पुलिस की प्रताड्ना से आहत युवक ने की आत्महत्या

पंचकूला (सुनील):  पंचकूला के राजीव कॉलोनी में आज उस समय हंगामा हो गया जब एक युवक के परिजनों ने पुलिस पर आरोप लगाया कि पुलिस कस्टडी के दौरान उसके भाई को पीटा और पुलिस के साथ मिलकर विक्की नामक युवक ने मारपीट की जिसके बाद युवक ने आत्महत्या कर ली हालांकि पुलिस इन आरोपों को ख़ारिज कर रही है |परिजनों ने पहले सेक्टर 16 की चौकी में हंगामा किया|

उसके बाद सेक्टर 16 17 चौक पर जाम लगा दिया जिस कारण लोंगो को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा बाद में पंचकूला के डीसीपी ने मौके पर पहुंचकर मामले को शांत कराया व् सेक्टर 16 चौकी इंचार्ज बलकार को सस्पेंड करने के आदेश दिए | जिसके बाद मामला शांत हुआ |

 

जम्मू कश्मीर की विधान सभा भंग हो : ओमर


पिछले कुछ वक्त से लगातार खबरें आ रही हैं कि बीजेपी जम्मू-कश्मीर में पीडीपी के बागी विधायकों की मदद से सरकार का गठन कर सकती है

निर्मल सिंह ओर मोदी की गुप्त बैठक के बाद इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी जल्द ही राज्य में नई सरकार का गठन कर सकती है.


नेशनल कांफ्रेंस ने बुधवार को कहा कि जम्मू कश्मीर विधानसभा को भंग कर दिया जाना चाहिए ताकि राज्य में ‘अनिश्चितता और अटकलों’ पर विराम लग सके. पार्टी के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने नेशनल कांफ्रेस विधायक दल की बैठक में कहा, ‘हमने राज्य विधानसभा को भंग करने की मांग की थी और करते रहेंगे. नेशनल कांफ्रेंस का मानना है कि अनिश्चितता और अटकलों के मौजूदा दौर को खत्म करने के लिए यह जरूरी है क्योंकि इससे लोगों के बीच अविश्वास की भावना बढ़ रही है.’

उन्होंने कहा कि राज्य की वर्तमान स्थिति चुनाव करवाने के लिए उपयुक्त नहीं है. राज्यपाल के प्रशासन को लोकतांत्रिक प्रक्रिया (चुनाव के संदर्भ में) संचालित करने से पहले लोगों के बीच सुरक्षा की भावना प्रबल करने और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए हर संभव कदम उठाने चाहिए. उमर अब्दुल्ला ने कहा कि पीडीपी-भाजपा गठबंधन ने राज्य को बर्बर स्थिति में छोड़ दिया और लोगों विशेषकर युवाओं में अलग थलग होने की भावना पैदा कर दी है.

पिछले कुछ वक्त से लगातार खबरें आ रही हैं कि बीजेपी जम्मू-कश्मीर में पीडीपी के बागी विधायकों की मदद से सरकार का गठन कर सकती है. सूत्रों के मुताबिक बुधवार को जम्मू-कश्मीर के पूर्व उप-मुख्यमंत्री और वरिष्ठ बीजेपी नेता निर्मल सिंह ने दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी से गुप्त बैठक की.  इस बैठक के बाद इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी जल्द ही राज्य में नई सरकार का गठन कर सकती है.

विधायक अमन अरोड़ा ने गुरुवार को मोहाली मे करवाया डोप टेस्ट

 

 

मोहाली। पंजाब के आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक अमन अरोड़ा ने गुरुवार को मोहाली के एक सरकारी अस्पताल में मादक पदार्थ सेवन का परीक्षण (डोप टेस्ट) कराया। यह घटनाक्रम पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह द्वारा सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए डोप टेस्ट अनिवार्य करने के आदेश के एक दिन बाद सामने आया है। इन कर्मचारियों में पुलिस कर्मी भी शामिल हैं।

कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने इस कदम का स्वागत किया।

तिवारी ने ट्वीट किया, “पंजाब सरकार द्वारा सरकारी कर्मचारियों के भर्ती/पदोन्नति के लिए प्रस्तावित डोप टेस्ट एक स्वागत योग्य कदम है। इसे राज्य के सभी सांसदों व विधायकों के लिए भी अनिवार्य किया जाना चाहिए।”

उन्होंने कहा, “यह न सिर्फ एक उदाहरण स्थापित करेगा, बल्कि सरकारी सेवकों के दो वर्गो के बीच अनुचित वर्गीकरण को भी हटा देगा।”

पंजाब में मादक पदार्थो की लत बुरी तरह से फैली हुई है, खासकर युवा व ग्रामीण आबादी इससे प्रभावित है।

सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा, “मुख्यमंत्री ने भर्ती और पदोन्नति के साथ-साथ कुछ कर्मचारियों के उनकी ड्यूटी की प्रकृति के अनुसार वार्षिक चिकित्सा जांच के सभी मामलों में मादक पदार्थो की जांच करने का आदेश दिया है।”

उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार के विभिन्न विभागों में पदोन्नति के साथ-साथ सभी भर्ती में डोप टेस्ट को अनिवार्य किया जाएगा।

पंजाब में विपक्षी पार्टियां कांग्रेस सरकार पर मादक पदार्थो के खतरे को खत्म करने के लिए कुछ नहीं करने को लेकर सवाल खड़ा करती रही हैं।

अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति भाजपा का बहिष्कार करेगी

अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति की प्रदेश कार्यकारिणी की मीटिंग जसिया रोहतक में राष्ट्रय अध्यक्ष यशपाल मलिक जी प्रदेश प्रभारी अशोक बलहरा जी नवनियुक्त प्रदेश अद्यक्ष महिंदर पुनिया जी की अध्यक्षता में हुई जिस में भाजपा सरकार के ख़िलाफ़ नीमन प्रस्ताव पारित किए भाजपा सरकार ने जाट समाज के साथ वादा खिलाफ़ी के सिवा कोई काम नही किया ओर सीबीआई के माध्यम से केपटन अभिमन्यु की के केस में ग्यारा नाम ओर जोड़ कर जाट समाज को उकसाने का बदनाम करने का षड्यंत्र कर रही है भाजपा सरकार की इस मंशा को जाट समाज कभी पूरी नही होने देगा सोलह अगस्त से भाजपा के मुख्य मंत्री ओर मंत्रियों की सभाओं का बहिष्कार किया जाएगा

वर्णिका कुंडू का ड्राइविंग लाइसेंस जब्त कर लिया गया


चंडीगढ़ प्रशासन ने इस बारे में सख्त निर्देश देते हुए इस संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला भी दिया है


पिछले साल हरियाणा बीजेपी के अध्यक्ष सुभाष बराला के बेटे पर छेड़खानी का आरोप लगाकर सुर्खियों में आईं वर्णिका कुंडू का ड्राइविंग लाइसेंस जब्त कर लिया गया है. दरअसल वर्णिका कुंडू पर तेज रफ्तार में गांड़ी चलाने का आरोप है. ऐसे में वर्णिका के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए चंडीगढ़ पुलिस ने तीन महीने के लिए उनका लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश की है.

चंडीगढ़ पुलिस ने पंचकूला आरटीओ को एक चिट्ठी लिखी है. इस चिट्ठी में बताया गया है कि वर्णिका का लाइसेंस जब्त कर लिया गया है. इसी के साथ ही चंडीगढ़ प्रशासन की तरफ से उनका लाइसेंस कम से कम तीन महीने के लिए रद्द करने को कहा गया है.

क्या है पूरा मामला?

बताया जा रहा है कि 21 जून को चंडीगढ़ के सेक्टर 42/53 के डिवाइडिंग रोड पर वर्णिका तेज रफ्तार से गाड़ी चला रही थी. इस दौरान वर्णिका को रोका गया और उनका लाइसेंस जब्त कर लिया गया. उनके खिलाफ मोटर व्हिकल एक्ट के तहत कार्रवाई करने को कहा गया है, जिसमें उनका लाइसेंस कम से कम 3 महीने के लिए रद्द किया जाएगा.

चंडीगढ़ प्रशासन ने इस बारे में सख्त निर्देश देते हुए इस संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला भी दिया है.

बता दें कि वरिष्ठ आईएएस अधिकारी की बेटी वर्णिका कुंडू पेशे से डीजे हैं. उन्होंने पिछले साल हरियाणा बीजेपी के अध्यक्ष सुभाष बराला के बेटे विकास बराला पर पीछा और अपहरण करने की कोशिश का आरोप लगाया था. यह मामला तब काफी सुर्खियों में रहा था.

Mitra pronounces enemity more comfortably

State finance minister Amit Mitra on Thursday called BJP national president Amit Shah as the “frontal face” of a “military outfit and terrorist” party who had no business to comment on Bengal and chief minister Mamata Banerjee who has a long history of relentless struggle and a national political stature.

Mr Shah lashed out at Miss Banerjee and alleged that there was utter lawlessness and misrule in Bengal during his two-day trip to the state.

“The person who is accusing our government of violence belongs to the party whose leader issues life threat. That particular BJP leader had said that he would send people to crematorium. What kind of language is this?” Mr Mitra questioned at a Press conference in Nabanna.

Mr Mitra said he was shocked by Mr Shah’ audacity in attacking Miss Banerjee by her name. “Being a newcomer in Parliament how could he (read Shah) comment on Miss Banerjee who has served as seven-term MP. People of Bengal have full faith on her and would not spare anyone for speaking against Miss Banerjee. BJP is a rioteer’s party with no political history or credibility,” he said.

On Mr Shah’s call to oust Trinamul Congress from Bengal, Mr Mitra said that the BJP leaders will have to go back to Gujarat as their days in Delhi was numbered. Mr Mitra said that the party does not understand the culture of Bengal and will not only be rejected by the people of this state but by the people of the entire country and it will finally be forced to return to Gujarat only to face similar rejection there.

Mr Mitra said that the fact that has pained him most was that Mr Shah told people that West Bengal had gone down to be known as bomb making factory where people get to hear the sound of bombs and not Rabindra Sangeet. Mr Shah was insulting Bengal and its people who take pride in its culture and Tagore, Mr Mitra added.

He said that the lawlessness at Mr Shah’s rallies speak out about the indiscipline and infighting in BJP. Earlier during the day, Mr Shah had said that Miss Banerjee was depriving people of the state by not accepting the health insurance scheme of the Modi government.

Mr Shah had claimed that the state had received higher allocation in the 14th Finance Commission than that in 13th Finance Commission (during Congress). He had also attacked the Trinamul Congress government’s campaign on development by saying development had only benefitted the Trinamul Congress henchmen and not the common people.

In response, Mr Mitra called Mr Shah a “liar” and questioned him as to why the Modi government had stalled 38 social welfare schemes and cut down its share of grant in 28 others. “Had there been no growth then how come the Centre handed over six awards to Bengal for governance?”

Mr Mitra asked adding that the state had also received 31 Skotch awards recently. Mr Mitra said that unlike its predecessors, Trinamul Congress-led government spends 40 per cent of its total borrowings on undertaking development work. There has been a 8.5 times growth in capital expenditure and bureaucrats from others states visit Bengal to learn about e-governance and growth in infrastructure, he added.

माल्या के बाद अब राबर्ट वाड्रा की बारी : संबित पात्रा


अभी कल ही किसी ने सोशल मीडिया पर राबर्ट वाड्रा के हवाले से कहा था,” भाई चुनाव आ गए हैं, मुझे(राबर्ट वाड्रा) भी याद कर लो”


नई दिल्ली। भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखा है। विजय ने पत्र जारी करते हुए कहा है कि वो सभी बैंकों के कर्ज चुकाने को तैयार है लेकिन इसमें उसे न्यापालिका की मदद चाहिए।
विजय माल्या ने कहा कि कुछ लोग सवाल कर रहे हैं कि इस पत्र का जिक्र अब क्यों। मैं बता दूं कि मैंने 22 जून 2018 को कर्नाटक हाईकोर्ट में बयान दर्ज़ कर कहा था कि मैं अपनी संपत्ति बेच कर बैंक के सभी कर्ज चुकाना चाहता हूं।

माल्या की चिठ्टी पर मचे बवाल के बीच बीजेपी ने पलटवार किया है। बुधवार को पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि विजय माल्या का जो पत्र लिखा है, उससे साफ है कि वह घबराया हुआ है। पात्रा ने कहा कि पत्र में विजय माल्या कह रहा है कि मुझे बैंक डिफॉल्ट केस का पोस्टर बॉय बना दिया गया है। संबित पात्रा बोले कि जबकि वो यूपीए के समय में किंग ऑफ गॉड कहा जाता था। पात्रा ने कहा कि 2011 में माल्या ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को शुक्रिया किया था, लेकिन अब उसकी भाषा पूरी तरह से बदल गई है।

संबित पात्रा ने विजय माल्या के बहाने रॉबर्ट वाड्रा को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि कुछ दिनों पहले आयकर विभाग ने रॉबर्ट वाड्रा से 25 करोड़ रुपए जमा कराने को कहा था। क्योंकि उन्होंने कई नियमों का उल्लंघन किया था। जिसमें इनकम का सोर्स ना बताना, काफी बड़ी मात्रा में इनकम होना, लोन की पूरी जानकारी ना देना शामिल है। उन्होंने कहा कि गांधी परिवार को बेनामी संपत्ति के लिए जाना जाता है। संबित पात्रा का कहना है कि राबर्ट वाड्रा ने 25 करोड़ जो बकाया था उसको छुपाया था। एक षड्यंत्र के तहत इस रकम को इनकम टैक्स को नहीं बताया था। यूपीए सरकार ने भी उसको देखा भी नहीं था।

आपको बता दें कि विजय माल्या ने पत्र में कहा था कि हमने कोर्ट से अनुरोध किया है कि वो न्यापालिका की देखरेख में हमारी संप्तित बेचने का आदेश जारी करें ताकि मैं बैंक के करीब 13,900 करोड़ रुपये का कर्ज अदा कर सकूं। सीबीआई और ईडी जैसी आपराधिक एजेंसियां अगर संपत्ति बेचने में बाधा उत्पन्न करती है तो मतलब साफ है कि वो मुझे बैंक डिफॉल्ट के पोस्टर बॉय के तौर पर पेश करने के एजेंडे के तहत काम कर रही हैं। उन्होंने आगे कहा, मैं बैंक के भरोसा रखने के लिए आगे भी कोशिश करता रहूंगा लेकिन अगर राजनीतिक कारणों से अगर मुझे निशाना बनाया गया तो मैं कुछ नहीं कर सकता।

Superior not guilty if staffer ends life due to heavy workload : SC


  • SC has ruled that superiors cannot be held responsible for abetment if an employee, depressed because of a heavy workload at office, commits suicide
  • The SC said a superior officer assigning a load of work to an employee could not be assumed to be of a criminal bent of mind

In a decision with important workplace implications, the Supreme Court has ruled that superiors cannot be held responsible for abetment if an employee, depressed because of a heavy workload at office, commits suicide. The SC said a superior officer assigning a load of work to an employee could not be assumed to be of a criminal bent of mind who intended to harass an employee or force him to end his life. It rejected the argument of the Aurangabad bench of the Bombay HC that the officer was culpable even if there was no direct abetment on the grounds that the conditions created could lead to unbearable mental tension.

Kishor Parashar, working in the Aurangabad office of the deputy director of education in Maharashtra government, committed suicide in August 2017. His wife filed a complaint with the police accusing her husband’s superior officer of abetting the suicide. She alleged the superior used to assign a heavy workload to Parashar, requiring him to work till late evening.

She said the senior called him for work at odd hours and also on holidays, stopped salary for a month and threatened to stop increment. She claimed her husband remained silent at home and the superior was responsible for his suicide. After the Aurangabad police registered an FIR, the senior officer moved the Aurangabad bench of the Bombay HC for quashing the FIR.

On January 23, the HC rejected the plea to quash the FIR. The HC had said, “The facts indicate that there was no direct abetment and the applicants cannot have any intention that the deceased should commit suicide. Even when the accused persons have no such intention, if they create a situation causing mental tension so as to drive the person to commit suicide, they can be said to be instigating the accused to commit suicide.”

When the superior officer appealed before the SC, the plea was opposed by the Maharashtra government’s standing counsel Nishant Katneswarkar. A bench of Arun Mishra and U U Lalit found the HC’s logic in roping in the superior officer on the charge of abetting suicide untenable. Justice Lalit, who authored the judgment, said, “It is true that if a situation is created deliberately so as to drive a person to commit suicide, there would be room for attracting Section 306 of the IPC (abetment to suicide). However, the facts on record in the present case are inadequate and insufficient (to reach that conclusion).” The bench quashed the FIR against the superior officer.

“UK qualification is not recognised in India. I find that a bit odd.” Sir Dominic

Sir Dominic Asquith, British envoy

 

AMID THE ongoing controversy over Britain’s failure to include Indian students in the liberalised visa norms, no official from the Indian government has approached the British High Commission to India on the matter. This was stated by Sir Dominic Asquith, the British High Commissioner to India, in an interview.

“I tend not to talk about my exchanges with the government, but, on this occasion, I will say no, nobody has (approached me on the student visa issue),” he said. “The terms being offered to Indian students this year are no different from what they were last year. Last year, to our delight, we saw 30 per cent more students going to the UK.”

Highlighting the silence in India about the British post-graduate degrees not being recognised by Indian universities, he said: “I am surprised that no one talks about the 14,000 students who do Master’s in the UK and come back, and that qualification is not recognised in India. I find that a bit odd.”

Responding to a question on some individuals like Vijay Mallya, Lalit Modi and Nirav Modi, who are wanted by Indian agencies, finding shelter in the UK, the High Commissioner said: “These frauds were committed in India. We are not responsible for the fraud. We are dealing with the aftereffects of a fraud and we are serious about dealing with the aftereffects. Sometimes people seem to think that the fraudsters committed the fraud in the UK, which is not the case.”

“The idea that we are somehow carefree about this is utterly ludicrous. We have a judicial system that we are extremely proud of. It may seem a bit protracted to an Indian audience, though to be fair, they have a legal system which is quite protracted as well. But the scrupulous adherence to judicial process is part of our democracy,” he said, while refusing to go into the details of individual cases.

“The seriousness with which we address both the handling of the cases or charges that are set, speaks for itself,” he argued. “The Crown Prosecution Service which is handling the Mallya case has earned praise from the Indian authorities about how they are going about it. The courts are going scrupulously over it, the banks have taken the orders from the judges. The handling of the case cannot be faulted for the judicial process or in respect of the process.”

The High Commissioner also said that the trade and investment relationship between India and the UK remains very strong, “We remain the largest G20 investor in India, British companies here invest almost double in India of what French and German companies do. One in 20 of the jobs in the formal sector are with British companies. By reverse, Indian companies invest more in the UK than the whole of EU combined. Last year, increase in service and goods trade both was 15 per cent.”

He also said that with “the shift of gravity to the east from the west”, the two countries are trying to adapt to an uncertain and changing world. He said India and Britain are still working out “how two countries who share fundamentally the same values, how they manage that adaptation”.

Happy Father’s Day

 

प्रस्तुत हैं पिता को समर्पित कुछ पंक्तियाँ जाने maआने लोगों की :-

 

निदा फाजली :-

 

तुम्हारी कब्र पर मैं, फ़ातेहा पढ़ने नही आया,
मुझे मालूम था, तुम मर नही सकते

तुम्हारी मौत की सच्ची खबर, जिसने उड़ाई थी, वो झूठा था,
वो तुम कब थे?, कोई सूखा हुआ पत्ता, हवा मे गिर के टूटा था ।

मेरी आँखे
तुम्हारी मंज़रो मे कैद है अब तक
मैं जो भी देखता हूँ, सोचता हूँ
वो, वही है
जो तुम्हारी नेक-नामी और बद-नामी की दुनिया थी ।

कहीं कुछ भी नहीं बदला,
तुम्हारे हाथ मेरी उंगलियों में सांस लेते हैं,
मैं लिखने के लिये जब भी कागज कलम उठाता हूं,
तुम्हे बैठा हुआ मैं अपनी कुर्सी में पाता हूं |

बदन में मेरे जितना भी लहू है,
वो तुम्हारी लगजिशों नाकामियों के साथ बहता है,
मेरी आवाज में छुपकर तुम्हारा जेहन रहता है,
मेरी बीमारियों में तुम मेरी लाचारियों में तुम |

तुम्हारी कब्र पर जिसने तुम्हारा नाम लिखा है,
वो झूठा है, वो झूठा है, वो झूठा है,
तुम्हारी कब्र में मैं दफन तुम मुझमें जिन्दा हो,
कभी फुरसत मिले तो फातहा पढनें चले आना |

 

एहसानमन्द हूँ पिता: सविता सिंह

एहसानमन्द हूँ पिता
कि पढ़ाया-लिखाया मुझे इतना
बना दिया किसी लायक कि जी सकूँ निर्भय इस संसार में
झोंका नहीं जीवन की आग में जबरन
बांधा नहीं किसी की रस्सी से कि उसके पास ताकत और पैसा था
लड़ने के लिए जाने दिया मुझको
घनघोर बारिश और तूफ़ान में

एहसानमन्द हूँ कि इन्तज़ार नहीं किया
मेरे जीतने और लौटने का
मसरूफ़ रहे अपने दूसरे कामों में

कुमार विश्वास

फिर पुराने नीम के नीचे खड़ा हूं
फिर पिता की याद आई है मुझे
नीम सी यादें ह्रदय में चुप समेटे
चारपाई डाल आंगन बीच लेटे

सोचते हैं हित सदा उनके घरों का
दूर है जो एक बेटी चार बेटे
फिर कोई रख हाथ कांधे पर

कहीं यह पूछता है-

“क्यूं अकेला हूं भरी इस भीड़ में”

मैं रो पड़ा हूं
फिर पिता की याद आई है मुझे
फिर पुराने नीम के नीचे खड़ा हूं

 

 

 

पं. ओम व्यास ‘ओम’

 

पिता, पिता जीवन है, सम्बल है, शक्ति है,

पिता, पिता सृष्टि में निर्माण की अभिव्यक्ति है,

 

पिता अँगुली पकडे बच्चे का सहारा है,

पिता कभी कुछ खट्टा कभी खारा है,

 

पिता, पिता पालन है, पोषण है, परिवार का अनुशासन है,

पिता, पिता धौंस से चलना वाला प्रेम का प्रशासन है,

 

पिता, पिता रोटी है, कपडा है, मकान है,

पिता, पिता छोटे से परिंदे का बडा आसमान है,

 

पिता, पिता अप्रदर्शित-अनंत प्यार है,

पिता है तो बच्चों को इंतज़ार है,

 

पिता से ही बच्चों के ढेर सारे सपने हैं,

पिता है तो बाज़ार के सब खिलौने अपने हैं,

 

पिता से परिवार में प्रतिपल राग है,

पिता से ही माँ की बिंदी और सुहाग है,

 

पिता परमात्मा की जगत के प्रति आसक्ति है,

पिता गृहस्थ आश्रम में उच्च स्थिति की भक्ति है,

 

पिता अपनी इच्छाओं का हनन और परिवार की पूर्ति है,

पिता, पिता रक्त निगले हुए संस्कारों की मूर्ति है,

 

पिता, पिता एक जीवन को जीवन का दान है,

पिता, पिता दुनिया दिखाने का अहसान है,

 

पिता, पिता सुरक्षा है, अगर सिर पर हाथ है,

पिता नहीं तो बचपन अनाथ है,

 

पिता नहीं तो बचपन अनाथ है,

तो पिता से बड़ा तुम अपना नाम करो,

पिता का अपमान नहीं उनपर अभिमान करो,

 

क्योंकि माँ-बाप की कमी को कोई बाँट नहीं सकता,

और ईश्वर भी इनके आशिषों को काट नहीं सकता,

 

विश्व में किसी भी देवता का स्थान दूजा है,

माँ-बाप की सेवा ही सबसे बडी पूजा है,

 

विश्व में किसी भी तीर्थ की यात्रा व्यर्थ हैं,

यदि बेटे के होते माँ-बाप असमर्थ हैं,

 

वो खुशनसीब हैं माँ-बाप जिनके साथ होते हैं,

क्योंकि माँ-बाप के आशिषों के हाथ हज़ारों हाथ होते हैं।