पंचांग

विक्रम संवत – 2075
अयन – दक्षिणायन
गोलार्ध – उत्तर
ऋतु – वर्षा
मास – ज्येष्ठ (द्विoशुद्ध)
पक्ष – शुक्ल
तिथि – द्वादशी
नक्षत्र – विषाखा
योग – सिद्ध
करण – बव

राहुकाल-
4:30PM – 6:00PM

🌞सूर्योदय – 05:25 (चण्डीगढ)
🌞सूर्यास्त – 19:24 (चण्डीगढ)
🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉
🚩पर्व -🚩
हल्दी घाटी।

🚩दिवस-🚩
रानी दुर्गावती बलिदान दिवस।
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
चोघड़िया मुहूर्त- एक दिन में सात प्रकार के चोघड़िया मुहूर्त आते हैं, जिनमें से तीन शुभ और तीन अशुभ व एक तटस्थ माने जाते हैं। इनकी गुजरात में अधिक मान्यता है। नए कार्य शुभ चोघड़िया मुहूर्त में प्रारंभ करने चाहिएः-
दिन का चौघड़िया (दिल्ली)
चौघड़िया प्रारंभ अंत विवरण
लाभ 08:54 10:38 शुभ
अमृत 10:38 12:23 शुभ
शुभ 14:08 15:53 शुभ

रात्रि का चौघड़िया (दिल्ली)
चौघड़िया प्रारंभ अंत विवरण
शुभ 19:22 20:37 शुभ
अमृत 20:37 21:52 शुभ
लाभ 01:39 02:54 शुभ
शुभ 04:09 05:24 शुभ

यात्रिगन कृपया ध्यान दें, “मेट्रो” बहादुरगढ़ पंहुच रही है.

 

मनोहर सरकार बहादुरगढ़ के लोगों को आज एक बड़ा तोहफा देने जा रही है. 24 जून यानी रविवार की सुबह मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर मुंडका बहादुरगढ़ रेलवे लाइन का शुभारंभ करने आ रहे हैं. यानी रविवार की सुबह मुंडका से बहादुरगढ़ के सिटी पार्क मेट्रो स्टेशन तक पहली बार मेट्रो ट्रेन चलने जा रही है.

बहादुरगढ़ से मुंडका तक मेट्रो से जुड़ा होने के बाद रोजाना करीब डेढ़ लाख लोग इसका फायदा उठा सकेंगे. मेट्रो ग्रीन लाइन पर चलने के बाद एक तरफ जहां लोग महज 20 मिनट में बहादुरगढ़ से मुंडका की दूरी तय कर सकेंगे, वहीं सड़कों पर भी वाहनों का दबाव कम होने के कारण देश की राजधानी दिल्ली में लगने वाले जाम से काफी हद तक बचा जा सकेगा.

बता दें कि मुंडका बहादुरगढ़ मेट्रो लाइन बनाने में करीब एक हजार करोड़ रुपए का खर्च आया है. यह पूरा खर्चा हरियाणा सरकार ने वहन किया है. इस लाइन पर राजधानी दिल्ली की सीमा में चार मेट्रो स्टेशन बनाए गए हैं, वहीं तीन स्टेशन हरियाणा की सीमा में बनाए गए हैं. ग्रीन लाइन मेट्रो का निर्माण प्रदेश की पिछली हुड्डा सरकार के कार्यकाल में शुरू हुआ था और करीब 4 साल मैं यह मेट्रो लाइन पूरी तरह से बन कर तैयार हो गई है.

हालांकि बहादुरगढ़ में मेट्रो का एक यार्ड भी बनाया जाना था, लेकिन कानूनी पेचीदगियों के चलते जमीन अधिग्रहण कैंसिल हो जाने के कारण यह नहीं बन सका है. लेकिन फिलहाल मुंडका मेट्रो यार्ड के सहारे ही यहां मेट्रो सुचारू रूप से चलाई जाएगी. मेट्रो लाइन शुभारंभ समारोह की तैयारियां प्रशासनिक स्तर पर शुरू कर दी गई है.

आज दोपहर को ही सीआरपीएफ के जवान सभी मेट्रो स्टेशनों की सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा संभाल लेंगे. बता दें कि पिछले दिनों डीएमआरसी के उच्च अधिकारियों ने बहादुरगढ़ के नवनिर्मित मेट्रो स्टेशनों पर सुरक्षा का जायजा लिया था और बहादुरगढ़ मुंडका मेट्रो लाइन को सिक्योरिटी क्लीयरेंस दे दिया गया था. उसके बाद से ही मेट्रो लाइन के उद्घाटन का इंतजार बहादुरगढ़ के लोगों को बेसब्री से था. रविवार को बहादुरगढ़ के लोगों का अपने शहर से ही मेट्रो में बैठकर दिल्ली पहुंचने का सपना पूरा हो जाएगा.

बहादुरगढ़ मेट्रो : भाजपा श्रेय ले रही है : दीपेन्द्र हूडा

 

इस मेट्रो लाइन के चालू होने से बहादुरगढ़ वासियों को कामकाज और व्यापार के सिलसिले में दिल्ली आने जाने में काफी आराम हो जायेगा। जहाँ जहाँ मेट्रो पहुँचती है वहाँ विकास और रोजगार के नये साधनों का सृजन होता है।

जानिए, बहादुरगढ़-वासियों का मेट्रो का सपना कैसे हुआ साकार :

7 अगस्त 2012 – यूपीए सरकार में केन्द्रीय मंत्रिमंडल से सांसद दीपेन्द्र सिंह हुड्डा के आग्रह पर बहादुरगढ़ मेट्रो विस्तार परियोजना को मंजूरी मिली।

2 फरवरी 2013 – तत्कालीन केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री श्री कमल नाथ जी ने हरियाणा के तब के मुख्यमंत्री चौ भूपेन्द्र सिंह हुड्डा जी की उपस्तिथि में इस मेट्रो विस्तार का शिलान्यास किया।

अप्रैल 2013 – इसपर जोरशोर से काम शुरू करवा दिया था और मार्च 2016 तक इसका काम पूरा हो जाना चाहिये था।

लेकिन, मई 2014 के बाद से भाजपा सरकार ने इस पूरे काम का श्रेय लूटने के लिए ढाई साल की देरी करा दी और बहादुरगढ़ वासियों को ढाई साल मेट्रो शुरू होने का इंतज़ार करना पड़ा।

इस परियोजना में एक और विशेष बात यह है कि यह पहली ऐसी परियोजना थी जिसके हरियाणा में आने वाले हिस्से की लागत (रुपये 788 करोड़) और दिल्ली के मुंडका से आगे हरियाणा तक के सेक्शन की लागत (रुपये 152 करोड़) भी चौ भूपेन्द्र सिंह हुड्डा जी के कार्यकाल में ही हरियाणा सरकार ने वहन करने का ऐतिहासिक फैसला लिया था। 2000 करोड़ की कुल लागत में से हरियाणा सरकार ने 940 करोड़ रूपए वहन किये थे।

PU student wins Rs. 50 Lacs from BIRAC as Biotechnology Ignition grant

 

Panjab University, Chandigarh, student wins 50 lacs from BIRAC (Biotechnology Industry Research Assistance Council) as a Biotechnology Ignition grant to carry out innovation.

 BIRAC is a new industry-academia interface and implements its mandate through a wide range of impact initiatives, providing funding, technology transfer, IP management and handholding schemes that help bring innovation excellence to the biotech firms and make them globally competitive.

        The Biotechnology Ignition Grant (BIG) scheme is for potential entrepreneurs from Academia, start-ups or an Incubatee (Researchers, PhDs, Medical degree holders, Biomedical Engg. Graduates) who have an exciting idea which may be in the nascent and planning stage and there is an unmet need for mentorship and initial funding.

 The PU Project to develop enzyme sachet named “Novice Zyme 001-A closer look into enzymatic biotransformation/s” has won BIRAC-BIG in the 12th call in 2018. The Novice Zyme 001 is a nitrilase that will have multiple applications, including pharmaceutical industry and organic synthesis industry. The project also will be focusing on degradation of textile industry waste using the same enzyme.

Under the guidance of Dr. Rohit Sharma, Chairperson, Department of Microbial Biotechnology, Panjab University, the project will be carried out by Shivanshi Vashist, Research Scholar, Department of Microbial Biotechnology, Panjab University, Chandigarh. The student has a start-up named MicroRadical Pvt. Ltd. The start-up has won many accolades like AICTE startup award, LJ innovation award and was also selected for BIO 2018.

TMC & MNO organises marathon on International day of Seafarer

 

The Marine Academy and Merchant Navy Officers association is to organised Marathon on International Day of Seafarer   to promote career in Merchant Navy. The marathon will begin from TMC Shipping Pvt. Ltd. SCO-14, Panchkula at 5:45 am to Chandigarh.  Youngster & Merchant Navy officers will join the Marathon.

Badnore addresses CA Students

The Governor of Punjab and Administrator, UT, Chandigarh, Shri V.P. Singh Badnore addressed at the “CA Students National Conference-2018” organized by the Institute of Accountants of India (Chandigarh Branch) at PG GCG, Sector-42, Chandigarh on Saturday, June 23, 2018.

निगम में आवारा कुत्तों के मामले में घोटाले हुए हैं: अविनाश सिंह शर्मा

चंडीगढ़ की आवाज के चेयरमैन अविनाश सिंह शर्मा ने प्रेस वार्ता में प्रेस को बताया कि जिस तरह से बिहार में पशुओं के चारा, वैकसीन, दवा का घोटाला बिहार के राजनेताओं, अधिकारियों, वेटरनरी डॉक्टरों के मिलीभगत से हुई थी, उसी तरह से चंडीगढ़ नगर निगम में कमिश्नर, मेयर, डॉक्टरों संबंधित अधिकारियों की मिलीभगत से कुत्तों के वैक्सीन,  नसबंदी, एवं रखरखाव के नाम पर करोड़ों – करोड़ों रुपए का घोटाला हुआ है | इस घोटाले में भाजपा एवं कांग्रेस नेताओं की मिलीभगत रही है | घोटाले में भाजपा एवं कांग्रेस के पूर्व के भी मेयर शामिल रहे हैं | इसी कारण चंडीगढ़ शहर के अंदर प्रत्येक दिन 40-50 डॉग बाइट केस के बाद भी कांग्रेस के पवन बंसल एवं भाजपा के किरण खेर, देवेश मोदगिल चुप्पी साधे हुए थे | एक साल पूर्व भी पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट चंडीगढ़ में डॉग बाइट के केस पर स्वत: संज्ञान लिया था | परंतु नगर निगम चंडीगढ़ कान में तेल डाल कर सो गई | जिसका खामियाजा चंडीगढ़ शहर की जनता को भुगतना पड़ रहा है | सुबह शाम सैर पर जाने वाले जनता को अपने बचाव के लिए हाथों में लाठियां लेकर जाना पड़ रहा है |

 17-06-2018 को चंडीगढ़ सेक्टर 18 के पार्क मैं खेल रहे 18 महीने के आयुष को कुत्तों ने नोच नोच कर मार डाला | चंडीगढ़ प्रशासन की अनदेखी के कारण 18-6-2018 को मृतक आयुष की मां ममता एवं पिता मुंदर को लेकर चंडीगढ़ की आवाज के चेयरमैन अविनाश शर्मा एवं महामंत्री कमल किशोर शर्मा डिप्टी कमिश्नर अजीत बालाजी जोशी से मिलकर दोषियों पर कानूनी कार्रवाई की मांग किए |

    तब घबराकर जल्दी-जल्दी नगर निगम चंडीगढ़ के मेयर एक बैठक बुलाकर 3 लाख  का मुआवजा की घोषणा करके अपनी लापरवाही एवं घोटाले को छुपाने का प्रयास किया | संबंधित अधिकारियों समेत पुलिस प्रशासन से आयुष को इंसाफ मिले की गुहार लगाते रहे परंतु नगर निगम, पुलिस प्रशासन चंडीगढ़ प्रशासन कान में तेल डालकर नींद में सोए रहे | मजबूर होकर चंडीगढ़ की आवाज के चेयरमन अविनाश शर्मा आयुश की माँ ममता को लेकर चंडीगढ़ हाई कोर्ट गए | वरिष्ठ एडवोकेट ए०पी०एस० शेरगिल के माध्यम से 22 जून 2018 को चंडीगढ़ हाई कोर्ट मैं गुहार लगाई गई । { मुकदमा नंबर CRM-M 26691/2018 } जिसे “जस्टिस राजवीर शेरावत” ने सुना | मामले की गंभीरता को समझते हुए नोटिस जारी किया | बता दे कि सर्वोच्च न्यायालय भारत के आदेश में किसी भी शिकायत पर FIR दर्ज कर जांच करना है | उस आदेश की चंडीगढ़ पुलिस ने अनदेखी की जिसके कारण आयुष की लाश 7 दिन से अस्पताल में पड़ी है | चंडीगढ़ की आवाज ने मामले को जनता की अदालत में ले जाने के लिए भी 21 जून और 22 जून को कैंडल मार्च कर के मीडिया के मदद से इस पीड़ा को लाखों-लाखों जनता के बीच ले गई | दुख की बात है कि क्या चंडीगढ़ के प्रशासक (गवर्नर) की आंख बंद है और साथ ही साथ कान बंद है जो चुप्पी साध कर बैठे हैं | टेलीविजन के माध्यम से अखबारों के माध्यम से क्या उन्हें खबर नहीं लगी है ? प्रशासक (गवर्नर) अपनी जिम्मेदारी पर खरे नहीं उतर रहे हैं के कारण मजबूर होकर पीड़िता को लेकर चंडीगढ़ हाई कोर्ट जाना पड़ा | आजाद भारत में गुलाम भारत वाली तानाशाही खुलेआम हो रही है | संवैधानिक अधिकारों, मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है | भ्रष्टाचार का बोलबाला हो रखा है | चंडीगढ़ की आवाज (वॉइस ऑफ चंडीगढ़) चंडीगढ़ की जनता के लिए आवाज उठाती रही है और आगे भी उठाते रहेगी | अविनाश सिंह शर्मा ने बताया कि मेनका गांधी की आड़ में घोटाले करते रहे हैं और बचाव में मेनका गांधी का नाम लेने लगे हैं | क्या मेनका गांधी ने घोटाले करने का आदेश दिया है ? एनिमल बर्थ कंट्रोल डॉग एक्ट (2001) में स्पष्ट तौर पर जिम्मेवार लोगों का उल्लेख एवं जिम्मेवारियां के बारे में लिखा है |
फॉर्मेशन कमेटी जिनका काम मॉनिटरिंग करना है उनके जिम्मेवार सदस्यों मे :
1) कमेटी नगर निगम कमिश्नर,
2) Ex-officio  Chairman (मेयर),
3) चीफ़ इंजीनियर पब्लिक हैल्थ डिपार्टमेंट
4) चीफ एनिमल वेलफेयर डिपार्टमेंट चंडीगढ़
5)  वेटरनरी डॉक्टर चंडीगढ़
6) SPCA representative
उनका फंक्शनिंग ऑफ कमिटी
1॰ कुत्तों को पकड़ने का निर्देश देना
2॰ शेल्टरिंग बनवाना
3॰ नसबंदी करवाना
4॰ वैक्सीन करवाना
5॰ ट्रीटमेंट स्ट्रीट
6॰ डॉग डॉग बाइट केस का स्टडी करना, क्यों काटा, कहां काटा पालतू कुत्ता था या स्ट्रीट डॉग था |
7॰  स्ट्रीट डॉग के वैक्सीन पर कोई भी राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय डेवलपमेंट पर नजर रखना |
8॰  डॉग पाउंड  एवं शेल्टर बनाना |
9॰ कितने डॉग वैन होने चाहिए जो कि स्ट्रीट डॉग को पकड़कर ट्रांसपोर्टेशन को मैनेज करेंगे  |
10॰ एंबुलेंस कम क्लीनिकल बैन होने चाहिए जो कुत्तों को वहीं पर पकड़कर वैक्सीन इंजेक्शन एवं नसबंदी करके कुत्तों को वहीं पर छोड़ सके

विशिष्ट शिकायत प्राप्त होने पर सामान्य में कुत्तों को पकड़ने के लिए कुत्तों की टीम संबंधित क्षेत्र की यात्रा करेगी पहचान वाले कुत्तों को पकड़ लेगी | शिकायत उन्मुख कैप्चरिंग और अन्य कुत्तों के मामले में शिकायत सामान कैप्चरिंग पकड़े गए सभी कुत्तों को पहचान के लिए टैग किया जाएगा |
जन्म नियंत्रण के लिए वैन द्वारा पकड़ा जाएगा| कब्जे वाले कुत्तों का एक रिकॉर्ड एक रजिस्टर में बना के रखा जाएगा| जिसमें क्षेत्र का उल्लेख इलाके का नाम कैप्चर की तारीख और  समय कुत्तों की टीम में शामिल व्यक्तियों का नाम उस दिन का ब्योरा और कुत्तों का ब्यौरा मेल/फीमेल कुत्ते एवं पिल्लों की संख्या इत्यादि होना चाहिए |

 Animal birth Control (Dogs) Act Rules 2001 में स्पस्ट लिखा है कि कुत्तो की टैगिंग हो | इस के लिए साबित करने (सबूत)कि जरूरत नहीं है किसी भी चंडीगढ़ के कुत्ते को टैगिंग नहीं किया गया है | किसी भी कुत्ते पर टैगिंग इस लिए नही की गई क्योकि वैक्सीन, नसबंदी, रख रखाव के नाम पर घोटाला पर लगाम लगती |  डिपार्टमेंट किस तरह कुत्तो को देख कर बातये गा किस कुत्ते को वैक्सीन, नसबंदी  किया है |

चंडीगढ़ हाई कोर्ट के वरिष्ठ एडवोकेट APS Shergil   ने प्रेस को बताया कि सर्वोच्च न्यायालय भारत के आदेश की अवमानना हुई है | पीड़ित आयुष की  मां की शिकायत दर्ज नहीं होने के कारण आयुष की लाश का पोस्टमार्टम नहीं हो सका जिसके कारण 7 दिनों से लाश अस्पताल में पड़ी है | चंडीगढ़ उच्च न्यायालय में मुकदमा संख्या CRM-M 26691/2018 जस्टिस राजवीर शेरावत ने मामले की गंभीरता को समझते हुए नोटिस जारी किए हैं|
1) डिप्टी कमिश्नर चंडीगढ़
2) कमिश्नर MC चंडीगढ़
3) MC मेयर चंडीगढ़
4)चंडीगढ़ इंजीनियर पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट
5) official incharge  एनिमल वेलफेयर डिपार्टमेंट चंडीगढ़
6)सेकरेटरी डिपार्टमेंट  एनिमल हसबेंडरी एंड वेटरनरी चंडीगढ़ 7)सोसाइटी ऑफ प्रिवेंशन ऑफ cruelty DIPO  चंडीगढ़
8)होम secretory चंडीगर
9) SSP चंडीगढ़
10) डीएसपी ईस्ट चंडीगढ़
11) s h o सेक्टर-19 चंडीगढ़
एनिमल कंट्रोल एक्ट 2001 के जिम्मेवार लोगों और सर्वोच्च न्यायालय के आदेश शिकायत के बाद FIR दर्ज नहीं करने वालों को केस में पार्टी बनाया गया है |
प्रेस को आयुष की मां ममता ने बताया कि जिन जिन लोगों को के गैर जिम्मेदारी के कारण मेरे आयुष को कुत्तों ने नोच नोच कर मार डाला उन्हें बचाने के लिए चंडीगढ़ पुलिस मेरे FIR  को दर्ज नहीं कर रही है | चंडीगढ़ की आवाज के चेयरमैन अविनाश सिंह शर्मा एवं महामंत्री कमल किशोर शर्मा के मदद से हाईकोर्ट तक अपनी आवाज पहुंचा पाई मुझे आशा है कि हाईकोर्ट से मुझे जरूर न्याय मिलेगा आज 7 दिन बीत जाने के बाद भी FIR दर्ज नहीं होने के कारण आयुष की लाश अस्पताल में पड़ी है | मैं आयुष के दोषियों को सजा दिलवाने के लिए आखिरी सांस तक लड़ूंगी और किसी मां की गोद सूनी ना हो किसी बुजुर्ग पर कुत्तों का हमला ना हो |