मेनका गाँधी को ₹100 करोड़ की मानहानि का नोटिस

इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष और प्रवक्ता राधारमण दास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा कि आज हमने इस्कॉन के खिलाफ पूरी तरह से निराधार आरोप लगाने के लिए मेनका गांधी को 100 करोड़ रुपये का मानहानि नोटिस भेजा है। उन्होंने आगे कहा कि इस्कॉन के भक्तों, समर्थकों और शुभचिंतकों का विश्वव्यापी समुदाय इन अपमानजनक, निंदनीय और दुर्भावनापूर्ण आरोपों से बहुत दुखी है।

भगवान कृष्ण गायों के हितैषी और रक्षक हैं
  1. भाजपा सांसद मेनका गांधी को ISKCON ने भेजा 100 करोड़ रुपये का मानहानि नोटिस
  2. मेनका गांधी ने ISKCON पर लगाए थे कई गंभीर आरोप
  3. ISKCON ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को किया खारिज
  4. “सनातन धर्म विरोधी पार्टियों में जल्दी प्रवेश पाने के लिए सनातनी संगठन को निशाना बनाना एक फैशन बन गया है। हम उन्हें इस्कॉन को उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के लिए एक सीढ़ी के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं देंगे।” : राधा रमण दास
  5. सूत्र कि माने तो यह दल बद्लने कि एक चाल है

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकुला – 29 सितम्बर :

मेनका गांधी के इस्कॉन के खिलाफ दिए बयान को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री की परेशानी बढ़ सकती है। इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने कहा है कि वह मेनका गांधी के खिलाफ सौ करोड़ रुपये का मानहानि का दावा करेंगे। इस संबंध में मेनका गांधी को नोटिस जारी कर दिया गया है। दास ने कहा कि कोई सांसद बिना किसी तथ्य के ऐसा झूठा आरोप कैसे लगा सकता है? राधारमण दास ने कहा कि ‘मेनका गांधी का बयान बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे दुनियाभर में फैले हमारे अनुयायियों को दुख पहुंचा है। हम मेनका गांधी के खिलाफ 100 करोड़ रुपये का मानहानि का केस कर रहे हैं। हमने उन्हें नोटिस भेजा है। कोई सांसद, जो केंद्रीय मंत्री भी रह चुकी हैं, वह बिना किसी तथ्य के इतनी बड़े वर्ग के खिलाफ झूठ कैसे बोल सकता है।’ 

दरअसल, मेनका गाँधी का एक वीडियो सामने आया था जिसमें वह कह रही हैं, “मैं आपको बता देती हूँ, सबसे बड़े धोखेबाज जो हैं वह है इस्कॉन है। मैं उनके अनंतपुर गौशाला गई, जहाँ एक भी सूखी (बिना बच्चे की और दूध नहीं देने वाली) गाय और बछड़े हमें नहीं मिले। मतलब सब सूखी गायें और बछड़े बूचड़खानों को बेचे गए।”

मेनका गाँधी उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर से सांसद हैं और पशु अधिकारों के लिए आवाज उठाती रहती हैं। धार्मिक संस्था ISKCON ने उनके इन आरोपों को खारिज किया था और एक बयान जारी करके गायों को लेकर किए जाने वाले प्रयासों के बारे में बताया था।

ISKCON कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने इस मामले पर कहा, “मेनका गाँधी द्वारा दिया गया बयान दुर्भाग्यपूर्ण है। विश्व भर में हमारे अनुयायी काफी दुखी हैं। हम 100 करोड़ रुपए की मानहानि का मुकदमा कर रहे हैं। हमने इस विषय में आज नोटिस भेज दिया है। कैसे एक सांसद, जो कभी केन्द्रीय मंत्री थीं, बिना किसी सबूत के एक बड़े संस्थान के विरुद्ध झूठ बोल सकती हैं।”

इससे पहले ISKCON के प्रवक्ता राधा रमण दास ने मेनका गाँधी को चिड़चिड़ी महिला बताया था। उन्होंने मेनका से माफ़ी माँगने को कहा था और माफ़ी ना माँगने की स्थिति में उनके ऊपर मानहानि का मुकदमा दायर करने की बात कही थी। राधा रमण दास ने मेनका गाँधी पर राजनीतिक फायदा लेने के लिए यह बयान देने का आरोप लगाया था।

राधा रमण दास ने लिखा था, “सनातन धर्म विरोधी पार्टियों में जल्दी प्रवेश पाने के लिए सनातनी संगठन को निशाना बनाना एक फैशन बन गया है। हम उन्हें इस्कॉन को उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के लिए एक सीढ़ी के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं देंगे। बीजेपी से अनुरोध है कि उनके खिलाफ कार्रवाई करे। मोहम्मद जुबैर जैसे जिहादियों द्वारा उनका समर्थन करना ही पूरी कहानी बयाँ करता है।”

इस्कॉन ने कहा- पिछले 50 सालों में इस्कॉन दुनियाभर में गाय संरक्षण और शाकाहार में अग्रणी रहा है और कई देशों में गौशालाओं का निर्माण और रखरखाव कर रहा है। भारत में इस्कॉन 60 से ज्यादा गौशालाओं का रखरखाव कर रहा है, जहां सभी गायों, बैलों और बछड़ों की प्यार और देखभाल के साथ सेवा की जाती है।

इनमें से कई गौशालाओं में गाय-बैल को घायल या रोगग्रस्त अवस्था में लाया जाता है, इस्कॉन गौशाला में स्वयंसेवकों और कार्यकर्ताओं की टीम उनकी देखभाल भी करती है। गौसेवा की सनातन प्रथा को पुनर्जीवित करने के लिए भारत भर में गाय की देखभाल और संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए इस्कॉन और इसकी पहल की तारीफ की है।

विपक्षी गठबंधन ने UPA से छुड़ाया पीछा, कोंग्रेस ने 26 दलों के गठबंधन को नाम दिया ‘INDIA’

2024 लोकसभा चुनाव में NDA का मुकाबला विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस) से होगा। बीजेपी को सत्ता से हटाने के लिए कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक हुई, जिसमें गठबंधन को ये नाम दिया गया। अब सवाल ये उठ रहा है कि इस नाम का सुझाव किस नेता ने दिया था। जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने विपक्षी दलों के गठबंधन को इंडिया नाम रखने का सुझाव दिया था। राहुल गांधी ने कहा कि इंडिया के लोग बीजेपी के खिलाफ हैं और वही लोग बीजेपी से लड़ेंगे. इसलिए इंडिया नाम होना चाहिए।

Opposition Meeting: विपक्ष के नए गठबंधन का नाम होगा INDIA, कांग्रेस अध्यक्ष  मल्लिकार्जुन खरगे का ऐलान - opposition parties brainstorm for 2024 india  may be the name of the alliance-mobile
  • यह NDA और INDIA की लड़ाई है- राहुल गांधी
  • भारत की सारी संपत्ति चंद लोगों के हाथ में हैं, जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुना है : राहुल गाँधी
  • अपने 52 वर्षों के करियर में विपक्ष की आवाज इस तरह से दबाए जाते हुए उन्होंने कभी नहीं देखा, मीडिया पर भि पीएम मोदी का कब्ज़ा है : खड़गे
  • कुनबा बढ़ रहा है, यह अच्छी बात है- अरविंद केजरीवाल
  • विचारधारा अलग लेकिन हम देश के लिए एकजुट हुए- उद्धव ठाकरे

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़/ बेंगलुरु – 18 जुलाई :

 विपक्षी दलों ने बीजेपी के नेतृ्त्व वाली एनडीए से मुकाबला करने के लिए 26 दलों के अपने गठबंधन का नाम इंडिया रखा है। बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने संवाददाता सम्मेलन में ऐलान किया कि हमारे गठबंधन का नाम ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस (INDIA)’ होगा।  हालांकि इस बीच खबर है कि यह नाम जेडीयू सुप्रीमो और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पसंद नहीं आया।

सूत्रों के मुताबिक, नीतीश कुमार ने विपक्षी दलों की बैठक में तर्क दिया कि इंडिया शब्द एनडीए की तरह ही साउंड करता है, इसलिए कोई दूसरा नाम सोचना चाहिए। हालांकि बाद में जब राहुल गांधी ने उनको इसके पीछे का मतलब समझाया तब सीएम नीतीश ने अनमने ढंग से इस पर हामी भर दी।

खड़गे ने कहा- भाजपा ने लोकतंत्र की सभी एजेंसियों ED, CBI आदि को नष्ट कर दिया है। हमारे बीच राजनीतिक भेद हैं, लेकिन हम देश को बचाने के लिए साथ आए हैं।

इससे पहले हम पटना में मिले थे, जहां 16 पार्टियां मौजूद थीं। आज की बैठक में 26 पार्टियों ने हिस्सा लिया। यह देखकर NDA 36 पार्टियों के साथ बैठक कर रहे हैं। मुझे नहीं पता वो कौन सी पार्टियां हैं। वे रजिस्टर्ड भी हैं या नहीं?

सारी मीडिया पर मोदी का कब्जा। ऐसा पहले कभी नहीं देखा था कि मीडिया हमारे खिलाफ इतनी शत्रुतापूर्ण है।

आज हम यहां अपने हित के लिए नहीं बल्कि देश को बचाने के लिए एकत्र हुए हैं। हमारा लक्ष्य है कि हम सरकार की नाकामियों को उजाकर करेंगे। मैं खुश हूं कि राहुल, ममता सब सहमत हैं। 2024 में साथ लड़ेंगे और ग्रेट रिजल्ट लाएंगे।

गठबंधन को लीड कौन करेगा, फेस कौन होगा। इस सवाल के जवाब में खड़गे बोले- हम कोऑर्डिनेशन कमेटी बना रहे हैं। मुंबई की बैठक में ये 11 नाम तय होंगे। आगे की जानकारी तभी मिलेगी।

वहीं आआपा(आम आदमी पार्टी) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दावा किया कि युवा, किसान, कारोबारी और उद्योगपति – सभी NDA सरकार से परेशान हैं। उन्होंने दावा किया कि पिछले 9 वर्षों में भाजपा की सरकार ने सभी सभी क्षेत्रों को बर्बाद कर दिया है, सब कुछ सबसे ऊँची बोली लगाने वालों को बेच दिया गया है। वहीं राहुल गाँधी ने कहा कि भारत की सारी संपत्ति चंद लोगों के हाथ में हैं, जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुना है। खड़गे ने मीडिया पर पीएम मोदी का कब्ज़ा होने का दावा करते हुए कहा कि अपने 52 वर्षों के करियर में विपक्ष की आवाज इस तरह से दबाए जाते हुए उन्होंने कभी नहीं देखा।

हरियाणा में पत्रकरों के कल्याण, सुरक्षा और सुविधाओं की हो रही अनदेखी : दीपेंद्र

कोरल ‘पुरनूर’, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, पंचकूला – 04 जुलाई :

पंचकूला,3 जुलाई। राज्यसभा सांसद दीपेंद्र ङ्क्षसह हुड़ा का कहना है कि मीडिया के क्षेत्र में आज काफी बदलाव आ गया है। प्रिंट मीडिया और इलैक्ट्रॉनिक मीडिया के बाद अब सोशल मीडिया भी काफी प्रभावशाली हो गया है। मगर अब बदलते समय के साथ मीडिया के हालात भी काफी बदल गये हैं। अब बड़े बड़े मीडिया हाउस के पत्रकारों को उपरी दबाब के साथ साथ बड़े बड़े कारपोरेटस हाउसेस से आने वाले दबाब का भी सामना करना पड़ता है, जिसके चलते कई बार सत्तारुढ़ दल व प्रशासन के खिलाफ उठने वाली बात भी दबा दी जाती है। आज ज्यादातर पत्रकार न तो खुलकर लिख सकते हैं और न ही बोल पाते हैं।

सांसद दीपेंद्र सिंह हुड़ा यहां वर्किंग जर्नलिस्ट युनियन ऑफ हरियाणा द्वारा आल इंडिया जर्नलिस्ट युनियन के देश भर से आये प्रतिनिधियों के सम्मान में आयोजित रात्रिभोज में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विदेशी अखबारों के साथ साथ स्वदेशी अखबारों के पाठकों की संख्या में भी काफी गिरावट आई है। जबकि सोशल मीडिया पर खबरें जानने वालों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। विभिन्न राज्यों से आये पत्रकार संगठनों के प्रतिनिधियों तथा इंडिया जर्नलिस्ट युनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष व प्रेस कौंसिल आफ इंडिया के सदस्य विनोद कोहली, महासचिव सवा नायकन तथा प्रेस कौंसिल आफ ंइडिया के सदस्य वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश दुबे का हरियाणा आने पर स्वागत करते हुए श्री हुड़ा ने कहा कि तीन दिनों तक चले युनियन के अधिवेशन में अन्य मुद्दों के आलावा अवश्य इस बात पर भी चर्चा हुई होगी कि पत्रकारों की छिन रही आजादी को कैसे बचाया जाए। उन्होंने कहा कि उनके संज्ञान में यह बात लाई गई है कि हरियाणा में किस तरह से छोटे छोटे अखबारों के पत्रकारों को एक्रीडिटेशन तथा समाचारपत्रों को विज्ञापन के लिए अनदेखा किया जा रहा है। इसके आलावा भी प्रदेश में आज पत्रकारों को अनेकों समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की हुड़ा सरकार ने अपने कार्यकाल में पत्रकारों के लिए अनेकों कल्याणकारी सुविधायें शुरु की थीं,मगर अब अगर पत्रकार परेशान हैं तो हम एक मजबूत विपक्ष के नाते पत्रकारों की इस समस्याओं को विधानसभा में उठायेंगे। और अगर सरकार फिर भी नहीं मानी तो सत्ता में वापिस आते ही इन सभी समस्याओं का हल करेंगे।

उनसे से पहले बोलते हुए इंडियन जर्नलिस्ट युनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनोद कोहली ने बताया कि यह पत्रकारों की यह युनियन देश में सबसे बड़ा संगठन है और लगभग हर राज्य में इसकी ईकाईयां हैं अथवा वहां के पत्रकार संगठन इससे संबंद्ध हैं। उन्होंने युनियन द्वारा पत्रकारों के लिए वेज वोर्ड की सिफारिशें लागू करवाने की जानकारी भी दी। साथ ही उन्होंने कहा कि आज की स्थिति यह है कि देश में पत्रकार दबाब में पत्रकारिता करने को मजबूर हैं। सच दिखाने व लिखने की हिम्मत बहुत ही कम दिखाई दे रही है। वर्किंग जर्नलिस्ट युनियन ऑफ हरियाणा के अध्यक्ष अशोक कुमार, उपप्रधान गौतम धीर,महासचिव सारिका तिवारी व कोषाध्यक्ष भरत भंडारी व कार्यकारिणी सदस्य एसके जैन व मेनपाल ने मुख्यातिथि व आये हुए वरिष्ठ मेहमानों को बुके व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।

पश्चिम बंगाल के से किडनैप हुई लड़की का चाइल्डलाइन ने रेस्क्यू किया : डॉ अंजू 

  • बच्चे अपने जीवन का मूल्य समझे : डॉक्टर अंजू बाजपई

सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, यमुनानगर – 29    जून   :

उत्थान संस्थान की ईकाई चाइल्ड लाइन टीम के पास एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग आर्गेनाइजेशन दिल्ली से फोन आया जिसमे उन्होंने बताया गया कि पश्चिम बंगाल की एक लड़की को कोई  लड़का  किडनैप करके यमुनानगर ले आया है।उसके फोन नंबर को ट्रेसिंग पर डाला गया है जिसकी लोकेशन यहां यमुनानगर गांव हरनोली की दिखाई जा रही है।

इस मामले की जानकारी थाना सदर जगाधरी की एसएचओ कुसुम बाला को दी गई जिसके उपरांत एक संयुक्त टीम बनाकर चाइल्डलाइन की डायरेक्टर डॉक्टर अंजू बाजपई की अध्यक्षता मे चाइल्डलाइन टीम बताए पते पर पहुंची। वहां पहुंचकर आस पास के लोगो से पूछताछ की गई मगर कोई भी उनको जानता नही था।सभी ने उन्हें पहचानने से मना कर दिया था।फिर भी कड़ी मसस्कत के बाद हमारी मेहनत रंग लाई और लड़की का पता चल पाया।लड़की वहां पर किराए के मकान में रह रही थी।लड़का वहां मौजूद नही था पूछने पर लड़की ने बताया की वह इस समय काम पर गया हुआ है।लड़की घबराई हुई थी।उसने बताया की हमे यहां आए हुए दो महीने ही गए है।हमने कोर्ट में जाकर शादी की है।लड़का और लड़की के उम्र संबंधित दस्तावेज चैक किए जिसमे लड़की की उम्र साढ़े 17 साल तथा लड़के की उम्र 25 साल पाई गई।

लड़के को सदर जगाधरी एसएचओ कुसुम जी ने अपनी  सुपुर्दगी में लिया और  वहां से तुरंत लड़की को चाइल्डलाइन टीम ने अपनी सुपुर्दगी मे लिया। तुरंत दिल्ली टीम को फोन कर बताया कि लड़की और लड़के  का पता चल गया है उन्होंने बताया की पश्चिम बंगाल की पुलिस टीम एक दो दिन मे वहां पहुंच जाएगी और लड़की और लड़के  को अपने साथ ले जाएगी।लड़की को वहां से रेस्क्यू कर के वन स्टॉप सेंटर भेज दिया गया।आज पश्चिम बंगाल से पुलिस टीम यहां यमुनानगर पहुंची और सदर जगाधरी से लड़के को अपनी सुपुर्दगी मे लिया और चाइल्डलाइन टीम के माध्यम से व सीडब्ल्यूसी की अध्यक्षता मे लड़की को अपनी सुपुर्दगी में लिया।

चाइल्डलाइन की डायरेक्टर डॉक्टर अंजू बाजपई ने बच्चों के भविष्य के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए अपील की है कि जिस उम्र में बच्चे खेल कूद कर अपना सुनहरा बचपन जीते हैं वही बच्चे आगे चलकर अपनी एक छोटी सी गलती से अपने भविष्य को बिगाड़ देते है।बच्चो को समझना चाहिए कि यह उम्र उनकी अपने भविष्य बनाने की है। मौके पर चाइल्डलाइन टीम से स्वाति ,सुमित सोनी  हनी मौजूद रहे।

करोड़ों के शारदा घोटाले का कॉन्ग्रेसी – वामपंथी कनेक्शन – पी चिदंबरम की पत्नी समेत कई लोगों की संपत्ति जब्त

                        सारदा चिटफंड मामले में पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री एवं कांग्रेस नेता पी चिदंबरम की पत्नी नलिनी चिदंबरम, माकपा के पूर्व विधायक देबेंद्रनाथ बिस्वास और असम के पूर्व मंत्री दिवंगत अंजन दत्ता के स्वामित्व में रही एक कंपनी जैसे लाभार्थियों की छह करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां कुर्क की हैं। संघीय एजेंसी ने एक बयान में कहा कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत 3.30 करोड़ रुपये की चल संपत्ति और तीन करोड़ रुपये की अचल संपत्ति कुर्क करने का अस्थायी आदेश जारी किया गया है।

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पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री एवं कांग्रेस नेता पी चिदंबरम की पत्नी नलिनी चिदंबरम, माकपा के पूर्व विधायक देबेंद्रनाथ बिस्वास और असम के पूर्व मंत्री दिवंगत अंजन दत्ता के स्वामित्व में रही एक कंपनी जैसे ‘‘लाभार्थियों” की छह करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां कुर्क की हैं। 

सरिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़/नयी 8दिल्ली – 03 फरवरी :

                        प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को कहा कि उसने सारदा धनशोधन मामले में पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री एवं कांग्रेस नेता पी चिदंबरम की पत्नी नलिनी चिदंबरम, माकपा के पूर्व विधायक देबेंद्रनाथ बिस्वास और असम के पूर्व मंत्री दिवंगत अंजन दत्ता के स्वामित्व में रही एक कंपनी जैसे ‘‘लाभार्थियों” की छह करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां कुर्क की हैं। 

                        संघीय एजेंसी ने एक बयान में कहा कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत 3.30 करोड़ रुपये की चल संपत्ति और तीन करोड़ रुपये की अचल संपत्ति कुर्क करने का अस्थायी आदेश जारी किया गया है। इन संपत्तियों पर सारदा समूह और अन्य लोगों का स्वामित्व था, जो समूह द्वारा सृजित “अपराध की आय” के लाभार्थी थे। इसने कहा कि “लाभार्थियों” में नलिनी चिदंबरम, देवव्रत सरकार (ईस्ट बंगाल क्लब के अधिकारी), देबेंद्रनाथ बिस्वास (पूर्व आईपीएस अधिकारी एवं पूर्व माकपा विधायक) और असम के पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दत्ता के स्वामित्व में रही अनुभूति प्रिंटर एंड पब्लिकेशंस शामिल हैं। 

                        ईडी ने अपने बयान में कहा, ”शारदा मनी लॉन्ड्रिंग मामले में नलिनी चिदंबरम, माकपा के पूर्व विधायक देवेन्द्रनाथ विश्वास और असम के पूर्व मंत्री अंजन दत्ता की कंपनी ‘अनुभूति प्रिंटर और पब्लिकेशन’ जैसे लाभार्थियों के 6 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति जब्त की गई है।”

ईडी ने कहा:

इस समूह की कंपनी ने कुल 2,459 करोड़ रुपए जुटाए थे, जिसमें से ब्याज को छोड़कर 1,983 करोड़ रुपए अब तक जमाकर्ताओं को लौटाए गए हैं।

                        उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल की चिटफंड कंपनी शारदा ग्रुप ने लोगों को ठगने के लिए कई लुभावने अवसर दिए थे। कुछ ही महीनों में रकम दोगुनी करने का सब्ज़बाग दिखाया गया था। करीब 10 लाख लोगों से पैसे लिए गए और जब लौटाने की बारी आई तो कंपनी ताला लगा कर भाग चुकी थी।

                        शारदा ग्रुप ने कई निवेश योजनाओं को बढ़ावा देकर पैसा इकट्ठा करना शुरू किया, जिसमें पर्यटन पैकेज, फॉरवर्ड ट्रैवल, होटल बुकिंग, क्रेडिट ट्रांसफर, रियस एस्टेट, इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस और मोटरसाइकिल निर्माण से जुड़ी कई योजनाएँ शामिल थीं। साल 2009 में बाज़ार नियामक सेबी का ध्यान शारदा ग्रुप पर गया था।

भाजपा युवा मोर्चा जिला यमुनानगर ने विवेकानंद जयंती पर मैराथन दौड़ आयोजित की गई : राहुल राणा

सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर  –  12 जनवरी : 

            भाजपा जिला अध्यक्ष राजेश सपरा ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा जिला यमुनानगर की टीम ने युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष पुनीत बिंदल  के नेतृत्व में स्वामी विवेकानंद  की जयंती को युवा दिवस के रूप में मनाते हुए रन फॉर यूथ मैराथन दौड़ का आयोजन यमुनानगर में किया।इस मैराथन दौड़ को भाजयुमो प्रदेशाध्यक्ष राहुल राणा,भाजपा जिला यमुनानगर के जिलाध्यक्ष राजेश सपरा ,भाजयुमो जिला अध्यक्ष पुनित बिंदल,भाजयुमो जिला उपाध्यक्ष निश्चल चौधरी,के साथ झंडी दिखाकर रवाना किया।

            इस अवसर पर यमुनानगर के सैकड़ों युवकों के साथ इस मैराथन दौड़ में भाग लिया ,भाजयुमो प्रदेशाध्यक्ष राहुल राणा ने युवाओं को संदेश दिया कि दौड़ शारीरिक स्वास्थ्य के लिए अनिवार्य हैं। जो तुम सोचते हो, वो बन जाओगे। यदि तुम खुद को कमजोर सोचते हो, तुम कमजोर हो जाओगे। अगर खुद को ताकतवर सोचते हो, तुम ताकतवर हो जाओगे।भाजयुमो जिलाध्यक्ष पुनित बिंदल व उपाध्यक्ष निश्चल चौधरी ने कहा कि ‘ साथियों, आज युवा दिवस के मौके पर हम सभी न सिर्फ उन्हें याद कर श्रद्धांजिल दें, बल्कि हम उनके दिए ज्ञान, बातों, सीखों व चरित्र के एक छोटे से हिस्से को अपने जीवन में भी उतारें यही हम सभी की उन को सच्ची श्रद्धांजलि है।

            मैराथन दौड़ के विजेताओं को यमुनानगर नगर के विधायक घनश्यामदास अरोड़ा,  मेयर मदन चौहान, व्यापारी कल्याण बोर्ड के चेयरमैन  राम निवास, समाज कल्याण बोर्ड की चेयरमैन रोज़ी मलिक, जिला उपाध्यक्ष नितिन कपूर, व युवा मोर्चा प्रभारी मोहित गेरा जी ने मेडल एवं ट्राफ़ी  प्रदान कर प्रोत्साहित किया।

            युवा मोर्चा यमुनानगर से जिला उपाध्यक्ष निश्चल चौधरी , विक्रम राणा , जिला परिषद सदस्य सर्वजीत रघुवंशी, जिला महामंत्री अमित चौहान ,अभिषेक अरोड़ा, सचिव राहुल राणा , जिला आई० टी० एवं सोशल मीडिया प्रमुख ऐडवोकेट दीपक पंडित , प्रतापनगर मंडल अध्यक्ष पंकज बेगमपुर , ऊँचा चाँदना चितरंजन राणा , जगाधरी मंडल अध्यक्ष  राहुल गढ़ी, यमुनानगर मंडल अध्यक्ष सिद्क कुमार , बुढ़िया मंडल अध्यक्ष साहिल गर्ग ,भाजपा जिला मीडिया प्रमुख कपिल मनीष गर्ग व युवा मोर्चा के कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

अमृतसर – कोलकाता के बीच चलने वाली अकाल तख्त एक्सप्रेस की बहाल करने का निर्णय 

रघुनंदन पराशर, डेमोक्रेटिक फ्रंट, जैतो – 22 दिसंबर  :

            उत्तर रेलवे के फिरोजपुर रेल मंडल के डी.आर.एम.डा.सीमा शर्मा ने वीरवार को कहा कि आम रेलयात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे ने गाड़ी संख्या 12318 अमृतसर और कोलकाता के मध्य चलने वाली और गाड़ी संख्या 12317 कोलकाता और अमृतसर के मध्य चलने वाली अकाल तख्त एक्सप्रेस का परिचालन पुनर्बहाल करने का निर्णय लिया है।

            पूर्व में कोहरे के कारण इन ट्रेनों का परिचालन अस्थायी रूप से रद्द किया गया था। गाड़ी संख्या 12318 (अमृतसर-कोलकाता एक्सप्रेस) 27.12.2022, 30.12.2022, 03.01.23, 06.01.23 और 10.01.23 को बहाल किया जाएगा जबकि गाड़ी संख्या 12317 (कोलकाता-अमृतसर एक्सप्रेस) 25.12.2022, 28.12.2022, 01.01.2023, 04.01.2023 और 08.01.2023 को बहाल किया जाएगा।

स्कन्दपुराण में किस शक्तिपीठ को काशी से भी ज्यादा महत्वपूर्ण बताया गया है  जाने शक्तिपीठो के बारे में डॉ सुमित्रा अग्रवाल जी से  भाग २  

वास्तु शास्त्री डॉ सुमित्रा अग्रवाल, डेमोक्रेटिक फ्रंट, कोलकाता

            महिषमर्दिनी माँ १८ भुजाओं वाली, सिंह पर विराजमान है। उसके हाथों में एक बीज, कमल, तलवार बाण वज्र मिसाइल, गदा, चक्र, डंडा , ढाल, धनुष, सुपारी और कमंडल की माला है। माँ का चेहरा सफेद, कमर और पैरों का रंग लाल है। टांगों की जांघें और पिंडली नीले रंग की होती हैं। कमर का अगला भाग बहुरंगी वस्त्रों से ढका रहता है। उनकी माला, वेश-भूषा, आभूषण और श्रृंगार-प्रसाधन सभी दर्शनीय हैं। 

सती को महिषमर्दिनी और शिव को क्रोधीसा कहा जाता है। इसे करबीर शक्तिपीठ भी कहते हैं।

महिषमर्दिनी माँ कहा विराजमान है  १६ .४२०  अक्षांश और ७६ .१६०  देशांतर पर सह्याद्री पहाड़ियों पर कोल्हापुर महाराष्ट्र में स्थित है महिषमर्दिनी माँ का दरबार । 

            कोल्हापुर महाराष्ट्र, कर्नाटक और गोवा की सीमा रेखा पर स्थित है। मुंबई और पुणे से कोल्हापुर के लिए कुछ ही सीधी ट्रेनें हैं। हालांकि पुणे, गोवा सीधी ट्रेन। मिराज जंक्शन के माध्यम से सेवा, जो पूर्व में लगभग ५४  किमी दूर है, मौजूद है। मुंबई कोल्हापुर से ५२०  किमी दूर है। मुंबई से सीधी ट्रेन महालक्ष्मी एक्सप्रेस उपलब्ध है।

            महिषमर्दिनी का मंदिर कोल्हापुर स्टेशन से लगभग ३  किमी दूर है। ५२  स्तंभों पर भव्य मंदिर का निर्माण किया गया है। जिसमें मां की भव्य मूर्ति है। मंदिर के पास पद्म सरोवर, काशी तीर्थ और मणिकर्णिका पवित्र स्थान हैं। परिसर में ही एक बड़ा भैरव मंदिर स्थित है। मंदिर के मुख्य भाग का निर्माण नीले पत्थरों से किया गया है। महालक्ष्मी का भव्य मंदिर कोल्हापुर में पुराने शाही महल के पास कोषागार के पीछे स्थित है। इस स्थान का महालक्ष्मी मंदिर शक्तिपीठ है। यह स्थान महालक्ष्मी का नित्य निवास माना जाता है। हीरा मिश्रित कीमती पत्थरों से बनी देवी की चमकती हुई मूर्ति स्वयंभू है और इसी तरह बीच में स्थित पद्मरागमणि है।  3.५  फीट ऊंचाई की यह मूर्ति काफी खूबसूरत है। पैर के पास सिंह भी मौजूद है। मंदिर का आधार क्रययंत्र पर आधारित है। यह पांच चोटियों और तीन खुले हॉल से सुशोभित है।

सती माता का कौनसा अंग यहाँ गिरा था –

यहां सती माता के नेत्र गिरे थे। 

 स्कन्दा पुराण , काशी और महिषमर्दिनी माँ –

महिषमर्दिनी माँ के स्थान का महत्व और भी अधिक बताया जाता है काशी की तुलना में।

वाराणस्याधिकं क्षेत्रं करवीरपुरं महत्व ।

भुक्तिमुक्तिप्रदं नृणां वाराणस्य यवाधिकम् ।।

अर्थात – करवीरपुर वाराणसी का सबसे बड़ा क्षेत्र है और इसका बहुत महत्व है।

यह वाराणसी से भी बढ़कर है और मनुष्यों को सुख और मुक्ति प्रदान करता है।

ED ने अब तक छापे में जब्त किए एक लाख करोड़ रुपये, बरामद हुए करोड़ों रुपए और सोने के गहनों का आखिर होता क्या है?

केंद्रीय जांच एजेंसी कोई भी हो, चाहे ईडी हो, सीबीआई हो या इनकम टैक्स, इन सभी को मनी लॉन्ड्रिंग, घोटालों, कर अनियमतताओं और किसी भी तरह अनियमितता की स्थिति में छापा मारने और जब्त हुई किसी भी तरह की सामग्री, रुपयों या प्रॉपर्टी की जांच करने का अधिकार है। नकद, सामग्री या प्रॉपर्टी की जब्ती के बाद उनका आंकलन किया जाता है। पहले पश्चिम बंगाल शीक्षक भर्ती घोटाले के सिलसिले में निलंबित मंत्री पार्थ चटर्जी की सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के अपार्टमेंट से 50 करोड़ रुपए नकद बरामद की थी। ईडी अधिकारियों की माने तो देश के इतिहास में यह नकदी की सबसे बड़ी जब्ती थी। पार्थ चटर्जी ग्रुप ‘सी’ और ‘डी’ कर्मचारियों, नौवीं-बारहवीं कक्षा के सहायक शिक्षकों और प्राथमिक शिक्षकों के कथित भर्ती घोटाले में शामिल हैं। अधिकारियों के संदेह है कि बरामद की गई राशि शिक्षक भर्ती घोटाले के जरिए इकट्ठा की गई थी।

27-28 जुलाई को चली 13 घंटे की रेड में ED ने ममता सरकार में मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के बेलघरिया स्थित फ्लैट से 27.9 करोड़ कैश और 5 किलोग्राम सोना बरामद किया। इससे पहले 23 जुलाई को अर्पिता के टॉलीगंज स्थित फ्लैट में हुई छापेमारी में ED ने 21.9 करोड़ कैश, गहने और 76 लाख रुपए कीमत की विदेशी मुद्रा बरामद की थी।

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़/नई दिल्ली – 11 सितंबर :

प्रवर्तन निदेशालय इन दिनों जबरदस्त एक्शन में है। ईडी ने भ्रष्ट व्यापारियों, नेताओं और नौकरशाहों के खिलाफ लगातार छापे मारकर उनके भ्रष्टाचार पर न केवल लगाम लगाई है, बल्कि उनके करोड़ों रुपये नगद और अवैध संपत्ति को भी जब्त किया है। ईडी की इस कार्रवाई से एक तरफ देश में हड़कंप मचा हुआ है, तो दूसरी तरफ तारीफ भी हो रही है। मार्च 2022 के अंत तक ईडी के पास एक लाख करोड़ की संपत्ति अटैच है। यह संपत्ति उन मामलों से संबंधित है जो अभी विचाराधीन हैं। इन छापों के मद्देनजर सवाल यह उठता है कि आखिर ईडी जब्त कि हुई इस नगद राशि का करती क्या है ? वह कौन सा ठिकाना है जहां खरबों की इस राशि को रखा जाता है ?

गौरतलब है कि छापे के बाद अक्सर ईडी के अधिकारी बड़े-बड़े कंटेनर में रुपये ले जाते हुए दिखाई देते हैं। मीडिया के सामने जब्त किए नगद को ‘E’ और ‘D’ अक्षरों के आकार में रखा जाता है। पर सवाल यह है कि इतनी मात्रा में मिली नगद राशि का आखिर होता क्या है, वह कहां जाती है ? जानकारी के मुताबिक, एक बार जब छापा पड़ गया और ईडी ने नगद रपये जब्त कर लिए, तो उसके बाद जांच अधिकारी उसे सीधे अपने कार्यालय ले जाते हैं। केंद्रीय जांच एजेंसी कोई भी हो, चाहे ईडी हो, सीबीआई हो या इनकम टैक्स, इन सभी को मनी लॉन्ड्रिंग, घोटालों, कर अनियमतताओं और किसी भी तरह अनियमितता की स्थिति में छापा मारने और जब्त हुई किसी भी तरह की सामग्री, रुपयों या प्रॉपर्टी की जांच करने का अधिकार है।

ED की छापेमारी के बाद अर्पिता के घर से बरामद नोटों के ढेर की तस्वीरें वायरल हो रही हैं। नोटों के बंडलों को देखकर आपके मन में सवाल उठा होगा कि आखिर इतने पैसों का होगा क्या?

ED, CBI, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को मनी लॉन्ड्रिंग, इनकम टैक्स फ्रॉड या अन्य आपराधिक गतिविधियों में जांच, पूछताछ, छापेमारी करने और चल-अचल संपत्तियों को जब्त करने का अधिकार होता है।

ये एजेंसियां जब्त पैसे को अपनी कस्टडी में लेती हैं और फिर अदालत के आदेश से या तो उस पैसे को आरोपी को वापस कर दिया जाता है या फिर वो सरकार की संपत्ति बन जाता है।

ये पूरी प्रक्रिया इतनी आसान नहीं है। इसमें कई चरण होते हैं…

इस सवाल का जवाब जानने के लिए दैनिक भास्कर ने सुप्रीम कोर्ट के वकील विराग गुप्ता से बात की।

विराग ने कहा, ‘’केंद्रीय जांच एजेंसियों जैसे-ED, CBI और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को किसी मामले की जांच के लिए छापा मारने का अधिकार होता है। इन एजेंसियों को जांच करने का जो अधिकार होता है, उसके दो हिस्से होते हैं- एक गिरफ्तारी और पूछताछ और दूसरा उससे संबंधित सबूत इकट्ठा करने के लिए छापेमारी।’’

”जांच एजेंसिया जो छापे मारती हैं वो अलग-अलग सूचनाओं पर आधारित होती हैं, इसलिए जरूरी नहीं है कि एक आरोपी के यहां एक ही बार छापा मारा जाए बल्कि छापेमारी कई चरणों में हो सकती है।”

विराग गुप्ता का कहना है, ‘’अगर ED की बात करें तो उसे प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट 2002 यानी PMLA 2002 के तहत, अगर कस्टम डिपार्टमेंट है तो कस्टम एक्ट के तहत और अगर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट है तो उसे इनकम टैक्स एक्ट के तहत संपत्ति जब्त करने का अधिकार होता है।’’

‘’जांच एजेंसी जिस कानून के तहत काम करती है, उसी के तहत उसे छापा मारने, जब्त करने और जब्त सामान को मालखाने या भंडारघर में जमा करने का अधिकार होता है।’’

छापे में कई चीजें बरामद हो सकती हैं- इनमें पेपर डॉक्युमेंट्स, कैश और अन्य कीमती सामान जैसे सोने-चांदी के गहने मिल सकते हैं।

विराग ने बताया कि छापेमारी में जब्त की गई चीजों का पंचनामा बनाया जाता है। पंचनामा जांच एजेंसी का IO यानी जांच अधिकारी बनाता है। पंचनामे पर दो स्वतंत्र गवाहों के हस्ताक्षर होते हैं। साथ ही इस पर जिस व्यक्ति का सामान जब्त होता है, उसके भी हस्ताक्षर होते हैं। पंचनामा बनने के बाद जब्ती का सामान केस प्रॉपर्टी बन जाता है।

  • सबसे पहले जब्त किए गए पैसे या कैश का पंचनामा बनाया जाता है। पंचनामे में इस बात का जिक्र होता है कि कुल कितने पैसे बरामद हुए, कितनी गड्डियां हैं, कितने 200, 500 और अन्य नोट हैं।
  • जब्त किए गए कैश में अगर नोट पर किसी तरह के निशान हों या कुछ लिखा हो या लिफाफे में हो तो उसे जांच एजेंसी अपने पास जमा कर लेती है, जिससे इसे कोर्ट में सबूत के तौर पर पेश किया जा सके।
  • विराग कहते हैं कि बाकी पैसों को बैंकों में जमा कर दिया जाता है। जांच एजेंसिया जब्त किए गए पैसों को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया या स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में केंद्र सरकार के खाते में जमा करा देती हैं।
  • कई बार कुछ पैसों को रखने की जरूरत होती है, तो उसे जांच एजेंसी इंटरनल ऑर्डर से केस की सुनवाई पूरी होने तक अपने पास जमा रखती है।

प्रॉपर्टी

ED के पास PMLA के सेक्शन 5 (1) के तहत संपत्ति को अटैच करने का अधिकार है। अदालत में संपत्ति की जब्ती साबित होने पर इस संपत्ति को PMLA के सेक्शन 9 के तहत सरकार कब्जे में ले लेती है

विराग के अनुसार, ‘’जब ED किसी की प्रॉपर्टी को अटैच करती है, तो उस पर बोर्ड लगा दिया जाता है, जिस पर लिखा होता है इस संपत्ति की खरीद-बिक्री या इसका इस्तेमाल नहीं हो सकता है।’’

हालांकि कई मामलों में घर और कॉमर्शियल प्रॉपर्टी को अटैच किए जाने पर उनके इस्तेमाल को लेकर छूट भी है।

ED 180 दिनों के लिए अटैच कर सकती है प्रॉपर्टी

PMLA के तहत ED अधिकतम 180 दिन यानी 6 महीने के लिए किसी संपत्ति को अटैच कर सकती है।

अगर तब तक ED संपत्ति अटैच करने को अदालत में वैध नहीं ठहरा पाती है तो 180 दिन बाद संपत्ति खुद ही रिलीज हो जाएगी, यानी वो अटैच नहीं रह जाएगी।

अगर ED 180 दिनों के अंदर प्रॉपर्टी अटैच करने को अदालत में सही साबित कर देती है तो संपत्ति पर सरकार का कब्जा हो जाता है। इसके बाद आरोपी को ED की इस कार्रवाई के खिलाफ ऊपर की अदालतों में अपील करने के लिए 45 दिन का समय मिलता है।

  • ED के किसी संपत्ति को तात्कालिक जब्ती या प्रोविजनल अटैचमेंट करने से वह सील नहीं हो जाती है।
  • कई बार ऐसा भी होता है कि ED जिस संपत्ति को अटैच करती है, उस मामले की अदालत में सुनवाई जारी रहने के दौरान आरोपी उस संपत्ति का उपयोग कर सकता है।
  • उदाहरण के लिए 2018 में ED ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के दिल्ली स्थित जोरबाग के बंगले का 50% हिस्सा अटैच कर दिया था, लेकिन उस प्रॉपर्टी को खाली करने का कोर्ट का नोटिस मिलने तक उनका परिवार वहीं रह रहा था। चिदंबरम के बेटे कार्ति ने इस नोटिस के खिलाफ भी कानूनी राहत ले ली थी।
  • कॉमर्शियल प्रतिष्ठान ED के प्रॉपर्टी अटैच किए जाने के बाद भी बंद नहीं होते हैं। जैसे-दुकानें, मॉल, रेस्टोरेंट, होटल जैसी कॉमर्शियल प्रॉपर्टीज को भले ही ED ने अटैच कर दिया हो, लेकिन इसके बावजूद अदालत का फैसला आने तक वह काम करना जारी रख सकते हैं।
  • 2018 में ED ने एअर इंडिया से जुड़े केस में दिल्ली के IGI एयरपोर्ट पर स्थित Inn होटल को अटैच कर दिया था, लेकिन होटल ने फिर भी बुकिंग करना जारी रखा था।

गहने

  • जांच एजेंसी अगर सोना-चांदी, गहने और अन्य कीमती सामान बरामद करती हैं, तो उसका भी पंचनामा बनता है।
  • पंचनामे में इस बात की पूरी जानकारी होती है कि-उसे कितना सोना या कितने गहने या कितना कीमती सामान बरामद हुआ।
  • विराग बताते हैं कि सोने-चांदी के गहने और अन्य कीमती सामान को जब्त करके सरकारी मालखाने या भंडारघर में जमा कराया जाता है।

संपत्ति किसकी होगी, अदालत करती है आखिरी फैसला

  • कैश हो या गहने या प्रॉपर्टी, जब्त किए गए सामान पर आखिरी फैसला कोर्ट करती है। मुकदमा शुरू होने पर जब्त किए गए सामान को सबूत के तौर पर कोर्ट में पेश किया जाता है।
  • विराग का कहना है कि अगर अदालत जब्ती का आदेश देती है तो पूरी संपत्ति पर सरकार का कब्जा हो जाता है। अगर ED कोर्ट में जब्ती की कार्रवाई को सही नहीं साबित कर पाती तो संपत्ति संबंधित व्यक्ति को लौटा दी जाती है।
  • जब्ती को अदालत में चुनौती दिए जाने पर या हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में अगर अपीलकर्ता जब्त किए गए सामान को लीगल साबित कर देता है तो उसे जब्त किया गया सारा सामान वापस मिल जाता है।
  • कई बार कोर्ट जिसकी संपत्ति है, उस पर कुछ फाइन लगाकर भी उसे संपत्ति लौटाने का मौका देती है।
  • विराग ने बताया कि जांच एजेंसियां प्रशासनिक आदेश से ही संपत्ति को अटैच करती हैं और फिर कोर्ट के ऑर्डर से वो सरकार की हो जाती है या जिसकी संपत्ति जब्त की गई है, उसे लौटा दी जाती है।

सप्तक सोसायटी द्वारा वर्चुअल संगीत कार्यक्रम आयोजित

  • अध्यापक दिवस पर विद्यार्थियों ने संगीत के माध्यम से अध्यापक के प्रति बरसाया प्यार, दिया गुरु को सम्मान

 
डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता, चंडीगढ़ – 6 सितम्बर, 22 :

अध्यापक दिवस पर स्वर सप्तक सोसायटी, चंडीगढ़ व  कलकत्ता द्वारा सोसायटी की अध्यक्ष व शास्त्रीय संगीत गायिका व संगीत शिक्षिका विदुषी डॉ संगीता चौधरी(लाहा) के नेतृत्व में आयोजित किया गया जिसमें संगीत के विद्यार्थियों ने गुरु की अर्चना करते हुए मधुर गायन प्रस्तुत कर सभी उपस्थितजनों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस आयोजन में शास्त्रीय संगीत गायिका व संगीत शिक्षिका विदुषी डॉ संगीता चौधरी(लाहा) के विद्यार्थियों ने भाग लिया था इस दौरान विद्यार्थियों के परिजन भी मौजूद थे। कार्यक्रम का उदेश्य विद्यार्थियों द्वारा अपनी संगीत शिक्षिका को इस दिवस पर सम्मान से विभूषित करना था।

 
कार्यक्रम की शुरुआत नन्हें विद्यार्थी सिद्धार्थ रावत ने गुरु वंदना से की जिसके बाद उन्होंने अध्यापक के प्रति अपने स्नेह को दर्शाते हुए एक खूबसूरत कविता पेश की जिसे सभी ने सराहा। नन्हें विद्यार्थी ऋ षित भारद्वाज आ चल के तुझे मैं लेके चलूं गाना बखूबी प्रस्तुत किया जबकि यूएसए से नन्हीं विद्यार्थी काव्या रॉय नन्हा मुन्ना राही हूं, गाना पूरे स्वर के साथ सुनाया, न्यूजीलैंड से विर्चुअल कार्यक्रम में जुड़ी रिहाना कौशल ने गुरु वंदना मोहे लगी लगन, यूएसए से छात्रा अहाना रॉय ने एकला चोलो अपनी मधुर आवाज में गाकर सुनाया और संमा बांधा। वहीं शास्त्रीय संगीत गायिका अंजलि सूरी ने गुरु बिन कौन संभारे, ममता गोयल ने पियू बोले पिया बोल, रूमा सोनी ने राग भुपाली में अपना गायन प्रस्तुत किया।, वहीं सुमन चड्ढा ने मधुबन में राधिका नाचे री, नवनीत कौर ने जाने क्या बात है, मनीषा घोष ने तुम गगन की चंद्रमा हो, सुनीता कौशल ने भजन जाऊं तोरे चरण कमल, स्मृति वेदव्यास ने मैने तेरे लिए ही सात रंग के सपने चुने।, तृप्ति गुप्ता ने बंगाली गीत गाकर श्रोताओं से प्रशंसा बटौरी।

 
इस अवसर पर डॉ संगीता चौधरी(लाहा) ने अपने सभी विद्यार्थियों की गायन कविता प्रस्तुति की भूरि भूरि प्रशंसा की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि अध्यापक और विद्यार्थी का रिश्ता सबसे अच्छा होता है। एक विद्यार्थी जिसका कर्तव्य होता है कि वह अपने अध्यापको को सम्मान दें और उनके द्वारा कही हुई बातों को अमल में लाए। जबकि अध्यापक का कर्तव्य होता है कि वह अपने द्वारा दी जाने वाली शिक्षा को विद्यार्थियों को सही मायने में समझाने का प्रयास करें, वे ऐसी शिक्षा उन्हें दें जिससे उनका जीवन उज्जवल हो। उन्होंने बताया कि स्वर सप्तक सोसाइटी की स्थापना 1987 में उनके पिता स्वर्गीय श्री निर्मलेंदु चौधरी द्वारा की गई थी। श्री निर्मलेंदु चौधरी मुखर शास्त्रीय संगीत में उस्ताद थे। स्वर सप्तक सोसाइटी के अध्यक्ष भी थे, जबकि उनकी माता स्वर्गीय श्रीमती मंजू चौधरी प्रसिद्ध गायक स्वर्गीय हेमंत मुखर्जी के  छात्रा रही हैं।