IAS महिला अधिकारी ने सीनियर IAS अधिकारी पर लगाए यौन शोषण के आरोप

चंडीगढ़।

IAS महिला अधिकारी ने पशुपालन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुनील गुलाटी पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि सुनील गुलाटी ने उनकी रविवार को जबरन रोहतक एक कार्यक्रम में ड्यूटी लगाई है ताकि वे वहां पर शोषण कर सकें। महिला IAS ने 1000 शब्दों से अधिक उनके साथ हो रहे उत्पीड़न की दास्तां फेसबुक पर पोस्ट की है। उधर सुनील गुलाटी ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है और कहा है कि यह महिला अधिकारी रोहतक में कार्यक्रम में शिरकत ही नहीं करना चाहती थी, इस लिए अनाप-श्नाप आरोप लगा रही हैं। 

पढ़ें फेसबुक पर शेयर की गई पोस्ट में महिला अफसर  की  आपबीती…

नमस्कार।

मैं आप सभी को मेरे हो रहे यौन शोषण बारे सूचित करना चाहती हू। मैंने दिनांक 09 मई 2018 से अतिरिक्त सचिव, पशुपालन विभाग, हरियाणा सरकार, चंडीगढ़ पद का कार्यभार ग्रहण किया था। विभाग में मेरे उच्च अधिकारी श्री सुनील के गुलाटी जी, आईएएस, अतिरिक्त मुख्य सचिव, पशुपालन विभाग, हरियाणा सरकार हैं।

मेरे उच्च अधिकारी श्री सुनील के गुलाटी जी एवं इनके साथियों द्वारा मेरा यौन शोषण किया जा रहा है। मैं आपके साथ कुछ पत्र साझा कर रही हूं जो मैंने माननीय राष्ट्रपति महोदय भारत गणराज्य कार्यालय की सरकारी वेबसाईट पर उपलब्ध ईमेल व माननीय भारत सरकार कार्यालय की सरकारी वेबसाइट ‘मेरी सरकार’ पर उपलब्ध ईमेल पर विभिन्न तिथियों पर भेजे हैं।

1) श्री सुनील के गुलाटी जी ने दिनांक 22 मई 2018 को मुझे अपने कार्यालय कमरे में दोपहर को बुलाया और मुझसे पूछा कि तुम्हारा मोबाइल कहां है। मोबाइल मेरे बैग में था। इसके बाद श्री सुनील के गुलाटी जी ने मुझे धमकाया और मुझसे कहा ‘ देखो मैं तुम्हें समझा रहा हूं, अगर एक बार में समझ जाओगी तो तुम्हारे लिए अच्छा होगा, नहीं तो सारी नौकरी में परेशानी रहेगी। तुम फाइलों पर ये सब क्यों साफ साफ लिखती हो के विभाग ने क्या क्या गलत किया है। जो तुम फाइल पर लिखती हो उसे मैं हमेशा रद्द कर सकता हूं, लेकिन तुम्हें इसका नुकसान उठाना पड़ेगा। मैं तुम्हारी धज्जियां उड़ा दूंगा। अगर तुम फाइलों पर नोटिंग पर टिप्पणी लिखना बन्द नहीं करोगी, तो मैं तुम्हारे खिलाफ शिकायत कर दूंगा, और अगर मैं तुम्हारे खिलाफ शिकायत कर दूंगा, तो तुम्हें परेशानी हो जायेगी। मैं दो महीने में तुम्हारा इस विभाग से तबादला करवा दूंगा। तुम फाइलों पर जो लिखती हो वह सब पूरी तरह बकवास है। अगर तुमने फाइलों पर टिप्पणी लिखनी बन्द नहीं कीं तो सारी नौकरी में तुम्हें ‘बाधा डालने वाली’ का तमगा मिल जाएगा।

2)दिनांक 18 मई 2018 को श्री सुनील के गुलाटी जी ने मुझे अपने कार्यालय कमरे में सांय 5 बजकर 40 मिनट पर बुलाया और रात 7.30 बजे तक मुझे अपने कमरे में बैठाए रखा।

3)दिनांक 21 मई 2018 को श्री सुनील के गुलाटी जी ने मुझे अपने कार्यालय कमरे में सांय 5 बजे पर बुलाया और रात 8 बजे तक मुझे अपने कमरे में बैठाए रखा।

4)दिनांक 31 मई 2018 को श्री सुनील के गुलाटी जी ने मुझे अपने कार्यालय कमरे में दोपहर में बुलाया और अपने स्टाफ को निर्देश दिये कि किसी अन्य व्यक्ति को कमरे के अन्दर ना आने दें। श्री सुनील के गुलाटी जी ने मुझसे पूछा कि ‘मुझे बताओ कि तुम किस तरह का काम करना चाहती हो, तुम ‘टाइमपास’ का कार्य करना चाहती हो या तुम कार्यालय का काम करना चाहती हो। मैं तुम्हें वही काम दूंगा जो तुम करना पसन्द करोगी।’ श्री सुनील के गुलाटी जी ने मुझे धमकाया कि ‘ फाइलों पर नोटिंग पर तुम कोई टिप्पणी नहीं लिखा करो और तुम सिर्फ अपने हस्ताक्षर किया करो। अगर तुम फाइलों पर नोटिंग पर टिप्पणी लिखोगी तो मैं तुम्हारी ACR वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट खराब लिख दूंगा।’ श्री सुनील के गुलाटी जी ने मुझे धमकाया कि ‘ऐसे टिप्पणी फाइलों की नोटिंग पर लिखोगी तो कोई तुम्हें उल्टा टांग देगा, तुम्हारी मंजी ठोक देगा। हम लोग माफी नहीं देते हैं। मैं तुम्हारी ACR वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट ठोक दूंगा। मैं अभी तुम्हें मौखिक तौर पर कह रहा हूं।मैं तुम्हारी ACR वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट में लिखकर तुम्हारी ACR वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट ख़राब कर दूंगा। कितनी मेहनत करके तुम आईएएस बनी हो, सब खराब हो जाएगा।’

5)श्री सुनील के गुलाटी जी ने मुझसे कहा ‘ जब कोई नयी दुल्हन आती है घर में तो उसे समझाना पड़ता है, मैं तुम्हें समझा रहा हूं।

6)श्री सुनील के गुलाटी जी का व्यवहार बहुत ही अमर्यादित एवं अनैतिक है।

7)दिनांक 06 जून 2018 को श्री सुनील के गुलाटी जी ने मुझे अपने कार्यालय कमरे में सांय 5 बजे बुलाया और रात 7.39 बजे तक मुझे अपने कार्यालय कमरे में बैठाए रखा। मैं श्री सुनील के गुलाटी जी के सामने मेज के दूसरे ओर पर बैठी हुई थी, श्री सुनील के गुलाटी जी ने मुझसे कहा के ‘उठकर मेरी ( श्री सुनील के गुलाटी जी की) कुर्सी के नज़दीक आओ’। मै उठकर मेज के दूसरी तरफ़ पहुंची, तो श्री सुनील के गुलाटी जी मुझे कम्प्यूटर चलाना सिखाने का बहाना करने लगे। मैं बहुत जल्दी करके वापस अपनी कुर्सी पर वापस पहुँची। थोड़ी देर बाद श्री सुनील के गुलाटी जी ने मुझसे कहा ‘तुम्हारे पास सरकारी गाड़ी है, शनिवार को उठो और घूम फिर आया करो’। थोड़ी देर बाद श्री सुनील के गुलाटी जी अपनी कुर्सी पर से खड़े हुए और कोई काग़ज़ ढूंढने का बहाना करते हुए मेरी कुर्सी के बिल्कुल करीब आ गए और मेरी कुर्सी को हाथ से धक्का मारा। थोड़ी देर बाद श्री सुनील के गुलाटी जी फोन पर किसी को मेरे सामने ही ‘यू ब्लडी’ अपशब्द बोलकर बात करने लगे।

8)श्री सुनील के गुलाटी जी एवं उनके साथी मुझे धमका रहे हैं तथा मेरा शोषण कर रहे हैं क्योंकि मैंने अपने शोषण के विरूद्ध शिकायत करी एवं माननीय न्यायालय में बयान दिए।

9)माननीया श्रीमति केशनी आनंद अरोड़ा जी, आई ए एस, अतिरिक्त मुख्य सचिव, राजस्व विभाग, हरियाणा सरकार द्वारा मुझे मौखिक आदेश दिए जा रहें हैं कि मैं कोई भी शिकायत लिखित में दर्ज ना करवाऊँ।

10)दिनांक 09 मई 2018 से मेरी पुलिस सुरक्षा हटा दी गई है, जिसके बारे मैं माननीय उच्च अधिकारियों को एवं माननीय डीजीपी महोदय हरियाणा पुलिस को भी सूचित कर चुकी हूं।

11)श्री सुनील के गुलाटी जी ने मुझे आदेश दिए हैं कि वह ज़िला रोहतक, हरियाणा में इतवार 10 जून 2018 को एक मीटिंग करेंगे जिसमें मेरा आना अनिवार्य है। मीटिंग में श्री सुनील के गुलाटी जी दोपहर 2.45 से सांय 5 बजे तक अपने व्यक्तिगत विचार सुनाऐंगे कि जीवन व कार्यक्षेत्र का लक्ष्य एक कैसे हो। सांय 5 बजे के बाद मुझे बिना किसी सुरक्षाकर्मी के रोहतक से चंडीगढ़ पहुंचना होगा जिसमें रात के 10 या 11 बज जाने की संभावना है। मुझे अंदेशा है कि श्री सुनील के गुलाटी जी एवं उनके साथी रात के समय मुझ पर हमला कर सकते हैं।

12)मैं बार बार उपरोक्त पत्रों में निवेदन कर रही हूं कि श्री सुनील के गुलाटी जी के कार्यालय कमरे के सीसीटीवी कैमरे की रिकार्डिग की जांच की जाए तथा मुझे उपयुक्त सुरक्षा प्रदान की जाए तथा दोषियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाए। किन्तु मुझे इस अत्याचार एवं शोषण को चुपचाप सहते रहने के लिए लगातार मजबूर किया जा रहा है।

दूसरी और विवादित IAS अफसर ने  अपने पर लगाए सभी आरोपों का खंडन किया है। उन्होंने कहा कि वह किसी भी जांच के लिए तैयार हैं, अगर जरूरी हो तो उनका लाई डिटेक्टिव टैस्ट भी करवा लें। महिला अधिकारी किसी तनाव में आकर इस तरह के आरोप  लगा रही है।

विविदित अधिकारी ने कहा कि जब महिला अधिकारी की उनके विभाग में पोस्टिंग हुई तो इन्होंने स्टाफ को कहकर उनकी मदद करवाई। यौन शोषण के सभी आरोप झूठे अौर मनगढ़ंत हैं। उक्त महिला अधिकारी जब भी उनके ऑफिस में आई तो 2-4 मिनट से अधिक कभी भी नहीं आई, तब स्टाफ का कोई न कोई व्यक्ति वहां अवश्य मौजूद रहता था। उन्होंने हर तरफ से क्लियर हुई फाइल्स पर इस अधिकारी द्वारा नाकारात्मक टिपण्णी लिखे जाने पर उन्हें समझाया था।

मोदी सरकार का बड़ा फैसला : बिना UPSC पास किए भी बन सकेंगे अफसर

 

नई दिल्ली
मोदी सरकार ने नौकरशाही में प्रवेश पाने का अबतक सबसे बड़ा बदलाव कर दिया है। अब बड़े अधिकारी बनने के लिए यूपीएससी की सिविल सर्विस परीक्षा पास करना जरूरी नहीं होगा। प्राइवेट कंपनी में काम करने वाले सीनियर अधिकारी भी सरकार का हिस्सा बन सकते हैं। बहुप्रतीक्षित लैटरल एंट्री की औपचारिक अधिसूचना सरकार की ओर से जारी कर दी गई है। रविवार को इन पदों पर नियुक्ति के लिए डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनेल ऐंड ट्रेनिंग (DoPT) के लिए विस्तार से गाइडलाइंस के साथ अधिसूचना जारी की गई। सरकार अब इसके लिए सर्विस रूल में जरूरी बदलाव भी करेगी।  मालूम हो कि पीएम नरेन्द्र मोदी ब्यूरोक्रेसी में लैटरल एंट्री के शुरू से हिमायती रहे हैं।

पीएमओ में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने 10 विभागों में बतौर जॉइंट सेक्रटरी 10 पदों के लैटरल एंट्री से जुड़ी अधिसूचना पर कहा कि इससे उपलब्ध स्रोतों में से सर्वश्रेष्ठ को चुनने का मौका मिलेगा। सिंह ने कहा, “यह उपलब्ध स्रोतों में से सर्वश्रेष्ठ को चुनने का एक प्रयत्न है। इसके पीछे प्रेरणा यह है कि यह हर भारतीय नागरिक को अपनी प्रतिभा और क्षमता के हिसाब से अपना विकास सुनिश्चित करने के लिए मौका देता है।”

चित्र केवल सन्दर्भ के लिए

3 साल का होगा टर्म, प्राइवेट कंपनी में काम करने वालों को भी मौका

डीओपीटी की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार मंत्रालयों में जॉइंट सेक्रटरी के पद पर नियुक्ति होगी। इनका टर्म 3 साल का होगा और अगर अच्छा प्रदर्शन हुआ तो 5 साल तक के लिए इनकी नियुक्ति की जा सकती है। इन पदों पर आवेदन के लिए अधिकतम उम्र की सीमा तय नहीं की गई है जबकि न्यूनतम उम्र 40 साल है। इनका वेतन केंद्र सरकार के अंतर्गत जॉइंट सेक्रटरी वाला होगा। सारी सुविधा उसी अनुरूप ही मिलेगी। इन्हें सर्विस रूल की तरह काम करना होगा और दूसरी सुविधाएं भी उसी अनुरूप मिलेंगी। मालूम हो कि किसी मंत्रालय या विभाग में जॉइंट सेक्रटरी का पद काफी अहम होता है और तमाम बड़े नीतियों को अंतिम रूप देने में या उसके अमल में इनका अहम योगदान होता है। इनके चयन के लिए बस इंटरव्यू होगा और कैबिनेट सेक्रटरी के नेतृत्व में बनने वाली कमिटी इनका इंटरव्यू लेगी। योग्यता के अनुसार सामान्य ग्रेजुएट और किसी सरकारी, पब्लिक सेक्टर यूनिट, यूनिवर्सिटी के अलावा किसी प्राइवेट कंपनी में 15 साल काम का अनुभव रखने वाले भी इन पदों के लिए आवेदन दे सकते हैं। आवेदन में योग्यता इस तरह तय की गई है कि उस हिसाब से कहीं भी 15 साल का अनुभव रखने वालों के सरकार के टॉप ब्यूरोक्रेसी में डायरेक्ट एंट्री का रास्ता खुल गया है। आवेदन देने की अंतिम तारीख 30 जुलाई है।

10 मंत्रालयों में होगी ‘विशेषज्ञ’ की नियुक्ति
शुरुआती पहल के अनुसार अभी सरकार 10 मंत्रालयों में एक्सपर्ट जॉइंट सेक्रटरी को नियुक्त करेगी। ये 10 मंत्रालय और विभाग हैं- फाइनैंस सर्विस, इकनॉमिक अफेयर्स, ऐग्रिकल्चर, रोड ट्रांसपोर्ट, शिपिंग, पर्यावरण, रिन्यूअबल एनर्जी, सिविल एविएशन और कॉमर्स। इन मंत्रालयों और विभागों में नियुक्ति कर विशेषज्ञता के हिसाब से ही पोस्टिंग होगी।

सालों से लंबित था प्रस्ताव, अब हुआ लागू
ब्यूरोक्रेसी में लैटरल ऐंट्री का पहला प्रस्ताव 2005 में ही आया था, जब प्रशासनिक सुधार पर पहली रिपोर्ट आई थी। लेकिन तब इसे सिरे से खारिज कर दिया गया। फिर 2010 में दूसरी प्रशासनिक सुधार रिपोर्ट में भी इसकी अनुशंसा की गई। लेकिन पहली गंभीर पहल 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद हुई। पीएम मोदी ने 2016 में इसकी संभावना तलाशने के लिए एक कमिटी बनाई, जिसने अपनी रिपोर्ट में इस प्रस्ताव पर आगे बढ़ने की अनुशंसा की। सूत्रों के अनुसार ब्यूरोक्रेसी के अंदर इस प्रस्ताव पर विरोध और आशंका दोनों रही थी, जिस कारण इसे लागू करने में इतनी देरी हुई। अंतत: पीएम मोदी के हस्तक्षेप के बाद मूल प्रस्ताव में आंशिक बदलाव कर इसे लागू कर दिया गया। हालांकि पहले प्रस्ताव के अनुसार सेक्रटरी स्तर के पद पर भी लैटरल ऐंट्री की अनुशंसा की गई थी लेकिन सीनियर ब्यूरोक्रेसी के विरोध के कारण अभी जॉइंट सेक्रटरी के पद पर ही इसकी पहल की गई है। सरकार का मानना है कि लैटरल एंट्री आईएएस अधिकारियों की कमी को पूरा करने का भी प्रभावी जरिया बनेगा।

दिल्ली पुलिस ने मुठभेड़ में 5 नामचीन गैंगस्टर मार गिराए

दिल्ली का सबसे बड़ा एनकाउंटर

संजीत रोहतक का रहने वाला था और बेहद खूंखार था। बताया जा रहा है कि शनिवार को हुए एनकाउंटर में जींद का नामी बदमाश राजेश कंडेला भी मारा गया है। मुठभेड़ को स्पेशल सेल के डीसीपी संजीव यादव लीड कर रहे थे।दिल्ली के एनकाउंटर के इतिहास में यह सबसे बड़ा एनकाउंटर बताया जा रहा है, जिसमें एक साथ पांच बदमाशों को मार गिराया गया है। पुलिस अब भारती और उसके साथी बदमाशों के आपराधिक रिकॉर्ड खंगाल रही है। फिलहाल जिस जगह पर एनकाउंटर हुआ है वहां सभी सड़कों को बंद कर दिया गया है।

दिल्ली समेत दूसरे राज्यों में दर्ज हैं मुकदमे

दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम और बदमाशों के बीच मुठभेड़ छतरपुर इलाके में हुई है। यहां यह भी बता दें कि राजेश भारती हरियाणा के जींद का रहने वाला था और उसके खिलाफ 302 और 307 जैसी गंभीर धाराओं में दिल्ली समेत दूसरे राज्यों में कई मुकदमे दर्ज हैं। भारती खासतौर पर साउथ दिल्ली में हुई कई आपराधिक वारदातों में शामिल रहा था। भारती पर लूट के 25 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं, जबकि संजीत पर लूट के 10 मुकदमे थे। जानकारी के मुताबिक पिछले साल दोनों बदमाश हरियाणा पुलिस की कस्टडी से भाग गए थे। इसके बाद हरियाणा पुलिस ने राजेश भारती पर एक लाख रुपये इनाम घोषित किया था।

 

दिल्ली पुलिस को मिली गुप्त सूचना

दरअसल, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को सूचना मिली थी कि राजेश भारती अपने गैंग के बदमाशों के साथ बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए छतरपुर में आने वाला है। सूचना मिलने के बाद पुलिस टीम ने पूरी तैयारी के साथ जाल बिछा दिया और आसपास घेराबंदी कर भारती के ठिकाने पर छापेमारी भी शुरू कर दी। आमना-सामना होने के बाद बदमाशों ने पहले तो भागने की कोशिश की और सफल न होने पर पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी।

पुलिस ने दिया फायरिंग का जवाब

बदमाशों की तरफ से फायर आने के बाद पुलिस ने भी जवाब देना शुरू किया। दोनों तरफ से कई राउंड फायरिंग हुई। इसी दौरान मुठभेड़ में राजेश भारती समेत गैंग में शामिल अन्य बदमाशों को गोली लगी। मुठभेड़ के दौरान राजेश भारती की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक बदमाश को घायल अवस्था में अस्पताल पहुंचाया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

टॉप-20 गैंगस्टरों की सूची में शामिल

यहां यह भी बता दें कि राजेश भारती और संजीत बिंद्रो दोनों ही स्पेशल टास्क फोर्स हरियाणा के टॉप-20 गैंगस्टरों की सूची में शामिल थे। दोनों को पकड़ने के लिए पुलिस की एक टीम लगी हुई थी। गौर करने वाली बात यह भी है कि हाल ही में एक कुख्यात गैंगस्टर संपत नेहरा को हैदराबाद से पकड़ा गया था, जिसके बाद पुलिस की तरफ से इस तरह के एनकाउंटर को अंजाम दिया गया है।

पुलिस मुठभेड़ में मारे गए बदमाशों के नाम

1. राजेश भारती (गैंग लीडर)
2. कपिल
3. संजीत बिंद्रो
4. उमेश डॉन
5. भीखू

भारत में मोदी को हटाकर कांग्रेस को लाना होगा :लुकमान (पाकिस्तानी पत्रकार)

 

मुबशेर लुकमान

मुबाशेर लुकमान (पाकिस्तानी पत्रकार)

पाकिस्तान के एक बड़े पत्रकार है जिसका नाम है मुबाशेर लुकमान। नरेंद्र मोदी के बारे में इनका कहना है कि मोदी को हम जितना खतरनाक समझते है वो उससे कहीं ज्यादा खतरनाक है और मोदी ने अपना असली रूप अबतक दिखाया नहीं है। पाकिस्तान का पूरी दुनियां में सबसे बड़ा दुश्मन अगर कोई है तो वह केवल नरेंद्र मोदी है। अगर मोदी 2019 में फिर जीत गया तो फिर हम पाकिस्तानियों के पास कोई काम नहीं बचेगा और पाकिस्तान कहीं का भी नहीं रहेगा। मुबाशेर लुकमान ने आगे कहा कि 2019 में मोदी भारत में हार जाए यही हम पाकिस्तानियों के लिए दुनिया की सबसे बड़ी जीत होगी। मोदी के हारने के बाद ही पाकिस्तान फिर से खड़ा हो पायेगा और अगर मोदी जीत गया तो दुनिया के देश पाकिस्तान को देश ही नहीं समझेंगे। इस पत्रकार ने कहा कि 2019 में मोदी को हराने के लिए हम जो भी कुछ कर सकते हैं हमें करना चाहिए। जो लोग भारत में मोदी के खिलाफ है वे सभी लोग हमारे सबसे बड़े दोस्त है। हमें वैसे हर एक लोगों की मदद हर प्रकार से करनी चाहिए। ताकि हम सब मिलकर मोदी को 2019 में हरा सकें।

मुबाशेर लुकमान ने एक नया ट्वीट भी किया है और इस ट्वीट में भी इसने पाकिस्तानियों को समझाने के लिए यही बात कही है । देखिये मुबाशेर लुकमान का ये ट्वीट

सिर्फ मुबाशेर लुकमान ही नहीं पाकिस्तान के पूर्व सैन्य अधिकारी तारिक पीरज़ादा ने तो टीवी पर कहा था कि मोदी को रोकने के लिए भारत में हमें राहुल गाँधी और अरविन्द केजरीवाल जैसे लोगों की मदद करनी होगी और हिन्दुओ को जातियों में तोड़ देना होगा। इसके अलावा पूर्व राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ भी कई बार कह चुका है कि अगर पाकिस्तान को अपनी खोयी हुई इज़्ज़त वापस पानी है तो मोदी को भारत में हराना होगा। इसके लिए हमें कॉग्रेस को मदद करनी पड़ेगी। भारत में केवल कॉग्रेस पार्टी ही है जो हम पाकिस्तानियों के अनुसार काम करती रही है।

साफ़ है कि पूरा पाकिस्तान, वहां की सरकार, वहां की सेना, वहां के बुद्धिजीवी नरेंद्र मोदी को भारत में हराकर कांग्रेस की सरकार बनाना चाहती है। क्यूंकि पाकिस्तान यह जानता है की मोदी उसकी मौत है और कांग्रेस पार्टी उनकी लाइफ लाइन है।

हूडा आज पानीपत में

चित्र केवल सन्दर्भ के लिए

 

जनता का मूड और परिवर्तन की लहर का इसी से पता चलता है कि पानीपत में लोगो ने कई कई घंटे रोडो पर जेठ के महीने में हुड्डा के आने के इंतज़ार में बिताये । भूपिंदर सिंह हुड्डा की जनक्रांति यात्रा के समर्थन में शहर ,गांव व् कस्बे में होड़ लगी रही ,जनता समर्थन में गलियों और रोड पर आ गई । चारो तरफ फूलो की वर्षा और डोल नगाड़ो से स्वागत किया गया ।

आज जनता को विश्वास हो चूका है की कोई प्रदेश का भला कर सकता है तो वो केवल हुड्डा जी ही हैं क्योंकि हुड्डा जी के कार्यकाल में जितनी प्रगति और विकास हुआ उतना उनसे पहले 40 सालों में भी नहीं हुआ। हरियाणा के स्वर्णिम काल के रूप में याद किए जा रहे हैं वो साढ़े नौ साल। जिसमें ना कभी कोई बड़ा कर्मचारी आंदोलन हुआ ना ही किसान आंदोलन। हर वर्ग को साथ लेकर विकास कार्यों की रिकॉर्ड झड़ी लगी। हुड्डा सरकार ने हरियाणा को शिक्षण संस्थानों के हब के रूप में विकसित किया।लगभग हरेक जिले में विकासः कार्यो की झड़ी लगी, कोई भी जिला अछूता नहीं रहा जहा कोई ना कोई प्रोजेक्ट जरूर दिया IIM, IIT, IIIT, FDDI, NIFT, NID, AIIMS, डिफेन्स यूनिवर्सिटी आदि अनेकों राष्ट्रीय और विभिन्न शिक्षा क्षेत्रों के सैकड़ों प्रदेश स्तरीय संस्थान स्थापित किए गए। राजीव गांधी एजुकेशन सिटी जैसा विश्वस्तरीय संस्थान खोला गया आज ऐसा कोई शिक्षा क्षेत्र नहीं है जिसके लिए हरियाणा के बच्चों को प्रदेश से बाहर जाना पड़े। वो हुड्डा साहब के करिश्माई नेतृत्व का कमाल ही था हरियाणा के हिस्से अनेकों महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट आए रेल कोच फैक्टरी, परमाणु संयंत्र, विश्वस्तरीय सब्जी मंडी, कई हाईवे, शिक्षा व स्वास्थ्य क्षेत्र के माइलस्टोन हरियाणा के हिस्से आए। लेकिन मौजूदा सरकार इन परियोजनाओं को गति देने की बजाय ठप्प करने पर लगी है। हुड्डा साहब ने गुड़गांव, फरीदाबाद तक मेट्रो पहुँचाकर विकास को नई गति दी। बहादुरगढ़ तक मेट्रो मंजूर करवाई। लाखों करोड़ का हरियाणा में इन्वेस्टमेंट हुआ वर्तमान सरकार 6 लाख करोड़ के इन्वेस्टमेंट के दावे कर छह हजार से भी नीचे तक इन्वेस्टमेंट में सिमट गई जिसका RTI में खुलासा हुआ जबकि इतना इन्वेस्टमेंट हुड्डा साहब के कार्यकाल में पाइपलाइन में था।
हुड्डा जी के कार्यकाल में कई मेडिकल कॉलेज, 4-4 पावर प्लांट, नई नई iti’s, हजारों स्कूलों को अपग्रेड किया हर क्षेत्र में ऊंचाइयों को छुआ। मगर आज स्कूल को अपग्रेड करवाने के लिए भी बच्चियों को कई कई दिन तक भूखे प्यासे धरने पर बैठना पड़ रहा है।
हुड्डा साहब ने किसान-मजदूर के लिए 5 लाख का बीमा, 50000 का बीमा भैंस का, जो कोई सोच भी नही सकता था वो करके दिखाया। वृद्धों की सम्मान पेंशन में अभूतपूर्व 5 गुणा बढ़ोतरी की वृद्धों के लिए हरियाणा रोडवेज में किराया आधा कर सम्मान बढ़ाया। वर्तमान सरकार उसे बंद करने का आदेश दे चुकी थी पर चौतरफा विरोध के बाद आदेश को वापिस लिया। हजारों वृद्धों की पेंशन खा चुकी है। जनकल्याणकारी कार्यों को भी नफे नुकसान से तोल रही है।
1991 के बाद हुड्डा ऐसे पहले मुख्यमंत्री रहे जिनके कार्यकाल में नहीं हुआ किसान आंदोलन । भारतीय किसान यूनियन को बनाया था ,एक तरह से अप्रांसगिक,साढे नो साल में सरकार और किसानों के बीच नहीं हुआ किसी तरह का सीधा टकराव । जोकि भजनलाल,बंसीलाल और ओमप्रकाश चौटाला के शासनकाल में सबसे ज्यादा प्रासंगिक थी । और बहुत से आंदोलन हुए । और किसानों की जान गयी ।और बीजेपी सरकार में तो और भी बुरा हाल है सभी वर्ग ही आंदोलन की राह पर है

हुड्डा साहब ने गेंहू का MSP 640 से 1400 तक करवाया, गन्ने का भाव 117 से 310 किया। 15वें दिन पेमेंट दी। जबकि उनसे पिछली इनेलो+भाजपा सरकार के छह साल के राज में गन्ने का भाव 95 से 117 हुआ। अब भाजपा सरकार के तीन साल में 10 रुपए बढ़ा और पेमेंट भी अपनी सहयोगी इनेलो की तर्ज़ पर छह छह आठ आठ महीने में कर रही है। जब गेंहूँ का भाव 12% सालाना दर से बढ़ रहा था तब तो वर्तमान कृषि मंत्री धनखड़ कुर्ता निकालकर 2100 रुपये प्रति क्विंटल की मांग करते थे अब क्यों सांप सूंघ गया है? 2-4% सालाना बढ़ोतरी करवा के, बीमा लूट योजना शुरू करके अपनी पीठ थपथपा रहे हैं। प्राइवेट बीमा कंपनी के एजेंट बन कर रह गए हैं । बीमा कंपनियों को अनाप शनाप शर्त लगाकर कुछ सौ करोड़ क्लेम के देने पड़ें और कई कई हजार करोड़ का फायदा हो तो ये लूट नही तो क्या है? जबकि बीमा भी बैंकों से जबरदस्ती पैसे काटकर किया गया हो।

हुड्डा साहब ने तो धान, पॉपुलर, बाजरा, मूंग आदि सभी फसलों के उचित दाम दिलवाए। धान 6000 तक बिका जिससे जनता में एक कहावत बन गई थी ।”चौटाला तेरे राज जिरी गई ब्याज में और हुड्डा तेरे राज़ में जीरी गई जहाज़ में “पर खट्टर राज में न्यूनतम समर्थन मूल्य तक नही मिला। पॉपुलर के रेट 1200 से 200-250 रुपए प्रति क्विंटल तक पिट गए पर आमजन के लिए न तो प्लाईवुड सस्ता हुआ न चावल। ना ही किसी भी फसल के पुरे ही दाम मिले, सिर्फ बड़े बड़े व्यापारियों और सत्ता के दलालों ने लूट की।। भूपिंदर सिंह हुड्डा ने किसानो का डर निकाला था । काला कानून ख़त्म किया और कर्जे माफ़ किये ,कभी कोई नीलामी नहीं होने दी किसानो की जमीन की आज इस बेदर्द सरकार में बिलकुल विपरीत हो रहा है । किसान आत्महत्या करने की नौबत तक पंहुचा दिया है और कोई सुनने वाला नहीं है , ये सब किसान के बेटे से देखा नहीं गया उनका दुःख दर्द जानने के लिए जनक्रांति यात्रा के रूप में उनके बीच आ गया है ,तभी जनता में हुड्डा साब को देखकर मायूस जनता में भी जोश आ गया है , हमने भी जनता में आम लोगो को कहते सुना की “बीजेपी की गूंगी बहरी सरकार का गारंटी सुधा इलाज़ केवल ही केवल भूपिंदर सिंह हुड्डा हैं । क्योंकि

गरीब आदमियों के लिए भी वरदान साबित हुई थी हुड्डा सरकार। अनेक जनकल्याणकारी योजनाएं शुरू हुई थी गरीबों के बच्चों के लिए मुफ्त किताब, बैग और स्कॉलरशिप शुरू हुई। बीपीएल परिवार को 90000 रुपये की राशि मकान बनाने के लिए दी, पानी की टँकीया दी, मुफ्त में कनेक्शन दिए, इंदिरा गांधी आवासीय योजना शुरू कर 3.82 लाख 100-100 गज के प्लाट वितरित किए गए। वर्तमान सरकार ने एक प्लाट भी नही दिया। भोजन का अधिकार लागु करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य बना। लाडली योजना शुरू की जिसमें गरीब परिवार की लड़की की शादी में 51000 रुपए शगुन दिया। दूसरी लड़की के जन्म पर 5 साल तक प्रोत्साहन राशि दी।

स्पोर्ट्स में SPAT, मेडल पर नगद पुरस्कार योजना और सरकारी नौकरी का प्रावधान कर पूरी दुनियां में हरियाणा का ढंका बजवाया। हुड्डा सरकार ने 700 से जयादा खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी दी वर्तमान सरकार ने एक को भी नही सिर्फ गीता फौगाट कोर्ट के आदेश पर पदोन्नति हुई।

प्रति व्यक्ति आयऔर प्रति व्यक्ति निवेश में हरियाणा को 14वें नँबर से बड़े राज्यों में न.1 पर पहुंचाया।

1999 के चुनावों में इनेलो किसानों के कर्जमाफी का वादा कर सत्ता में आई पर कर्जमाफी नहीं की पर हुड्डा साहब ने इनेलो के वादे को खुद पूरा कर कीर्तिमान स्थापित किया 1600 करोड़ के किसानों के कर्ज माफ किये जबकि सत्ता संभाली उस समय हरियाणा का वार्षिक बजट ही 2250 करोड़ था। बजट को बढ़ाकर 32000 करोड़ तक ले गए। तब से हरियाणा बना तब से केवल 60हज़ार करोड़ कर्ज़ा था ,साथ में हज़ारो प्रोजेक्ट लगे लेकिन बीजेपी सरकार ने कोई नया प्रोजेक्ट तो दिया नहीं ,लेकिन आज पौने चार साल में क़र्ज़ 160000 करोड़ कर दिया जिससे हरियाणा पूर्ण रूप से क़र्ज़ में डुबो दिया है बिना कोई नया बड़ा प्रोजेक्ट लगाये हुड्डा साहब के कार्यकाल में हर जिले को विकास कार्यों के लिए चौटाला से कई कई गुणा बजट दिया। पर अब खट्टर सरकार में तो गांव में विकास कार्यों के लिए एक एक रुपये को मोहताज होना पड़ रहा है। पंचायत की इनकम से छुट पुट काम हो रहे हैं।
मैं और मेरे जैसे लाखों युवा हुड्डा साहब की इन्ही नीति और नीतियों के कारण फैन हैं। हम क्या हरियाणा का हर आदमी हुड्डा जी का फैन हो जाएगा जो हुड्डा जी के द्वारा किए गए विकास और जनकल्याणकारी कार्यो की हुड्डा जी से पूर्व व वर्तमान सरकार के कार्यो से तुलना कर लेगा। वो हुड्डा जी के अलावा किसी और के बारे में नही सोचेगा। वर्तमान सरकार का तो एक ही फंडा है विपक्षियों को झूठा बदनाम करो समाज को बांटो और चंद झूठी घोषणाएं करो राज करो काम से कोई लेना देना नही। वोटों की राजनीति के चक्कर में ही खट्टर सरकार ने हरियाणा को तीन बार लहूलुहान किया, हालात बेकाबू किए गए सेना बुलानी पड़ी 80 से ज्यादा जानें गई पर हरियाणा का सदियों पुराना भाईचारा अब भी इन पर भारी पड़ रहा है इनके लाख यत्न के बाद नही टूट रहा है कामों की तुलना करके हुड्डा साहब को दोबारा हरियाणा की बागडोर सौंपने के लिए हरियाणा बेसब्री से चुनाव का इंतजार कर रहा है। ये विपक्षियों को भी पता है तभी अपनी दुकानदारी चालु रखने के लिए दिन रात हुड्डा साहब को निशाने पर रखते हैं। हुड्डा साहब का नाम लिए बिना हरियाणा के किसी भी विपक्षी की सभा न तो शुरू होती है और न ही खत्म।

हुड्डा साहब ने अपने साढ़े नौ साल के कार्यकाल में हरियाणा को जितना आगे बढ़ाया ।इस झूठी सरकार ने तो पीछे ही धकेला है। तभी तो हुड्डा साहब को हर वर्ग याद कर रहा है। इसका जोश और जूनून हमे जनक्रांति यात्रा में दिखा ।जहां भी जिस गाव व् शहर एवम क़स्बे से तपती धुप में गुज़रे ढोल नगाड़ों के साथ समाज के सभी वर्गों ने फूलों की वर्षा से स्वागत किया । अब लगता हरियाणा में परिवर्तन की लहर चल चुकी , हमारे जैसे लाखों चाहने वाले हुड्डा जी के साथ जुड़ चुके है ।आनेवाला समय हुड्डा जी का है जो हमारे प्रदेश वासियों के पुराने अच्छे दिन लौटायेंगे ।

6 Terrorists Neutralised in Valley

Courtsey Ravi Bharti Gupta, Srinagar/ Jammu

Six terrorists were killed by the army while they were trying to infiltrate into India at Keran sector in Jammu and Kashmir’s Kupwara district today. It was the biggest infiltration attempt in recent months, officials said.

Two days ago, a soldier was killed and another was injured in an ambush at Keran, 94 kilometres from Srinagar. The security forces have been combing the sector since that ambush when they spotted the infiltrators today.

The security forces are still patrolling the area to look for terrorists who could be hiding in the forests.

Including the six killed today, 21 terrorists have been killed in the state in the last two weeks.

Only two days ago, Home Minister Rajnath Singh visited the district and met with residents of the border area. Chief Minister Mehbooba Mufti and Minister of State in the Prime Minister’s Office Jitendra Singh had accompanied him.

Though the centre had announced a Ramzan truce in Jammu and Kashmir, terrorist attacks have continued. The home minister has said security forces are free to carry out operations against terrorists if there are attacks during Ramzan.

Priyanka (ABC) Apologize, Still to Continue Telecast

Hindu nationalists in India have attacked movies and popular culture in the recent years. Earlier this year, a section of extremists made violent protests and threatened actors over the release of Bollywood film “Padmaavat”, which showed a Muslim ruler pursuing a Hindu queen. In 2016, an Indian super star Aamir Khan, after backlash over his comments on intolerance in India, was dropped as the ambassador of an online retail company: claims ABC

 

Chandigarh : DFD

 

After muslim extremists now former Miss India World is pronouncing Hindu sentiments as Hindu Terror; although the US television studio ABC has apologies to Indian fans of its crime drama “Quantico” after an episode featuring Indian nationalists trying to frame Pakistan in a terrorist plot sparked online outrage against Bollywood actor Priyanka Chopra, who plays a lead role in the show.

“The episode has stirred a lot of emotion, much of which is unfairly aimed at Priyanka Chopra, who didn’t create the show, nor does she write or direct it,” said Walt Disney-owned ABC in its statement.

The 35-year-old Bollywood star, has earlier been admired for her ability to cross over and achieve success in Hollywood, which has been rare for Indian actors.

But after the recent Quantico episode, she has faced online attacks at home, and even some calls to boycott her work and the brands that she endorses.

Others called on the government to black out the scene where Priyanka, who stars as an FBI agent in the series, holds up sacred Hindu prayer beads as evidence that the plotter in the episode, planning to detonate a nuclear bomb in New York, was an Indian nationalist.

“The myth of Hindu terror, by a fake story, enters American television with the help of Priyanka Chopra. Would any Pakistani actress betray Pakistan or Islam the way she betrays India and Hinduism?”, David Frawley, a Hindu scholar based in the United States, tweeted.

ABC, in its statement, said: “The show has featured antagonists of many different ethnicities and backgrounds, but in this case we inadvertently and regrettably stepped into a complex political issue. It was certainly not our intention to offend anyone,”

The statement further said that Priyanka Chopra had no involvement in the storylines depicted in the series.

Hindu nationalists in India have attacked movies and popular culture in the recent years. Earlier this year, a section of activists made violent protests and threatened actors over the release of Bollywood film “Padmaavat”, which showed a Muslim ruler pursuing a Hindu queen. In 2016, an Indian super star Aamir Khan, after backlash over his comments on intolerance in India, was dropped as the ambassador of an online retail company.

Arrested Gangster was Planning to Kill Salman

A man associated with Lawrence Bishnoi gang has been arrested in Hyderabad in Andhra Pradesh for allegedly plotting to kill Bollywood superstar Salman Khan. Notably, the Lawrence Bishnoi gang had earlier threatened to kill Salman Khan for the actor’s involvement in black buck killing in Jodhpur, Rajasthan.

The gangster arrested has been identified by Hyderabad police as Sampat Nehra, who will be taken to Haryana by the state police special task force. According to the Hyderabad police, Nehra had pretended to be a fan and conducted a reccee near the actor’s residence, Galaxy Apartment, in Mumbai.

After Salman Khan got bail in the black buck case and reached his residence in Mumbai, Nehra, pretending to be a fan, conducted reccee of the area surrounding the actor’s residence. He was arrested by the police in Hyderabad on June 6.

Earlier this year, gangster Lawrence Bishnoi had said that he would kill Salman Khan in Jodhpur. In January, there were reports of few men entering Mumbai film city premises while Salman was shooting for his upcoming movie Race 3. Following the development, over a dozen policemen were rushed to the sets of the film and they escorted the actor to his residence in Bandra.

Salman Khan was convicted for the black buck shooting in Kankani village near Jodhpur on the night of October 1, 1998, during the shooting of Sooraj Barjatya’s Hum Saath Saath Hain. The actor was sentenced to five years of imprisonment.

After spending two nights in jail, the 53-year-old actor was granted a bail by the court. The court, however, had said that the actor would need its permission if he wants to travel abroad while out on bail.

25 Properties, 2 Wives & Kids With Same Name Noida Engineer Claimed IT Department

 

On Thursday, the Income Tax Department busted a Noida Authority engineer who was found to be in possession of five cars (including a Jaguar), Rs. 8 lakh in cash, and at least 25 properties in Noida and Faridabad.

The man, Chaudhury Brijpal Singh, also happened to have two wives, and had two boys and a girl with each of them.

Singh’s properties will be sold off after the investigation

“We will start seizing his properties once our investigation is over. Apart from these 25 properties, we have found documents of properties which have already been purchased and sold. He hasn’t declared any of those properties,” said, Amrinder Kumar, director of the I-T Department’s investigation wing.

I-T Department had its eyes on Singh for six months

The I-T Department had been gathering information about Chaudhary Brijpal Singh for the past six months.

The 59-year-old Singh was working in the Noida Authority’s work circle 1 as an assistant project engineer and is slated to retire in 2019.

The department started search operations after it received several complaints alleging that Singh amassed assets by helping private contractors get government projects in Noida.

Singh had children with same names for easy transactions

Now it gets interesting.

During the investigation, the department found that Singh owned 25 properties registered under the names of family members.

Subsequently, sleuths found out that both sets of children in Singh’s two families – one in Faridabad, the other in Noida – had identical names to make property transactions less suspicious.

The children are adults now, but couldn’t be reached for comments.

Singh was “shocked” when his dual life was uncovered

“He was shocked when we found out about his two wives and children. He kept the same names for his children from both the wives to make the property buying and selling procedure suspicion free,” said Kumar.

How did Singh manage two families at the same time?

Singh lives with his legally wedded wife, their two sons and daughter, in a house in Noida’s Sector 27.

His second family lived in Faridabad, and he reportedly visited them regularly.

It’s not clear whether the two sets of families knew each other and were okay with it.

However, owing to Singh’s regular visits to Faridabad, his legal wife might have harbored suspicions.

“I felt humiliated. I cried the whole day,”Arundhati (Trans Gender)

Picture for reference only

“It is a human rights violation to force trans people to undergo medical tests to verify their gender,” 25-year-old Arundhati said on Friday, four days after she was subjected to apsy chological test to determine if she was a trans woman, as she claimed, on the orders of the Kerala High Court. A trans woman is one who is assigned male at birth but identifies as female.

Expressing the hope that she is the last trans person forced to undergo medical tests to verify gender identity, the resident of Ernakulam district in Kerala added, “I wish the courts would not resort to the practice again.”

The High Court’s order on Monday was in response to a habeas corpus petition filed by Arundhati’s mother on May 25. In her petition, the mother stated that her “son” suffered from a “mood disorder” and that he was being held against his will by the transgender community since the second week of May.

A habeas corpus petition empowers a court to order that a person reported to be illegally detained be presented before it. The court then determines the veracity of the petition and sets the person free according to the law.

The petition followed Arundhathi’s statement to the judicial first class magistrate in Aluva on May 19 that she was a woman and not a man and that she did not wish to live with her parents. She also told the magistrate that she was not being kept against her will by the transgender community.

On Monday, Arundhati was taken to the Kusumagiri Mental Health Centre in Kakkanad, Ernakulam. Doctors at the centre examined her for two days and informed the High Court on Thursday that she had no psychological disorder and that she had chosen her gender by her own will. Following this, the court on Friday declared her mentally stable and said she was free to live as she pleased.

‘I cried the whole day’

Despite the court ruling in her favour, Arundhati says its decision to order a medical examination left her feeling humiliated and ignored.

“I felt humiliated. I cried the whole day,” she said. “I had declared my gender earlier. But the court was not convinced. It took my mother’s petition seriously and ignored my statement that I was a trans woman.”

She also said the Kerala High Court’s actions went against a four-year-old Supreme Court order that assured individuals of the power to determine their gender. “The Supreme Court upheld the rights of [the] transgender community and recognised them as a separate gender in 2014,” she pointed out. “But the Kerala High Court acted against the apex court.”

In its order, the Supreme Court had said, “Gender identity, therefore, refers to an individual’s self-identification as a man, woman, transgender or other identified category.”

Hospitalised and confined

The court-ordered medical tests were not the first time Arundhati received phychological treatment. She says her parents admitted her at the Stella Maris Hospital in Ernakulam last year against her will. “I was tortured at the hospital,” she said. “I was denied access to go out. I was confined to a room for two months. My phone was confiscated. The doctors cut my hair. They gave me a lot of medicines.”

She said her mother had mentioned the treatment in her petition.

Arundhati now plans to sue Stella Maris Hospital. “The tests conducted at Kusumagiri Hospital proved that I am a mentally stable person. I am planning to sue Stella Maris Hospital for unscientific diagnosis and treatment,” she said.

According to her lawyer Maya Krishnan, it is common practice to brand members of the transgender community as psychologically unstable. “It has been going [on] for quite some time,” she said, adding that she hoped Friday’s verdict would encourage more trans people to come out and assert their gender identity.

Arundhati also spoke of how she had hoped her mother would support her. She said she had wanted to come out as a trans woman seven years ago but had held back, fearing a backlash from the family. However, she had confided in her mother way back then.

“I discussed my gender preference with mother seven years ago,” she said. “I told her of my intention to go for sex rearrangement surgery when I grew up. She listened [to] it all. I thought she would help me and [stand] by me when I decided to come out.”

Fresh beginnings

All set to start a new life without her parents, Arundhati says her top priority now is to complete her graduation. She has also thought of a career for herself. “Being good at singing and dancing, I think I can make money from stage shows,” she said.

Arundhati said she had studied music for 12 years and Bharatanatyam for five. She has also been giving performances across the state since 2014.

But her dreams do not end just there. “I don’t want to limit myself to stage shows,” she said. “My ultimate aim is to become a renowned playback singer.”

While she has lost the support of her family, Arundhati said she was lucky to have the transgender community on her side during the court case. “I hid my gender identity for 25 long years,” she said. “I have just begun a new life. I must thank the transgender community in Ernakulam for helping me find peace.”