“हवाई प्रहार” के बाद पाकिस्तान पर भारत का “जल प्रहार”

पाकिस्तान जाने वाली नदियों के पानी से पंजाब और राजस्थान में होगी सिंचाई

पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ भारत की कार्रवाई लगातार जारी है. बालाकोट में आतंकी कैम्पों में हवाई हमले, पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस लेने के बाद अब भारत ने पाकिस्तान पर पानी से प्रहार किया है. भारत ने पाकिस्तान जाने वाली नदियों का पानी रोकने का ऐलान किया हैं. केंद्रीय जल संसाधन राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल ने कहा कि पाकिस्तान की ओर जाने वाली तीन नदियों का पानी भारत ने रोक दिया है.


a file foto of arjun meghval

राजस्थान में बीकानेर पहुंचे केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल मेघवाल ने बताया कि पाकिस्तान में बहने वाली पूर्वी नदियों के 0.53 मिलियन एकड़ फीट पानी को रोक दिया गया है और इसे संग्रहित किया गया है. जब भी राजस्थान या पंजाब को इसकी जरूरत होगी, उस पानी का उपयोग पीने और सिंचाई के लिए किया जा सकता है.

14 फरवरी को पुलवामा अटैक के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है. इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान मारे गए थे. हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी. इसके बाद भारत ने पाकिस्तान की ओर जाने वाली तीन नदियों ब्यास, रावी और सतलज का अपने हिस्से का पानी रोकने की बात कही थी.

पुलवामा हमले के बाद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा की थी कि सिंधु समझौते के तहत भारत अपने हिस्से का पानी पाकिस्तान जाने से रोक देगा. केंद्र सरकार का यह कदम 1960 की सिंधु जल संधि का उल्लंघन नहीं करता है, क्योंकि भारत ने केवल अपने हिस्से के पानी को रोका है. भारत अपने हिस्से के पानी का उपयोग करने का हकदार है.

भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में सिंधु जल समझौता हुआ था. यह समझौता पूर्व की ओर बहने वाली नदियों- ब्यास, रावी और सतलज के पानी के प्रयोग के लिए हुआ है. इस समझौते के तहत भारत को 3.3 करोड़ एकड़ फीट (एमएएफ) पानी मिला है, जबकि पाकिस्तान को 80 एमएएफ पानी दिया गया है. यहां इस बात पर विवाद है कि इस संधि के तहत पाकिस्तान को भारत से अधिक पानी मिलता है, जिससे यहां सिंचाई में भी इस पानी का सीमित उपयोग हो पाता है. केवल बिजली उत्पादन में इसका अबाधित उपयोग होता है. साथ ही भारत पर परियोजनाओं के निर्माण के लिए भी सटीक नियम बनाए गए हैं.

सीमा पार से आई याचिका ने टाला फैसला

सारिका तिवारी, पंचकुला
11 मार्च 2019

देश में आम चुनावों के ऐलान के साथ ही बने राजनीतिक माहौल के बीच सोमवार को हरियाणा के पंचकूला की स्पेशल एनआईए कोर्ट समझौता ब्लास्ट केस मामले में फैसला सुनाना था लेकिन इसे 14 मार्च तक के लिए टाल दिया गया है.

इस केस में फाइनल बहस पूरी हो चुकी है और कोर्ट ने अपना फैसला 11 मार्च, सोमवार के लिए सुरक्षित रख लिया था. सुनवाई के लिए सोमवार को मामले के आरोपी असीमानंद, कमल चौहान, लोकेश शर्मा और राजिंदर चौधरी पूंचकूला कोर्ट में पहुंच गए. कोर्ट के बाहर आरोपियों के समर्थकों ने भारत माता की जय के नारे लगाए.

एनआईए ने मामले में कुल 224 गवाह पेश किए जबकि बचाव पक्ष ने अपनी सफाई में कोई भी गवाह पेश नहीं किया, दूसरी ओर एनआईए द्वारा बार बार पाकिस्तान सम्मन भेजने के बावजूद वहाँ से कोई भी गवाह पेश नहीं हुआ, परंतु अब मोमिन मालिक जो अधिवक्ता हैं ने पाकिस्तानी महिला, राहिला एल वकील जिसके पिता कि इस ब्लास्ट में मृत्यु हो गयी थी की ओर से याचिका दायर की कि उसे कोई भी सम्मन नहीं मिला इस यचिका ने बहर हाल फैसले को टाल दिया है और मामले को फिर से सुनवाई कि स्थिति में ला दिया हैसूत्रों के अनुसार एक गैर सरकारी संगठन कि मदद से मोमिन खान ने या याचिका दायर कि है। अब देखना यह है कि क्या यह गैर सरकारी सगठन किसी राजनैतिक दल से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संबन्धित है या नहीं, और पिछले 12 साल से राहिला को सम्झौता ब्लास्ट कि कोई खबर नहीं मिली और अब जबकि फैसला सुनाया जाना था तो कथित एनजीओ और राहिला की नींद कैसे खुली, क्या यह महज़ इत्तिफाक़ है या किसी राजनैतिक दल का दांव

समझौता एक्सप्रेस ट्रेन में 18 फरवरी 2007 को पानीपत के पास धमाका हुआ, इसमें 68 की मौत हुई थी एनआइए ने कुल 224 गवाहों को पेश किया, जबकि बचाव पक्ष ने कोई गवाह नहीं पेश किया, 6 मार्च को इस केस की सुनवाई पूरी हुई

पानीपत के दीवाना स्टेशन के नजदीक 12 साल पहले हुए समझौता ट्रेन ब्लास्ट मामले में पंचकूला की विशेष एनआईए कोर्ट सोमवार को अपना फैसला सुना सकती है।6 मार्च को इस केस की सुनवाई पूरी हो गई थी। मामले में मुख्य आरोपी स्वामी असीमानंद, लोकेश शर्मा, कमल चौहान और राजिंद्र चौधरी है। हालांकि कुल 8 आरोपी थे, जिनमें से 1 की मौत हो चुकी है, जबकि तीन को भगोड़ा घोषित किया जा चुकाहै।

दिल्ली से लाहौर जा रही समझौता एक्सप्रेस ट्रेन में 18 फरवरी 2007 को पानीपत के दीवाना रेलवे स्टेशन के पास धमाका हुआ था। इस धमाके में दो बोगियों में आग लग गई थी, जिसमें 68 लोग जिंदा जल गए थे। मरने वालों में ज्यादातार पाकिस्तान के रहने वाले थे।

पुलिस को घटनास्थल से दो सूटकेस बम मिले, जो फट नहीं पाए थे। 20 फरवरी, 2007 को प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों के आधार पर पुलिस ने दो संदिग्धों के स्केच जारी किए। ऐसा कहा गया कि ये दोनों लोग ट्रेन में दिल्ली से सवार हुए थे और रास्ते में कहीं उतर गए। इसके बाद धमाका हुआ।

यह भी पढ़ें: कौन है समझौता ब्लास्ट को हिन्दू आतंकवाद से जोड़ने की खौफनाक साजिश के पीछे

15 मार्च 2007 को हरियाणा पुलिस ने इंदौर से दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया। यह इन धमाकों के सिलसिले में की गई पहली गिरफ्तारी थी। पुलिस इन तक सूटकेस के कवर के सहारे पहुंच पाई थी। ये कवर इंदौर के एक बाजार से घटना के चंद दिनों पहले ही खरीदे गए थे।

26 जुलाई 2010 को मामला एनआइए को सौंपा गया था। इसके बाद स्वामी असीमानंद को मामले में आरोपी बनाया गया। एनआइए ने 26 जून 2011 को पांच लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। पहली चार्जशीट में नाबा कुमार उर्फ स्वामी असीमानंद, सुनील जोशी, रामचंद्र कालसंग्रा, संदीप डांगे और लोकेश शर्मा का नाम था। आरोपियों पर आईपीसी की धारा (120 रीड विद 302) 120बी साजिश रचने के साथ 302 हत्या, 307 हत्या की कोशिश करना समेत, विस्फोटक पदार्थ लाने, रेलवे को हुए नुकसान को लेकर कई धाराएं लगाई गई।

एनआइए ने मामले में कुल 224 गवाहों को पेश किया, जबकि बचाव पक्ष ने कोई गवाह नहीं पेश किया। केवल अपने दस्तावेज और कई फैसलों की कॉपी ही कोर्ट में पेश की। इस मामले में कोर्ट की ओर से पाकिस्तानी गवाहों को पेश होने के लिए कई बार मौका दिया गया, लेकिन वह एक बार भी कोर्ट में नहीं आए।

आईएसआई का गहरा नाता है जमात-ए-इस्लामी के साथ

नई दिल्ली : हाल में प्रतिबंधित और जम्मू कश्मीर में सक्रिय संगठन जमात-ए-इस्लामी जम्मू कश्मीर का पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ गहरा संपर्क बना हुआ था और वे लोग नई दिल्ली में कार्यरत पाकिस्तान के उच्चायोग के साथ सतत संपर्क बनाये हुये थे ताकि वे राज्य में पृथकतावाद को बढ़ावा दे सके. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. हुर्रियत कांफ्रेंस में जमात-ए-इस्लामी के सबसे अहम सदस्य सैयद अली शाह जिलानी हैं. एक वक्त में प्रतिबंधित संगठन उन्हें जम्मू कश्मीर के ’अमीर-ए-जिहाद’ (जिहाद के प्रमुख) कहता था. 

एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी कि इस संगठन ने पाकिस्तान की इंटर सर्विसेज इंटेलीजेंस (आईएसआई) के साथ गहरे ताल्लुकात बना लिये थे ताकि वह कश्मीरी युवाओं को हथियार उपलब्ध कराने, प्रशिक्षण देने और शस्त्र आपूर्ति के लिए साजोसामान मुहैया करा सके. उसके नेता पाकिस्तान के नयी दिल्ली स्थित उच्चायोग में संपर्क बनाये हुये थे. 
खुफिया सूत्रों के अनुसार, जमात-ए-इस्लामी अपने स्कूलों के नेटवर्क का इस्तेमाल कश्मीर घाटी के बच्चों में भारत विरोधी भावनाएं भरने और फैलाने का काम करती थी. वह अपने संगठन की छात्र शाखा (जमीयत-उल-तुल्बा) के सदस्यों को ‘जिहाद’ करने के लिए आतंकी संगठनों में जाने के लिए प्रोत्साहित करती थी. 

हूरियत और हिजबूल मुजाहिद्दीन के पीछे जमात-ए-इस्लामी का ही दिमाग है

अधिकारी ने बताया कि यह चौंकाने वाली बात नहीं है कि घाटी में आतंकवाद के ढांचे का जमात के कट्टर कार्यकर्ताओं के साथ गहरा संबंध दिखता है. 

इस संगठन से जुड़े कई ट्रस्ट हैं जो पुरातनपंथी इस्लामी शिक्षा को फैलाने के लिए स्कूल चलाते हैं. इसकी एक युवा शाखा है और वह अपनी दक्षिणरपंथी विचारधारा फैलाने के लिए कई तरह के प्रकाशन भी करती है. यह संगठन 1945 में जमात-ए-इस्लामी हिंद के एक हिस्से के तौर पर बनाया गया और राजनीतिक विचारधारा में आये मतभेदों के चलते 1953 में यह संगठन उससे अलग हो गया. यह चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने का विरोध करती है और विधि द्वारा के स्थापित सरकार को अस्थिर करने की कोशिश करती है.

जमात पाकिस्तान से संचालित हिज्बुल मुजाहिदीन के डर का इस्तेमाल करती थी और अपने सदस्यों और ट्रस्ट के पैसों की मदद से काम काज चलाती थी ताकि जमीनी स्तर पर उसकी पकड़ बनी रहे. इससे वह कश्मीर घाटी में आतंकी संगठनों को लिए उर्वर जमीन मुहैया कराती थी और उनकी मदद के लिए प्रोत्साहन देने, नयी भर्तियां, आश्रय और छिपने की जगह और कूरियर वगैरह का काम करती थी. 

एक अन्य अधिकारी ने बताया कि जमात के कट्टरपंथी पृथकतावादी तत्वों के अग्रिम मोर्चे की तरह काम करते थे और ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस के गठन और साथ ही हिज्बुल मुजाहिदीन के पीछे उनका ही दिमाग था. इसके अलावा ये कट्टरपंथी आतंकी समूहों के साथ मिलकर पृथकतावादी गतिविधियों को बढ़ावा देने का काम भी करते थे. 

इसके तार विदेशों में भी फैले हुये थे जहां से ये पैसों का इंतजाम भी करती थी. इसके रिश्ते जमात-ए-इस्लामी पाकिस्तान, जमात-ए-इस्लामी पीओके, जमात-ए-इस्लामी बांग्लादेश के साथ थे. यह घाटी में धार्मिक वैमनस्य भी फैलाती थी ताकि इस्लाम धर्म के उदारवादी पंथों के साथ तनाव उत्पन्न हो सके. 

केंद्र सरकार ने 28 फरवरी को इस संगठन को प्रतिबंधित कर दिया था. पर इससे पहले इस संगठन को दो बार प्रतिबंधित किया जा चुका है. पहली बार 1975 में राज्य सरकार ने दो साल के लिए और दूसरी बार 1990 केंद्र सरकार ने तीन साल के लिए प्रतिबंध किया था.

पीएनबी का घोटालेबाज नीरव मोदी लंदन में ही है

नई दिल्ली: विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि सरकार दो अरब डॉलर के पीएनबी धोखाधड़ी मामले के आरोपी हीरा कारोबारी नीरव मोदी को ब्रिटेन से प्रत्यर्पित कराने के लिए हरसंभव कदम उठा रही है. मंत्रालय ने कहा कि ब्रिटेन को किया गया प्रत्यर्पण अनुरोध दिखाता है कि भारत को पता है कि नीरव उस देश में है. मंत्रालय ने यह भी कहा कि ब्रिटेन नीरव को प्रत्यर्पित करने के भारत के अनुरोध पर विचार कर रहा है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा,‘हमने ब्रिटेन की सरकार से नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के लिए अनुरोध किया, इसका अर्थ हुआ कि हमें यह पता है कि वह ब्रिटेन में है, अन्यथा हमने अनुरोध नहीं किया होता.’

‘हमने प्रत्यर्पण के लिए अनुरोध किया है’ 
उन्होंने कहा,‘चूंकि उसे देखा गया है, इसका यह मतलब नहीं है कि उसे तत्काल भारत वापस लाया जा सकता है. इसकी एक प्रक्रिया है. हमने प्रत्यर्पण के लिए अनुरोध किया है, अब ब्रिटेन की सरकार पर है कि हमारे अनुरोध पर विचार करे और प्रत्यर्पण के लिए सीबीआई तथा ईडी की मांग पर कार्रवाई करे.’ कुमार ने कहा कि सरकार उसके प्रत्यर्पण के लिए हरसंभव जरूरी कदम उठा रही है.

प्रत्यर्पण अनुरोध के संबंध में एक प्रश्न के उत्तर में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अगस्त की शुरुआत में उसके प्रत्यर्पण के लिए अनुरोध किया था.

‘प्रत्यर्पण की प्रक्रिया तेज करने के लिए बार-बार अनुरोध किया गया’
कुमार ने बताया कि इसके अलावा सीबीआई ने अलग से एक अनुरोध किया, जो अगस्त के अंत में ब्रिटेन भेजा गया. उन्होंने कहा, ‘हमें बताया गया है कि ये दोनों अनुरोध ब्रिटिश सरकार के विचाराधीन हैं.’ कुमार ने कहा कि प्रत्यर्पण की प्रक्रिया तेज करने के लिए बार-बार अनुरोध किया गया है.

ब्रिटेन के एक अखबार में शनिवार को प्रकाशित खबर के अनुसार नीरव मोदी लंदन के वेस्ट एंड में 80 लाख डॉलर के आलीशान मकान में रह रहा है और नया हीरा कारोबार कर रहा है.

बता दें ब्रिटेन के एक बड़े अखबार ‘टेलीग्राफ’ ने अपनी खबर में दावा किया है कि नीरव मोदी लंदन में एक आलीशान अपार्टमेंट में रहता है और वहां की सड़कों पर घूमता है. अखबार की ओर से जारी एक वीडियो में दिख रहा है कि रिपोर्टर के सवालों पर नीरव ने बार-बार कहा कि ‘नो कमेंट’.

VC for accessible and disable friendly campus

Chandigarh March 7, 2019

            Department of Community Education & Disability Studies, Panjab University in collaboration with State Legal Services Authority-SLSA, U.T., Chandigarh, ARUSHI-Bhopal, Chandigarh Commission for Protection of Child Rights-CCPCR & Yuvsatta (youth for peace)-an NGO organized a seminar  Gen Next Disability Inclusion, here today. 

            Hon’ble Mr. Justice A. B. Chaudhari, Judge Punjab & Haryana High Court and Executive Chairman, State Legal Services Authority, Chandigarh in his address said that barriers to increase participation of disable people need to be identified and removed, possibly requiring changes to laws, policies, institutions, and environments. There is also an urgent need to invest in specific programmes and services for people with disabilities. Adopting a national disability strategy and plan of action is another need of the hour. In which the concerned agencies should involve people with disabilities, Improve human resource capacity  and most importantly sensitization programmes are required to increase disability related awareness among people working in sectors like education, health care, law enforcement and the media are particularly important for ensuring non-discrimination and participation. 

            Prof. Raj Kumar, Vice chancellor, PU emphasized on phase-wise development of the University campus to make it accessible and disabled friendly. He also emphasized on optimum utilization of available resources and participation of all. He urged the organizers to  implement the inputs of the seminar into an executable work plan.

            In his presentation Dr. BS Chavan, Director Principal, Govt. Medical College & Hospital, Sector 32, Chandigarh requested people to come forth and help to make Chandigarh a disable-friendly city in a real sense with adequate infrastructure and society support. Our aim should be to enable differently able people to become self-sufficient and productive. He also shared various pioneering initiatives which their Department took to rehabilitate person with various disability orders. 

            Sharing about the best practices Abha Negi, Chairperson and Founder of Global Forum for Empowerment, New Delhi shared the infrastructure being developed as barrier-free fails to address the basic needs of not just the disabled persons but also a larger segment of the society including children, the elderly and the women. It also fails to meet the standards of prescribed norms and guidelines. Despite free-flowing knowledge, advanced technology, and customized systems, the absorption of innovative practices in civic infrastructure is hardly visible failing thereby in making a difference to the lives of the disabled persons and the elderly. She added that the process can be rolled out at the level of the local municipal bodies to begin with. And even though it is a difficult task, it is not impossible to bring this transformation, as all it needs is a mindset change, sincere effort and supportive attitude. 

            Shri Mahavir Singh, Additional District & Sessions Judge and Member Secretary, SLSA shared that there is not a single disable friendly ATM, public park or market, so we have long way to go even in modern cities like Chandigarh. 

           
            Sh. Pramod Sharma, Founder and Coordinator of Yuvsatta said that we have been talking about diversity and inclusion for a long time, yet I am seeing a shift to a broader definition that welcomes people with disabilities, among others. Still there are ample evidence of Stigma and discrimination against differently able persons combined with a lack of data  making them hard to reach compounds the problem. 

            Dr. Dazy Zarabi, Chairperson, Department of Community Education &Disability Studies, Panjab University added that for children with disabilities, this does not just mean enrolment into a mainstream school. All facets of the education system must be addressed so that it can equally respond to the diverse needs of all its learners. There is no one-size-fits-all answer. Every School and city needs to formulate its own set of solutions that reach down to the level of individual schools. 

            The Seminar ended with concluding resolutions that acknowledge inclusive education is a human right, encourage a system-wide approach, promote meaningful data collection to reach the invisible, remember that implementation is what really counts, think of inclusive education not as a challenge, but as an opportunity. 

            Prominent participants included Bibi Harjinder Kaur, Chairperson, Chandigarh Commission for Protection of Child Rights- CCPCR, Amrinder Sharma, Secretary, SLSA, , Dr. Monica Munjal, Chairperson, Centre for Social Work, Panjab University, Dr. V.Mohan Kumar, Director IAEA, New Delhi, Sh. Anil Mudgal, Founder ARUSHI, Dr. Rohit Trivedi form ARUSHI, Professors from various Departments of Panjab University, Special Educators and Research Scholars. 

Prof. Sudhir Kumar has been nominated as a “Visiting Fellow”

Chandigarh March 5, 2019
        Prof. Sudhir Kumar, Department of Evening Studies – Multi Disciplinary Research Centre, Panjab University, Chandigarh in recognition of his scholarship in the field of Comparative Literature, Indian Literary Theories and Indian Cultural Studies,  has been nominated as a “Visiting Fellow” at the prestigious ” UGC Centre For Australian and New Zealand Studies” at Himachal Pradesh University Shimla (NAAC Accredited “A” Grade University). During his tenure, Professor Sudhir Kumar will deliver a series of lectures on Comparative Literature (India, Australia and New 
Zealand ) , Indian Cultural Studies, and Comparative Literary Theories: India and West”  and interact with the faculty and students of H.P.University Shimla and its affiliated colleges.

Earlier also, Professor Sudhir Kumar was awarded the K.K.Birla Foundation Fellowship in the field of Comparative Literature. He is also the Member of 
Academic Committee, Indian Institute of Advanced Study, Rashtrapati Niwas , Shimla . 

ज़िंदा है मसूद: फयाज-उल-हसन

हाल ही में ऐसी खबरें सामने आई हैं कि आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर की मौत हो चुकी है. हालांकि पाकिस्तान के संस्कृति मंत्री फयाज-उल-हसन ने दावा किया है कि आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर जिंदा है. फयाज-उल-हसन ने कहा है कि वो जिंदा है और उसकी मौत की कोई खबर नहीं है.

वहीं पाकिस्तानी मीडिया का भी कहना है कि भारत का सबसे वांछित आतंकवादी और जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर जिंदा है. पाकिस्तानी मीडिया की एक खबर में अजहर के परिवार के करीबी सूत्रों के हवाले से यह बात कही गई. जियो उर्दू न्यूज ने बताया कि जिन मीडिया रिपोर्टों में जैश-ए-मोहम्मद के नेता के मारे जाने का दावा किया गया है, वे झूठे हैं. यह खबर सोशल मीडिया पर चल रही उन अटकलों के बीच आई है कि इस आतंकी संगठन के संस्थापक की मौत हो गई.

हालांकि, अभी किसी तरह की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है. मसूद अजहर के परिवार के करीबी अज्ञात सूत्रों का हवाला देते हुए चैनल ने कहा कि अजहर जिंदा है. उसकी सेहत के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई. अजहर के बारे में पाकिस्तानी सरकार ने कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है.

कछ गुजरात में पाकिस्तानी यूएवी को मर गिराया गया

बीकानेर। भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय बीकानेर सीमा पर पाकिस्तानी सेना के मानव रहित विमान (यूएवी) को उड़ान भरने के दौरान भारतीय वायुसेना ने मार गिराया। यह घटना सोमवार दोपहर की बताई जा रही है, जिसमें पाकिस्तान ने एक बार फिर नापाक हरकत को अंजाम देते हुए यूएवी को भारतीय वायुक्षेत्र में घुसपैठ कराने की कोशिश की, जिसे वायुसेना मार गिराया।

सूत्रों ने दावा किया है कि यूएवी का मलबा पाकिस्तान के फोर्ट इलाके में गिरा है, जो बहावलपुर के समीप है। अनूपगढ़ सेक्टर में एयर डिफेंस रडार पर एक संदिग्ध यूएवी की जानकारी मिलने के बाद हरकत में आई वायुसेना के सूरतगढ़ एयरबेस से सुखोई लड़ाकू विमानों ने उड़ान भरकर यूएवी पर मिसाइलें दागीं, जिससे यह यूएवी पाक सीमा में गिरकर ध्वस्त हो गया। हालांकि वायुसेना ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
पाकिस्तान की ओर से तेज धमाके की आवाज-श्रीगंगानगर जिले से लगती भारत-पाकिस्तान अंतककाष्ट्रीय सीमा में सोमवार को पाकिस्तान की तरफ से तेज धमाके होने के समाचार मिले। मामला अनूपगढ़ से जुड़ा बताया जा रहा है। सोमवार दोपहर करीब 1 से 2 बजे के बीच में इस तरह के धमाके सुने गए, जिसके बाद कई आशंकाओं के चलते सीमा सुरक्षा बल(बीएसएफ) से लेकर खुफिया तंत्र भी सक्रिय हो गया है। हालांकि बीएसएफ ने सीमा पार किसी तरह के धमाकों की पुष्टि नहीं है। दरअसल, भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने के बाद से ही तेज धमाकों की आवाजों को लेकर कई बार सरगर्मियां तेज हो चुकी हैं।

US hard on words reluctant on actions against Pak

“We take all allegations of misuse of defence articles very seriously.” US.
When US tries to stay calm and pretend to investigate the facts a minor from primary school tells the solution “Just count the numbers of jets whatever their name is, and investigate the missing this shows your determination against terrorism.”

Jammu/Srinagar: 

The United States said on Sunday it was trying to find out if Pakistan used US-built F-16 jets to down an Indian warplane, potentially in violation of US agreements, as the stand-off between the nuclear-armed neighbours appeared to be easing.

Pakistan and India both carried out aerial bombing missions this week, including a clash on Wednesday that saw an Indian pilot shot down in an incident that alarmed global powers and sparked fears of a war. A Pakistan military spokesman on Wednesday denied Indian claims that Pakistan used F-16 jets.

Pakistan returned the captured Indian pilot on Friday in a high-profile handover Islamabad touted as a “peace gesture”, which appeared to significantly dial down tensions, but both sides remain on high alert.

Border Security Force bunkers near the fenced border with Pakistan in Ranbir Singh Pura sector near Jammu. Reuters
Border Security Force bunkers near the fenced border with Pakistan in Ranbir Singh Pura sector near Jammu

At the Line of Control (LoC), the de facto border between the two countries in Kashmir, there was relative calm in the past 24 hours, both armies said on Sunday. But Indian security forces said they were carrying out major anti-militancy operations on their side on Kashmir and had shot dead two militants.

The US Embassy in Islamabad said on Sunday it was looking into reports that Pakistan used F-16 jets to shoot down the Indian pilot, a potential violation of Washington’s military sale agreements that limit how Pakistan can use the planes.

“We are aware of these reports and are seeking more information,” a US Embassy spokesperson said. “We take all allegations of misuse of defence articles very seriously.” While Pakistan has denied using F-16 jets during a dogfight that downed an Indian MiG-21 warplane over Kashmir on Wednesday, it has not specified which planes it used, though it assembles Chinese-designed JF-17 fighter jets on its soil.

Pakistan has a long history of buying US military hardware, especially in the years after 2001 when Islamabad was seen as a key partner in the US-led war on terror.

Pakistan bought several batches of F-16 planes, built by Lockheed Martin Corp, from Washington before relations soured and the United States cut off subsidised sales in 2016. It is not clear what exactly these so-called “end-user agreements” restrict Pakistan from doing. “The US government does not comment on or confirm pending investigations of this nature,” the US Embassy added.

On Thursday Indian officials displayed parts of what they called an air-to-air missile to reporters that can only be fired from F-16 jets, alleging they were used to bomb its side of the disputed Kashmir border on Wednesday.

An ambulance moves between police vehicles parked to block a road during restrictions in downtown Srinagar. Reuters
An ambulance moves between police vehicles parked to block a road during restrictions in downtown Srinagar

A Pakistan military spokesman told reporters on Wednesday that Pakistani jets “locked” on Indian targets to demonstrate Pakistan’s capacity to strike back at India, but then chose to fire in an empty field where there would be no casualties.

Pakistan said its mission on Wednesday was in retaliation for India violating its airspace and sovereignty a day earlier, when Indian jets bombed a forest area near the northern city of Balakot.

India said it struck at militant training camps, but Islamabad denied any such camps existed, as did some villagers in the area when Reuters visited.

Militancy Operations

Cross-border shelling in the past few days has killed seven people on the Pakistani side and four on the Indian side of Kashmir. But on Sunday it was relatively quiet near the de facto border of Kashmir, the source of two of the three wars India and Pakistan have fought since independence from Britain in 1947.

“By and large the LoC was calm last night but you never know when it will become active again,” said Chaudhry Tariq Farooq, a minister in Pakistani Kashmir. “Tension still prevails.”

In Indian-administered Kashmir, troops on Sunday shot dead two militants after a three-day gun battle that also killed five security force personnel, taking the total death toll to 25 in the past two weeks.

The fresh anti-militancy drive was launched after a Kashmiri suicide bomber, a member of a Pakistan-based militant group, killed 40 Indian paramilitary police on 14 February. Prime Minister Narendra Modi’s government has also come down hard on separatist groups operating in Kashmir, including by banning the Jamaat-e-Islami party, two of whose clerics were detained in raids on Saturday night.

अभिनंदन के शौर्य से इस शब्द के माने बदल जाएँगे: मोदी

पीएम मोदी ने कहा, हिंदुस्तान जो भी करता है, दुनिया उसे बड़े गौर से देखती है, बीते कुछ दिनों में जो हुआ उससे संस्कृत का शब्द ‘अभिनंदन’ का मतलब अब बदल गया है

भारतीय वायुसेना के पायलट अभिनंदन वर्तमान की वापसी के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह भारत की कूटनीतिक जीत है. दिल्ली में एक सार्वजनिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, हिंदुस्तान जो भी करता है, दुनिया उसे बड़े गौर से देखती है.

सूत्रों के अनुसार बीते कुछ दिनों में जो हुआ उससे संस्कृत का शब्द ‘अभिनंदन’ का मतलब अब बदल गया है. ‘Construction Technology India 2019’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- भारत की ताकत है कि वो डिक्शनरी के शब्दों का अर्थ बिल्कुल बदल देता है.

कभी अभिनंदन का अर्थ होता था बधाई देना और अब अभिनंदन अर्थ ही बदल जाएगा. बता दें कि बीते शुक्रवार रात पाकिस्तान ने वाघा बॉर्डर पर अभिनंदन को भारत को सौंपा. इस मौके पर वायु सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उनके माता-पिता वाघा बॉर्डर पर मौजूद थे. इसके साथ-साथ कई अन्य लोग भी अभिनंदन के स्वागत के लिए वाघा बॉर्डर पर पहुंचे थे. लोगों ने ढोल बजाकर और तिरंगा लहराकर देश के इस वीर को सम्मान दिया और भारत माता की जय के नारे जमकर लगाए.

दरअसल भारतीय सीमा में घुसपैठ की कोशिश कर रहे पाकिस्तान के F-16 विमान को निशाना बनाने के बाद विंग कमांडर अभिनंदन का मिग-21 बीते बुधवार को क्रैश हो गया था. उन्हें पैराशूट के जरिए इजेक्ट होना पड़ा था. वह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में चले गए थे जिसके बाद पाकिस्तानी सेना ने उन्हें हिरासत में ले लिया था. इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट करके अभिनंदन वर्तमान का देश वापसी पर स्वागत किया था.

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्विटर पर लिखा था- घर में आपका स्वागत है विंग कमांडर अभिनंदन! राष्ट्र को आपके अनुकरणीय साहस पर गर्व है. हमारे सुरक्षा बल 130 करोड़ भारतीयों के लिए प्रेरणा हैं. वंदे मातरम!