मोदी सरकार की बड़ी उपलब्धि : मसूद अजहर वैश्विक आतंकी घोषित

संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा समिति ने पुलवामा हमले के मास्टर माइंड जैश – ए – मोहम्मद ए सरगना ओर कुख्यात आतंकी अजहर मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया। टीवी छनलों के माध्यम से यह खबर सब तरफ फ़ेल गयी ए ओर जहां भारत में खुशी की लहर है लोग सरकार ओर उसके प्रयासों की तारीफ कर रही है वहीं कांग्रेस और उनके प्रवक्ता टीवी पर बता रहे हैं कि यह कोई बड़ी बात नहीं है। indyaTV के शो जहां यह ख़बर फ्लैश हुई तब प्रवक्ता राजीव शुक्ला ने अपनी राय रखी।

नई दिल्ली: पुलवामा और पठानकोट के गुनहगार आतंकी मसूद अजहर पर मोदी सरकार की बड़ी कूटनीतिक जीत हुई है. संयुक्त राष्ट्र ने मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित कर दिया है. मोदी सरकार की बड़ी कूटनीतिक जीत. चीन ने अपनी आपत्ति वापस ले ली है. चीन हर बार अड़ंगा लगाता आ रहा है. मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित किए जाने के बाद उसकी संपत्ति जब्त होगी. मसूद अजहर के आने-जाने पर रोक लगेगी. 

चीन ने 13 मार्च को 1267 अलकायदा प्रतिबंध समिति में अमेरिका, ब्रिटेन से समर्थित फ्रांस के एक प्रस्ताव को यह कह कर बाधित कर दिया था कि उसे मामले के अध्ययन के लिए और वक्त चाहिए. चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा था कि प्रस्ताव पर रोक यह ध्यान में रखते हुए भी लगाई गई थी कि पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद संबंधित पक्ष को बातचीत करने का समय मिल सके. 

इसके बाद अमेरिका ने अजहर को काली सूची में डालने के लिए 27 मार्च को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सीधे एक प्रस्ताव पेश कर दिया था जिसके बारे में चीन ने कहा था कि यह 1267 समिति को कमतर आंकने के बराबर है.  प्रवक्ता की तरफ से सोमवार को की गई ये टिप्पणियां पहली बार की गई हैं जब चीन ने अजहर के मुद्दे को सुलझाने की प्रगति के बारे में कुछ कहा. 

Masood issue “can be properly resolved”: Geng Shuang

China put a technical hold in March on a fresh proposal to impose a ban on the head of Pakistan-based JeM which claimed responsibility for the deadly Pulwama terror attack.

Citing “some progress” on the issue of listing of the Pakistan-based Jaish-e-Mohammad chief Masood Azhar as a terrorist at the UN Security Council, China indicated on Tuesday that it was willing to change its decade-old stand opposing the move.

“The relevant consultations are going on within the committee and have achieved some progress,” said Chinese Foreign Ministry spokesperson Geng Shuang, adding that he believed the issue of Azhar’s listing, which was put on hold by Beijing on March 13, “can be properly resolved.”

Diplomatic sources confirmed to media that Masood Azhar could be placed on the UNSC’s 1267 Committee’s list of sanctioned individuals and entities as early as Wednesday, once China formally intimated its decision to lift the hold, which it placed on a proposal initiated by the U.S., the U.K, and France after the Pulwama attack in February this year.

May 1 deadline

A UN diplomat in New York told media that a silence period (during which objections may be raised), which kicked off on April 23, would end at 9 a.m. (New York time) on May 1.

The UNSC 1267 panel last met to discuss the designation of Masood Azhar as a terrorist on April 23, when China and the U.S. disagreed on when the listing would go through, the diplomat said.

While China wanted to hold off on the decision until mid-May, the U.S. did not want to wait beyond April 23 to wrap up the process to list Azhar.

Asked specifically about a newspaper report that the listing would be done on May 1, Mr. Geng said, “China is still working with the relevant parties and we are in contact with all relevant parties within the 1267 Committee and I believe with the efforts of all parties, this will be properly resolved.”

The Ministry of External Affairs did not comment on the report, as an official said the government would “wait for the decision” before making any statement.

The listing of Masood Azhar, who’s organisation JeM was listed in 2001, has been pending for more than a decade.

This is the fourth attempt by countries at the UNSC and India to bring Azhar under UN sanctions . China had vetoed each of the previous proposals citing it had not received enough evidence against Azhar, who was released in 1999 during the IC-814 hijacking in exchange for hostages.

Diplomatic sources said China’s turnaround came after Foreign Secretary Vijay Gokhale’s visit to Beijing last week, where India shared details of all the evidence on Masood Azhar, including links to the February 14 Pulwama attack for which the JeM had claimed responsibility. American, British and French diplomats had been pursuing the case with China, even threatening to bring the listing proposal to the entire UNSC for a vote if China refused to relent.

Optimistic note

On Friday, British High Commissioner to India Dominic Asquith said he was “optimistic” that the proposal would go through shortly.

In an interview on Monday, Pakistan Foreign Ministry spokesman Mohammad Faisal said Pakistan was “willing to discuss the listing”, but rejected evidence of Azhar’s links to the Pulwama attack.

ब्रिटिश नागरिकता पर घिरे राहुल, जारी हुआ नोटिस

राहुल गांधी के बारे में जो कुछ भी जानना है उसे लिए अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ता है और वहाँ अभिषे मनु सिंघवी, कपिल सिब्बल, शर्मा, बंसल, चिदम्बरम और खुर्शीद जैसे वकीलों कि फ़ौ आ खड़ी होती है। ओर गांधी परिवार के मामले में अदालतें भी यही मानतीं हैं कि शिकायत कर्ता साबित करे कि आरोप सत्य हैं न कि आरोपी उन्हे निराधार साबित करे। चाहे वह कर चोरी का मामला हो या एजेएल का, इस परिवार को अदालत में पेश होने से छूट मिलती ही रहती है।

अमेरिका के राहुल गांधी से संबंध में कोई मामला हो, या फिर ब्रिटेन का राहुल से संबन्धित मामलों कि जानकारी राहुल कि मर्ज़ी के बिना नहीं जुटाई जा सकती। उन देशों का कानून है ई जब तक व्यक्ति विशेष जिसकी जानकारी आप चाहते हैं के दस्तखत या यूं कहें कि उनकी इजाज़त ए बगैर आप उस व्यक्ति से संबन्धित RTI नहीं मांग सकते। यही इजाज़त आज तक किसी को नहीं मिली। इसीलिए उनके शैक्षणिक योग्यताएँ, उनके विदेशी मुक़द्दमे आज तक रहस्य ही हैं।

यहाँ भी राहुल गांधी की नागरिकता पर जो सवाल उठ रहे हैं वह यह हैं की उन्होने कुछ सालों के लिए ब्रिटिश नागरिकता हासिल की, उनके एस अरने से स्वत: ही यूएनआई भारतीय नागरिता छिन गयी।

  1. अब जब उन्होने ब्रिटिश नागरिकता छोड़ी तो उन्होने कब भारतीय नागरिता पुन: प्राप्त करने के लिए आवेदन किया?
  2. जब उन्होने ब्रिटिश नागरिकता ग्रहण की तब उन्होने कब भारत सरकार को सूचित किया?
  3. उन्होने ब्रिटिश नागरिकता के दस्तावेज़ कब लौटाए, क्या उनके बारे में उन्होने तत्कालीन भारत सरकार को बताया?
  4. ऐसे और कितने राज़ हैं जिनके बारे में राहुल गांधी ने खुलासे नहीं किए हैं?
  5. उनकी विदेश सम्पत्तियों के बारे में भी ज़रा भारत को बताया जाए।
  6. क्या इन सब बातों से छूट केवल गांधी परिवार ही को है या फिर आम नागरिक भी जब चाहे विदेशी नागरिकता ग्रहण करे और जब चाहे बिना किसी कागजी कार्यवाही के पुन: भारतीय हो जाये क्योंकि भारतीय सरकार को इस बाबत न मालूम है न होना चाहये?

नई दिल्‍ली :लोकसभा चुनाव 2019 के बीच कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी को बड़ा झटका लगा है. गृह मंत्रालय का राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ी एक शिकायत को लेकर उन्‍हें नोटिस जारी किया है. साथ ही उनसे कहा गया है कि वह 15 दिन के भीतर अपना जवाब दाखिल करें. यह नोटिस बीजेपी नेता सुब्रमण्‍यम स्‍वामी की शिकायत के बाद जारी किया गया है. हालांकि मंत्रालय की ओर से इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है.

गृह मंत्रालय के निदेशक (नागरिकता) की तरफ से राहुल गांधी को जारी नोटिस में कहा गया है कि मंत्रालय को सांसद सुब्रमण्‍यम स्‍वामी की ओर से मिली एक शिकायत में कहा गया है कि साल 2003 में बैकऑप्‍स लिमिटेड के नाम से यूनाइटेड किंगडम में एक कंपनी रजिस्‍टर्ड हुई, जिसका पता 51 साउथगेट स्‍ट्रीट, विंचस्‍टर, हैंपशायर SO23 9EH है और आप इस कंपनी के निदेशकों और सचिव में से एक हैं. इस शिकायत में यह भी कहा गया है कि कंपनी द्वारा 10 अक्‍टूबर 2005 और 31 अक्‍टूबर 2006 एनुअल रिटर्न फाइल की गई, जिसमें आपकी जन्‍मतिथि 19 जून 1970 बताई गई है और इसमें आपने बताया है कि आपकी नागरिकता ब्रिटिश है. 

नोटिस में आगे कहा गया है कि कंपनी की ओर से जारी एक ओर आवेदन में आपकी नागरिकता ब्रिटिश बताई गई है. इस बारे में आप अपना जवाब 15 दिन के भीतर दाखिल करें.

वहीं, बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी भी गृह मंत्रालय को राहुल की नागरिकता के खिलाफ दो बार पत्र लिख चुके हैं। स्वामी ने 21 सितंबर 2017 को भी इस बारे में एक शिकायत की थी। इसके बाद उन्होंने 29 अप्रैल 2019 को भी एक चिट्ठी लिखी। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इस बारे में बात करते हुए कहा, ‘जब भी कोई संसद सदस्य किसी भी मंत्रालय को पत्र लिखता है, तो उसके सवालों पर ऐक्शन लिया जाता है। यह कोई बड़ी बात नहीं है, एक सामान्य प्रक्रिया है।’Twitter पर छबि देखें

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Union Home Minister Rajnath Singh on MHA notice to Congress President Rahul Gandhi over citizenship: When a member of Parliament writes to any ministry, action required on their query is taken. It is not a big development, it is normal process.90112:42 pm – 30 अप्रैल 2019193 लोग इस बारे में बात कर रहे हैंTwitter Ads की जानकारी और गोपनीयता

गृह मंत्रालय के नोटिस का जवाब देते हुए कांग्रेस ने राहुल को जन्मजात भारतीय नागरिक बताया है। राहुल की नागरिकता पर उठे सवालों पर बोलते हुए उनकी बहन एवं कांग्रेस महासचिव प्रियंका ने कहा है कि उनके भाई यहीं पैदा हुए हैं और उनकी परवरिश यही हुई है, मैंने इतनी बड़ी बकवास कभी नहीं सुनी।

सब बकवास है : प्रियंका

इस मुद्दे पर बात करते हुए पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, ‘पूरी दुनिया जानती है कि राहुल जन्मजात भारतीय नागरिक हैं। मोदी जी के पास बेरोजगारी, कृषि संकट और कालेधन के मुद्दों पर कोई जवाब नहीं है। ऐसे में वह ध्यान भटकाने के लिए अपनी सरकार के माध्यम से फर्जी विमर्श गढ़ रहे हैं।’ Twitter पर छबि देखें

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Randeep Surjewala,Congress: The entire world knows Rahul Gandhi is Indian citizen by birth. Modi ji has no answer for unemployment, Modi ji has no answer for agrarian distress&black money, that’s why he’s resorting to fake narrative through his govt’s notices to divert attention.1,14611:27 am – 30 अप्रैल 2019682 लोग इस बारे में बात कर रहे हैंTwitter Ads की जानकारी और गोपनीयताआम चुनाव

चीन के मुखपृष्ठ ने माना कि – फिर एक बार मोदी सरकार

द्निया में यूं तो मोदी के बहुत से मुरीद हैं लेकिन राष्ट्र के राष्ट्र मोदी की लहर में होंगे यह अविस्मर्णिया है विदेशों खास कर रूस द्वारा मोदी ओ सर्वोच्च नागरिका सम्मान से विभूषित करना न केवल मोदी के बढ़ते हुए कद को दर्शाता है वहीं हमारे अपने राष्ट्र को भी एक संदेश देता है, सम्मान जन्म से नहीं अपने कर्मों से अर्जित किया जाता है। मोदी को सम्मानित करने वाले देश चीन सरकार का मुखपत्र माने जाने वाले ‘ग्‍लोबल टाइम्‍स’ ने कहा है कि पीएम मोदी के सियासी कद के आगे फिलहाल भारत का कोई नेता नहीं है. बीजेपी का संगठन विपक्ष से बेहतर है, इसलिए वापसी की संभावना है.

बीजिंग: चीन के सरकारी मीडिया ने लोकसभा चुनाव 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्‍व में दोबारा बीजेपी के सत्‍ता में आने की भविष्‍यवाणी की है. चीन सरकार का मुखपत्र माने जाने वाले ‘ग्‍लोबल टाइम्‍स’ ने कहा है कि पीएम मोदी के सियासी कद के आगे फिलहाल भारत का कोई नेता नहीं है. बीजेपी का संगठन विपक्ष से बेहतर है, इसलिए वापसी की संभावना है.

‘ग्‍लोबल टाइम्‍स’ के एक आर्टिकल में कहा गया, ”भारत में 11 अप्रैल से चुनाव हो रहे हैं और सबकी निगाहें 23 मई यानी नतीजों के दिन पर टिकी हुई हैं. चुनाव में इस बात की पूरी उम्‍मीद है कि पीएम नरेंद्र मोदी की भारतीय जनता पार्टी संसद में सबसे बड़ा दल बनकर उभरेगी. पीएम नरेंद्र मोदी के सियासी कद जैसा कोई नेता नहीं है. बीजेपी की फंडिंग शक्ति और संगठन की ताकत विपक्ष से बेहतर है. ऐसे में लगता है कि पीएम मोदी के दोबारा सत्‍ता में वापसी की संभावना है.”

मोदी की कूटनीतिक विरासत जारी रहनी चाहिए, चुनाव नतीजे चाहें जो हों’ शीर्षक से लिखे गए इस आर्टिकल में पीएम मोदी के दुनिया के देशों के साथ किए गए कूटनीतिक प्रयासों की तारीफ की गई है. इसमें पीएम मोदी को ‘व्‍यावहारिक’ नेता बताते हुए सार्क और चीन के साथ संबंधों को मजबूत करने के प्रयासों के लिए मोदी की सराहना की गई है. इसके साथ ही पीएम मोदी और शी चिनफिंग के पिछले साल वुहान में अनौपचारिक बातचीत का विशेष जिक्र करते हुए आर्टिकल में कहा गया है कि भारत में चुनाव नतीजे चाहें जो हों लेकिन भारत और चीन के बीच राजनीतिक, सांस्‍कृतिक और आर्थिक संबंध प्रगाढ़ होने चाहिए.

वुहान बैठक का एक साल पूरा
उल्‍लेखनीय है कि भारत और चीन वुहान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच ‘अनौपचारिक बैठक’ के एक साल होने पर मध्य चीनी शहर में सप्ताह भर चलने वाले भारत महोत्सव का आयोजन कर रहे हैं. मोदी-शी के बीच 27-28 अप्रैल 2018 को हुई बैठक के एक साल होने पर भारत ने वुहान में भारत के रंग (कलर्स ऑफ इंडिया) सप्ताह की शुरूआत की है. इस दौरान नृत्य प्रस्तुति, सिनेमा की प्रदर्शनी, फोटो प्रदर्शनी और व्यापार तथा पर्यटन को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रमों का आयोजन होगा.

चीन में भारतीय दूत विक्रम मिसरी और वुहान के उप मेयर चेन शीजिन ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया. भारतीय दूतावास ने बताया कि बीजिंग में भारतीय दूतावास और भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर), नयी दिल्ली हुबेई प्रांतीय सरकार और वुहान नगर सरकार के सहयोग से इसका आयोजन कर रहा है. चाइना आर्ट एसोसिएशन ने भी इसमें मदद की है.

रहस्यमय येती के सबूत

All About Yeti:  इंडियन फोर्स ने दावा किया है कि एक अभियान दल ने हिमालय के मकालू कैंप (Makalu Base Camp)  के पास मायावी हिममानव ‘येति‘ (Yeti) के पैरों के निखान देखा है। मकालू वरुन राष्ट्रीय उद्यान नेपाल (Nepal) के लिंबुवान हिमालय क्षेत्र में स्थित है। यह जगह दुनिया का एक मात्र ऐसा संरक्षित क्षेत्र है जहां पर 26,000 फुट से अधिक उष्णकटिबंधीय वन के साथ-साथ बर्फ से ढकी चोटियां हैं। जानें हिममानव येति के बारें में सबकुछ।  

भारतीय सेना की ओर से किए गए एक ट्वीट में कुछ तस्वीरें शेयर की गई हैं और दावा किया गया है कि इसमें दिख रहे पैर के निशाने हिममानव येति के हैं। इसमें पैरों की नाप 32X15 इंच है। भारतीय सेना ने दावा किया है यह पैर के निशाने भारतीय सेना  को नेपाल के मकालू बेस कैंप के पास मिले हैं। सेना के अतिरिक्त सूचना महानिदेशालय ने  ट्वीट करके बताया, ‘पहली बार, भारतीय सेना (Indian Army) के पर्वतारोहण अभियान दल ने मकालू बेस कैंप के करीब हिममानव ‘येति’ (Yeti) के रहस्यमयी पैरों के निशान देखे हैं।” आगे उन्होंने बताया, ‘इस मायावी हिममानव (Him Manav Yeti) को इससे पहले सिर्फ मकालू-बरुन नेशनल पार्क में देखा गया है। जो कि एक आश्चर्य की बात है।

‘येति’ एक नाम अनेक

हिमालय में रहने वाले येति को कई नामों से बुलाया जाता है। इसे तिब्बत में ‘मिचे’ यानी की इंसानी भालू। इसके अलावा मिगोई, मिरका, कांग आदमी और बन मांची जैसे नामों से जाना जाता है।
 
आखिर क्या है येति (Yeti)?
येति एक ऐसे वानर प्राणी का नाम है। जो कि एक इंसान से भी लंबा और बड़ा होने के साथ-साथ पूरा शरीर मोटे-मोटे बालों से ढका होता है। येती दुनिया के सबसे रहस्यमयी प्राणियों में से एक है, जिसकी कहानियां करीब 100 साल पुरानी है. लद्दाख के कुछ बौद्ध मठों ने दावा किया था कि हिममानव ‘येती’ उन्होंने देखे हैं. इन दावों को लेकर वैज्ञानिक एकमत नहीं हैं. शोधकर्ताओं ने येती को मनुष्य नहीं बल्कि ध्रुवीय और भूरे भालू की क्रॉस ब्रीड यानी संकर नस्ल बताया है. कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि येती एक विशालकाय जीव हैं, जिसकी शक्लोसूरत तो बंदरों जैसी होती है, लेकिन वह इंसानों की तरह दो पैरों पर चलता है. माना जाता है इसके अस्तित्व का कोई सबूत नहीं है लेकिन इसे लोग ‘घिनौना स्नोमैन’ नाम से भी पुकारते है।

येति इन जगहों पर रहता है
येति के रहने को लेकर मान्यता है कि यह  हिमालय, साइबेरिया, मध्य और पूर्वी एशिया में रहता है।

ऐसे करता है खुद की सुरक्षा
येति को लेकर की किस्सें प्रचलित है। माना जाता है कि ह ऐसे इलाकों में रहते है। जहां पर इंसानों का पहुचंना मुश्किल है। यह अपने बचाव के लिए पत्थर के औजार का इस्तेमाल करते है। इसके अलावा इसकी आवाज बहुत ही अजीब मानी जाती है। 

GOI abolishes PIO black list

Vancouver, April 28, 2019: The Government of India has asked its foreign missions to do away with black lists maintained by them of Persons of Indian Origin (PIOs) who were reportedly denied Indian visas and other consular services.

The decision will pave way for the asylum seekers and their immediate family members, who are not on the Indian Home Ministry approved central black list, to avail consular services, including visa and Overseas Citizenship of India services.

Many prospective beneficiaries will be the persons hailing from Punjab who had taken asylum in countries like Canada and the US, citing fear of religious persecution back home during the crackdown on pro-Khalistan movement, added the report.

Although the decision in this regard was taken in February 2019 but the specific guidelines have been issued recently , said sources .Refugees are not covered in the category to befitted from this initiative.

Welcoming the step, the US-based Sukhi Chahal, chairman, Punjab Foundation said that he was personally grateful to Government of India, Ministry of Home, Ministry of external affairs for compassionate decision which reflect the recognition that many of the asylum-seekers especially from among the Sikhs from Punjab.

“I had been personally working on this very sensitive issues with Govt of India, Indian Embassy and Indian consulate General offices in USA,” said Chahal adding that such asylum-seekers were the economic migrants who were forced to pass themselves off as victims of political persecution in order to escape the bleak economic conditions facing them back home in Punjab.

These persons on the local black lists maintained by the respective Indian missions abroad had been facing problems in getting visa and OCI benefits.

मसूद ने कहा कि पिछले 17 सालों में वह कभी बीमार भी नहीं पड़ा

मीडिया से हमेशा मुंह छुपा कर रहने वाले चीन के प्यारे मसूद अज़हर ने एक बार फिर सक्रियता दिखाई है और पुलवामा से बड़े हमले की साजिश की तैयारियां शुरू कर दिन हैं। मसूद अज़हर ने एक बार फिर पाकिस्तान के प्रति नर्म पड़ते भारत के रवैये की आग को हवा दे दी है।

नई दिल्ली: बालाकोट में भारतीय वायु सेना की तरफ से किए गए एयर स्ट्राईक के बाद एक बार फिर से जैश ए मोहम्मद चीफ मसूद अजहर सक्रिय हो गया है. खुफिया एजेंसियों की एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले दिनों अजहर मसूद ने जैश आतंकियों के साथ बैठक कर भारत पर पुलवामा जैसे एक और बड़े आतंकी हमले के लिए तैयार रहने को कहा है. वहीं मसूद अजहर ने मीटिंग के दौरान ये भी कहा कि वो पिछले 17 सालों में कभी न तो बीमार हुआ और न ही वो कभी अस्पताल में भर्ती हुआ है.

मसूद अजहर ने ये भी कहा है कि उसके स्वास्थ के बारे में गलत खबरें फैलाई जा रही हैं. बता दें कि बालाकोट में जैश के कैंप पर हुए एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एक विदेशी चैनल को दिये इंटरव्यू में कहा था कि अजहर मसूद को किडनी की गंभीर बीमारी है और उसका स्वास्थ्य काफी खराब है. कुरैशी ने कहा था कि भारत जिस तरह से मसूद अजहर पर भारत पर हमले के आरोप लगा रहा है वो झूठे हैं.

बहावलपुर में कई बड़े आतंकियों के साथ की बैठक
खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक मसूद अजहर ने पिछले दिनों बहावलपुर में जैश के कई बड़े आतंकियों के साथ बैठक की. फिदायीन हमलों के लिए जैश की तैयारियों का जायजा लिया. यही नहीं जैश के बहावलपुर कैंप में मीटिंग के दौरान मसूद ने भारत पर पुलवामा जैसे और बड़े आतंकी हमले के लिए तैयार रहने को कहा है.

पाकिस्तान कर रहा है कार्रवाई का दिखावा…
जाहिर है कि दुनिया भर से पाकिस्तान पर पड़ने वाले अतंराष्ट्रीय दवाब का कुछ खास असर पाकिस्तान पर होता नहीं दिख रहा है. केन्द्रीय सुरक्षा में तैनात एक अधिकारी के मुताबिक, “बालाकोट में जैश के कैंप पर हुए एयर स्ट्राइक के बाद से जैश-ए-मोहम्मद के नेटवर्क पर हम लगातार नज़र रखे हुए हैं. हम ये भी देख रहे हैं कि पाकिस्तान ने क्या वाकई में जैश के खिलाफ कोई कार्रवाई की है या कार्रवाई का दिखावा कर रहा है.”

भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा समिति में जैश ए मोहम्मद पर प्रतिबंध लगाने के फैसले का बेस्रबी से इंतजार कर रहा है, लेकिन जिस तरह से चीन मसूद अजहर के बचाव में सामने आया है उससे पाकिस्तान जैश पर कार्रवाई करने में आनाकानी कर रहा है. खुफिया एजेंसियों की इस रिपोर्ट से सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ गई है. जाहिर है जब तक मसूद अजहर और जैश पर कड़ी कारवाई नहीं की जाती, तब तक जैश के भारत पर हमले के खतरे कम नहीं होगें.

भगौड़ा घोषित करना आर्थिक मृत्युदंड है: मलल्या

अब जब प्रत्यार्पण रोकने के सारे हथकंडे विफल हो चुके हैं और माल्या लंदन कोर्ट को हर तरह से समझाने में नाकामयाब रहे हैं तब उन्होने मुंबई उच्च न्यायालय में गुहार लगाई है की वह तो मात्र तंत्र के शिकार हैं। उन्हे तो एक तरह से प्रताड़ित किया जा रहा है। सभी इल्ज़ाम बेबुनियाद हैं। परंतु जब वह लंदन कोर्ट द्वारा भारतीय जेलों की दशा पुछवा रहे थे तब उन्हे इस बात का एहसास नहीं था। तब उन्होने ज़ोर देकर क्यूँ नहीं कहा की वह निर्दोष हैं और भारत में एक सम्मानित व्यापारी की भांति उन्हे सफाई रखने और सभी विसंगतियों को दूर करने का मौका मिले?

मुंबई: 

संकट का सामना कर रहे शराब कारोबारी विजय माल्या ने बुधवार को बंबई उच्च न्यायालय से कहा कि विशेष अदालत द्वारा उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करना और उसकी संपत्ति को कुर्क करने की अनुमति देना आर्थिक रूप से मृत्युदंड देने जैसा है. माल्या ने अपने वकील अमित देसाई के जरिए न्यायमूर्ति रंजीत मोरे और न्यायमूर्ति भारती डांगरे की पीठ के समक्ष यह बयान दिया. पिछले साल अगस्त में वजूद में आए भगोड़ा आर्थिक अपराधी कानून के कई प्रावधानों को चुनौती देने वाली माल्या की याचिका के दौरान वकील ने यह दलील दी.

माल्या ने अपने वकील के जरिए कहा, ‘‘ऐसे कर्ज पर मेरा ऋण और ब्याज बढ़ रहा है. मेरे पास इन कर्जों को चुकाने के लिए संपत्ति है लेकिन सरकार ने कर्ज चुकाने के लिए इन संपत्तियों के इस्तेमाल की अनुमति नहीं दी . मेरी संपत्ति पर मेरा नियंत्रण नहीं है.’’ माल्या के वकील ने कहा, ‘‘इस तरह मुझे आर्थिक मृत्युदंड दिया गया है.’’ 

त्रिपोली में फंसे हुए भारतीय यदि तुरन्त नहीं निकलते हैं तो बाद में उन्हें वहां से निकलना संभव नहीं हो पाएगा: सुषमा स्वराज

क्या है त्रिपोली संकट
इसराइल ने देर रात दक्षिणी लेबनान में हिज़बुल्ला के ठिकानों पर लगातार हवाई हमले किए हैं जबकि संयुक्त राष्ट्र ने लेबनान में मानवीय त्रासदी जैसी स्थिति पैदा होने की आशंका जताई है.
इसराइली सेना का कहना है कि बेरुत में चरमपंथियों के मुख्यालय को एक बार फिर निशाना बनाया गया है और साथ ही पूर्वी शहर बालबेक में हथियारों के गोदाम और रॉकेट से भरे ट्रकों पर भी हमले किए गए हैं.
इस बीच हिज़बुल्ला ने उत्तरी इसराइल के कुछ हिस्सों पर रॉकेट दागे हैं.
इसराइल ने अपने हमले जारी रखते हुए साफ कर दिया है कि जब तक उसके दोनों सैनिकों को हिज़बुल्ला छोड़ नहीं देता तब तक यह कार्रवाई नहीं रुकेगी.
पिछले छह दिनों में इसराइली हमलों में 200 से अधिक लेबनानी मारे जा चुके हैं. हिज़बुल्ला की जवाबी कार्रवाई में अभ तक 24 इसराइली मारे गए हैं.

नई दिल्ली: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शुक्रवार को कहा कि 500 से अधिक भारतीय लीबिया की राजधानी त्रिपोली में फंसे हुए हैं और उन्होंने सुझाव दिया है कि वे तुरंत शहर छोड़ दें.

त्रिपोली में हिंसा जारी रहने के बीच मंत्री ने कहा कि लीबियाई राजधानी में फंसे हुए भारतीय यदि तुरन्त नहीं निकलते हैं तो बाद में उन्हें वहां से निकलना संभव नहीं हो पाएगा.

त्रिपोली में 200 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं
संयुक्त राष्ट्र समर्थित प्रधानमंत्री फायेज अल-सराज को सत्ता से बेदखल करने के लिए लीबियाई सेना के कमांडर खलीफा हफ्तार के सैनिकों ने एक हमला किया था और पिछले दो सप्ताह में हिंसा में त्रिपोली में 200 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं.

Even after massive evacuation from Libya and the travel ban, there are over 500 Indian nationals in Tripoli. The situation in Tripoli is deteriorating fast. Presently, flights are operational. /1 PL RT4,6686:37 PM – Apr 19, 2019Twitter Ads info and privacy2,592 people are talking about this

स्वराज ने ट्वीट किया, ‘लीबिया से बड़ी संख्या में लोगों के जाने और यात्रा प्रतिबंध के बाद भी, त्रिपोली में 500 से अधिक भारतीय नागरिक हैं. त्रिपोली में हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं. वर्तमान में उड़ानों का संचालन हो रहा है.’

Pls ask your relatives and friends to leave Tripoli immediately. We will not be able to evacuate them later. /2 Pls RT9,3696:38 PM – Apr 19, 2019Twitter Ads info and privacy6,526 people are talking about this

उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर कहा, ‘‘कृपया अपने रिश्तेदारों और दोस्तों को तुरंत त्रिपोली छोड़ने के लिए कहें. हम बाद में उन्हें वहां से नहीं निकल पाएंगे.’’ 

LOC के जरिये POK के साथ व्यापार अगले आदेश तक बंद

एनआईए द्वारा कुछ मामलों की चल रही जांच के दौरान, यह सामने आया है कि एलओसी व्यापार में महत्वपूर्ण व्यापारिक चिंताएं आतंकवाद या अलगाववाद को बढ़ावा देने वाले प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों से जुड़े व्यक्तियों द्वारा संचालित की जा रही हैं। जांच में पता चला है कि कुछ व्यक्ति, जो पाकिस्तान के पार हो गए हैं, और आतंकवादी संगठनों में शामिल हो गए हैं, ने पाकिस्तान में व्यापारिक फर्में खोली हैं। ये ट्रेडिंग फर्म कथित रूप से आतंकवादी संगठनों के नियंत्रण में हैं और एलओसी व्यापार में लगे हुए हैं।

नई दिल्ली: भारत ने पाकिस्तान के साथ नियंत्रण रेखा (एलओसी) के जरिए व्यापार को स्थगित कर दिया है. गुरुवार को एक सरकारी आदेश में कहा गया है कि जांच एजेंसियों को पता चला था कि पड़ोसी देश के तत्वों द्वारा अवैध हथियार, मादक पदार्थों और नकली मुद्रा की तस्करी के लिए इस मार्ग का दुरुपयोग किया जा रहा है. इसके बाद यह कदम उठाया गया.

बयान में कहा गया है कि एक सख्त विनियामक और प्रवर्तन तंत्र तैयार किया जा रहा है और उसके लागू होने के बाद व्यापार मार्गों को फिर से खोलने के मुद्दे पर विचार किया जाएगा.

क्या कहा गृह मंत्रालय ने?
केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश में कहा गया है कि भारत सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर के चकन-दा-बाग और सलामाबाद में एलओसी व्यापार को स्थगित करने का निर्णय लिया गया है.

इसमें कहा गया है कि यह कार्रवाई उन रिपोर्टों के आधार पर की गई है कि पाकिस्तान स्थित तत्वों द्वारा अवैध हथियारों, नशीले पदार्थों और नकली नोटों को फैलाने के लिए व्यापार मार्गों का दुरुपयोग किया जा रहा है. 

सप्ताह में चार दिन होता है व्यापार 
एलओसी व्यापार अभी बारामूला जिले के उरी के सलामाबाद में और पुंछ जिले के चकन-दा-बाग में दो व्यापार केंद्रों से संचालित होता है. यह व्यापार सप्ताह में चार दिन होता है और यह वस्तु विनिमय प्रणाली और शुल्क मुक्त पर आधारित होता है.

सरकार ने बयान में कहा कि एक सख्त विनियामक और प्रवर्तन तंत्र पर काम किया जा रहा है और इसे विभिन्न एजेंसियों के परामर्श से लागू किया जाएगा.