चीन ने पीओके को भारत का हिस्सा दर्शाया पाक नाराज़।


आधिकारिक तौर पर जारी किए गए मैप में चीन ने इसके पहले कभी भी PoK को भारत का हिस्सा नहीं दिखाया. सूत्रों का कहना है कि कम्युनिस्ट पार्टी में ऊपर से मिले सिग्नल के बगैर सरकारी मीडिया अलग मैप का इस्तेमाल भी नहीं करता है


सरकार द्वारा संचालित सीजीटीएन टेलीविजन ने पहली बार पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को पाकिस्तान के मानचित्र से बाहर कर दिया है. पिछले हफ्ते पाकिस्तान में चीन के दूतावास पर हुए हमले की खबर दिखाते हुए चीन ने यह तस्वीर जारी की है.

अब क्योंकि यह असंभव है कि सरकार द्वारा संचालित टेलीविजन कभी भी बीजिंग के विरुद्ध जाएगा, इसलिए यह माना जा रहा है कि यह कदम जानबूझकर उठाया गया है.

चीन के सरकारी चैनल द्वारा भारत की कुछ ऐसी तस्वीरें दिखाने से पाकिस्तान को झटका लग सकता है. सरकारी चैनल CGTN ने पहली बार अपने कार्यक्रम के दौरान दिखाई एक तस्वीर में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) को पाकिस्तान के बदले भारत के नक्शे में दिखाया है.

हालांकि, अभी तक यह साफ नहीं हुआ है कि चीन के सरकारी चैनल CGTN ने वो तस्वीरें जानबूझ कर पाकिस्तान को कोई संदेश देने के लिए छापी गई हैं या फिर गलती से दिखाई हैं. हाल के दिनों में चीन और भारत की सरकारों के बीच बातचीत बढ़ी है. इसलिए ये भी हो सकता है कि भारत की तरफ चीन के झुकाव को दर्शाने के लिए भी यह कदम उठाया गया हो.

चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर से जोड़कर भी देखा जा रहा है:

PoK को भारत के नक्शे में दिखाने को चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर से जोड़कर भी देखा जा रहा है. इस योजना को लेकर भारत ने चीन के सामने कड़ी आपत्ति जताई थी. चीन ने यह रुख ऐसे समय में दिखाया है जब 10 दिसंबर को भारत और चीन के बीच सैन्य अभ्यास होना है. वहीं, करतारपुर मसले पर बहस भी हो रही है. ‘दोस्त’ चीन के इस रवैये पर पाकिस्तान ने नाराज़गी जाहिर की है.

दरअसल, आधिकारिक तौर पर जारी किए गए मैप में चीन ने इसके पहले कभी भी PoK को भारत का हिस्सा नहीं दिखाया. सूत्रों का कहना है कि कम्युनिस्ट पार्टी में ऊपर से मिले सिग्नल के बगैर सरकारी मीडिया अलग मैप का इस्तेमाल भी नहीं करता है.

जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है, तो पाक अधिकृत कश्मीर और गिलगित बाल्टिस्तान पर पाकिस्तान का अवैध कब्जा है. वहीं अक्साई चिन पर चीनी कब्जा है. PoK का कुल क्षेत्रफल करीब 13 हजार वर्ग किलोमीटर है, जहां करीब 30 लाख लोग रहते हैं. पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में अक्साई चिन शामिल नहीं है. यह इलाका महाराजा हरिसिंह के समय में कश्मीर का हिस्सा था. 1962 में भारत और चीन के बीच युद्ध के बाद कश्मीर के उत्तर-पूर्व में चीन से सटे इलाके अक्साई चिन पर चीन का कब्जा है.

भारतीय संसद में है पीओके की 7 रिजर्व सीटें:

आजादी के बाद भारत-पाक युद्ध में कश्मीर 2 हिस्सों में बंट गया था. कश्मीर का जो हिस्सा भारत से लगा हुआ था, वह जम्मू-कश्मीर नाम से भारत का एक सूबा हो गया, वहीं कश्मीर का जो हिस्सा पाकिस्तान और अफगानिस्तान से सटा हुआ था, वह पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर कहलाया.

भारत सरकार ने पाक अधिकृत कश्मीर का नाम बदलकर पाक अधिकृत जम्मू और कश्मीर कर दिया है. भारत ने जम्मू-कश्मीर राज्य विधानसभा में पीओके के लिए 25 सीटें और संसद में 7 सीटें रिजर्व रखी हैं.

सोशल मीडिया के प्लेयर्स ने बढ़ाए दाम, हो रही धन की बरसात…

 

आजकल डिजिटल का जमाना है। शहरों से लेकर गांवों तक स्मार्टफोन की उपलब्धता आसान होने से इंटरनेट यूज करने वाले लोगों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। सभी तरह का कंटेंट इंटरनेट पर आसानी से उपलब्ध है। ऐसे में इन दिनों फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब का इस्तेमाल करने वालों की संख्या में भी लगातार बढ़ोतरी होती जा रही है। अपने प्लेटफॉर्म पर यूजर्स की बढ़ती संख्या को देखते हुए ये कंपनियां भी अब इस मौके को भुनाने में जुट गई हैँ।

अंग्रेजी अखबार ‘द इकनॉमिक टाइम्स’ में छपी एक खबर के मुताबिक, विडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म यूट्यूब ने अपने होमपेज पर दिए जाने वाले एक दिन के विज्ञापन रेट 70 लाख रुपए से बढ़ाकर 1.4 करोड़ रुपए करने की घोषणा की है।

बताया जाता है कि मंथली एक्टिव यूजर्स (MAUs) की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि के बाद यूट्यूब ने यह कदम उठाया है। आंकड़ों के अनुसार, यूट्यूब के मंथली एक्टिव यूजर्स 250 मिलियन, फेसबुक के 220 मिलियन और इंस्टाग्राम के 68 मिलियन हो चुके हैं, जबकि ट्विटर की बात करें तो यह आंकड़ा 30.4 मिलियन तक पहुंच चुका है। रिपोर्ट के अनुसार, यूट्यूब के बाद अब फेसबुक और ट्विटर भी अपनी विज्ञापन दरें बढ़ा रहे हैं।

विशेषज्ञों के हवाले से अखबार ने कहा है कि वर्ष 2019 में भी फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम अपनी विज्ञापन दरों में सालाना 20 से 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी करना जारी रखेंगे, क्योंकि हर साल इन प्लेटफॉर्म्स पर यूजर्स पहले के मुकाबले ज्यादा समय बिताने लग जाते हैं। हालांकि, फेसबुक ने विज्ञापन की दरों में बढ़ोतरी से इनकार किया है।

Dentsu Aegis Network-e4m Digital की रिपोर्ट के अनुसार, इस समय ऐडवर्टाइजिंग इंडस्ट्री 55,960 करोड़ रुपए की इंडस्ट्री बन चुकी है और 32 प्रतिशत ‘compound annual growth rate’ (CAGR) के स�

Media Ecosystem: The wall falls down


बहुत से छोटे मँझोले ओर बड़े व्यापारियों  को अपनि वित्तीय स्थितियों के कारण अपने मार्केटिंग के तरीकोण का चयन करने में दिक्कत आती है वह यह निर्णय नहीं कर पाते की उनके लिए विज्ञापन का कौन सा माध्यम ठीक रहेगा?

किस माध्यम से उनके द्वारा निवेशित रूपये की पूरी वसूली हो सकेगी?

व्यापारी अपने व्यापार के लिए किस माध्यम पर भरोसा करे?

उत्तर हैरान कर देगा।


इस बात में कोई शक नहीं है कि आज के समय में ब्रैंड्स के लिए डिजिटल बहुत जरूरी हो गया है, हालांकि ऐडवर्टाइजर्स अभी भी टेलिविजन को प्राथमिकता दे रहे हैं और यह उनकी पहली पसंद बना हुआ है।

ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या ऐडवर्टाइजर्स और टेलिविजन के बीच का संबंध और मजबूत होता जा रहा है? क्या टेलिविजन आगे भी ऐडवर्टाइजर्स की पहली पसंद बना रहेगा? क्या डिजिटल इस स्थिति को बदल पाएगा? इन सब बातों को लेकर हमने कुछ विशेषज्ञों से बातचीत की कि आखिर आने वाले समय में क्या हालात रहने वाले हैं?

डिजिटल का जमाना है। पिछले कुछ वर्षों की बात करें तो ऐडवर्टाइजर्स भी इसके प्रभाव से अछूते नहीं हैं और इसे काफी पसंद भी कर रहे हैं। जितने भी बड़े ब्रैंड हैं, लगभग सभी ऑनलाइन प्लेटफॉंर्म पर मौजूद हैं और अब हालात ये हैं कि डिजिटल के बिना कोई भी मार्केट स्ट्रैटजी पूरी नहीं मानी जाती है।

‘केपीएमजी’ की रिपोर्ट ‘Media Ecosystem: The wall falls down’ के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2018 (FY18) में डिजिटल ऐडवर्टाइजिंग के रेवेन्यू में 35 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज की गई है और यह 116000 करोड़ रुपए हो गई है। जबकि टेलिविजन की ग्रोथ वित्तीय वर्ष 2018 में इसके मुकाबले कम रही है और यह 9.5 प्रतिशत के हिसाब से बढ़कर 65200 रुपए रही है।

इस बारे में ‘एचयूएल’ (HUL)  के सीईओ और एमडी संजीव मेहता का कहना है कि टेलिविजन आज भी प्रासंगिक है और आने वाले कई दशकों तक देश में इसका प्रभाव यूं ही बना रहेगा।

मेहता का कहना है, ‘आज टेक्नोलॉजी इतनी एडवांस हो गई है कि हम डिजिटल कम्युनिकेशंस के साथ अपने टार्गेट को प्लान कर सकते हैं। हालांकि कुछ चीजें कभी नहीं बदलने वाली हैं। मार्केट के फंडामेंटल यानी बेसिक बातें हमेशा यही बने रहेंगे। मार्केटिंग में कंज्यूमर हमेशा ही मुख्य रहेगा। नए जमाने का कंटेंट हमें नए तरीके से स्टोरीटैलिंग की कला सिखाएगा।’

वहीं इस बारे में ‘पारले प्रॉडक्ट्स’ (Parle products) के कैटगरी हेड मयंक शाह का कहना है कि चूंकि टेलिविजन की पहुंच बहुत ज्यादा है, इसलिए यह ब्रैड्स के लिए पसंदीदा माध्यम बना हुआ है। उनका मानना है कि ब्रैंड्स के लिए टेलिविजन पर विज्ञापन करना ज्यादा उचित है क्योंकि टीवी की पहुंच ज्यादा है।

शाह का कहना है, ‘इस बात में कोई शक नहीं कि डिजिटल काफी तेजी से ग्रोथ कर रहा है और यह काफी महत्वपूर्ण माध्यम भी बना हुआ है। लेकिन जब बात इसकी पहुंच की आती है, खासकर एफएमसीजी और दैनिक जरूरतें की चीजों के ब्रैंड के बारे में तो टीवी का प्रदर्शन बेहतर है।’ उनका कहना है कि टेलिविजन कुछ समय के लिए डिजिटल पर अपनी बढ़त बनाए रखेगा। डिजिटल उन ब्रैंड्स के लिए एक प्लेटफॉर्म है जो आडियंस के खास वर्ग को टार्गेट करना चाहते हैं।

इस बारे में ‘मैडिसन वर्ल्‍ड’ (Madison World) के सीओओ (Buying) नील कमल शर्मा का कहना है कि पिछले वर्ष के मुकाबले एक प्रतिशत की गिरावट के बावजूद ऐडवर्टाइजिंग के चार्ट में टेलिविजन अभी भी टॉप पर बना हुआ है।

नील कमल शर्मा का कहना है, ‘यह सही है कि देश में डिजिटल ऐडवर्टाइजिंग का रेवेन्यू काफी बढ़ा है और यह ट्रेंड अभी भी जारी है। लेकिन पिछले वर्ष के मुकाबले एक प्रतिशत की गिरावट के बावजूद टेलिविजन का ऐडवर्टाइजिंग रेवेन्यू अभी भी सबसे ज्यादा है।’

शर्मा का कहना है, ‘चूंकि कुल ऐडवर्टाइजिंग में 12 प्रतिशत और डिजिटल में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, ऐसे में टीवी और प्रिंट जैसे स्थापित माध्यमों के शेयर में भविष्य में कमी आने की संभावना है। लेकिन टेलिविजन की प्रासंगिकता बनी रहेगी। चूंकि ऐडवर्टाइजिंग कैटेगरी में टीवी सबसे टॉप पर है, इसलिए यह एफएमसीजी प्लेयर्स की पहली पसंद बना हुआ है। इसके अलावा स्मार्ट फोन, ट्रैवल और ओटीटी प्लेटफॉर्म भी अपनी ग्रोथ के लिए टीवी का इस्तेमाल करते हैं।’

डिजिटल मीडिया की ग्रोथ में एफएमसीजी, टेलिकॉम, बीएफएसआई, रियल एस्टेट और ई-कॉमर्स जैसी कैटेगरी का काफी योगदान है। हालांकि इनमें से कुछ का ट्रेडिशनल मीडिया में भी काफी प्रभाव है। डिजिटल प्लेटफॉर्म पर न्यूज, ऐंटरटेनमेंट और स्पोर्ट्स के कंटेंट का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है। खासकर, युवा वर्ग इन दिनों ट्रेडिशनल मीडिया से दूर होता जा रहा है और यही कारण है कि एफएमसीजी और टेलिकॉम जैसी कैटेगरी भी बड़े पैमाने पर डिजिटल प्लेटफॉर्मस का इस्तेमाल कर रही हैं।

‘बजाज एलायंज लाइफ इंश्योरेंस’ (Bajaj Allianz Life Insurance) के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर चंद्रमोहन मेहरा का मानना है कि कम से कम तीन से पांच साल तक दोनों माध्यम सह-अस्तित्व में बने रहेंगे।

मेहरा का कहना है, ‘सबसे पहले मीडिया का सलेक्शन ऑब्जेक्ट के अनुसार करना है, टीवी और डिजिटल का चुनाव आपके काम पर निर्भर करता है। ब्रैंड्स के लिए इंटीग्रेटिड अप्रोच ज्यादा प्रभावी रहती है। टीवी पहुंच बढ़ाने और डिजिटल ब्रैंड को गहराई से जोड़ने के काम आता है।’

‘केपीएमजी’ की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका जैसे मार्केट में व्यूअर्स टीवी से डिजिटल की ओर इसलिए मुड़ रहे हैं क्योंकि वहां पर डिजिटल का इंफ्रॉस्ट्रक्चर काफी मजबूत है और इसकी कम कीमत भी एक बड़ी वजह है। लेकिन, भारत में ग्रोथ और कीमत के मामले में टीवी काफी मजबूत स्थिति में है। इसके अलावा, डिजिटल का उतना इंफ्रास्ट्रक्चर भी नहीं है। ऐसे में, लोगों का टीवी की तरफ झुकाव हो जाता है।

‘वॉयकॉम 18’ (Viacom 18) के रीजनल टीवी नेटवर्क के हेड रवीश कुमार के अनुसार, कंज्यूमर्स तक पहुंच के मामले में टीवी सबसे बड़ा और सस्ता माध्यम है।

उनका कहना है, ‘टीवी के दर्शकों को मापना काफी आसान है जबकि डिजिटल में इसके लिए काफी समय लगता है। हालांकि कंटेंट के मामले में दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं लेकिन दोनों को एक-दूसरे से बहुत कुछ सीखने की जरूरत है। कुल मिलाकर कह सकते हैं कि ब्रैंड्स के लिए टीवी पहली पसंद बना हुआ है।’

‘MullenLowe Lintas’ ग्रुप में ‘पाइंटनाइन लिंटास’ (PointNine Lintas) के नेशनल डॉयरेक्टर विधू सागर का मानना है कि अलग-अलग लोगों के लिए हमेशा अलग स्थिति होती है और सभी प्रकार के ऑडियंस के लिए सामान्य दृष्टिकोण लागू नहीं किया जा सकता है।

सागर का कहना है, ‘आज मीडिया की जो स्थिति है, उसमें आप पुराने दृष्टिकोण को नहीं अपना सकते हैं, क्योंकि समय के साथ चीजें बदलती रहती हैं। आज के समय में लॉन्च हो रहा कोई भी ब्रैंड टीवी और कई मामलों में प्रिंट के बिना कुछ नहीं कर सकता है।’

सागर का कहना है, ‘आप यदि बड़े पैमाने पर काम करना चाहते हैं तो आपको डिजिटल के साथ टीवी की जरूरत भी पड़ेगी। यदि आप अपने ब्रैंड के साथ कई अन्य पहलू सम्मान और विश्वसनीयता शामिल करना चाहते हैं तो आपको ब्रॉडकॉस्ट मीडिया के साथ जाना पड़ेगा।’

‘केपीएमजी’ की रिपोर्ट के अनुसार, देश में डिजिटल ऐडवर्टाइजमेंट मुख्य धारा में आ चुका है। वित्तीय वर्ष 2023 में डिजिटल पर विज्ञापन खर्च 40000 करोड़ रुपए होने का अनुमान है। वर्ष 2017 डिजिटल पर विज्ञापन खर्च का योगदान 86.2 बिलियन रुपए था और वर्ष 2023 तक सीएजीआर (CAGR)  ग्रोथ 30.9 तक बढ़ने का अनुमान है।

सागर का कहना है, ‘डिजिटल में तो काफी तेजी से वृद्धि हुई है लेकिन अधिकतर ऐडवर्टाइजर्स ने इस हिसाब से अपना बजट नहीं बढ़ाया है। इसलिए डिजिटल का रेवेन्यू दूसरे मीडिया से कटकर आ रहा है। यह रेडियो, सिनेमा और प्रिंट को प्रभावित कर रहा है।

मैगजींस लगभग समाप्ति की ओर हैं और कई जगह टेलिविजन भी प्रभावित हो रहा है। लेकिन टीवी की अपनी अलग बात है और कोई भी क्लाइंट अचानक से टीवी से हटकर एकदम से डिजिटल की ओर नहीं जाने वाला है।

इस समय भारतीय ओटीटी इंडस्ट्री ‘AVOD’ अथवा ‘freemium’ मॉडल पर काम कर रही है और ‘SVOD’ अभी आरंभिक अवस्था में है। टेल्को आधारित पेड सबस्क्रिप्शन के साथ 2-2.4 मिलियन सबस्क्राइबर्स सीधे ओटीटी प्लेटफॉर्म्स सबस्क्राइब कर रहे हैं। हालांकि ऐसे टेल्को आधारित सबस्क्रिप्शन में पिछले साल इजाफा हुआ है, लेकिन सीपीएम (CPM) रेट घटने से ऐडवर्टाइजमेंट रेवेन्यू को काफी चुनौती का सामना करना पड़ा है।

‘केपीएमजी’ के पार्टनर और हेड गिरीश मेनन का कहना है, ‘इस समय डिजिटल का सीपीएम कम है। इस वजह से भी डिजिटल के समक्ष काफी चुनौतियां हैं। प्रिंट में एक पेज के विज्ञापन के मुकाबले डिजिटल में काफी कम कमाई होती है। इसलिए सीपीएम बढ़ने से पहले आपको आरओआई (ROI) और मीजरमेंट की जरूरत होती है।’

‘केपीएमजी’ की रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2018 में भले ही टीवी की रफ्तार कम रही हो लेकिन उम्मीद है कि यह फिर वापसी करेगा और पिछले वर्षों की तरह फिर आगे बढ़ेगा।

बढ़ती पहुंच, विज्ञापन की बढ़ती मांग के कारण टीवी की सीएजीआर (CAGR) ग्रोथ 12.6 से होने की उम्मीद है।

यह कारीडोर दोनों देशों के नागरिकों को साझी विरासत से जोड़ेगा – उपराष्ट्रपति एम• वेंकैया नायडु

गुरदासपुर, 26 नवम्बर
चंड़ीगढ़,(कमल कलसी,एस के जैन) वॉयस ऑफ़ पंजाब( पाकिस्तान) की ओर से जारी किए गये एक वीडियो में डेरा बाबा नानक साहिब- करतारपुर कारीडोर के बारे में बताया गया कि वहाँ सड़क बनाने का काम शुरू हो चुका है,

भारत पाक संबंधों में एक नये अध्याय की शुरूआत करते हुए उपराष्ट्रपति एम• वेंकैया नायडु ने सोमवार को गुरु नानक देव जी की 550वीं जन्म जयंती के उपलक्ष्य में डेरा बाबा नानक के मान गांव में करतारपुर कारीडोर की आधारशिला रखी। यह कारीडोर सिख श्रद्धालुओं के लिए पाकिस्तान में करतारपुर स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब तक की तीर्थयात्रा को सुगम बनायेगा। आशा है कि इस प्रकार के संपर्कों से दोनों देशों के मध्य तनाव कम करने में सहायता मिलेगी।

आधारशिला रखते हुए, उपराष्ट्रपति ने इसे एक ऐतिहासिक अवसर बताया। उन्होंने बताया ‘यह हमारी पुरानी मांग रही है कि सिख बहनों और भाइयों की करतारपुर तक की तीर्थयात्रा को सुगम बनाया जाये।’ उन्होंने कहा इस मांग पर दो दशक पहले विमर्श हुआ था और आज यह स्वप्न पूर्ण हो रहा है।

उन्होंने कहा कि आज का दिन सचमुच हमारी भावी नियति का निर्धारण करेगा और बदलाव की नयी राह दिखायेगा। इस कारीडोर को पाकिस्तानी भाग में भी विकसित करने की भारत की मांग को स्वीकार किये जाने पर हर्ष व्यक्त करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि ‘यह कारीडोर हमें पूज्यनीय गुरु और उस स्थान से जोड़ेगा जहां उन्होंने जीवन के अंतिम 18 वर्ष व्यतीत किये।’ पूज्यनीय गुरु नानक देव जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि ‘वे संत, विद्वान, कवि, पथ-प्रदर्शक तथा क्रांतिकारी विचारक थे जिन्होंने पिछले पांच शताब्दियों से अधिक समय से मानवता के उत्कर्ष को प्रकाशित किया है।’

इस कारीडोर को दोनों देशों के नागरिकों और उनकी साझा संस्कृति के बीच एक महत्वपूर्ण पुल मानते हुए, उपराष्ट्रपति ने आशा व्यक्त की कि यह कारीडोर दोनों देशों के नागरिकों और उनकी सांझी विरासत के बीच नयी संभावनाओं के नये द्वार खोलेगा और नागरिकों को प्रेम, भाईचारे और साझी आध्यात्मिक विरासत के अदृश्य धागे से जोड़गा। उन्होंने कहा ‘यह कारीडोर शांति, सौहार्द और मानवता की पवित्र पीठ का मार्ग है, यह उस सार्वभौमिक दर्शन का मार्ग है जो अखिल विश्व को एक परिवार मानता है, यह मानव सेवा के उदार आदर्श का मार्ग है।’

श्री नायडु ने कहा कि ‘भारतीय परंपरा में सदियों से वसुधैव कुटुम्बकम की परिकल्पना को अपने विश्वदर्शन में अंगीकार किया गया है और आज का यह अवसर इस विश्वास को और दृढ़ करता है।’

पूज्यनीय गुरु नानक देव जी की 550वीं जन्म जयंती के अवसर पर भारत सरकार द्वारा प्रारंभ की गई पहलों की सराहना करते हुए, श्री नायडु ने कहा कि गुरु नानक देव जी का दर्शन कालातीत है। वह आज कहीं अधिक प्रासंगिक है। उन्होंने हर्ष व्यक्त किया कि इस कारीडोर का निर्माण टीम इंडिया के रूप में केन्द्र और राज्य सरकारों के साझा सम्मिलित प्रयासों से हो रहा है।

हाल में बढती आतकंवादी घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा आतंकवाद वैश्विक समस्या है और इसके विरूद्ध विश्व समुदाय के साझा प्रयासों की आवश्यकता है। हमे सम्मिलित रूप से एक न्यायपूर्ण और उत्तरदायी विश्व व्यवस्था के लिए प्रयास करना चाहिए जिससे अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के विरूद्ध संयुक्त राष्ट्र की व्यापक संधि पर शीघ्र अंतिम निर्णय हो सके। हम आतंकवाद के इस अंधकार को और अधिक मानवता के विकास का मार्ग अवरूद्ध करने नहीं दे सकते।

उपराष्ट्रपति ने ज़ोर दे कर कहा कि भारत अपने पड़ोसियों सहित सभी देशों के साथ शांतिपूर्ण संबंध चाहता है। उन्होंने कहा कि अतांकवादियों द्वारा मासूम लोगों की अकारण हत्या की कड़े शब्दों में भर्त्सना होनी चाहिए।

उन्होंने कहा ये क्षेत्र अशिक्षा, लैंगिक भेदभाव जैसी कुरीतियों से जूझ रहा है, जिनके विरुद्ध युद्ध स्तर पर निपटने की आवश्यकता है। इस क्षेत्र के लोग शांति और विकास की आकांक्षा रखते हैं और इस दिशा में साझे प्रयास किए जाने चाहिए।

इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी, हरसिमरत कौर, हरदीप सिंह पुरी विजय सांपला तथा पंजाब के मुख्यमंत्री अमरेन्द्र सिंह भी उपस्थित थे।

राम (नाम / जन्मभूमि) की लूट है लूट सके तो लूट 

डॉ. भीम राव अंबेडकर


राम (नाम / जन्मभूमि) की लूट है लूट सके तो लूट

वर्ष 1992 में बाबरी ढांचे के ध्वस्त होने के बाद सविता अंबेडकर ने राम जन्मभूमि वाली उस जमीन को हासिल करने के लिए अभियान चलाया था, मतलब यह हुआ की जब तक वहाँ मस्जिद थी श्रीमति अंबेडकर को कोई सरोकार नहीं था परंतु ज्यों ही मस्जिद ध्वस्त हुई वहाँ श्रीमती अंबेडकर को बौद्धविहार दिखाई देने लगा।

यदि मात्र विहार करने से भूमि पर बौद्ध धर्म अनुयाइयों का दावा हो जाता है तो उत्तरपथ की पग पग भूमि गौतम बुद्ध की है। कृपया दावा करें।


राजविरेन्द्र वशिष्ठ:

डॉ. बाबा साहब अंबेडकर की विधवा सविता अंबेडकर ने राम जन्मभूमि पर बौद्धों के हक के पक्ष में 90 के दशक में अभियान चलाया था. जन्मभूमि स्थान को बौद्धों को सौंपने की मांग करते हुए डॉ. बाबा साहब अंबेडकर फाउंडेशन चैरिटेबल ट्रस्ट ने 1991 में फैजाबाद कोर्ट में याचिका दायर की थी. पर उस याचिका को कोई प्रचार नहीं मिला.

वर्ष 1992 में बाबरी ढांचे के ध्वस्त होने के बाद सविता अंबेडकर ने राम जन्मभूमि वाली उस जमीन को हासिल करने के लिए अभियान चलाया था. इस साल अयोध्या निवासी विनीत कुमार मौर्या ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. मौर्य ने अपनी याचिका में यह मांग की है कि राम जन्मभूमि स्थल को बुद्ध विहार घोषित किया जाए. उन्होंने दावा किया है कि 4 खुदाइयों में मिले अवशेषों से यह साबित होता है कि वो स्थल बौद्धों का रहा है.

सुप्रीम कोर्ट ने 13 अन्य अपीलों के साथ मौर्या की याचिका को भी सुनवाई के लिए मंजूर कर लिया है. याद रहे कि दूसरी ओर राम जन्मभूमि आंदोलनकारियों का दावा है कि खुदाइयों से प्राचीन राम मंदिर के अवशेष मिले हैं. जन्मभूमि विवाद को लेकर वर्ष 2010 में इलाहाबाद हाईकोर्ट का निर्णय आया था. उसी निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील विचाराधीन है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट के पीठ ने अपने फैसले में कहा है कि उस जमीन को 3 हिस्सों में बांटा जाए. एक हिस्सा निर्मोही अखाड़ा, दूसरा हिस्सा सुन्नी वक्फ बोर्ड और तीसरा हिस्सा श्रीराम लल्ला विराजमान को मिले. याद रहे कि अभी श्रीराम लल्ला टेंट में हैं. उधर 90 के दशक में सविता अंबेडकर ने कहा था कि हमारे पास इसके ऐतिहासिक और पुरातात्विक प्रमाण हैं.

महात्मा बुद्ध ने 16 वर्ष अयोध्या और उसके आसपास गुजारे थे

याद रहे कि सविता अंबेडकर का वर्ष 2003 में निधन हो गया. सविता अंबेडकर जिन्हें ‘माई’ या ‘माइसाहब’ के नाम से पुकारा जाता था, अपने दावे के पक्ष में प्राचीन चीनी पर्यटकों और समकालीन इतिहासकारों को उधृत किया था. उनके अनुसार यह जगह शुरू में बौद्धों की थी. महात्मा बुद्ध ने अपने जीवन के 16 वर्ष अयोध्या और उसके आसपास गुजारे थे.

सविता ने पाली साहित्य का जिक्र करते हुए कहा था कि इसमें यह बात कई बार आई है. पाली साहित्य में अयोध्या की जगह साकेत का जिक्र है. तब लंदन स्थित अंबेडकर शताब्दी ट्रस्ट के निदेशक कृष्णा गामरे ने कहा था कि अगर इसका नतीजा नहीं निकला तो हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.

फैजाबाद कोर्ट में दाखिल याचिका का क्या हश्र हुआ, यह तो पता नहीं चला, पर विनीत कुमार मौर्या की सुप्रीम कोर्ट में दायर ताजा याचिका पर संभवतः बौद्धों के इस दावे पर भी कोर्ट देर-सवेर कुछ कहे. याद रहे कि इस सवाल पर अंबेडकर के कुछ समर्थकों ने 90 के दशक में अपने समुदाय में एकजुटता लाने की कोशिश भी की थी. पर समर्थक एकजुट नहीं हो सके थे.

करतारपुर कॉरिडोर का असली श्रेय पाक प्रधानमंत्री इमरान खान को जाता है: सिद्धू


सिद्धू का यह बयान ऐसे दिन आया है जब पूरा देश 26/11 मुंबई आतंकी हमले की 10वीं बरसी में शोक में डूबा है


सिद्धू का ‘बाजवा प्रेम’ ओर ‘इमरान स्तुति’ जग जाहिर है, पाकिस्तान जाने के लिए वह इतने उतावले रहते हैं की वह दूसरी बार ‘इमरान श्लाघा’ करते हुए फिर से देश के माहौल भावनाओं को समझने में नाकामयाब रहे। इसमें उनकी गलती नहीं है, कपिल शर्मा ने उन्हे जिस कुर्सी पर बैठा दिया था उस पर से उतारे जाने की बाद भी सिद्धू उस मोड से बाहर नहीं आ पा रहे हैं। कभी महिलाओं के लिए उन्हे ठोकने की बात करते हैं और अब जब समूचा राष्ट्र 26/11 के पाक प्रायोजित हमले की 10वीं बरसी का शोक माना रहा है वहीं सिद्धू को पाकिस्तान प्रधानमंत्री में एक भावुक बेचारा व्यक्ति दिखाई देता है।

वह करतारपुर कॉरीडोर से स्वयं को सिख धर्म के एक जाँबाज तारनहार की तरह दिखाना चाहते हैं की जो काम दशकों से टकसाली नेता एसजीपीसी के नेता सिख धरम के पुरोधा नहीं कर पाये वह सिद्धू ने कर दिखाया। ऐसा कर वह बादल परिवार को सिख राजनीति से दूर धकेलने में अपनी कामयाबी ढूंढ रहे हैं। परंतु वह भूल जाते हैं की इन्ही सिख बहादुरों की लाशों को पुंजाब में बिछा कर पाकिस्तान इतराता फिरता है, यही खेल वह अब काश्मीर में खेल रहा है।  कसाब को फांसी हो चुकी है पर आज तक पाकिस्तान कसाब से अपने नकारता ही रहा है ओर तो और 26/11 के मुख्यारोपी वहाँ अपनी राजनैतिक ज़मीन मजबूत कर रहे हैं 


 

‘करतारपुर कॉरिडोर का असली श्रेय पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान को जाता है.’ ऐसा कहना है पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू का. सिद्धू ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, करतारपुर कॉरिडोर का असली श्रेय इमरान खान को जाता है. जिन्होंने इसके निर्माण के लिए कई सालों तक प्रार्थनाएं की. इस शख्स ने पाकिस्तान के प्रधान मंत्री की कुर्सी के लिए 24 साल का संघर्ष किया है.’

सिद्धू ने कॉरिडोर को लेकर चल रही राजनीति से दूर रहने की सलाह देते हुए कहा कि पूरी दुनिया खुश है. धर्म को हमेशा राजनीति से दूर रखना चाहिए. नुसरत फतेह अली खान और गुलाम अली जैसे लोगों को इन दोनों देशों की दूरियां कम करने का मौका दीजिए.

सिद्धू का यह बयान ऐसे दिन आया है जब पूरा देश 26/11 मुंबई आतंकी हमले की 10वीं बरसी में शोक में डूबा है. इस हमले में 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने 166 लोगों की हत्या कर दी थी. एक दिन पूर्व ही पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने आतंकवादी हमलों का हवाला देते हुए कॉरिडोर के शिलान्यास समारोह में शामिल होने वाले पाकिस्तान के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया था.

वहीं सिद्धू ने रविवार को ही इस समारोह में शामिल होने का निमंत्रण स्वीकार कर लिया था. पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के निमंत्रण के स्वीकार करते हुए सिद्धू ने कहा, ‘यह मेरे लिए बहुत सम्मान और खुशी कि बात है कि मैं 28 नवंबर को होने जा रहे करतरपुर साहिब के शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल होऊंगा.मैं इस ऐतिहासिक अवसर पर आपसे मिलने के लिए तत्पर(उतावला) हूं.’

क्या है करतारपुर साहिब और क्या है इसकी अहमियत

करतारपुर साहिब वो जगह है, जहां 1539 ईं. में सिख धर्म के पहले गुरु नानक देव के निधन के बाद पवित्र गुरुद्वारे का निर्माण करवाया गया था. इस जगह की अहमियत इसलिए है क्योंकि यहां गुरु नानक देव ने अपने जीवन के अंतिम 18 साल बिताए थे.

पाकिस्तान ने गुरु नानक की 549वीं जयंती के अवसर पर नवंबर में 3800 सिख श्रद्धालुओं को वीजा जारी किया था. करतारपुर कॉरिडोर बन जाने से लाखों सिख श्रद्धालु पाकिस्तान में रावी नदी के तट पर स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर में मत्था टेक सकेंगे.

Harsimrat Kaur Badal to represent India at ‘Tak'(Groundbreaking) ceremony at Pakistan Kartarpur

 

New Delhi , November 25, 2018 :Modi government has accepted the invitation of Imran Government to join the Groundbreaking ceremony of the facilities for Kartarpur Corridor to be held at Kartarpur on November 28 , 2018 . Union Minister Harsimrat Kaur Badal and MoS Hardip Singh Puri have been deputed to attend the ceremony on behalf of GoI .

Harsimrat Kaur Badal‏Verified account @HarsimratBadal_ has herself tweeted :

Dhan Guru Nanak Dev ji for the opp to bow my head on the ‘pavittar mitti’ of Kartarpur Sahib &be a part of the groundbreaking ceremony of the #KartarpurCorridor.Blessed & honoured to represent Sikh community on this historic occasion.Thanks to @narendramodi ji & @SushmaSwaraj ji!

 

निरंकारी भवन अटैक :आतंकी परमजीत बाबा तथा जावेद ने दिए थे धमाके के निर्देश- डी जी पी

Chandigarh :

निरंकारी डेरे पर धमाका करने के पीछे सिर्फ पाकिस्तान में बैठा हैप्पी पी एच डी अकेला ही मास्टरमाइंड नहीं था। इटली में रह रहे आतंकी परमजीत सिंह बाबा तथा पाकिस्तान में बैठे जावेद ने आतंकी अवतार तथा सरबजीत को डेरे में हमला करने संबंधी निर्देश दिए थे। चंडीगढ़ में आतंकी अवतार सिंह की गिरफ़्तारी की पुष्टि करते हुए  डी जी पी सुरेश अरोड़ा ने बताया कि अवतार सिंह को गिरफ़्तार कर उसके कब्ज़े से। 32 बोर की पिस्तौल तथा 25 ज़िंदा गोलियां (कारतूस ) भी बरामद किये हैं। यह वही रिवाल्वर है जिससे सरबजीत ने डेरे के मुख्य द्वार पर गेटकर्मी के समक्ष ताना था।

पाकिस्तान दो आतंकी हमलों में 25 लोगों की मौत हो गई और 35 लोग घायल


चीन ने पाकिस्तान से आग्रह किया है कि वह देश में चीन के नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ‘व्यावहारिक कदम’ उठाए


पाकिस्तान में शुक्रवार को दो आतंकी हमले हुए, इन हमलों में 25 लोगों की मौत हो गई और 35 लोग घायल हो गए. इनमें से एक हमला चीन के वाणिज्य दूतावास पर हुआ है. चीन ने पाकिस्तान के कराची स्थित अपने वाणिज्य दूतावास पर हुए एक आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की है. इस हमले में  जिसमें दो पुलिसकर्मी मारे गए.

चीन ने इसके साथ ही अपने सदाबहार सहयोगी पाकिस्तान से आग्रह किया है कि वह देश में चीन के नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ‘व्यावहारिक कदम’ उठाए.

बता दें कि शुक्रवार को तीन बंदूकधारी कराची स्थित चीनी वाणिज्य दूतावास में घुस गए और उनकी सुरक्षा बलों से गोलीबारी हुई. तीनों बंदूकधारी बाद में मारे गए.

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा कि हमले के बाद वाणिज्य दूतावास के सभी कर्मचारी और उनके परिवार के सदस्य सुरक्षित हैं. गेंग ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘चीन राजनयिक एजेंसियों के खिलाफ किसी भी हिंसक हमले की निंदा करता है और पाकिस्तान से अनुरोध करता है कि वह देश में चीन के नागरिकों और संस्थानों की सुरक्षा सुनिश्चित करे.’

गेंग ने कहा कि हमलावर वाणिज्य दूतावास में प्रवेश नहीं कर पाए और सुरक्षाबलों के साथ उनकी गोलीबारी दूतावास के बाहर हुई.

हमले पर पाकिस्तान की कार्रवाई के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘हम पाकिस्तानी पक्ष के प्रयासों की अत्यंत प्रशंसा करते हैं.’ उन्होंने कहा कि यह हमला चीन…पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपेक) के प्रति चीन की प्रतिबद्धता को प्रभावित नहीं करेगा जिसका उद्देश्य उसके पश्चिमी प्रांत शिंजियांग को बलूचिस्तान में ग्वादर बंदरगाह से जोड़ना है.

प्रवक्ता ने कहा, ‘चीन और पाकिस्तान सदाबहार रणनीतिक साझेदार हैं.’ उन्होंने कहा, ‘चीन…पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के निर्माण के साथ मजबूती से आगे बढ़ने के लिए चीन पाकिस्तान के साथ काम करना जारी रखेगा.’

इसके अलावा चीनी कॉन्सुलेट पर हमले के बाद खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के भीड़भाड़ वाले बाजार में स्थित मदरसे के पास हुए दूसरे बड़े बम धमाके में कम से कम 25 लोगों की मौत हो गई है. जबकि 35 अन्य लोगों के घायल हो गए. अधिकारियों ने बताया कि कबिलाई जिले औरकजई जिले के कलाया इलाके में लगे जुमा बाजार में यह विस्फोट हुआ है.

Beti Bachao – Beti Padhaao and now add Beti Khilaao: Smt. Latika Sharma

 

Panchkula;20th Nov.2018

Sh. Krishan Kumar Bedi,Hon’ble  Social Justice And Empowerment Minister Of Haryana unveiled the trophy of Second Girls (seniors) International  Twenty: 20 and 1st All India Boys Under 15 International League Cricket Championship, 2018 for Bharat Ratna Former Prime Minister Sh. Atal Bihari Vajpayee Trophy at International Cricket Stadium Chandigarh(UT) and Panchkula from 21st Nov To 24th Nov, 2018 organised By Cricket Federation Of Haryana Under the aegis of Cricket Fedration Of India, and all India Womens Twenty:20 Cricket Association with the NOC/ApprovalFrom Ministery Of Sports Home Affairs And External Affairs Ministery Of Govt. Of India the both championships has been named after Bharat Ratna Former Prime Minister Sh:Atal Bihari VajpayeeTrophy. In this Occasion MP Smt: Latika Sharma ,MLA&Chairman, Sh:Vijay Arora President Cricket Federation Of Haryana; Sh: Syed Sdiq Pasha, President of CFI:AIWTCA President Smt: Vasuda Rana Were also Present.

According To Smt latika Sharma,MLA and chairman of tournament organising  committee and Smt: Vasudha Rana, President Of All India Womens Cricket association the main motto to organise the second girls girls international twenty:20 league cricket championship as ‘beti khilao’ to follow the theme of  “Beti Bachao Beti Padhao” is a social campaign of the Government Of India that aims to generate awareness and improve the efficiency of welfare services intended to girls.

The association also main motive for boys under 15 junior league cricket championship regularly organise every year since 2008 to restrain the young talent of our rural/backward area from drug addiction and shall chance to villages/rural area/backward section of society young players to show their talent   in international stadiums chandigarh & panchkula with international teams. Amarjit Kumar Secretery General said that the main aim to promote and develop the same of cricket for junior boys from the grass root level in the age group of under 13, under 15, under 17& under 19 age groups and girls both junior and senior age groups.

According To Smt Latika Sharma The 3 Girls International Teams Nepal,Bangladesh And India shall confirm their participation in The Second Girls International 20:20 League Cricket Championship. Total 3 girls teams shall play 4 league matches and top two team shall qualify for the final. Each match of girls league shall play twenty overs innings with white ball and coloured dress. In the boys under:15 international cricket league championship total 3 teams from Nepal, Bangladesh And India. Every boys team shall play 4 league matches & top two teams from each pool shall qualify for the final stage. Every match for the boys under :15 category shall play 30 overs innings with white balls and coloured dress.

Mrs Latika Sharma And Mr amarjt Kumar said that the organising committee will provide boarding,loading,and transport facilities to all participants and officials accompanying with the 6 teams of boys and girls. The federation will distribute ss cricket kits to every “man of the match’,best bats man, best bowler, best all-rounder best wicket keeper, best fielder of the championship and the up-ccoming cricketers.

All the matches will be played at the International Cricket Stadiums at Chandigarh (UT), Panchkula (Haryana) with coloured clothings and white balls the qualified Umpires, Online scoring and officials will be deputed in the Mega Second Girls and Boys Under 15 League Cricket Championship.