कोलकाता उच्च न्यायालय ने TMC के CAA / NRC विरोधी विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगा दिया

नई दिल्ली: 

एनआरसी और सीएए का विरोध कर रहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कलकत्ता हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार के सीएए और एनआरसी लागू नहीं करने के विज्ञापनों पर रोक लगा दी है. बता दें ममता बनर्जी ने टीवी चैनलों नागरिकता कानून नहीं लागू करने का विज्ञापन दिया था.

बता दें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने सीएए और एनआरसी की मुखर विरोधी रही हैं. सोमवार (16 दिसंबर) को सीएए व एनआरसी के खिलाफ मध्य कोलकाता इलाके से चले एक लंबे जुलूस का नेतृत्व किया. जुलूस में हजारों लोगों ने भाग लिया.

ममता ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर की गतिविधि व नए नागरिकता कानून (सीएए) के राज्य में क्रियान्वयन को अनुमति नहीं देने को लेकर लोगों को संकल्प दिलाया.

संकल्प में कहा गया था, “हम सभी नागरिक हैं. हमारा आदर्श सभी धर्मो में सौहार्द है. हम किसी को बंगाल नहीं छोड़ने देंगे. हम शांति के साथ व चिंता मुक्त होकर रहेंगे. हम बंगाल में एनआरसी व सीएए को अनुमति नहीं देंगे. हमें शांति बनाए रखना है.”

इस मौके पर ममता ने कहा था, “एकजुट भारत के लिए बंगाल एकजुट खड़ा है. हम एनआरसी, सीएए नहीं चाहते, हम शांति चाहते हैं. यही हमारा नारा है. लोकतांत्रिक व शांतिपूर्ण आंदोलन से देशभर के लोगों द्वारा विरोध दर्ज कराने के लिए हम इसमें शामिल हैं.”

जम्मू में CAA के समर्थन में उतरे लोग

सीएए (CAA) के विरोध में जहां देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. वहीं जम्मू (jammu) में इस कानून के पक्ष में लोगों प्रदर्शन किया है. इस प्रदर्शन में सभी धर्मिक समुदायों के लोगों ने शिरकत की. 

जम्मू:

 सीएए (CAA) के विरोध में जहां देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. वहीं जम्मू (jammu) में इस कानून के पक्ष में लोगों प्रदर्शन किया है. इस प्रदर्शन में सभी धर्मिक समुदायों के लोगों ने शिरकत की. जम्मू के लोगों ने कहा कि यह कानून देश के लोगों के खिलाफ नहीं है. नागरिकता कानून के समर्थन में भी देश के कई शहरों में मार्च की खबरें हैं. दिल्ली में प्रदर्शनकारियों ने कहा कि देश के लिए नागरिकता क़ानून जरूरी है. कानून के समर्थन में देशभर से एक हजार प्रोफेसर्स आए. नागरिकता कानून के समर्थन में दिल्ली के राजघाट समेत कई स्थानों पर प्रदर्शन चल रहा है.

बता दें सीएए के विरोध में देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं. कई राज्यों में यह विरोध प्रदर्शन हिंसक रूप ले चुके हैं. खासकर उत्तर प्रदेश में इन हिंसक प्रदर्शन में 10 लोगों की मौत हो चुकी है. राजधानी दिल्ली में सीएए के खिलाफ कई प्रदर्शन हुए हैं. उत्तर प्रदेश में हिंसा के बाद यूपी में अब तक 5200 लोग गिरफ्तार किए गए हैं. गोरखपुर हिंसा में शामिल उपद्रवियों की तस्वीरें जारी की गई हैं. दिल्ली के दरियागंज में हिंसा को लेकर 15 लोग गिरफ्तार किए गए हैं. उधर, नागरिकता कानून के खिलाफ आज RJD ने बिहार बंद का आह्वान किया. पटना, समस्तीपुर, आरा, भागलपुर और वैशाली में प्रदर्शन हुए.  
शुक्रवार को इन प्रदर्शनों ने हिंसक रूप ले लिया. दिल्ली गेट के पास पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) के कार्यालय के सामने प्रदर्शनकारियों ने एक कार को आग के हवाले कर दिया.  इससे पहले उन्होंने मार्च की अनुमति नहीं मिलने पर पुलिसकर्मियों पर पत्थर फेंके. प्रदर्शनकारियों ने जैसे ही जमा मस्जिद से जंतरमंतर जाने के लिए प्रस्थान किया, पुलिस ने दिल्ली गेट से कुछ दूरी पर उन्हें बैरिकेड लगाकर रोक लिया, जिसके बाद उन्होंने पत्थरबाजी की. भीड़ ने सरकार व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी और बैरिकेड को हटाने का प्रयत्न किया. पुलिस ने इसके बाद प्रदर्शनकारियों पर वाटर-कैनन का इस्तेमाल किया. साथ ही उन्होंने जली कार को भी बुझाने के प्रयत्न किए.

लखनऊ हिंसा में मालदा के 6 लोग गिरफ्तार

सरकार ने आज (शनिवार) राज्य के सभी स्कूल-कॉलेजों बंद रखने का फैसला लिया है. साथ ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने लोगों से शांति बनाए रखने और किसी भी अफवाहों पर विश्वास न करने की अपील की है. उन्होंने कहा है कि किसी को भी कानून हाथ में नहीं लेना चाहिए. प्रदेश में CAA के विरोध के बीच एहतियात के तौर पर यूपी में होने वाली TET परीक्षा को स्थगित कर दिया गया है. 22 दिसंबर को होनी वाली परीक्षा में 75 जिलों के करीब 16 लाख छात्रों को शामिल होना था.

लखनऊ(ब्यूरो):

  नागरिकता (संशोधन) कानून (CAA) के खिलाफ उत्तर प्रदेश में हो रहे हिंसक प्रदर्शन हुए हैं. यूपी में हिंसा को लेकर डीजीपी ओपी सिंह को मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने शनिवार (2 दिसंबर) को तलब किया, जिसके बाद डीजीपी ओपी सिंह सीएम से मिलने पहुंचे. करीब 20 मिनट तक चली इस बैठक में उन्‍होंने सीएम को हिंसा को लेकर अपडेट दी. इस बातचीत में सीएम योगी ने डीजीपी को कड़ाई से कानून-व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए. इसके बाद सीएम योगी ने हिंसा की घटनाओं को लेकर राज्‍यपाल से मुलाकात की है. सीएम योगी राज्‍यपाल आनंदी बेन पटेल के साथ चर्चा की

हालात अब तक:

–  यूपी में सीएए के खिलाफ हुई हिंसा के तार पश्चिम बंगाल से जुड़ रहे हैं. यूपी पुलिस ने पश्चिम बंगाल के मालदा के 6 लोगों को गिरफ्तार किया है. पूरे यूपी से अब तक 5200 लोगों को गिरफ्तार किया है.

– दिल्ली के उत्तर प्रदेश भवन पर 3 लोग पहुंचे थे प्रर्दशन करने, तीनों को पुलिस अपने साथ ले गई.

– रामपुर में नागरिकता कानून के खिलाफ हो रहे हिंसक प्रदर्शन में 6 गाड़ियों में आगजनी की खबर है. प्रदर्शन के दौरान उपद्रवियों ने पत्थरबाजी की. कई पुलिसकर्मियों के घायल होने की खबर

– दिल्ली के चाणक्य पुरी इलाके में उत्तर प्रदेश भवन के बाहर भारी पुलिसफोर्स तैनात है..पुलिस को जानकारी मिली थी की यहां पर्दशनकारी पहुंच सकते हैं..लेकिन अभी तक कोई प्रदर्शन शुरू नहीं हुआ है..

– लखनऊ में शुक्रवार को हुए हिंसक प्रदर्शन में गिरफ्तार हुए लोगों की तस्वीरें इस प्रकार हैं.

– अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्र और जवाहरलाल यूनिवर्सिटी के छात्र सीएएए के खिलाफ दिल्ली में उत्तर प्रदेश भवन पर प्रदर्शन करेंगे. प्रदर्शन की आशंकाओं को लेकर उत्तर प्रदेश भवन पर सुरक्षा का खासा इंतजाम.

– मुजफ्फरनगर में हिंसा करने वाले आरोपियों की 47 दुकानों को प्रशासन ने सील कर दिया है. मुजफ्फरनगर के एसपी सिटी सतपाल ने जी मीडिया को फोन पर बताया कि हमने हिंसा के दौरान जो वीडियोग्राफी की थी उसके आधार पर इन उपद्रवियों की पहचान की गई और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले इन लोगोें की दुकानों को प्रशासन ने अब सील कर दिया है

– डीजीपी ओपी सिंह ने बताय, ‘प्रारंभिक जांच में कल हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन के दौरान बाहरी तत्वों की मौजूदगी का पता चला है. हम सभी बिंदुओं की जांच की जा रही है. उन सभी क्षेत्रों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं जहां वरिष्ठ अधिकारियों ने जरूरत देखी.’

– मेरठ रेंज के आईजी आलोक सिंह के मुताबिक, ‘पूरे मेरठ रेंज में 102 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. शुक्रवार को हुई हिंसा में 35 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. मेरठ रेंज में हिंसा के दौरान 2 लोगों की मौत हुई है, 2 लोग लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर हैं.’

– यूपी पुलिस ने ट्वीट किया है कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले उपद्रवियों की संपत्तियों को जब्त करके नुकसान की भरपाई की जाएगी.

– यूपी में हिंसा फैलाने यूपी के जिलों में CAA के विरोध में हुई हिंसा में अबतक 10 की मौतें हो चुकी हैं. संभल – 2, मेरठ -2, बिजनौर – 2, वाराणसी – 1, फिरोजाबाद – 1( इलाज के दौरान आगरा मेडिकल कॉलेज में हुई मौत), कानपुर – 1, आगरा – 1

– यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने मीडिया से कहा, ‘जिन्होंने हिंसा फैलाई है उन्हें बख्शा नहीं जाएगा.’

– मेरठ में शुक्रवार को हुए हिंसक प्रदर्शन में अब तक 102 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. मेरठ हिंसा में हुई हिंसा में कई पुलिसवाले घायल हुए थे. इस हिंसा में दो लोगों की मौत हुई थी.

– बुलंदशहर में 800 अज्ञात लोगों पर केस दर्ज हुआ है. बुलंदशहर में 6 अलग अलग केस दर्ज हुए हैं. बुलंदशहर हिंस में अब तक 12 उपद्रवी गिरफ्तार हुए हैं. 25 उपद्रवियों पर केस दर्ज हुआ है.

– लखनऊ में हिंसा करने वाले 218 आरोपी गिरफ्तार किया गया है: डीजीपी 

– लखनऊ हिंसा मामला में पुलिस ने 1 लाख 25 हजार का नोटिस भेजा है. करीब एक दर्जन हिंसा करने वालों के घर नोटिस भेजा गया है. सभी को 1 लाख 25 हजार रूपये का नोटिस भेजा गया है. यूपी सरकार उपद्रवियों की पहचान करके नोटिस भेज रही है. 

– गोरखपुर में हिंसा करने वाले कई उपद्रवियों की पहचान कर ली गई है. पुलिस ने ऐसे लोगों की तस्‍वीरें भी जारी हैं लोगों से इनके बारे में जानकारी मांगी है. इन उपद्रवियों की जानकारी देने वालों को सरकार की तरफ से इनाम भी दिया जाएगा.

– लखनऊ में हिंसा करने वाले कुछ उपद्रवी बांग्ला में बात कर रहे थे. पुलिस के हाथ लगी वीडियो फुटेज से यह खुलासा हुआ. लिहाजा, लखनऊ हिंसा का बंगाल कनेक्शन खंगालने में लखनऊ पुलिस जुटी है.

बता दें कि शुक्रवार (20 दिसंबर) को जुमे की नमाज के बाद कई जिलों में जमकर बवाल हुआ. गोरखपुर, बिजनौर, फिरोजाबाद, संभल, कानपुर समेत कई जिलों में पुलिस पर पथराव और जगह जगह आगजनी की गई.

यूपी में संभावित विरोध-प्रदर्शनों और सोशल मीडिया पर अफवाहों को रोकने के लिए कई जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद रखी गई हैं. ये जिले हैं आगरा, अलीगढ़, मऊ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, संभल, मेरठ, लखनऊ, बरेली, गाजियाबाद, फिरोजाबाद, वाराणसी, प्रयागराज, बिजनौर और शाहजहांपुर.

वहीं, लखनऊ हिंसा मामले में एक रिटायर आईपीएस अधिकारी एसआर दारापुरी को परिवर्तन चौक हिंसा मामले में को हज़रतगंज कोतवाली ने गिरफ्तार कर लिया, जिसके बाद उन्‍हें जेल भेज दिया गया है. इसके अलावा 70 और लोगों को जेल भेजा गया. इनमें 80  लोगों को धारा  151 में हिरासत में लिया गया.

उधर, प्रयागराज में धारा 144 के उल्लंघन में 100 नामजद सहित 10,000 से अधिक लोगों पर एफआईआर दर्ज हुई है. शहर के अलग-अलग थानों में केस दर्ज हुए हैं. थानाध्यक्षों की तहरीर पर एफआईआर दर्ज की गई हैं. यहां 150 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

हिंसा के बाद योगी सरकार का बड़ा फैसला, यूपी में आज सभी स्कूल-कॉलेज बंद

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में नागरिकता (संशोधन) कानून (CAA) के विरोध में हिंसक विरोध-प्रदर्शन के बाद सरकार ने आज (शनिवार) राज्य के सभी स्कूल-कॉलेजों बंद रखने का फैसला लिया है. साथ ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने लोगों से शांति बनाए रखने और किसी भी अफवाहों पर विश्वास न करने की अपील की है. उन्होंने कहा है कि किसी को भी कानून हाथ में नहीं लेना चाहिए.

उधर, प्रदेश में CAA के विरोध के बीच एहतियात के तौर पर यूपी में होने वाली TET परीक्षा को स्थगित कर दिया गया है. 22 दिसंबर को होनी वाली परीक्षा में 75 जिलों के करीब 16 लाख छात्रों को शामिल होना था.

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में हिंसक विरोध जारी है. शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद कई जिलों में जमकर बवाल हुआ. गोरखपुर, बिजनौर, फिरोजाबाद, संभल, कानपुर समेत कई जिलों में पुलिस पर पथराव और जगह जगह आगजनी की गई. 

उधर, फिरोजाबाद में भी हुए हिंसक प्रदर्शन में अब तक 9 लोग घायल बताए जा रहे हैं. जिनमें 4 पुलिसकर्मी शामिल हैं. साथ ही 2 गंभीर रूप से घायलों को आगरा रेफर कर दिया गया है. एहतियात के तौर पर फिरोजाबाद में भी इंटरनेट सेवाएं बंद हैं.


गुजरात में CAA के विरोध में की गई तोड़फोड़, NSUI के 5 कार्यकर्ता गिरफ्तार

नागरिकता बिल पर पिछले 5-6 दिनों से जो विनाश भारत में देखने को मिल रहा है वह सुनियोजित ढंग से फैलाया जा रहा है। पहले पहल हिंसक प्रदर्शन बंगाल में ममता बेनर्जी के संरक्षण में रेलवे सम्पत्तियों की तोड़फोड़ से शुरू हुआ जिसमें पुलिस अकर्मण्यता का बचाव ममता बेनर्जी ने यह कह कर किया की रेलवे संपत्तियाँ केंद्र की ज़िम्मेदारी हैं न की राज्य की। और फिर ममता खुद मैदान में उतर आई और केंद्र की सत्ता को ही मानने से इंकार करते हे सीधे संयुत राष्ट्र की देख रेख में जनमत संग्रह की मांग रख दी। अब बात करते हैं काँग्रेस की, दिल्ली में चल रहे शांति पूर्वक धरना प्रदर्शन के हिंसक होने से मात्र एक शाम पहले प्रियंका वाड्रा धरना स्थल पर जा कर अपना समर्थन देने की बात कहतीं हैं और अगले ही दिन शांत छात्र प्रदर्शन हिंसक से विनाशक हो जाता है। सारे प्रकरण में एक बात साफ है की केवल मुस्लिम बहुल इलाके ही में हिंसक प्रदर्शन हुए। अब एक दूसरी बात, भाजपा शासित प्रदेश ही हिंसक प्रदर्शनों की चपेट में हैं, छतीसगढ़, राजस्थान, मध्यप्रदेश या फिर पंजाब जहां कांग्रेस का शासन है, वहाँ के नागरिकों को इस बिल से कोई परेशानी नहीं है यही वह राज्य हैं जहां इस मामले में पूर्ण शांति है। और तो और काश्मीर भी शांत है। इससे इस सारे फसाद में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष काँग्रेस का हाथ होने की संभावना अधिक जान पड़ती है :- चाचा चंडीगढ़िया

सतर्कता के रूप में, इलाके में पुलिस बंदोबस्त भी तैनात किया गया है. अहमदाबाद के लाल दरवाजा सिटी कॉलेज के सामने से बिल का विरोध कर रहे 5 छात्रों को हिरासत में लिया गया है. सभी पांच छात्र एनएसयूआई के कार्यकर्ता है. लाल दरवाजा और सीटी इलाकों में पुलिस का कड़ा बंदोबस्त किया गया है.

दिल्ली(ब्यूरो):

नागरिकता बिल पर गुजरात के बनासकांठा में प्रदर्शनकारियों ने जमकर उत्पात मचाया. पुलिसवालों की गाड़ियों को घर लिया. उसे हिलाया. गुस्से में प्रदर्शनकारी ने गाड़ी को धक्का दिया और उसे गिराने की कोशिश की. एक और वीडियो अहमदाबाद का सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है जिसमें प्रदर्शनकारी पुलिसकर्मियों से मारपीट कर रहे हैं.

इतनी ही नहीं, गुजरात के कई जिलों में नागरिकता कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहा है. वड़ोदरा में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता और नेताओ द्वारा नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन किया गया है लेकिन खुद पार्टी प्रमुख विनोद शाह को इस बिल के बारे में जानकारी नहीं है. मीडिया ने जब उनसे CAA को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा की मुझे बिल के बारे में कोई जानकारी नहीं है. वडोदरा के मांडवी इलाके में भी  नागरिकता बिल के खिलाफ विरोध देखा गया. मांडवी इलाके में व्यापारियों ने बंद का एलान किया है. व्यापारियों ने इलाके की तमाम दुकाने बंद कर अपना विरोध दिखाया है. वही अन्य क्षेत्रों में बंद का कोई असर नहीं देखा गया है.

अहमदाबाद की बात करें तो वह भी नागरिकता बिल का विरोध किया गया है. विरोध के चलते शहर के ढालगरवाड और त्रण दरवाजा इलाके को संपूर्ण रूप से बंद कर दिया गया है. व्यापारियों द्वारा सम्पूर्ण तोर पर दुकाने बंद की गई हैं. सतर्कता के रूप में, इलाके में पुलिस बंदोबस्त भी तैनात किया गया है. अहमदाबाद के लाल दरवाजा सिटी कॉलेज के सामने से बिल का विरोध कर रहे 5 छात्रों को हिरासत में लिया गया है. सभी पांच छात्र एनएसयूआई के कार्यकर्ता है. लाल दरवाजा और सीटी इलाकों में पुलिस का कड़ा बंदोबस्त किया गया है.

हिंसक उपद्रवियों की संपत्ति ज़ब्त की जाएगी: सीएम योगी आदित्यनाथ

सीएम योगी ने सख्त लहजे में कहा कि ऐसी उपद्रवी गतिविधियां स्वीकर नहीं होंगी. हिंसा करने वालों पर सख्त एक्शन होगा. सीएम योगी ने कहा हिंसा के पीछे विपक्ष की साजिश है. जानकारी के अनुसार सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश अवस्थी और प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह को उपद्रवियों से सख्ती से निपटने के निर्देश दिए हैं.

लखनऊ(ब्यूरो):

नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act- सीएए) के विरोध में लखनऊ में हुए बवाल पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने नाराजगी जताई है. सीएम योगी ने सख्त लहजे में कहा कि ऐसी उपद्रवी गतिविधियां स्वीकर नहीं होंगी. हिंसा करने वालों पर सख्त एक्शन होगा. सीएम योगी ने कहा हिंसा के पीछे विपक्ष की साजिश है.

सीएम योगी ने कहा कि हिंसा में शामिल हर शख्स की प्रॉपर्टी जब्त की जाएगी. वीडियो ग्राफी और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर उपद्रवियो की शिनाख्त होगी. 

बता दें कि सीएम योगी ने अपर मुख्य सचिव गृह और डीजीपी को उपद्रवियों से सख्ती से निपटने के आदेश दिए हैं. सीएम योगी ने कहा कि उपद्रवियों को चिन्हित कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी, साथ ही अफवाह फैलाने वालों पर भी नजर रखी गई है.

बता दें कि, नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में यूपी में कई जगहों पर उप्रदवियों ने हिंसक प्रदर्शन किया. लखनऊ में प्रदर्शन के दौरान बवाल भड़क गया. लखनऊ के हजरतगंज, ठाकुरगंज और कई जगहों पर भीड़ ने उग्र प्रदर्शन करते हुए आगजनी की. लखनऊ के परिवर्तन चौक, खदरा और हजरतगंज में उपद्रवियों ने आगजनी की. जानकारी के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की गाड़ियों और वाहनों समेत कई बसों में भी आग लगा दी.

वहीं, उपद्रवियों द्वारा लखनऊ की मधेगंज चौकी में तोड़फोड़ की भी खबर सामने आई. साथ ही पुलिस चौकी के अंदर रखे सामान को भी आग के हवाले कर दिया गया. उपद्रवियों ने पुलिस चौकी के सामने खड़े वाहनों पर भी आग लगा दी. इसके साथ ही कई जगहों से तोड़फोड़ की भी खबरें सामने आई.

बताया जा रहा है कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए हवाई फायरिंग भी की. पुलिस ने इस दौरान आंसू गैस के गोले भी दागे. बताया जा रहा है कि उपद्रवियों ने इस दौरान पुलिस पर पथराव भी किया.

इससे पहले यूपी के संभल में भी भीड़ ने हिंसक प्रदर्शन किया. भीड़ ने प्रदर्शन के दौरान दो बसों को आग लगा दी है. इसी के साथ अन्य गाड़ियों में भी तोड़-फोड़ की खबर सामने आई. बताया जा रहा है कि उपद्रवी तत्वों ने प्रदर्शन के दौरान यूपी परिवहन की दो बसों को आग लगाकर फूंक दिया. जानकारी के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने हिंसक रूप अपनाते हुए पुलिस पर पत्थरबाजी भी की है.

सौरव गांगुली ने भारतीय जन मानस से सना को राजनीति से दूर रखने की प्रार्थना की

जब एक 18 साल का युवा राष्ट्रिय राजनीति पर कुछ कहता है तो उसके पीछे उस युवा की व्यक्तिगत सोच जिसमें उसकी पारिवारिक विचारधारा का भी पता चलता है। आज जब सौरव गांगुली ने आ कर अपनी बेटी को राजनीति से दूर रखने की अपील की तो गांगुली को अपनी राजनैतिक विचारधारा के सपष्ट होने का खतरा अधिक जान पड़ा। बीसीसीआई में मिली नयी कुर्सी और एक पूर्व कप्तान की हैसीयत से जो प्यार उन्हे आज तक मिलता रहा वह तो अबही से बंट गया लगता है।

नई दिल्‍ली: 

नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहा है. पूर्व क्रिकेटर सौरव गांगुली की बेटी सना ने भी इस मामले पर पोस्ट किया. उनकी पोस्ट नागरिकता संशोधन कानून को लेकर सवाल उठाने वाली थी. जल्दी ही यह वायरल हो गया. विवाद बढ़ता देख सौरव गांगुली को सामने आना पड़ा. उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि सना को इन विवादों में घसीटा न जाए, उसकी उम्र अभी बहुत छोटी है.

सना गांगुली ने बुधवार को इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट किया. सना ने इसमें लेखक खुशवंत सिंह की किताब ‘द एंड ऑफ इंडिया’ का एक पेज पोस्ट किया था. इसमे लिखा है, ‘हर फासीवादी शासन के फलने-फूलने के लिए ऐसे समुदायों और समूहों की जरूरत होती है जिन पर अत्याचार कर सके. इसकी शुरुआत एक या दो समूहों से होती है, लेकिन यह कभी समाप्त नहीं होता. नफरत के आधार पर शुरू हुआ आंदोलन तभी तक चल सकता है जब तक भय और संघर्ष का माहौल बना रहे. आज हममें से जो लोग यह सोच कर खुद को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं कि वे मुस्लिम या ईसाई नहीं हैं, वो मूर्खों की दुनिया में जी रहे हैं.’ सना का यह पोस्ट अब इंस्टाग्राम में नहीं है. इसे डिलीट कर दिया है. हालांकि, उनके पोस्ट का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर तेजी से शेयर किया गया.

सना के इस पोस्ट की अगली लाइन में संघ पर निशाना साधा गया है. इसमें कहा गया है, ‘संघ हमेशा से ही उन युवाओं को निशाना बनाता रहा है, जो वामपंथी इतिहासकारों और पश्चिमी संस्कृति से प्रभावित हैं. भविष्य में उन महिलाओं को निशाना बनाएगा जो स्कर्ट पहनती हैं या उन्हें निशाना बनाएगा जो मांस खाते हैं, जो शराब पीते हैं, दो विदेशी फिल्में देखते हैं, जो मंदिर नहीं जाते हैं, जो दंत मंजन की जगह टूथपेस्ट इस्तेमाल करते हैं, जो वैद्य के बजाय एलोपैथिक डॉक्टर से इलाज कराते हैं, जो किसी से मिलने पर जय श्री राम कहने की बजाय उनसे हाथ मिलाते हैं. कोई सुरक्षित नहीं है. यदि हम भारत को जिंदा रखने की उम्मीद करते हैं तो यह समझना होगा.’ 

जब सना का यह पोस्ट वायरल हो गया तो उनके पिता सौरव गांगुली ने मामला संभालने की कोशिश की. पूर्व क्रिकेटर और बीसीसीआई अध्‍यक्ष गांगुली ने ट्वीट किया, ‘कृपया, सना को ऐसे मामलों में ना घसीटा जाए… उसका यह पोस्ट सही नहीं है… अभी राजनीति समझने के लिहाज से उसकी उम्र अभी बहुत कम है.’ 

हिंसात्मक प्रदर्शनों से CAA का क्या बिगड़ेगा

पिछले तीन दिनों से नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हो रही हिंसा की तस्वीरें इस बात का प्रमाण हैं कि हमारे देश में कुछ लोग संविधान की रक्षा के नाम पर संविधान की ही धज्जियां उड़ा रहे हैं. प्रधान मंत्री कहते हैं कि बिना वजह खौफ का माहौल बनाया जा रहा है ताकि मुसलमानों को डराया जा सके, जबकि सच यह है कि हिंसक प्रदर्शन, आगजनी, मारकाट तोडफोड सिर्फ समुदाय विशेष इलाकों में हो रही है।यदि डरा हुआ समुदाय विशेष यह सब कर सकता है तो सोचो निडर होकर वह क्या करेगा?

चंडीगढ़::

एक बहुत मशहूर कहावत है, ‘हाथ कंगन को आरसी क्या?’. पिछले तीन दिनों से नागरिकता संशोधन कानून(CAA) के विरोध में हो रही हिंसा की तस्वीरें इस बात का प्रमाण हैं कि हमारे देश में कुछ लोग संविधान की रक्षा के नाम पर संविधान की ही धज्जियां उड़ा रहे हैं. लेकिन इन सारे प्रमाणों के बावजूद हमारे देश के कुछ लोग हैं जो इन तस्वीरों को सच मानने के लिए तैयार ही नहीं है. ऐसे ही लोगों की पैरवी करने वालों को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है.

शनिवार को जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में विरोध प्रदर्शनों के नाम पर हिंसा हुई थी. इस हिंसा के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई की, कुछ प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया और कुछ के खिलाफ FIR दर्ज की गई. मंगलवार को पुलिस की इस कार्रवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. याचिकाकर्ताओं ने उपद्रवी छात्रों की गिरफ्तारी का विरोध किया और दलील दी कि छात्रों को गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने छात्रों की गिरफ्तारी पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने छात्रों की तरफ से पेश हुए याचिका-कर्ताओं से ये भी पूछा कि अगर कोई कानून तोड़ता है तो पुलिस को क्या करना चाहिए? पुलिस को हिंसा करने वालों के खिलाफ FIR दर्ज करने से कैसे रोका जा सकता है?

जैसे ही इस मामले पर सुनवाई खत्म हुई, उसके थोड़ी देर बाद ही दिल्ली के जाफराबाद इलाके में हिंसा भड़क गई. हज़ारों की भीड़ ने प्रदर्शन के नाम पर पत्थरबाज़ी की और दिल्ली पुलिस पर हमला भी किया.

वहीं दूसरी तरफ देश के बुद्धिजीवी, अंग्रेज़ी बोलने वाले सेलिब्रिटिज़ और कई फिल्‍म स्‍टार छात्रों की हिंसा को अभिव्यक्ति की आज़ादी कह रहे हैं. दावा कर रहे हैं कि छात्र संविधान को बचाने के लिए ये सब कर रहे हैं…लेकिन आप ज़रा सोचिए कि क्या संविधान बचाने के नाम पर संविधान को तोड़ने की जो कोशिश हो रही है..उसे जायज़ कह सकते हैं?

बसों को तोड़ना..रेल की पटरियां उखाड़ना..यात्रियों को डराना और पुलिस पर हमला करना..क्या ये हरकतें संविधान बचाने के लिए की जा रही हैं?

इस वक्त हमारा देश एक दो-राहे पर खड़ा है. एक तरफ वो लोग हैं जो देश को हिंसा की आग में झोंक देना चाहते हैं और दूसरी तरफ वो लोग हैं जो देश को इस आग से बचाना चाहते हैं . फैसला आपको करना है कि आप किस तरफ खड़े होना चाहते हैं.

भारतीय राजनीति की विडंबना ये है कि यहां के नेता, सुप्रीम कोर्ट की बात भी सुनने को तैयार नहीं हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर, बिना वजह खौफ का माहौल बनाया जा रहा है ताकि मुसलमानों को डराया जा सके. सुप्रीम कोर्ट ने उपद्रवी छात्रों पर कार्रवाई को सही बताया है लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस और दूसरे विरोधी दलों के नेता इस मामले पर राष्ट्रपति से मिलने पहुंच गए. कांग्रेस समेत 13 राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की और उनसे नागरिकता कानून मामले में दखल देने की अपील की. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तो यहां तक कहा कि केंद्र सरकार लोगों की आवाज़ दबा रही है.

यानी इन नेताओं को सुप्रीम कोर्ट के फैसलों से भी संतुष्टि नहीं मिलती है और ये लोग देश के राष्ट्रपति से लोकतंत्र बचाने की अपील करने लगते हैं..हो सकता है कि ये लोग राष्ट्रपति की बातों से भी असंतुष्ट होकर किसी दिन संयुक्त राष्ट्र चले जाएं.

छीन कर आज़ादी मांगने वालों पर हमारा विश्‍लेषण पढ़कर आप समझ गए होंगे कि कैसे हमारे देश में संविधान बचाने के नाम पर संविधान तोड़ने वालों को शाबाशी दी जाती है. हमें याद रखना रखना चाहिए कि लोकतंत्र में कोई भी चीज़ छीन कर नहीं ली जा सकती…यहां तक कि आज़ादी भी नहीं.

(ज़ी न्यूज़ कि इनपुट से)

क्या बंगाल में हो रहे हिंसक प्रदर्शनों को सीएम ममता बेनर्जी का समर्थन है ?

“लड़के हैं, गलती हो ही जाती है” यह वक्तव्य तो सभी को याद होगा ऐसे ही कई वक्तव्य भारत के सत्तासुख लोलुप नेताओं के मुंह से निकलते रहते हैं। कल ही बंगाल में प्रदर्शन के दौरान पुलिस पर फैंके गए बम से पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय) अजीत सिंह यादव घायल हो गए जिस पर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बेनर्जी ने कहा कि यह मामूली सी घटना है। वैसे भी ममता बेनर्जी की मानें तो पुलिस उपायुक्त यादव राज्य के अधीन आते हैं अत: केंद्र का उनसे कोई लेना देना नहीं

चौंकाने वाली बात यह है कि इस प्रदर्शन में खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल हो चुकी हैं. इस वजह से राज्यपाल जगदीप धनखड़ भी कह चुके हैं कि संवैधानिक पद पर होते हुए सीएम ममता बनर्जी का किसी विरोध प्रदर्शन में शामिल होना असंवैधानिक है. अत: यह विरोध प्रदर्शन राज्य प्रायोजित है, फिर वह चाहे रेलवे में कि जा रही तोडफोड है या फिर बम फेंकेने जैसी घटनाएँ सभी को मुख्य मंत्री ममता बेनर्जी का वरद हस्त प्राप्त है।

नयी दिल्ली(ब्यूरो)

 नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए), 2019 के विरोध में मंगलवार को हो रहे प्रदर्शन को खदेड़ने गई पुलिस पर बम फेंका गया है. इस हमले में हावड़ा के पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय) अजीत सिंह यादव घायल हो गए हैं. पश्चिम बंगाल में कई जगहों पर पिछले चार दिनों से विरोध प्रदर्शन का दौर चल रहा है. चौंकाने वाली बात यह है कि इस प्रदर्शन में खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल हो चुकी हैं. इस वजह से राज्यपाल जगदीप धनखड़ भी कह चुके हैं कि संवैधानिक पद पर होते हुए सीएम ममता बनर्जी का किसी विरोध प्रदर्शन में शामिल होना असंवैधानिक है.

बंगाल के कुछ हिस्सों में इंटरनेट सेवा बंद
पश्चिम बंगाल सरकार ने रविवार को राज्य के कुछ हिस्सों में नए नागरिक कानून (सीएए) को लेकर हो रहे हिंसक विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर इंटरनेट सेवा बंद कर दी है. इसकी घोषणा करते हुए राज्य सरकार ने बताया कि मालदा, मुर्शिदाबाद और हावड़ा जिले में इंटरनेट सेवा बंद की गई है.

वहीं सूत्रों ने बताया कि उत्तरी 24 परगना के बशीरहाट और बारासात सब-डिविजनों और दक्षिणी 24 परगना जिले के बारुइपुर और कनिंग सब डिविजन में भी इंटरनेट सेवा बंद की गई है. पुलिस का कहना है कि इन क्षेत्रों में हिंसा की छिटपुट घटना जारी है.

सीएम ने विरोध प्रदर्शनों को बताया ‘छिटपुट घटनाएं’

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सीएए 2019 के विरोध में प्रदेश में प्रदर्शन के दौरान हुई व्यापक हिंसा को छिटपुट घटनाएं बताया है. उन्होंने रेलवे परिसरों पर तोड़फोड़ तथा आग लगाने की घटनाओं के लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि वे क्षेत्र रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के अधिकार में आते हैं ना कि राज्य पुलिस के अधिकार में.

ममता बनर्जी ने इससे पहले सोमवार को राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और सीएए के विरोध में कोलकाता के बीच से भारी विरोध रैली निकाली थी और लोगों को राज्य में एनआरसी की कोई गतिविधि नहीं लागू करने और नागरिकता कानून लागू नहीं होने देने की शपथ दिलाई थी. उन्होंने कहा, ‘हमारा नारा है ‘बंगाल में नो सीएबी, नो एनआरसी’.’

बंगाल के कुछ हिस्सों में इंटरनेट सेवा बंद

पश्चिम बंगाल सरकार ने रविवार को राज्य के कुछ हिस्सों में नए नागरिक कानून (सीएए) को लेकर हो रहे हिंसक विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर इंटरनेट सेवा बंद कर दी है. इसकी घोषणा करते हुए राज्य सरकार ने बताया कि मालदा, मुर्शिदाबाद और हावड़ा जिले में इंटरनेट सेवा बंद की गई है.

वहीं सूत्रों ने बताया कि उत्तरी 24 परगना के बशीरहाट और बारासात सब-डिविजनों और दक्षिणी 24 परगना जिले के बारुइपुर और कनिंग सब डिविजन में भी इंटरनेट सेवा बंद की गई है. पुलिस का कहना है कि इन क्षेत्रों में हिंसा की छिटपुट घटना जारी है.

ABVP initiates the signature campaign in favour of ‘CAA’

The Oldest student Union of India ‘Akhil Bhartiya Vidyarthi Parishad’ Organised a ‘Signature Campaign’ at GOVT PG College sector 1 panchkula near the secretariat, in the support of #caa The Citizenship Amendment Act, on this event the members of the parishad were present at the college along with their distt. convener Pandit Pawan Dubey and their distt. unit head Ram Prasad Bharat.

In the signature campaign initiated by ABVP the member students and the youth of Panchkula dstt. too participated.

दिल्ली के मुस्लिम बहुल इलाकों में हिंसक प्रदर्शनों से जीवन अस्तव्यस्त

  • सीलमपुर और जाफराबाद इलाके में नागरिकता कानून के विरोध में हिंसक प्रदर्शन, जमकर तोड़फोड़
  • प्रदर्शनकारियों ने जाफराबाद में तीन बसों पर किया हमला, पुलिस पर भी पथराव
  • स्थिति बिगड़ते देखकर पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे, आसपास के थानों से बुलाई पुलिस
  • वेलकम, जाफराबाद और मौजपुर-बाबरपुर, गोकुलपुर, शिवविहार और जौहरी एन्क्लेव मेट्रो के एंट्री और एक्जिट गेट भी बंद कर दिया गया:

दिल्ली के जाफराबाद इलाके में नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन हिंसक हो गया। प्रदर्शनकारियों ने जाफराबाद इलाके में 3 बसों पर पथराव किया और पुलिस की बाइक भी जला दी।

नई दिल्ली(ब्यूरो):

दिल्ली के जामिया के बाद अब सीलमपुर इलाके में नागरिकता कानून के विरोध में हिंसक प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शनकारियों ने डीटीसी की तीन बसों में जमकर तोड़फोड़ की। प्रदर्शन के दौरान लोगों ने पुलिस पर जमकर पथराव किया। इसमें कुछ पुलिसकर्मी घायल भी हुए हैं। हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। प्रदर्शन के कारण सात मेट्रो स्टेशन के एंट्री और एग्जिट गेट बंद कर दिए गए। हालांकि शाम करीब पौने 5 बजे सीलमपुर मेट्रो स्टेशन को खोल दिया गया। इसके बाद शाम करीब 6 बजे सभी मेट्रो स्टेशनों के गेट खोल दिए गए।

दिल्ली पुलिस ने कहा, हालात काबू में

दिल्ली पुलिस के पीआरओ एमएस रंधावा ने बताया है कि सीलमपुर में हालात नियंत्रण में हैं। हम लगातार निगरानी रख रहे हैं। जिस जगह घटना घटी, उस इलाके की सीसीटीवी फुटेज भी खंगाली जा रही है। साथ-साथ विडियो रिकॉर्डिंग जारी है। हिंसा में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। उधर, सीलमपुर की घटना पर दिल्ली पुलिस के जॉइंट कमिश्नर आलोक कुमार ने कहा है कि कोई भी गोली नहीं चली है, पुलिस ने केवल आंसू गैस का इस्तेमाल किया है। हिंसा में कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। 2 बसों, 1 रैपिड ऐक्शन फोर्स की बस और कई बाइकों को नुकसान पहुंचा है।

सीलमपुर में क्या हुआ, समझें पूरी घटना

प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया। कम से कम दो मोहल्लों से धुएं का गुबार उठता दिखा। पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने यातायात पुलिसकर्मियों की दो बाइकों को जला दिया। साथ ही इलाके में एक पुलिस बूथ को भी नुकसान पहुंचाया गया। हिंसा के बाद से भारी संख्या में पुलिसकर्मियों को वहां तैनात किया गया। इस संबंध में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि सीलमपुर टी प्वाइंट पर लोग इकट्ठा हुए थे और दोपहर करीब 12 बजे विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ।

दर्शनकारी सीलमपुर से जाफराबाद की ओर बढ़ रहे थे। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक प्रदर्शन दोपहर 12 बजे के करीब शुरू हुए थे। प्रदर्शनकारियों ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और सरकार के विरोध में नारे लगाए। सीलमपुर चौक पर सुरक्षाकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को आगे बढ़ने से रोकने की कोशिश की तब उनके बीच संघर्ष हुआ।

प्रदर्शन में शामिल मोहम्मद सादिक ने समाचार एजेंसी भाषा को बताया कि उनका यह विरोध जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में छात्रों पर पुलिस की कार्रवाई तथा देश में एनआरसी लागू करने के लिए तैयार की जा रही पृष्ठभूमि के खिलाफ है। कासिम नामक एक अन्य व्यक्ति ने कहा, ‘देश में एनआरसी लागू नहीं होना चाहिए। हमारा विरोध इसी बात को लेकर है। पृष्ठभूमि तैयार की जा रही है ताकि एनआरसी को देशभर में लागू किया जाए।’

बंद करने पड़े 7 मेट्रो स्टेशन

इससे पहले सीलमपुर में नागरिकता कानून पर हिंसक प्रदर्शन के कारण वेलकम, जाफराबाद, मौजपुर-बाबरपुर, सीलमपुर और गोकुलपुर, शिवविहार और जौहरी एन्क्लेव मेट्रो स्टेशन बंद कर दिए गए। सीलमपुर से प्रदर्शनकारियों का मार्च शुरू हुआ था जो जाफराबाद इलाके में पहुंचकर हिंसक हो गया। शाम करीब 6 बजे सभी मेट्रो स्टेशनों के गेट खोल दिए गए।

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने जारी की अडवाइजरी

इससे पहले इलाके में प्रदर्शन के बाद दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने अडवाइजरी जारी की। सीलमपुर से जाफराबाद जानेवाली 66 फीट रोड पर आवागमन को पूरी तरह से बंद कर दिया गया। स्थिति बिगड़ती देखकर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए आंसू गैस के गोले भी दागे।

जामिया बवाल का विडियो, पुलिस कर रही पत्थरबाजी रोकने की अपील

बता दें कि रविवार को जामिया में भी नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन हिंसक हो गया था। इसके बाद पुलिस को भी बल प्रयोग करना पड़ा। दिल्ली पुलिस का आज एक विडियो भी जारी किया गया है जिसमें पुलिस पत्थरबाजी नहीं करने की अपील जामिया प्रदर्शन के दौरान कर रही है। जामिया में नागरिकता कानून के विरोध में हिंसक प्रदर्शन के दिन का एक नया विडियो सामने आया है। विडियो में दिल्ली पुलिस के जॉइंट सीपी प्रदर्शनकारियों से पत्थर नहीं चलाने के लिए लगातार अपील करते दिख रहे हैं।