Two days capacity building workshop on NBA

Chandigarh, 8th July 2019: Chandigarh College of Architecture is hosting a two day capacity building workshop on NBA( The National Board of Accreditation) accreditation, jointly with All India Council for Technical Education (AICTE), North Western Region(NWR), Chandigarh.The National Board of Accreditation is one of the two major bodies responsible for accreditation of higher education institutions in India, the other being NAAC.  NBA accredits technical programmes which include engineering & technology, architecture, applied arts and crafts, computer applications, management, pharmacy, hospitality and tourism management.

The workshop was inaugurated by Sh. Sachin Rana, IAS, Additional Deputy Commissioner, and Special Secretary cum Director-Technical Education, Chandigarh Administration.

Dr.KCB Rao and Prof. (Dr.) Vikram Singh, experts of NBA conducted the workshop and enlightened the audience about the significance, role and responsibilities of the accreditation process which is now mandatory for technical institutions. Over the coming years NBA will be playing critical role in awarding degrees said the experts and stressed the need on outcome based education.  160 teachers from various AICTE approved technical institutions across Punjab, Haryana, Chandigarh and Himachal Pradesh had participated in the workshop.

The National Board of Accreditation was established by the All India Council for Technical Education (AICTE) in 1994 and operated as an autonomous body since 2010. NBA has introduced new processes, parameters and criteria for accreditation, promoting international quality standards for technical education in India. This workshop is a precursor to the NBA application process being taken up in the college with the support of the Chandigarh Administration.

Former PU Professor to deliver keynote in Spain

Purnoor, Chandigarh July 4, 2019

            Professor Manju Jaidka, who superannuated from the English Dept, Panjab University, has been invited to deliver a keynote address at the 9th Congress of the International American Studies Association (IASA) to be held at Alcala de Henares, Madrid, Spain, from 8 to 10 July 2019.  

            The theme of the Conference is New Challenges for American Studies in the 21st Century.Prof Jaidka’s presentation will be on “American Studies in a World of Flux”.  

            A former Chairperson at PU and the erstwhile head of the Chandigarh Sahitya Akademi, Prof Jaidka has travelled widely on professional assignments and on fellowships. She is an academician and creative writer who has published extensively, lectured at various international forums, been the recipient of prestigious fellowships from reputed institutions like the UGC, the Fulbright association and Rockefeller Foundation, and is on several national and international bodies.  

            IASA is an international association of academicians hailing from forty different countries. It meets over an international congress once in two years. 

PU Doctor awarded Best Paper Award 

Purnoor, Chandigarh June 25 – 2019

            The research paper of Dr. Suman Lata, Library Assistant at Department of English and Cultural Studies, Panjab University was selected for Best Paper Award in an International Conference on Qualitative and Quantitative Methods in Libraries organised by International Research Conference (IRC) held on 4-5 June, 2019 at New York, USA. 

आज डाकटरों की देशव्यापी हड़ताल

ममता की भड़काई आग में सारे देश के जूनियर डाक्टर हड़ताल पर हैं। अभी तक कहीं कहीं सांकेतिक हड़ताल चल रही थी परंतु आज यानि 17 जून को आईएमए और दूसरे संगठनों ने देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। जो बात सिर्फ एक आश्वासन से दूर की जा सकती थी उसे पहले ममता ने सांप्रदायिक रंग दिया, फिर क्षेत्रीय मामला बनाया, धमकाया, इस्तीफे – निलंबन और तत्पश्चात अपनी सुरक्षा से भी जोड़ दिया। सब कुछ किया बस वही नहीं किया जो अति साधारण और अति आवश्यक था।

नई दिल्लीः पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के साथ हुए व्यवहार के बाद हड़ताल का असर पूरे देश में देखने को मिल रहा है. आज राजधानी दिल्ली में सफदरजंग, लेडी हार्डिंग, आरएमएल, जी टीबी, डॉ बाबासाहेब अंबेडकर, संजय गांधी मेमोरियल, दिन दयाल उपाध्याय अस्पताल के डॉक्टर हड़ताल पर रहेंगे. डॉक्टरों के हड़ताल पर रहने के कारण दिल्ली के सभी सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं और रूटीन ऑपरेशन प्रभावित होंगे. 

इमरजेंसी सेवाएं जारी रहेंगी

इन अस्पतालों में करीब 14,500 रेजिडेंट डॉक्टरों के हड़ताल पर रहने से ओपीडी प्रभावित रहेंगी. वहीं ऑपरेशन थियेटर बंद रहने की वजह से पहले से निर्धारित ऑपरेशन नहीं हो पाएंगे. हालांकि ओपीडी में वरिष्ठ डॉक्टर मौजूद रहेंगे. रेजिडेंट डॉक्टरों का कहना है कि इमरजेंसी में रेजिडेंट डॉक्टर ड्यूटी पर मौजूद रहेंगे. ताकि गंभीर मरीजों का इलाज प्रभावित न होने पाए. आइएमए की घोषणा के मद्देनजर दिल्ली के निजी अस्पतालों में भी ओपीडी सेवा प्रभावित होने की आशंका है. इससे हजारों मरीजों का इलाज प्रभावित होगा.

इन अस्पतालों में जाने से बचें

सफदरजंग, आरएमएल, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, लोकनायक, जीबी पंत, जीटीबी, डीडीयू, संजय गांधी स्मारक अस्पताल, आंबेडकर अस्पताल, गुरु गो¨वद सिंह अस्पताल, हइबास, हिंदू राव, भगवान महावीर अस्पताल, चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय, रेलवे अस्पताल व महर्षि वाल्मीकि अस्पताल, एलबीएस. एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने अपना फैसला बदल लिया है और दोपहर 12 बजे से हड़ताल में शामिल होने के एलान किया है. इससे कार्डियक सेंटर व न्यूरो सेंटर में दोपहर दो बजे से होने वाली ओपीडी प्रभावित होगी.

दिल्ली के इन अस्पतालों के लिए जारी किया गया नंबर

यहां पहुंचने वाले मरीज़ हड़ताल से  अस्पताल में कौन-कौन सी स्वास्थ्य सेवाएं बाधित हुई है उसकी जानकारी हासिल कर सकते हैं..
1. सफदरजंग  :- 26165060, 26165032, 26168336
2. लेडी हार्डिंग :- 011 2336 3728
3. आरएमएल :-91-11-23404040
4. जी टीबी  :- 011 2258 6262
5. डॉ बाबासाहेब अंबेडकर:- 0120 245 0254
6. संजय गांधी मेमोरियल :-011 2792 2843 / 011 2791 5990
7.दिन दयाल उपाध्याय : 011 2549 4402

लंगर के जीएसटी पर केंद्र ने 57 लाख जारी किए: हरसिमरत

केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने बृहस्पतिवार को कहा कि केंद्र ने स्वर्ण मंदिर समेत विभिन्न गुरुद्वारों मे लंगर तैयार करने के लिए खरीदी गई सामग्री पर वसूले गये जीएसटी के रिफंड के लिए 57 लाख जारी किया है. हरसिमरत कौर का यह वक्तव्य इस लिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है जब विपक्ष ने लंगर पर जीएसटी लगाने को चुनावी मुद्दा बना दिया था।

चंडीगढ़: केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने बृहस्पतिवार को कहा कि केंद्र ने स्वर्ण मंदिर समेत विभिन्न गुरुद्वारों मे लंगर तैयार करने के लिए खरीदी गई सामग्री पर वसूले गये जीएसटी के रिफंड के लिए 57 लाख जारी किया है. बठिंडा से तीन बार निर्वाचित सांसद और खाद्य प्रसंस्करण मंत्री ने लंगर की सामग्री पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) रिफंड करने के सिख समुदाय से किये गये वादे को पूरा करने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया.

यहां जारी एक बयान में उन्होंने कहा कि केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने लुधियाना में जीएसटी के अधिकारियों को गुरुद्वारों में लंगर के लिए खरीद सामग्री पर माल एवं सेवा कर के रिफंड के लिए 57 लाख रुपये जारी किया है. यह राशि शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) को हस्तांतरित की जाएगी.

बादल ने कहा, ‘‘जीएसटी वापसी की यह पहली किस्त है और रिफंड तिमाही आधार पर एसजीपीसी को जारी किया जाएगा. मैं इस मुद्दे का समाधान कर सिखों की भावना का सम्मान करने के लिये प्रधानमंत्री को धन्यवाद देती हूं….’’ पिछली राजग सरकार ने लंगर में खाना पकाने में उपयोग होने वाले सामानों पर जीएसटी से छूट देने का निर्णय किया था.

एससीओ सम्मेलन में प्रधान मंत्री मोदी ने इमरान को किया नज़रअंदाज़

एससीओ शिखर सम्मेलन में यदि कोई सबसे चर्चित चेहरा रहा तो वह हैं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान। उनके हाव भाव, आचरण और भारत को ले कर उनकी भाषा। प्रधान मंत्री मोदी ने इमरान खान पर इस तरह से मानसिक दबाव बनाया के उनके आचरण में बौखलाहट और ढिठाई साफ नज़र आने लग पड़ी। विश्व पटल पर इमरान का कुर्सी प्रेम भी ज़ाहिर हो गया। विश्व के नेताओं के स्वागत में जब सभी नेता गण और प्रतिनिधि मण्डल आदर देने को खड़े थे तब मियां इमरान अपनी कुर्सी पर पसरे हुए थे।

बिश्‍केक:

किर्गिस्‍तान की राजधानी में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन यानी एससीओ (SCO) शिखर सम्‍मेलन में हिस्‍सा लेने के लिए पहुंचे पीएम मोदी और पाकिस्‍तानी पीएम इमरान खान के बीच कोई मीटिंग नहीं हुई. सूत्रों के हवाले से बताया कि दोनों नेताओं के बीच दुआ-सलाम तक नहीं हुई.

पाक-भारत संबंध सबसे खराब दौर में: इमरान
इस बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि भारत के साथ उनके देश के संबंध शायद अपने सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं. हालांकि, उन्होंने आशा जताई कि उनके भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी कश्मीर सहित सभी मतभेदों को हल करने के लिए अपने ‘प्रचंड जनादेश’ का उपयोग करेंगे.

बिश्केक के लिए रवाना होने से पहले रूसी समाचार एजेंसी स्पुतनिक को दिए एक ‘इंटरव्यू’ में खान ने कहा कि एससीओ सम्मेलन ने उन्हें दोनों पड़ोसी देशों के बीच संबंधों को बेहतर बनाने के लिए भारतीय नेतृत्व के साथ बात करने का अवसर दिया है. खान ने कहा कि एससीओ सम्मेलन ने पाकिस्तान को भारत सहित अन्य देशों के साथ अपना संबंध विकसित करने के लिए एक नया मंच दिया है. उन्होंने कहा कि इस वक्त भारत के साथ हमारे द्विपक्षीय संबंध शायद अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहे हैं.

Sources: There was no meeting between Prime Minister Narendra Modi and Pakistan PM Imran Khan. No exchange of pleasantries between the two leaders. #SCOSummit (file pics) pic.twitter.com/wMvoy19LgY2,2619:49 PM – Jun 13, 2019Twitter Ads info and privacy371 people are talking about this

इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान किसी भी तरह की मध्यस्थता के लिए तैयार है और अपने सभी पड़ोसियों, खासतौर पर भारत के साथ शांति की उम्मीद करता है. उन्होंने कहा कि तीन छोटे युद्धों ने दोनों देशों को इस कदर नुकसान पहुंचाया कि वे अभी भी गरीबी के भंवर जाल में फंसे हुए हैं. गौरतलब है कि भारतीय विदेश मंत्रालय ने पिछले हफ्ते कहा था कि एससीओ सम्मेलन से इतर मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष खान के बीच किसी द्विपक्षीय बैठक की योजना नहीं है.

वहीं, खान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दो बार पत्र लिख कर सभी मुद्दों पर वार्ता बहाल करने की अपील की है.

पीएम मोदी और शी चिनफिंग की मुलाकात
पीएम मोदी ने बृहस्पतिवार को यहां चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ अपनी वार्ता के दौरान सीमा पार से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के मुद्दे को उठाया और कहा कि भारत वार्ता बहाली के लिए आतंक मुक्त माहौल बनाने के मकसद से पाक द्वारा ठोस कार्रवाई किए जाने की उम्मीद करता है.

इमरान खान ने कहा कि मुख्य जोर शांति बहाल करने और वार्ता के जरिए मतभेदों को दूर करने पर होना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘भारत के साथ हमारा मुख्य मतभेद कश्मीर (मुद्दा) है. और यदि दोनों देश फैसला करते हैं तो यह मुद्दा हल हो सकता है. लेकिन दुर्भाग्य से हमें (इस सिलसिले में) भारत की ओर से ज्यादा सफलता नहीं मिली है.

खान ने कहा, ‘‘लेकिन हम आशा करते हैं कि मौजूदा प्रधानमंत्री (मोदी) के पास प्रचंड जनादेश है, हम आशा करते हैं कि वह बेहतर संबंध विकसित करने और उपमहाद्वीप में शांति कायम करने में इसका उपयोग करेंगे.’’ उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि पैसों का इस्तेमाल लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में किया जाना चाहिए. उन्होंने चीन का उदाहरण देते हुए यह बात कही जिसने अपने लाखों लोगों को गरीबी के भंवर जाल से बाहर निकाला है.

खान ने कहा, ‘‘हम आशा करते हैं कि भारत के साथ हमारा तनाव घटेगा, इसलिए हमें हथियार नहीं खरीदना है क्योंकि हम मानव विकास पर धन खर्च करना चाहते हैं. लेकिन हां, हम रूस से हथियार खरीदने पर विचार कर रहे हैं और मैं जानता हूं कि हमारी सेना रूसी सेना के साथ संपर्क में है.’’ उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान रूस के साथ पिछले कुछ बरसों से संयुक्त सैन्य अभ्यास करता आ रहा है. इसके अलावा वह रूस से रक्षा खरीद भी कर रहा है जिसने नयी दिल्ली को कुछ चिंतित किया है.

21 जून, योग दिवस की तैयारियाँ पूरी

पुरनूर, पंचकूला  13 जून

पंचकूला के विधायक ज्ञान चन्द गुप्ता ने कहा कि योग हमे स्वस्थ रखने के साथ साथ तनाव से मुक्त भी रखता है। वर्तमान समय में स्वस्थ व निरोगी रहने का एकमात्र उपाए नियमित रूप से योग करना है। योग को हमें अपनी दिनचर्या में शामिल कर दूसरों को भी योग की महत्वता के बारे प्रेरित करना है।

गुप्ता आज सैक्टर 5 स्थित परेड मैदान में योगाभ्यास कार्यक्रम के प्रतिभागियों का सम्बोधित कर रहे थे। इस मौके पर पंतजलि योग शिक्षक व आयुष विभाग के विशेषज्ञों द्वारा योग की विभिन्न क्रियाओं के माध्यम से अधिकारियों व कर्मचारियों को अवगत करवाया गया।

गुप्ता ने कहा कि योग से असाध्य बीमारियों का उपचार संभव हैए आज दूनिया भर के देशों में भारत की प्राचीनतम योग पद्धति को अपनाया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से 21 जून को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता मिली है।

एस.डी.एम पंकज सेतिया ने कहा कि 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन सैक्टर 5 पंचकूला स्थित परेड मैदान में किया जायेगा। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम को लेकर तीन दिवसीय योग शिविर का आयोजन किया गया है जिसके तहत अधिकारियों कर्मचारियों व अन्य लोगों को योग की महत्वता के बारे जागरूक करने का काम किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि जिला स्तरीय कार्याक्रम में हजारो प्रतिभागी सामुहिक तौर पर योग प्रदर्शन करेंगे और इस कार्यक्रम में हरियाणा सरकार के प्रतिनिधि के रूप में प्रदेश के मंत्री मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। उन्होंने बताया कि 15 जून तक जिला अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के प्रशिक्षण के बाद 19 जून को परेड मैदान में ही फाईनल रिहर्सल होगी। इसके अलावा शहरवासियों को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का संदेश देने के लिए 20 जून को प्रातः 7 बजे सैक्टर 5 परेड मैदान से मैराथन आरम्भ की जायेगी जिसमें हजारों शहरवासी सामुहिक रूप से मैराथन में शामिल होंगे। इसके अलावा 21 जून का मुख्य कार्यक्रम भी परेड मैदान में करवाया जायेगा।

शिविर के दौरान पंतजलि योग समिति के प्रशिक्षकों ने ताड़आसन त्रिकोणआसन वृक्षआसन उष्टआसन वज्रआसन भुजंगआसन सहित अन्य आसनों को करते हुए उनसे होने वाले लाभों के बारे में विस्तार से बताया। इसके अलावा उन्होने योग की विभिन्न क्रियाएं जैसे प्राणायाम नाड़ीशोधन भस्तृका कपालभाति शीतली प्राणायाम अनुलोम विलोम प्राणायाम सहित अन्य योग क्रियाओं की महत्वता के बारे में जानकारी दी। आयुष विभाग के विशेषज्ञों द्वारा भी योग के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी गई। इस अवसर पर जिला प्रशासन के अधिकारीगण कर्मचारीगण व अन्य लोग मौजूद रहे।

भारत ने बनाया एचएसटीडीवी

नई दिल्ली: भारतीय वैज्ञानिकों ने स्वदेशी मिसाइल प्रोग्राम को नई ऊंचाई पर पहुंचाते हुए बुधवार को हाइपरसोनिक रफ्तार हासिल करने के लिए टेस्ट लॉन्च किया. इस हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमोन्स्ट्रेटर व्हीकल (Hyper-sonic Technology Demonstrator Vehicle) को भविष्य में न केवल हाइपरसोनिक क्रूज़ मिसाइलों बनाने में इस्तेमाल होगा बल्कि इसके ज़रिये काफ़ी कम खर्च में सैटेलाइट लॉन्चिंग भी की जा सकेगी. रक्षा अनुसंधान और विकास संस्थान यानी डीआरडीओ ने इस बात की जानकारी नहीं दी कि ये लॉन्च क़ामयाब रहा या नहीं. डीआरडीओ ने एक प्रेस रिलीज़ में केवल ये जानकारी दी कि Technology Demonstrator Vehicle को उड़ीसा के तट से डॉ. अब्दुल कलाम आईलेंड से सफ़लतापूर्वक लॉन्च कर दिया गया.

How fast are the Mach speeds?
Mach Speed is when an object moves faster than the speed of sound. For normal and dry conditions and temperature of 68 degrees F, this is 768 mph, 343 m/s, 1,125 ft/s, 667 knots, or 1,235 km/h.Nov 15, 2017

The speed achieved by DRDO is 7410 Km/h

Hypersonic Technology Demonstrator Vehicle या एचएसटीडीवी प्रोग्राम को अपने हाइपरसोनिक मिसाइलों के निर्माण के लिए डीआरडीओ पिछले दो दशक से आगे बढ़ा रहा है. इसमें स्क्रैमजेट (SCRAMJET) इंजन का इस्तेमाल होता है जिससे रफ्तार 6 मैक तक हासिल की जा सकती है. भारत ने इंजन से एयरफ्रेम को लगाने का काम 2004 में पूरा कर लिया था.

सूत्रों के मुताबिक एक टन वज़नी और 18 फीट लंबे इस एयरव्हीकल को अग्नि 1 मिसाइल से लॉन्च किया गया. इसे एचएसटीडीवी को एक ख़ांस ऊंचाई तक पहुंचाना था जिसके बाद स्क्रैमजेट इंजन अपने आप चालू होता और वो व्हीकल को 6 मैक की रफ्तार तक पहुंचाता. लेकिन अभी ये साफ़ नहीं हो पाया कि क्या पूरा लॉन्च योजनाबद्ध ढंग से हो पाया या नहीं. इस संबंध में डीआरडीओ ने कोई और जानकारी नहीं दी है. 

हालांकि इस बात का ज्यादा महत्व नहीं है कि लॉन्च क़ामयाब हुआ या नहीं बुधवार को भारतीय वैज्ञानिकों ने एक मील का पत्थर पार कर लिया. रूस, अमेरिका औऱ चीन के बाद केवल भारत ऐसा देश है जिसने इस तकनीक को विकसित किया है. 9 जनवरी 2014 को अमेरिकी जासूसी उपग्रहों ने चीन के किसी फ्लाइंग ऑब्जेक्ट को 5 मैक से 10 मैक की रफ्तार से 100 किमी ऊपर उड़ते हुए रिपोर्ट किया था. बाद में चीन स्वीकार किया कि ये उसका WU-14 एचएसटीडीवी था.

भारत ने रूस के सहयोग से सुपरसोनिक यानी आवाज़ की रफ्तार से ज्यादा तेज़ उड़ने वाली ब्रह्मोस मिसाइल बनाने और उसे शानदार ढंग से इस्तेमाल करने में क़ामयाबी पाई है. इसकी रफ्तार 2.8 मैक तक हो सकती है. लेकिन अब अगला क़दम ब्रह्मोस मार्क 2 के निर्माण का है जिसकी रफ्तार 7 मैक तक होगी. भविष्य में मिसाइलों से लेकर नागरिक इस्तेमाल के लिए लॉन्च व्हीकल बनाने के लिए हाइपरसोनिक रफ्तार हासिल करने की दौड़ होगी. 

गर्मी के मौसम में नागरिकों व पशुओं के लिये पेयजल की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित हो: उपायुक्त पंचकुला

पुरनूर, पंचकूला, 11 जून:

उपायुक्त डाॅ0 बलकार सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे गर्मी के मौसम में नागरिकों व पशुओं के लिये पेयजल की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि सिंचाई, जनस्वास्थ्य और नगर निगम के अधिकारी बेहतर तालमेल के साथ उन सुविधाओं को विशेष प्राथमिकता दें।

उन्होंने कहा कि नियमित पेयजल आपूर्ति के साथ साथ जल भंडारण के स्त्रोतों में भी पानी की उपलब्धता सुनिश्चित रखें। जिन क्षेत्रों में पशुओं को पानी पिलाने के लिये तालाबों में पानी इत्यादि के भरने की आवश्यकता है, वहां विकास एवं पंचायत विभाग के साथ मिलकर ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिलावासियों के साथ साथ मनरेगा और निर्माण स्थलों पर कार्य करने वाले मजदूरों व उनके परिजनों के लिये भी पानी की उपलब्धता सुनिश्चित रखें।

  उपायुक्त ने विघुत निगम के अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में सरकार के निर्देशानुसार बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करें। इसके अलावा उन्होंने ग्राम पंचायतों, नगर निगम, गैर सरकारी संगठनों, विभिन्न सामुदायिक समूहों और साधन संपन्न नागरिकों से अनुरोध किया कि वे सार्वजनिक स्थलों पर पानी की छबील इत्यादि लगाने में सहयोग करें ताकि गर्मी के इस मौसम में हर व्यक्ति को पानी मिल सके। उन्होंने नागरिकों से अनुरोध भी किया कि वे पक्षियों के लिये पानी की व्यवस्था हेतू अपने घर आंगन व संस्थानों में मिट्टी के बर्तनों में पानी इत्यादि भरकर रखें ताकि पक्षी सुविधाजनक तरीके से पानी पी सके।

  डाॅ0 बलकार सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये गये है कि वे सभी राजकीय अस्पतालों, सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में गर्मी के कारण बीमार होने वाले लोगों के उपचार के लिये आवश्यक दवाईयों की सुविधा सुनिश्चित करें। इसके अलावा अपने क्षेत्रीय अमले के माध्यम से लोगों को लू से सुरक्षित रहने तथा लू लगने पर आवश्यक उपायों के बारे में भी जागरूक करें। उन्होंने जागरूकता की इन गतिविधियों में महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को भी आंगनवाॅडी कार्यकर्ताओं को शामिल करने के निर्देश दिये।

धोनी नहीं पहनेंगे ‘बलिदान’ दस्ताने

किरेन रिजिजू ने न्‍यूज एजेंसी एएनआई से कहा कि ‘बीसीसीआई या कोई भी खेल संगठन पर सरकार हस्तक्षेप नहीं करती है, वो अपने तरीके से बॉडी चलाती है. वर्ल्‍ड कप में जो हुआ है, वह भारत की साख से जुड़ी घटना हुई है.  धोनी ने क्रिकेट विश्व कप में भारत के पहले मुक़ाबले में दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ ये दस्ताने पहने थे जिस पर ‘रेजिमेंटल डैगर’ का निशान बना हुआ था. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद यानी आईसीसी ने इंडियन पैरा स्पेशल फ़ोर्सेज़ से जुड़े इस चिह्न पर आपत्ति ज़ाहिर करते हुए इसे हटाने का आदेश दिया है. वहीं भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) और भारत सरकार इसे देशभक्ति और राष्ट्र की भावना से जोड़कर देख रहे हैं. पर आईसीसी ने दो-टूक कह दिया कि धोनी ने नियमों का उल्लंघन किया है और उन्हें अपने दस्तानों को बदलना ही होगा.

नई दिल्‍ली : आईसीसी क्रिकेट वर्ल्‍ड कप पूर्व भारतीय कप्तान और अनुभवी विकेटकीपर-बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी द्वारा बलिदान बैज वाले ग्‍लव्‍स पहनने पर आईसीसी द्वारा उठाई गई आपत्ति पर जहां बीसीसीआई अपना मजबूती से पक्ष रख रहा है, वहीं, खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने भी इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी है. रिजिजू ने कहा कि ‘यह भारत की साख से जुड़ा मामला है. बीसीसीआई इस मामले में अपना स्‍टैंड मजबूती से रखे’.

किरेन रिजिजू ने न्‍यूज एजेंसी एएनआई से कहा कि ‘बीसीसीआई या कोई भी खेल संगठन पर सरकार हस्तक्षेप नहीं करती है, वो अपने तरीके से बॉडी चलाती है. वर्ल्‍ड कप में जो हुआ है, वह भारत की साख से जुड़ी घटना हुई है. बीसीसीआई अपने लेवल पर इसे देखे. यह भारत की जनता की भावना से जुड़ा मामला भी है, इसलिए इस ध्यान रखते हुए बीसीसीआई अपना पक्ष रखे. मैं बीसीसीआई को कहना चाहता हूं कि वह अपना काम देखे और देश की साख से जुड़ी कोई भी बात है तो सरकार को इसकी जानकारी दे. महेंद्र सिंह धोनी की पहचान है. बीसीसीआई उनके साथ खड़े रहे. बीसीसीआई अपना स्टैंड अच्छे से रखे. राजनीतिक दृष्टि से इस पर कुछ नहीं कहना है’

इसी मुद्दे पर जब www.demokraticfront.com की टीम से बातचीत करते हुए पंचकुला स्थित हरियाणा क्रिकेट असोसियेशन के जनरल सेक्रेटरी(honorary) अमरजीत कुमार ने कहा, ‘कैप्टन कूल’ महेंद्र सिंह धोनी सिर्फ़ क्रिकेटर नहीं हैं, भारतीय सेना ने उन्हें मानद रैंक दी है, इसके तहत वह वह सेना में लेफ़्टिनेंट कर्नल भी हैं उन्हें पूरा हक है कि वह रेजीमेंट के चिन्ह को धारण करें पर साथ ही BCCI, ICC के नियमों से भी बंधी है।” साथ ही अमरजीत ने यह भी कहा कि “इस बैज से धोनी अथवा बीसीसीआई को कोई आर्थिक लाभ नहीं मिल रहा अत: ICC को भी अपना रुख़ नर्म रहना चाहिए।”

दरअसल, इस मुद्दे पर प्रशासकों की समिति (सीओए) ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) से अपील करते हुए कहा है कि वे विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी के दस्तानों पर बने सेना के चिह्न् को मंजूरी दे.

इंग्लैंड एंड वेल्स में जारी विश्व कप में भारत के पहले मैच में धोनी को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ विकेटकीपिंग दस्तानों पर भारतीय पैरा स्पेशल फोर्स के चिह्न् का इस्तेमाल करते देखा गया था. इसके बाद, आईसीसी ने बीसीसीआई से कहा था कि वह धोनी के दस्तानों पर से यह चिह्न् हटवाए. मुंबई में शुक्रवार को सीओए की बैठक में एक सदस्य ने कहा कि मंजूरी की मांग की गई है ताकि धोनी अपने दस्तानों को पहन सके.

एक सदस्य ने कहा, “हां, हमें धोनी के चिह्न् को लेकर जारी विवाद के बारे में पता है, लेकिन इससे किसी प्रकार की राजनीतिक या धार्मिक संवेदनाएं नहीं जुड़ी हुई है और हमने आईसीसी से मांग की है ताकि धोनी को चिह्न् वाले दस्ताने पहनने की आज्ञा दी जाए.”

आईसीसी के एक अधिकारी ने कहा कि परिषद को अगर बीसीसीआई यह समझाने में सफल हो पाता है कि ‘बलिदान ब्रिगेड के चिह्न्’ से किसी प्रकार की राजनीतिक या धार्मिक संवेदनाएं नहीं जुड़ी हुई है तो बोर्ड के अपील पर विचार किया जा सकता है. आईसीसी के महाप्रबंधक, रणनीति समन्वय, क्लेयर फरलोंग ने आईएएनएस से कहा था, “हमने बीसीसीआई से इस चिह्न् को हटवाने की अपील की है.”