सीमा हैदर के ISI से जुड़े होने की आशंका जताई जा रही है

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सीमा हैदर का एक भाई पाकिस्तान की पुलिस और चाचा वहाँ की फ़ौज में सूबेदार पद पर हैं। ऐसे में सीमा के ISI से जुड़े होने की आशंका जताई जा रही है। ATS ने सीमा को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। ATS के अलावा IB और नोएडा पुलिस भी सीमा हैदर के केस पर काम कर रही है। सीमा हैदर के साथ उसके पति सचिन से भी पूछताछ की गई थी। वायरल हो रहे एक वीडियो में सादी वर्दी में एक महिला स्टाफ सीमा हैदर को अपने साथ ले जाते दिखाई पड़ रही है।

ATS पाकिस्तान सीमा हैदर

राज्वीरेंद्र वसिश्ठ, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ – 17 जुलाई :

पाकिस्तानी सीमा हैदर एक बार फिर से गिरफ्तार हो सकती है। पाकिस्तानी नागरिक सीमा के बारे में यूपी एटीएस ने भी जांच शुरू कर दी है। UP ATS केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के साथ कोऑर्डिनेशन कर सीमा के पाकिस्तान से यूपी आने और उसके कांटेक्ट के बारे में जांच कर रही है। इस मामले की जांच कर रहे नोएडा और गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट ने कई अहम जानकारियां पता लगाने के लिए यूपी एटीएस से तकनीकी मदद मांगी है।

सूत्रों की माने तो एटीएस केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के साथ सीमा के पाकिस्तान से दुबई और फ्री नेपाल के रास्ते भारत आने की पूरी नेटवर्क को खंगाल रही है। भारत आने पर सीमा ने किन मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल किया है, इसकी भी जांच हो रही है। साथ ही सीमा सचिन के संपर्क में कब से थी और दोनों के बीच किन-किन मोबाइल नंबरों से बातचीत होती थी, इसकी भी जांच की जा रही है।

पाकिस्तानी सीमा हैदर और सचिन की लव स्टोरी में जासूसी का एंगल आ गया है। सीमा को सोमवार को एटीएस ने ग्रेटर नोएडा स्थित उसके घर से हिरासत में ले लिया है। ATS सीमा के साथ ही उसके चार बच्चों और सचिन को भी अपने साथ ले गई है। किसी सीक्रेट लोकेशन पर सीमा से पूछताछ की जा रही है।

सूत्रों के मुताबिक, IB यानी इंटेलिजेंस ब्यूरो को इनपुट मिला है कि सीमा हैदर के चाचा पाकिस्तानी सेना में सूबेदार है। उसका भाई भी पाकिस्तानी आर्मी में है। जबकि इससे पहले सीमा ने अपने भाई को लेकर कहा था कि वह सेना में नहीं है, बल्कि सेना में भर्ती की तैयारी कर रहा है।

IB से इनपुट मिलने के बाद ATS एक्शन में आ गई। सीमा हैदर के पासपोर्ट को भी जांच के लिए भेजा गया है। साथ ही, उसकी मोबाइल डिटेल्स की भी दोबारा जांच की जा रही है। उधर, नोएडा पुलिस ने सीमा के घर के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी है। सचिन के परिवार को किसी से मिलने नहीं दिया जा रहा है। सचिन के घरवालों ने दरवाजे बंद कर लिए हैं।

सीमा हैदर का मामला जब सामने आया था तो उसके पाकिस्तानी एजेंसी ISI से कनेक्शन की चर्चा हुई थी। हालांकि, बाद में जांच एजेंसियों को इससे जुड़े कोई ठोस सबूत नहीं मिले। इसलिए मामला लव एंगल की तरफ मुड़ गया था। लेकिन अब IB के इनपुट के बाद फिर से जासूसी एंगल पर एजेंसियों ने जांच शुरू कर दी है।

सीमा हैदर के नोएडा के रबूपुरा गांव में स्थित घर पर एक दरोगा, 2 महिला और पुरुष कॉन्स्टेबल तैनात हैं। दो शिफ्ट में पुलिसकर्मी यहां रहकर उनके हर मूवमेंट पर नजर रख रहे हैं। किसी भी बाहरी को उनसे मिलने की इजाजत नहीं दी जा रही है। ऐसा भी बताया जा रहा है कि सीमा के परिवार के लोग भी किसी से मुलाकात नहीं कर रहे हैं। वो लोग सीमा की तबीयत खराब होने की बात कहकर लोगों को गेट से ही वापस कर रहे हैं।

पाकिस्तान से आई सीमा हैदर ATS की हिरासत में है। इंडियन एजेंसियां इस बात की जांच कर रही हैं कि कहीं सीमा हैदर का पाकिस्तान खुफिया एजेंसी ISI से तो कोई कनेक्शन नहीं है? हालांकि, सीमा की कहानी सलमान खान की फिल्म एक था टाइगर जैसी नजर आ रही है।

फिल्म की तरह सीमा की कहानी में भी लव, गेम, धोखा और जासूसी का एंगल भी है। उसका फोन क्यों टूटा और उसने सिम क्यों बदला? फर्राटेदार अंग्रेजी, ओवर स्मार्टनेस का राज क्या है? एजेंसियां ऐसे तमाम पहलुओं और कड़ियों को जोड़ने में जुटी हैं।

इसको लेकर 9 जुलाई को दैनिक भास्कर ने खबर की थी। इसमें सीमा हैदर, पाकिस्तान, पब्जी गेम, सचिन, शादी, खुलासे और जांच की कड़ियों को जोड़ा था। आइए आपको भी इन चार कड़ियों से रूबरू कराते हैं।

इससे पहले पाकिस्तान के एक स्थानीय संगठन का वीडियो सामने आया था। इसमें वो लोग सीमा को बच्चों सहित पाकिस्तान भेजने के लिए भारत को धमका कह रहे हैं। वो लोग हाथ में बंदूक और बम लेकर सड़क के किनारे बैठे हुए दिख रहे थे। बंदूक दिखाते हुए वो लोग कह रहे थे कि अगर हमारे देश की महिला को वापस नहीं भेजा, तो अंजाम बहुत बुरा होगा। उन्होंने हमले की धमकी भी दी थी। इसके बाद रविवार को कराची में 150 साल पुराने मंदिर को मॉल बनाने के लिए ढहा दिया गया है।

सोशल मिडिया के अनुसार SFJ प्रमुख पन्नू की अमेरिका में कार एक्सीडेंट में गई जान

खालिस्तानी जनमत संग्रह के लिए प्रचार कर रहे, अमेरिका में रहने वाला (एसएफजे) सिख फॉर जस्टिस प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू अपने करीबी दोस्त हरदीप सिंह निझार की हत्या के बाद से पिछले तीन दिनों से छिपा हुआ है। निझार की 18 जून को कनाडा के सरे (Surrey) में अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। अब निज्जर की हत्या के बाद अंडरग्राउंड था खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू। सोशल मिडिया के अनुसार कुख्यात खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की अमेरिका में सड़क दुर्घटना में मौत हो गई है। 

indian consulate in san francisco us attacked again by khalistani  supporters tku | अमेरिका: सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर  खालिस्तानी समर्थकों ने लगाई आग, 5 ...
  • अमेरिका में खालिस्तान मूवमेंट चला रहे SFJ प्रमुख पन्नू की मौत की खबर ?
  • मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका में कार एक्सीडेंट में गई पन्नू की जान
  • खालिस्तान आतंकी की हत्या के बाद पन्नू चल रहा अंडरग्राउंड

डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, दिल्ली(ब्युरो) – 05 जुलाई :

कुख्यात खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की अमेरिका से सड़क दुर्घटना में मौत की खबर आ रही है, हालांकि इसकी किसी तरफ से औपचारिक पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन चर्चा है कि सिख फॉर जस्टिस का चीफ पन्नू अब इस दुनिया में नहीं रहा।

पन्नू पिछले काफी समय से अंडरग्राउंड था। पाकिस्तान में परमजीत सिंह पंजवड़ की हत्या, फिर लंदन में अवतार सिंह खांडा की मौत और कनाडा में हरदीप सिंह निज्जर के कत्ल के बाद पन्नू को डर था कि उसकी भी हत्या हो सकती है।

विदेश में बैठकर देता था धमकी
​​​​​​पन्नू पिछले काफी समय से भारत विरोधी बातें करता रहता था। वह आए दिन कोई न कोई वीडियो जारी कर खालिस्तान समर्थकों को उकसाता था। भारत की एजेंसियों को बदनाम कर उन पर दबाव बनाने की कोशिश करता था। हाल ही में उसने खालिस्तान समर्थकों की हत्या के बाद इसके लिए कनाडा और अमेरिका में भारतीय दूतावास के अफसरों को जिम्मेदार ठहराते हुए वीडियो भी जारी किया था। यह उसका धमकी भरा आखिरी वीडियो था।

रेफरेंडम 2020 के नाम से चला रहा था खालिस्तानी आंदोलन
गुरपतवंत पन्नू अमेरिका में बैठकर पिछले लंबे समय से ‘पंजाब रेफरेंडम 2020’ नाम से खालिस्तानी आंदोलन चला रहा था। यहां वह सिखों को उकसाने की कोशिश कर रहा था। सिखों को खालिस्तान मुहिम से जोड़ने के लिए पन्नू सोशल मीडिया का सहारा लेता था।

पन्नू के लिए खालिस्तानी नारे लिखने के लिए वह फंडिंग भी करता था। पंजाब में ऐसे कई लोग पकड़े गए, जिन्होंने पन्नू के कहने पर सरकारी और सार्वजनिक जगहों पर खालिस्तानी नारे लिखकर माहौल भड़काने का काम किया था।

ऑस्ट्रेलिया जाने वाले भारतीय छात्रों की राह होगी आसान,  ईसीए ने आयोजित की वर्कशॉप

डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़   02      जून   :

ऑस्ट्रेलिया के सबसे बड़े निजी उच्च शिक्षा प्रदाता- एजुकेशन सेंटर ऑफ ऑस्ट्रेलिया (ईसीए) ने ताज चंडीगढ़ में एक सफल कार्यक्रम की मेजबानी की. ईसीए जो विदेशी शिक्षा सलाहकारों को प्रेरित और सशक्त करता है,  ने यहां वर्कशॉप आयोजित की.  वर्कशॉप का उद्देश्य ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई के इच्छुक भारतीय छात्रों के लिए यूनिवर्सिटी के आवेदनों के बारे में गलत सूचनाओं को दूर करना था.

छात्रों के लिए उपलब्ध सबसे अच्छे विकल्पों की तलाश करने के लिए पूरे भारत के 100 से अधिक अग्रणी विदेशी शिक्षा सलाहकार इस मुश्किल समय में एक साथ आए. ईसीए ग्रुप, जो अपनी पारदर्शिता और निष्पक्ष प्रथाओं के लिए जाना जाता है, ने वास्तविक और सटीक जानकारी के महत्व पर जोर दिया और छात्रों का शैक्षिक सफलता की दिशा में मार्गदर्शन किया. इस मौके पर ईसीए के स्वामित्व वाले और ईसीए के परिसरों में छात्रों  के लिए सुचारू प्रक्रियाएं हो, इसे लेकर भी आश्वासन दिया गया.

ईसीए के साथ ऑस्ट्रेलिया की इन यूनिवर्सिटी में मिलेगा मौका

छात्र कैनबरा सिडनी हिल्स विश्वविद्यालय, विक्टोरिया विश्वविद्यालय सिडनी और ब्रिस्बेन, तस्मानिया विश्वविद्यालय मेलबोर्न, स्वाइनबर्न प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय सिडनी, एशिया पैसिफ़िक इंटरनेशनल कॉलेज सिडनी, ब्रिस्बेन और मेलबोर्न, उच्च शिक्षा नेतृत्व संस्थान मेलबर्न और कॉलेज ऑफ हेल्थ साइंसेस सिडनी और ब्रिस्बेन में ईसीए समूह के साथ अध्ययन कर सकते हैं.  बता दें कि ईसीए समूह वास्तविक अस्थायी प्रवेश (जीटीई) मानदंडों को पूरा करने वाले  छात्रों के लिए ऑस्ट्रेलिया के गर्मजोशी से स्वागत को सुनिश्चित करता है.

2024 में बाली में होगा ईसीए का वार्षिक आयोजन

ईसीए समूह को अपने पार्टनर सलाहकारों के प्रति समर्पण के लिए भी जाना जाता है. चंडीगढ़ में आयोजित इस वर्कशॉप में ईसीए ने अपने पार्टनर मीट 2023 कंबोडिया इवेंट को याद किया और 2024 में बाली में अगले वार्षिक  ईसीए इवेंट की घोषणा की.  इस दौरान  ईसीए पार्टनर सलाहकारों ने बहुत उत्साह दिखाया, जो ऑस्ट्रेलियाई बाजार में अध्ययन को लेकर एक सकारात्मक पहलू दर्शाता है. भारत ऑस्ट्रेलिया में अध्ययन का दूसरा सबसे बड़ा सोर्स है.  इस नाते भारतीय छात्रों को उनके शैक्षणिक और कैरियर के लक्ष्यों को पूरा करने में सहायता करने के लिए भारत ईसीए समूह की मजबूत प्रतिबद्धता को देखता है.

इस मौके पर ईसीए ग्लोबल के सीईओ, राजेश सिंह ने सभी छात्रों के लिए एक बेहतर और उज्जवल मार्ग के लिए विदेशी शिक्षा सलाहकारों के बीच निष्पक्ष प्रथाओं को बढ़ावा देने और गुणवत्तापूर्ण कार्य को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया.

एडवोकेट वासु रंजन शांडिल्य बने इंटरनेशनल कौंसिल ऑफ ज्युरिस्ट्स के यूथ विंग के अध्यक्ष

  • सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के प्रधान एवं आईसीजे के चेयरमैन सीनियर एडवोकेट डॉ. आदिश सी अग्रवाला ने दी बड़ी जिम्मेवारी

डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, अम्बाला – 29  मई  :

भारत की सर्वौच अदालत सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के नवनिर्वाचित अध्यक्ष एवं इंटरनेशनल कौंसिल ऑफ ज्युरिस्ट्स के चेयरमैन डॉ. आदिश सी अग्रवाला ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में एडवोकेट वासु रंजन शांडिल्य को आईसीजे में बड़ी जिम्मेवारी देते हुए उन्हें इंटरनेशनल कौंसिल ऑफ ज्युरिस्ट्स का उत्तर भारत का यूथ विंग अध्यक्ष नियुक्त किया और आशा जताई कि एडवोकेट वासु रंजन शांडिल्य उत्तर भारत में युवा वकीलों को आने वाली समस्याओं का समाधान करने की पहल करेंगे और वकीलों के हितों व हकों की आवाज के लिए सदैव आगे रहेंगे और उत्तर भारत में युवा वकीलों को इंटरनेशनल कौंसिल ऑफ ज्युरिस्ट्स में जोड़ेंगे l

सीनियर एडवोकेट डॉ. आदिश सी अग्रवाला द्वारा यह जिम्मेवारी देने पर एडवोकेट वासु रंजन शांडिल्य ने उनका ह्रदय से आभार व्यक्त किया और कहा कि वह दी गई जिम्मेवारी पर निश्चित तौर पर खरे उतरेंगे l एडवोकेट शांडिल्य ने बताया कि इंटरनेशनल कौंसिल ऑफ ज्युरिस्ट्स में पूरे विश्व में कई पदाधिकारी है और इसका मुख्यालय लंदन में है और आईसीजे के सहप्रधान जॉर्डन के प्रधानमंत्री अवन खाशाव्नेह है और उप प्रधान यूनाइटेड किंगडम के सांसद डेविड लम्मी है, मालदीव्स के मुख्य न्यायधीश एंड्रू न्यीरेंदा सचिव है व इंटरनेशनल कौंसिल ऑफ ज्युरिस्ट्स में कई देशों से वरिष्ठ कानून की जानकारी रखने वाली विभूतियाँ जुडी हुई है l एडवोकेट वासु रंजन शांडिल्य ने इंटरनेशनल कौंसिल ऑफ ज्युरिस्ट्स के तमाम पदाधिकारियों का जिम्मेवारी देने के लिए आभार जताया l

एडवोकेट वासु रंजन शांडिल्य ने कहा जल्द इंटरनेशनल कौंसिल ऑफ ज्युरिट्स के चेयरमैन एवं नवनियुक्त सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के नवनिर्वाचित प्रधान डॉ. आदिश सी अग्रवाला का चंडीगढ़ व अम्बाला में हजारों वकील स्वागत करेंगे और विशाल अभिनन्दन समारोह का आयोजन किया जाएगा जिसमे वकीलों को दिन-प्रतिदिन आ रही समस्याओं को लेकर संगोष्ठी भी की जायेगी l एडवोकेट वासु रंजन शांडिल्य ने बताया कि जल्द देशभर में एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल लागू हो इस लिए आईसीजे के चेयरमैन डॉ. आदिश सी अग्रवाला के नेतृत्व में राष्ट्रपति को ज्ञापन भी सौंपा जाएगा l एडवोकेट वासु रंजन शांडिल्य को यह जिम्मेवारी मिलने पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट डॉ. अनमोल रतन सिद्धू, अतुल लखनपाल, एसके गर्ग नरवाना, कंवलजीत सिंह, बार कौंसिल पंजाब एवं हरियाणा के चेयरमैन सुवीर सिद्धू, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के प्रधान जीबीएस ढिल्लो, एडवोकेट विशाल गर्ग नरवाना समेत हरियाणा,पंजाब,चंडीगढ़ के कई वकीलों ने शुभकामनाएं दी l

वहीं एडवोकेट वासु रंजन शांडिल्य ने कहा कि वह वकालत व वकील के पद की गरिमा को कभी खंडित नहीं होने देंगे और ऐसे लोगों को न्याय दिलाने का काम करेंगे जो समाज में पैसे के अभाव से इंसाफ से वंछित रह जाते है । एडवोकेट वासु रंजन शांडिल्य ने कहा ऐसे लोगों को वह मुफ्त कानूनी सेवाएं स्थानीय अदालत से उच्च अदालत तक देंगे और सदैव वकालत धर्म की ईमानदारी से पालना करेंगे ।

लंदन में तिरंगे के अपमान का मामला ; NIA की 5 सदस्यीय टीम पहुंची ब्रिटेन

19 मार्च, 2023 को लंदन में भारतीय उच्चायोग पर हुए हमले के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने एक प्राथमिकी दर्ज की थी। लेकिन 23 मार्च, 2023 को इस मामले को एनआईए ने अपने हाथ में ले लिया। एनआईए की टीम अपने दौरे के दौरान भारतीय उच्चायोग पहुंचेगी। वहां 19 मार्च को हुई घटना का ब्यौरा, सीसीटीवी फुटेज आदि जैसी जानकारी जुटाई जाएगी। इसके अलावा घटनास्थल का दौरा भी किया जाएगा और उच्चायोग के कर्मचारियों के अलावा घायल हुए दो कर्मचारियों के बयान भी लिए जाएंगे।

NIA Reaches London To Investigate Attack During Protest At Indian Embassy  In London | लंदन पहुंची NIA ! प्रदर्शन के दौरान भारतीय दूतावास पर खालिस्तान  सर्मथकों के हमले की करेगी जांच
  • 19 मार्च को खालिस्‍तानियों ने लंदन में भारतीय उच्‍चायोग में दाखिल होने की कोशिशें कीं
  • बताया जा रहा है कि इस पूरी घटना के पीछे अवतार सिंह खांडा का हाथ है
  • जो खबरें आ रही हैं उसके मुताबिक लंदन की पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है

डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, सारिका तिवारी, चंडीगढ़/नई दिल्ली :

लंदन में भारतीय उच्चायोग में राष्ट्रीय ध्वज को खालिस्तान समर्थक कार्यकर्ताओं द्वारा एक विरोध प्रदर्शन के दौरान नीचे खींचे जाने के लगभग एक महीने बाद, राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने इस मामले की जांच अपने हाथ में ले ली।

यह मामला कुछ दिन पहले गृह मंत्रालय के काउंटर टेररिज्म एंड काउंटर रेडिकलाइजेशन (सीटीसीआर) डिवीजन द्वारा एनआईए को सौंपा गया था। सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है।

सूत्रों की मानें तो खांडा ही अमृतपाल का हैंडलर है और उसने ही अमृतपाल को ‘मिशन खालिस्‍तान’ के लिए ट्रेनिंग दी है। रविवार का जो वीडियो आया है, वह काफी डराने वाला है। इसमें साफ नजर आ रहा है कि कैसे ‘खालिस्‍तान जिंदाबाद’ के नारे लगाते हुए कुछ लोग उच्‍चायोग की पहली मंज‍िल पर पहुंच जाते हैं। इनमें से ही एक शख्‍स तिरंगे को उतारकर नीचे फेंक देता है।

दिल्ली पुलिस की FIR में अवतार सिंह खांडा, गुरचरण सिंह और जसवीर सिंह को प्रमुख संदिग्धों के रूप में नामांकित किया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस मामले को NIA को सौंप दिया है। NIA व विभिन्न एजेंसियों द्वारा की गई जांच में सामने आया है कि खांडा ही अमृतपाल के पीछे का दिमाग व हैंडलर है। विभिन्न देशों में सक्रिय खालिस्तान समर्थक संगठनों के साथ उसके संबंध हैं।

खांडा कथित तौर पर ब्रिटेन में शरण मांगने वाला है और वर्षों से उसने खालिस्तानी आतंकवादियों जगतार सिंह तारा और बब्बर खालसा इंटरनेशनल के परमजीत सिंह पम्मा के साथ संबंध बनाए हैं। वह मानवाधिकारों के उल्लंघन के मुद्दों को उठाने की आड़ ले रहा है, लेकिन वह युवाओं को कट्टरपंथी बनाने, प्रशिक्षण प्रदान करने और उन्हें अमृतपाल की तरह आगे बढ़ाने में सहायक रहा है।

वरिष्ठ अधिकारियों की सुने तो UK में घटनाएं एक अलग घटना नहीं हैं, बल्कि अमृतपाल सिंह के समर्थन में खालिस्तान समर्थक नेटवर्क के सक्रिय होने का परिणाम है, जिसे वर्तमान में नेशनल सिक्योरिटी एक्ट के तहत हिरासत में लिया गया है। उसके राष्ट्र-विरोधी होने के बारे में पूछताछ की जा रही है और पंजाब में अशांति फैलाने की साजिश।

UK में कट्टरपंथियों द्वारा की गई बर्बरता और हिंसा देश के भीतर अमृतपाल जैसे खालिस्तान समर्थकों पर पुलिस की कार्रवाई के कारण हुई। ट्रांस-नेशनल लिंक बहुत गहरे हैं और आगे की जांच से उन नेटवर्कों का पता चलेगा जो पाकिस्तान ISI के गुप्त समर्थन से पंजाब से UK तक संचालित हो रहे हैं। NIA अमृतपाल सिंह के खिलाफ कार्रवाई और UK की घटना को सीधे तौर पर तो नहीं जोड़ रहे, लेकिन इनके संबंधों से इनकार भी नहीं कर रहे।

NIA की जांच जिस तरफ आगे बढ़ रही है, उससे आने वाले समय में अमृतपाल सिंह के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। अमृतपाल सिंह UK पहुंच आतंकी खांडा की आतंकी संगठनों के साथ जांच भी करेगी। अगर उसमें कहीं भी अमृतपाल सिंह के संबंध साफ हो जाते हैं तो अमृतपाल सिंह पर लगा NSA कभी भी अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रिवेंशन एक्ट (UAPA) में बदल सकता है।

ऑस्ट्रेलिया सरकार पंजाब हरियाणा के बच्चों को वीजा देने में कर रही आनाकानी – गुरतेज संधू

सिर्फ सही, लीगल व सच्चे डॉक्यूमेंट के आधार पर ही करें अप्लाई

डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़  – 17   मई  :

विदेश में बसने का सपना लेकर लाखों पंजाब हरियाणा के युवक स्टडी वीजा के लिए ऑस्ट्रेलिया और कनाडा अप्लाई करते हैं लेकिन कई बार गलत एजेंटों के झांसे में आकर गलत व फैब्रिकेटेड डाक्यूमेंट्स लगा देते हैं, जिसका खामियाजा उन्हें रिफ्यूशल में भुगतना पड़ता है, इसका कारण है कि बहुत सारी यूनिवर्सिटीज ने खासकर पंजाब हरियाणा के बच्चों को ऑस्ट्रेलिया पहुंचते ही अपनी यूनिवर्सिटी बदल कर पढ़ाई छोड़कर और दूसरे रोजगार कमाने में लग जाते हैं इस  कारण से ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटीज ने पंजाब और हरियाणा के स्टूडेंट की अपनी यूनिवर्सिटीज में एडमिशन देना ही बंद कर दिया है। 

यह जानकारी पिछले 15 सालों सेक्टर 17 के  इमीग्रेशन एक्सपर्ट गुरतेज संधू ने दीपंजाब हरियाणा के बच्चे यदि ऑस्ट्रेलिया जाना चाहते हैं तो सिर्फ और सिर्फ  सच्चे व सही डाक्यूमेंट्स ही लगाएं , ताकि उनके भी साथ में रिफ्यूशल ना आए और वह आसानी से अपना सपना पूरा कर पाए।

राजस्थान में मिला ‘सफेद सोना’, चीन की उड़ेगी नींद, भारत एक झटके में खत्म कर सकता है उसकी बादशाहत

आप जिस मोबाइल या लैपटॉप का इस्तेमाल करते हैं उसमें लगी बैटरी बनाने में लिथियम का उपयोग किया जाता है। वास्तव में, लिथियम दुनिया की सबसे मुलायम और सबसे हल्की धातु है। इसे चाकू से काटा जा सकता है और यह आसानी से पानी में तैरती भी है। लेकिन इसका महत्व इसके मुलायम होने या पानी में तैरने से नहीं, बल्कि बैटरी में उपयोग होने के चलते बहुत अधिक बढ़ गया है। लिथियम रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदल देता है।

लिथियम को सफेद सोना भी कहा जाता है
  • जम्मू-कश्मीर के बाद राजस्थान में मिला लिथियम का बड़ा भंडार
  • राजस्थान के नागौर में जम्मू-कश्मीर से भी बड़ा लिथियम का भंडार
  • लिथियम के मामले में चीन का एकाधिकार हो सकता है खत्म

डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, सारिका तिवारी, चंडीगढ़ – 08 मई :

जम्मू-कश्मीर के बाद अब राजस्थान में लिथियम का भंडार मिला है। इस खबर से ईवी इंडस्ट्री काफी खुश नजर आ रही है। क्योंकि लिथियम को विदेशों से इंपोर्ट किया जाता है, जिसके चलते इसकी कीमतें महंगी होती है। लिथियम का इस्तेमाल ईवी में लगने वाली बैटरी में होता है। वर्तमान में अधिकतर ईवी लिथियम आयन बैटरी का इस्तेमाल किया जाता है। आइये जानते हैं राजस्थान में मिलने वाला लिथियम भंडार कितना बड़ा है और इससे क्या फायदा होने वाला है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लिथियम का यह विशाल भंडार राजस्थान के नागौर जिले के डेगाना में मिला है। इसकी खोज जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (GSI) ने की है। जीएसआई के अधिकारियों का कहना है कि लिथियम का यह भंडार जम्मू-कश्मीर में मिले भंडार से कहीं अधिक बड़ा है। इसी साल फरवरी में जम्मू-कश्मीर में लिथियम के 59 लाख टन भंडार का पता चला था।

मौजूदा समय में दुनिया का सबसे बड़ा लिथियम भंडार 210 लाख टन का है, जो कि बोलीविया में है। इसके बाद अर्जेंटीना, चिली और अमेरिका में भी बड़े भंडार हैं। इसके बावजूद 51 लाख टन लिथियम के भंडार वाले देश चीन का लिथियम के बाजार में एकाधिकार है। भारत अपने कुल लिथियम आयात का 53.76 प्रतिशत हिस्सा चीन से खरीदता है। साल 2020-21 में भारत ने 6000 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य का लिथियम आयात किया था। इसमें से 3500 करोड़ रुपए से अधिक का लिथियम चीन से खरीदा गया था।

लिथियम के लिए भारत अब तक चीन, ऑस्ट्रेलिया और चिली जैसे देशों पर निर्भर है। इस विशाल भंडार के मिलने के बाद चीन का एकाधिकार खत्म होने की बात कही जा रही है। साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि खाड़ी देशों की ही तरह राजस्थान के साथ-साथ पूरे देश की भी किस्मत चमकने वाली है।

दिलचस्प बात यह है कि जियोलॉजिक सर्वे ऑफ इंडिया की टीम लिथियम की खोज नहीं, बल्कि टंगस्टन की खोज के लिए डेगाना गई थी। लेकिन वहाँ उन्होंने लिथियम का भंडार खोज निकाला। अंग्रेजी शासन के समय इस क्षेत्र में टंगस्टन का बड़ा भंडार था।

क्या है लिथियम :

भारत को इतने बड़े मात्रा में लिथियम के आयात के लिए काफी मात्रा में विदेशी मुद्रा खर्च करना पड़ता है। इस विशाल भंडार से भारत ना केवल अपने इस बड़े खर्च को बचा सकता है, बल्कि अपनी जरूरतों को भी पूरा कर सकता है। साथ ही भारत दूसरे देशों में यह निर्यात कर सकता है। अभी तक भारत लिथियम का आयात चीन और हांगकांग से करता आ रहा है।

आप जिस मोबाइल या लैपटॉप का इस्तेमाल करते हैं उसमें लगी बैटरी बनाने में लिथियम का उपयोग किया जाता है। वास्तव में, लिथियम दुनिया की सबसे मुलायम और सबसे हल्की धातु है। इसे चाकू से काटा जा सकता है और यह आसानी से पानी में तैरती भी है। लेकिन इसका महत्व इसके मुलायम होने या पानी में तैरने से नहीं, बल्कि बैटरी में उपयोग होने के चलते बहुत अधिक बढ़ गया है। लिथियम रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदल देता है।

आज घर के सभी चार्जेबल इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और बैटरी से चलने वाले हर गैजेट में लगी बैटरी में लिथियम का उपयोग होता है। दुनिया अब ग्रीन एनर्जी की तरफ बढ़ रही है। ऐसे में इलेक्ट्रिक वाहनों से लेकर अन्य सभी उपकरणों में लगने वाली बैटरी की माँग लगातार बढ़ती जा रही है। पूरी दुनिया में हो रही माँग में वृद्धि के चलते ही इसे ‘व्हाइट गोल्ड’ भी कहा जाता है। एक टन लिथियम की कीमत करीब 57.36 लाख रुपए है।

कजाखिस्तान की टीम ने सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का किया दौरा

प्लांट के टेक्निकल सिस्टम की ली जानकारी

डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़  –  02    मई  :

कजाखिस्तान की इंजीनियरिंग कंपनी “असताना अवतोस्ट्रॉय” की 07 सदस्यीय टीम ने आज धनास स्थित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का दौरा किया और इसके टेक्निकल सिस्टम के बारे में विस्तार से नॉलेज और जानकारी हासिल की। नगर निगम कमिश्नर आनंदिता मित्रा के मार्गदर्शन में निगम अधिकारियों ने डेलिगेट्स का अभिनंदन किया। इस दौरान नगर निगम पार्षद जसबीर सिंह बंटी, राहत विर्क और नगर निगम के इंजीनियरिंग विभाग के एस डी ओ गुरचरण सिंह मौजूद रहे।

जसबीर सिंह बंटी ने बताया कि कजाखिस्तान की इंजीनियरिंग कंपनी “असताना अवतोस्ट्रॉय” के डेलिगेट्स से मिलकर अच्छा लगा। यह और भी अच्छा लगा कि उन्हें चंडीगढ़ नगर निगम द्वारा शहर के विकास के लिए किए जा रहे कार्य पसंद आए। डेलिगेट्स ने इस दौरान विशेष तौर पर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट पर विजिट किया और इसकी कार्यप्रणाली की विस्तृत जानकारी हासिल की। बंटी ने कहा कि शहर के लिए यह सौभाग्य की बात है कि विदेशी कंपनियां भी चंडीगढ़ नगर निगम द्वारा शहर की साफ सफाई व्यवस्था, गार्बेज प्रोसेसिंग सहित सीवेज ट्रीटमेंट कार्यप्रणाली की जानकारी हासिल कर रहे हैं।

तारिक फतेह नहीं रहे वह 73 वर्ष के थे

तारिक फतेह हमेशा अपनी बात मुखरता के साथ रखने के लिए जाने जाते थे। आतंकवाद और पाकिस्तान को लेकर दिए गए अपने बयानों को लेकर वे अक्सर चर्चा में रहते थे। धार्मिक कट्टरता के खिलाफ रहे तारिक फतेह खुद को हिन्दुस्तान का बेटा मांगते थे। उनके निधन पर यह बात उनकी बेटी नताशा ने ट्ववीट में लिखा भी है। 

Pakistani origin writer Tariq Fateh passed away Tarek Fateh Death: पाकिस्तानी मूल के लेखक तारिक फतेह का निधन, खुद को बताते थे भारत का बेटा

सरीका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, नई दिल्ली/चंडीगढ़ :

पाकिस्तानी मूल के कनाडाई लेखक और जाने-माने पाकिस्तानी स्तंभकार तारिक फतेह का कैंसर से लंबी लड़ाई के बाद सोमवार ’24 अप्रैल’ को निधन हो गया। उनकी बेटी नताशा फतेह ने उनके निधन की पुष्टि की है. वह 73 वर्ष के थे। कनाडा में रहने वाले लेखक इस्लाम और आतंकवाद पर अपने बेबाक बयानों के लिए जाने जाते थे। फतेह ने कई बार पाकिस्तान की आलोचना करते हुए केंद्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को अपना समर्थन व्यक्त किया था।

तारिक फतेह की बेटी नताशा फतेह ने एक ट्विटर पोस्ट ने अपने पिता के निधन की पुष्टि की. उन्होंने लिखा- ”पंजाब का शेर. हिंदुस्तान का बेटा. कनाडा का प्रेमी. सच का वक्ता. न्याय के लिए लड़ने वाला. दलितों और शोषितों की आवाज तारिक फतेह ने जिंदगी का सफर पूरा कर लिया है. उनकी क्रांति उन सभी के साथ जारी रहेगी, जो उन्हें जानते और प्यार करते थे. क्या आप हमारे साथ शामिल होंगे?”

बता दें कि तारिक फतेह का परिवार मुंबई का रहने वाला था। 1947 में जब भारत और पाकिस्तान का विभाजन हुआ तो  उनका परिवार पाकिस्तान के कराची में जाकर बस गया। जहां 20 नवंबर साल 1949 को कराची में तारिक फतेह का जन्म हुआ। मशहूर लेखक तारिक फतेह ने कराची यूनिवर्सिटी से बायोकेमिस्ट्री की पढ़ाई की थी, लेकिन बाद में उन्होंने पत्रकारिता को अपना पेशा बनाया। 

उन्होंने एक पाकिस्तानी टीवी चैनल में काम किया। उससे पहले 1970 में वे कराची सन नाम के अखबार में रिपोर्टिंग करते थे। खोजी पत्रकारिता के कारण वे कई बार जेल भी गए। हालांकि बाद में तारिक पाकिस्तान छोड़ कर सऊदी अरब चले गए। जहां से 1987 में वे कनाडा में बस गए। 

तारिक फतेह की पहचान पाकिस्तानी मूल के कनाडाई लेखक प्रसारक और सेक्युलर उदारवादी कार्यकर्ता के रूप में थी। वे इस्लामी अतिवाद के खिलाफ मुखर होकर बोलते और लिखते रहे।  चेजिंग अ मिराज : द ट्रैजिक इल्लुझ़न ऑफ़ ऐन इस्लामिक स्टेट (Chasing a Mirage: The Tragic Illusion of an Islamic State) उनकी प्रसिद्ध कृति है। वे समलैंगिक व्यक्तियों के सामान अधिकारों और हितों के भी पक्षधर थे। इसके साथ ही बलूचिस्तान में मानवाधिकार के हनन पर भी उन्होंने खूब लिखा और बोला। वे आजाद बलूचिस्तान के पक्षधर के रूप में भी जाने जाते थे। 

भाजपा बहुत तेजी से डिजिटलाइजेशन की तरफ बढ़ रही है : राजेश सपरा 

सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट,  यमुनानगर  10 अप्रैल :

भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश सपरा ने जानकारी देते हुए बताया कि भाजपा जिला यमुनानगर की ऑनलाइन वर्चुअल बैठक का आयोजन किया गया जिसमें भाजपा के जिला पदाधिकारी,जिला कार्यकारिणी सदस्य ,विभिन्न मोर्चा के जिला अध्यक्ष व जिला महामंत्री, भाजपा के सभी 13 मंडल अध्यक्ष व मंडल महामंत्री सहित शक्ति केंद्र प्रमुखो ने हिस्सा लिया।

भाजपा जिला यमुनानगर की वर्चुअल बैठक में कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन  करते हुए भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश सपरा ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात का 100 वा कार्यक्रम  आगामी 30 अप्रैल को सुना जाएगा ,भारतीय जनता पार्टी ने मन की बात के 100 वे एपिसोड के लिए विशेष रूप से तैयारियां की है, यमुनानगर जिलेकी हर विधानसभा क्षेत्र में 100 कार्यक्रम निश्चित किए गए हैं, प्रत्येक कार्यक्रम में 100 व्यक्तियों की उपस्थिति रहेंगी,मन की बात कार्यक्रम के लिए भाजपा का जिले का पदाधिकारी व प्रदेश पदाधिकारी कार्यक्रम की अध्यक्षता करेगा।

 प्रत्येक शक्ति केंद्र प्रमुख अभी से ही मन की बात कार्यक्रम की तैयारियों में लग जाए,भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश सपरा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी बहुत तेजी से डिजिटलाइजेशन की तरफ बढ़ रही है ,भाजपा सरकार द्वारा लगातार सभी सेवाओं को ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से जनता को समर्पित किया जा रहा है ,यह भाजपा सरकार की विशेषता है कि जनता को अपने कार्यों के लिए सरकारी कार्यालयों में बार-बार ना जाना पड़े वह घर बैठे ऑनलाइन कार्य कर सकें।

भाजपा जिला प्रभारी सरस्वती हेरिटेज बोर्ड डिप्टी चेयरमैन धूमन सिंह किरमिच ने भाजपा कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि सभी भाजपा कार्यकर्ता अपने जो भी वह कार्य पार्टी के कार्य कर रहे हैं उसकी सभी गतिविधियां नमो ऐप व सरल एप पर लगातार अपलोड करें ,प्रत्येक भाजपा कार्यकर्ता भाजपा पार्टी संगठन व भाजपा सरकार की सूचनाएं फेसबुक ,व्हाट्सएप, टि्वटर के माध्यम से लगातार सोशल मीडिया पर डालें।

पन्ना प्रमुख के सम्मेलन जिला यमुना नगर विधानसभा क्षेत्र के संपूर्ण हो चुके हैं इसके लिए वह सभी भाजपा कार्यकर्ताओं को बधाई देते हैं उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं के सहयोग से भारतीय जनता पार्टी जिला यमुनानगर का संगठन जल्दी ही पूरे हरियाणा में नम्बर एक पर होगा।