पंचांग, 05 नवंबर 2024

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 05  नवंबर 2024

नोटः आज गण्ड़मूल विचार

छठ व्रत : इस साल 05 नवंबर 2024 से नहाय-खाय के साथ छठ पूजा की शुरुआत होगी और 08 नवंबर को उगते हुए सूर्य को जल अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण किया जाएगा। चार दिवसीय छठ महापर्व में छठी मैया और सूर्यदेव की पूजा-आराधना की जाती है।

गण्डमूल विचार/गण्डमूल का प्रभाव ज्योतिष में नक्षत्र सताईस होते है उनमे से यह छह ज्येष्ठा, आश्लेषा, रेवती,मूल, मघा और अश्विनी नक्षत्र की गणना मूल नक्षत्र में की जाती है। राशि और नक्षत्र की समाप्ति जब एक ही स्थान पर होती हैं तब यह स्थिति गण्ड या मूल नक्षत्र कहलाती है

विक्रमी संवत्ः 2081, 

शक संवत्ः 1946, 

मासः कार्तिक़ 

पक्षः शुक्ल, 

तिथिः चतुर्थी रात्रि काल 12.17 तक है, 

वारः मंगलवार। 

नोटः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर मंगलवार को धनिया खाकर, लाल चंदन,मलयागिरि चंदन का दानकर यात्रा करें।

नक्षत्रः ज्येष्ठा प्रातः काल 09.45 तक है, 

योग अतिगण्ड़ प्रातः काल 11.27 तक है, 

करणः वणिज, 

सूर्य राशिः तुला, चन्द्र राशिः वृश्चिक, 

राहू कालः अपराहन् 3.00 से 4.30 बजे तक,

सूर्योदयः 06.40, सूर्यास्तः 05.29 बजे।

नोटः आज दूर्वा गणपति व्रत एवं पूजन तथा गण्ड़मूल विचार

नोटः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर मंगलवार को धनिया खाकर, लाल चंदन,मलयागिरि चंदन का दानकर यात्रा करें।

पंचकूला में आयोजित तीसरे पुस्तक मेले के उदृघाटन

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ – 04       नवंबर :

हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने आज पंचकूला में आयोजित तीसरे पुस्तक मेले के उदृघाटन अवसर पर भगवान श्रीकृष्ण की जीवनी पर आधारित पुस्तक ‘कर्मयोगी कृष्ण’ का विमोचन किया। इस पुस्तक का लेखन सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग हरियाणा में कार्यरत जिला सूचना एवं जनसम्पर्क अधिकारी कृष्ण कुमार आर्य ने किया है।

मुख्यमंत्री ने इस कार्य के लिए लेखक को बधाई और ऐसी कृति की रचना के लिए शुभकामनाएं दी। उन्होंने मेले में सभी पुस्तक स्टॉलों का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि पुस्तकें हमारी मार्गदर्शक होती है और अच्छी पुस्तकें तो हमारे जीवन की धारा को भी बदल देती है। इसलिए सभी को पुस्तकों का स्वाध्याय नियमित तौर पर करना चाहिए। उनके साथ पुस्तक मेले के आयोजक एसईआईएए के चेयरमैन श्री पी के दास, कालका की विधायक श्रीमती शक्ति रानी शर्मा सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति मौजद थे।

लेखक कृष्ण कुमार आर्य ने पुस्तक के विषय में जानकारी देते हुए बताया कि इस पुस्तक मंे श्रीकृष्ण की पूरी जीवनी को लिखा गया है। भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि जीवन का आधार कर्म है और कर्म की सिद्घि केवल कर्तव्य पालन के मार्ग से होकर ही गुजरती है। कर्महीन और कर्त्तव्य विमुख व्यक्ति कभी धर्मात्मा नहीं हो सकता है। उनके इसी उपदेश को श्रीकृष्ण के जीवन पर आधारित नव संकलित पुस्तक ‘कर्मयोगी कृष्ण’ में सहेजा गया है। भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में कहा है कि
’’न मे पार्थास्ति कर्तव्यं त्रिषु लोकेषु किश्चन।
नान वाप्तम वाप्तव्यं वर्त एव च कर्मणि’’

भगवान श्रीकृष्ण गीता में कहते हैं कि तीनों लोकों में मेरे लिए कोई भी कर्म नियत नही है अर्थात् करने योग्य नही है, न मुझे किसी वस्तु का अभाव है और न ही आवश्यकता है, फिर भी निष्फल भाव से कर्म करता हूँ। इसी को आधार बनाकर लेखक ने इस पुस्तक की रचना की है।

आर्य ने बताया कि पुस्तक में श्रीकृष्ण की जीवनशैली को प्रदर्शित करने के लिए विषय-वस्तु को 244 पृष्ठों पर ग्यारह अध्यायों में विभक्त किया गया है। इसमें लगभग 130 मंत्र, श्लोक एवं सूक्तियां तथा पुस्तक को समझने में सहायक आठ आलेख दिए हैं। पुस्तक का पहला अध्याय ‘श्रीकृष्ण की वशांवली’, दूसरे व तीसरे अध्याय में उनके बाल्यकाल की प्रमुख घटनाएं तथा अध्याय चार में गोपी प्रकरण व कंस वध का विवरण दिया है। पुस्तक के पाँचवें अध्याय में श्रीकृष्ण द्वारा महर्षि सांदीपनी एवं अन्य ऋषि आश्रमों में ग्रहण की गई ‘शिक्षाओं तथा वैज्ञानिक उपलब्धियों’ का वर्णन किया गया है। यह अध्याय अनेक दिव्य अस्त्र-शस्त्रों के ज्ञान तथा सुदर्शन चक्र, सौमधुक, मौनधुक, सौकिक यान एवं सोमतीति रेखा का अन्वेषण श्रीकृष्ण की महानता का परिचय देता हैं।

उन्होंने बताया कि इसके छठे अध्याय में ‘द्वारका की अवधारणा’ तथा श्रीकृष्ण की दिनचर्या को प्रदर्शित करने वाला सातवां अध्याय ‘दैनंदिनी विमर्श’ दिया है। पुस्तक के आठवें अध्याय में महाराज युधिष्ठिर के ‘राजसूय में कृष्णनीति’ तथा नौवें अध्याय में ‘श्रीकृष्ण का तात्त्विक संप्रेषण’ पर विस्तार से उल्लेख है। जैसा कि माना जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण एक उत्कृष्ट एवं प्रभावी वाक्चार्तुय एवं वाक्माधुर्य से धनी थे, जिसका प्रत्यक्ष दर्शन पुस्तक में होगा। इसके साथ ही दसवें अध्याय में ‘जय में श्रीकृष्ण नीति’ तथा अन्तिम ग्यारहवें अध्याय में ‘महां-भारत में श्रीकृष्ण के महां-प्रस्थान’ का वर्णन किया है। पुस्तक में श्रीकृष्ण के यौगिक बल, दिव्य उपलब्धियां, उत्कृष्ट वैज्ञानिकता, महान तत्त्ववेत्ता, जनार्दन एवं ब्रह्मवेत्ता के तौर पर परिचय करवाया गया हैं। इसके साथ ही अकल्पनीय श्रीकृष्ण के जीवन से जुड़े अनेक ऐसे तथ्यों को प्रस्तुत किया गया है, जिनको पढक़र विशेषकर नई पीढ़ी में विशेष आभा का संचार होगा। श्रीकृष्ण के महानिर्वाण की घटना का प्रस्तुतिकरण पाठक को शुन्य की अवस्था में ले जाने वाला है कि किस प्रकार श्रीकृष्ण के सामने ही यदुवंश और उनके पुत्र-पौत्रों की हत्या की गई। परन्तु वे लेशमात्र भी अपने धर्म एवं कर्म से विमुख नही हुए।

उनका कहना है कि पुस्तक को पूर्ण करने में लगभग 40 माह का समय लगा। पुस्तक में महाभारत, गर्ग संहिता, वैदिक साहित्य, उपनिषद्, श्रीमद्भगवत गीता तथा जैन साहित्य सहित लगभग दो दर्जन पुस्तकों के संदर्भ सम्मिलित किए गए हैं। पुस्तक सतलुज प्रकाशन द्वारा पंचकूला से प्रकाशित की है। उन्होंने बताया कि पुस्तक का पाँचवा एवं सातवाँ अध्याय अद्भूत है, जो श्रीकृष्ण को भगवान एवं योगेश्वर श्रीकृष्ण होने का परिचय देते हैं तथा इसके बाद के अध्याय श्रीकृष्ण की महानता के दिव्य दर्शन करवाते हैं।

पंचकूला पहुंचे भाजपा नेता ओम प्रकाश धनखड़

पंचकूला पहुंचे भाजपा नेता ओम प्रकाश धनखड़।

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ – 04       नवंबर :

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा रणदीप सुरजेवाला पर विवादित टिप्पणी पर पंचकूला में ओम प्रकाश धनखड़ का बयान।

हमारे यहां बहुत सारे शब्द जाति सूचक भी हैं और कार्य सूचक भी है मैंने वह वीडियो देखा है वह मंच के नीचे से किसी और ने कहा है मुख्यमंत्री ने सिर्फ उसका उच्चारण किया है।

जिस प्रकार से सुरजेवाला बहुत सारे कार्यों में कांग्रेस का बचाव करने की कोशिश करते हैं उनके कार्य के हिसाब से उनको यह कहा गया है। इसको जाति सूचक शब्दों की तरह ले जाना नहीं चाहिए सुरजेवाला को। इसको सिर्फ कार्य सूचक शब्द के रूप में बोला गया है कांग्रेस जो इसे अलग ढंग में कोशिश कर रही है वह गलत है।

संकल्प पत्र पर बोलते हैं उन्होंने कहा कि मैं पहले भी कहता रहा हूं कि कांग्रेस कभी भी अपना संकल्प पत्र बजट के अनुरूप नहीं बनाती।

यह उनकी हार का मुख्य कारण होता है।

मैंने हिमाचल और कर्नाटक का उदाहरण भी दिया है कल खड़गे जी ने भी यह बात मान मिली है।

बापूधाम कॉलोनी में श्री शिव शक्ति खेड़ा मंदिर में श्रीमद्भागवत कथा

  • बापूधाम कॉलोनी में श्री शिव शक्ति खेड़ा मंदिर में श्रीमद्भागवत कथा में श्री गणेशानंद मिश्रा जी महाराज होंगे कथा व्यास 
  • आज निकाली गई भव्य कलश शोभायात्रा

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़,  04  नवंबर:

बापू धाम कॉलोनी, सेक्टर 26 में श्री शिव शक्ति खेड़ा मंदिर के प्रांगण में श्रीमद् भगवत कथा का आयोजन किया जा रहा है जो 10 नवम्बर तक चलेगी। नेहा कीर्तन मंडली की प्रधान नेहा पुरी ने बताया कि कथा व्यास श्री गणेशानंद मिश्रा जी महाराज कथा प्रवचन करेंगे। कथा के आज प्रथम दिन एक भव्य कलश शोभायात्रा निकाली गई जिसमें रेसिडेंट्स  वेलफेयर एसोसिएशन, बापूधाम कॉलोनी के प्रधान कृष्ण लाल, कपिल बहल, जय माता मंदिर किन्नर समाज की संचालक कमली माता जी, मंदिर के मुख्य पुजारी राजमणि मिश्रा, अक्षत पुरी, सरबजीत सिंह, मनोज कुमार, पवन कुमार और सैंकड़ों की संख्या में महिलाएं मौजूद थी।

क्लियरमेडी बहरा मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल का शुभारंभ  हुआ

क्लियरमेडी बहरा मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल का शुभारंभ  हुआ

डेमोक्रेटिक फ्रंट, मोहाली –  04       नवंबर :

स्वास्थ्य सचिव कुमार राहुल ने सोमवार को क्लियरमेडी बाहरा मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल ,खरड़ का शुभारंभ  किया।

कुमार राहुल ने कहा, “अत्याधुनिक चिकित्सा तकनीक से लेकर रोगी-केंद्रित देखभाल पर ध्यान केंद्रित करने तक, इस अस्पताल के हर पहलू को हमारे समुदाय की विविध आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है। 

अस्पताल ऑन्कोलॉजी, इंटरनल  मेडिसन, नेफ्रोलॉजी, क्रिटिकल केयर, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, पल्मोनोलॉजी, ईएनटी, बाल रोग और नियोनेटोलॉजी, गाइनकालजी , हड्डी रोग और जॉइन्ट रिप्लेसमेंट और 24*7 आपातकालीन और ट्रॉमा देखभाल में नैदानिक विशेषज्ञता प्रदान करेगा।

क्लियरमेडी हेल्थकेयर के सीईओ कमोडोर नवनीत बाली ने कहा, “हमारा मिशन नवीनतम तकनीक और चिकित्सा पेशेवरों की एक असाधारण टीम से लैस सभी को व्यापक स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करना है। हम स्वास्थ्य सेवा के मानक को ऊंचा करने और उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा देखभाल को सुलभ और सस्ती बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह अस्पताल सिर्फ एक सुविधा नहीं है, बल्कि पूरे समुदाय के लिए स्वास्थ्य, आशा और उपचार का प्रतीक है,”

अस्पताल के क्लस्टर हेड और फैसिलिटी डायरेक्टर विवान सिंह गिल ने कहा, “हम मोहाली में इस अत्याधुनिक अस्पताल को खोलने के लिए रोमांचित हैं जो समुदाय को विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए समर्पित है।

सेक्टर 17 चंडीगढ़ में किया 26 रक्तदानियों ने रक्तदान

सेक्टर 17 चंडीगढ़ में किया 26 रक्तदानियों ने रक्तदान

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़,  04  नवंबर:

डेंगू की वजह से अस्पतालों में आई रक्त की कमी को पूरा करने के लिए विश्वास फाउंडेशन पंचकूला, एचडीएफसी बैंक व इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी यूटी चंडीगढ़ ने संयुक्त रूप से मिलकर गुरुदेव श्री स्वामी विश्वास जी के आशीर्वाद से हेल्थ डिपार्ट्मन्ट के सामने सेक्टर 17 चंडीगढ़ में रक्तदान शिविर आयोजित किया। कैम्प में 31 लोगों ने रक्तदान करने के लिए रजिस्टर करवाया, 5 लोगों को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों की वजह से रक्तदान करने के लिए मना कर दिया गया। ब्लड बैंक रोटरी एण्ड ब्लड बैंक सोसाइटी रिसोर्स सेंटर सेक्टर 37 चंडीगढ़ की टीम ने निर्देशक डॉक्टर मनीष राय की देखरेख में 26 यूनिट्स रक्त एकत्रित किया।

विश्वास फाउंडेशन की अध्यक्ष साध्वी नीलिमा विश्वास ने बताया कि लोगों में यह भ्रम है कि रक्तदान करने से शरीर में कमजोरी आती है। रक्तदान के कारण कोई कमजोरी नहीं आती, बल्कि सभी को 90 दिन में एक बार अवश्य ही रक्तदान करना चाहिए। इससे जरूरतमंदों को मदद मिलती है साथ ही शरीर स्वस्थ रहता है। रक्तदान जैसा पुनीत काम सबसे बड़ी सेवा में आता है। इस रक्तदान शिविर में इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी यूटी चंडीगढ़ से पूनम मलिक व सुशील कुमार टाँक ने शिरकत करके डोनर्स का हौंसला बढ़ाया।  

डॉक्टर मनीष राय ने बताया कि लोगों द्वारा रक्त दान करने से दिल की सेहत में सुधार, दिल की बीमारियों और स्ट्रोक के खतरे को कम माना जाता है। खून में आयरन की ज्यादा मात्रा दिल के दौरे के खतरे को बढ़ा सकती है नियमित रूप से रक्तदान करने से आयरन की अतिरिक्त मात्रा नियंत्रित हो जाती है। जो दिल की सेहत के लिए अच्छी है।

इस रक्तदान शिविर में आये सभी रक्तदानियों को प्रशंसा पत्र व गिफ्ट देकर प्रोत्साहित किया गया। इस अवसर पर विश्वास फाउंडेशन से शाम सुंदर साहनी, सत्य भूषण खुराना, मधु खन्ना व अन्य गणमान्य अतिथि भी मौजूद रहे।

एन सी सी वालंटियर्स संग एन ए कल्चरल सोसाइटी ने मनाई दीवाली

एन सी सी वालंटियर्स संग एन ए कल्चरल सोसाइटी ने मनाई दीवाली

एनए कल्चरल सोसाइटी ने इस दिवाली को खास तरीके से मनाने कि पहल की

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़,  04  नवंबर:

उन्होंने भारतीय संस्कृति की समृद्ध परंपराओं का पालन करते हुए, जानवरों की देखभाल में योगदान दिया जैसे कि गाय, बिल्ली और कुत्तों का इलाज और भोजन में मदद करना। सोसाइटी की संस्थापक अध्यक्ष निखर आनंद मिढा और सामाजिक प्रमुख अनीता मिढा ने बताया की इन बेक़सूर जानवरों को पटाखों की आवाज से बचाने के प्रयास होने चहिये , पटाखों से जानवर भयभीत हो जाते हैं।

एनए कल्चरल सोसाइटी के युवा सदस्यों ने इस पहल में बढ़-चढ़कर भाग लिया। चंडीगढ़ ग्रुप ऑफ कॉलेजेज़ की एनसीसी टीम के स्वयंसेवक भी एनए टीम के साथ इस नेक काम में शामिल हुए और मोहाली फेज 1 स्थित गौशाला और सेक्टर 38 के एसपीसी एनिमल अस्पताल में सेवा प्रदान की।

नहाय खाय के साथ छठ महापर्व का आगाज कल से

नहाय खाय के साथ छठ महापर्व का आगाज कल से, 6 को होगा खरना

पवन सैनी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, हिसार, 04       नवंबर :

 पूर्वांचल जन कल्याण संगठन समिति के तत्वाधान में जिंदल पार्क, मिल गेट स्थित जिंदल सरोवर में मनाये जाने वाले चार दिवसीय छठ महापर्व की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। लोक आस्था का छठ महापर्व 5 नवम्बर को प्रात: नहाय खाय के साथ शुरु हो जाएगा। अनुष्ठान के दूसरे दिन 6 नवम्बर को खरना करेंगे। 7 नवम्बर को अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को त्रिवेणी के जल से अध्र्य दिया जाएगा। 8 नवम्बर को प्रात: उगते हुए सूर्य को अध्र्य देकर महापर्व सम्पन्न हो जाएगा। समिति के संरक्षक डॉ. राधेश्याम शुक्ल, महासचिव आचार्य मुरलीधर पाण्डेय व कोषाध्यक्ष आचार्य शिवपूजन मिश्र ने बताया कि सरोवर के चारों ओर चार गेट बनाये जाएंगे। चारों वेदों ऋगवेद, यजुर्वेद, सामवेद व अर्थववेद के नाम पर गेट के नाम रखे जाएंगे। चारों गेटों पर चार कुण्ड स्थापित किये जाएंगे और इन कुण्डों पर चार-चार-यजमान बैठेंगे। महापर्व पर होने वाले हवन-यज्ञ में मुख्य यजमान के रुप में समाजसेवी कैप्टन प्रेम प्रकाश बिश्रोई होंगे। छठ महापर्व के दिन 7 नवम्बर को सायं 4 बजे हरियाणा की पूर्व मंत्री एवं विधायक सावित्री जिंदल मुख्यातिथि के रूप में भाग लेंगी। अध्यक्षता सूर्य भगवान भास्कर करेंगे। समिति के प्रधान विनोद साहनी ने बताया कि सवा क्विंटल सामग्री से छठी मैय्या का श्रृंगार होगा। पर्व के दिन 11 लाख ज्योतों से छठ मैय्या की आरती होगी।

छठ में नहाय-खाय का विशेष महत्व  

आचार्य शिवपूजन मिश्र ने बताया कि छठ महापर्व में नहाय-खाय का विशेष महत्व है। इस दिन व्रती अपने शरीर, वस्त्र एवं घर की शुद्धता का विशेष ध्यान रखते हैं। प्रात: से ही व्रतियों के गंगातट या सरोवर पर नहाने का सिलसिला शुरू हो जाता है। सरोवरों में स्नान करने के बाद भगवान सूर्य को जल अर्पित करेंगे। उसके बाद घरों में व्रतियों के लिए भोजन बनेगा। भोजन में अरवा चावल, चने की दाल एवं कद्दू की सब्जी बनाई जाएगी। व्रतियों के प्रसाद ग्रहण करने के बाद ही परिवार के अन्य लोग भोजन करेंगे। 6 नवम्बर बुधवार को दिनभर उपवास रहकर सायंकाल सूर्य भगवान को पूजा करके खीर और पूरी का भोग लगाकर अपने घरों में हवन करेंगे। 7 नवम्बर वीरवार को सुबह से लेकर दिन भर अन्न-जल ग्रहण नहीं करेंगे और सांयकालीन अस्ताचलगामी सूर्य को तालाब या नदी में अध्र्य देंगे। अध्र्य में प्रशाद के रुप में ठेंकूवा, ईख, गुना, मौसमी फल, सीताफल, मूली, हल्दी, अदरक, सोने-चांदी, पीतल एवं बांस (छाज-सूप) आदि में रखकर अध्र्य देंगे।

6 नवम्बर को व्रती करेंगे खरना

बुधवार को व्रती गंगा एवं अन्य जलाशयों में स्नान करने के बाद भगवान सूर्य को जल अर्पित करेंगे। सायंकाल के समय घरों में हवन एवं पूजा-पाठ करेंगे। खरना का प्रसाद मिट्टी के चूल्हे पर आम की लकड़ी से साठी-चावल दूध और गुड़ से तैयार किया जाएगा। प्रसाद को सूर्य देव को भोग लगाकर ग्रहण किया जाएगा। इसके बाद वीरवार को पूरा दिन व रात अन्न-जल ग्रहण नहीं करेंगे।

शंख ध्वनि से शुरु होगा छठ महापर्व

समिति के महासचिव आचार्य मुरलीधर पाण्डेय व कोषाध्यक्ष आचार्य शिवपूजन मिश्र ने बताया कि 7 नवम्बर को प्रात: 6 बजे शंख ध्वनि के साथ महोत्सव का शुभारंभ किया जाएगा। प्रात: 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक घाट पूजन एवं घाट संरक्षण का कार्यक्रम चलेगा। 12 बजे से दोपहर बाद 2 बजे तक सवा क्विंटल गन्ना, फूलमाला एवं छठ माता का श्रृंगार किया जाएगा। 2 बजे से सूर्य षष्ठी महायज्ञ प्रारंभ किया जाएगा। सूर्य संहिता के विशेष मंत्रों द्वारा आचार्य शिवपूजन मिश्र, आचार्य सुरेश प्रसाद मिश्र व डॉ. बलजीत शास्त्री की अध्यक्षता में तथा डॉ. राधेश्याम शुक्ल की देखरेख में सूर्य षष्टी महायज्ञ होगा जिसमें कांशी, अयोध्या, वृंदावन, हरिद्वार से आए हुए विद्वानों द्वारा आदित्य ह्रदय स्तोत्र तथा सूर्य संहिता के विशेष मंत्रों द्वारा हवन एवं पाठ किया जाएगा। इसके लिए चारों दिशा में चार कुंड बनाए जाएंगे और एक विशेष रुप से कुंड बनाया जाएगा। सायं 2 बजे से 4 बजे तक सूर्य सहस्त्र नामों से हवन किया जाएगा। सायं 5:30 बजे से अस्ताचल सूर्य को दूध एवं त्रिवेणी जल से अध्र्य दिया जाएगा। इसके उपरांत 6 बजे सूर्य भगवान की 11 लाख ज्योतों द्वारा महाआरती की जाएगी। छठव्रतियों से प्रार्थना है कि अध्र्य के बाद छठी मैय्या के पांच गीत अवश्य गाएं तथा एक घंटे तक घाट जगाएं। कांशी के विद्वानों के अनुसार सायं 2 बजे उपरांत पूजा का विशेष समय है इसलिये 4 बजे से पूर्व सरोवर पर अवश्य पहुंच जाएं ताकि पूजा का विशेष लाभ मिल सके। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि इस वर्ष छठ व्रत व पूजा का दिन वीरवार को आया है। मुख्य रुप से विष्णु भगवान का दिन ही वीरवार होता है। पूजा का सामान पीला रंग का होना चाहिये।    

साक्षात देव हैं भगवान सूर्य

छठ महापर्व पर भगवान सूर्य की पूजा होती है। वे साक्षात देव हैं, जो लोगों को दिखाई देते हैं। सूर्य की पूजा आदिकाल से की जा रही है। आचार्य शिवपूजन मिश्र व आचार्य मुरलीधर पाण्डेय का कहना है कि सूर्यदेव की पूजा का उल्लेख सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरकाल से मिलता है। तभी से सूर्य पूजा की परम्परा चली आ रही है। विश्व में सूर्य की पूजा विभिन्न रूपों में की जाती है। आचार्य शिवपूजन मिश्र व आचार्य मुरलीधर पाण्डेय ने बताया कि ज्योतिष शस्त्र के अनुसार सूर्य सभी ग्रहों के राजा है। जिस व्यक्ति के ग्रह कमजोर हैं, वे भगवान सूर्य की पूजा करते हुए छठ व्रत करें, उनके सभी ग्रह अनुकूल हो जाएंगे।

अमेरिका में भी मनाई जाती है छठ पूजा

उग हे सुरुज देव.. .. गीत, घाटों पर चहल कदमी करती हुई भीड़ और डूबकी लगाते हुए व्रती। छठ पूजा का ये मनोरम दृश्य सात समुंद्र पार अमेरिका में भी देखा जा सकता है। छठ महापर्व की महिमा पूर्वांचल से होते हुए परदेस तक जा पहुंची है। अमेरिका की पोटोमैक नदी पिछले कई सालों से छठ पूजा की साक्षी बन रही है। परदेस में रह रहे पूर्वांचल के लोग अपने इस त्यौहार को उसी देसी उत्साह के साथ मनाते हैं। अमेरिका में बड़ी तादात में उत्तर भारतीय रहते हैं, जो इस पर्व को मनाते हैं। भारतीयों के इस उत्सव में अमेरिका वाले भी शरीक होते हैं। इसके अलावा नेपाली मूल के लोग भी इस पावन उत्सव में अपनी भागीदारी देना नहीं भूलते। अमेरिका में छठ पर्व एक सांस्कृतिक मिलन की तरह भी मनाया जाता है। छठ व्रतियों के लिए नदी किनारे टैंट लगाए जाते हैं और सजावट भी की जाती है।

हठयोग का रहस्य छिपा है छठ व्रत में

आचार्य शिवपूजन मिश्र व आचार्य मुरलीधर पाण्डेय ने बताया कि लोक आस्था का महापर्व छठ कई रहस्यों को भी समेटे हुए है। यह पर्व अध्यात्म और योग का मेल भी है। छठ का एक अर्थ हठयोग भी है। छठव्रती चार दिनों तक लगभग बिना अन्न जल ग्रहण किए रहते हैं। पूजा में काफी सावधानी बरती जाती है। हठयोग में अपने आप को कष्ट देकर ईश्वर को प्रसन्न करने की बात आती है। सबसे प्राचीन ग्रंथ ऋगवेद में भी छठ महापर्व का जिक्र आता है। वैदिक काल में ऋषि भोजन से दूर रहकर सूर्य से उर्जा प्राप्त करने के लिए यह व्रत करते थे। छठ महापर्व का महात्म रामायण काल एवं महाभारत काल में भी मिलता है। कहा जाता है कि पांडवों के वनवास के समय द्रौपदी ने भी सूर्य की उपासना की थी। इसके बदले में द्रोपदी को एक अक्षय पात्र प्राप्त हुआ था। द्रौपदी के अलावा अंग राज कर्ण भी छठ महापर्व व्रत करते थे। रावण पर विजय प्राप्त करने के बाद भगवान राम व माता सीता ने भी छठ माता का व्रत किया था।  

मार्कण्डेय  पुराण में भी आता है जिक्र

आचार्य शिवपूजन मिश्र व आचार्य मुरलीधर पाण्डेय ने बताया कि मार्कण्डेय पुराण में भी इस बात का उल्लेख मिलता है कि सृष्टि की अधिष्ठात्री प्रकृति देवी ने अपने आपको छह भागों में विभाजित किया है। इनके छठे अंश को सर्वश्रेष्ठ मातृदेवी के रूप में माना जाता है जो ब्रह्मा की मानस पुत्री और बच्चों की रक्षा करने वाली देवी है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी को इन्हीं देवी की पूजा की जाती है। शिशु के जन्म के छह दिनों के बाद भी इन्हीं देवी की पूजा करके बच्चे के स्वास्थ्य, सफल और दीर्घायु की प्रार्थना की जाती है। पुराणों में इन्हीं देवी का नाम कात्यायनी मिलता है, जिनकी नवरात्रों में षष्ठी को पूजा की जाती है।

कांचही बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाये.. ..

हिसार में रहने वाले पूर्वांचल समाज के परिवारों के आंगन में दीपावली के बाद से ही छठ पर्व के गीत महिमा बा राऊर अपार हे छठी मईया.. .. उ जे कांचही  बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाए.. .. छठी मइया आई ना दुअरिया.., कोपी-कोपी बोले ले सूरज देव.., हाजीपुर के केलवा महंग भइले.., उगी-उगी सूरज देव.., डारी-डारी चहके सुगनवा.., की स्वर लहरियां सुनाई दे रही हैं।
2 फोटो कैप्शन : पूर्वांचल समाज के लोग जिंदल सरोवर पर बैठक करते हुए। सामान से सजी स्टॉल।

जर्जर हालात स्कूली बसें बच्चों की जान डाल रही जोखिम में

जर्जर हालात स्कूली बसें बच्चों की जान डाल रही जोखिम में, परिजनों को चिंता स्कूल प्रशासन लापरवाह 

कोशिक खान, डेमोक्रेटिक फ्रंट, छछरौली, 04       नवंबर :

छछरौली क्षेत्र के निजी स्कूलों में चल रही जर्जर हालत की बसें बच्चों की जान जोखिम में डाल सफर कर रही है। ऐसी ही एक बस नेशनल हाईवे पर बच्चों को लेकर दौड़ती हुई नजर आई है। जिसकी बैंक लाइट गायब है। अगर बस को बीच सड़क ब्रेक लगाने पड़ जाते हैं तो इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि पीछे से आने वाला वाहन रूकी बस को देखकर ब्रेक लगाएगा या बस को सीधी टक्कर मारेगा। क्योंकि बस के पीछे चल रहे वाहन को अगले वाहन की बैंक लाइट से ही रुकने व चलने का इशारा मिलता है। पर बस से बैक लाइट ही गायब है। बसों की जर्जर हालत देख परिजनों को अपने नौनिहालों की चिंता होना जायज बात है। पर इतनी बड़ी लापरवाही ना तो आरटीए विभाग व ना ही स्कूल प्रशासन को नजर आ रही है। जब कोई बड़ा हादसा स्कूल बस के साथ होता है तो फिर स्कूल प्रशासन ड्राइवर सब के खिलाफ कारवाई होती है पर पहले ही समय रहते कारवाई नहीं होती। या यूं कहें कि इस तरह या तो किसी का ध्यान नहीं है फिर देखकर भी अनदेखा किया जा रहा है। सड़कों पर दौड़ रही इस तरह की स्कूली बसों को देखकर ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्कूल प्रशासन बच्चों की सुरक्षा को लेकर कितना गंभीर है। स्कूल से बच्चों को लेकर चलने वाली बसों पर लगी बैक लाइट तक गायब है। ऐसे में सवाल उठता है कि आरटीओ विभाग ने आखिर किस आधार पर इन जर्जर हालत की बसों को फिटनेस सर्टिफिकेट बांट दिए हैं। जबकि पिछले वर्ष सभी स्कूली बसों की फिजीकल वेरीफिकेशन की गई थी। जर्जर हालत की बसों को फिटनेस सर्टिफिकेट मिलना भी जांच का विषय है।

ज्ञात हो स्कूली बसों के बड़े हादसों मे पहले भी कई बार कई घरों के चिराग बुझ चुके हैं। हादसा होने के बाद प्रशासन कारवाई की बात करता है पर समय रहते इन बातों पर ध्यान नहीं दिया जाता या जानबूझकर अनदेखा किया जाता है।  छछरौली प्रतापनगर क्षेत्र के निजी स्कूलों में बच्चों को लेकर जाने वाली बसों की हालत देखकर लगता है कि बच्चों की सुरक्षा को लेकर ना तो स्कूल प्रशासन गंभीर है और ना ही प्रशासन की गंभीरता नजर आ रही है। सड़क पर स्कूली बच्चों से खचाखच भरी इन बसों की अगर हालत देखी जाए तो बसों पर लाइट तक गायब है। बस की बैक लाइट नहीं है ऐसे में सड़क पर चलते हुए अगर बस चालक को किसी कारण ब्रेक लगानी पड़ जाए तो पीछे से कोई भी वाहन आकर बस से टकरा सकता है। क्योंकि बस रुकने का संकेत देने वाली लाइट ही गायब है यह कितनी बड़ी लापरवाही है और इस लापरवाही से कितना बड़ा हादसा हो सकता है। इसका अंदाजा देश में पहले स्कूली बच्चों की बसों के हादसों को देखकर ही लगाया जा सकता है कि स्कूल प्रशासन व जिला प्रशासन किस तरह से बच्चों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहा है। गांवों से बच्चों को लेने आई एक निजी स्कूल की बस की जर्जर हालात सब कुछ बयां कर रही है कि आरटीओ विभाग द्वारा आखिर किस आधार पर इस बस को फिटनेस सर्टिफिकेट दिया गया है। इस तरह की ओर बहुत सी बसें स्कूली बच्चों को लेकर सड़क पर सरपट दौड़ रही है। ऐसे मे बच्चों के लिए यह वाहन कितने घातक व खतरनाक हो सकते है।

अभियान चलाकर होगी कारवाई

इस बारे में आरटीओ विभाग के विकास यादव का कहना है कि यह बहुत गंभीर विषय है। जिले की सभी बसों को फिजिकल वेरिफिकेशन करने के बाद ही फिटनेस सर्टिफिकेट दिए गए हैं। उसके बावजूद भी अगर इस तरह लापरवाही बरती जा रही है तो दोबारा अभियान चलाकर सभी स्कूलों बसों की जांच की जाएगी। किसी भी वाहन में अगर कमी पाई जाती है तो उसके खलाफ कार्रवाई की जाएगी। बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि है।

शंभू बॉर्डर खोलने को लेकर मंत्री अनिल विज से मुलाकात

  • शंभू बॉर्डर खोलने को लेकर एडवोकेट वासु रंजन शांडिल्य ने की मंत्री अनिल विज से मुलाकात
  • शंभू बोर्डर खोलने को लेकर बनाई कमेटी के चेयरमैन जस्टिस नवाब सिंह से भी मुलाकात करेंगे एडवोकेट शांडिल्य

कोरल ‘पुरनूर’, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकुला – 04      नवंबर :

पिछले 8 महीने से बंद शंभू बॉर्डर को खोलने के लिए सुप्रीम कोर्ट एवं पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट वासु रंजन शांडिल्य ने हरियाणा के ऊर्जा, परिवहन एवं श्रम मंत्री अनिल विज से उनके निवास स्थान पर मुलाकात की और शंभू बॉर्डर खोलने की मांग की। एडवोकेट वासु रंजन ने अनिल विज को बताया कि शंभू बॉर्डर बंद होने के कारण आम जनता को भारी नुकसान हो रहा है और अंबाला के व्यापारियों की दिवाली भी बॉर्डर बंद होने के कारण इस बार फीकी रही। वासु रंजन शांडिल्य ने अनिल विज को बताया कि उन्होंने इस बारे पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी इसके बाद हाईकोर्ट ने बॉर्डर खोलने के आदेश दिए थे पर हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट के आदेशों को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंस किया और सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में जस्टिस नवाब सिंह के नेतृत्व में कमेटी का गठन किया था जो किसानों और सरकार के बीच मध्यस्थ्ता बनाएंगे और बॉर्डर खुलवाएंगे। 

एडवोकेट वासु रंजन शांडिल्य ने अनिल विज को बताया कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में भी शंभू बॉर्डर खोलने के लिए बहस की थी और सुप्रीम कोर्ट को यह भी कहा था कि कोई भी संगठन किसी भी कीमत पर नेशनल हाईवे को जाम न करे इसको लेकर गाईड लाइन बननी चाहिए। एडवोकेट वासु रंजन ने अनिल विज से मांग की कि जो कमेटी का गठन सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के पूर्व न्यायधीश के नेतृत्व में किया है उसके साथ मिलकर सुप्रीम कोर्ट की अगली तारीख से पहले सरकार को यह बॉर्डर खोलने के आदेश देने चाहिए। एडवोकेट वासु रंजन शांडिल्य ने अनिल विज से कहा कि वह इस बारे मुख्यमंत्री नायब सैनी से बातचीत कर अंबाला के लोगों को बचाने का काम करें क्योंकि बॉर्डर बंद होने के कारण अंबाला की अर्थव्यवस्था का भारी नुकसान हुआ है वहीं एडवोकेट वासु रंजन शांडिल्य ने कहा कि इस बारे वह सुप्रीम कोर्ट द्वारा शंभू बॉर्डर खुलवाने को लेकर बनाई गई कमेटी के चेरयमैन जस्टिस नवाब सिंह को मिलेंगे और अंबाला में आ रही दिक्कतों की रिपोर्ट उन्हें सौंपेंगे।