आपातकाल के “खलनायकों’’ का पता लगा कर सजा देना जरूरी है : ए सूर्य प्रकाश

आपातकाल के दंश को झेल चुके राष्ट्र की आज की युवा पीढ़ी को तो भान भी नहीं की आपातकाल था क्या और उस समय देश की जनता को किन हालातों से गुजरना पड़ा?आज के दौर की आपातकाल से तुलना करने वाले काँग्रेस और विपक्ष के प्रबुद्ध नेताओं को यदि उस दौर की 48 घंटे की भी झलकी दे दी जाये तो वह इस मुद्दे को अपनी प्रताड़नाओं को संयुक्त राष्ट्र तक ले जाएँ। और चुनावों की मांग तक कर डालें। किसी को कष्ट दे कर खुश होना और स्वयं वह वेदना झेलना इन दोनों में अंतर है। आज जब विपक्ष आपातकाल की बात करता है तो मात्र इसीलिए कि वह यव पीढ़ी को बरग्ला सके और विधवाविलाप कर सके। आपातकाल को याद करना बहुत ज़रूरी है। भारतीय लोकतन्त्र के पटल पर वह वो काला अध्याय है जिसकी कभी पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए।

नई दिल्ली: प्रसार भारती के प्रमुख ए सूर्य प्रकाश ने सोमवार को कहा कि देश में लोकतंत्र को सुरक्षित करने के लिये आपातकाल के “खलनायकों’’ का पता लगा कर सजा देना जरूरी है. “आपातकाल : भारतीय लोकतंत्र की स्याह घड़ी” पर चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि भारत आपातकाल के दौरान कई महीनों तक “फासीवादी शासन’’ के तहत आ गया था. सूर्य प्रकाश ने कहा, “आपातकाल के खलनायकों ने हमारे संविधान और लोकतांत्रिक जीवन शैली को तबाह किया. मेरे विचार से हमें उनका पता लगाना चाहिए. नाजीवादी 60-70 सालों के बाद अब भी मौजूद हैं. हमें उन्हें यूं ही नहीं छोड़ देना चाहिए.” 

उन्होंने नवीन चावला की ओर इशारा करते हुए कहा, “हमें उनका पता लगा कर उन्हें सजा देनी चाहिए. डॉ. मनमोहन सिंह को इस बात का जवाब देना चाहिए कि शाह आयोग द्वारा तानाशाह बताए गए व्यक्ति को चुनाव आयुक्त क्यों बनाया गया. किसके निर्देश पर उन्होंने यह किया.” प्रकाश ने कहा, “अगर हम अपने लोकतंत्र को सुरक्षित रखना चाहते हैं तो आपातकाल के खलनायकों एवं उनके आकाओं को सबक सिखाना होगा.” उन्होंने श्रोताओं में से एक के विचार का भी समर्थन किया जिसने आपातकाल के पीड़ितों के नाम एक स्मारक बनाए जाने की राय दी.

Chandigarh will soon adopt “The Punjab Protection of Medical Services Persons” Act 2008

“The Punjab Protection of Medical Services Persons and Medicare Services Institutions (Preventions of Violence and Damage of Property)” Act 2008- Adoption in U.T. Chandigarh

Purnoor, Chandigarh, 24th June 2019:  

The meeting was held under the chairmanship of Sh.V.P. Singh Badnore Hon’ble Governor of Punjab cum Administrator, U.T. Chandigarh with the President & representatives of the Indian Medical Association, Chandigarh Chapter in the presence of Principal Secretary Home cum Health Secretary, Director General of Police and Director Health Services, U.T. Chandigarh.

The following recommendations were accepted:-
The Punjab Protection of Medical Services Persons and Medicare Services Institutions (Preventions of Violence and Damage of Property)” Act 2008 will be recommended to the Ministry of Home, Govt. of India for its approval and applicability in U.T. Chandigarh as such.

The Govt. of Punjab will be asked to examine the feasibility for enhancement of punishment under the above act from 1 to 3 years.

The Chandigarh Administration will issue the instructions to the Director General of Police for sensitizing the police stations to seek the clarification from the Medical Board in case of alleged negligence if any by the patient/ relatives before registering the FIR in the light of the instructions issued by the Supreme Court of India.

राहुल जी, यही नव भारत है, जहां कुत्ते भी आपसे अधिक बुद्धिमान हैं : परेश रावल

लोक सभा च्नावोन में मिली करारी हार से राहुल का उबरना कठिन लग रहा है। वह आए दिन अपने अंदाज़ से भारत की लोक तांत्रिक व्यवस्था का मज़ाक दाते दिखाई पड़ते हैं ओर फिर न्के नेता उनके बचाव में आ जाते हैं, लेकिन रहल हैं के मानते ही नहीं।

नई दिल्ली: राहुल गांधी का योग दिवस पर किए गए तंज पर विवाद बढ़ता जा रहा है. योग दिवस के मौके पर राहुल गांधी ने सेना के जवानों और कुत्तों के जरिए योग करते हुए तस्वीरें ट्वीट की थी. इस पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. इस तस्वीर में जवानों के साथ सेना के कुत्ते भी योग करते नजर आ रहे हैं. इस पर राहुल गांधी ने तंज कसा था.

इसके बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि सेना का अपमान करना कांग्रेस की परंपरा रही है. कांग्रेस का हाथ नकारात्मकता के साथ. उनके अलावा केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी राहुल गांधी के बयान पर निराशा जताते हुए कहा, भगवान उन्हें सदबुद्धि दे.

Congress stands for negativity.
Today, their negativity was seen in their clear support to the medieval practice of Triple Talaq. Now, they mock Yoga Day and insult our forces (yet again!) Hoping the spirit of positivity will prevail. It can help overcome toughest challenges. https://twitter.com/rahulgandhi/status/1142019983485988864 …Rahul Gandhi✔@RahulGandhiNew India.21.5K6:39 PM – Jun 21, 2019Twitter Ads info and privacy7,346 people are talking about this

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर सबसे तीखा हमला बीजेपी के पूर्व सांसद और फिल्म अभिनेता परेश रावल ने किया. उन्होंने कहा, हां राहुल गांधी जी ये न्यू इंडिया है. यहां पर कुत्ते आपसे ज्यादा स्मार्ट हैं.

Yes it’s a NEW INDIA Rahul ji where even dogs are smarter than you . @RahulGandhi27K4:42 PM – Jun 21, 2019Twitter Ads info and privacy8,038 people are talking about this

योग दिवस पर पूरी दुनिया समेत देश के ज्यादातर हिस्सों में योगा दिवस पर कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड के रांची में योग कार्यक्रम में हिस्सा लिया था. खुद कांग्रेस शासित कई राज्यों में योग दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किए गए थे.

एक और ख़बर जो ख़बर न बन सकी

1951 में कांग्रेस सरकार ने “हिंदू धर्म दान एक्ट” पास किया था। इस एक्ट के जरिए कांग्रेस ने राज्यों को अधिकार दे दिया कि वो किसी भी मंदिर को सरकार के अधीन कर सकते हैं।
इस एक्ट के बनने के बाद से आंध्र प्रदेश सरकार नें लगभग 34,000 मंदिर को अपने अधीन ले लिया था। कर्नाटक, महाराष्ट्र, ओडिशा, तमिलनाडु ने भी मंदिरों को अपने अधीन कर दिया था। इसके बाद शुरू हुआ मंदिरों के चढ़ावे में भ्रष्टाचार का खेल। उदाहरण के लिए तिरुपति बालाजी मंदिर की सालाना कमाई लगभग 3500 करोड़ रूपए है। मंदिर में रोज बैंक से दो गाड़ियां आती हैं और मंदिर को मिले चढ़ावे की रकम को ले जाती हैं। इतना फंड मिलने के बाद भी तिरुपति मंदिर को सिर्फ 7 % फंड वापस मिलता है, रखरखाव के लिए।

आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री YSR रेड्डी ने तिरुपति की 7 पहाड़ियों में से 5 को सरकार को देने का आदेश दिया था। इन पहाड़ियों पर चर्च का निर्माण किया जाना था। मंदिर को मिलने वाली चढ़ावे की रकम में से 80 % “गैर हिंदू” कामों के लिए किया जाता है।

तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक हर राज्य़ में यही हो रहा है। मंदिर से मिलने वाली रकम का इस्तेमाल मस्जिदों और चर्चों के निर्माण में किया जा रहा है। मंदिरों के फंड में भ्रष्टाचार का आलम ये है कि कर्नाटक के 2 लाख मंदिरों में लगभग 50,000 मंदिर रखरखाव के अभाव के कारण बंद हो गए हैं।
दुनिया के किसी भी लोकतंत्रिक देश में धार्मिक संस्थानों को सरकारों द्वारा कंट्रोल नहीं किया जाता है, ताकि लोगों की धार्मिक आजादी का हनन न होने पाए। लेकिन भारत में ऐसा हो रहा है। सरकारों ने मंदिरों को अपने कब्जे में इसलिए किया क्योंकि उन्हे पता है कि मंदिरों के चढ़ावे से सरकार को काफी फायदा हो सकता है।

लेकिन, सिर्फ मंदिरों को ही कब्जे में लिया जा रहा है। मस्जिदों और चर्च पर सरकार का कंट्रोल नहीं है। इतना ही नहीं, मंदिरों से मिलने वाले फंड का इस्तेमाल मस्जिद और चर्च के लिए किया जा रहा है।

इन सबका कारण अगर खोजे तो 1951 में पास किया हुआ कॉंग्रेस का वो बिल है। हिन्दू मंदिर एक्ट की पुरजोर मांग करनी चाहिए जिससे हिन्दुओ के मंदिरों का प्रबंध हिन्दू करे ।गुरुद्वारा एक्ट की तर्ज पर हिन्दू मंदिर एक्ट बनाया जाए।

राजीव कुमार सैनी,
एडवोकेट हाई कोर्ट इलाहाबाद
स्वयंसेवक
संयोजक , भाजपा विधि प्रकोष्ठ, हाई कोर्ट इलाहाबाद इकाई, प्रयागराज

टीएमसी के एक विधायक और 12 पार्षदों ने थामा कमल

ममता की मुश्किलें थमने का नाम ही नहीं ले रहीं अभी डाक्टरों की हड़ताल थमी भी नहीं थी कि टीएमसी के एक विधायक और 12 पार्षद भी अपने समर्थकों सहित भाजपा में शामिल हो गए।

कोलकाता: लोकसभा चुनावों के बाद बीजेपी पश्चिम बंगाल की राजनीति में तेजी से अपने पैर फैलाने की कोशिश कर रही है. लोकसभा चुनावों में उसने ममता बनर्जी की तमाम कोशिशों के बाद भी शानदार प्रदर्शन किया. उसके बाद राज्य में बीजेपी और टीएमसी लगातार आमने सामने हैं. टीएमसी नेताओं का बीजेपी में आना लगातार जारी है. सोमवार को बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को तब और तगड़ा झटका लगा जब उनके एक विधायक ने बीजेपी का दामन थाम लिया. इसके साथ ही 12 पार्षद भी बीजेपी से जुड़ गए.

नौपारा से तृणमूल के विधायक सुनील सिंह सोमवार को बीजेपी में शामिल हो गए. उनके साथ 12 काउंसिलिर भी बीजेपी के पाले में आ गए हैं. इस कार्यक्रम में बंगाल बीजेपी प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय, मुकुल रॉय, बीजेपी सांसद दिलीप घोष मौजूद थे. इससे पहले ममता बनर्जी को तब झटका लगा था जब दार्जिलिंग नगर निगम में करीब डेढ़ दर्जन पार्षद पाला बदलकर बीजेपी में शामिल हो गए थे. इसके बाद निगम मे बीजेपी की सरकार बन गई थी.

इससे पहले निकाय चुनाव में भाटपारा में नगर पालिका में बीजेपी ने अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की थी. लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 42 में से 18 सीटों पर जीत हासिल की थी. 2014 के चुनावों में बीजेपी के पास सिर्फ 2 सांसद थे. पश्चिम बंगाल में दो साल बाद यानी 2021 में विधानसभा चुनाव हैं. ऐसे में तृणमूल कांग्रेस के पास अपनी सत्ता बचाने की चुनौती है.

ममता बनर्जी ने 2011 में वामदलों के 30 साल के शासन को खत्म कर पश्चिम बंगाल की सत्ता पर कब्जा जमाया था. इसके बाद 2016 में वह राज्य की सत्ता पर फिर से जीतकर आई थीं. लेकिन बीजेपी के उभार के साथ ही उनकी जमीन सिकुड़ने लगी. ममता बनर्जी के कई बड़े नेता बीजेपी के साथ जुड़ चुके हैं. ऐसे में आने वाले चुनावों में बंगाल में एक दिलचस्प राजनीतिक लड़ाई देखने को मिल सकती है.

7 दिनों के बाद डाक्टरों की हड़ताल समाप्त होगी

जिस समस्या को 5 मिनट में सुलझाया जा साता था उसे एक महिला के दंभ ने 7 दिनों तक लटकाया ओर न सिर्फ लटकाया बल्कि एक अस्पताल के मुद्दे को राष्ट्रव्यापी त्रासदी बना दिया। आज भी ममता ने वही कुछ किया जिसकी एक सुलझे हुए राजनेता और एक राज्य के मुख्यमंत्री द्वारा आपेक्षित होती है। डाक्टरों ने हड़ताल खत्म करने की बात की है। उनका कहना है की जो भी आश्वासन ममता ने दिये हैं वह लिखित रूप में उन्हे मिल जाएँ तभी वह हड़ताल समाप्ती की औपचारिक घोषणा कर देंगे।

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों की सोमवार को प्रस्तावित बैठक खत्म हो गई है. बैठक में ममता बनर्जी ने निर्णय लिया है कि पश्चिम बंगाल के सभी अस्पतालों में नोडल ऑफिसर तैनात किए जाएंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि वह हड़ताल खत्म होते ही घायल डॉक्टर से मिलने जाएंगी. वहीं, रेजिडेंट डॉक्टरों ने कहा कि वह ममता बनर्जी के वादों से संतुष्ट हैं.

इससे पहले मुख्यमंत्री के साथ बैठक में जूनियर डॉक्टरों के ज्वाइंट फोरम ने कहा था कि काम करते हुए हमें डर लगता है. फोरम ने कहा था कि एनआरएस के डॉक्टरों से मारपीट करने वालों को ऐसी सजा दी जाए, जो दूसरों के लिए उदाहरण हो. वहीं, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने डॉक्टरों से कहा था कि इस मामले में हमने पर्याप्त कदम उठाए हैं. एनआरएस अस्पताल में हुई घटना में कथित तौर पर लिप्त पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. 

सीएम ममता बनर्जी ने आंदोलनरत जूनियर डॉक्टरों के साथ बैठक में कहा था कि राज्य सरकार ने किसी भी डॉक्टर के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया है. बता दें ममता बनर्जी ने प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों के साथ सोमवार को प्रस्तावित बैठक के सीधे प्रसारण (लाइव कवरेज) के लिए सहमति दे दी थी. हालांकि, केवल दो क्षेत्रीय न्यूज चैनलों को ही राज्य सचिवालय में बनर्जी और जूनियर डॉक्टरों के बीच हुई बैठक को कवर करने की अनुमति दी गई है. इस बैठक में पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य सचिव, राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य और राज्य के अधिकारी, 31 जूनियर डॉक्टर सीएम ममता बनर्जी के साथ बातचीत कर रहे हैं. 

मुख्यमंत्री ने जूनियर डॉक्टरों के साथ बैठक में उनके प्रस्ताव के मुताबिक पश्चिम बंगाल के सभी अस्पतालों में शिकायत निपटारा इकाइयों के गठन का निर्देश दिया है. बैठक में जूनियर डॉक्टरों ने मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में उन्हें हो रही दिक्कतों से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अवगत कराया. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और आंदोलन कर रहे जूनियर डॉक्टरों के बीच राज्य सचिवालय में बैठक की जा रही है.

ममता झुकी, कैमरे की मौजूदगी में बातचीत को तैयार

हड़ताली डॉक्टरों की जिद के आगे झुकीं CM ममता बनर्जी, कैमरे के सामने शुरू हुई बैठक. समूचे पश्चिम बंगाल के जूनियर डॉक्टर स्थानीय एनआरएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में कार्यरत अपने दो सहकर्मियों पर हुए हमले के विरोध में हड़ताल पर हैं. आरोप है कि दोनों जूनियर डॉक्टरों पर एक मरीज के परिजन ने हमला किया था. उस मरीज की पिछले सप्ताह मौत हो गई थी.

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों के साथ सोमवार को प्रस्तावित बैठक के सीधे प्रसारण (लाइव कवरेज) के लिए सहमति दे दी है. इससे हफ्ते भर से जारी गतिरोध सुलझने का रास्ता साफ हो गया है. पहले राज्य सरकार ने बैठक के सीधे प्रसारण की हड़ताली डॉक्टरों की मांग ठुकरा दी थी. यह बैठक आज ही होनी थी. राज्य सरकार के एक अधिकारी ने बताया, ‘मुख्यमंत्री बैठक के सीधे प्रसारण की मांग पर सहमत हो गई हैं.’ यह बैठक हावड़ा में राज्य सचिवालय से सटे एक सभागार में शुरू हो गई है.

जूनियर डॉक्टरों ने मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में उन्हें हो रही दिक्कतों से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अवगत कराया. समूचे पश्चिम बंगाल के जूनियर डॉक्टर स्थानीय एनआरएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में कार्यरत अपने दो सहकर्मियों पर हुए हमले के विरोध में हड़ताल पर हैं. आरोप है कि दोनों जूनियर डॉक्टरों पर एक मरीज के परिजन ने हमला किया था. उस मरीज की पिछले सप्ताह मौत हो गई थी. पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य सचिव, राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य और राज्य के अधिकारी, 31 जूनियर डॉक्टर बनर्जी के साथ बैठक कर रहे हैं.

इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata banerjee) ने कोलकाता में प्रदर्शनरत जूनियर डॉक्टरों को बातचीत के लिये सोमवार दिन में औपचारिक रूप से आमंत्रित किया था. चिकित्सा शिक्षा विभाग के निदेशक प्रदीप मित्रा ने कहा, ‘नहीं, मीडिया को अंदर आने की इजाजत नहीं होगी. उनके पत्र में ऐसा कोई जिक्र नहीं किया गया है.’ 

प्रदर्शनरत डॉक्टरों को आज सुबह आमंत्रण भेजा गया है. हालांकि डॉक्टरों ने कहा कि बैठक के संबंध में उन्हें ऐसा कोई आमंत्रण नहीं मिला है.

डॉक्टरों के संयुक्त मोर्चे के प्रवक्ता ने पत्रकारों से कहा, ‘सचिवालय पर दिन में बैठक के संबंध में हमलोगों को ऐसा कोई आमंत्रण नहीं मिला है. यह भ्रम पैदा करने की चाल है और हमने स्पष्ट तौर पर कहा है कि बैठक मीडिया की मौजूदगी में ही होगी.’ उन्होंने कहा कि आम जनता को यह जानने का हक है कि बैठक में क्या चर्चा हुई क्योंकि वही सबसे अधिक नुकसान उठा रही है.

आज डाकटरों की देशव्यापी हड़ताल

ममता की भड़काई आग में सारे देश के जूनियर डाक्टर हड़ताल पर हैं। अभी तक कहीं कहीं सांकेतिक हड़ताल चल रही थी परंतु आज यानि 17 जून को आईएमए और दूसरे संगठनों ने देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। जो बात सिर्फ एक आश्वासन से दूर की जा सकती थी उसे पहले ममता ने सांप्रदायिक रंग दिया, फिर क्षेत्रीय मामला बनाया, धमकाया, इस्तीफे – निलंबन और तत्पश्चात अपनी सुरक्षा से भी जोड़ दिया। सब कुछ किया बस वही नहीं किया जो अति साधारण और अति आवश्यक था।

नई दिल्लीः पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के साथ हुए व्यवहार के बाद हड़ताल का असर पूरे देश में देखने को मिल रहा है. आज राजधानी दिल्ली में सफदरजंग, लेडी हार्डिंग, आरएमएल, जी टीबी, डॉ बाबासाहेब अंबेडकर, संजय गांधी मेमोरियल, दिन दयाल उपाध्याय अस्पताल के डॉक्टर हड़ताल पर रहेंगे. डॉक्टरों के हड़ताल पर रहने के कारण दिल्ली के सभी सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं और रूटीन ऑपरेशन प्रभावित होंगे. 

इमरजेंसी सेवाएं जारी रहेंगी

इन अस्पतालों में करीब 14,500 रेजिडेंट डॉक्टरों के हड़ताल पर रहने से ओपीडी प्रभावित रहेंगी. वहीं ऑपरेशन थियेटर बंद रहने की वजह से पहले से निर्धारित ऑपरेशन नहीं हो पाएंगे. हालांकि ओपीडी में वरिष्ठ डॉक्टर मौजूद रहेंगे. रेजिडेंट डॉक्टरों का कहना है कि इमरजेंसी में रेजिडेंट डॉक्टर ड्यूटी पर मौजूद रहेंगे. ताकि गंभीर मरीजों का इलाज प्रभावित न होने पाए. आइएमए की घोषणा के मद्देनजर दिल्ली के निजी अस्पतालों में भी ओपीडी सेवा प्रभावित होने की आशंका है. इससे हजारों मरीजों का इलाज प्रभावित होगा.

इन अस्पतालों में जाने से बचें

सफदरजंग, आरएमएल, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, लोकनायक, जीबी पंत, जीटीबी, डीडीयू, संजय गांधी स्मारक अस्पताल, आंबेडकर अस्पताल, गुरु गो¨वद सिंह अस्पताल, हइबास, हिंदू राव, भगवान महावीर अस्पताल, चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय, रेलवे अस्पताल व महर्षि वाल्मीकि अस्पताल, एलबीएस. एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने अपना फैसला बदल लिया है और दोपहर 12 बजे से हड़ताल में शामिल होने के एलान किया है. इससे कार्डियक सेंटर व न्यूरो सेंटर में दोपहर दो बजे से होने वाली ओपीडी प्रभावित होगी.

दिल्ली के इन अस्पतालों के लिए जारी किया गया नंबर

यहां पहुंचने वाले मरीज़ हड़ताल से  अस्पताल में कौन-कौन सी स्वास्थ्य सेवाएं बाधित हुई है उसकी जानकारी हासिल कर सकते हैं..
1. सफदरजंग  :- 26165060, 26165032, 26168336
2. लेडी हार्डिंग :- 011 2336 3728
3. आरएमएल :-91-11-23404040
4. जी टीबी  :- 011 2258 6262
5. डॉ बाबासाहेब अंबेडकर:- 0120 245 0254
6. संजय गांधी मेमोरियल :-011 2792 2843 / 011 2791 5990
7.दिन दयाल उपाध्याय : 011 2549 4402

हड़ताली डाक्टरों की मांग माफी से कम कुछ भी नहीं

कोलकाताः इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन का आज दूसरा दिन है. पहले दिन की हड़ताल के बाद पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने राज्य सचिवालय मेंचर्चा के लिए जूनियर डॉक्टरों को आमंत्रित किया जिसे उन्होंने ठुकरा दिया. जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि डॉक्टरों के साथ चर्चा करने के लिए ममता बनर्जी को NRS आना होगा, वे नहीं जाएंगे.

500 डॉक्टरों ने दिया इस्तीफा
आईएमए ने अस्पतालों में डॉक्टरों के खिलाफ होने वाले हिंसा की जांच के लिए कानून बनाने की मांग की है. संगठन का कहना है कि इसका उल्लंघन करने वालों को न्यूनतम सात साल जेल की सजा का प्रावधान होना चाहिए. वहीं, बंगाल में अब तक 500 डॉक्टर इस्तीफा दे चुके हैं, जिसमें कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल के 175 डॉक्टरों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा दिया है.

ममता बनर्जी के सामने रखी है यह 6 शर्ते
जूनियर डॉक्टरों के जॉइंट फोरम के प्रवक्ता डॉ.अरिंदम दत्ता ने हड़ताल वापस लेने के लिए सीएम बनर्जी के सामने छह शर्तें रखी हैं।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को डॉक्टरों को लेकर दिए गए बयान पर बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए
डॉक्टरों पर हुए हमले की निंदा करते हुए एक बयान जारी करना चाहिए
पुलिस की निष्क्रियता की जांच होनी चाहिए
डॉक्टरों पर हमला करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए
जूनियर डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों पर लगाए गए झूठे आरोपों को वापस लिया जाना चाहिए
अस्पतालों में सशस्त्र पुलिसकर्मियों की तैनाती की जानी चाहिए.

टीएमसी नेताओं के बच्चे डाक्टरों की हड़ताल के समर्थक

नई दिल्‍ली : पश्चिम बंगाल के कोलकाता में एक अस्‍पताल में तीमारदारों की ओर से डॉक्‍टरों संग की गई मारपीट के बाद शुरू हुई डॉक्‍टरों की हड़ताल पूरे देश में फैल गई है. देश के सबसे बड़े सरकारी अस्‍पताल एम्‍स के भी रेजीडेंट डॉक्‍टर भी इसमें शामिल हो गए हैं. डॉक्‍टरों की इस हड़ताल में कोलकाता के मेयर और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता फरहाद हकीम की डॉक्‍टर बेटी भी शामिल हो गई है. उनकी बेटी शबा हकीम ने गुरुवार को डॉक्‍टरों की हड़ताल का समर्थन किया है. इसके साथ ही उन्‍होंने फेसबुक में एक पोस्‍ट लिखा. उसमें उन्‍होंने साफतौर पर कहा है कि मैं टीएमसी समर्थक हूं लेकिन इस मामले में नेताओं के ढुलमुल रवैया और उनकी ओर से साधी गई चुप्‍पी पर मैं शर्मिंदा हूं.

app-facebookShabba Hakimon Wednesday

For those who do not know Doctors in government and most private hospitals are boycotting OPD but are still working in emergency. Unlike other professions we can’t just decide not to work because at the end of the day we have humanity. 
If there was a bus or taxi strike not one taxi driver or bus driver would provide you with any service no matter how dire the situation. 
For those saying “Ono Rugider ki dosh?” Please question the government as in why the police officers post…See more

शबा हकीम ने कोलकाता के केपीसी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल से डॉक्‍टरी की पढ़ाई की है. शबा हकीम ने सोशल मीडिया में पोस्‍ट करते हुए डॉक्‍टरों को पश्चिम बंगाल में काम के समय अस्‍पताल में सुरक्षा उपलब्‍ध कराने की मांग की. बात दें कि इसके बाद शुक्रवार को ही खुद ममता बनर्जी के भतीजे आबेश बनर्जी भी डॉक्‍टरों की इस हड़ताल में शामिल हुए हैं. कोलकाता के केपीसी मेडिकल कॉलेज और अस्‍पताल में पढ़ने वाले आबेश बनर्जी ने डॉक्‍टरों की हड़ताल का समर्थन किया है और इस हड़ताल में शामिल हो गए हैं. 

पश्‍चिम बंगाल में मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी के अल्‍टीमेटम के बाद डॉक्‍टरों की हड़ताल ने तूल पकड़ लिया है. इसी के चलते शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के 16 और डॉक्‍टरों ने अपना इस्‍तीफा दे दिया है. ये सभी डॉक्‍टर कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में कार्यरत हैं.

डॉक्‍टरों की सुरक्षा की मांग और पश्चिम बंगाल की घटना के विरोध में डॉक्‍टरों का प्रतिनिधिमंडल ने आज स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से मुलाकात की है. डॉक्‍टरों के प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाकात से पहले स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने डॉक्‍टरों से सांकेतिक हड़ताल कर मरीजों का इलाज जारी रखने की अपील की. उन्‍होंने कहा कि मैं सभी डॉक्‍टरों को आश्‍वस्‍त करना चाहता हूं कि सरकार उनकी सुरक्षा को लेकर गंभीर है. 

Dr Dev D@neo_natal

Dr Abesh Banerjee, nephew of Mamata Banerjee at KPC hospital Kolkata!!#SaveTheDoctors https://twitter.com/Jb21bh/status/1139209543928258560 …

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#Jayanta Bhattacharya@Jb21bhAbesh Bannerjee, son of @MamataOfficial’s brother Kartik Bannerjee was leading the protest of the doctors of KPC College and Hospital.#BengalBurning,@trunilss,@prettypadmaja,#IndiaFirst, #TeamIndiaFirst510:09 PM – Jun 13, 2019Twitter Ads info and privacySee Dr Dev D’s other Tweets

 
स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने यह भी कहा कि मैं पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी से अनुरोध करता हूं कि इस मामले को अपने सम्‍मान का मुद्दा न बनाएं. उन्‍होंने डॉक्‍टरों को कल अल्‍टीमेटम दिया था, इसीलिए डॉक्‍टर नाराज हो गए और उन्‍होंने हड़ताल कर दी. आज मैं इस मामले में ममता बनर्जी जी को लिखूंगा. साथ ही उनसे बात करने की भी कोशिश करूंगा.