पंजाब कांग्रेस और अकाली दल में रहे नेताओं ने भाजपा का दामन थामा है

देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव-2022 का बिगुल बज चुका है| एक तरफ जहां राजनीतिक पार्टियां चुनाव की तैयारी कर रही हैं तो वहीं दूजी ओर इन राजनीतिक पार्टियों के अंदर नेताओं के इधर से उधर जाने का सिलसिला भी खूब देखा जा रहा है| अबतक भिन्न-भिन्न पार्टियों के कई नेता एक पार्टी से दूसरी पार्टी में जा चुके हैं| इधर, यह तस्वीर पंजाब में कुछ ज्यादा देखी जा रही है| पंजाब कांग्रेस और अकाली दल से संबंध रखने वाले कई छोटे-बड़े नेता भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो चुके हैं| वहीं, एक बार फिर से मंगलवार को पंजाब कांग्रेस और अकाली दल में रहे नेताओं ने भाजपा का दामन थामा है|

किन नेताओं ने ज्वाइन की बीजेपी…

बतादें कि, देश की राजधानी दिल्ली में स्थित पार्टी कार्यालय में पंजाब के कई नेताओं ने भाजपा को ज्वाइन किया| बीजेपी नेता व केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत सहित पार्टी के तमाम बड़े नेताओं ने पार्टी में शामिल होने वाले नेताओं का स्वागत किया| जिन नेताओं ने बीजेपी को ज्वाइन किया – उनमें पूर्व में कांग्रेस नेता और दो बार विधायक रहे अरविंद खन्ना, यूथ अकाली दल में रहे गुरदीप सिंह गोशा, अमृतसर में पूर्व पार्षद रहे धर्मवीर सरीन और एक अन्य नामी हस्ती कंवर सिंह टोहरा जैसे नाम शामिल हैं| इसके अलावा इनके साथ ही और कई लोगों ने भी बीजेपी की सदस्य्ता ली|

गजेंद्र शेखावत का बड़ा बयान…

इस दौरान गजेंद्र शेखावत ने कहा कि पंजाब में बीजेपी की अहमियत बढ़ रही है| लोग बीजेपी में आने को उत्साहित हो रहे हैं| गजेंद्र शेखावत ने पीएम मोदी की सुरक्षा चूक पर बात करते हुए कहा कि यह एक साजिश थी और यह एक काला अध्याय है| लेकिन बीजेपी या पीएम मोदी इससे पीछे नहीं हटने वाले| गजेंद्र शेखावत ने कहा कि कौन कहता है कि फिरोजपुर रैली में लोग नहीं आ रहे थे| गजेंद्र शेखावत ने कहा कि 1000 बसों का इंतजाम किया गया था, लोग पीएम मोदी को सुनने के लिए आतुर थे मगर कुछ साजिशों ने इसे सफल नहीं होने दिया| गजेंद्र शेखावत ने कहा कि पीएम मोदी के साथ जो हुआ उसे लेकर पंजाब, खासकर फिरोजपुर की जनता में गुसा है|

आआपा कार्यकर्ताओं ने पार्टी नेतृत्व पर करोड़ों में टिकट बेचने के आरोप लगाए हैं

  • अगर पंजाब के युवाओं और पंजाबियों को आआपा के केंद्रीय नेतृत्व ने धोखा दिया तो हम सड़कों पर उतरेंगे: गुरतेज सिंह पन्नू
  • आआपा नेताओं ने आगामी पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए टिकट के लिए गलत लोगों को चुनने को लेकर पार्टी संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ बगावत कर दी है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट(ब्यूरो), चंडीगढ़ :

पंजाब विधानसभा चुनाव में आआपा (आम आदमी पार्टी) पर करोड़ों रुपए लेकर टिकट बेचने के इल्जाम लग रहे हैं। और ये आरोप लगाने वाला विरोधी पार्टी के लोग नहीं, बल्कि आआपा के ही कार्यकर्ता हैं। चंडीगढ़ में प्रेस वार्ता करते हुए आआपा कार्यकर्ताओं ने पार्टी नेतृत्व पर करोड़ों में टिकट बेचने के आरोप लगाए हैं। साथ ही माँग की है कि पार्टी को अ

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल फ़िलहाल कोरोना से पीड़ित हैं और हाल ही में उन्होंने चंडीगढ़ में नगरपालिका चुनाव में अच्छे प्रदर्शन बनने के बाद वहाँ विजय यात्रा निकाली थी। आरोप लगे थे कि कोरोना के लक्षण आने के बावजूद उन्होंने रैलियाँ की और लोगों से मिलते-जुलते रहे। अब उनकी ही पार्टी के कार्यकर्ता प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के अपनी ही पार्टी की पोल खोल रहे हैं। करोड़ो रुपए लेकर टिकट बेचने के आरोप लगाए जा रहे हैं। यही है उनकी ‘बदलाव’ वाली राजनीति?

यह भी पढ़ें : चापलूसों और भ्रष्ट लोगों को टिकट बांटने का आरोप लगाते हुए पार्टी के कार्यकर्ता ‘राघव चड्ढा चोर है’ के नारे लगाते दिखे

चंडीगढ़ में AAP से कम सीटें होने के बावजूद भाजपा अपना मेयर बनाने में कामयाब रही, जिसके लिए भी आआपा कार्यकर्ता पार्टी के अंदरूनी कलह को दोषी ठहरा रहे हैं। ‘शिरोमणि अकाली दल (SAD)’ ने भी आआपा पर टिकट बेचने के आरोप लगाए हैं। पार्टी के प्रवक्ता दिलजीत सिंह चीमा ने कहा कि चुनाव आयोग को इस मामलों का संज्ञान लेकर मामला दर्ज करने का आदेश देना चाहिए। आआपा ने अपने पैम्प्लेट्स में अन्य दलों से पैसे लेकर उसे वोट देने की सलाह लोगों को दी है। अब यह नीति खत्म कर देना चाहिए। पार्टी के मोहाली जिला के युवा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष गुरतेज सिंह पन्नू और उपाध्यक्ष शीरा भाणबौरा ने प्रेस वार्ता करते हुए अपनी बात रखी।

चीमा ने कहा, “ये स्पष्ट है कि पार्टी के टिकट्स बेच कर अरविन्द केजरीवाल खुद को अमीर बना रहे हैं। आआपा यही मॉडल हर जगह फॉलो कर रही है, इसीलिए जहाँ-जहाँ वो चुनाव लड़ रही है वहाँ टिकट्स बेचे जा रहे हैं। विपक्षी नेताओं के खिलाफ झूठे आरोप लगाने के लिए तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये करोड़ों रुपए का घोटाला है, जिसकी पोल उच्च-स्तरीय जाँच के बाद ही खुल सकती है। वो चुनाव में अमीरों पर दाँव लगा रहे हैं। उनका दिल्ली मॉडल पूर्णरूपेण फ्लॉप है, इसीलिए पंजाब की जनता को दिखाने के लिए उनके पास कुछ नहीं है।”

नेताओं ने कहा कि आने वाले दिनों में वे केजरीवाल और आप की दिल्ली इकाई के खिलाफ अपना आंदोलन तेज करेंगे।

आआपा नेताओं ने उन 13 उम्मीदवारों की सूची भी पेश की, जिन्हें निर्वाचन क्षेत्रों में योग्य टिकट उम्मीदवारों की अनदेखी कर टिकट दिया गया है। नेताओं ने कहा कि इनमें से ज्यादातर लोग हाल ही में अन्य पार्टियों से आप में शामिल हुए थे और उद्योगपति हैं न कि आम लोग। नेताओं ने केजरीवाल और राघव चड्ढा से पूछा है कि किस आधार पर इन लोगों को टिकट दिया गया है?

S.NoName ConstituencyParty
1Kulwant SinghMohali SAD
2Sukhjinder Singh Lalli MajhitiaMajhitiaCongress
3Dinesh DhallJalandhar NorthCongress
4Amit Ratan KotfattaBathinda RuralSAD
5Sheetal AngralJalandhar WestBJP
6Raman BehlGurdaspurCongress
7Jagroop Singh SekhwaQuadianSAD
8Ranjit RanaBhulathCongress
9Gurmeet KhudianLambiCongress
10Madan Lal BaggaLudhiana NorthSAD
11Laddi DhosDharamkotCongress
12Inderjit Kaur MannNakodarSAD
13Vibooti SharmaPathankotCongress

बता दें कि हाल ही में प्रेस क्लब में राघव चड्ढा की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कॉन्ग्रेस के पूर्व पार्षद दिनेश ढल को पार्टी में शामिल करवाया जाना था, लेकिन टिकट बँटवारे को लेकर विवाद हो गया। इस दौरान पंजाब के सह-प्रभारी के खिलाफ ‘राघव चड्ढा चोर है’ के नारे लगाए गए। बात यहीं तक रहती तो गनीमत होती, लेकिन मामला इतना बढ़ गया कि लोगों के बीच जमकर मारपीट भी हो गई। टिकट बँटवारे को लेकर करीब 45-50 मिनट हुए बवाल के बाद राघव चड्ढा को पिछले दरवाजे से बाहर भागना पड़ा।

विधानसभा चुनाव 2022

चुनाव के दौरान कोरोना के खतरे को देखते हुए चुनाव आयोग और स्वास्थ्य मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों ने एक बैठक की थी। बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई थी कि मतदाताओं और कर्मचारियों का पूर्ण टीकाकरण अनिवार्य किया जाए। इस बार चुनाव में सोशल मीडिया पर सख्त निगरानी रखी जाएगी। किसी भी तरीके से आपत्तिजनक पोस्ट पर कार्रवाई की जाएगी। राज्यों की सीमाओं पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट – चंडीगढ़ :

इस साल पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान कर दिया गया है। जिन राज्यों में चुनाव होंगे वो हैं- उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर। उत्तर प्रदेश में विधानसभा की कुल 403 सीटें हैं और वर्तमान में भाजपा की नेतृत्व वाली योगी आदित्यनाथ की सरकार है। गोवा, उत्तराखंड और मणिपुर में भी बीजेपी की सरकार है। जबकि पंजाब में कांग्रेस की सरकार है। इस बार इन चुनावों में आम आदमी पार्टी भी कांग्रेस और बीजेपी को टक्कर दे सकती है।

चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। बता दें कि 2022 में इन पाँच राज्यों में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। उत्तर प्रदेश में 403, पंजाब में 117, उत्तराखंड में 70, मणिपुर में 60 और गोवा में 40 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव होने हैं। चुनाव आयोग ने कहा कि ये चुनाव कोविड-19 से सुरक्षा को देखते हुए बड़ी तैयारी के साथ कराए जाएँगे। बूथों की संख्या बढ़ेगी। वहाँ मास्क और सैनिटाइजर उपलब्ध रहेंगे।

पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में 14 फरवरी को एक ही चरण में सभी विधानसभा सीटों का मतदान निपटा लिया जाएगा। 10 मार्च को चुनाव परिणाम जारी किए जाएँगे। उत्तर प्रदेश में 7 चरणों में चुनाव होंगे – फरवरी में 10, 14, 20, 23 और 27 को, जबकि मार्च में 3 और 7 को। मणिपुर में 27 फरवरी और 3 मार्च को चुनाव कराए जाएँगे। रात 8 बजे से सुबह 8 बजे तक कोई चुनाव प्रचार नहीं होगा। इस तरह 10 फरवरी, 2022 से चुनाव शुरू हो जाएगा।

सभी विधानसभाओं में एक ऐसा पोलिंग बूथ होगा, जो केवल महिलाओं के लिए होगा। ECI ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ-साथ सभी राज्यों के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ भी बैठकें की हैं। जमीनी परिस्थिति को जानने-समझने के बाद चुनाव के तारीखों का ऐलान किया गया। इन 5 राज्यों में 24.9 लाख युवा ऐसे हैं, जो पहली बार वोट देंगे। कुल 18.34 करोड़ लोग अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे, जिनमें 8.55 करोड़ महिलाएँ हैं। 80 की उम्र से ऊपर के बुजुर्गों, दिव्यांगों और कोरोना मरीजों के लिए पोस्टल बैलेट्स की सुविधा होगी, ताकि ज्यादा से ज्यादा वोटर भागीदारी सुनिश्चित की जा सके।

विधानसभा चुनाव के उम्मीदवारों को ऑनलाइन नामांकन भरने की सुविधा भी दी जाएगी। चुनाव में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की शिकायत के लिए ‘cVIGIL’ एप के जरिए लोग शिकायत कर सकते हैं। घोषणा की गई है कि शिकायत के 100 मिनट के भीतर ECI अधिकारी वहाँ पहुँच जाएँगे। तारीखों के ऐलान के साथ ही आदर्श आचार संहिता भी लागू हो जाएगी। सभी पोलिंग बूथों पर EVM एवं VVPAT का इस्तेमाल होगा। सभी चुनाव अधिकारियों/कर्मचारियों को ‘फ्रंटलाइन वर्कर’ के रूप में गिना जाएगा और उन्हें कोरोना की तीसरी (Precautionary) डोज दी जाएगी।

CEC सुशील चंद्रा ने इस दौरान “यकीन हो तो कोई रास्ता निकलता है, हवा की ओट लेकर भी चिराग जलता है” पंक्ति का भी इस्तेमाल किया। साथ ही 15 जनवरी, 2021 तक किसी भी राजनीतिक पार्टी को फिजिकल रैली की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके बाद स्थिति की समीक्षा कर आगे के नियम बताए जाएँगे। कोई भी रोडशो, साइकिल-बाईक यात्रा या पदयात्रा और जुलूस भी अगले आदेश तक नहीं निकाले जा सकेंगे। 7 चरणों में सभी 5 राज्यों के चुनाव निपटा लिए जाएँगे।

कोरोना का सुविधानुसार उपयोग कितना सार्थक

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिकफ्रंट॰कॉम, चंडीगढ़

सरकारों ने 1 जनवरी को नए महामारी से संबंधित प्रतिबंध लगाए, जिससे केंद्र शासित प्रदेशों और कई राज्यों में स्थित सभी रेस्तरां और भोजनालयों को उनकी कुल क्षमता के आधे से संचालित करने का आदेश दिया गया। साथ ही जिन लोगों को कोविड 19 वैक्सीन की दोनों खुराक का टीका नहीं लगाया गया है, उन्हें भोजनालयों, साथ ही विवाह स्थलों और भोजों में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। जबकि इस 18 वर्ष से कम आयु की जनसंख्या को पाबंदी के दायरे से बाहर रखा गया है। वो भी तभी तक जब तक इस आयुवर्ग का सरकारों द्वारा टीकाकरण आरम्भ नहीं हो जाता।

ऐसा दोहरा रवैया सरकारें क्यों कर रही हैं आम लोगों की समझ से परे है। क्या बच्चे कोविड वायरस कैरियर या संक्रमित नहीं हो सकते?

हरियाणा और चंडीगढ़ में मॉल में केवल उन्हीं लोगों को प्रवेश दिया जा रहा है जिनका टीकाकरण हो चुका है ।

गुड़गांव के एक बड़े मॉल के प्रबंधक ने बताया कि वे केवल उन लोगों को अनुमति दे रहे हैं जिन्होंने दोनों खुराक ली हैं। 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को उनकी आईडी की जांच के बाद प्रवेश की अनुमति है, लेकिन 12 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों को प्रवेश की अनुमति नहीं थी लेकिन अब जब 18 वर्ष से कम आयुवर्ग के टीकाकरण करने की व्यवस्था में विलम्ब हो रहा है इसलिए इस आयुवर्ग के लोगों पर से पाबन्दी हटा दी गई है।

इसी तरह देखा जाए तो नाईट कर्फ्यू भी मज़ाक सा लगता है रात के कर्फ्यू पर डब्ल्यूएचओ में मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने कहा नीति निर्माताओं को अपनी रणनीतियों पर फिर से विचार करना चाहिए। “रात के कर्फ्यू जैसी चीजें, जिसके पीछे कोई विज्ञान नहीं है को छोड़ साक्ष्य-आधारित उपाय करने चाहिए । नाइटलाइफ़ वाले शहरों में इस तरह के प्रतिबंधों को उचित ठहराया जा सकता है।

लेकिन कहीं और अर्थव्यवस्था या सामान्य जीवन को प्रभावित न करते हुए आंशिक लॉकडाउन की छाप बनाने के अलावा इसका कोई मतलब नहीं है। इसने पुलिस को देर से भोजन करने वालों को परेशान करने और पहले से ही व्यस्त अवकाश क्षेत्र का गला घोंटने के लिये पास दे दिया है।

इस तरह के आंशिक लॉकडाउन के साथ समस्या यह है कि उन्हें दुनिया भर में बिना किसी वैज्ञानिक तर्क के लागू किया जाता है। कुछ सिद्धांत हैं जो सुझाव देते हैं कि कोविड की बूंदें सर्दियों में रात के तापमान में जीवित नहीं रह सकती हैं, लेकिन वे निर्णायक रूप से स्थापित नहीं हुई हैं।

इस तरह के निर्देश नेताओं को सूर्यास्त से पहले बड़ी चुनावी रैलियां करने का लाइसेंस देते हैं। मास्किंग, पब्लिक डिस्टेंसिंग और हाथों को बार-बार सैनिटाइज करने के सभी कोविड प्रोटोकॉल को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया जाता है, मंच पर नेताओं के साथ भी, मास्क लगाने के उदाहरण का नेतृत्व करने में विफल। यह बिहार में पहली लहर और बंगाल और अन्य जगहों पर दूसरी लहर के दौरान हुआ। टेम्पलेट अब दोहराया जा रहा है, जब तीसरी लहर अभी शुरू हुई है।

निष्पक्ष अंपायर की भूमिका निभाने की चुनाव आयोग की क्षमता का शीघ्र ही परीक्षण किया जाएगा जब वह फरवरी के आसपास चुनाव होने वाले पांच राज्यों में आदर्श आचार संहिता लागू करेगा। दूसरी लहर के दौरान भी चुनाव हो जाने तक कोविड के मामले ऑन रिकॉर्ड नहीं रखे गए थे । देखें क्या इस बार भी चुनाव आयोग इस बार इधर-उधर खिसकने का जोखिम उठाएगा?

जहां तक ​​रात के कर्फ्यू का सवाल है, आइए हम खुद को मूर्ख न बनाएं।

‘उत्तराखंड जनहित मंच ‘ के प्रधान पद के लिये चन्दरकान्त शर्मा जी को चुना गया

उत्तराखंड जनहित मंच की कार्यकारिणी चुनी

संवाददाता, डेमोक्रेटिकफ्रंट॰कॉम, कालका :

उत्तराखंड जनहित मंच की कार्यकारिणी चुनी गई के नव नियुक्त महासचिव सतेन्द्र सिंह रावत ने बताया कि चन्दरकान्त शर्मा की अध्यक्षता में एक बैठक की गई जिस में समय की मांग को देखते हूऐ एक संगठन की स्थापना करनी चाहिये कि उत्तराखंड से जो भी प्रवासी रोजगार के लिये यहाँ आ कर बसे है, उन्हें बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उन परेशानियों को कैसे हल करे। इसके लिये एक संगठन की आवश्कता है। इसलिए एक संगठन बनाया गया। जिसका नाम उत्तराखंड जनहित मंच रखा गया।

महासचिव सतेन्द्र सिंह रावत ने बताया की आज बैठक में “उत्तराखंड जनहित मंच ” के प्रधान पद के लिये चन्दरकान्त शर्मा, उप- प्रधान पद के लिये रविंदर पुरोहित, महासचिव पद के लिए सतेन्द्र सिंह रावत, उप -सचिव पद के लिये हितेश शर्मा, कोषाध्यक्ष पद के लिये सोहन लाल रणकोटी, उप कोषाध्यक्ष पद के लिये अजय सिंह बिष्ट, प्रचार सचिव पद के लिये महेंद्र सिंह, उप प्रचार सचिव पद के लिये जगदीश पुरोहित, मीडिया प्रभारी पड़ के लिऐ दीपक थपलियाल जी को चुना गया।

” उत्तराखंड जनहित मंच ” के नव नियुक्त प्रधान चन्दरकान्त शर्मा का कहना है कि ” उत्तराखंड जनहित मंच ” का कार्य ” उत्तराखंड के प्रवासियों के जनहित में कार्य करना है।

CDS की घटक दुर्घटना पर धर्म विशेष के लोगों ने हंसी मचाई

CDS बिपिन रावत के हेलीकॉप्टर के क्रैश होने की खबर बताई गई थी। अब किसी की दुर्घटना पर इस तरह के रिएक्शन देने वाले लोगों की मानशिकता पर हैरानी होती है। हालांकि गौर करने वाली बात ये भी है कि खबर पर हंसने वाले लोग एक ख़ास धर्म से जुड़े हुए हैं। 

‘पुरनूर’ कोरल, चंडीगढ़/नयी दिल्ली :

तमिलनाडु के कुन्नूर में आर्मी का एक हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया है। बताया जा रहा है कि इस हेलीकॉप्टर में सीडीएस बिपिन रावत भी सवार थे।बताया जा रहा है कि मौसम की खराबी के वजह से ये हादसा हुआ है। खबरों की मानें तो  हेलिकॉप्टर में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत और अपनी पत्नी के साथ सवार थे। बताया जा रहा है कि कई लोग गंभीर रूप से जख्मी हुए हैं। हालांकि अब इस हादसे को लेकर जहां हर कोई स्तब्ध है। वहीं कुछ लोग सोशल मीडिया पर कुछ ऐसे रिएक्शन दे रहे हैं जैसे कोई दुश्मन इस दुर्घटना में घायल हुआ हो.. आखिर ये लोग कौन हैं? और ऐसा रिएक्शन क्यों दे रहे हैं ये बड़ा सवाल है।

जनरल बिपिन रावत का हैलीकॉप्टर क्रैश होने के बाद इस्लामी कट्टरपंथियों ने सोशल मीडिया पर जश्न मनाना शुरू कर दिया है। इस दुर्घटना में उनकी पत्नी की मौत की पुष्टि हुई थी। इस दुखद दुर्घटना वाली खबर पर ‘हाहा’ का रिएक्शन दिया जा रहा है, जो परेशान करने वाला है। NDTV की खबर पर तो एक-दो नहीं, बल्कि खबर लिखे जाने तक 116 ऐसे लोग थे जिन्होंने ‘हाहा’ का रिएक्शन देकर जश्न मनाया। नीचे दी गई तस्वीर में आप उनके बारे में देख सकते हैं:

फेसबुक पर ANI की खबर पर भी कई लोगों ने ऐसा ही रिएक्शन देकर जश्न मनाया। ANI ने हैलीकॉप्टर क्रैश होने के बाद धू-धू कर जलते उसके पार्ट-पुर्जों की तस्वीरें शेयर की थी और बताया था कि कैसे लोग आग बुझाने में लगे हुए हैं। खबर लिखे जाने तक 24 लोगों ने यहाँ भी ‘हाहा’ का रिएक्शन दिया था।

सबसे पहले देखिए वायु सेना का बयान।  वायु सेना ने कहा है, ”सीडीएस जनरल बिपिन रावत को लेकर जा रहा IAF Mi-17V5 हेलिकॉप्टर, तमिलनाडु के कुन्नूर के पास आज दुर्घटना का शिकार हो गया।  दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए जांच के आदेश दिए गए हैं। ”

कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने भी इस खबर के बाद फेसबुक पर एक पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने आशा जताई कि हैलीकॉप्टर में सवार जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी सहित बाकी सभी लोग सुरक्षित होंगे। हालाँकि, इस पोस्ट पर भी ‘हाहा’ का रिएक्शन देने वाले खबर लिखे जाने तक एक दर्जन की संख्या में पहुँच चुके थे।

तमिलनाडु के कुन्नूर में भारतीय वायुसेना का हैलीकॉप्टर क्रैश हो गया, जिसमें CDS (चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ) जनरल बिपिन रावत समेत 14 लोग सवार थे। भारतीय वायुसेना और नीलगिरि के प्रशासन ने पुष्टि की है कि अब तक 5 शव बरामद किए जा चुके हैं। ये हैलीकॉप्टर कोयम्बटूर से सुलुर की ओर उड़ान भर रहा था, जहाँ जनरल बिपिन रावत को लेकर कॉलेज में लेक्चर सीरीज के लिए जाना था। सुलुर से उन्हें राजधानी दिल्ली के लिए उड़ान भरना था।

स्थानीय लोगों ने भी धू-धू कर जलते हुए चॉपर से आग बुझाने में मदद की। इसकी कई तस्वीरें भी सामने आई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल लगातार इस घटना पर नजर बनाए हुए हैं और घायलों को बेहतर इलाज के लिए दिल्ली लाए जाने पर मंथन चल रहा है। बताया जा रहा है कि अचानक मौसम खराब होने के कारण ये दुर्घटना हुई।हालाँकि, शक्तिशाली इंजन वाला ये हैलीकॉप्टर सियाचिन सहित कठिन परिस्थितियों में भी उड़ान भरता है। एयर एम्बुलेंस भेजा गया है।

तमिलनाडु में Mi सीरीज का एक भारतीय सेना का हैलीकॉप्टर क्रैश हो गया है। CDS (चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ) बिपिन रावत भी उसमें सवार थे। उनके साथ उनके कुछ स्टाफ और परिवार के लोग भी इसमें सवार थे। ये दुर्घटना नीलगिरि जिले के कुन्नूर में बुधवार (8 दिसंबर, 2021) को हुई है। इस घटना का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें हैलीकॉप्टर से धुआँ निकलते हुए देखा जा सकता है और उसके पुर्जे अलग-अलग हो गए हैं। पानी डाल कर आग को बुझाया गया।

कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उस हैलीकॉप्टर में सवार थे। कोयम्बटूर और सुलुर के बीच हुए इस हादसे के बाद भारतीय सेना रेसकर ऑपरेशन चला रही है। भारतीय सेना ने इस घटना के कारणों की जाँच के लिए भी आदेश दे दिए हैं। जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत सहित इसमें कुल 14 लोग सवार थे। स्थानीय लोगों ने बताया कि 80% जली हुई दो बॉडीज को नजदीकी अस्पताल में ले जाया गया है। उन्होंने बताया कि निचले इलाके में कुछ और बॉडीज पड़े हुए देखे जा सकते हैं।

आसपास के सभी बसों के अगल-बगल के इलाकों में भारतीय सेना सर्च एवं रेसुए ऑपरेशन चला रही है। तीन लोगों को बचा भी लिया गया है। ये सभी गंभीर रूप से घायल हैं, जिन्हें इलाज के लिए वेलिंग्टन कैंटोनमेंट के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। चौथे व्यक्ति के लिए तलाश जारी है। ये हैलीकॉप्टर Mi-17V5 मॉडल का था। इस हैलीकॉप्टर में एक ब्रिगेडियर रैंक का अधिकारी, एक अन्य अधिकारी और दो पायलट भी मौजूद थे। घटनास्थल पर स्थानीय लोग, भारतीय सेना के जवान और कई पुलिसकर्मी भी मौजूद हैं।

CDS जनरल बिपिन रावत 1958 – 2021

हेलीकॉप्‍टर में चीफ ऑफ डिफेंस स्‍टाफ, जनरल बिपिन रावत भी सवार थे। भारतीय वायुसेना का एक हेलीकॉप्‍टर तमिलनाडु के नीलगिरि जिले में दुर्घटनाग्रस्‍त हो गया है। ट्वीट में कहा गया है, ‘वायुसेना के Mi-17V5 हेलीकॉप्‍टर,जिसमें सीडीएस जनरल बिपिन रावत सवार थे आज कूनूर (तमिलनाडु ) के निकट दुर्घटनाग्रस्‍त हो गया।

‘पुरनूर’ कोरल, चंडीगढ़/नयी दिल्ली :

भारत के चीफ ऑफ़ आर्मी डिफेन्स स्टाफ (CDS) विपिन रावत का आज 8 दिसंबर,2021 को हेलीकाप्टर दुर्घटना में निधन हो गया। वो 64 वर्ष के थे। जनरल रावत सहित 14 लोगों को कोयम्बटूर से सुलुर ले जा रहा भारतीय वायुसेना का हेलीकाप्टर कुन्नूर में क्रैश हो गया। सेना ने इसकी आधिकारिक पुष्टि कर दी है। प्रधानमंत्री, गृहमंत्री समेत तमाम हस्तियों ने उनके निधन पर गहरा शोक जताया है। उनके निधन से देश भर में दुःख की लहर दौड़ गई है।

तमिलनाडु के कुन्नूर में आज हुए हेलिकॉप्टर हादसे में उनकी, पत्नी और 11 अन्य अफसरों के साथ मौत हो गई। भारतीय वायुसेना ने सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और 11 अन्य लोगों की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत की पुष्टि की है।

तमिलनाडु में दुर्घटनाग्रस्त हुए सैन्य हेलिकॉप्टर में 14 लोग सवार थे। इनमें CDS जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत, ब्रिगेडियर एलएस लिद्दर, लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह, एनके गुरसेवक सिंह, एनके जितेंद्र कुमार, एल/नायक विवेक कुमार, एल/नायक बी साई तेजा, हवलदार सतपाल शामिल थे। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दुर्घटना को लेकर प्रधानमंत्री मोदी को ब्रीफ किया है। वहीं, दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए भारतीय वायु सेना ने जाँच के आदेश दिए हैं।

जनरल बिपिन रावत के निधन पर पीएम मोदी ने दुख जताते हुए ट्वीट किया, ‘जनरल बिपिन रावत एक उत्कृष्ट सैनिक थे. एक सच्चे देशभक्त, उन्होंने हमारे सशस्त्र बलों और सुरक्षा तंत्र के आधुनिकीकरण में बहुत योगदान दिया। सामरिक मामलों पर उनकी अंतर्दृष्टि और दृष्टिकोण असाधारण था. उनके निधन से मुझे गहरा दुख पहुंचा है, शांति.’

हादसे के बारे में रक्षा मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पूरी जानकारी दी है वहीं इस हादसे के बारे में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कल (गुरुवार) संसद में बयान देंगे। वायुसेना ने कहा कि हादसे की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। वायुसेना का एमआई-17वीएच हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुआ है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी को तमिलनाडु में सैन्य विमान दुर्घटनास्थल पर भेजा. रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक चल रही है।

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत वायुसेना के एमआई-17वीएच हेलीकॉप्टर से बुधवार दोपहर करीब तीन बजे निर्धारित लेक्चर देने के लिए कुन्नूर जिले के वेलिंगटन स्थित डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज जा रहे थे। हेलिकॉप्टर ने सुलूर एयरबेस से उड़ान भरी थी और वेलिंग्टन जा रहा था। इस दौरान हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया. सेना ने दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए जांच के आदेश दे दिए हैं।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दुर्घटनास्थल से अब तक सभी शव बरामद किए गए हैं। वहीं 14 में से 13 के मौत का भी दावा किया जा रहा है। साथ ही 1 घायल को हॉस्पिटल ले जाया गया है। हेलिकॉप्टर में सवार अन्य लोग ब्रिगेडियर एल.एस. लिद्दर, लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह, नायक गुरसेवक सिंह, नायक जितेंद्र कुमार, नायक विवेक कुमार, नायक बी. साई तेजा, हवलदार सतपाल और पायलट शामिल थे।

वहीं तमिलनाडु के फॉरेस्ट मिनिस्टर के अलावा वायुसेना प्रमुख सहित कई अधिकारी और नेता घटनास्थल पर मौजूद हैं।

बता दें कि जनरल रावत का जन्म 16 मार्च 1958 को उत्तराखंड के पौड़ी में हुआ था। जनरल रावत के परिवार की पृष्ठभूमि भी सेना से जुड़ी है। उनके पिता लक्षमण सिंह रावत भी सेना में लेफ्टिनेंट जनरल के पद से रिटायर हुए थे। वहीं उनकी माता नामी राजनेता और उत्तरकाशी से पूर्व विधायक किशन सिंह परमार की बेटी थीं। जनरल रावत की आरम्भिक शिक्षा कैरेबियन हॉल देहरादून से हुई थी। उनकी उच्च शिक्षा शिमला के सेंट एडवर्ड स्कूल से पूरी हुई।

होमगार्ड जवान प्रकाश नेगी को तिवारी ने बहादुरी के लिए किया सम्मानित

चंडीगढ़ :
बहादुर होमगार्ड जवान
प्रकाश नेगी, जिसे  ड्यूटी के दौरान अपराधी द्वारा गोली मार दिया गया था व जो काफी गंभीर स्थिति मे सेक्टर 32 अस्पताल मे दाखिल किया गया था, को  आज अस्पताल से छुट्टी होने के बाद उनके निवास स्थान पर जाकर पुष्पगुच्छ देकर समाजसेवी एवं अध्यक्ष पूर्वांचल विकास महासंघ ट्राईसिटी चंडीगढ़ शशिशंकर तिवारी ,विशाल सिंह और शशिकांत ने हौसला बढ़ाया और भगवान से प्रार्थना किया की जल्द से जल्द स्वस्थ होकर जनता की सेवा में लगे और चंडीगढ़ डीजीपी से मांग किया की ऐसे बहादुर जवान को चंडीगढ़ पुलिस में स्थाई कॉन्स्टेबल का पद देने की मांग की। 

Devotees Attribute to Guru Nanak’s Teachings in Letter and Spirit

‘Purnoor’ Koral, Chandigarh:

There is only one Gurdwara in Chandigarh where langar is not served but still there is uninterrupted service of langar. One has to wait for two months to offer langar service at Gurdwara Nanaksar located in Sector-28.

There are no Golaks. There is no need to ask, whoever has to do seva should come and do seva according to devotion.

Baba Gurdev Singh says that sangats are waiting for their turn to serve. In the Gurdwara, langar is served at all three times. People bring langar from their homes. If one wants to set up a langar, he has to wait for at least two months. Some serve in the morning, some in the afternoon and some at night. It is continuous recipe of Akhand Path all the time. Kirtan is performed every day from 7 am to 9 pm and from 5 pm to 9 pm. The Diwan prostrates on the day of the new moon every month.

All sorts of arrangements were made for the needy even during the Corona period.

Gurdwara Nanaksar was built on the day of Diwali. Baba Gurdev Singh, head of Nanaksar Gurdwara in Chandigarh, says that it has been more than 50 years since the construction of this Gurdwara. Spread over an area of ​​2.5 acres, the Gurdwara also has a library and offers free dental treatment.

The annual fair is held in March every year. This annual festival lasts for seven days. It attracts a large number of people from all over the world. During this time a huge bloody camp was set up.

Although many arrangements have been made as a precautionary measure due to Corona, the service continues.

What is left after the sangat’s langar is sent to PGI in addition to the hospitals in Sector-16 and 32, so that people can also take prasad there. This has been going on for years.

The headquarters is near Ludhiana

It is headquartered at Nanaksar Clare, near Ludhiana. Amritpan is done twice a year. Gurdwara Nanaksar has 30 to 35 persons including ragi pathis and sevadars. Apart from Chandigarh, Haryana, Dehradun and abroad, there are more than 100 Nanaksar shrines in USA, Canada, Australia, New Zealand and England.

संसद में कानून रोल बैक होगा तभी मोदी की बात पर भरोसा होगा

‘पुरनूर’ कोरल, चंडीगढ़/उत्तराखंड :

काशीपुर ,उत्तराखंड के महानगर अध्यक्ष संदीप सहगल ने कृषि कानून की एक ओर जहां सराहना की और किसानों को शुभकामनाएं दें वहीं यह भी कहा कि एक साल पहले भी इस कानून को रोल बैक किया जा सकता था । साल भर प्रतिकूल और विषम परिस्थितियों में किसान आंदोलन पर बैठे रहे और कई किसानों की शहादत भी हुई उसकी भरपाई कौन करेगा ।

एमएसपी पर प्रधानमंत्री द्वारा एम एस पी पर कोई बात ना करने की संदीप सहगल ने निंदा करते हुए कहा घोषणा तब तक सार्थक नहीं होती जब तक संसद में इसे अमलीजामा नहीं बनाया जाता।