चण्डीगढ़ से केदारनाथ धाम में लंगर लगाने गए समाजसेवियों के साथ दुर्व्यवहार : आहत व निराश स्वयंसेवक वापिस लौटे
- अनेक स्थानीय हिन्दू संगठन भंडारा सेवा बहाल करवाने के लिए हुए एकजुट
- चण्डीगढ़ वालों का मान-सम्मान बढ़ाना है, केदारनाथ में भंडारा फिर से लगाना है-के स्लोगन के साथ जनता के बीच जाएंगे : नरेश गर्ग
डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़, 06 जून :
ओम महादेव कांवड़ सेवा दल के सदस्यों को श्री केदारनाथ धाम में लगाए गए भंडारे लंगर में उस समय अप्रिय स्थिति का सामना करना पड़ा जब वहां कुछ स्थानीय दुकानदारों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया। आरोप है कि ना केवल उनके साथ मारपीट की गई, बल्कि भंडारे के टैंट को आग लगाने तक का भी प्रयास किया गया। संस्था के मुख्य पदाधिकारियों नरेश गर्ग, गौरव श्रीवास्तव व हनी गुलाटी आदि ने बताया कि इस मामले में स्थानीय प्रशासन व पुलिस ने भी उनसे कोई सहयोग नहीं किया, जिस कारण उन्हें मजबूरन वापिस लौटना पड़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि स्थानीय अधिकारियों का रवैया बिलकुल भी न्यायपूर्ण एवं सहयोगात्मक नहीं था जिस कारण वे बेहद आहत व निराश हैं।
आज वापिस लौटे पदाधिकारियों ने एक बैठक करके निर्णय लिया कि स्थानीय हिन्दू संगठनों, राजनीतिज्ञों व जनता का समर्थन जुटा कर भंडारा सेवा बहाल करवाने के पुरजोर प्रयास करेंगे। इसी सिलसिले में उन्होंने अनेक हिन्दू नेताओं व संगठनों के साथ मुलाकात करके समर्थन माँगा, जिस पर सभी ने एकजुटता दिखाई। नरेश गर्ग ने बताया कि-चण्डीगढ़ वालों का मान-सम्मान बढ़ाना है, केदारनाथ में भंडारा फिर से लगाना है-के स्लोगन के साथ वे जल्द ही एक अभियान छेड़ेंगे व जनता के बीच जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि संस्था द्वारा पिछले दिनों भंडारे के लिए राशन से भरे पांच ट्रकों की रवानगी की गई थी। भंडारा 2 जुलाई तक लगाने का कार्यक्रम था, जिसमें रोजाना 20 से 25 हजार श्रद्धालुओं के लिए 24 घंटे नि:शुल्क भंडारा चलाया जाना था। इसमें भोजन, पेयजल, रहने की व्यवस्था, और जरूरतमंदों के लिए दवाइयों की सुविधा भी सेवादारों द्वारा उपलब्ध कराई थी।
सेवा दल द्वारा चंडीगढ़ से 108 वॉलंटियर युवकों की एक टीम केदारनाथ में सेवा हेतु भेजी गई थी। इसके अतिरिक्त, प्लास्टिक के उपयोग को कम करने की एक अभिनव पहल के तहत 10,000 कपड़े के थैले भी भेजे गए थे, जिससे वहां पॉलिथीन का उपयोग कम से कम हो।