहरे अपने मनोरंजन उद्योग या भारतीय सिनेमा में देखते हैं, जो लंबे समय तक रहने के वादे के साथ बहुत उत्साह और ऊर्जासे भरे होते हैं। और इस बढ़ते मनोरंजन उद्योग में एक और नाम राजबीर वत्स,जो की दिखने में अच्छे हैं, ईमानदार हैं, खुद को साबित करने के लिए उत्साहित हैं और लंबे समय तक उद्योग में रहने के लिए एक विचार प्रक्रिया के साथ आये हैं. राजबीर वत्स को हिंदी गीत,“रूह” में दिखाया जा रहा है, से प्रसिद्ध गायक कमल खान ने गाया है और टी-सीरीज के बैनर के तहत जारी किया गया है।

टीम के साथ अभिनेता राजबीर वत्स ने आज गीत जारी किया और मीडिया से बातचीत की। इस टिनसेल उद्योग में अपनी यात्रा के बारे में पूछे जाने पर, राजबीर वत्स ने कहा, “जीवन के लिए मेरा जुनून बचपन से ही सिनेमा की सनकी दुनिया द्वारा लिखे गए कलात्मक प्रयासों को असंख्य लोगों के माध्यम से व्यक्त किया गया है”. उन्होंने आगे कहा कि मैंने हमेशा एक अभिनेता बनने और सपने को हासिल करने का सपना देखा था जिस का पहला कदम स्वयं के प्रति प्रतिबद्धता है. यदि आप केवल अपने शौक से ज्यादा काम करना चाहते हैं, तो आपको इसे नौकरी की तरह व्यवहार करने की ज़रूरत है क्योंकि अभिनय एक ऐसा कैरियर नहीं है जिसे आप आधा दिल से आगे बढ़ा सकते हैं, आपको अपने सभी ऊर्जा और प्रयासों को ध्यान में रखना होगा जो की एक पेशेवर अभिनेता होने का अंतिम लक्ष्य होता है।

जब दो बड़े नामों, एक संगीत लेबल टी-सीरीज़ और दुसरा प्रसिद्ध गायक कमल खान द्वारा पेश होने के बारे में पूछा गया, तो राजबीर ने जवाब दिया, “मुझे वास्तव में गर्व और खुशी है कि इन दो बड़े नामों जिन्होंने मुझे यह वाला अवसर दिया जिस से मुझे जनता द्वारा देखा जायेगा। उन्होंने आगे कहा कि वह डॉ. आशुप्रिया जो की उनकी मेंटोर, उनकी सलाहकार का शुक्रिया अदा करना चाहते हैं जिन्होंने हमेशा मुझ पर विश्वास किया कि मेरे पास इस उद्योग का हिस्सा बनने की क्षमता है और डॉ. निर्मल सिंह को धन्यवाद देना चाहते हैं,जिन्होंने मुझे इस गीत “रूह” के निष्पादन में समर्थन दिया, जिसका निर्देशन प्रसिद्ध निर्देशक, रॉबी सिंह द्वारा है और गीत को प्रसिद्ध गीतकार राज रंजोध ने लिखा है”।

भविष्य की योजनाओं पर बोलते हुए, राजबीर ने कहा कि वह कुछ और परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं और जल्द ही एक हिंदी फिल्म में एक प्रमुख अभिनेता के रूप में कार्य करने की उम्मीद कर रहे हैं.

 

 

Know your number

 

Over the centuries planets have been believed to govern the individuals’ mind and body as well as their own character. Also specific traits or factors such as thinking behavior, health education, prejudice, likes, dislikes, aptitude for a particular profession or vocation are decided according to the effects of the  principal planet.

Since the study of astrology is based on mathematics, we can expect a higher degree of accuracy in determining the result.

Number Planet Basic characteristics of individual
1 Sun Individualistic, determined, proud, dominating, authoritative, confident, showy, aspiring , research oriented.
2 Moon Emotional, companionable, restless, impatient, whimsical, introvert.
3 Jupiter  Honorable, dignified, philosophical, ambitious, vain, dictatorial.
4 Uranus Zealous, revolutionary, active, enduring, stubborn.
5 Mercury Shrewd, calculating, vigilant, business like, cooperative, skeptical unreliable.
6 Venus  Artful, moody, loving,  sympathetic, docile, strong memory
7 Neptune Austere, tolerant, peaceful, systematic, restless, research oriented, whimsical.
8 Saturn Authoritative, methodical, steady, systematic, lazy, cynical, nervous, lazy, delay prone.
9 Mars Energetic, active, hot tempered, dashing, courageous, impatient, quarrelsome, destructive.

One may well ask the highly relevant question: What about the thousands of babies born on same day and date over the world have the identical destinies? The answer is definitely no, because of varied latitudes and longitudes. Here we can say that numerological study can upto 60 percent  ascertain the individual’s characters from birth date alone.

According to numerology each number is believed to be governed by a planet. Each planet exhibits certain specific characteristics which are reflected in the number that each planet governs.

I m starting a series on numerology and hope the readers will understand the law of nature which influence human life.

गठबंधन टूटने के बाद पहली अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमले की आशंका

इंटेलिजेंस एजेंसियों की तरफ से जम्मू कश्मीर में 28 जून से शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा पर आतंकवादी हमलों की चेतावनी के बाद सुरक्षा बलों ने लक्षित और सूचना-आधारित आतंक-विरोधी अभियानों के लिए बुधवार से जवानों की नए सिरे से तैनाती शुरू कर दी है. फ़र्स्टपोस्ट द्वारा खुफिया आकलन के अध्ययन में यह बात सामने आई है कि लश्करे-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिदीन की दक्षिण कश्मीर में- खासकर शोपियां, अनंतनाग, बड़गाम, कुलगाम और पुलवामा में गतिविधियों में लगातार तेजी आई है और ये आने वाले दिनों में और हमलों के लिए स्लीपर सेल्स को सक्रिय कर रहे हैं.

राज्य में आतंकवाद, हिंसा और कट्टरता बढ़ने का आरोप लगाते हुए बीजेपी द्वारा पीडीपी से गठबंधन तोड़कर निकल जाने के बाद 20 पन्नों का यह पहला इंटेलिजेंस आकलन है. एलर्ट में आने वाले दिनों में सुरक्षा बलों पर हमलों में बढ़ोत्तरी की चेतावनी दी गई है, जिसके बाद सरकार की तरफ से इनसे निपटने के लिए आक्रामक आतंक-विरोधी ऑपरेशंस की तैयारी की जा रही है. इंटेलिजेंस आकलन में सीमा पार से हुई बातचीत को डिकोड करने से पता चला है कि घाटी में शांति भंग करने और अव्यवस्था फैलाने के लिए राजनीतिक कार्यकर्ता पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों का आसान निशाना हो सकते हैं.

इस बात की आशंका है कि हमला करने के लिए आतंकवादी नेशनल हाईवे के करीब छिपने की जगहों पर इकट्ठा हों. ऐसे हमलों को रोकने और आतंकवादियों का जड़ से सफाया करने के लिए सुरक्षा और इंटेलिजेंस एजेंसियों को साझा प्रयास करने होंगे. जून के पहले हफ्ते में माछिल और करेन में इंटेलिजेंस आधारित एक के बाद एक ऑपरेशंस बताते हैं कि लश्कर और जैश की घुसपैठ बढ़ी है. सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि “हमने आतंकवादियों की योजना को विफल करने के लिए परंपरागत घुसपैठ रूटों पर लक्षित ऑपरेशंस शुरू करने के साथ ही आतंकवादियों के छिपने के संभावित ठिकाने वाले इलाकों में घेराबंदी करके तलाशी अभियान शुरू किया है.”

हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों के जमावड़े और गतिविधियों का इनपुट मिलने के बाद सुरक्षा बल कुलगाम के रामपोरा, बान, यासू, फराह, हवूरा, वानपोह और पांजाथ में सघन तलाशी अभियान चला सकते हैं. रमजान के दौरान स्थगित किए ऑपरेशंस के बाद हेफ शिरमल, चाक चोलान, नागबल, तरेंज और जैनापोरा में भी नए सिरे से ऑपरेशंस शुरू किए जा सकते हैं, जहां इंटेलिजेंस अलर्ट में हिज्बुल मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तोइबा की गतिविधियों को लेकर चेतावनी दी गई है. इंटेलिजेंस रिपोर्ट में यह भी सुझाव दिया है कि आतंकवादियों के छिपने के संदिग्ध ठिकानों पर सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ाई जाए और साथ ही विभिन्न बलों के बीच तालमेल बेहतर किया जाए.

इंटेलिजेंस नोट में कहा गया है, “बीते साल के शुरुआती आधे हिस्से की तुलना में इस साल ज्यादा आतंकवादियों के मारे जाने के बावजूद इस बार बड़ी संख्या में पाकिस्तान से आतंकवादियों की घुसपैठ के कारण घाटी में उनकी संख्या बढ़ी है. सुरक्षा बलों ने घाटी में विरोध प्रदर्शनों से निपटने में अधिकतम संयम दिखाया है, लेकिन पाकिस्तान की तरफ से युद्धविराम के उल्लंघन के कारण सरहद पर रहने वाले लोगों की तकलीफों में इजाफा हुआ है.”

गृह मंत्रालय द्वारा मुहैया कराए आंकड़ों के मुताबिक 2017 में 2016 की तुलना में आतंकवादी हिंसा की घटनाओं और नागरिकों की मौतों में बढ़ोत्तरी हुई है. 2017 में सुरक्षा बलों के करीब 80 जवानों, 40 आम नागरिकों और 213 आतंकवादियों की मौत हुई. 2018 में जून के मध्य तक 38 आम नागरिक, सुरक्षा बलों के 40 जवान और 95 आतंकवादी मारे जा चुके हैं.

पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधिकारी वीएन राय ने फ़र्स्टपोस्ट को बताया कि घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम करने के वास्ते बॉर्डर ऑपरेशंस के लिए इंटेलिजेंस उपायों को ज्यादा चाक-चौबंद किया जा सकता है और इस बात की संभावना है कि ऐसी कोशिशों के कुछ नतीजे दिखाई दें, लेकिन घाटी में नए सिरे से शुरू की कार्रवाई के संभवतः वांछित नतीजे ना मिलें और आने वाले दिनों में आतंकी हमलों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो सकती है.

राय कहते हैं, “आपको कश्मीर घाटी में शांति कायम करने के लिए आईएसआई की साजिशों और पाकिस्तानी सेना को हराना होगा. सेना और सुरक्षा बल भारी दबाव में काम कर रहे हैं, और मेरा मानना है कि लगातार आतंक-विरोधी अभियान से आतंकवादी हिंसा कम नहीं होने वाली है. यह सारे हालात मुझे राजीव गांधी के शासन के समय की याद दिलाते हैं, जब एक दिशाहीन नीति के कारण घाटी ने आतंकवाद का 10 साल लंबा दौर देखा था. मेरा मानना है कि अगर सरकार घाटी में आतंकवाद के खात्मे को लेकर गंभीर है तो सीमा के उस पार भी लॉन्च पैड या वो जो कुछ भी है, उसे खत्म करने के लिए ऑपरेशंस चलाना चाहिए. चुनौतियों का सामना करने के लिए हमारी एजेंसियों के एकीकृत प्रयास, और सबसे ऊपर राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत है.”

इंटेलिजेंस नोट में आतंकवादी गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए घाटी में जिलों की सीमाओं पर मानव और तकनीकी इंटेलिजेंस के एक्शन प्लान को विस्तार देने का सुझाव दिया गया है. इसमें कहा गया है, “सूचना के आदान-प्रदान और समन्वित कार्रवाई के लिए राज्य पुलिस और अन्य एजेंसियों से नियमित संपर्क हर हालत में बनाए रखा जाना चाहिए. लक्षित ऑपरेशन के लिए इस संबंध में कोई भी महत्वपूर्ण सूचना सभी संबंधित लोगों को फौरन दी जानी चाहिए”

जाने-माने आंतरिक सुरक्षा विशेषज्ञ अजय साहनी ने फ़र्स्टपोस्ट से कहा कि हालात 1990 जितने खराब नहीं हैं और हमने बीते दो साल में नागरिकों को न्यूनतम और आतंकवादियों को अधिकतम नुकसान पहुंचाने के लिए लक्षित ऑपरेशंस देखे हैं. वह कहते हैं कि 2017 में मौतों की संख्या में इजाफा हुआ है, लेकिन सुरक्षा हालात का आकलन करने के लिए इसकी 1990 और 2000 के दशक से तुलना करना समझदारी नहीं है, क्योंकि वह घटनाओं और मौतों का बहुत मामूली दौर था.

साहनी कहते हैं कि 2018 में आतंकवादी घटनाओं से जुड़ी हिंसा में मौतें सिर्फ 29 तहसीलों में सीमित हैं और सिर्फ 5 तहसीलों में 60 फीसद मौतें होना दिखाता है कि हिंसा का क्षेत्र सिमट रहा है. “मुझे कुछ भी नया रवैया नहीं दिखता और आतंकवाद-विरोधी ऑपरेशंस बिना राष्ट्रवादी गुलगपाड़े के जारी रहेंगे, जिसकी गूंज शायद हमें दिल्ली में सुनाई दे. हम जो देखने जा रहे हैं, वह है इलाके को खाली कराके सर्च ऑपरेशन चलाने के भारी भरकम ऑपरेशंस के बजाय सटीक इनपुट पर आधारित सीमित ऑपरेशंस चलते रहेंगे. अगर आप बीते कुछ सालों में नागरिकों की मौतों की संख्या को देखें तो, तो इसमें काफी कमी आई है. और आतंकवादियों की मौत में काफी बढ़ोत्तरी हुई है.”

साहनी ने कहा कि यहां तक कि बीते साल की तुलना में पत्थरबाजी की घटना में भी काफी कमी आई है. मुझे लगता है कि इस तरह के लक्ष्य आधारित ऑपरेशंस जारी रहेंगे, क्योंकि हमने पूर्व में देखा है कि इससे अच्छे नतीजे मिलते हैं.”

गवर्नर रुल के दो दिन बाद ही सर्च आपरेशन को आये सुरक्षा बलों का स्वागत चाय नाश्ते से करवाते कश्मीरी लोग

सर्च आपरेशन को आये सुरक्षा बलों का स्वागत चाय नाश्ते से करवाते कश्मीरी लोग

 

नई दिल्‍ली:

जम्मू-कश्मीर में राज्‍यपाल शासन लागू होते ही घाटी की हवाओं ने अपना रुख बदल लिया है. घटी की इस बदली हुई हवा की बानगी J&K में राष्‍ट्रपति शासन लागू होने के बाद सुरक्षाबलों द्वारा चलाए गए सर्च ऑपरेशन के दौरान देखने को मिली. दरसअल, बुधवार सुबह आतंकियों की तलाश में सुरक्षाबलों ने घाटी के कुछ गांवों में सर्च आप्रेशन चलाया था. सर्च ऑपरेशन के दौरान पहली बार सुरक्षाबलों के जवानों को न ही किसी तरह के विरोध का सामाना करना पड़ा और न ही किसी तरह की पत्‍थरबाजी झेलनी पड़ी. जवानों के अचंभे का उस वक्‍त कोई ठिकाना नहीं रहा, जब गांव वालों ने जवानों को सामने चाय और नाश्‍ते की पेशकश रख दी. जम्‍मू-कश्‍मीर में सालों से तैनात सुरक्षाबलों के सामने पहली बार ऐसा मौका आया था, जब‍ घाटी के गांव वाले बिना किसी डर के इतनी सहृदयता से उनके साथ पेश आए हों.

सुरक्षबलों से जुड़े वरिष्‍ठ अधिकारी के अनुसार बुधवार सुबह सूचना मिली थी कि कुछ आतंकी दक्षिण और उत्‍तरी कश्‍मीर के दो गांवों में छिपे हुए हैं. इंटेलीजेंस इनपुट में जिन दो गांवों के नाम का उल्‍लेख किया गया था, वे दोनों गांव दशकों से हिंसा के लिए बदनाम रहे हैं. सुरक्षाबलों का अनुभव भी इन गांवों को लेकर अच्‍छा नहीं था. अपने पुराने अनुभवों को ध्‍यान में रखते हुए सुरक्षाबलों ने इन गांवों की तरफ रवानगी से पहले सभी एहतियाती बंदोबस्‍त पूरे किए. सुरक्षाबलों को आशंका थी कि सर्च ऑपरेशन के दौरान उन्‍हें भारी पत्‍थरबाजी का समाना करना पड़ सकता है. लिहाजा, जवानों को कई टीमों में बांट दिया गया. कमांडो और स्‍नाइपर्स का चुनाव ऑपरेशन टीम के लिए किया गया. इसके अलावा, दूसरी टीम को इलाके के घेरेबंदी की जिम्‍मेदारी दी गई. वहीं तीसरी टीम की जिम्‍मेदारी थी कि वे किसी भी सूरत में पत्‍थरबाजों को ऑपरेशन एरिया में दाखिल नहीं होने देंगे.

इतना ही नहीं, सैकड़ों जवानों को रि-इर्फोसमेंट के लिए दोनों गांवों से कुछ दूरी पर रिजर्व कर दिया गया. जिससे पत्‍थरबाजी होने पर पत्थरबाजों की घेरेबंदी कर अपने जवानों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके. गांव में दाखिल होने से पहले जवानों ने आखिरी बार अपनी तैयारियों का जायजा लिया और एक-एक करके सुरक्षाबलों के काफिले की बख्‍तरबंद गाड़ियां गांव में दाखिल होने लगी. बख्‍तरबंद गाड़ियों में मौजूद जवान सड़क के दोनों तरफ मौजूद लोगों के हवाभाव पड़ने की कोशिश में लग गए. इस दौरान, गांव वालों के चेहरे पढ़कर उन्‍हें आभास हुआ कि गांव वालों की निगाहों में सुरक्षाबलों के आगमन को लेकर एक प्रश्‍नचिन्‍ह जरूर था, लेकिन किसी के चेहरे पर आक्रोश नजर नहीं आ रहा था.

खूंटी गैंगरेप: एक आरोपी का फोटो जारी, 4 पादरी- 2 नन से पूछताछ, 5 पर केस दर्ज

 

खूंटी:

झारखण्ड के खूंटी जिला के अड़की प्रखंड के कोचांग में एक एनजीओ से जुड़ी पांच लड़कियों के साथ हुए गैंग रेप के मामले में 12 लोगों को हिरासत में लिया गया है. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए चार पादरी और दो शिक्षक को भी हिरासत में लिया है. पादरियों पर गैंगरेप मामले को दबाने का आरोप है. पादरी को फिलहाल पीआर बॉन्ड पर छोड़ दिया गया है.

इस मामले में  चर्च की सिस्टर ने भी चौंकाने वाला बयान दिया है और कहा है कि लौटने के बाद सभी सामान्य दिख रही थी और साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि सभी लड़कियां नहीं बल्कि औरतें थीं. मिली जानकारी के अनुसार लड़कियों के साथ गैंगरेप किया गया और वीडियो भी बनाया गया, इसी दौरान एक पीड़िता के मोबाइल में एक वीडियो रह गया और इसी के मदद से  पुलिस ने आरोपी की तस्वीर जारी की है और इसके बारे में सूचना देने वालों को 50 हज़ार रुपये इनाम के रूप में देने की घोषणा की है. पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए तीन टीम बनाई है जो इस मामले की पूरी जांच करेंगे.

22 जून को सभी पांच लड़कियों का मेडिकल करवाया गया है और धारा 164 के तहत बयान भी दर्ज कराया गया है. इस मामले में अड़की और महिला थाना में अलग-अलग 2 एफआईआर दर्ज किए गए हैं. महिला थाना में 323, 341, 342, 376 D, 354 B, 363, 365, 120 B, IPC 67,  67 A (IT act) धारा के तहत मामला दर्ज किया गया है. वहीं अड़की थाने में 341, 342, 323, 363, 365, 328, 506, 201 और 120 B के तहत मामला दर्ज किया गया है.

खूंटी दुष्कर्म मामले में विपक्ष ने रघुवर सरकार पर जोरदार हमला बोला है. विपक्ष का कहना है कि गैंगरेप की घटना के बाद रघुवर दास की सरकार को बने रहने का कोई हक नहीं है. नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड में अब ऐसी घटनाओं से उन्हें आश्चर्य नहीं होता. हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड अब बलात्कार और भूख से मरने वालों की घटनाओं के लिए ही जाना जाता है.

इस्लामिक स्टेट जम्मू एंड कश्मीर के 4 आतंकी ढेर

 

जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में सुरक्षाबलों ने चार आतंकियों को मार गिराया है. ये आतंकी ‘इस्लामिक स्टेट जम्मू एंड कश्मीर’ नामक आतंकी संगठन से जुड़े हुए थे. इस मुठभेड़ के दौरान जम्मू कश्मीर स्टेट का एक पुलिस शहीद हो गया और साथ ही कुछ आम नागरिक भी घायल हो गएं. घायल हुए सिविलियन में से एक की पहचान मुहम्मद युसूफ बताई जा रही है. असल में आतंकी युसूफ के घर में छुपे थे. जिसके कारण मुठभेड़ में उसकी जान चली गई. साथ ही उसकी पत्नी हफिज़ा भी घायल हो गई. उन्हें अभी अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

सुरक्षाबलों को एक दिन पूर्व ही वहां आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी, जिसके बाद उन्होंने पूरे इलाके को घेर लिया. इस दौरान आतंकियों ने खुद को घिरा देख फायरिंग शुरू कर दी, जिसके बाद सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए चार आतंकियों को मार गिराया.फिलहाल इन इलाकों (अनंतनाग और पुलवामा ) में सुरक्षा मामलों को देखते हुए मोबाइल और इंटरनेट सेवा बंद कर दिया गया है.

मारे गए आतंकवादियों को इस्लामिक स्टेट जम्मू कश्मीर (ISJ&K) से संबंधित बताया जा रहा है.

रमजान के दौरान सीजफायर पर लगे प्रतिबंध के हट जाने के बाद से जम्मू-कश्मीर में भारतीय जवान आतंकियों पर लगातार कार्रवाई कर रहे हैं. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आंतकवादियों के मौजूद होने की विशेष खुफिया सूचना मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने दक्षिणी कश्मीर के इस जिले में श्रीगुफवारा क्षेत्र की घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू कर दिया था. सुरक्षाबलों को इलाके में तीन आतंकियों के छुपे होने की सूचना मिली थी.

उन्होंने पूरे इलाके को घेर लिया. पुलिस अधिकारियों ने कहा कि तलाशी अभियान के दौरान आतंकवादियों ने सुरक्षाबलों के ऊपर गोलियां चलानी शुरू कर दीं. जवाब में जवानों ने भी कार्रवाई की.वहीं स्‍थानीय लोगों को घरों के अंदर रहने की हिदायत दे दी गई है.

बता दें कि बीते कुछ दिनों से घाटी की स्थिती तनावपूर्ण रही है. चाहे वो वरिष्ठ पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या हो या शहीद औरंगजेब की. घाटी अशांती और आतंकवाद से जूझ रही है. ऐसे में इसे अचानक जम्मू-कश्मीर सरकार के निरस्त हो जाने के आफ्टइफेक्ट्स की तरह भी देखा जा रहा है. तभी तो आज राज्यपाल एन.एन.वोहरा ने आज घाटी की मौजूदा हालात पर चर्चा करने के लिए सभी राज्य और राष्ट्रीय स्तर की सभी पार्टीयों की सर्वदलीय बैठक बुलाई है.

Complan and Horlicks sale signals

Is India no place for health drinks? First, Horlicks was put on sale by GlaxoSmithKline Plc (GSK) in March. News reports had then speculated Kraft Heinz Co. may bid for it, now it appears Kraft Heinz is planning to sell Complan, according to Bloomberg.

Both companies may have different reasons for the decision, but a common one could be a challenging health drinks market. Growth rates are slowing and competition is stiff.

In 2017, Kraft had recognized a $49 million impairment loss due to continued declines in its nutritional beverages business in India. GSK’s annual report also talks about competitive pressure on Horlicks, which competes with the likes of Bournvita and Complan.

Complan being put on sale adds a twist to the Horlicks’ deal. The asking price for Complan is $1 billion, while GSK’s 72.5% stake in locally listed GSK Consumer Healthcare Ltd alone is valued at $2.9 billion. The sums involved are large, implying a buyer has a lot at stake and will do everything to ensure the investment yields good returns.

If only one brand was sold, there would be one new owner to contend with incumbents. New owners for two different brands mean stiffer competition right off the blocks.

The bigger question is why are companies keen on exiting this market? One reason could be slowing growth. Malt-based drinks— Horlicks and Bournvita are in this category—have seen growth slip from 13.2% in 2014 to 8.6% in 2017, according to Euromonitor International.

Complan is measured in a separate category of supplement nutrition drinks, which includes products such as Ensure. This segment’s growth is higher than that of malt-based drinks, though smaller in size. Even here, growth has slowed, from 21.3% in 2014 to 11.5% in 2017.

Forecast compound annual growth in 2017-22 in constant prices is 3.7% for malt-based drinks and 5.6% for supplement nutrition drinks, according to Euromonitor.

Emerging alternatives could explain slower growth, as consumers are opting for products offering added protein, meal replacement or an energy boost, according to Devchandan Mallick, an analyst at Euromonitor. Some consumers are shifting to mixing syrups such as chocolate or vanilla in their milk instead.

Additionally, pharmaceutical companies have stepped up their presence in the consumer nutrition space. That explains why you see variants of Horlicks such as Protein, Growth and Cardia. Consumer goods companies are also now going deep into rural markets to increase sales growth. That requires investments and staying power, as these markets are different from urban ones and will take time to scale up.

All these challenges may explain why owners of big brands are seeking to exit. There is a risk of prospective bidders trying to negotiate lower valuations, if these exits are taken as a question mark on the potential market for these brands.