कोलकाता में गरजे अमित शाह – ममता पर साधा निशाना

NRC पर जनजागरण नाम के कार्यक्रम में भाग लेने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह प. बंगाल पहुंचे हुए हैं. उन्होंने इस अवसर पर अपने संबोधन की शुरुआत प. बंगाल की जनता को भारतीय जनता पार्टी को 300 सीटों के आंकड़ों के पार ले जाने के लिए धन्यवाद देते हुए की. सीएए के समर्थन में कोलकाता में आयोजित रैली में अमित शाह ने कहा क‍ि ममता बनर्जी अल्‍पसंख्‍यकों में भय पैदा कर रही हैं कि वे अपनी नागरिकता खो देंगे। मैं अल्‍पसंख्‍यक समुदाय के सभी लोगों को आश्‍वासन देता हूं कि सीएए केवल नागरिकता देगा, लेगा नहीं।

कोलकाता:

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को सीएए, कश्‍मीर, राम मंदिर, श्‍यामा प्रसाद मुखर्जी के बहाने पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी पर चुन-चुनकर हमला बोला। ममता बनर्जी के गढ़ कोलकता में अमित शाह ने कहा कि देश के बनाए नागरिकता संशोधन कानून का टीएमसी सुप्रीमो विरोध कर रही हैं लेकिन हम इस कानून से पीछे नहीं हटेंगे। उन्‍होंने कहा कि राज्‍य में आगामी चुनाव में बीजेपी दो तिहाई बहुमत से सरकार बनाएगी।

अमित शाह ने कहा, ‘ममता बनर्जी जब विपक्ष में थीं तो उन्‍होंने शरणार्थियों के लिए नागरिकता का मुद्दा उठाया था। जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सीएए ले आए तो वह एकबार फिर से कांग्रेस और वामपंथियों के साथ विरोध में खड़ी हैं। ममता बनर्जी अल्‍पसंख्‍यकों में भय पैदा कर रही हैं कि वे अपनी नागरिकता खो देंगे। मैं अल्‍पसंख्‍यक समुदाय के सभी लोगों को आश्‍वासन देता हूं कि सीएए केवल नागरिकता देगा और किसी से यह वापस नहीं लेगा। यह किसी भी तरह से आपको प्रभावित नहीं करेगा।’

कोलकाता के शहीद मैदान में सीएए के समर्थन में आयोजित रैली में शाह ने कहा, ‘पश्चिम बंगाल चुनाव में बीजेपी की पूर्ण बहुमत से सरकार बनेगी। बंगाल में जब प्रचार करने आए थे तो हमें प्रचार नहीं करने दिया गया। गोलियां चलाई गईं, हेलिकॉप्‍टर नहीं उतरने दिया गया। 40 से अधिक कार्यकर्ताओं की जान चली गई। ममता जी यह करके आप रोक पाई क्‍या। आप जो करना चाहती हैं, कर लीजिए। आपका रवैया जनता समझ चुकी है। यह रैली ममता और उनकी पार्टी के गुंडों के खिलाफ रैली है। बीजेपी एक अभियान लेकर न‍िकल रही है आरनायअनाय (अब अन्‍याय सहन नहीं करेंगे)। यह नारा पश्चिम बंगाल में सरकार पलटने का नारा है।’

केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा, ‘जब हम पश्चिम बंगाल में चुनाव के मैदान में थे तो ममता दीदी कहती थीं, जमानत बचा लेना। ममता बनर्जी ये आंकड़े देख लीजिए, अब आने वाले विधानसभा चुनाव में भी पूर्ण बहुमत के साथ बीजेपी की सरकार बंगाल में बनने वाली है। वर्ष 2014 में बीजेपी को 87 लाख वोट मिले और वर्ष 2019 में यह संख्‍या बढ़कर 2.3 करोड़ हो गई। राज्‍य से 18 बीजेपी सांसद चुने गए हैं।’

उन्‍होंने कहा, ‘यह जो यात्रा चली है, रुकने वाली नहीं है। यह यात्रा जो 18 सीटों तक पहुंची है, विधानसभा में दो तिहाई बहुमत के साथ बीजेपी की सरकार बनाकर समाप्त होने वाली है। ये यात्रा बीजेपी के विकास की नहीं है, बल्कि यह यात्रा पश्चिम बंगाल के विकास की यात्रा है। यह यात्रा पश्चिम बंगाल के गरीब के शोषण के खिलाफ संघर्ष की है। यह यात्रा सिंडीकेट को समाप्त करने की यात्रा है। यह यात्रा टोलबाजी समाप्त करने की यात्रा है। यह यात्रा घुसपैठ समाप्त करने की है। यह यात्रा करोड़ों शरणार्थियों को नागरिकता देकर सम्मान देने की है।

गृहमंत्री अमित शाह (amit shah) ने रविवार को कोलकाता में एक रैली को संबोधित किया. अमित शाह ने भाषण में जहां टीएमसी पर जमकर निशाना साधा, वहीं एक बार फिर सीएए को सही ठहराया. पेश है उनके भाषण की मुख्य बातें :

1-अमित शाह ने कहा, ‘हम जब बंगाल में चुनाव के मैदान में थे तो ममता दीदी कहती थीं जमानत बचा लेना. ममता जी ये आंकड़े देख लीजिए, अब आने वाले विधानसभा चुनाव में भी पूर्ण बहुमत के साथ भाजपा (bjp) की सरकार बंगाल में बनने वाली है.’ 

2-मोदी जी जब सीएए लोकर आए तो सारे विपक्षी विरोध में आ गए. सीएए से आपकी नागरिकता जाने वाली नहीं है. सीएए नागरिकता देने का कानून है लेने का नहीं.

3-गृहमंत्री ने कहा, ‘मोदी जी CAA लेकर आए, लाखों बंगालियों को इससे नागरिकता मिलती है. ममता दीदी ने इसका विरोध किया. बंगाल में दंगे कराएं, ट्रेनें जला दी गई, रेलवे स्टेशन जला दिया गया.’  

4-मैं सवाल पूछने आया हूं कि हम नागरिकता देना चाहते हैं और आप इसका विरोध क्यों कर रही हो. आपको घुसपैठिए ही अपने लगते हैं. मैं बताने आया हूं कि 70 साल से जो शरणार्थी यहां आए हैं हम उनको नागरिकता देकर रहेंगे. 

5-मोदी जी ने विकास के साथ साथ देश के सम्मान और सुरक्षा से जुड़े कई फैसले किए. आप सब चाहते थे कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग बने 5 अगस्त को संसद में धारा 370 समाप्त कर दिया गया. 

6-आपका आशीर्वाद मिला और मोदी जी ने राम मंदिर निर्माण के काम को आगे बढ़ाने का काम किया. कुछ ही महीनों में आसमान को छूने वाला भव्य राम मंदिर बनने वाला है.

7-ममता दीदी ने केंद्र के 6 हजार करोड़ रुपये को राज्य के गरीब किसानों तक नहीं पहुंचने दिया. ममता दीदी आप क्यों किसानों के लिए मुश्किलें खड़ी कर रही हो. 

8-बंगाल में हमें यात्रा करने की अनुमति नहीं दी गई. हजारों कार्यकर्ताओं पर गोलियां चलाई गईं. गलत मुकदमें दर्ज कराए गए. 40 से ज्यादा कार्यकर्ताओं की जान चली गई लेकिन ममता दीदी हमें रोक नहीं पाई.

9-ममता सरकार ने पीएम मोदी को बंगाल का विकास करने नहीं दिया. आपने कम्युनिस्टों को 2 दशक तक मौका दिया और मतता दीदी को 10 साल तक, क्या इन्होंने विकास किया, नहीं. 

10-सोनार बंगाल ममता दीदी के नेतृत्व में नहीं बनेगा. बीजेपी को पांच साल के लिए सत्ता में लाओ, हम यह सपना साकार कर देंगे. 

वारिस पठान के 15 करोड़ मुस्लिम वाले बयान पर राजनीति गर्माई

वारिस पठान ने जो आग सुलगाई है उसकी आंच पूरे भारतीय समाज को लील सकती है। तेलंगाना के गोशामहल से बीजेपी विधायक टाइगर राजा सिंह ने कहा कि अगर कोई पाकिस्तान जिंदाबाद बोलेगा उनके खिलाफ एफआईआर नहीं बल्कि पाकिस्तान छोड़कर आना चाहिए। वारिस पठान कहता है कि 15 करोड़ मुस्लिम 100 करोड़ पर भारी पड़ेंगे। ये किस भाषा का उपयोग कर रहे हो। क्या तुम लोग हम पर भारी पड़ोगे? क्या एक बार ट्रायल देख लेंगे है इतना दम आप में। उन्होंने कहा है कि वो वारिस है या लावारिस है। कहता है कि इनकी शेरनियां सड़कों पर बैठी है तो हमें पसीने आ गए। इनकी शेरनियां 500 रुपये देकर रोड पर बैठती है। इनकी शेरनियां अगर रोड पर आ गई तो शेर क्या जंगल में झक मारने गए है और क्या इनके शेर नपुंसक हैं। अगर हमारे हिंदुस्तानी शेर घर से निकल गए तो किन-किन शेरनियों का शिकार करेंगे। खुला चैलेंज देता हूं कि आ जा। 

चंडीगढ़:

ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के राष्ट्रीय प्रवक्ता वारिस पठान के 100 करोड़ पर भारी पड़ेंगे 15 करोड़ वाले बयान पर राजनीति गरमा गई है। वारिस पठान ने अपने बयान पर माफी मांगने से इनकार कर दिया है और कहा है कि मेरे बयान को गलत और तोड़मोड़ कर पेश किया गया है। वहीं इस बयान पर तेलंगाना से बीजेपी विधायक ने खुला चैलेंज दिया है कि एक बार ट्रायल करके देख लो। बीजेपी सांसद ने तो पठान को उत्तर प्रदेश आने का न्योता भी दे दिया है। आरजेडी नेता तेजस्वी ने उनकी गिरफ्तारी की मांग की है। 

इनकी शेरनियां 500 रुपये देकर रोड पर बैठती है: बीजेपी विधायक राजा सिंह

तेलंगाना के गोशामहल से बीजेपी विधायक टाइगर राजा सिंह ने कहा कि अगर कोई पाकिस्तान जिंदाबाद बोलेगा उनके खिलाफ एफआईआर नहीं बल्कि पाकिस्तान छोड़कर आना चाहिए। वारिस पठान कहता है कि 15 करोड़ मुस्लिम 100 करोड़ पर भारी पड़ेंगे। ये किस भाषा का उपयोग कर रहे हो। क्या तुम लोग हम पर भारी पड़ोगे? क्या एक बार ट्रायल देख लेंगे है इतना दम आप में। उन्होंने कहा है कि वो वारिस है या लावारिस है। कहता है कि इनकी शेरनियां सड़कों पर बैठी है तो हमें पसीने आ गए। इनकी शेरनियां 500 रुपये देकर रोड पर बैठती है। इनकी शेरनियां अगर रोड पर आ गई तो शेर क्या जंगल में झक मारने गए है और क्या इनके शेर नपुंसक हैं। अगर हमारे हिंदुस्तानी शेर घर से निकल गए तो किन-किन शेरनियों का शिकार करेंगे। खुला चैलेंज देता हूं कि आ जा। 

ऐसे नेताओं को गिरफ्तार किया जाना चाहिए: तेजस्वी
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा ‘ये बयान शर्मनाक है और उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए। एआईएमआईएम भाजपा की बी-टीम के रूप में काम कर रही है। उसी तरह अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा जैसे नेताओं को भी गिरफ्तार किया जाना चाहिए। जो कोई भी उत्तेजक बयान दे उसके खिलाफ कार्रवाई होनी ही चाहिए।

भाजपा और AIMIM एक दूसरे के पूरक हैं: दिग्विजय सिंह

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि इसी प्रकार के बयान असाउद्दीन ओवेसी सांसद के भाई अकबरउद्दीन ओवेसी विधायक ने दिए थे। वारिस पठान के खिलाफ सख़्त कार्रवाई होना चाहिए। कांग्रेस सदैव कट्टरपंथी विचारधारा के खिलाफ लड़ी है। भाजपा और AIMIM एक दूसरे के पूरक हैं। दोनों धार्मिक भावना फैला कर नफ़रत पैदा करते हैं।

कौन सी आजादी चाहिए, किससे आजादी चाहिए: संबित पात्रा

बीजेपी के नेता संबित पात्रा ने कहा है कि ओवैसी की पार्टी के कद्दावर नेता वारिस पठान कहते हैं कि हम छीन कर लेंगे आजादी। मैं इन तथाकथित लिबरल से पूछना चाहता हूं कि कौन सी आजादी चाहिए, किससे आजादी चाहिए? ओवैसी की पार्टी ने कहा है कि 15 करोड़, 100 करोड़ पर भारी पड़ेंगे। अगर भाजपा के नेता ने ऐसा कोई बयान दे दिया होता तो आज सारे तथाकथित लिबरल सड़क पर उतर जाते, पूरे देश में कोहराम मचा देते। लेकिन आज एक भी सामने नहीं आ रहा है, एक भी सवाल नहीं पूछ रहा है। ये सारे लोग हमारे मुस्लिम भाइयों को बरगला रहे हैं, भ्रमित कर रहे हैं। इन सभी लोगों के हाथ में संविधान और दिल में वारिस पठान है, ये साबित कर दिया है। आज ये स्पष्ट हो गया है कि इनके हाथ में संविधान और मन में वारिस पठान है।

आओ कभी उत्तर प्रदेश में: बीजेपी संसाद

उत्तर प्रदेश के कानपुर से बीजेपी सांसद सत्यदेव पचौरी ने वारिस पठान के बयान का विडियो पोस्ट करते हुए लिखा है, ‘आओ कभी उत्तर प्रदेश में।’ 

क्या ये हिंदुस्तान को पाकिस्तान बनाना चाहते हैं?
केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता गिरिराज सिंह ने वारिस पठान के बयान पर ट्वीट कर कहा, ‘ओवैसी का भाई-15 मिनट के लिए पुलिस हटा लो, 100 करोड़ हिंदुओं को बता देंगे। वारिस पठान -15 करोड़, 100 करोड़ पर भारी पड़ेंगे। ओवैसी के मंच से ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’। ‘कांग्रेस, राजद और टुकड़े-टुकड़े गैंग से पूछना चाहते हैं क्या ये हिंदुस्तान को पाकिस्तान बनाना चाहते हैं?

ऐसे बयान देश को तोड़ने का काम करते हैं: संजय सिंह

आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने कहा है कि वारिस पठान का बयान काफी निदंनीय और शर्मनाक है। ऐसे लोग समाज और देश को तोड़ने का काम करते है। ऐसे बयान से देश जुड़ता नहीं और एकता भाईचारा नहीं बनता है। सभ्य समाज में इसे स्वीकारा नहीं जा सकता। देश में दंगल कराएंगे, झगड़ा करना चाहते हैं। 

क्या कहा था वरिस पठान ने

वारिस पठान ने बिना किसी धर्म का नाम लिये कहा था कि देश में मुसलमानों की संख्या भले ही 15 करोड़ से कम हो लेकिन जरूरत पड़ने पर वे 100 करोड़ लोगों पर भारी पड़ेंगे। उन्होंने कहा था कि अभी तो केवल मुस्लिम महिलाएं बाहर निकली हैं तो पूरा देश परेशान हो गया। जब पूरा समुदाय एकजुट होकर बाहर निकलेगा, तब बहुत बड़ा असर पड़ेगा। मुंबई के भायखला से पूर्व विधायक ने विवादित बयान देते हुए कहा था कि ईंट का जवाब पत्थर से देना हमने सीख लिया है। मगर इकट्ठा होकर चलना होगा। अगर आजादी दी नहीं जाती तो हमें छीनना पड़ेगा। वे कहते हैं कि हमने औरतों को आगे रखा है, अभी तो केवल शेरनियां बाहर निकली हैं तो तुम्हारे पसीने छूट गए। तुम समझ सकते हो कि अगर हम सब एक साथ आ गए तो क्या होगा। पन्द्रह करोड़ हैं लेकिन 100 के ऊपर भारी हैं। ये याद रख लेना। उन्होंने जब यह बयान दिया तो वहां हैदराबाद से सांसद एवं एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी भी मौजूद थे।

पहले 15 करोड़ अब ‘पाकिस्तान ज़िंदाबाद’ AIMIM हर कदम बे-नकाब होती हुई

राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा कहाँ हैं? वास्तविक रूप में इनके हाथ में संविधान है, दिल में वारिस पठान है, आज ये स्पष्ट हो गया है, क्योंकि इनमें से एक भी व्यक्ति निकलकर कोई वारिस पठान पर सफाई नहीं मांग रहा है. संबित पात्रा ने कहा, “जब मंच के पीछे पाकिस्तान को ऑक्सीजन देने की बात होती है, और मंच के आगे संविधान और तिरंगा पकड़ने का नाटक किया जाता है, तो कभी-कभी हकीकत मुंह से निकल जाती है.”

चंडीगढ़ :

 नागरिकता संशोधन के खिलाफ लड़ाई ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ तक पहुंच गई है. जो लड़ाई जिन्ना वाली आजादी से शुरू हुई थी वो चिकन नेक काटने से होते हुए छीन कर लेंगे आजादी के बाद अब पाकिस्तान जिंदाबाद तक पहुंच गई है. मंच भी वही था जहां से 15 करोड़ वाली धमकी दी गई थी, जहां से हिंदुओं को हिलाने की धमकी दी गई थी. जहां से 15 करोड़ को 100 करोड़ वाला दंगा प्लान बताया गया था उसी मंच के पाकिस्तान जिंदाबाद का वायरस मुल्क में फैलाने की कोशिश की गई. सवाल ये है कि ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ वाला वायरस हिदुस्तान में कब तक बर्दाश्त करेगा. 

हालांकि, ओवैसी ने तुरंत मंच पर ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ कहने वाली लड़की को रोका लेकिन सवाल अभी भी वहीं बना हुआ है. देशद्रोह के लिए जिस मंच से उकसाया और भड़काया जाएगा, उस मंच से ऐसी ही चीजें निकलकर आना स्वाभाविक है. बीजेपी ने आरोप लगाया है कि मंच के पीछे पाकिस्तान को ऑक्सीजन दी जाती है, इसलिए तिरंगे और देशभक्ति वाली एक्टिंग ज्यादा समय तक नहीं चल पाई और सच्चाई सामने आ गई. 

बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “कहां हैं राहुल गांधी? कहां हैं प्रियंका जी? वास्तविक रूप में इनके हाथ में संविधान है, दिल में वारिस पठान है, आज ये स्पष्ट हो गया है, क्योंकि इनमें से एक भी व्यक्ति निकलकर कोई वारिस पठान पर सफाई नहीं मांग रहा है. पात्रा ने कहा, “जब मंच के पीछे पाकिस्तान को ऑक्सीजन देने की बात होती है, और मंच के आगे संविधान और तिरंगा पकड़ने का नाटक किया जाता है, तो कभी-कभी हकीकत मुंह से निकल जाती है.” 

उधर, कांग्रेस नेता हुसैन दलवई का कहना है कि जिन्ना इस तरह से ही बातें करते थे और उनको इस बात को ध्यान में रखना चाहिए कि इस देश में जिन्ना अभी पैदा नहीं होगा. ना जिन्ना को हिंदू मानेगा ना मुसलमान मानेगा. केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “जो लोग देशद्रोही नारे लगा रहे हैं, क्योंकि उनको कुछ राजनीतिक पार्टियों का समर्थन मिल रहा है.” शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत का कहना है कि आपके मंच पर ऐसी व्यक्ति आती है और नारे देती है उसका मतलब आपने इस देश में ज़हर घोल दिया है.

मजीठिया के साथ मंच सांझा करने वाले सिद्धू कि प्रशांत किशोर के साथ गलबहियां, क्या माजरा है???

नयी दिल्ली में जहां चुनावों के पश्चात आआपा के हौसले बुलंद हैं और वह अब अपने प्रसार कि सोच रहे हैं. निकटवर्ती चुनाव पंजाब, बिहार और बंगाल के हैं. बिहार में वह चुनाव नहीं लड़ेंगे क्योंकि सर जी लालू यादव के साथ कई बार मंच सांझा कर चुके हैं बंगाल में ममता दीदी के खिलाफ वह नहीं जा सकते ममता दीदी ने आआपा को प्रशांत किशोर बतौर तोहफे में भेजा जिसकी रणनीति के कारण दिल्ली में आआपा को बम्पर जीत मिली. तो विकल्प बचता है पंजाब. पर पंजाब में पार्टी का एकमात्र चेहरा भगवंत मान है जो खुद प्रत्यक्ष विवादों में घिरा है. पंजाब में आआपा कि एक मात्र उम्मीद अब नवजोत सिंह सिद्धू ही है. प्रशांत किशोर आआपा और सिद्धू के बीच एक सूत्र हैं और शायद तभी स्टार प्रचारक होने के बावजूद सिद्धू ने दिल्ली में आआपा के खिलाफ कोई रैली नहीं की. लेकिन इधर सिद्धू ने शायद अपना दम ख़म दिखने के लिए अमृतसर में हुए एक धार्मिक कार्यक्रम में शिरोमणि अकाली दल के मजीठिया के साथ मंच सांझा किया जिससे आआपा को सन्देश जाए कि वह राजनीति में वही पुराना दमखम रखते हैं.

चंडीगढ़:

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 नतीजों के बाद पंजाब की राजनीति में हलचल शुरू हो गए हैं. लंबे समय से खामोश बैठे हुए नवजोत सिंह सिद्धू और आप के बीच संपर्क होने की चर्चाएं कांग्रेस में हो रही है. 

सूत्रों का कहना है कि सिद्धू ने दोबारा अमरिंदर सरकार में आने की किसी भी संभावना से इनकार कर दिया है और आप अब उन्हें दोबारा अपने पाले में लाने की कोशिश में लग गई है. पार्टी के स्टार प्रचारक होने के बाद भी सिद्धू दिल्ली विधानसभा में कांग्रेस के लिए प्रचार करने नहीं गए थे.

सूत्रों का कहना है कि अगर सिद्धू दिल्ली में प्रचार करने जाते तो उन्हें आप सरकार के खिलाफ बोलना पड़ता और कांग्रेस में अलग-थलग पड़े सिद्धू ऐसा नहीं करना चाहते थे. गौरतलब है कि बीजेपी छोड़ने के बाद आम आदमी पार्टी ने उनसे संपर्क साधा लेकिन तब बात बन नहीं सकी थी लेकिन अब हालात काफी बदल चुके हैं. 

दिल्ली में एतिहासिक कामयाबी के बाद आप अब पंजाब में फिर सक्रिय होना चाहती है. हालांकि  पंजाब में आप काफी परेशानियों का सामना कर रही है. पार्टी के अंदर कई धड़े सक्रिय हैं और भगवंत मान को छोड़ उनके पास कोई बड़ा चेहरा नहीं है. आप चाहती है कि जैसे दिल्ली में उसके पास केजरीवाल जैसा बड़ा चेहरा था ऐसा ही बड़ा नाम उसके पास पंजाब में भी हो. पार्टी लंबे समय से किसी बड़े जाट चेहरे की तलाश में है और सिद्धू के साथ उसकी यह तलाश पूरी हो सकती है. 

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी कहा जा रहा है कि दिल्ली में आप की चुनावी रणनीति बना रहे प्रशांत किशोर सिद्धू और आप के बीच एक पुल का काम कर रहे हैं.

वाराणसी में मोदी कि गर्जना: CAA, 370 के अपने फैसलों पर हम कायम हैं और कायम रहेंगे

नागरिकता कानून पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश हित में ये फैसले जरूरी थे और दुनियाभर के दवाब के बावजूद इन फैसलों पर हम कायम हैं और कायम रहेंगे. अभी हाल ही में अकाल तखत ने भी CAA के खिलाफ मुसलमानों का साथ देने का फैसला किया है आवर आकाल तख्त के प्रमुख ने तो यहाँ तक कह दिया था कि देश में सिख असुरक्षित हैं.

नयी दिल्ली(ब्यूरो): 

अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी दौरे पर पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी ने नागरिकता संशोधन कानून पर बड़ा बयान दिया है. पीएम मोदी ने कहा कि सरकार का फैसला अडिग है. भारत वर्षों से धारा 370 को रद्द करने और सीएए को लागू करने जैसे फैसलों का इंतजार कर रहा था. पीएम मोदी ने कहा कि अनुच्छेद 370 का फैसला हो या फिर CAA, दोनों देशहित में जरूरी थे. हम अपने फैसले के साथ खड़े हैं और रहेंगे.

‘श्री सिद्धांत सिखवानी ग्रन्थ’ का विमोचन

पीएम मोदी ने काशी वासियों को 12 सौ करोड़ की विकास परियोजनाओं की सौगात दी. रविवार को काशी प्रवास के दौरान पीएम मोदी सबसे पहले जंगमबाड़ी मठ में आयोजित समारोह में शामिल हुए और ‘श्री सिद्धांत सिखवानी ग्रन्थ’ का विमोचन तथा मोबाइल एप लॉन्च किया. यहां मंच पर प्रधानमंत्री के साथ सीएम योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सीएम वीएस येदुरप्पा, जगद्गुरु शिवाचार्य डॉ चंद्रशेखर भी मौजूद रहे.

यहां पीएम मोदी ने कहा कि देश सरकार से नहीं बनता बल्कि एक-एक नागरिक के संस्कार से बनता है और नागरिक के संस्कार को उसकी कर्तव्य भावना श्रेष्ठ बनाती है. एक नागरिक के रूप में हमारा आचरण ही भारत के भविष्य को तय करेगा, नए भारत की दिशा तय करेगा.

राम मंदिर निर्माण को लेकर गठित ट्रस्ट पर पीएम मोदी ने कहा कि कुछ दिन पहले ही सरकार ने ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ के गठन की घोषणा की है. यह ट्रस्ट अयोध्या में भगवान राम की जन्मस्थली पर, भव्य और दिव्य मंदिर के निर्माण का काम देखेगा और सारे फैसले लेगा.

पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा का लोकार्पण

प्रधानमंत्री मोदी ने वाराणसी-चंदौली की सीमा पर स्थित पड़ाव में एकात्मवाद के प्रणेता माने जाने वाले पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्थल संग्रहालय का भी लोकार्पण किया. यहां स्थापित पंडित जी की 63 फुट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया. पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा के ठीक सामने कुंड का निर्माण किया गया है, जिसमें दो फुट जल हमेशा रहेगा, जिसे प्रतिमा की सुंदरता के लिए बनाया गया है. कुंड की खासियत यह है कि कुंड में जैसे ही दो फुट से ज्यादा पानी होगा, पानी फिल्टर होकर एसटीपी के जरिए पुन: फाउंटेन से होकर कुंड में झरने के रूप में गिरेगा. देश में दीनदयाल उपाध्याय की यह सबसे बड़ी प्रतिमा है. इस स्मारक केंद्र में पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जीवन और काल से संबंधित जानकारियां होंगी. उत्तर प्रदेश किसान गन्ना संस्थान में पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्थल का निर्माण कराया गया है.

महाकाल एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई

प्रधानमंत्री मोदी ने तीन ज्योर्तिलिंगों को जोड़नी वाली महाकाल एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, ”आज जब हम भारत में 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था की बात करते हैं, तो पर्यटन इसका एक अभिन्न हिस्सा है. प्रकृति के अलावा, विरासत पर्यटन में लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक मजबूत भूमिका है. साथ ही, वाराणसी के साथ अन्य पवित्र स्थलों को नई तकनीकों का उपयोग करके विकसित किया जा रहा है.

अरबी भाषा को पढ़ाना और धार्मिक पुस्तकें बांटना सरकार का काम नहीं है: हिमंत बिस्व सरमा

एक ओर जहां केजरिवाल, ममता बनर्जी, जगन रेड्डी, केरल सरकार और तो और ठाकरे मुस्लिम तुष्टीकरण से, मौलवियों इत्यादियों को मोटी तनख़्वाहें बाँट – बाँट कर, मदरसों को मुफ्त किताबें कापियाँ दे कर अपनी सरकरें बना/बचा रहे हैं और स्वयं को सेकुलर कह रहे हैं वहीं असम के शिक्षा मंत्री हेमंत बीस्व सरमा ने सही मायने में धर्मनिरपेक्षता की मिसाल दी है। उन्होने सरकारी सहायता से चलने वाले मदरसों और संस्कृत विद्यालयों को बंद कर वहाँ नियमित विद्यालयों को आरंभ करने की बात कही है।

नयी दिल्ली(ब्यूरो):

असम के शिक्षा मंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने एक बड़ा फैसला लेते हुए राज्य के सरकारी सहायता से चलने वाले सभी मदरसों को बंद करने का फैसला लिया है। असम सरकार ने साफ तौर पर कहा है कि उसने ऐसा धर्मनिरपेक्षता को बढ़ावा देने के लिए किया है। इसी के साथ असम सरकार के शिक्षा मंत्री ने कहा है कि राज्य में अरबी भाषा पढ़ाना और धार्मिक पुस्तकें बांटना सरकार का काम नहीं है।

असम के शिक्षा मंत्री सरमा ने इसपर कहा,

“हम राज्य के सभी सरकारी मदरसों को बंद कर रहे हैं, क्योंकि हमें लगता है कि अरबी भाषा को पढ़ाना और धार्मिक पुस्तकें बांटना सरकार का काम नहीं है। अगर किसी को ऐसा करना है तो वह अपने पैसे से कर सकता है, इसके लिए सरकार कोई फंड जारी नहीं करेगी”।

सरकार ने मदरसों के साथ-साथ सरकारी पैसे पर चलने वाले कुछ संस्कृत स्कूलों को भी बंद कर दिया है और इन सब को नियमित स्कूलों में बदल दिया जाएगा।

हिमंत बिस्व सरमा ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा “राज्य में अभी 1200 मदरसा और लगभग 200 ऐसे संस्कृत स्कूल हैं जो बिना किसी बोर्ड के चल रहे हैं। समस्या यह है कि इन मदरसों में पढ़ने वालों छात्रों को भी अन्य नियमित स्कूलों के छात्रों की तरह ही समान डिग्री दी जाती है। इसीलिए अब सरकार ने इन सब मदरसों और संस्कृत स्कूलों को नियमित करने का फैसला लिया है”।

यह फैसला न सिर्फ राज्य सरकार के हित में है बल्कि इससे छात्रों का भविष्य भी सुरक्षित हो सकेगा, क्योंकि एक स्वतंत्र बोर्ड के तहत आने के कारण अब छात्रों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा मिल सकेगी और साथ ही ऐसे स्कूलों की जवाबदेही भी तय हो सकेगी। इसके अलावा राज्य सरकार ने ऐसा करके अपने यहां धर्मनिरपेक्षता को भी बढ़ावा दिया है। सालों तक देश में सेक्यूलरिज़्म के नाम पर मुस्लिमों का तुष्टीकरण करने की राजनीति की जाती रही है जिसे अब राज्य की भाजपा सरकार ने नकार दिया है।

सरकार एक सेक्युलर बॉडी होती है, जिसके लिए सभी धर्म एक समान होते हैं। ऐसे में सरकार किसी एक धर्म के प्रचार के लिए पैसे नहीं खर्च कर सकती। इसीलिए सरकार ने अपने पैसों पर चलने वाले मदरसों को लेकर यह फैसला लिया है। जिसे अपने धर्म का प्रचार अपने पैसे से करना है, उसका स्वागत है लेकिन सरकार की ओर से उन्हें एक भी रुपया नहीं दिया जाएगा।

सरकार का यह फैसला स्वागत योग्य है और असम सरकार ने देश की उन सरकारों के लिए एक उदाहरण पेश किया है जो सिर्फ अपनी राजनीति को चमकाने के लिए मुस्लिमों का तुष्टीकरण करती हैं। असम सरकार ने सही मायनों में एक सेक्युलर सरकार होने का प्रमाण दिया है।

हम अपनी हार पर चिंतित होने की बजाय ‘आआपा’ की जीत पर क्यों खुश हो रहे हैं?: शर्मिष्ठा मुखर्जी

शाहीन बाग में लगातार अपनी उपस्थिती दर्ज करवाने के बावजूद कॉंग्रेस की मुस्लिम तुष्टीकरण की रणनीति काम न आई, सीसोदिया का एक बयान की वह शाहीन बाग के साथ खड़ा है, चुनावी समीकरण बदलने के लिए काफी था। दिल्ली में हार के बाद पीसी चाको ने कांग्रेस के प्रभारी पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा- 2013 में शीला जी जब मुख्यमंत्री थीं, तब से ही कांग्रेस पार्टी का पतन शुरू हो गया था। आम आदमी पार्टी (आप) ने अस्तित्व में आने के साथ ही कांग्रेस का वोट बैंक छीन लिया। हम अपना वोट बैंक कभी वापस नहीं पा सके। यहाँ पीसी चाको मुसलिम वोट बैंक ही की बात करते जान पड़ते हैं।

  • शर्मिष्ठा मुखर्जी का ट्वीट: हम अपनी हार पर चिंतित होने की बजाय आप की जीत पर क्यों खुश हो रहे हैं?
  • कपिल सिब्बल बोले- हमारे पास कोई नेता नहीं, हम इसे जल्द से जल्द हल करेंगे
  • पीसी चाको का चुनाव प्रभारी पद से इस्तीफा, कहा- शीला जी के समय से ही कांग्रेस का पतन शुरू हुआ

नई दिल्ली (ब्यूरो):

दिल्ली विधानसभा चुनाव में लगातार दूसरी बार कांग्रेस अपना खाता खोलने में असमर्थ रही है। वहीं, अरविंद केजरीवाल की आप तीसरी बार अपनी सरकार बनाने जा रही है। इसी बीच कांग्रेस में विरोध के स्वर सुनाई पड़ रहे हैं। वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने नेता प्रोजेक्ट किए जाने को लेकर सवाल उठाए हैं तो वहीं दिल्ली चुनाव के प्रभारी पीसी चाको ने पद से इस्तीफा दे दिया है। वहीं, पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम से कांग्रेस नेता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने ट्विटर पर कुछ सवाल किए हैं। 

दरअसल, आप की जीत पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने अरविंद केजरीवाल को बधाई दी थी। उन्होंने कहा था- दिल्ली की जनता ने भाजपा के ध्रुवीकरण, विभाजनकारी और खतरनाक एजेंडे को हराया है।

इस पर पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी और कांग्रेस नेता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने चिदंबरम पर तंज कसा। उन्होंने ट्वीट किया- सर, मैं जानना चाहती हूं- क्या कांग्रेस ने भाजपा को हराने का काम राज्य की पार्टियों को आउटसोर्स किया है? यदि नहीं, तो हम अपनी हार को लेकर चिंतित होने की बजाय आप की जीत पर क्यों खुश हो रहे हैं? अगर ऐसा है तो प्रदेश कांग्रेस कमेटी को बंद कर देना चाहिए।

इससे पहले, चिदंबरम ने ट्वीट किया था- आप जीती, बड़ी-बड़ी बातें करने वाली और धोखा देने वाली पार्टी हारी। दिल्ली के लोगों ने 2021-2022 में अन्य राज्यों में होने वाले चुनाव के लिए एक उदाहरण पेश किया।

शर्मिष्ठा ने कहा- हमें कई चीजों पर काम करने की जरूरत

इससे पहले शर्मिष्ठा ने ट्वीट किया था- दिल्ली में कांग्रेस की फिर हार। हमें कई चीजों पर काम करने की जरूरत है। शीर्ष स्तर पर निर्णय लेने में देरी, राज्य स्तर पर रणनीति और एकजुटता की कमी, पार्टी कार्यकर्ताओं में निराशा, जमीनी स्तर पर पकड़ की कमी।

दिल्ली ने भाजपा को करारा जवाब दिया: सिब्बल

कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा- हमारे पास प्रोजेक्ट करने के लिए कोई नेता नहीं है। यह पार्टी के भीतर एक गंभीर मुद्दा है। हम इसे जल्द से जल्द हल करेंगे। दिल्ली ने भाजपा को करारा जवाब दिया है। उनकी हार अभी नहीं रुकेगी। भाजपा की ध्रुवीकरण की राजनीति और उनके मंत्रियों द्वारा समाज को विभाजित करने का कार्ड दिल्ली और देश के लोगों को समझ आ गया है। आप झारखंड-छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में आए नतीजों को देख सकते हैं।

उन्होंने कहा- भाजपा को और विशेष रूप से अमित शाह (गृह मंत्री) को यह महसूस करने की जरूरत है कि इस देश के लोगों को विभाजित करने का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि इससे चुनावी फैसले पर असर पड़ता है। सिब्बल ने दावा किया कि दिल्ली की तरह ही बिहार में भी भाजपा को करारी हार मिलेगी।

कांग्रेस का वोट बैंक आप के साथ चला गया: पीसी चाको

दिल्ली में हार के बाद पीसी चाको ने कांग्रेस के प्रभारी पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा- 2013 में शीला जी जब मुख्यमंत्री थीं, तब से ही कांग्रेस पार्टी का पतन शुरू हो गया था। आम आदमी पार्टी (आप) ने अस्तित्व में आने के साथ ही कांग्रेस का वोट बैंक छीन लिया। हम अपना वोट बैंक कभी वापस नहीं पा सके।

आप ने 62 सीटों पर जीत दर्ज की

2015 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली थी। इस साल के चुनावों में फिर से अपना खाता खोलने में नाकाम रही। वहीं, दिल्ली के 70 विधानसभा सीटों में 62 सीट लाकर आप ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की। 2015 में आप को 67 सीटें मिली थीं। अरविंद केजरीवाल 16 फरवरी को रामलीला मैदान में तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं।

राज्य में सरस्वती पूजा तक के लिए मस्जिद से अनुमति लेनी पड़ती है: लॉकेट चटर्जी

नयी दिल्ली(ब्यूरो):

पश्चिम बंगाल से लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सांसद लॉकेट चटर्जी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तुष्टीकरण की राजनीति का आरोप लगाया है। संसद के बजट सत्र में चर्चा के दौरान चटर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में पाकिस्तान जैसी स्थिति है। यहां भी हिंदुओं को पूजा-पाठ की अनुमति नहीं है। हालात तो ये हैं कि राज्य में सरस्वती पूजा तक के लिए मस्जिद से अनुमति लेनी पड़ती है। इस स्थिति की असल जिम्मेदार राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हैं। वे तुष्टीकरण की राजनीति कर रही हैं।

बीजेपी की राज्य ईकाई में होंगे बदलाव

पश्चिम बंगाल में 2021 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं जिसे देखते हुए बीजेपी की राज्य इकाई पार्टी में कई अहम बदलाव किए जाएंगे। पार्टी की ओर से यह फैसला लिया गया है कि संगठन को पुन: सशक्त बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण पदों से निष्क्रिय नेताओं को हटाया जाएगा और युवा एवं सक्षम नेताओं को दल में शामिल किए जाने की तैयारियां हैं।

सीएए प्रदर्शन के दौरान भागीदारी के आधार पर नेताओं का होगा आंकलन

बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि प्रदेश इकाई एक रिपोर्ट तैयार कर रही है जिसमें सभी पदाधिकारियों के प्रदर्शन का विश्लेष्‍ण प्रस्तुत किया जाएगा। इसी रिपोर्ट के आधार पर किसी सदस्य को अगली समिति में जगह दिए जाने पर फैसला किया जाएगा। उन्होंने बताया कि राज्य के नेताओं को पिछले दो महीने में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के समर्थन में प्रदर्शन के दौरान उनकी भागीदारी के आधार पर परखे जाने के बाद समिति में उनकी जगह तय की जाएगी।

केंद्रीय नेतृत्व से चर्चा के बाद तैयार होगी अंतिम सूची

बीजेपी नेता ने बताया कि बेहतर समन्वयन और कार्य के लिए बीजेपी द्वारा अपने जिला स्तरीय संगठन को भी फिर से मजबूत करने की तैयारी है। उल्लेखनीय है कि दिलीप घोष को लगातार दूसरी बार पार्टी की राज्य इकाई का अध्यक्ष चुना गया है जिसके कुछ दिनों बाद ही पार्टी में बदलाव को लेकर यह कदम उठाया जा रहा है। घोष ने राज्य समिति में बदलाव किये जाने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि इस पर केंद्रीय नेतृत्व से चर्चा के बाद अंतिम सूची तैयार की जाएगी।

क्या बंगाल बिहार में भी होगा शाहीन बाग वाला प्रयोग?

चुनाव परिणाम आते ही दिल्ली में शाहीन बाग की राजनीति का पटाक्षेप हो गया। धरना उठा लिया गया। शाहीन बाग भाजपा के विपक्षी दलों द्वारा प्रायोजित था। अब चूंकि यह प्रयोग सफल रहा विपक्षी दल इसे अपने अपने क्षेत्र में चुनावों के दौरान आजमाएंगे। और ध्रुवीकरण में सफल भी होंगे। अब भाजपा को इस नए अस्त्र की काट तालाशनी होगी, जो फिलवक्त भाजपा के चाणक्यों के पास नहीं है। अब इसी अस्त्र का किस प्रकार और कहाँ प्रयोग होगा यह तो समय ही बताएगा परंतु यह तय है की इसका प्रयोग होगा ज़रूर।

इस समय राष्ट्रीय राजनीति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कोई विकल्प नहीं है और उनके खिलाफ मुकाबले के लिए विपक्ष के पास कोई बड़ा चेहरा भी नहीं है. विपक्ष में एक तरफ शरद पवार, ममता बनर्जी, एम के स्टालिन और चंद्रबाबू नायडू जैसे नेता हैं तो दूसरी ओर राहुल गांधी और सोनिया गांधी जिनका महत्व लगातार कम हो रहा है. ऐसी स्थिति में अरविंद केजरीवाल विपक्ष के पोस्टर ब्वॉय बनने का दावा कर सकते हैं. अरविंद केजरीवाल ये कह सकते हैं कि देश की राजनीति में मोदी का विजय रथ रोकने की क्षमता उन्हीं में है. उन्होंने दिल्ली की लड़ाई में मोदी को लगातार दो बार हराया है.

Ravirendra-Vashisht
राजविरेन्द्र वशिष्ठ, संपादक
demoraticfront.com

देश में फिर से ‘मोदी बनाम ऑल’ की जंग शुरू हो गई है. विपक्ष आम आदमी पार्टी (AAP) की जीत में अपनी जीत देख रहा है. विपक्ष को मोदी का विकल्प केजरीवाल में दिख रहा है. दिल्ली में AAP की जीत पर शिवसेना बीजेपी पर निशाना साधा है. सामना में लिखा है कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह की हवाबाज नीति नाकाम हो गई. दिल्ली-मुंबई में AAP-शिवसेना का सीएम होना बीजेपी के लिए कलेजा चीरने वाला है. वहीं कांग्रेस के नेता कुछ इस अंदाज में बधाई दे रहे है जैसे कि आम आदमी पार्टी नहीं कांग्रेस जीती हो. मोदी के खिलाफ विपक्ष  ‘हसीन सपने’ देख रहा है. 

एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने कहा, “दिल्ली में पूरा देश बसा है. अब उनको परिवर्तन के लिए एक नया कोई रास्ता चाहिए ये बात देश के सामने उन्होंने दिखाया है. ये जो नतीजे हैं इससे देश में आगे जब चुनाव आएगा, तब क्या होगा इसकी एक झलक इससे साफ हो रही है.” नेता कांग्रेस पीएल पुनिया ने कहा, “बीजेपी और उनकी राजनीति को हराया जा सकता है. अच्छी तरह से ये एक संकेत है.” 

इस समय राष्ट्रीय राजनीति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कोई विकल्प नहीं है और उनके खिलाफ मुकाबले के लिए विपक्ष के पास कोई बड़ा चेहरा भी नहीं है. विपक्ष में एक तरफ शरद पवार, ममता बनर्जी, एम के स्टालिन और चंद्रबाबू नायडू जैसे नेता हैं तो दूसरी ओर राहुल गांधी और सोनिया गांधी जिनका महत्व लगातार कम हो रहा है. ऐसी स्थिति में अरविंद केजरीवाल विपक्ष के पोस्टर ब्वॉय बनने का दावा कर सकते हैं. अरविंद केजरीवाल ये कह सकते हैं कि देश की राजनीति में बीजेपी का विजय रथ रोकने की क्षमता उन्हीं में है. उन्होंने दिल्ली की लड़ाई में बीजेपी को दो बार हराया है. आने वाले समय में हो सकता है कि अरविंद केजरीवाल खुद को एक राष्ट्रीय नेता और आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी बताकर दूसरे राज्यों में भी प्रचार करें. अरविंद केजरीवाल जानते हैं कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विकल्प बनना है तो उन्हें राष्ट्रवाद और हिंदुत्व अपनाना ही होगा. 

अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के चुनाव में सॉफ्ट हिंदुत्व का भी सहारा लिया. चुनाव-प्रचार के दौरान उन्होंने हनुमान चालीसा का पाठ किया था तो आज जीत के बाद उन्होंने मंदिर जाकर हनुमान जी के दर्शन किए. इसके जरिए उन्होंने ये जताने की कोशिश की है कि वो सॉफ्ट हिंदुत्व का एक मजबूत चेहरा भी बन सकते हैं. यानी अरविंद केजरीवाल अपनी ऐसी छवि बनाने की कोशिश में हैं जिसमें विकास, राष्ट्रवाद और सॉफ्ट हिंदुत्व तीनों हो.

44वें अंतरराष्ट्रीय कोलकाता पुस्तक मेले के दौरान विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ताओं को ‘हनुमान चालीसा’ बांटने से रोका गया

ममता बनर्जी शासित पश्चिम बंगाल में किस तरह से हिंदुओं और संविधान की धज्जियां उड़ाई जाती हैं उसका एक और नमूना कल यानि रविवार को देखने को मिला, जब 44वें अंतरराष्ट्रीय कोलकाता पुस्तक मेले के दौरान विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ताओं को ‘हनुमान चालीसा’ बांटने से रोका गया।

नयी दिल्ली(ब्यूरो)

कहने को तो ममता बनर्जी रोज ही सेकुलरिजम और संविधान का रोना रोती रहती हैं लेकिन संविधान की धज्जियां उन्हीं की देख रेख में उड़ाई जाती है।

दरअसल, रविवारको 44वें अंतरराष्ट्रीय कोलकाता पुस्तक मेले के दौरान पुलिस ने विहिप के कार्यकर्ताओं को हनुमान चालीसा बांटने से रोका, जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच विवाद हो गया। बता दें कि रविवार को कोलकाता पुस्तक मेले का अंतिम दिन था। पुलिस ने अपने इस कार्रवाई पर सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने धार्मिक किताब बांटने पर इसलिए ऐतराज जताया कि इससे आगुंतक भावावेश में आ सकते हैं जिससे कानून एवं व्यवस्था की स्थिति में समस्या उत्पन्न हो सकती है। 

ये क्या बात हुई? हनुमान चालीसा बांटने से कानून एवं व्यवस्था को समस्या कैसे हो सकती है? ये तानाशाही सिर्फ ममता बनर्जी के इशारों पर काम करने वाली पश्चिम बंगाल की पुलिस ही कर सकती है। पुलिस के इस रुख से मामला बढ़ गया और विहिप के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन करना शूरू कर दिया जिसके बाद पुलिस थोड़ी नरम हुई और फिर से हनुमान चालिसा बांटने दिया गया। 

विहिप सदस्य स्वरूप चटर्जी ने पीटीआई से कहा कि, “शुरू में तनाव था, लेकिन जब हमने जानना चाहा कि हनुमान चालीसा क्यों नहीं वितरित की जा सकती है, जबकि अन्य संग‍ठन कुरान और बाइबिल बांट सकते हैं। इसके बाद पुलिस ने अपना रुख नरम किया और हमने पुस्तक बांटना जारी किया।”  

हालांकि यह पहला मौका नहीं है जब ममता बनर्जी  के कार्यकाल में इस तरह से हिंदुओं के बर्ताव किया गया हो। जब से ममता बनर्जी सत्ता में आईं हैं तब से ही वे मुस्लिम तुष्टीकरण में लगी हुई हैं। वर्ष 2016 में पश्चिम बंगाल में हुए धूलागढ़ के दंगों के बाद से हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार बढ़ते चले गए। हद तो तब हो गयी जब ममता बनर्जी ने इस दंगे के लिए आरएसएस और भाजपा पर ही आरोप मढ़ना शुरू कर दिया था। रही सही कसर बसीरहट में हुए दंगों ने पूरी कर दी। 

ये वही ममता बनर्जी हैं जिन्होंने पिछले साल जब दुर्गा मूर्ति विसर्जन और मुहर्रम एक ही दिन पड़े थे तब दुर्गा मूर्ति विसर्जन पर रोक लगा दी थीं। ऐसा करके उन्होंने हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत किया था। ममता ने अपने फैसले के पीछे बेतुका कारण दिया और कहा था, “दोनों पर्व के चलते दो समुदायों में विवाद या झगड़ा न हो इसलिए ये फैसला लिया है।” इसी ममता सरकार ने हिन्दू जागरण मंच को हनुमान जयंती पर जुलूस निकालने पर भी रोक लगा दी थीं और जब 11 अप्रैल, 2017 को पश्चिम बंगाल में बीरभूम जिले के सिवड़ी में हनुमान जयंती पर जुलूस निकाला गया तो पुलिस द्वारा उन पर लाठीचार्ज करवाया गया था। 

उसके बाद 2018 में रामनवमी के उत्सव पर खलल डालकर जिस तरह ममता सरकार ने अल्पसंख्यकों के तुष्टीकरण के लिए बेतुका प्रयास किया वह किसी से छुपा नहीं है। ये वही ममता बनर्जी हैं जिन्होंने तारकेश्वर विकास बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में एक मुस्लिम को बैठा चुकी हैं।

अब इस तरह से हनुमान चालीसा के वितरण पर रोक लगाकर ममता बनर्जी ने जाहिर कर दिया है कि वह किस तरह की राजनीति करती हैं। सच कहें तो ममता बनर्जी के अंदर हिंदुओं के लिए सिर्फ नफरत रही है और समय समय पर उनकी राजनीति से ये नफरत सामने भी आई है।