आरोपियों पर कार्यवाही से भड़की ममता बैठी धरने पर सरकारी दफ्तरों में की तोड़ फोड़
तीसरी बार मुख्यमंत्री बनी ममता बेनर्जी बारम्बार यह भूल जाती हैं की वह सत्ता पक्ष का प्रतिनिधित्व करतीं हैं न की विपक्ष का। अपने ही राज्य में सरकारी अजेंसियों द्वारा किए जा रहे कार्यों में व्यवधान उतपान करना और गाहे -ब – गाहे संबन्धित दफ्तरों में धरना प्रदर्शन इत्यादि करने से वह केंद्र से नहीं टकरा रहीं अपितु अपनी ही एक समझदार मुख्यमंत्री की छवि को धूमिल कर रहीं हैं। बंगाल के नारदा केस में एक बार फिर CBI ने जांच तेज कर दी है। जांच एजेंसी ने सोमवार को कई जगह छापे मारे। इसके बाद ममता सरकार में मंत्री फिरहाद हाकिम, सुब्रत मुखर्जी, विधायक मदन मित्रा और पूर्व मेयर शोवन चटर्जी से पूछताछ शुरू की। पूछताछ के बाद सभी को अरेस्ट कर लिया गया। अब इन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा। CBI कोर्ट से इन चारों नेताओं की कस्टडी मांगेगी।
सीबीआई ने आज (17 मई 2021) नारदा स्कैम में चार नेताओं को गिरफ्तार किया है। इनमें शामिल फिरहाद हाकिम और सुब्रत चटर्जी मौजूदा ममता बनर्जी सरकार के मंत्री हैं। मदन मित्रा सत्ताधारी तृणमूल कॉन्ग्रेस के विधायक हैं, जबकि सोवन चटर्जी कोलकाता के मेयर रह चुके हैं। विधानसभा चुनाव परिणामों के बाद राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने सीबीआई को इनके खिलाफ नारदा स्टिंग ऑपरेशन मामले में अभियुक्त बनाने की अनुमति दी थी। यह गिरफ़्तारी तब हुई है जब चुनावों के बाद राज्य में हो रही भीषण हिंसा के बीच यह अनुमान लगाया जा रहा था कि राज्यपाल द्वारा दी गई अनुमति का क्या होगा। इन गिरफ्तारियों के साथ ही केंद्र और राज्य सरकार के बीच सम्बंधों में एक नए अध्याय की शुरुआत हो गई है। दलों के रूप में भाजपा और तृणमूल कान्ग्रेस के बीच सम्बंध चाहे जैसे रहे हों पर पिछले पाँच वर्षों में ममता सरकार और केंद्र सरकार के बीच सम्बंध अच्छे नहीं रहे हैं। यदि हाल के इतिहास को खँगाला जाए तो दोनों सरकारों के सम्बंध पिछले विधानसभा चुनावों तक इस तरह नहीं बिगड़े थे।
नयी दिल्ली/कोलकत्ता:
नारदा केस में गिरफ्तारियों के बाद पश्चिम बंगाल में नया राजनीतिक ड्रामा शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद कोलकाता के निजाम पैलेस स्थित सीबीआई कार्यालय के बाहर बैठी हुई हैं। सत्ताधारी तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) के कार्यकर्ताओं ने जाँच एजेंसी के दफ्तर पर पत्थरबाजी की। बैरिकेड तोड़कर भीतर दाखिल होने की कोशिश की।
सोमवार (17 मई 2021) की सुबह सीबीआई को ममता सरकार के मंत्री फिरहाद हाकिम, सुब्रत मुखर्जी, विधायक मदन मित्रा और पूर्व मेयर सोवन चटर्जी को पूछताछ के लिए अपने दफ्तर ले गई। बाद में इन्हें गिरफ्तार कर लिया। इनको ले जाने की खबर आते ही ममता बनर्जी भी सीधे CBI दफ्तर पहुँच गईं। उन्होंने अपनी गिरफ्तारी की चुनौती भी एजेंसी को दी है। टीएमसी ने सीबीआई पर बदले के तहत कार्रवाई करने का आरोप लगाया है।
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने सीबीआई दफ्तर के बाहर आगजनी और पथराव के बावजूद पुलिस के मूकदर्शक बने रहने पर नाराजगी जताई है। उल्लेखनीय है कि गिरफ्तार नेता घोटाले के वक्त ममता सरकार में मंत्री थे और इनके खिलाफ कार्रवाई को लेकर धनखड़ पहले ही CBI को अनुमति दे चुके हैं।
इस पहले मुख्य सूचना आयुक्त आरसी जोशी ने बताया था कि सीबीआई ने इस मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर 16 अप्रैल 2017 को मामला दर्ज किया था। अब इस मामले में फिरहाद हाकिम, सुब्रत मुखर्जी, मदन मित्रा और सोवन चटर्जी को गिरफ्तार किया है। ये सभी उस समय बंगाल सरकार में मंत्री थे। कोलकाता के निज़ाम पैलेस स्थित CBI दफ्तर में इन चारों से पूछताछ की जा रही है।
गौरतलब है कि बंगाल में साल 2016 के विधानसभा चुनाव से पहले नारदा स्टिंग टेप सार्वजनिक हुए था। स्टिंग ऑपरेशन कथित तौर पर नारदा न्यूज पोर्टल के मैथ्यू सैमुअल ने किया था। इन स्टिंग्स में टीएमसी नेताओं को कथित तौर पर कंपनी के प्रतिनिधियों से रुपए लेते हुए देखा गया था। स्टिंग्स सामने आने के बाद राज्य में खूब बवाल मचा, जिसके बाद यह मामला हाई कोर्ट पहुँचा था। इसके बाद मामले की जाँच सीबीआई को सौंप दी गई थी। मैथ्यू सैमुअल सीबीआई द्वारा टीएमसी नेताओं की गिरफ्तारी का स्वागत किया है। साथ ही तत्कालीन मंत्री और वर्तमान में बीजेपी विधायक दल के नेता शुभेंदु अधिकारी की गिरफ्तार नहीं होने पर सवाल भी उठाया है।