गुरु पर्व के उपलक्ष्य में नगर कीर्तन की तैयारी
/0 Comments/in CHANDIGARH, DELHI, HARYANA, NATIONAL, PUNJAB, SPIRITUAL, STATES, TRICITY, WORLD/by Demokratic Front Bureauआज गुरुद्वारा मंजी साहिब पिंजोर में शिरोमणि अकाली दल पंचकूला की ओर शिरोमणि गुरू द्वारा प्रबंधक कमेटी की बैठी हुई जिसमें शिरोमणि अकाली दल पंचकूला के जिलाध्यक्ष मलविंदर सिंह बेदी ने बताया कि 10 जनवरी को आ रहे श्री गुरु गोविंद सिंह जी महाराज के गुरुपरव के उपलक्ष में गुरूद्वारा नाढा साहब से सुबह 9 बजे हर वर्ष की तरह एक महान नगर कीर्तन शुरू होकर पंचकूला के विभिन्न क्षेत्रों से जैसे कि माजरी चौक सेक्टर 2 ,4 ,11,12,14,15,9,8,7 में से सैकड़ों गाडीयों के साथ गुजरता हुआ वापिस माजरी चौक से होता हुआ शाम को करीब 6:00 बजे गुरुद्वारा नाडा साहिब वापस पहुंचेगा इस नगर कीर्तन में जहाज से फूलों की वर्षा की जाएगी गतका पार्टियां अपना जौहर दिखाएगी फौजी बैंड ,ब्रास बैंड , कीर्तन शब्द की धूनी बजाएंगे रास्ते में विभिन्न मार्केटौं द्वारा प्रबंधक कमेटियों द्वारा धर्मशाला ओं ओर गुरुद्वारों द्वारा जगह-जगह पर लंगर लगाए जाएंगे लंगर की जगह को साफ करने के लिए विशेष तोर पर इंतजाम किया गया है नगर कीर्तन के साथ चिकित्सा के लिए एक एंबुलेंस भी चलेगी नगर कीर्तन में सेवादारों के साथ साथ हरियाणा ट्रैफिक पुलिस भी ट्रैफिक को नियंत्रण करने के लिए सहयोग करेगी नाढा साहब के हैड ग्रंथी ज्ञानी जगजीत सिंह ने कहा कि हमारी प्रेस के माध्यम से युवा वर्ग से विनती है कि वह मोटरसाइकिल के पटाखे न बजाऐ और ना ही किसी तरह का हुड़दंग मचाए नाढा साहब के मैनेजर भाई जागीर सिंह ने बताया कि यह नगर कीर्तन हरियाणा का सबसे बड़ा नगर कीर्तन है सभी धर्मों के श्रद्धालु इसमें हिस्सा लेते हैं और मेरी सभी ट्राई सिटी निवासीयों से अपील है कि नगर कीर्तन बढ चढ के हिस्सा लें गुरु गोविंद सिंह जी गुरपूर्व की शोभा बढ़ाएं ओर आशीर्वाद प्राप्त करें ।शिरोमणि अकाली दल पंचकूला के उप प्रधान दलजीत सिंह मरड ने बताया कि गुरुपरव के उपलक्ष्य में 13 जनवरी को गुरूद्वारा नाढा साहब को इम्पोर्ट के फूलों ओर लाईटों से सजाया जाएगा ।
Roadies in Panchkula when Demokraticfront.com met few contestants
/0 Comments/in CHANDIGARH, DELHI, HARYANA, HIMACHAL, LIFE STYLE, MAHARASHTRA, MOHALI, NATIONAL, NEW ZEALAND, PAGE 3, PANCHKULA, PUNJAB, RAJASTHAN, STATES, TRICITY, WORLD/by Demokratic Front BureauToday all roads were leading to Roadies at Indradhanush in Panchkula.
The day was shining with the hope from all around. Guys & Demsels from all around the northern region of India were in Panchkula. It was like as if who is not in Panchkula is not in North India.
The show was at its prime in side the ” Indradhanush” but a cub (Purnoor) was roaring outside looking wildly for her prey who on the other hand were having fire in their belly and ready to mingle at single tingle any where ‘That is Roadies’.
The first
Roadies in Panchkula
/0 Comments/in CHANDIGARH, DELHI, HARYANA, LIFE STYLE, MAHARASHTRA, MOHALI, NATIONAL, NEW ZEALAND, PAGE 3, PANCHKULA, RAJASTHAN, STATES, TRICITY, WORLD/by Demokratic Front BureauUpcoming Roadies are all set to take up the challenges with a bang on MTV in more Bigger and Bolder reality show. The show is meant to awaken the real hero from within through real life stories of courage and bravery and earned honour, says Ranvijay the host of the show
Ranvijay while talking to scribes here said,” from being a contestant and winner to a host to a winning gang leader and a host again. Roadies has come for a full circle for me. Yet every season throws up a new challenge and intrigues me more. This time, i m hoping to meet the same dynamic contestants who have ability to tackle what comes their way and surge ahead.”
Bold and beautiful poised and two times winner Neha Dhupia is in the township with her little fairy Mehar. This time also she is determined to clinch the title.
Real life warrior Sandeep Singh will lock horns with Prince Narula . Sandeep while talking to https://www.demokraticfront.com Sandeep said that he believes in tit for tat.
Singer Raftaar and seasoned Nikhil Chinnapa are here to spruce up the fight.
Roadies is too close to prince’s heart as it brings out the best physical and mental strenght this time he will emerge stronger than before.
Nikhil this time the idea is to level up the contest and see who crosses the line first.
ऐतिहासिक जीत पर टीम इंडिया को प्र्धंमंत्रिमोदी ने दी बधाई
/0 Comments/in CHANDIGARH, DELHI, HARYANA, NATIONAL, SPORTS, STATES, TRICITY, WORLD/by Demokratic Front Bureauसीरीज में तीन शतकों सहित कुल 521 रन बनाने वाले चेतेश्वर पुजारा मैन ऑफ द सीरीज रहे प्रधान मंत्री मोदी ने ट्वीट कर दिया बधाई संदेश
A historic cricketing accomplishment in Australia!
Congratulations to the Indian Cricket Team for the hard-fought and richly deserved series victory.
The series witnessed some memorable performances and solid teamwork.
Best wishes for the various games ahead.52.6K12:01 PM – Jan 7, 2019
लगातार दो दिन तक सिडनी का खराब मौसम भी उस स्याही को धो नहीं पाया, जिससे सोमवार को भारत के लिए इतिहास लिखा गया. बारिश के कारण मजबूत स्थिति होने के बावजूद भले ही भारत को सिडनी टेस्ट में ड्रॉ से संतोष करना पड़ा हो, लेकिन टीम के लिए सोमवार का दिन जश्न मनाने वाला रहा. ठीक 71 साल एक माह और 10 दिन साल कोई एशियन टीम ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीत पाई. विराट कोहली की अगुआई में भारत ने पहली बार ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज में जीत हासिल की.
सीरीज में तीन शतकों सहित कुल 521 रन बनाने वाले चेतेश्वर पुजारा मैन ऑफ द सीरीज रहे और इसके साथ ही वह ऑस्ट्रेलिया में मैन ऑस्ट्रेलिया द सीरीज बनने वाले भारत के पांचवें खिलाड़ी बन गए हैं.
‘विराट सीरीज’ जीत से चूकी टीम
चार टेस्ट मैचों की सीरीज भारत ने 2-1 से जीती. सिडनी टेस्ट में जीत के करीब होने के बावजूद टीम बड़ी जीत से चूक गई. 622 रन पर पहली पारी घोषित करने के बाद भारत ने मेजबान की पहली पारी को 300 रन पर ही रोक दिया और फॉलोऑन खेलने पर मजबूर कर दिया था. टीम के पास सीरीज जीत के अंतर को 31 करने का मौका था, लेकिन पांचवें दिन के खेल में बारिश के कारण एक भी गेंद नहीं फेंकी जा सकी और मैच को ड्रॉ घोषित कर दिय गया. सिडनी टेस्ट का चौथा दिन भी बारिश से प्रभावित रहा था और सिर्फ 25.2 ओवर का ही खेल हो सका था.
टीम इंडिया के लिए खास हैै सिडनी
वैसे सिडनी क्रिकेट ग्राउंड को सचिन क्रिकेट ग्राउंड भी कहा जाता है.सचिन की 2004 में यहां खेली गई नाबाद 241 रन की पारी तो सबको याद ही होगी. भारत के लिए सिडनी का यह ग्राउंड उनके किसी घरेलू मैदान से कतई कम नहीं है. सिडनी ने टीम ने अपने बेहतरीन बल्लेबाजी और आक्रामक गेंदबाजी से यह एक बार तो यह बता दिया था कि सिडनी में वह मेहमान नहीं हैं. एससीजी पर बनाया गया दूसरा सबसे बड़ा स्कोर है. भारतीय टीम ने इससे पहले 2004 में इसी मैदान पर सात विकेट पर 705 रन बनाकर अपनी पारी घोषित की थी. 622 रन भारत का ऑस्ट्रेलिया में ओवरऑल दूसरा सबसे बड़ा स्कोर भी है.
पुजारा चूके तो पंत ने लय हासिल की
चेतेश्वर पुजारा यहां विदेशी जमीं पर अपने दोहरे शतक के काफी करीब थे, लेकिन 193 रन ही बना सके. हालांकि विदेश में पुजारा का यह सर्वोच्च स्कोर बना.ससे पहले पुजारा का सर्वोच्च स्कोर 153 रन का था, जो उन्होंने 2013 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ और 2017 में श्रीलंका के खिलाफ बनाए थे. यही नहीं पुजारा इस श्रृंखला में 1200 से अधिक गेंदें खेल चुके हैं. राहुल द्रविड़ ने 2003-04 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 1203 गेंदें खेली थी, लेकिन अब यह रिकॉर्ड पुजारा के नाम पर है. सिडनी में खेली गई शतकीय पारी ना सिर्फ ऑस्ट्रेलिया में किसी भी भारतीय़ विकेटकीपर की पहली शतकीय पारी है बल्कि वह पहले ऐसे एशियाई विकेटकीपर बन गए जिनके बल्ले से इस धरती पर शतक निकला है. हालांकि कुमार संगकारा ने ऑस्ट्रेलिया में शतक जरूर जड़ा है लेकिन उस मैच में वह बतौर विकेटकीपर नहीं खेले थे.
पहले ही मैच में शामिल हो गए 5 विकेट क्लब में
ऑस्ट्रेलिया में भारतीय अटैक ने काफी प्रभावित किया. मेलबर्न टेस्ट की पहली पारी में जसप्रीत बुमराह ने 33 रन पर 6 विकेट लिए तो सिडनी में चाइनामैन कुलदीप यादव छाए रह. ऑस्ट्रेलिया की सरजमीं पर अपने पहले टेस्ट मैच में ही कुलदीप ने 5 विकेट झटक लिए. कुलदीप पिछले छह सालों में ऑस्ट्रेलिया में पांच विकेट लेने वाले पहले मेजबान स्पिन गेंदबाज भी हैं.
5 साल बाद 5 रोहङियाओं को वापिस भेजा
/0 Comments/in ARUNACHAL PRADESH, ASSAM, CHANDIGARH, DELHI, MANIPUR, MEGHALAYA, MIZORAM, NAGALAND, NATIONAL, SIKKIM, TRICITY, WEST BENGAL, WORLD/by Demokratic Front Bureauइन रोहिंग्याओं को बिना यात्रा दस्तावेज के पांच साल पहले पकड़ा गया था. इन पर विदेशी कानून का उल्लंघन करने का मामला दर्ज किया गया था.
गुवाहाटी: असम के तेज़पुर जेल में बंद एक रोहिंग्या परिवार के पांच सदस्यों को गुरुवार को म्यांमार वापस भेज दिया गया. अधिकारियों ने तीन महीने पहले भी सात अन्य लोगों को पड़ोसी देश वापस भेजा था. पुलिस ने यहां यह जानकारी दी.
असम के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (सीमा) भास्कर ज्योति महंत ने बताया कि इन लोगों को मणिपुर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर म्यांमार अधिकारियों को सौंप दिया गया. इन रोहिंग्याओं को बिना यात्रा दस्तावेज के पांच साल पहले पकड़ा गया था और इन पर विदेशी कानून का उल्लंघन करने का मामला दर्ज किया गया था. यह जेल की सजा पूरी करने के बाद तेजपुर हिरासत केंद्र में बंद थे.
बता दें कि फिलहाल असम के अलग -अलग जिला के डिटेंशन कैंपों में कुल 20 रोहिंग्या हैं, जिनके प्रत्यार्पण की प्रस्तुति भी सजा पूरी करने के बाद कर दी जाएगी. बिना दस्तावेज के मणिपुर के मोरे से यह रोहिंग्या असम में प्रवेश करते हैं. चूंकि पहले से ही संदिग्ध बांग्लादेशियों के रहने के मामले आलोक में हैं इसलिए रोहिंग्याओं को केवल उनके बोली से ही पहचाना जाता है.
फिलहाल असम बॉर्डर पुलिस के पास अवैध रूप से असम में घुसे और रोहिंग्याओं के कोई तथ्य नहीं हैं कारण ये असम को केवल भारत के अन्य हिस्सों में जाने का मार्ग के तौर पर इस्तेमाल करते हैं. भारत सरकार के तथ्य अनुसार फिलहाल भारत में 40 हज़ार रोहिंग्या अवैध रूप से रह रहे हैं. असम बॉर्डर पुलिस बिना कोताही बरते संदिग्ध रोहिंग्याओं की खोजबीन जगह-जगह पर कर रही है.
म्यांमार देश में बर्मी लोगों के बोलचाल और संस्कृति से बिल्कुल भिन्न रोहिंग्या मुसलमान होते हैं. ये बांग्लादेश से म्यांमार के रखाइन प्रान्त में बहुतायत में बताये जाते हैं. रख़ाइन में कई लोगों का मानना है कि बढ़ती आबादी की वजह से एक दिन वो उनके ज़मीन को हथिया लेंगे. म्यांमार के समाज और सेना को रोहिंग्याओं से अपनी संस्कृति और राजनैतिक क्षमता के जाने की चिंता सताती हैं. इसलिए इन्हें देश की सीमा से बहार खदेड़ देने की कोशिश की जाती है. इस लिए इन पर अमानवीय जुल्मो सितम भी ढहाये जाते हैं.
म्यांमार में बोली जाने वाली 135 आधिकारिक जातीय समूहों में रोहिंग्या मुसलमानों को गिना नहीं जाता है. म्यांमार के राष्ट्रवादी समूहों ने इस अवधारणा को प्रोत्साहित किया कि रोहिंग्या मुसलमान एक ख़तरा हैं, क्योंकि मुस्लिम पुरुषों की चार पत्नियां और कई बच्चे हो सकते हैं.
बता दें कि असम पहले से ही अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों के संकट से जूझ रहा है. ऐसे में रोहिंग्या संकट चाहे शरणार्थी के तौर पर ही हो, असम के लोग इन्हें शरण देने के पक्ष में नहीं हैं.
मिसाइलों का विज्ञान भारत के लिए नया नहीं है और यह हजारों वर्ष पहले भी मौजूद था: जी नागेश्वर राव
/0 Comments/in ANDHRA PRADESH, CHANDIGARH, DELHI, HARYANA, NATIONAL, POLITICS, PUNJAB, STATES, UTTAR PRADESH, WORLD/by Demokratic Front Bureauआंध्र विश्वविद्यालय के कुलपति ने कहा कि भगवान राम ने ‘अस्त्रों’ और ‘शस्त्रों’ का इस्तेमाल किया जो लक्ष्यों का पीछा करते थे और उसे भेदने के बाद वापस आते थे
जालंधर: आंध्र विश्वविद्यालय के कुलपति जी नागेश्वर राव ने शुक्रवार को भारतीय विज्ञान कांग्रेस में दावा किया कि कौरवों का जन्म स्टेम सेल और टेस्ट ट्यूब तकनीकों से हुआ था तथा भारत ने हजारों साल पहले ही इस ज्ञान को हासिल कर लिया था. राव ने एक प्रेजेंटेशन में कहा कि भगवान राम ने ‘अस्त्रों’ और ‘शस्त्रों’ का इस्तेमाल किया जो लक्ष्यों का पीछा करते थे और उसे भेदने के बाद वापस आते थे. कुलपति ने कहा कि इससे पता चलता है कि मिसाइलों का विज्ञान भारत के लिए नया नहीं है और यह हजारों वर्ष पहले भी मौजूद था.
उन्होंने कहा, ‘हर कोई हैरान होता है और किसी को भी विश्वास नहीं होता कि गंधारी ने कैसे 100 बच्चों को जन्म दे दिया. मनुष्य के तौर पर यह कैसे संभव है? क्या कोई महिला एक जीवन में 100 बच्चों को जन्म दे सकती है.’
उन्होंने कहा, ‘लेकिन अब हम मानते हैं हमारे टेस्ट ट्यूब से बच्चे होते हैं. एक बार फिर महाभारत में कहा गया कि 100 अंडों को निषेचित किया गया और 100 घड़ों में रखा गया. क्या वे टेस्ट ट्यूब शिशु नहीं थे? इस देश में स्टेम सेल शोध हजारों साल पहले हो गया था. आज हम स्टेम सेल शोध की बात करते हैं.’ राव ने कहा, ‘स्टेम सेल शोध और टेस्ट ट्यूब तकनीक के कारण एक मां से सैकड़ों कौरव हुए थे. यह कुछ हजारों साल पहले हुआ. यह इस देश में विज्ञान था.’
रावण के श्रीलंका में थे कई हवाई अड्डे
राव ने यह भी कहा कि रामायण में कहा गया है कि रावण के पास केवल पुष्पक विमान ही नहीं बल्कि विभिन्न आकार और क्षमताओं के 24 तरह के विमान थे. रावण के श्रीलंका में कई हवाईअड्डे थे और वह विभिन्न उद्देश्यों के लिए इन विमानों का इस्तेमाल करता था.
अफ़ग़ानिस्तान ने दिया ट्रंप को जवाब
/0 Comments/in CHANDIGARH, DELHI, NATIONAL, POLITICS, STATES, TRICITY, WORLD/by Demokratic Front Bureauअफगानिस्तान के एनएसए मोहिब ने अजित डोभाल से मुलाकात के दौरान अफगानिस्तान को मिल रही भारत की मदद की सराहना की. उन्होंने अफगानिस्तान में आर्थिक विकास और पुनर्निर्माण में भी भारत के योगदान को सराहा.
नई दिल्ली : अफगानिस्तान ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को उन्हीं के अंदाज में आइना दिखाया है. अफगानिस्तान ने कहा है कि उनके देश में शांति स्थापित करने में भारत का सबसे बड़ा योगदान है. दरअसल एक दिन पहले ही ट्रंप ने कथित रूप से कम मदद के लिए भारत पर चुटकी ली थी. इस पर अब अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हमदुल्लाह मोहिब ने जवाब दिया है. शुक्रवार को दिल्ली में एनएसए अजित डोभाल से मुलाकात की. उनकी ये मुलाकात हैदराबाद हाउस में हुई.
मोहिब ने अजित डोभाल से मुलाकात के दौरान अफगानिस्तान को मिल रही भारत की मदद की सराहना की. उन्होंने अफगानिस्तान में आर्थिक विकास और पुनर्निर्माण में भी भारत के योगदान को सराहा. मोहिब ने कहा, भारत के साथ बैठक अच्छी रही. अजित डोभाल के साथ बैठक में हमने क्षेत्र में शांति और स्थिरता पर बात की. इसके साथ ही अफगानिस्तान में शांति के प्रयासों को आगे बढ़ाने और अफगानिस्तान में सुरक्षा के मुद्दे पर भी बात की गई.
एनएसए अजित डोभाल ने कहा, भारत अफगानिस्तान में शांति और सुरक्षा में अपना सहयोग देता रहेगा. भारत कई बड़ी निर्माण परियोजनाओं को लागू कर रहा है, साथ ही अफगानिस्तान में लोगों की जरूरतों के मुताबिक सामुदायिक विकास कार्यक्रमों को लागू कर रहा है. उन्होंने कहा कि इस तरह का सहयोग देश को आर्थिक रूप से समृद्ध और स्थिर करने के लिए जारी रहेगा.
क्या कहा था ट्रंप ने…
अफगानिस्तान में एक ‘पुस्तकालय’’ का वित्त पोषण करने के लिए ट्रंप ने मोदी पर तंज कसा था और कहा था कि युद्ध से प्रभावित देश में इसका कोई मतलब नहीं है. साथ ही उन्होंने उस देश की सुरक्षा के लिए पर्याप्त काम नहीं करने को लेकर भारत एवं अन्य देशों की आलोचना की थी.
नये साल में बुधवार को कैबिनेट की पहली बैठक में ट्रंप ने भारत, रूस, पाकिस्तान और अन्य पड़ोसी देशों से कहा था कि अफगानिस्तान की सुरक्षा की जिम्मेदारी लें.
ट्रंप ने कहा,‘‘मैं आपको मेरे, भारत और प्रधानमंत्री मोदी के साथ अच्छे तालमेल का एक उदाहरण दे सकता हूं, लेकिन वह लगातार मुझे बता रहे हैं कि उन्होंने अफगानिस्तान में पुस्तकालय बनवाया. पुस्कालय.’
कांग्रेस अब मुसलमानों का नहीं बल्कि सेकंड लरजेस्ट मेजोरिटी का तुष्टीकरण करेगी
/0 Comments/in ANDHRA PRADESH, ARUNACHAL PRADESH, CHANDIGARH, DELHI, KERELA, TRICITY, WORLD/by Demokratic Front Bureauकांग्रेस का 2019 का घोषणापत्र तैयार हो रहा है. इस बार कांग्रेस जनता से रूबरू है. कांग्रेस के नेता शहर और कस्बों में जाकर लोगों से राय मशविरा कर रहे हैं. इस संवाद की महत्वपूर्ण बातें कांग्रेस के मेनिफेस्टो में नजर आ सकती हैं. कांग्रेस में ये प्रक्रिया पहली बार अपनाई गई है.
इस सिलसिले में अल्पसंख्यक वर्ग से बातचीत का दायरा बढ़ाया गया है, जिसमें राहुल गांधी के करीबी सचिन राव और सलमान खुर्शीद इस वर्ग से बातचीत कर रहे हैं, जिसमें कई प्रमुख बातें निकलकर आ रही हैं. मुस्लिम वर्ग की तरफ से कांग्रेस को कई सुझाव दिए जा रहे हैं. इस वार्ता में मुस्लिम बुद्धिजीवी वर्ग को बुलाया जा रहा है. इस कार्यक्रम के सूत्रधार सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट फुज़ैल अहमद अय्यूबी का कहना है कि डॉयलाग और डिस्कशन से ही रिजल्ट निकल सकता है. पहली बार कांग्रेस ड्राइंग रूम से निकलकर लोगों की राय जानने की कोशिश कर रही है.
ये अच्छी पहल है, जिसके नतीजे सकारात्मक हो सकते हैं. वहीं पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कांग्रेस को समर्थन करने की अपील की है.
ना ले मुसलमान का नाम
दिल्ली में हुई इस बैठक में कई लोगों ने सुझाव दिया कि इन चुनाव में मुसलमान का नाम ही ना लिया जाए तो बेहतर है बल्कि सेकेंड लार्जेस्ट मेजॉरिटी कहा जाए तो ज्यादा अच्छा है. ऐसे लोगों का डर है कि जैसे कांग्रेस मुसलमान का नाम लेती है, वैसे बीजेपी ध्रुवीकरण का खेल शुरू कर लेती है. कई लोगों की राय थी कि कांग्रेस सिर्फ देश के संविधान की बात करे, जिसमें सभी लोगों को समान अधिकार दिया गया है. संविधान में जो अल्पसंख्यक को अधिकार दिया गया है वही काफी है. ऐसे लोगों की तादाद ज्यादा थी, जो मुसलमान के हक की बात कर रहे है.
कांग्रेस उचित दूरी ना बनाए
इस बैठक में शामिल कई लोग ये कह रहे हैं कि कांग्रेस डर गई है. बीजेपी के हिंदुत्व के जवाब में सॉफ्ट हिंदुत्व की लाइन पर चल रही है. कांग्रेस को बीजेपी के हिंदुत्व का जवाब अपनी पार्टी की विचारधारा के आधार पर देना चाहिए, ना कि सॉफ्ट हिंदुत्व की लाइन पर चलना चाहिए.
पूर्व सांसद मोहम्मद अदीब ने कहा कि कांग्रेस मुसलमान से उचित दूरी ना बनाए क्योंकि फिर मुसलमान क्या करेगा? कांग्रेस को इस माहौल में डटकर खड़ा होना चाहिए कि कांग्रेस सिर्फ सुरक्षा का वायदा करे क्योंकि मुल्क के हालात बदल गए हैं. मुसलमान को अपनी देशभक्ति साबित करने के लिए रोजाना कहा जा रहा है इसलिए कांग्रेस को बीजेपी के विरोध की राजनीति करनी चाहिए ऐसा नहीं दिखना चाहिए कि कांग्रेस बीजेपी की बी टीम बनती जा रही है.
दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व सदर कमाल फारूकी ने सवाल किया कि यहां सभी तबके के लोगों को क्यों नहीं बुलाया गया है? जिससे ये पता चल सके कि मुस्लिम क्या सोचता है उसकी राय क्या है? जिससे इस डायलॉग का बेहतर नतीजा निकल सकता है. हालांकि इसकी सफाई में कहा गया कि पंजाब और कश्मीर में भी इस तरह का कार्यक्रम किया जा रहा है.
मॉब लिंचिंग पर सख्त कानून
मॉब लिंचिंग की वजह से लोग दहशत में है. इसलिए ऐसा कानून बनना चाहिए कि इस तरह के लोगों पर काबू किया जा सकता है. लिंचिंग पर कानून इस तरह बनना चाहिए कि हर समुदाय पर लागू हो सकता है. भीड़ तंत्र का इंसाफ भयावह होता जा रहा है. इसलिए ये सुझाव दिया गया कि लिंचिंग की वारदात के बाद फौरन एनएसए और मकोका को फौरन लगाया जाए, ये अमल जिला प्रशासन पर ना छोड़ा जाए. जो राजनीतिक दबाव में आ सकता है. ज़ाहिर है कि जैसे ही इस तरह की घटना हो वैसे ही सभी मुल्जिमों को इस कानून के दायरे में कार्रवाई होनी चाहिए.
सच्चर कमेटी पर विरोधाभासी राय
मुसलमानों की हालात पर बनी सच्चर कमेटी पर लोगों की राय अलग थी. कुछ लोगों का कहना था कि सच्चर कमेटी का नाम लेते ही बीजेपी का राग शुरू हो जाता है. ऐसे में सच्चर का नाम न ही लेना बेहतर है बल्कि सच्चर कमेटी की सिफारिश में से कई बात निकालकर मेनिफेस्टो में डाला जा सकता है. जैसे आवासीय विद्यालय, कई लोगों का कहना था कि नवोदय की तर्ज पर बने आवासीय विद्यालय से पढ़े बच्चे कौम की जाहलियत को दूर करने में मदद कर सकते हैं. हालांकि रिजर्वेशन की बात भी उठाई गई है लेकिन इसका स्वरूप स्पष्ट नहीं है.
राजनीतिक हिस्सेदारी की कमी
कांग्रेस पार्टी से सीधे सवाल पूछा गया कि आखिर राजनीति में हिस्सेदारी क्यों कम है? कांग्रेस ज्यादा लोगों को टिकट क्यों नहीं दे रही है. ये सवाल भी उठाया गया कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने सिर्फ तीन टिकट दिए, जिसमें दो जीतकर आए, वहीं राजस्थान में सात लोग जीते. टिकट देने में बीजेपी से थोड़ा बेहतर ही कांग्रेस है. कांग्रेस ज्यादा मुस्लिम को टिकट देगी तो ज्यादा लोग संसद में जा सकते है.
क्या करेगी कांग्रेस?
कांग्रेस अभी सबसे मुश्किल दौर से गुजर रही है. बीजेपी के हिंदुत्व और राष्ट्रवाद से मुकाबला है. कांग्रेस के नेता राहुल गांधी सॉफ्ट हिंदुत्व पर अपनी लाइन खींच रहे हैं लेकिन बीजेपी से मुकाबला करना मुश्किल है. प्रधानमंत्री के हालिया बयान में राम मंदिर/अयोध्या विवाद पर कांग्रेस को आड़े हाथ लिया है. कांग्रेस पर आरोप लगाया कि इस मसले पर देरी कांग्रेस की वजह से हो रही है, जिससे कांग्रेस को जवाब देना मुश्किल है. कांग्रेस के लिए इस माहौल में इस तरह के इमोटिव मुद्दों पर बीच का स्टैंड ही सूट करता है. यही कांग्रेस की मुश्किल है. इस तरह के मसले पर कांग्रेस न इधर दिखाई दे सकती है ना ही उधर दिखाई दे सकती है. बीजेपी कांग्रेस की इस मुश्किल का फायदा उठाती है.
2019 की लड़ाई
आम चुनाव का काउंटडाउन शुरू हो गया है. सभी दल अपने हिसाब से भूमिका बांध रहे हैं. राजनीतिक खेमेबंदी भी शुरू हो गई है. प्रधानमंत्री के इंटरव्यू से साफ हो गया है कि बीजेपी अपने कोर वोट के साथ को साधना चाहती है. इसके साथ बीजेपी के विरोध में मुखर हो रहे तबकों को भी साथ लेकर चलने की तैयारी कर रही है. बीजेपी इस वर्ग की तरफ हाथ बढ़ा रही है, जिससे कांग्रेस फिक्रमंद हो रही है. कांग्रेस की विडंबना है कि रीजनल पार्टियों ने अल्पसंख्यक वोट में सेंध लगा रखी है. ये सेंध भी 1992 के बाद लगी है. ये वोट कांग्रेस के पास वापिस नहीं आ पा रहा है. ये मेनिफेस्टो मीट इस आबादी को विश्वास में लेने की कवायद है, जिसकी कामयाबी पर कांग्रेस का भविष्य टिका है.
Are you a Victim of NPD
/0 Comments/in Abhivyakti, CHANDIGARH, DELHI, HARYANA, LIFE STYLE, NATIONAL, OPINION, PUNJAB, RAJASTHAN, STATES, TRICITY, WORLD/by Demokratic Front BureauRashi is a manager with a HR company. Having superiority complex and considers her to above the rules sometimes.Her coworkers who once admired and respected her have come to realize that she isn’t the person they believed her to be. The drastic change in her personality has left many of them wondering, “What happened to the old Rashi?” Where’s the charming, fun loving, charismatic, and intelligent person they first met? She has been replaced with an egotistical, controlling, uncompassionate, and haughty person.
Rashi didn’t realize that she had a mental disorder until she experienced severe depression. While attending talk therapy, her psychiatrist diagnosed her with narcissistic personality disorder (NPD).
What’s NPD?
narcissistic personality disorder (NPD)
More prevalent in men and affecting up to 6.2% of the population, NPD is a personality disorder in which an individual literally believes the world revolves around them. A person with NPD has an inflated sense of their own importance, demonstrates a lack of ability to empathize with others, and a strong desire to keep the focus solely on themself at all times. They appear to be extremely confident in front of others, but in reality possess very low self-esteem.
A person with NPD comes across as conceited, boastful, and pretentious. This person usually monopolizes most conversations and acts in a condescending manner toward others who they perceive to be inferior. They can’t handle or accept any type of criticism. If they’re criticized, they retaliate by acting out with rage or contempt. This person is obsessed with having “the best” of all things, such as clothes, cars, houses, office space, and medical care. They’re very easily hurt and refuse to take responsibility for their flaws or failures.
The person with NPD wants others to believe that they possess natural leadership qualities that far exceed anyone else’s and they’re needed for others’ success. Due to an overwhelming sense of insecurity, the person is often threatened by others’ achievements. When in conversation, this person constantly interrupts, interjecting their own opinions and refusing to listen to or accept anyone else’s.
NPD causes the affected person to behave in socially distressing ways; therefore, they find it difficult to maintain long-lasting relationships with others. Relationships are often short-lived and rocky; the person with NPD doesn’t desire friendship or derive enjoyment from being with other people who may perceive them as aloof, odd, or strange. This makes it difficult for people to form positive relationships with an individual with NPD. Because they may have never experienced positive interaction with others, the person with NPD lacks important social skills that are needed to form comfortable, normal relationships with others. For this reason, attempting to form friendships becomes uncomfortable and awkward, resulting in isolation. Any time they feel the least bit ignored by a friend or coworker, they’ll sever ties with that person and cut him or her out of their life entirely.
Although the exact cause of NPD is unknown, many psychologists believe that it’s caused by a combination of genetic and social factors. Most research points to how children are raised affecting their chances of developing NPD. For example, if parents shower their child with endless praise and ego inflating, the child will have an increased risk of developing NPD. Interestingly enough, the opposite can also be true. Children who are abused or disregarded may develop NPD because they feel that no one else cares and they must look out for themselves.
NPD may also be linked to genetics or psychobiology. This involves the connection between the brain and behavior/thinking. Biologically, individuals with NPD are believed to have a smaller right supramarginal gyrus—the area of the brain responsible for empathy. Psychologically, they lack the ability to exhibit a self-image other than one of exaggerated positive qualities (idealization) and are unable to cope with negative qualities in themselves (devaluation). Individuals with NPD are often excessively emotionally sensitive.
insists on special favors and unquestioning compliance with their expectations
thinks about themself most of the time and talks about themself excessively
insists on being provided with constant attention
sense of entitlement
achievements and talents are exaggerated
lets others believe they’re special
lets their feelings of jealously toward others consume them and believes others envy them
arrogant personality
being preoccupied with fantasies about success, power, brilliance, or beauty
other people’s feelings and needs are ignored and go unrecognized
unrealistic goals
takes advantage of others to get what they want
manner is haughty in nature
exaggerated sense of self-importance.
In addition, the mnemonic RED FLAGS can be used to identify the warning signs of NPD:
relaxing around them is impossible
exaggerates personal achievements while minimizing others’
frequently complains that whatever others do, it isn’t “good enough”
lies and excuses abound
always assumes they’re more knowledgeable than others
goes into a rage or sulks when they don’t get their way
sees themselves as “perfect” and wants others to see them that way, too.
If you recognize these red flags, you may be in contact with someone with NPD. Working or living with a person with NPD can leave you feeling exhausted and drained, especially when you try to explain your feelings or points of view to them and they tell you to “shut up” or walk away and refuse to listen to you. You may even be shocked when you try to challenge their points of view, lies, or distortions and they respond with vitriolic theatrics and threats. Those who regularly interact with a person with NPD will exhaust themselves looking for a reason behind it all, when in reality the fault isn’t theirs.
Most individuals with NPD remain undiagnosed because they don’t feel that anything is “wrong” with them; therefore, they rarely seek psychiatric help. Often, the person with NPD seeks treatment for a coexisting psychiatric disorder such as depression.
The diagnosis of NPD is often made by performing a thorough psychological exam, evaluating the signs and symptoms, and performing a physical exam to ensure that the issue isn’t stemming from a physical cause such as traumatic brain injury. The psychological exam focuses on standardized questions pertaining to childhood, relationships, and goals to identify long-term patterns of thinking, feelings, and other behaviors demonstrating how the person with NPD interacts with other people.
Psychiatrists will utilize the Diagnostic and Statistical Manual of Mental Disorders (DSM) to help construct the diagnosis. According to the DSM-V, a diagnosis of NPD is determined by the presence of the following criteria:
Impairments in self-functioning (must include one or both):
—excessive reference to others for self-definition and self-esteem regulation; exaggerated self-appraisal may be inflated or deflated, or waver between extremes; emotional control mirrors fluctuations in self-esteem
—goal-setting is centered on gaining approval from others; personal standards are unreasonably high in order to see oneself as exceptional, or too low based on a sense of entitlement; often unaware of own motivations.
Impairments in interpersonal functioning (must include one or both):
—impaired ability to recognize or identify with the feelings and needs of others; excessively attuned to reactions of others, but only if perceived as relevant to self; over- or underestimate of own effect on others
—relationships mainly superficial and exist to serve self-esteem regulation; mutuality constrained by little genuine interest in others’ experiences and predominance of a need for personal gain.
Pathologic personality traits:
—grandiosity
—attention seeking.
In addition to the DSM-V, many professionals use the Narcissistic Personality Inventory to help diagnosis NPD. This 40-question test measures traits that may be indicative of NPD, such as how much attention and power someone craves. Statements include, “I like to be the center of attention,” “If I ruled the world, it would be a better place,” and “I will never be satisfied until I get all that I deserve.” The patient responds to these statements and the results are tallied. A score of above 20 is suggestive of NPD.
Tricky treatment
Treatment for NPD is centered on psychotherapy, also known as talk therapy. Psychotherapy helps the patient understand the cause of the disorder and focuses on learning how to establish healthy, meaningful relationships with others. It’s important to note that personality traits are extremely difficult to change; therefore, therapy may take several years.
Psychotherapy seeks to help the person with NPD in several ways, including:
understanding the causes of their emotions and what it is that drives them to compete in such a ruthless way
understanding why they distrust others so vehemently
accepting responsibility for their actions and learning to release their desire for unattainable goals and accept what’s attainable
recognizing and accepting their actual competency and potential so that they can tolerate criticisms and failures
maintaining real personal relationships, friendships, and collaboration with coworkers.
There are no medications specifically for the treatment of NPD. However, individuals with NPD often benefit from the use of psychiatric medications to help alleviate depression, anxiety, mood lability, and poor impulse control. Medications that may be prescribed include antidepressants (citalopram), antipsychotics (risperidone), and mood stabilizers (lamotrigine).
The person with NPD typically only seeks treatment when they become completely desperate. If there’s an event (a trigger) that threatens their status, such as a major defeat or rejection, they may be motivated to seek therapy. However, after they start feeling better or the threat is gone, they may forego therapy and resume their behaviour.
What can you do?
As a nurse, you’ll most likely come into contact with patients with NPD. These are often difficult patients who aren’t likely to be socially cooperative. You must use your therapeutic communication and self-awareness skills when interacting with patients with NPD. Understanding that the patient truly doesn’t see themself at fault may help you sympathize with their behavior.
Set goals for yourself to help you care for the patient. These goals should include:
- developing a relationship with the patient based on empathy and trust while also maintaining appropriate boundaries
- ensuring care responsibilities are appropriately addressed
- encouraging effective and functional coping and problem-solving skills in a way that’s empowering to the patient
- promoting the patient’s development of and engagement with their support network
- ensuring collaboration and communication with other members of the interprofessional team for consistency in treatment and approach
- supporting and promoting self-care activities for the patient’s family and caregivers.increase the ability to understand and regulate their feelings
- learn to relate better to others
- omit feelings of superiority and arrogance
- vacate feelings of distrust and envy
- elevate the ability to establish long-lasting relationships
- understand the causes of the disorder and its impact on their self-esteem.
If the patient is unable to attain these goals or doesn’t adhere to the treatment plan, focus on the rewards of treatment. Teach the patient relaxation and stress management techniques, such as meditation. It’s important to keep an open mind and not give up.
Much needed help
Because the cause of NPD is unknown, there’s no proven way to prevent this condition. Unfortunately, individuals with NPD have a higher rate of substance abuse (alcohol/drugs), depression, and difficulty dealing with people in all life aspects. They may also express suicidal thoughts or behaviors at some point during their lifetime. Because the person with NPD believes “I’m okay and everybody else isn’t okay,” seeking treatment is rare. Some wait until things are so bad they need to be hospitalized. Although there’s no cure for NPD, psychotherapy can help. However, the patient must be willing to seek treatment and learn how to relate to others in a more positive way. This depends largely on their acceptance of constructive criticism and how much they’re willing to change.
Insists on special favors and unquestioning compliance with their expectations
Thinks about themself most of the time and talks about themself excessively
Insists on being provided with constant attention
Sense of entitlement
Achievements and talents are exaggerated
Lets others believe they’re special
Lets their feelings of jealously toward others consume them and believes others envy them
Arrogant personality
Being preoccupied with fantasies about success, power, brilliance, or beauty
Other people’s feelings and needs are ignored and go unrecognized
Unrealistic goals
Takes advantage of others to get what they want
Manner is haughty in nature
Exaggerated sense of self-importance
Relaxing around them is impossible
Exaggerates personal achievements while minimizing others’
Frequently complains that whatever others do, it isn’t “good enough”
Lies and excuses abound
Always assumes they’re more knowledgeable than others
Goes into a rage or sulks when they don’t get their way
Sees themself as “perfect” and wants others to see them that way, too
NPD derives its name from a Greek myth in which a handsome young man named Narcissus sees his own reflection in a pool of water and falls in love with it.
To remember the goals of treatment, think I LOVE U.
Increase the ability to understand and regulate their feelings
Learn to relate better to others
Omit feelings of superiority and arrogance
Vacate feelings of distrust and envy
Elevate the ability to establish long-lasting relationships
Understand the causes of the disorder and its impact on their self-esteem
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