आज का पंचांग

🌷🌷🌷पंचांग🌷🌷🌷🌷
30 सितम्बर 2018, रविवार

विक्रम संवत – 2075
अयन – दक्षिणायन
गोलार्ध – दक्षिण
ऋतु – शरद
मास – आश्विन
पक्ष – कृष्ण
तिथि – पंचमी
नक्षत्र – रोहिणी
योग – सिद्ध
करण – तैतिल

राहुकाल –
4:30PM – 6:00PM
🌞सूर्योदय – 06:19 (चण्डीगढ)
🌞सूर्यास्त – 18:05 (चण्डीगढ)

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🚩व्रत:-🚩
चन्द्र षष्टी व्रत।
🚩विशेष:-🚩
षष्ठी का श्राद्ध।
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कोई दुआ ऐसी हो जिसकों भगवान मान ले और उनका बेटा उनसे फिर बात करे: रिटायर्ड कर्नल जगतार सिंह

नरेश शर्मा भरद्वाज:

“ यारो सब दुआ करो मिलके फ़रियाद करो “ इस तरफ की दुआओं का दौर आज कल चल रहा है जालंधर के मिलट्री हस्पताल के अफसर वार्ड के कमरा नम्बर 13 में जहां देश का एक शेर सूरमा पिछले तीन साल से शांत लेटा हुआ है . एक तरफ जहां भारतीय फ़ौज के डॉक्टर उनके इलाज में लगे हुए हैं वहीँ दूसरी तरफ हजारों लोग उनकी सेहत के लिए फ़रियाद कर रहे हैं . गौरतलब है की भारतीय फ़ौज में बतौर लेफ्टिनेंट कर्नल करणबीर सिंह को २०१५ में आतंकियों के साथ लोहा लेते हुए गोली लग गयी थी और वो तबसे लेकर अब तक कोमा में हैं . पहले उनका इलाजे दिल्ली के आर आर हस्पताल में चल रहा था पर अब वोह जालंधर के मिलिटरी हस्पताल में हैं .

देश के लिए कुर्बान होने वाले देश के शूरवीरों की कई कथाएँ हमने सुनी हैं . पर आज हम जिस सूरमे की बात कर रहे हैं वोह पिछले तीन साल से जिन्दगी और मौत की लड़ाई लड़ रहा है . जालन्धर के मिलिटरी हस्पताल के अफसर वार्ड के कमरा नम्बर 13 में शांत लेटे इस सूरमे का नाम है लेफ्टिनेंट कर्नल करनवीर सिंह . फ़ौज का यह बहादुर अफसर 1997 में भारतीय फ़ौज में बतौर लेफ्टिनेंट भारती हुआ था . अलग अलग जगहों पर पोस्टिंग के बाद 2015 में बतौर लेफ्टिनेंट कर्नल जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में तैनात था . 22 नवम्बर 2015 को जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में इन्हें सूचना मिली की कुपवाड़ा के एक इलाके में कुछ आतंकी छिपे हुए हैं . जिसके बाद यह अपनी एक टुकड़ी लेकर वहाँ पहुंचे . आतंकियों से मुटभेड के दौरान इन्होने एक आतंकी को मार गिराया . इस दौरान आतंकी द्वारा चलाई गयी एक गोली इनके जबड़े से होती हुई आर पार हो गयी . इसके तुरंत बाद फ़ौज द्वारा इन्हें वहाँ से दिल्ली शिफ्ट करना चाहा पर मौसम खराब होने के चलते ऐसा नहीं हो सका और वहीँ पर कुछ डॉक्टरों की टीम ने उनका इलाज किया . अगले दिन उन्हें वहाँ से दिल्ली आर एंड आर हस्पताल में शिफ्ट किया गया . जहां तब से लेकर करीब ढाई साल से वोह कोमा में रहे और उसके बाद इन्हें जालंधर मिलिटरी हस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया . पिछले तीन साल से कोमा में करणबीर सिंह का इलाज चल रहा है . उनके घर में उनके पिता रिटायर्ड कर्नल जगतार सिंह , पत्नी नवप्रीत कौर और दो बच्चियां उन्हें बुलाने की कोशिश करती हैं उनसे बात करने की कोशिश करती हैं पर पिछले तीन साल से आज भी इस इन्तजार में हैं की शायद कभी करणबीर उन्हें अपनी आँखों से एक इशारा करेंगे . भारतीय फ़ौज ने जहां इनके इलाज में कोई कमी नहीं छोड़ी है साथ ही घर और बच्चों की पढाई की जिम्मेवारी निभा रही है .

हालांकि की डॉक्टर कह चुके हैं की उनकी इस हालत में मेडिकली कोई सुधार नहीं हो सकता . फिर भी उनके पहले कमांडिंग अफसर अनिल अलघ द्वारा फेसबुक पास अगस्त में एक पोस्ट डालने के बाद लगातार उनके लिए दुआओं के सन्देश आ रहे हैं . आज उनके कमरे में अज्ञात शुभचिंतकों द्वारा भेजे गये कार्ड ,गणपति और कई और सामान पड़ा है . यहाँ तक की लोग उनसे मिलने और उनका हाल जानने के लिए पहुँच रहे हैं . लेफ्टिनेंट कर्नल करणबीर सिंह के पिता के अनुसार करणबीर आज जिस हालात में हैं उन्हें दवाओं के साथ साथ दुआओं की ख़ास जरुरत है . लोग उन्हें बेहद प्यार और सत्कार से जल्दी ठीक होने के सन्देश भेज रहे हैं . उनका कहना है की लोग उनके बेटे के लिए दुआ करें की कहीं कोई दुआ ऐसी हो जिसकों भगवान मान ले और उनका बेटा उनसे फिर बात करे .

The shocking footage from at Chawinda Devi village in Amritsar shows how the men in khakhi turn brutes

 

Amritsar: The inhuman treatment meted out to a woman in Amritsar allegedly at the hands of the Punjab Police has been caught on camera and shocked the entire country. The shocking footage from at Chawinda Devi village in Amritsar shows how the men in khakhi turn brutes. As per the details coming in, the Punjab Police had gone to a house to arrest the woman’s father-in-law, an alleged accused in a property dispute case.

However, upon not finding him at the residence, the Punjab Police Crime Branch personnel tried to take away his wife. When she forcefully opposed it, they held her as a ‘punishment’. Exposing their monstrous faces, the cops tied the woman to the roof of their jeep and drove around the village.

When villagers protested against it, cops dumped the woman to the road while taking a sharp turn in an area of Amritsar district and fled. One more version floating around is that the woman fell down while the jeep was being driven at high speed. The woman was later admitted to a hospital

आज का राशिफल

आपका राशिफल

टिप्स फॉर 26-09-2018 बुधवार हमारी हर टिप्स ज्यादा से ज्यादा शेयर करे सबका मंगल हो

*आज गंड मुला योग – ध्रुव योग
– पंचक – तिथि कृष्ण प्रतिपदा और रेवती नक्षत्र …

आज के योग के अनुसार आज निचे दिए मंत्रो पाठ की जप माला जरुर करे और आखिर में श्री सूक्तं स्तोत्र पाठ भी करे

आज प्रथम श्री विष्णु पजन करे या विष्णु शहस्त्र पाठ करे और अगर आप पुरुसुकतम स्तोत्र कर शकते हे तो उत्तम हे

मंत्र – ॐ श्रिंग रिंग श्रिंग कमले कमलालए प्रसिद प्रसिद श्रिंग रिंग श्रिंग ॐ महालक्ष्मे नमः ( तिन माला जप सुबह और शाम दोनों वक्त

श्राद्ध – पितृ पक्ष में करने योग्य उपाय के लिए निचे दी गई लिंक से पितृदोष शांति के उपाय करे

आज का मंत्र लेखन – आज ॐ विष्णुवे नमः यह मंत्र २१ बार लिख ( हो शके तो 108 बार लिखे ) श्राद्ध पक्ष में केवल यही मंत्र नित्य लिखना है

आज क्या करे – आज बिजनेश एक्टिविटी करे। आर्थिक व्यहवार करे । आज आराम भ कर शकते है । कोई स्पिरिच्यूल काम करना है तो भी शुभ समय ।।

आज क्या ना करे – आज कोई भी नेगेटिव शार्प एक्शन ना ले । आज कोई भी शस्त्र क्रिया भी ना करे ।

आज कहा जाना शुभ रहेगा – आज अपनी बहन या बुआ से मिलने जाना है तो शुभ समय

आज दोपहर 12 बजे से 2 30 बजे के बिच कोई भी शुभ कार्य ना करे

भोजन उपाय – आज से ले कर अगली अमावस्या तक खीर पूरी का भोजन अवश्य करे ( जो लोग व्रत या उपवास करते हे वह लोग साबूदाने की खीर बनाकर खा शकते हे )

दान पुण्य उपाय – आज हरी सब्जी का दान करे

वस्त्र उपाय – आज हरे या ब्ल्यू रंग के वस्त्र धारण करे परन्तु पीले रंग के वस्त्रो से परहेज करे

वास्तु उपाय – आज शाम घर में गुगुल और कपूर का धुप जरुर करे

सावधानी रक्खे – आज के ग्रहों के अनुसार आज जिन्हें शर्दी खासी रोग की शिकायत ज्यादा रहती हे या फिर इससे जुडी कोई भी परेशानी ज्यादा रहती या ऐसी कोई भी समस्या से पीड़ित है वो आज अपने व्यवहार में एवं तामसी खान पान में सावधानी बरतें और ध्यान जरुर करे

26 सितम्बर जिनका जन्म दिन हे और जिनकी शादी की सालगिरह हे वो आज बकरी और गाय को चारा खिलाये

🐏मेष
राजकीय सहयोग मिलेगा। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। थकान रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। विवाद से बचें। नए कार्यों में लाभ होने की संभावना है। परिवार की तरक्की होगी। आपको अपने कर्म पर विश्वास रखते हुए कार्य करना चाहिए।

🐂वृष
रोजगार में वृद्धि होगी। संपत्ति के बड़े सौदे हो सकते हैं। बड़ा लाभ होगा। जल्दबाजी न करें। प्रमाद से बचें। दूरदर्शिता एवं बुद्धिमानी से कई रुके हुए काम पूरे होने की संभावना है। खर्चों में कमी करना होगी। व्यापार में सही निर्णय नहीं लेने से हानि हो सकती है।

👫मिथुन
पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रसन्नता रहेगी। दिन प्रतिकूल रह सकता है। सामाजिक स्तर में परिवर्तन एवं प्रतिष्ठा को लेकर चिंतित रहेंगे। दांपत्य जीवन अच्छा रहेगा। अधिक लोभ-लालच न करें।

🦀कर्क
शोक समाचार मिल सकता है। भागदौड़ अधिक होगी। थकान रहेगी। वाणी पर नियंत्रण आवश्यक है। माता-पिता का स्वास्थ्य ठीक रहेगा। दिन प्रसन्नतापूर्वक व्यतीत होगा। व्यापार में लाभ की स्थिति बनेगी। रुका पैसा प्राप्त होने के योग हैं।

🐅सिंह
रुके कार्य पूर्ण होंगे। मेहनत सफल रहेगी। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रसन्नता रहेगी। नई योजनाओं का क्रियान्वयन होगा। बड़े लोगों से भेंट होगी, जिसका लाभ भविष्य में मिलेगा। शत्रु परास्त होंगे। आलस्य से बचकर रहें।

🙎‍♀कन्या
पुराने मित्र व संबंधी मिलेंगे। अच्छी खबरें मिलेंगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रसन्नता रहेगी। व्यापार अच्छा चलेगा। पारिवारिक वातावरण सहयोगात्मक रहेगा। आपकी बुद्धिमानी से समस्याओं का समाधान संभव है। सुख-समृद्धि बढ़ेगी।

⚖तुला
नवीन वस्त्राभूषण की प्राप्ति होगी। रोजगार में वृद्धि होगी। यात्रा सफल रहेगी। प्रसन्नता बनी रहेगी। अपने व्यसनों पर नियंत्रण रखना चाहिए। श्रम अधिक करना होगा। आपके कार्यों की समाज एवं परिवार में आलोचना हो सकती है। व्यापार सामान्य चलेगा।

🦂वृश्चिक
फालतू खर्च होगा। तनाव रहेगा। विवाद को बढ़ावा न दें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें, बाकी सामान्य रहेगा। आर्थिक स्थिति कमजोर रहेगी। मित्रों की मदद से महत्वपूर्ण कार्य पूरे होने के आसार हैं। साझेदारी में नए प्रस्ताव मिलेंगे।

🏹धनु
बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा सफल रहेगी। लाभ के अवसर बढ़ेंगे। जोखिम न लें। आवास संबंधी समस्या रहेगी। रचनात्मक कामों का प्रतिफल मिलेगा। पूर्व में किए गए कार्यों का शुभ फल प्राप्त हो सकेगा। स्वाध्याय में रुचि बढ़ेगी।

🐊मकर
योजना फलीभूत होगी। घर-बाहर पूछ-परख बढ़ेगी। कार्यसिद्धि होगी। व्यवसाय लाभप्रद रहेगा। आत्मविश्वास बढ़ने से व्यापारिक लाभ अधिक होने के योग हैं। यात्रा में सावधानी रखें। जल्दबाजी एवं लापरवाही से कार्य करने की प्रवृत्ति पर रोक लगाएं।

🍯कुंभ
राजकीय सहयोग मिलेगा। रुके कार्य पूर्ण होंगे। अध्यात्म में रुचि रहेगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। राज्य एवं व्यवसाय के क्षेत्र में उचित लाभ हो सकेगा। परिवार में खुशी का माहौल रहेगा। जीवनसाथी की उन्नति सामाजिक सम्मान को बढ़ाएगी।

🐟मीन🐟
चोट व दुर्घटना से बचें। लेन-देन में सावधानी रखें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। विवाद न करें। आर्थिक समस्या रह सकती है। नए कामों में सफलता मिलेगी। व्यापार अच्छा चलेगा। स्वास्थ्य में सुधार होगा। खर्च का बोझ बढ़ेगा।

P. Chidambaram as the chairman of Manifesto Committee


Congress President Rahul Gandhi appointed P. Chidambaram as the chairman of Manifesto Committee, A.K. Antony as the chairman of Coordination committee and Anand Sharma as the chairman of Publicity Committee for the 2019 Lok Sabha elections, said party sources.

According to sources, Rajeev Gowda has been appointed convener of Manifesto Committee, Jairam Ramesh as the convener of Coordination Committee and Pawan Khera as the convener of Publicity Committee.

The formal announcement would be made soon, said party sources.

The manifesto committee has Chidambaram, Ramesh, Bhupinder Singh Hooda, Salman Khurshid, Shashi Tharoor, Kumari Selja, Sushmita Dev, Rajeev Gowda, Mukul Sangma, Manpreet Singh Badal, Sam Pitroda, Sachin Rao, Bindu Krishnan, Raghuveer Meena, Balchnadra Mungekar, Meenakshi Natrajan, Rajni Patil, Tamradhwaj Sahu and Lalitesh Tripathii as its members.

The publicity committee includes Anand Sharma, Randeep Surjewala, Manish Tiwari, Pramod Tiwari, Rajeev Shukla, Bhakta Charan Das, Praveen Chakravarty, Milind Deora, Ketkar Kumar, Pawan Khera, V.D. Satheesan, Jaiveer Shergill and Divya Spandana.

जम्मू-कश्मीर निकाय चुनाव: हार के डर से चुनाव बहिष्कार कर रही हैं पीडीपी-नेशनल कांफ्रेंसऔर कांग्रेस


इससे दो चीजें बहुत साफ हैं. पहली कि मुख्यधारा की राजनीति एक ठहराव पर आ कर खड़ी हो गई है. और दूसरी ये कि घाटी में स्थिति और खराब होने की आशंका है.


जम्मू-कश्मीर की दो बड़ी पार्टियों नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी की ओर से पंचायत और शहरी निकाय चुनावों के बहिष्कार के ऐलान से वहां की उथल-पुथल और राजनीतिक अस्थिरता साफ झलकती है. ये अस्थिरता और मजबूत होती दिख रही है, क्योंकि उग्रवाद वहां के आम लोगों के भीतर गहरे जड़ें जमा चुका है.

दोनों राजनीतिक दलों ने अपने बहिष्कार की वजह अदालत में चल रहे उस मामले को बताया है, जो धारा 35 (ए) से ताल्लुक रखता है, जिसके जरिए जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा हासिल है. लेकिन यहां पिछले कुछ सालों में हुई घटनाओं को ध्यान से देखें, तो साफ लगेगा कि इसकी वजह दरअसल ये है कि घाटी में 2016 में सामने आए लोगों के गुस्से के बाद से मुख्यधारा की राजनीति के लिए जगह नहीं बची.

बीजेपी के साथ सत्ता सुख भोगने वाली पीडीपी के लिए तो उनके अपने किले दक्षिण कश्मीर में ही जनता उनके खिलाफ हो गई.

पिछले दो सालों में तो हालात इतने खराब हो चले हैं कि मुख्यधारा की राजनीति करने वाले नेताओं में से किसी ने भी दक्षिण कश्मीर का कोई दौरा नहीं किया. कई नेता तो दक्षिण कश्मीर के इलाके में अपने घर तक भी नहीं गए. बीजेपी-पीडीपी राज में 300 नागरिक और 450 आतंकी मारे गए. पिछले साल ऑपरेशन ऑल आउट भी लॉन्च किया गया. मुफ्ती सरकार अनंतनाग की खाली लोकसभा सीट पर चुनाव भी कराने की हिम्मत नहीं कर सकी. इस सीट पर परिवारवाद का ज्वलंत उदाहरण पीडीपी ने पेश किया जब मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने अपने भाई तस्सदुक मुफ्ती को उम्मीदवार बना दिया. कभी दक्षिण कश्मीर को अपना किला मानने वाली पीडीपी के लिए ये उदाहरण कलंक की तरह है.

मुख्यधारा की राजनीति करने वाली पार्टियों के लिए कभी वोट देने वाले लोग न सिर्फ अब उनके विरोधी हो गए हैं, बल्कि सड़क पर उतर कर अपना विरोध दर्ज भी कर रहे हैं. दरअसल इसी बदलाव की वजह से ये दोनों पार्टियां चुनावों के बहिष्कार और हुर्रियत की नीतियों के समर्थन पर मजबूर हुई हैं. इस रवैये ने इस बात की तस्दीक की है कि कश्मीर में मुख्यधारा की राजनीति की फिलहाल जगह नहीं दिख रही.

धारा 35(ए) पर चुनावों का बहिष्कार

5 सितंबर 2018 को नेशनल कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष और सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री ओमर अब्दुल्लाह ने कहा कि केंद्र सरकार दरअसल पंचायत चुनावों का इस्तेमाल कुछ ऐसे कर रही है कि, धारा 35(ए) के मामले की कोर्ट में सुनवाई में देरी हो और उसे फायदा मिले. उन्होंने हाल ही में ट्वीट किया, ‘केंद्र सरकार को धारा 35(ए) पर सफाई देनी चाहिए. ये ठीक नहीं है कि पंचायत और निगम चुनावों का इस्तेमाल, धारा 35(ए) पर कोर्ट में चल रही कार्यवाही में देर करने के लिए की जाए.”

नेशनल कॉन्फ्रेंस भले ही चुनाव के बहिष्कार की वजह धारा 35 (ए) बता रही हो, श्रीनगर की स्थिति देखते हुए कहा जा सकता है कि सच्चाई दरअसल कुछ और है. सभी दल समझ चुके हैं कि जम्मू-कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग मानने वाली विचारधारा की अब कोई जगह नहीं है.

बहिष्कार के नेशनल कॉन्फ्रेंस के ऐलान के बाद पीडीपी ने भी चुनावों में हिस्सा न लेने का एक प्रस्ताव पास कर दिया. उनके इस ऐलान पर किसी को कोई अचरज भी नहीं हुआ क्योंकि घाटी में वे बड़े स्तर पर जन-समर्थन खो चुके हैं. इस खोए जन-समर्थन को पाने के लिए उन्हें अपनी नीतियों में खासा बदलाव लाना होगा और इसे सामान्य होने में वक्त भी लगेगा.

अपने प्रस्ताव में पीडीपी ने कहा, ‘भय और संदेह के इस वातावरण में चुनाव कराने की कोई भी कोशिश लोगों का भरोसा और तोड़ेगी और तब चुनाव का जो असल उद्देश्य है, वह खत्म हो जाएगा.’

पीडीपी ने भी अपने बहिष्कार की वजह धारा 35 (ए) ही बताई थी, लेकिन उनक प्रस्ताव की एक लाइन ‘ भय का वातावरण ’ साफ कर देती है कि मामला कुछ और है. ये और कुछ नहीं, दरअसल, सरकार गिरने के बाद पीडीपी के खिलाफ लोगों की नाराज़गी ही बताता है. लोग सिर्फ नाराज़ नहीं हैं, बल्कि वे बदला लेना चाहते हैं क्योंकि महबूबा मुफ्ती क मुख्यमंत्री रहते वहां लोग मारे गए. पीडीपी ने भी साबित किया था कि उन्हें लोगों की जान की कीमत पर ही सही, सत्ता में बने रहना है. ठीक वही, जो नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 1990 में किया था.

90 के दशक में जब आतंकवाद अपने चरम पर था और अंदरूनी झगड़ों और सेना द्वारा मानवाधिकारों के जबरदस्त उल्लंघन के कारण धीरे-धीरे कमजaर हो रहा था, तो फारूक अब्दुल्ला को सत्ता में वापस लाया गया था. सोचा ये गया था कि नेशनल कॉन्फ्रेंस को 1996 के चुनावों से वापस सत्ता में लाकर कश्मीर के इलाको में अमन-चैन की भी वापसी की जाए. फारूक को वापस सत्ता में लाने वाली ताकत थी ‘इख्वान’ या आतंकियों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करने वाले लोग. इनमें से कुछ को तो इनाम के तौर पर फारूक ने विधानसभा का सदस्य भी बना दिया था.

‘इख्वान’ की खूनी मदद से फारूक अब्दुल्लाह सत्ता में वापस तो आ गए, लेकिन आजादी मांगने वालों की जान की कीमत पर. आज कश्मीर उसी मुकाम पर फिर आ खड़ा हुआ है, जहां घाटी में स्थिति को सामान्य करने और उस पर नियंत्रण करने के लिए चुनावों का इस्तेमाल किया जा रहा है. आज अगर ओमर अब्दुल्ला के पास ‘इख्वान’ होते, या फिर पीडीपी के पास ‘पीछे के दरवाजे से मदद’ 2002 की तरह मौजूद होती , तो शायद दोनों पार्टियां चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला न लेतीं. लेकिन परिस्थितियां इतनी बदल चुकी हैं कि अब कोई तरीका कारगर साबित नहीं हो सकता.

जम्मू-कश्मीर पुलिस की एक रिपोर्ट के मुताबिक बीते अगस्त में 327 आतंकी सक्रिय हुए, जिसमें से 211 स्थानीय हैं और 116 विदेशी. रिपोर्ट के मुताबिक सिर्फ दक्षिण कश्मीर के चार जिलों में 166 स्थानीय आतंकी सक्रिय हैं.

इसमें कोई शक नहीं है कि घाटी में माहैल तेजी से बदल रहा है. दक्षिण कश्मीर के जिलों में पुलिस वालों के रिश्तेदारों के अपहरण की घटना बहुत से संकेत करती है. इसके बाद डीजीपी का भी ट्रांसफर हो गया. इससे दो चीजें बहुत साफ हैं. पहली कि मुख्यधारा की राजनीति एक ठहराव पर आ कर खड़ी हो गई है. और दूसरी ये कि घाटी में स्थिति और खराब होने की आशंका है.

Incentives must for doctors in rural areas to cope with shortage: VP Singh Badnore

Photo by Rakesh Shah


GMCH among top 10 medical colleges; 6.76 lakh patients took treatment from OPD: Dr. B.S. Chavan, Director Principal


Chandigarh, September 9, 2018: Government Medical College and Hospital (GMCH), Sector 32 here today observed its 27th annual day at the hospital premises here. V P Singh Badnore, Governor of Punjab and Administrator, UT, Chandigarh, was the Chief Guest on the occasion.

 

V.P. Singh Badnore, Governor of Punjab and Administrator, UT, Chandigarh, while addressing the gathering said, “I am very happy to be here on the occasion of the Annual Day Celebrations of a very prestigious medical college of our country. It is noteworthy that this institute is also contributing towards the pool of paramedical professionals and staff nurses by running these paramedical courses.”

The Administrator said, doctors are mitigating the suffering of people and we must acknowledge as a nation the great work this community is doing. However, a lot needs to be done as we are facing severe shortage of doctors in rural and semi urban areas.  This problem is more acute in rural areas where most of the population of our country lives.  The doctors can be given some incentive to serve in the rural areas or we can have people trained only for serving in rural areas.

Photo by Rakesh Shah

He expressed his concern over lifestyle diseases like hypertension, coronary artery disease, lipid disorders etc. which are on the rise and stressed on adopting a healthy lifestyle by eating right type of food, regular exercise and to imbibe the practice of doing yoga.

“I am happy to note that GMCH is in the forefront of providing tertiary level care not only to the residents of Chandigarh but also to the population of surrounding states of Punjab, Haryana, Himachal Pradesh, Uttar Pradesh, Uttarakhand and Jammu & Kashmir. I wish similar health care facilities can be established in the surrounding states as well”, he added.

Dr. B.S. Chavan, Director Principal, GMCH, while addressing invitees said it was on this day in 1991, when the first batch of 50 MBBS students was admitted to this prestigious college.  Since then, 9th Sept is celebrated as the Annual Day of Government medical college and hospital.

Photo by Rakesh Shah

“As far as training of medical professionals is concerned, this year we are ranked amongst the top 10 medical colleges of the country. Our first 4 MBBS students this year are from TOP 100 All India NEET rank. Our MD/MS seats have been increased from 119 to 125 and these seats will be increased to 140 and MCI has already conducted inspection for these additional seats for 2019. This will improve patient care as junior residents are the backbone of any health care establishment. From this year, we have started MD in Radiation Oncology. This will improve care of cancer patients”, said Dr. Chavan. He added last year approximately 6.76 lakh patients took treatment from OPD, 1.36 lacs came to emergency and trauma services, conducted 17000 major surgeries and 39000 minor surgeries.

Among other prominent present were, Arun Kumar Gupta, Secretary Home-cum-Medical Education & Research, Chandigarh Administration, Prof. J.S. Chopra founder Director-Principal of GMCH, Prof. V.K. Kak, Prof. H.M. Swami, Prof. Raj Bahadur, Prof. A.K. Janmeja and Prof Atul Sachdev, former Director Principals of GMCH were among those present.

अवसरवादिता राजनीति नहीं, कांग्रेस की केजरीवाल को सीख


कांग्रेस प्रवक्ता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने आम आदमी पार्टी द्वारा उपसभापति के चुनाव से दूर रहने पर तीखा हमला किया और उन्हें खरी खरी सुना दी.


शर्मिष्ठा मुखर्जी  ने आज अरविंद केजरीवाल पर तीखा हमला किया. उन्होंने कहा कि राज्यसभा के उप-सभापति चुनावों का ‘बहिष्कार’ कर आम आदमी पार्टी ने सिर्फ भाजपा की मदद ही की है. 2015 में सत्ता में आने के बाद से ही अरविंद केजरीवाल का केंद्र और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के साथ झगड़ा रहा है. लेकिन आज के मतदान से आम आदमी पार्टी के तीन सांसदों ने बहिष्कार कर न सिर्फ विपक्ष के आंकड़ों को कम कर दिया बल्कि बहुमत की संख्या को कम करके करके सरकार की मदद भी की. पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने ट्वीट किया- “आम आदमी पार्टी कहती है, ‘राजनीति अहंकार पर नहीं चलती है. बिल्कुल! यही कारण है कि अरविंद केजरीवाल ने भाजपा की मदद करते हुए राज्यसभा में मतदान से दूर रहने का फैसला किया.”

 

आआपा ने विपक्ष के उम्मीदवार बीके हरिप्रसाद को सशर्त समर्थन दिया था. वे चाहते थे कि राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल को फोन करें और उनसे मदद मांगे. जब राहुल गांधी ने फोन नहीं किया तो पार्टी ने घोषणा की कि वह चुनाव से बाहर रहेगी. कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए पार्टी नेता संजय सिंह ने कहा, ‘अगर राहुल गांधी नरेंद्र मोदी को गले लगा सकते हैं, तो वह अरविंद केजरीवाल से उनके पार्टी के उम्मीदवार के समर्थन के लिए क्यों नहीं पूछ सकते हैं.’

कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि तीन वरिष्ठ नेताओं – गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा और अहमद पटेल – ने फोन किया था. लेकिन केजरीवाल राहुल गांधी से फोन कॉल चाहते थे.

शर्मिष्ठा मुखर्जी ने ट्वीट किया:

आखिर राहुल गांधी को ऐसे इंसान से समर्थन की मांग क्यों करनी चाहिए जिसने खुलेआम 2019 के चुनावों में बीजेपी के समर्थन की घोषणा की है. अगर उनकी मांग पूरी हो जाए तो 2019 के चुनावों में वो बीजेपी का समर्थन करेंगे. राजनीति विचारधाराओं की लड़ाई है. ये अवसरवादी लोगों के लिए एक हाथ दे एक हाथ दे के तर्ज पर नहीं की जाती.


Sharmistha Mukherjee

Rupashree Nanda

@rupashreenanda

AAP will not vote for Congress candidate unless Cong Pres @RahulGandhi reaches out to CM @ArvindKejriwal; @RahulGandhi can hug PM @narendramodi,why can’t he call @ArvindKejriwal ? Politics does not run on ego says @AamAadmiParty #RSVP ellections


जून में दिल्ली विधानसभा में केजरीवाल ने घोषणा की थी कि अगर दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया तो वह 2019 में बीजेपी के लिए प्रचार करने के लिए तैयार हैं. शर्मिष्ठा मुखर्जी अपने ट्वीट में इसी घोषणा का जिक्र कर रही थीं. कांग्रेस और आआपा के बीच के तनावपूर्ण संबंध 2011 से ही चले आ रहे हैं. जब आआपा का गठन नहीं हुआ था और केजरीवाल और उनके करीबी अन्ना हजारे के सहयोगी थे. अन्ना हजारे ने भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन का नेतृत्व किया था. यह आंदोलन 2014 के चुनावों में कांग्रेस की हार का एक बड़ा कारण बना था.

2013 में आआपा ने दिल्ली में कांग्रेस के समर्थन के साथ सरकार बनाई. लेकिन 49 दिनों के बाद ही अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस पर भाजपा के साथ सहयोग करने और जन लोकपाल विधेयक को रोकने का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया.

जिस गुरु से करुणानिधि ने राजनीति के गुर सीखे,जीवन के अंत में भी उनका साथ मिल गया.


अंतिम संस्कार के लिए जब राजाजी हॉल से मरीना बीच के लिए करुणानिधि की शवयात्रा निकली तो उनके पीछे लाखों समर्थकों का हुजूम था


पूर्व मुख्यमंत्री और डीएमके प्रमुख एम करुणानिधि को मरीना बीच पर दफनाया गया. करुणानिधि को अंतिम वक्त में अपने राजनीतिक गुरु अन्नदुरई की समाधि के  बगल में ही जगह मिली. जिस गुरु से करुणानिधि ने राजनीति के गुर सीखे,जीवन के अंत में भी उनका साथ मिल गया.

अंतिम संस्कार के लिए जब राजाजी हॉल से मरीना बीच के लिए करुणानिधि की शवयात्रा निकली तो उनके पीछे लाखों समर्थकों का हुजूम था. समर्थकों ने नम आंखों से कलाइग्नर को अंतिम विदाई दी.

करुणानिधि के अंतिम संस्कार में कई राज्यों के मुख्यमंत्री और राजनेता शामिल हुए थे. इनमें में मुख्य रूप से कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव, माकपा महासचिव प्रकाश करात, केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमान चांडी और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव समेत कई अन्य नेताओं ने करुणानिधि को श्रद्धांजलि अर्पित की.

केरल के राज्यपाल पी सदाशिवम, मुख्यमंत्री विजयन और विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला के साथ राजाजी हॉल में श्रद्धांजलि देने पहुंचे. चांडी ने कहा, ‘वह हमारे देश के एक दिग्गज नेता और बहुत बढ़िया प्रशासक थे. जब वह मुख्यमंत्री थे, तब वह केरल और केरलवासियों का ध्यान रखते थे. हमारे बीच रहे अच्छे संबंध को मैं याद करता हूं.’

तमिल फिल्म जगत के लोगों ने भी करुणानिधि को श्रद्धांजलि अर्पित की. पेरियार ई वी रामास्वामी के निधन के बाद करुणानिधि ने एक कविता लिखी थी. उस कविता को संवाददाताओं के सामने उद्धृत करते वक्त लेखक और गीतकार वैरामुथु रो पड़े.

उन्होंने कहा, ‘क्या हम ताजमहल के विध्वंस को सिर्फ इसलिए स्वीकार कर सकते हैं कि उसकी संरचना पुरानी हो चुकी है? वही जो करुणानिधि ने पेरियार के निधन पर लिखा था, हम इस तथ्य को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं कि कलाइग्नर अब नहीं रहें.’

बुधवार सुबह मद्रास हाईकोर्ट के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश ने उनका अंतिम संस्कार मरीना बीच पर करने की इजाजत दे दी थी. हाईकोर्ट का यह फैसला सुनते ही राजाजी हॉल के बाहर जमे हजारों डीएमके में खुशी की लहर दौड़ पड़ी, वहीं करुणानिधि के बेटे और उनके सियासी वारिस स्टालिन की आंखों से आंसू छलक आएं.

अपने नेता के अंतिम दर्शन के लिए राजाजी हॉल के बाहर पार्टी समर्थकों का भारी हुजूम लगा रहा, जो किसी भी तरह दर्शन को आतुर थे. इस दौरान पुलिस को भीड़ पर काबू के लिए लाठीचार्ज भी करना पड़ा. लाठीचार्ज के बाद मची भगदड़ में 3 लोगों की मौत हो गई और करीब 33 लोग घायल हो गए.

डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन ने पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की. स्टालिन ने इसके साथ कहा, ‘पुलिस हमें सुरक्षा दे या नहीं, लेकिन मैं आपके पैर पकड़कर विनती और विनम्र निवेदन करता हूं कि शांति व्यवस्था बनाए रखते हुए धीरे-धीरे यहां से हट जाएं.’

शिवभक्त कांवड़िए योगी के रंग में रंगे


काँवड़ यात्रा पर जगह जगह हेलीकाप्टर से पुष्प वर्षा होगी

यात्रा के मार्ग में शराब ओर मीट की दुकानें नहीं होंगी 

कनवादियों की सुरक्षा के लिए यात्रा के दोनों मार्गों पर पुलिस बल की तैनाती रहेगी 


 

दिल्ली/मुजफ्फरनगर समाचार

हरिद्वार से गंगा जल लेकर अपने आराध्य देव पर जलाभिषेक करने के लिये रवाना हुए शिवभक्त कांवडियों पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री महंत योगी आदित्यनाथ ने हेलीकाप्टर से पुष्प वर्षा की।
इस शानदार नजारे को देखने के लिये जगह-जगह लोगों का हूज्जूम लग गया। लखनऊ से नोएडा पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों की बैठक लेकर विकास कार्यों की समीक्षा की। इसके पश्चात अपरान्ह लगभग चार बजे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नोएडा से हेलीकाप्टर में रवाना हुए। उनके साथ मेरठ जोन के एडीजी प्रशांत कुमार व अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे। हरिद्वार से दिल्ली तक जाने वाले कांवडियों पर मुख्यमंत्री द्वारा हेलीकाप्टर से ही पुष्प वर्षा की गई।

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने इस बार कांवड़ियों की यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए कई उपाय किए हैं. इतना ही नहीं, उन्होंने सावन के महत्व और पूजा की सात्विकता को देखते हुए कावड़ के रास्ते में मीट और शराब की दुकानें बंद रखने के आदेश दिए हैं.

हरिद्वार से लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जिन-जिन स्थानों और रास्तों से कांवड़ यात्रा गुजरेगी, उन रास्तों पर न तो मीट की दुकानें होंगी और न ही शराब की. इसके अलावा कांवड़ियों के पूरे रास्ते में ड्रोन से नजर रखी जाएगी.

दरअसल कांवड़ियों की सुरक्षा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इसलिए बेहद अहम हो जाती है, क्योंकि यह रास्ता अति संवेदनशील क्षेत्रों में आता है. कई बार कांवड़ियों के साथ झड़प और कांवड़ियों का हुड़दंग देखा जाता है. ऐसे में इस बार प्रशासन ने व्यवस्था और चुस्त-दुरुस्त रखने की कोशिश की है.

डीजे बजाने को लेकर हर साल कांवड़ियों और स्थानीय लोगों में ठन जाती है. इस बार डीजे की आवाज़ को लेकर खास मानक तय किए गए हैं, जिसकी जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन को दी गई है. इससे साफ जाहिर है कि कांवड़िए DJ तो बजा सकते हैं, लेकिन उसकी आवाज तय मानक के अनुसार हो.

प्रशासन ने 11 बिंदुओं में एक गाइडलाइन मेरठ, मुजजफरनगर, बुलंदशहर, गाजियाबाद, नोएडा, अलीगढ़, बरेली, बिजनौर, मुरादाबाद और हापुड़ तथा अन्य जिलों में भेज दी है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने पहले ही कहा था कि चार नेशनल हाइवे और दो प्रमुख रेल रूटों से गुजरने वाली कांवड़ यात्रा की निगरानी के लिए ड्रोन, हेलिकॉप्टर का विशेष प्रबंध किया जाएगा.

पूरे सावन में यह यात्रा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों से गुजरती है. इसमें सबसे ज्यादा कांवड़िए रुड़की, मुजफ्फरनगर, मेरठ, शामली और कैराना होते हुए लोग हरियाणा के पानीपत को जाते हैं. दूसरा रूट रुड़की से सहारनपुर होते हुए है. इन दोनों रास्तों पर लाखों की तादाद में कांवड़िए धार्मिक यात्रा करते हैं. इस दौरान डीजे बजता है, साथ-साथ बोल बम के नारे गूंजते हैं.

यूपी से गुजरने वाली सौ-सौ किलोमीटर के दो रूट बेहद अहम और संवेदनशील हैं. ऐसे में प्रशासन ने अपनी तरफ से तमाम तैयारियां पूरी कर ली हैं.

उन्होंने इस शानदार नजारे को हेलीकाप्टर से ही निहारा मेरठ से मुजफ्फरनगर के पुरकाजी क्षेत्र तक हेलीकाप्टर ने दो चक्कर लगाये। उडान के दौरान हेलीकाप्टर काफी नीचे तक आया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने हाईवे पर कांवडियों की तरफ हाथ हिलाकर उनका अभिवादन भी स्वीकार किया। शिवभक्त कांवडियों पर अपने हाथों से पुष्प वर्षा कर मुख्यमंत्री प्रफुल्लित नजर आ रहे थे। उनके साथ मौजूद फोटोग्राफर इस नजारे को अपने कैमरे में कैद कर रहा था।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि महाशिवरात्रि तक प्रतिदिन हरिद्वार से दिल्ली के बीच जगह-जगह कांवडियों पर हेलीकाप्टर से पुष्प वर्षा की जाये। इस दौरान सडक मार्ग पर भी पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी भ्रमण करते रहे।