ओह कुड़ी जिहदा नाँ मुहब्बत गुम हो गयी….

अनसूया सिंह, गुरबख्श सिंह प्रीतलारी की सबसे छोटी बेटी अनुसूया सिंह का आज सुबह वेनेजुएला के मेरिडा में निधन हो गया। वह 84 वर्ष की थीं। सुनीत आनंद उनके भतीजे ने उनकी मृत्यु की खबर की पुष्टि की।

कोरल ‘पुरनूर’ चंडीगढ़:

गुरबख्श सिंह प्रीतलड़ी

अनुसूया, गुरबख्श सिंह प्रीतलड़ि की बेटी थीं। गुरबख्शसिंह जिसने पंजाब के पढ़े-लिखे नौजवानों को गोरों की तर्ज पर प्यार करना सीखने का बिड़ा उठाया, और पंजाबी यवाओं को अंग्रेजी का जीवन और ईसाई तर्कसंगत सोच अपनाने की शिक्षा दी। प्रीतलड़ि का प्रेम पाठ पहली बार घर पर उनकी बेटी अनुसुइया द्वारा सीखा गया था। अनुसूया को शिव कुमार बटालवी से प्यार हो गया। जब गुरबख्श प्रीतलड़ि को इस बारे में पता चला, तो जो व्यक्ति बसंत को दूसरे लोगों के घर में बुलाता था, वह उसे बर्दाश्त नहीं कर पाया था और प्रीत का रक्षक प्रीत का दुश्मन बन गया था। ऐसा कहा जाता है कि प्रगतिशील विचारक गुरबख्श प्रीतलड़ि एक शहरी अमीर व्यक्ति थे, जिन्होंने विदेश में पढ़ाई की थी, जबकि शिव कुमार एक ग्रामीण युवा थे, जो जीविका के liye नौकरी कर रहे थे ने इस तरह अपना प्यार खो दिया।

शिव कुमार बटाल्वी

अनुसूया शादीशुदा थी जो टूटी नहीं। अपने पति की अत्महत्या के कुछ समय बाद प्रीतलड़ि ने उन्हें सोवियत रूस में अध्ययन करने के लिए भेजा। जहां अनुसूया ने वेनेजुएला के एक युवक के साथ रहना शुरू कर दिया। इस बीच, शिव को वही दर्द लील गया। गुरबख्श प्रितलड़ि का यह पाखंड उनके महान व्यक्तित्व के पीछे छिपा रहा। अनुसुइया के जाने के साथ, एक तिहाई सदी पहले की कहानी समाप्त हो गई।

एलएसी पर भारत ने चीनी गोलाबारी का यथेष्ट जवाब दिया

  • 45 साल पहले हुई भारत-चीन के बीच आखिरी फायरिंग
  • 1975 में चीन ने धोखे से अरुणाचल में किया था हमला
  • चीन की फायरिंग में असम राइफल्स के 4 जवान शहीद हुए थे और अब
  • भारत-चीन के बीच सीमा पर फायरिंग
  • पैंगोंग इलाके के पास वॉर्निंग शॉट फायर

जे&के(ब्यूरो):

भारत और चीन की सीमा पर मई से जारी तनाव एक बार फिर अपने चरम पर पहुंच गया है. सोमवार की रात को लद्दाख सीमा पर वो हुआ जो पिछले चार दशक में नहीं हुआ था. LAC पर बीती रात गोलीबारी की घटना हुई, जहां दोनों ओर से फायरिंग की गई. हालांकि, इस फायरिंग में किसी को निशाना नहीं बनाया गया. ऐसे में जहां दोनों देश बातचीत से मसला सुलझाने की बात कर रहे हैं, तब LAC पर हालात बेकाबू होते जा रहे हैं.

क्या हुआ बीती रात को?

लद्दाख सीमा पर लगातार तनाव की स्थिति बनी हुई है. काला टॉप और हेल्मेट टॉप समेत पैंगोंग इलाके के कई हिस्सों में भारतीय सेना का कब्जा है, जो रणनीतिक तौर पर काफी अहम है. यही कारण है कि चीन की सेना बौखला गई है. इसी बौखलाहट में चीनी सेना सोमवार की रात को बॉर्डर पर आगे बढ़ने लगी. इसी दौरान भारतीय सेना की ओर से वार्निंग शॉट (चेतावनी के लिए हवा में फायरिंग) दागे गए, जिसके बाद चीनी सेना के जवान पीछे हट गए.

यहां चीनी सेना की ओर से भी गोलीबारी की गई, जिसका फिर भारतीय सेना ने जवाब दिया. हालांकि, कुछ देर की फायरिंग के बाद हालात काबू में हैं.

हाल ही दिनों में देखें तो इससे पहले 31 अगस्त की रात को भी फायरिंग की बात सामने आई थी. तब चीनी सेना ने पैंगोंग इलाके के पास से भारतीय सेना को हटाने के लिए फायरिंग की थी, हालांकि वो किसी तरह की आक्रामक फायरिंग नहीं थी.

आपको बता दें कि 1975 के बाद ऐसा पहली बार हुआ है, जब चीन और भारत की सीमा पर गोली चली हो. इससे पहले दोनों देशों ने गोली ना चलाने और किसी की जान ना गंवाने को लेकर समझौता किया था. लेकिन बीते 15 जून को भारत के 20 जवान शहीद हुए और अब गोली चल गई.

20 अक्टूबर 1975 को चीन की धोखेबाजी
भारत का कहना है कि 20 अक्टूबर 1975 को चीनी सैनिक घुसपैठ कर दक्षिण तुलुंग ला में भारतीय सीमा में आ गए थे, यहां से उन्होंने असम राइफल्स के जवानों पर घात लगाकर हमला किया. चीनी सैनिकों ने भारतीय जवानों पर गोलियां चलाईं. 

इस बाबत एक भारतीय अधिकारी ने तब द न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया था कि चीन ने घात लगाकर ये हमला भारतीय सीमा में घुसकर किया था. इस इलाके में भारतीय सेना कई सालों से पैट्रोलिंग करती थी. इस घटना पर भारतीय सेना ने चीन के सामने कड़ी प्रतक्रिया जताई थी. चीन ने इस घटना को लेकर पहले तो इनकार किया लेकिन 3 नवंबर 1975 को चीन ने इस घटना को स्वीकार किया लेकिन फ्रांस के अखबार La Monde के मुताबिक चीन ने बड़ी बेशर्मी से इस घटना की जिम्मेदारी भारत पर डाल दी. चीन ने कहा कि उसके सैनिकों ने आत्मरक्षा में गोलियां चलाई थीं. 

चीन की ओर से क्या कहा गया?

बीती रात को हुई इस घटना पर चीन ने एक बार फिर भारत पर ही आरोप लगा दिया है. चीनी सेना की ओर से बयान में कहा गया कि भारतीय सेना ने अवैध तरीके से लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल को पार किया गया. इसी दौरान भारत ने चीनी सैनिकों पर वार्निंग शॉट फायर किया, ऐसे में चीनी सेना को इसका जवाब देना पड़ा.

इससे पहले भी चीनी सेना की ओर से 29-30 अगस्त की रात, 31 और 1 तारीख को घुसपैठ की कोशिश की गई थी. हालांकि, हर बार ये कोशिश सफल नहीं हो पाई, उल्टा भारतीय सेना ने पैंगोंग इलाके के पास अहम जगहों पर अपना कब्जा कर लिया.

नीमा तेंजिन की अंतिम विदाई के दौरान बीजेपी नेता राम माधव का पहुंचे चीन को दिया कड़ा संदेश

नीमा तेंजिन की अंतिम विदाई में भारत और तिब्बत के झंडे साथ-साथ दिखे। इस मौके पर लेह में तिब्बत की आज़ादी का भी नारा गूँजा। भारत ने चीन को ये सन्देश दे दिया है कि तिब्बती भी उसके अपने ही हैं और उनके गौरव और पराक्रम पर भारत को गर्व है। बता दें कि 29-30 अगस्त की रात को लद्दाख (Ladakh) के पैंगोंग लेक के दक्षिणी किनारे पर चीनी (China) सेना की घुसपैठ को नाकाम करने के दौरान नीमा ​तेंजिन (commando nyima tenzin) एक लैंड माइंस की चपेट में आ गए थे, जिसके कारण उनकी मौत हो गई थी।

जम्मू:

लेह में बलिदान हुए तिब्बती कमांडो नीमा तेंजिन का पूरे रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार हुआ, जिसमें भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव भी शामिल हुए। तिब्बत के नीमा तेंजिन को अंतिम विदाई देने के लिए लोगों का बड़ा हुजूम उमड़ पड़ा, जिसमें ‘विकास रेजिमेंट जिंदाबाद’ के नारे भी लगाए गए। नीमा तेंजिन की अंतिम यात्रा में राम माधव जैसे बड़े नेता का शामिल होना चीन के लिए एक कड़ा सन्देश बताया जा रहा है।

भारत ने अब चीन को उसके घर में ही घेरने की तैयारी कर रखी है। साथ ही उसके कब्जाए इलाकों में ही उसे घेरा जा रहा है, जो विस्तारवादी चीन की दुखती रग है। नीमा तेंजिन ‘स्पेशल फ्रंटियर फ़ोर्स’ का हिस्सा थे। भारत-चीन तनाव के बीच लैंड माइंस की चपेट में आने के कारण उनकी मौत हो गई थी। बता दें कि 29-30 अगस्त की रात चीन के सैनिकों ने भारतीय क्षेत्रों में गड़बड़ी की कोशिश की थी, जिसे भारत ने नाकाम कर दिया।

नीमा तेंजिन की अंतिम विदाई में भारत और तिब्बत के झंडे साथ-साथ दिखे। इस मौके पर लेह में तिब्बत की आज़ादी का भी नारा गूँजा। भारत ने चीन को ये सन्देश दे दिया है कि तिब्बती भी उसके अपने ही हैं और उनके गौरव और पराक्रम पर भारत को गर्व है। ‘आजतक’ के अनुसार, लेह के स्थानीय पत्रकारों का कहना है कि ये पहली बार है जब किसी तिब्बती के योगदान को इस तरह से भारत ने इतना सम्मान दिया है।

पत्रकार दावा डोलमा ने कहा कि ये हमारी जिम्मेदारी है कि हम सभी को ये समझाएँ कि सेना में शामिल होने के लिए उन पर किसी प्रकार का दबाव नहीं है, ऐसा वे अपनी इच्छा से कर रहे हैं। इस दौरान लेह में तिब्बती नागरिकों ने वहाँ के स्थानीय गीत गाए। ‘भारत माता की जय’ के नारे भी लगे। चीन हमेशा से तिब्बत के प्रति संवेदनशील रहा है और दलाई लामा से भारत की नजदीकियों का भी विरोध करता रहा है।

ज्ञात हो कि सब-सेक्टर नॉर्थ से लेकर सब-सेक्टर साउथ तक 5000 ITBP के जवानों को लद्दाख और चीन सीमा से सटे उससे जुड़े इलाकों में तैनात किया गया है। बता दें कि हाल ही में जब चीन ने सीमा पर मौजूदा स्थिति को बिगाड़ने का प्रयास किया था तो उसे नाकाम करने में ITBP के जवान भी शामिल थे। पांगोंग त्सो के दक्षिण में ऊँचाई वाली जगहों पर भारतीय सेना मौजूद है, जिससे चीन के हर इरादे को नाकाम किया जा सकता है।

ताईवान यानी रिपब्लिक ऑफ चाइना ने अपने पासपोर्ट में बदलाव लाने की घोषणा की है

ताईवान और चीन के बीच विवाद काफी पुराना है. लेकिन कोरोना महामारी और उससे पहले चीन की तरफ से उसकी संप्रभुता पर हमले की कोशिशों के बीच ताईवान ने पासपोर्ट को लेकर ये कदम उठाया है. अभी तक ताईवान के पासपोर्ट पर सामने बड़े शब्दों में ‘रिपब्लिक ऑफ चाइना’ लिखा रहता था,जबकि ‘ताईवान’ नीचे की तरफ अंकित रहता था. इसकी वजह से दुनिया से दूसरे देशों में ताईवानी नागरिकों को समस्याओं का सामना करना पड़ता था.

नयी दिल्ली(ब्यूरो):

ताईवान यानी रिपब्लिक ऑफ चाइना ने अपने पासपोर्ट में बदलाव लाने की घोषणा की है, साथ ही अपने नए पासपोर्ट की पहल झलक भी दुनिया को दिखा दी है. इस नए पासपोर्ट में ताईवान नागरिकों की पहचान अलग रहेगी. साथ ही इस पासपोर्ट में ताईवान को वरीयता दी गई है.

कन्फ्यूजन दूर करने की कोशिश

ताईवान और चीन के बीच विवाद काफी पुराना है. लेकिन कोरोना महामारी और उससे पहले चीन की तरफ से उसकी संप्रभुता पर हमले की कोशिशों के बीच ताईवान ने पासपोर्ट को लेकर ये कदम उठाया है. अभी तक ताईवान के पासपोर्ट पर सामने बड़े शब्दों में ‘रिपब्लिक ऑफ चाइना’ लिखा रहता था,जबकि ‘ताईवान’ नीचे की तरफ अंकित रहता था. इसकी वजह से दुनिया से दूसरे देशों में ताईवानी नागरिकों को समस्याओं का सामना करना पड़ता था.

‘रिपब्लिक ऑफ चाइना’ शब्द हटाया

ताईवान जनवरी से नए पासपोर्ट जारी करेगा, जिसमें अंग्रेजी में लिखा ‘रिपब्लिक ऑफ चाइना’ शब्द नहीं रहेगा. अंग्रेजी में सिर्फ ताईवान लिखा रहेगा. हालांकि चीनी भाषा में रिपब्लिक ऑफ चाइना शब्द पहले की तरह मौजूद रहेगा. ताईवान के विदेश मंत्री जोसेफ वू ने कहा कि नए पासपोर्ट से ताईवानी नागरिकों की पहचान साफ हो सकेगी और उन्हें गलती से ‘चीनी नागरिक’ माने जाने से बचाया जा सकेगा.

वुहान वायरस के सामने आने के बाद से नागरिकों को हुई पहचान संबंधी दिक्कत
जोसेफ वू ने कहा कि वुहान वायरस यानी कोरोना महामारी के फैलने के बाद से पूरी दुनिया में चीनी नागरिकों को शक की नजरों से देखा जाने लगा. इसीलिए हमने नए पासपोर्ट में ताईवानी पहचान को ऊपर रखा है. ताकि गलती से भी लोग ये न समझें कि हम चीनी नागरिक हैं.

एयरलाइन का नाम बदलने पर भी हो रहा विचार
अभी ताईवानी एयरलाइन का नाम ‘चाइना एयरलाइन’ है. नाम की वजह से लोगों में ये भ्रम होता है कि ये चीनी एयरलाइन कंपनी है. ऐसे में ताईवानी सरकार एयरलाइन का नाम बदलने पर भी विचार कर रही है.

चीन और ताईवान में क्या है लड़ाई?
ताईवान में चीन की राष्ट्रवादी लोकतांत्रिक सरकार है. दरअसल, ताईवान का असली नाम ‘रिपब्लिक ऑफ चाइना’ है. 1949 का युद्ध कम्युनिस्ट पार्टी से हारने के बाद चीन की सरकार ताईवान निर्वासित हो गई. उसके बाद से ताईवान खुद को लोकतांत्रिक चीन कहता है, जबकि मेनलैंड चाइना खुद को पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना कहता है. ताईवान खुद की लोकतांत्रिक पहचान को दुनिया के सामने रखता है और एक दिन पूरे चीन को लोकतांत्रिक छतरी के नीचे लाने की बात करता है, तो पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना ताईवान को चीन का हिस्सा बताता है. मौजूदा समय में ताईवान से जो देश संबंध रखता है, चीन उससे संबंध नहीं रखता. हालांकि ताईवान का अमेरिका, भारत, ब्रिटेन समेत कई देशों के साथ अनौपचारिक संबंध हैं और काउंसलेट के माध्यम से ये संबंध कायम हैं. चूंकि दुनिया में अधिकतर देशों ने चीन के असली कर्ताधर्ता के तौर पर चीनी कम्युनिस्ट पार्टी और पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना को ही मान्यता दे दी है. इसलिए ताईवान बस समंदर के बीच में ही सिमट कर रह गया है और चीन जब तक ताईवान को हड़पने की बात करता रहता है.

भारतीय सेना से बार बार पिटते चीन ने तिब्बत और अमेरिका गरियाया

चीनी विदेश मंत्रालय ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि भारत ने सीमा पर समझौते का उल्लंघन किया और वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को पार कर इस ओर आ गया। गौरतलब है कि भारत ने चीन के इन आरोपों को सिरे से नकार दिया है। 

नयी दिल्ली(ब्यूरो):

लद्दाख सीमा के पास जारी तनाव के बीच चीन की ओर से लगातार बयानबाजी की जा रही है. बुधवार को चीन विदेश मंत्रालय की ओर से फिर इस मसले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई. जिसमें चीन ने आरोप लगाया कि सीमा पर भारत ने ही समझौते को तोड़ा और LAC को पार कर इस ओर आ गया. बता दें कि चीन के इस दावे को भारत पहले ही नकार चुका है. इसके अलावा चीन ने इस विवाद पर तिब्बत और अमेरिका के एंगल को भी सामने रखा.

बुधवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में चीनी विदेश मंत्रालय प्रवक्ता हुआ शुनयिंग ने कहा कि शनिवार को जो भी आमना-सामना हुआ, उसमें किसी भी भारतीय सेना के जवान की मौत नहीं हुई है. यहां दावा किया गया था कि अमेरिकी मीडिया ने एक भारतीय जवान के मारे जाने की बात कही थी.

चीन ने सामने रखा अमेरिका और तिब्बत का कनेक्शन
प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब सवाल पूछा गया कि क्या भारतीय सेना के जवानों के साथ तिब्बती लोग भी मदद के लिए आए थे. इसपर चीनी प्रवक्ता भड़क गईं और कहा कि ये आप भारत के लोगों से ही पूछिए. हमें सिर्फ इतना पता है कि तिब्बती लोगों और CIA के बीच में काफी संबंध रहे हैं. हम भारत समेत ऐसे किसी भी देश का विरोध करते हैं जो तिब्बतियों को अपने यहां शरण देते हैं.

चीन की ओर से कहा गया कि तिब्बत के मसले पर ध्यान देना होगा, इसमें अमेरिका की ओर से भी काफी रोल है. अब भारत और तिब्बत के सैनिकों के बीच क्या संबंध है, इसके बारे में हम जानने को उत्सुक हैं. इससे पहले भी चीन की ओर से कई बार भारत पर आरोप लगाया गया है कि वो अमेरिका के झांसे में आकर अपने पड़ोसी मुल्क से संबंध खराब कर रहा है.

भारत पर लगाया माहौल बिगाड़ने का आरोप
चीनी प्रवक्ता ने कहा कि भारत लगातार खुद को सही साबित करने में लगा हुआ है, लेकिन हमारे यहां कहावत है कि जो दोषी होता है वही पहले विरोध जताना शुरू कर देता है. भारत ने ही बीते शनिवार को समझौते को तोड़ा और माहौल को बिगाड़ने की कोशिश की.

लद्दाख सीमा पर स्थिति को लेकर चीनी विदेश मंत्रालय ने आरोप लगाया कि इस साल की शुरुआत से ही भारत लगातार बॉर्डर पर माहौल बिगाड़ रहा है. ऐसे में जो भी बॉर्डर पर गतिविधि हो रही है उसकी जिम्मेदारी भारत की ही है. चीन के विदेश मंत्रालय ने दावा किया कि उनकी ओर से डिप्लोमेटिक और मिलिट्री लेवल पर भारत से बातचीत की कोशिश की गई है और किसी तरह के आक्रामक रवैया ना अपनाने को कहा गया है.

आपको बता दें कि लद्दाख में भारतीय सेना की जिस विकास रेजिमेंट ने चीन को मात दी है, उसमें तिब्बती मूल के कुछ जवान भी शामिल थे. जिन्हें पहाड़ी इलाकों की काफी अच्छी जानकारी होती है, यही कारण है कि चीन बौखलाया हुआ है. 

पबजी समेत 118 मोबाइल ऐप पर प्रतिबंध

केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. पबजी समेत 118 मोबाइल ऐप पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने धारा 69ए के तहत इन मोबाइल ऐप्स पर बैन लगाने का फैसला किया है. मंत्रालय ने कई शिकायतें मिलने के बाद बैन लगाने का यह फैसला लिया है. जारी बयान में कहा गया है कि ये ऐप राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा थे.

नई दिल्ली :

 केंद्र सरकार (Central Government) ने पबजी (Pubg) समेत 118 चाइनीज मोबाइल एप्लीकेशन (118 Chinese Mobile Applications Ban) पर बैन लगा दिया है. केंद्र सरकार के सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Ministry of Information & Technology) ने बुधवार को पबजी समेत 118 ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया है. सरकार ने इस बार जिन ऐप्स पर बैन लगाया है उनमें पबजी, बायडू, ऐप लॉक, एमवी मास्टर, बाइक रेसिंग, लूडो ऑल स्टार प्रमुख हैं. मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि सरकार को जानकारी मिली है कि बैन की जा रही ऐप्स के चलते भारत की संप्रभुता और अखंडता, भारत की रक्षा, राज्य की सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था को खतरा है. सरकार ने कहा कि हमें इन ऐप्स के संबंध में कई सूत्रों से विभिन्न प्रकार की शिकायतें मिली थीं कि ये एन्ड्रॉयड और आईओएस प्लेटफॉर्म्स पर अनाधिकृत रूप से यूजर्स का डाटा भारत के बाहर भेज रही हैं. जिसके चलते भारत की सुरक्षा में सेंधमारी के प्रयास किये जा रहे हैं.

सरकार का ये फैसला ऐसे समय आया है जबकि लद्दाख (Ladakh) में भारत और चीन के बीच तनातनी एक बार फिर से बढ़ी है. इससे पहले जून में चीन के साथ हुए तनाव के बाद सरकार ने कड़े कदम उठाते हुए टिकटॉक, हेलो समेत 59 ऐप्स पर बैन लगाया था. सरकार ने बताया था कि ये ऐप्स देश की संप्रभुता और सुरक्षा के लिए खतरा हैं.

गौरतलब है कि हाल के घटनाक्रम के बारे में सेना ने सोमवार को बताया था कि भारतीय जवानों ने पैंगोंग सो क्षेत्र में 29 और 30 अगस्त की दरम्यानी रात को यथास्थिति बदलने के चीन की पीएलए के ‘‘उकसावे’’ वाले सैन्य अभियान को विफल कर दिया. सेना के प्रवक्ता कर्नल अमन आनंद ने एक बयान में कहा, ‘‘भारतीय सैनिकों ने पैंगोंग सो (झील) के दक्षिणी किनारे पर इस पीएलए की गतिविधि को पहले ही विफल कर दिया और जमीन पर तथ्यों को एकतरफा बदलने के चीनी इरादों को विफल करने के लिए उपाय भी किए.’’

बता दें सरकार ने इस संबंध में जुलाई में चीनी कंपनियों को ऐप पर लगी पाबंदी का कड़ाई से पालन करने के निर्देश भी दिये थे. सरकार ने चीनी कंपनियों से कहा था कि वह आदेश का सख्ती से पालन करें, ऐसा न होने की स्थिति पर सख्त कार्रवाई की भी चेतावनी दी थी.
देखें बैन हुई ऐप्स की पूरी लिस्ट-

1. APUS Launcher Pro- Theme, Live Wallpapers, Smart
2. APUS Launcher -Theme, Call Show, Wallpaper, HideApps
3. APUS Security -Antivirus, Phone security, Cleaner
4. APUS Turbo Cleaner 2020- Junk Cleaner, Anti-Virus
5. APUS Flashlight-Free & Bright
6. Cut Cut – Cut Out & Photo Background Editor
7. Baidu
8. Baidu Express Edition
9. FaceU – Inspire your Beauty
10. ShareSave by Xiaomi: Latest gadgets, amazing deals
11. CamCard – Business Card Reader
12. CamCard Business
13. CamCard for Salesforce
14. CamOCR
15. InNote
16. VooV Meeting – Tencent Video Conferencing
17. Super Clean – Master of Cleaner, Phone Booster
18. WeChat reading
19. Government WeChat
20. Small Q brush
21. Tencent Weiyun
22. Pitu
23. WeChat Work
24. Cyber Hunter
25. Cyber Hunter Lite
26. Knives Out-No rules, just fight!
27. Super Mecha Champions
28. LifeAfter
29. Dawn of Isles
30. Ludo World-Ludo Superstar
31. Chess Rush
32. PUBG MOBILE Nordic Map: Livik
33. PUBG MOBILE LITE
34. Rise of Kingdoms: Lost Crusade
35. Art of Conquest: Dark Horizon
36. Dank Tanks
37. Warpath
38. Game of Sultans
39. Gallery Vault – Hide Pictures And Videos
40. Smart AppLock (App Protect)
41. Message Lock (SMS Lock)-Gallery Vault Developer Team
42. Hide App-Hide Application Icon
43. AppLock
44. AppLock Lite
45. Dual Space – Multiple Accounts & App Cloner
46. ZAKZAK Pro – Live chat & video chat online
47. ZAKZAK LIVE: live-streaming & video chat app
48. Music – Mp3 Player
49. Music Player – Audio Player & 10 Bands Equalizer
50. HD Camera Selfie Beauty Camera
51. Cleaner – Phone Booster
52. Web Browser & Fast Explorer
53. Video Player All Format for Android
54. Photo Gallery HD & Editor
55. Photo Gallery & Album
56. Music Player – Bass Booster – Free Download
57. HD Camera – Beauty Cam with Filters & Panorama
58. HD Camera Pro & Selfie Camera
59. Music Player – MP3 Player & 10 Bands Equalizer
60. Gallery HD
61. Web Browser – Fast, Privacy & Light Web Explorer
62. Web Browser – Secure Explorer
63. Music player – Audio Player
64. Video Player – All Format HD Video Player
65. Lamour Love All Over The World
66. Amour- video chat & call all over the world.
67. MV Master – Make Your Status Video & Community
68. MV Master – Best Video Maker & Photo Video Editor
69. APUS Message Center-Intelligent management
70. LivU Meet new people & Video chat with strangers
71. Carrom Friends : Carrom Board & Pool Game-
72. Ludo All Star- Play Online Ludo Game & Board Games
73. Bike Racing : Moto Traffic Rider Bike Racing Games
74. Rangers Of Oblivion : Online Action MMO RPG Game
75. Z Camera – Photo Editor, Beauty Selfie, Collage
76. GO SMS Pro – Messenger, Free Themes, Emoji
77. U-Dictionary: Oxford Dictionary Free Now Translate
78. Ulike – Define your selfie in trendy style
79. Tantan – Date For Real
80. MICO Chat: New Friends Banaen aur Live Chat karen
81. Kitty Live – Live Streaming & Video Live Chat
82. Malay Social Dating App to Date & Meet Singles
83. Alipay
84. AlipayHK
85. Mobile Taobao
86. Youku
87. Road of Kings- Endless Glory
88. Sina News
89. Netease News
90. Penguin FM
91. Murderous Pursuits
92. Tencent Watchlist (Tencent Technology
93. Learn Chinese AI-Super Chinese
94. HUYA LIVE – Game Live Stream
95. Little Q Album
96. Fighting Landlords – Free and happy Fighting Landlords
97. Hi Meitu
98. Mobile Legends: Pocket
99. VPN for TikTok
100. VPN for TikTok
101. Penguin E-sports Live assistant
102. Buy Cars-offer everything you need, special offers and low prices
103. iPick
104. Beauty Camera Plus – Sweet Camera & Face Selfie
105. Parallel Space Lite – Dual App
106. “Chief Almighty: First Thunder BC
107. MARVEL Super War NetEase Games
108. AFK Arena
109. Creative Destruction NetEase Games
110. Crusaders of Light NetEase Games
111. Mafia City Yotta Games
112. Onmyoji NetEase Games
113. Ride Out Heroes NetEase Games
114. Yimeng Jianghu-Chu Liuxiang has been fully upgraded
115. Legend: Rising Empire NetEase Games
116. Arena of Valor: 5v5 Arena Games
117. Soul Hunters
118. Rules of Survival

FATF से डरा पाकिस्तान भारत पर मढ़ रहा दोष

पिछले साल की बैठक के बाद FATF ने पाकिस्तान से संयुक्त राष्ट्र की 1267 समिति द्वारा घोषित सभी अंतरराष्ट्रीय आतंकवादियों को अन्य चीजों पर वित्तीय प्रतिबंध लगाने के लिए कहा था. इस लिस्ट में पुलवामा हमले का मास्टरमाइंड मसूद अजहर और 1993 मुंबई बम धमाकों का मास्टरमाइंड दाऊद इब्राहिम शामिल है. पाकिस्तानी सरकार के अनुमान के मुताबिक पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट में शामिल किए जाने के बाद से देश को सालाना लगभग 10 बिलियन अमरीकी डॉलर का नुकसान हो रहा है.

पाकिस्तान ने जो दस्तावेज जारी किया है, उसमें बताया है कि शेख दाऊद इब्राहिम कासकर का जन्म भारत के महाराष्ट्र में रत्नागिरी के खेर में 26 दिसंबर, 1955 को शेख इब्राहिम अली कासकर के घर में हुआ था। उसकी नागरिकता भी भारतीय बताई गई है। साथ ही उसके सभी नामों जैसे दाऊद हसन, अद्बुल हमीन अब्दुल आजीज, दाऊद साबरी, दाऊद भाई, हाजी भाई, बड़ा भाई, आदि का जिक्र भी किया गया है।

इस्लामाबाद: 

आतंकवाद का ‘आका’ कहा जाने वाला पाकिस्तान फाइनेंशिएल एक्शन टास्क फोर्स की कार्रवाई को लेकर बेहद डरा हुआ है. प्रधानमंत्री इमरान खान का कहना है कि यदि पाकिस्तान को FATF द्वारा ब्लैकलिस्ट लिया गया तो देश की अर्थव्यवस्था नष्ट हो जाएगी और पाकिस्तानी करेंसी को गिरावट का सामना करना होगा. एक निजी समाचार चैनल से बात करते हुए, खान ने कहा कि अगर पाकिस्तान को एफएटीएफ की ब्लैकलिस्ट पर डाल दिया जाता है, तो उसकी स्थिति ईरान की तरह हो जाएगी. कोई हमसे डील नहीं करेगा, कोई भी अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थान हमारा साथ नहीं देगा. 

मिल चुके हैं कई मौके

अपने डर को बयां करते हुए इमरान खान ने कहा, ‘ब्लैकलिस्ट होने से हमारी करेंसी प्रभावित होगी. पाकिस्तानी रुपया गिरेगा और हमें नहीं पता कि कितना. रुपये को बचाने के लिए हमारी पास विदेशी भंडार नहीं है. जब रुपया गिरता है, तो बिजली, गैस और तेल से लेकर सबकुछ महंगा हो जाएगा. एक बार हम ब्लैकलिस्ट हो गए तो हमारी पूरी अर्थव्यवस्था मुद्रास्फीति के कारण नष्ट हो जाएगी’. पाकिस्तान पिछले दो सालों से FATF की ग्रे लिस्ट में है. उसे वित्तीय सौदों में पारदर्शिता लाने और आतंकवाद के वित्तपोषण पर कार्रवाई करने के लिए अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए कई मौके मिल चुके हैं. FATF द्वारा कई बार डेडलाइन बढ़ाई गई है, लेकिन पाकिस्तान हर बार नाकाम रहा है.

यहां भी भारत पर लगाया आरोप

खान ने आरोप लगाया कि भारत उसे FATF में धकेलने की कोशिशों में लगा हुआ है. उन्होंने कहा, ‘भारत पिछले दो वर्षों से पाकिस्तान पर एफएटीएफ का प्रतिबंध लगवाने की कोशिश में है. वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर पिछले दो सालों से इस कोशिश में है कि हमें ब्लैकलिस्ट कर दिया जाए. यदि यह प्रतिबंध लग जाता है तो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था तबाह हो सकती है. हमारी की स्थिति ईरान जैसी हो सकती है जिससे कोई अतंरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थान कारोबार नहीं करना चाहेगा.

कोरोना के चलते बढ़ी थी डेडलाइन

पेरिस स्थित फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की अहम बैठक अक्टूबर में होने वाली है, जिसमें पाकिस्तानी पर कार्रवाई का फैसला होगा. FATF ने पाकिस्तान को ग्रे सूची में डाला हुआ है और उसे 2019 के अंत तक आतंकियों पर लगाम कसने के लिए कार्ययोजना लागू करने के लिए कहा था, लेकिन बाद में कोरोना महामारी के कारण इसकी समयसीमा बढ़ा दी गई.

सालाना लगभग इतना नुकसान

पिछले साल FATF ने पाकिस्तान से कहा था कि वह उन सभी आतंकियों के लिए वित्तीय प्रतिबंधों की जानकारी प्रदान करे, जिसका उल्लेख संयुक्त राष्ट्र ने किया है. इसमें पुलवामा हमले का मास्टरमाइंड मसूद अजहर और 1993 के मुंबई ब्लास्ट का मास्टरमाइंड दाऊद इब्राहिम शामिल है. पाकिस्तानी सरकार के मुताबिक, एफएटीएफ द्वारा ग्रेलिस्ट के डाले जाने के चलते पाकिस्तान को सालाना लगभग 10 बिलियन डॉलर का नुकसान हो रहा है.

तबलीगी जमात को औरंगाबाद हाइ कोर्ट से राहत, एफ़आईआर रद्द, ओवैसी ने भाजपा पर साधा निशाना

मोदी सरकार ने कोरोना पर अपनी विफलता छुपाने के लिए तबलीगी जमात को ‘बलि का बकरा’ बनाया और मीडिया ने इस पर प्रॉपेगेंडा चलाया। बॉम्बे हाई कोर्ट की औरंगाबाद बेंच ने दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में तबलीगी जमात मामले में देश और विदेश के जमातियों के खिलाफ दर्ज FIR को रद्द कर दिया है। इस एक फैसले ने तबलिगी जमात के प्रति लोगों को अपने विचार बदलने पर मजबूर किया हो ऐसा नहीं है, हाँ मुसलमानों के एक तबके में राहत है और खुशी की लहर है। इस फैसले का मोदी सरकार के तथाकथित @#$%$ मीडिया वाली बात सच साबित होती दिखती है।

महाराष्ट्र(ब्यूरो):

बॉम्बे हाई कोर्ट की औरंगाबाद बेंच ने दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में तबलीगी जमात मामले में देश और विदेश के जमातियों के खिलाफ दर्ज FIR को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में तबलीगी जमात को ‘बलि का बकरा’ बनाया गया। कोर्ट ने साथ ही मीडिया को फटकार लगाते हुए कहा कि इन लोगों को ही संक्रमण का जिम्मेदार बताने का प्रॉपेगेंडा चलाया गया। वहीं कोर्ट के इस फैसले के बाद असदुद्दीन ओवैसी ने बीजेपी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि इस प्रॉपेगेंडा से मुस्लिमों को नफरत और हिंसा का शिकार होना पड़ा।

देश में जब दिल्ली के निज़ामुद्दीन में स्थित तबलीग़ी जमात के बने मरकज़ में फंसे लोगों की ख़बर निकल कर सामने आई और तबलीगी जमात में शामिल छह लोगों की कोविड-19 से मौत का मामला सामने आया, तब से ही भारतीया मीडिया ने तबलीग़ी जमात की आड़ में देश के मुस्लमानों पर फेक न्यूज़ की बमबारी कर दी । मीडिया ने चंद लम्हों में इसको हिंदू-मुस्लिम का मामला बना कर परोसना शुरू कर दिया । सरकार से सवाल पूछने के बजाए नेशनल चैनल पर अंताक्षरी खेलने वाली मीडिया को जैसे ही मुस्लमानों से जुड़ा कोई मामला मिला उसने देश भर के मुस्लमानों की छवि को धूमिल करना शुरू कर दिया । कोरोनावायरस जैसी जानलेवा बीमारी को भारत में फैलाने का ज़िम्मेदार मुस्लमानों को ठहराना शुरू कर दिया। : नेहाल रिज़वी

कोर्ट ने शनिवार को मामले पर सुनवाई करते हुए कहा, ‘दिल्ली के मरकज में आए विदेशी लोगों के खिलाफ प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में बड़ा प्रॉपेगेंडा चलाया गया। ऐसा माहौल बनाने की कोशिश की गई, जिसमें भारत में फैले Covid-19 संक्रमण का जिम्मेदार इन विदेशी लोगों को ही बनाने की कोशिश की गई। तबलीगी जमात को बलि का बकरा बनाया गया।’

हाई कोर्ट बेंच ने कहा, ‘भारत में संक्रमण के ताजे आंकड़े दर्शाते हैं कि याचिकाकर्ताओं के खिलाफ ऐसे ऐक्शन नहीं लिए जाने चाहिए थे। विदेशियों के खिलाफ जो ऐक्शन लिया गया, उस पर पश्चाचाताप करने और क्षतिपूर्ति के लिए पॉजिटिव कदम उठाए जाने की जरूरत है।

वहीं हैदराबाद से सांसद और AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कोर्ट के इस फैसले की सराहना करते हुए इसे सही समय पर दिया गया फैसला करार दिया। ओवैसी ने ट्वीट कर कहा, ‘पूरी जिम्मेदारी से बीजेपी को बचाने के लिए मीडिया ने तबलीगी जमात को बलि का बकरा बनाया। इस पूरे प्रॉपेगेंडा से देशभर में मुस्लिमों को नफरत और हिंसा का शिकार होना पड़ा।’

पाव – आधा किलों के एटमी बॉम्ब वाले पाकिस्तान ने फिरर दी भारत को न्यूक्लियर जंग की धमकी

शेख रशीद ने कहा कि पाकिस्तान के पास परमाणु बम हैं जिसकी पहुंच असम तक है। इतना ही नहीं शेख रशीद कहते हैं कि हमले में मुसलमानों को नुकसान नहीं होगा।

नयी दिल्ली(ब्यूरो):

शेख राशिद पाकिस्तान की इमरान खान सरकार में रेल मंत्री हैं। वे अक्सर अपने बयानों से चर्चा में रहते हैं। बयान भी ऐसे जिसके चक्कर में वे अपने मुल्क और अपनी सरकार को ही हास्यस्पद बना देते हैं। आज कल पाकिस्तान में बयान वीरों की बहार है जिसके कारण पाकिस्तान बेहाल है। अभी कुछ दिन पहले इनके विदेश मंत्री ने पाकिस्तान की विदेश नीति में ही भूचाल ला दिया उनके एक बयान से नाराज़ सऊदी ने अपने कर्जे को चुकाने का समय अधिकारिक तौर पर समाप्त कर दिया। पाकिस्तान ने चीन से 100 करोड़ डॉलर ले कर सऊदी कर्जे की पहल किस्त चुकाई है। इन बयान वीरों के चलते अभी और भी गुल खिलने बाकी हैं।

इसी कड़ी में भारत को गीदड़ भभकी देते हुए राशिद ने एक बयान दिया है। उन्होंने कहा ​है कि भारत से अब परंपरागत युद्ध न होकर सीधे एटमी जंग होगा। साथ ही दावा किया कि पाकिस्तान के पास ऐसे एटम बम हैं जो मुसलमानों को नुकसान नहीं पहुॅंचाते।

शेख राशिद ने समा टीवी को दिए इंटरव्यू में भारत को एटमी हमले की धमकी देते हुए कहा कि यदि भारत ने पाकिस्‍तान पर हमला किया तो ‘परंपरागत युद्ध’ की कोई गुंजाइश नहीं होगी। यह खूनी और आख‍िरी जंग होगी। यह एटमी जंग होगी। उन्‍होंने कहा, “हमारा हथियार बहुत छोटा, कैलकुलेटेड, परफेक्ट निशाने पर लेने वाला और मुसलमानों की जान बचाते हुए इलाकों को टारगेट करने वाला है।”

एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू के दौरान वैश्विक राजनीति के समीकरणों पर बात करते हुए रशीद ने कहा कि आज चीन अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और ब्रिटेन के खिलाफ खड़ा है जबकि अपने नए दोस्तों नेपाल, श्रीलंका, ईरान और रूस के साथ नया ब्लॉक बना रहा है. रशीद ने कहा कि ऐसे में पाकिस्तान को चीन के साथ खड़ा होना चाहिए. इसके आगे रशीद ने कहा, ‘अगर पाकिस्तान पर भारत ने हमला किया तो कन्वेन्शनल वॉर की कोई गुंजाइश नहीं होगी. यह खूनी और आखिरी जंग होगी और एटमी जंग होगी. हमारा हथियार कैलकुलेटेड, छोटा, परफेक्ट और निशाने पर है. असम तक टारगेट कर सकता है. पाकिस्तान के पास कन्वेन्शनल जंग की गुंजाइश कम है.’

इंटरव्यू में शेख राशिद ने यह भी दावा किया कि पाकिस्तान अब असम तक भारतीय इलाकों को टारगेट कर सकता है। उन्‍होंने कहा कि पाकिस्‍तान के वैज्ञानिक बहुत जबरदस्त हैं। इसलिए पाकिस्‍तान के पास परंपरागत युद्ध की गुंजाइश बहुत कम है। हिस्‍दुस्‍तान को यह बात बखूबी पता है।

गौरतलब है कि पाकिस्तान के रेल मंत्री ने पहली बार भारत को एटमी हमले की धमकी नहीं दी है। इससे पहले भी वह कई बार पर भारत पर तरह-तरह से हमलों की बात कह चुके हैं। कुछ समय पहले उन्होंने कहा था कि अब ऐसा युद्ध नहीं होगा कि 4-6 दिन तक टैंक, तोपें चलेंगी। अब सीधे-सीधे परमाणु युद्ध होगा।

उन्‍होंने दावा किया था कि पाकिस्तान के पास सवा सौ ग्राम और ढाई सौ ग्राम के भी परमाणु बम हैं जो किसी खास टारगेट पर मार कर सकते हैं। शेख राशिद ने धमकाते हुए कहा था, “भारत सुन ले कि पाकिस्तान के पास पाव और आधा पाव के परमाणु बम भी हैं जो किसी खास इलाके को निशाना बना सकते हैं।”

अपने हालिया इंटरव्यू में भी राशिद ने ऐसे ही हास्यास्पद बयान दिए हैं। इसके अलावा इंटरव्यू में एक जगह उन्होंने कहा कि बेंगलुरु और जामिया मिल्लिया इस्लामिया जैसी जगहों पर जो हुआ उसके बाद भारत के मुसलमान पाकिस्तान के लिए दुआ कर रहे हैं।

उन्होंने साक्षात्कार में चीन का साथ देने की बात भी दी। उन्होंने वैश्विक राजनीति पर बात करते हुए कहा कि उनके लिए इस समय अमेरिका और इजरायल के इलेक्शन बहुत मैटर करते हैं, जिससे मुस्लिमों की दुनिया पर बहुत बड़ा फर्क नजर आएगा।

गौरतलब है कि राशिद को एक बार मोदी का नाम लेते वक्त करंट भी लग चुका है।

सऊदी ने पाकिस्तान को दिया दूसरा झटका तेल की सप्लाई की बंद

22 मई को कश्मीर में ओआईसी के सदस्यों से समर्थन जुटाने में पाकिस्तान विफल रहा, उसके बाद प्रधान मंत्री इमरान खान ने कहा था कि इसका कारण यह है कि हमारे पास कोई एक जुटता नहीं है और हमारे बीच सिर्फ विभाजन है. कुरैशी ने कहा जैसे पाकिस्तान ने सऊदी अरब के ‘अनुरोध’ के बाद खुद को कुआलालंपुर शिखर सम्मेलन से अलग किया, वैसे ही अब रियाद को इस मुद्दे पर ‘नेतृत्व दिखाना’ चाहिए. बता दें कि इस्लामाबाद, इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के विदेश मंत्रियों की बैठक के लिए जोर दे रहा है क्योंकि भारत द्वारा पिछले साल ही आर्टिकल 370 को निरस्त कर दिया था, जिसने जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन राज्य को विशेष दर्जा दिया था।

इस्लामाबाद/रियाद/नयी दिल्ली:

सउदी अरब ने पाकिस्तान के साथ अपने दशकों पुरानें संबंधों को खत्म करने का ऐलान कर दिया है. कश्मीर पर दरअसल विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के एक विवादित बयान के बाद ही दोनों देशों के संबंधों में खटास आनी शुरू हो गई थी. सउदी अरब से साथ न मिलने के बाद कुरैशी ने एक विवादित बयान दिया था, जिसके बाद रियाद ने यह फैसला लिया है. दो दिन पहले ही रियाद ने इस्लामाबाद को कच्चे तेल की सप्लाई और लोन देने पर रोक लगा दी थी. मीडिल ईस्ट रिपोर्टर की एक खबर के अनुसार रियाद द्वारा लिए गए एकतरफा फैसले के बाद अब पाकिस्तान ने भी संबंधों को खत्म करने के लिए कह दिया है.  

10 अगस्त को लिया था ये फैसला

10 अगस्त को सऊदी अरब ने पाकिस्तान को दिए एक बिलियन डॉलर के कर्ज को लौटाने को कहा था. पाकिस्तान ने तय समय से चार महीने पहले ही लौटा दिया. इसके बावजूद सऊदी अरब का दिल नहीं पसीजा है और पाकिस्तान की तेल सप्लाई रोक दी है.

दरअसल, सऊदी अरब ने पाकिस्तान के बोझ को कम करने के लिए और विदेशी मुद्रा का खजाना भरने के लिए नवंबर 2018 में 6.2 बिलियन डॉलर की रकम पाकिस्तान को दी थी. जिसमें से 3.2 बिलियन डॉलर का इस्तेमाल पेट्रोलियम पदार्थ लेने, और उसके भंडारण पर खर्च किया जाता था. ये डील मई 2020 में समाप्त हो गई, लेकिन सऊदी अरब ने डील को रिन्यू करने की जगह तेल की सप्लाई ही रोक दी और एक बिलियन डॉलर कर्ज की वसूली भी पाकिस्तान से कर ली. मिडिल ईस्ट मॉनिटर की रिपोर्ट के अनुसार, जब क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने पिछले साल फरवरी में पाकिस्तान की यात्रा की थी, तब इस सौदे पर हस्ताक्षर किए गए थे.

पाकिस्तान को ये झटका उस समय लगा है, जब उसे आईएमएफ से भी कोई मदद नहीं मिल पा रही है, क्योंकि आईएमएफ ने पिछले पांच महीने से किसी को भी मदद नहीं दी है. ऐसे में सऊदी अरब को पैसे लौटाने के साथ ही अब तेल की खरीदी से पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक पर बुरा असर पड़ रहा है, जो पहले से ही कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है. 

कश्मीर की वजह से आई दरार

वहीं, अब यह ताजा रुख पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कश्मीर मुद्दे पर भारत के खिलाफ रुख नहीं अपनाने के लिए सऊदी अरब के नेतृत्व वाले संगठन इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) को सख्त चेतावनी देने के बाद आया है. एआरवाई चैनल पर कुरैशी को यह कहते हुए दिखा गया कि यदि आप इस मामले में आगे नहीं आते हैं तो मैं प्रधानमंत्री इमरान खान से उन इस्लामिक देशों की बैठक बुलाने के लिए मजबूर होऊंगा जो कश्मीर के मुद्दे पर हमारे साथ खड़े होने के लिए तैयार हैं. 

22 मई को कश्मीर में ओआईसी के सदस्यों से समर्थन जुटाने में पाकिस्तान विफल रहा, उसके बाद प्रधान मंत्री इमरान खान ने कहा था कि इसका कारण यह है कि हमारे पास कोई एक जुटता नहीं है और हमारे बीच सिर्फ विभाजन है. कुरैशी ने कहा जैसे पाकिस्तान ने सऊदी अरब के ‘अनुरोध’ के बाद खुद को कुआलालंपुर शिखर सम्मेलन से अलग किया, वैसे ही अब रियाद को इस मुद्दे पर ‘नेतृत्व दिखाना’ चाहिए. बता दें कि इस्लामाबाद, इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के विदेश मंत्रियों की बैठक के लिए जोर दे रहा है क्योंकि भारत द्वारा पिछले साल ही आर्टिकल 370 को निरस्त कर दिया था, जिसने जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन राज्य को विशेष दर्जा दिया था।