आम आदमी पार्टी का साथ , अब विधायक कुलजीत रंधावा के PA की चौकी इंचार्ज से पैसे मांगने की ऑडियो वायरल

विक्रम धवन का दावा है कि उसके पास इस आरोप से संबंधित अन्य दस्तावेज भी हैं जो वह समय आने पर दिखाएंगे। यह आडियो रिकार्डिग दैनिक जागरण के पास भी है। डेराबस्सी विधायक कुलजीत रंधावा से जब इस बारे बात की गई तो उन्होंने कहा कि विक्रम धवन का दिमागी संतुलन ठीक नहीं है। वह पहले भी सीएम विंडो पर ऐसी बेबुनियाद शिकायतें डालता रहता है। वह हमारी पार्टी का ही कार्यकर्ता है, लेकिन वह ऐसी हरकतें करता रहता है। जहां तक आरोप की बात है यह सरासर झूठ है। किसी ने भी बरमा सिंह से पैसे नहीं मांगे।

नरेश शर्मा भारद्वाज, डेमोक्रेटिक फ्रंट, जालंधर/चंडीगढ़ :

विवादों से आम आदमी पार्टी का चोली दामन का नाता है अब डेराबस्सी से आम आदमी पार्टी के विधायक कुलजीत रंधावा के pa नितिन लूथरा ने बलटाना पुलिस चौकी इंचार्ज से एक लाख रुपए की रिश्वत माँगने की रिकॉर्डिंग खूब वायरल हो गयी है। रुपए न देने पर चौकी इंचार्ज बर्मा सिंह का तबादला कर दिया गया है।इसकी शिकायत आम आदमी पार्टी के ही नेता विक्रम धवन ने मुख्यमंत्री भगवंत मान की एंटी करप्शन हेल्पलाइन नंबर 95012-00200 पर भेजी है। इस संबंध में विधायक कुलजीत रंधावा ने कहा, ‘मेरे किसी आदमी ने कोई पैसा नहीं मांगा। अगर मेरे वर्कर के पैसे मांगने की बात साबित होती है तो मैं उस पर पर्चा दर्ज करवाकर कार्रवाई कराऊंगा।

विक्रम धवन ने इस संबंध में मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा जारी किए गए एंटी क्रप्शन हेल्पलाइन नंबर (9501200200) पर विधायक रंधावा व उसके पीए नितिन लूथरा के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है। विक्रम धवन की यह शिकायत नंबर (2 एमजेएम 29) रजिस्टर्ड कर ली गई है। इससे पहले भी आम आदमी पार्टी के विधायक और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री विजय सिंगला पर भी रिश्वत लेने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था। सिंगला इन दिनों जमानत पर हैं।

शिकायकर्ता विक्रम धवन बलटाना स्थित वार्ड नंबर-4 से आम आदमी पार्टी के इंचार्ज हैं। विक्रम ने कहा कि जब बरमा सिंह बलटाना चौकी इंचार्ज थे तो उनका एक मामला थाने में विचाराधीन था। इस बीच बरमा सिंह को अचानक चौकी इंचार्ज से हटाकर जीरकपुर थाने में लगा दिया गया। इस बाबत विक्रम धवन ने बरमा सिंह को अपने केस का स्टेटस जानने के लिए उनसे फोन पर संपर्क किया। विक्रम के अनुसार संपर्क करने पर चौकी इंचार्ज बरमा सिंह ने उसे कहा कि उससे विधायक कुलजीत रंधावा के पीए नितिन लूथरा ने एक लाख रुपये मांगे थे, जब उसने नहीं दिए तो उसका तबादला करवा दिया गया। इस बातचीत को विक्रम धवन ने रिकार्ड कर लिया। इसके बाद उन्होंने एंटी क्रप्शन नंबर पर शिकायत और यह रिकार्डिंग सुबूत के तौर पर भेज दी।

विक्रम धवन का दावा है कि उसके पास इस आरोप से संबंधित अन्य दस्तावेज भी हैं जो वह समय आने पर दिखाएंगे। यह आडियो रिकार्डिग दैनिक जागरण के पास भी है।

डेराबस्सी विधायक कुलजीत रंधावा से जब इस बारे बात की गई तो उन्होंने कहा कि विक्रम धवन का दिमागी संतुलन ठीक नहीं है। वह पहले भी सीएम विंडो पर ऐसी बेबुनियाद शिकायतें डालता रहता है। वह हमारी पार्टी का ही कार्यकर्ता है, लेकिन वह ऐसी हरकतें करता रहता है। जहां तक आरोप की बात है यह सरासर झूठ है। किसी ने भी बरमा सिंह से पैसे नहीं मांगे।

वहीं विधायक के पीए नितिन लूथरा ने कहा कि विक्रम धवन ने जो शिकायत दी है वह झूठी है। अगर उसने यह शिकायत दी है और उसके पास अगर कोई प्रूफ है तो वह उसे दिखाए। अगर उसने शिकायत की है तो मैं भी हायर अथारिटी में उसके खिलाफ शिकायत करूंगा। आरोप कोई भी किसी पर भी लगा सकता है। अगर उसकी शिकायत होगी तो अपना दिमागी संतुलन ठीक ना होने का बहाना बना देता है।

वहीं पूर्व बलटाना चौकी इंजार्ज बरमा सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मेरी तबियत ठीक नहीं है। मुझे बुखार है। मैं अभी बात नहीं कर पाऊंगा।

गढ़वाल सभा चण्डीगढ़ के प्रधान विक्रम बिष्ट ने उतराखण्ड समाजोत्थान सगंठन द्वारा आयोजित वृक्षारोपण शिविर का किया शुभारम्भ

चण्डीगढ़ संवाददाता, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकूला :

उतराखण्ड समाजोत्थान सगंठन पंचकूला ने सैक्टर 26, हाऊसिंग बोर्ड कॉलोनी में स्थानीय पार्क मे पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ गढ़वाल सभा, चण्डीगढ़ के प्रधान विक्रम बिष्ट ने किया। संगठन के उपस्थित सदस्यों के साथ सभी आए हुए सभी अतिथियों ने भी पौधा रोपित किया और वृक्षारोपण करने हेतु बरगद ,पीपल, नीम‌, आंवला, बेल पत्र, शहतूत आदि विभिन्न प्रकार के पौधे भी बांटे गए। इस मौके वीरेन्द्र रावत ने बताया कि इस वर्ष उतराखण्ड समाजोत्थान सगंठन पंचकूला ने वृक्षारोपण को चिपको आंदोलन की जननी एवं प्रथम वृक्ष मित्र पुरस्कार से सम्मानित श्रीमती गौरा देवी की याद मे आयोजित किया है और पौधों का महत्व बताते हुए कहा कि हमें भविष्य को सँवारना है तो वर्तमान में अधिक से अधिक पौधे लगाने होंगे   उन्होंने कहा कि केवल मात्र पौधारोपण करने से ही अपने कार्य की इतिश्री नही कर लेनी चाहिए, अपितु पौधा लगाने के बाद उसकी समय- समय पर देखभाल करनी भी जरूरी है, ताकि यह पौधा बड़ा होकर वृक्ष बन सके।

इस अवसर पर विशेष अतिथि के तौर पर श्रीमती वैशाली कंसल, पमरजीत कौर, सिद्धार्थ राणा, जय कौशिक, मोहिंदर रावत, डी एम नेगी एवं उतराखंड ट्राई सिटी की सभा समितियों के पदाधिकारी एवं सगंठन के सदस्य सुधीर रावत, बबलू रामगढ़िया, शारू डिमरी, सोनू रावत, विक्रम गुसाईं, उमेश, अनिल राणा, मुकेश भारद्वाज, कमल जोशी, आर्य पुनीत देसवाल, महीपाल नेगी, सुरेंदर सिंह, पुष्कर चौहान, बलबीर रावत के साथ स्थानीय लोग भी उपस्थित रहे।

पूर्णाहुति के पश्चात् संपन्न हुआ साप्ताहिक संगीतमय विश्वकर्मा महापुराण कथा

  • कथा व्यास के सुंदर भजन की प्रस्तुति से मंत्र मुग्ध हुए श्रद्धालु

चंडीगढ़ संवाददाता, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ जुलाई – 22

 गुरु पूर्णिमा के अवसर पर रामदरबार  स्थित श्री विश्वकर्मा मंदिर में चल रही साप्ताहिक संगीतमय श्री विश्वकर्मा महापुराण कथा पूर्णाहुति के साथ सम्पन्न हो गई।

पूर्णाहुति से पूर्व भगवान श्री विश्वकर्मा जी विधि विधान के साथ कि गई जिसके उपरांत  कथा व्यास श्री विश्वकर्मा दास दर्शन धीमान ने भगवान विश्वकर्मा जी के बारे में बताया और भगवान के भजनों को गाकर , मुझे नही है शब्द का ज्ञान व अन्य भजन श्रद्धालुओं को सुनकर भाव विभोर कर दिया। 

इस मौके पर विश्वकर्मा शंकराचार्य महंत जय कृष्ण व गुग्गा माड़ी मंदिर सेक्टर 36 की सह-संचालिका व विश्वकर्मा महिला मंडल की महामंडलेश्वर माता सुरिंद्रा देवी ने सभी को भारत देश की संस्कृति से जुड़े रहने की अपील की ताकि भारत की संस्कृति को बरकरार रखा जा सके और धार्मिक चिन्हों की पहचान आने वाली पीढ़ियों में बनी रहे। इस दौरान  महामंडलेश्वर माता सुरिंदरा देवी ने सूंदर भजन गाए। उन्होंने अपने भजनों मेंहम सब मिलकर, आएं दाता तेरे दरबार व अन्य भजन गाए।

कथा के उपरांत भव्य हवन किया गया जिसमें मंदिर के सदस्यों में प्रधान रामजी लाल विश्वकर्मा, महामंत्री अयोध्या विश्वकर्मा, चेयरमैन सुनील धीमान, उपप्रधान माता राम धीमान, सेक्रेटरी पन्ना लाल,  सलाहकार कन्हैया लाल, प्रचार सेक्रेटरी राम प्रसाद, बसंता लाल,      कैशियर राजिंदर कुमार, ऑफिस सेक्रेट्री मनोज कुमार, सलाहकार राजेश कुमार व तेजपाल धीमान , मंदिर के पंडित बुचन दुबे, अशोक कुमार कमल,  व अन्य उपस्थित थे।

टाटा स्टील के दरवाजे और खिड़कियों के लिए हल्द्वानी में खुली टाटा प्रवेश डीलरशिप 

संवाददाता, डेमोक्रेटिक फ्रंट, हल्द्वानी , 13 जुलाई, 2022:

टाटा स्टील के पोर्टफोलियो में शामिल हुए नए दिग्गज ब्रांड- टाटा प्रवेश ने आज यहां के आर गिलास एंड प्लाईवुड, शीश महल, नजदीक सेंट थेरेसा स्कूल, बरेली नैनीताल रोड, हल्द्वानी ने अपनी नयी डीलरशिप लॉन्च की, जहां स्टील के दरवाजों से लेकर खिड़कियों तक की शानदार और मजबूत रेंज मिलेगी। इस मोके पर मुख्य अतिथी जोगेंद्र सिंह रौतेला, मेयर, हल्द्वानी रहे I

रजत गर्ग, डीलरशिप मालिक, टाटा प्रवेश, ने कहा, ‘टाटा प्रवेश के प्रत्येक उत्पाद में स्टील की ताकत और लकड़ी की सुंदरता है। इसके अत्याधुनिक उत्पाद टिकाऊ होते हैं और घर में पक्की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। स्टील की ताकत और लकड़ी की सुंदरता के मेल वाले, टाटा प्रवेश दरवाजे और खिड़कियां कीमत, गुणवत्ता, टिकाऊपन और सुरक्षा के मामले में उपयोगकर्ताओं को पूर्ण मानसिक शांति प्रदान करते हैं।’

लकड़ी के दरवाजों के मामले में सबसे बड़ा खतरा दीमक का होता है। इसी तरह के अन्य खतरों के लिए भी सर्वोच्च प्रतिरोध सुनिश्चित करने के लिए अत्याधुनिक तकनीक से हाई ग्रेड स्टील वाले दरवाजे बनाए जाते हैं। पूर्णता के हिसाब से तैयार, टाटा का हर उत्पाद गुणवत्ता और फिनिश में एक समान है। इसकी बनावट असली लकड़ी जैसी दिखती है। दरवाजों और खिड़कियों के लिए यहां एक ही स्थान पर सारे समाधान मिल जाते हैं।

टाटा प्रवेश ने सभी प्रकार की आवासीय और व्यावसायिक आवश्यकताओं के लिए उपयुक्त और मजबूत स्टील के दरवाजों की एक विस्तृत रेंज पेश की है। उच्च तकनीक से इन दरवाजों में  प्रीमियम लकड़ी जैसी सजावट दी जाती है और इनमें नुकसान, दरारों और टेढ़े-मेढ़े होने की संभावना न के बराबर है। बेहतर क्वालिटी वाली गैल्वेनाइज्ड आयरन शीट से निर्मित, टाटा प्रवेश दरवाजे मजबूत और लंबे समय तक चलने वाले होते हैं, जबकि ये पारंपरिक लकड़ी के दरवाजे जैसे ही दिखते हैं। 

रजत गर्ग ने आगे कहा, ‘कमर्शियल डोर्स की रेंज के साथ, हम देश भर में निजी और सार्वजनिक कार्यालयों, स्कूलों, अस्पतालों, कारखानों, गोदामों, रिटेल स्टोर्स, होटलों जैसे प्रतिष्ठानों को अपनी सेवाएं देते हैं। टाटा प्रवेश पर प्लेन स्टील फिनिश वाले दरवाजे, विजन पैनल के दरवाजे, फायर-रेटेड डोर्स और साथ ही कमर्शियल स्पेस के अनुरूप फुल ग्लास डोर भी मिलते हैं।’

बाहुड़ा यात्रा: घर लौटे भगवान जगन्नाथ

बाहुड़ा यात्रा हुई संपन्न, बलभद्र और सुभद्रा संग श्री जगन्नाथ मौसी के घर से लौटे वापस

चंडीगढ़ संवाददाता, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़, 9 जुलाई :

उत्कल सांस्कृतिक संघ जगन्नाथ मंदिर सेक्टर 31 स्थित गुंडीचा मंदिर से नौ दिन के बाद भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र एवं बहन सुभद्रा के साथ बाहुड़ा कर श्री मंदिर लौटे।  तुलसी व चन्दन जल का छिड़काव कर रथ के चारों ऑर झाडू लगाकर छेरा पोंहरा का रस्म अदा किया। वहीं, पुजारी गौतम पंडा, मिहिर मिश्र, संतोष द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण कर पूजा विधि संपन्न की। इस दौरान घंटा, झाल, शंख और ‘हरि बोल’ के उच्चारण के बीच देवताओं को गुंडिचा मंदिर से बाहर लाया गया और उन्हें  ‘पहंडी’  जुलूस के जरिए रथ पर ले जाया गया।

घर लौटे भगवान जगन्नाथ

बता दें कि बहुदा यात्रा 12 वीं शताब्दी के जगन्नाथ मंदिर के गर्भगृह में भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ की वापसी का प्रतीक है, जिसे नीलाद्री बीज कहा जाता है।

उत्कल सांस्कृतिक संघ के सांस्कृतिक सचिव अनिल मालिक के अनुसार हेरा पंचमी की एक परंपरा में भगवान को ढूंढ़ते हुए देवी लक्ष्मी गुंडिचा मंदिर जाती हैं। यहां किसी बात से गुस्सा होकर भगवान के रथ का एक पहिया तोड़कर श्रीमंदिर चली आती हैं। द्वादशी पर श्रीमंदिर में लक्ष्मी जी के निर्देश से द्वैतापति दरवाजा बंद कर देते हैं फिर भगवान जगन्नाथ लक्ष्मी जी को मनाकर मंदिर में प्रवेश करते हैं।

भक्तों को दर्शन देने के बाद मौसी के घर रुके थे प्रभु

पारंपरिक कथानुसार भगवान औषधीयुक्त काढ़ा पीकर स्वस्थ होते और भक्तों को दर्शन देने मंदिर से निकलते हैं। इसके बाद देर रात अपनी मौसी के यहां पहुंचते है। यहां भगवान करीब 8 दिनों तक मौसी के घर रहने के बाद वापस मंदिर लौटते हैं।

9 जुलाई को भगवान की मंदिर में वापसी हुई। ज्ञात हो कि 24 जून को स्नान करने के बाद भगवान बीमार हो गए थे, इसके बाद स्वास्थ्य को ठीक करने के लिए काढ़ा पिलाया गया। 30 को स्वस्थ हुए और 1 जुलाई को दर्शन के लिए मंदिर से बाहर निकले थे और भक्तों ने रथयात्रा पर्व मनाया। मंदिर में कल भगवान जगन्नाथ बहन सुभद्रा व भाई बलभद्र के सोना वेश दर्शन की तयारी चल रही है। 

निद्रा में रहेंगे भगवानमांगलिक कार्यों पर ब्रेक

मौसी के घर से वापस भगवान मंदिर के गर्भगृह में विराजित होंगे। इसके बाद वे निंद्रा में रहेंगे। बता दें कि वे जब तक निंद्रा में रहेंगे मांगलिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं होगा। इसके लिए उनके उठने का इंतजार करना होगा। भगवान देव उठानी एकादशी के दिन उठेंगे। उसी दिन से मांगलिक कार्य शुरू होंगे।

इस अवसर पर विशेष तौर पर संस्था के वाइस चेयरमैन एसके भुयान व अध्यक्ष एसएस पटनायक उपाध्यक्ष ब्रजा कुमार, सुशांत कुमार नायक, अरुण कुमार, सह सचिव बसंत कुमार दास, सदस्य पीएन मलिक, दिवाकर जी, कोषाध्यक्ष दीपक कुमार मौजूद रहे।

मैनपुरी में महाभारत कालीन हथियार मिलने से ASI की बढ़ी उत्सुकता

विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में एक खेत के नीचे संयोग से 4000 पुराने तांबे के हथियार मिले हैं। हथियारों के इस संग्रह के गहन अध्ययन से यह द्वापर युग का लगता है. एएसआई के आर्कियोलॉजी के निदेशक भुवन विक्रम का दावा है कि तांबे के ये हथियार ताम्र पाषाण काल (कॉपर एज) के बताए जा रहे हैं।

यूपी (ब्यूरो) डेमोक्रेटिक फ्रंट, मैनपुरी/ इटावा – 24 जून :

उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में एक खेत से मिले चार हजार साल पुराने हथियारों ने पुरातत्वविदों की उत्सुकता बढ़ा दी है इन हथियारों को भगवान श्रीकृष्ण काल यानी द्वापर युग का बताया जा रहा है। तांबे के हथियारों की जांच के बाद जो शोध परिणाम आए हैं, उससे आर्कियोलॉजिस्ट काफी रोमांचित हैं। प्राचीन काल में भी भारतीय लड़ाकों के पास उन्नत हथियार थे, इसका पता चलता है। लड़ाके बड़े हथियारों से लड़ाई करते थे. वे बड़ी तलवारों का इस्तेमाल करते थे। करीब चार फीट तक लंबे हथियार उस समय होते थे। हथियार काफी तेज और सोफिस्टिकेटेड आकार के होते थे। स्टारफिश के आकार के हथियारों का प्रयोग किया जाता था.सवाल यह भी है कि क्या इन हथियारों का प्रयोग कुरुक्षेत्र में हुई महाभारत की लड़ाई में भी प्रयोग किया गया था ? इन सवालों के जवाब शोध के बाद ही मिलेंगे। बहरहाल, आर्कियोलॉजिस्टों ने हथियारों की जांच के बाद इसे ‘रोमांचक’ करार दिया है।

मामला थाना कुरावली क्षेत्र के ग्राम गणेशपुरा का है। यहां के निवासी बहादुर सिंह उर्फ फौजी पुत्र अमित सिंह का एक खेत टीले पर है। वह टीले की खुदाई कराकर उसका समतलीकरण करा रहे थे। शुक्रवार को रात मजदूर जेसीबी की सहायता से टीले को समतल करने में जुटे थे। तभी बताते हैं कि रात एक बजे खुदाई के दौरान मिट्‌टी से एक बक्सा निकला।

शनिवार को गणेशपुर के खेत में खोदाई में इतिहास का खजाना मिला। गणेशपुर निवासी बहादुर सिंह फौजी मलावन रजवाहा की पटरी से लगे अपने खेत के टीले को जेसीबी से समतल करा रहे थे। जैसे ही टीला ढहाया, उसके अंदर से प्राचीन तांबे के हथियार मिले, जिनमें तलवारें, भाले, कांता, त्रिशूल आदि निकले। एसडीएम वीके मित्तल इस सूचना पर गांव पहुंचे और खेत के टीले को सील करा दिया। गिनती करने पर तांबे के 39 हथियार पाए गए, जिन्हें पुरातत्व विभाग को सौंप दिया गया। गांव में जैसे ही प्राचीन हथियार जमीन से निकलने की सूचना फैली, लोगों का जमावड़ा लग गया।

तांबे की तलवार, हथियार ईसा पूर्व 1800 से 1200 के बीच माने जाते हैं। गंगा बेल्ट में सबसे पहले यह 1822 में कानपुर के बिठूर में बड़ी संख्या में पाए गए। गंगा और यमुना के बीच में बसे शहरों आगरा, एटा, मैनपुरी, कानपुर इस तरह की ताम्रनिधियों के गढ़ हैं। पुरातात्विक दृष्टि से यह उन लोगों की संस्कृति का बड़ा केंद्र रहे हैं, जो ताम्रनिधियों का उपयोग करते रहे हैं। कुछ समय पहले बागपत के सिनौली में तांबे से बनी तलवार और खंडित पुरावशेष मिले थे, जिसमें तलवार और म्यान दोनों तांबे की थीं। हालांकि इन ताम्रनिधियों और सिनौली के बीच कोई समानता नहीं है।

एसडीएम कुरावली वीके मित्तल ने बताया कि पुरातत्व विभाग की टीम की जांच के बाद ही प्राचीन अस्त्रों के संबंध में जानकारी हो सकेगी। इस संबंध में उच्चाधिकारियों सहित शासन को सूचना दे दी गई है।

आगरा सर्किल के अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ. राजकुमार पटेल ने बताया कि प्रारंभिक तौर पर देखने में यह ताम्रनिधियां ईसा पूर्व 1800 की लगती हैं। एटा, मैनपुरी, आगरा और गंगा बेल्ट इस तरह की ताम्रनिधियों की संस्कृति वाले क्षेत्र रहे हैं। हमारी टीम सोमवार को जगह का निरीक्षण करने जाएगी। संभव है कि यहां और ताम्रनिधियां निकल आएं। यह 3800 साल से ज्यादा पुरानी हैं।

उतराखण्ड समाजोत्थान सगंठन ने मनाया योग दिवस

पंचकूला : उतराखण्ड समाजोत्थान सगंठन, पंचकूला द्वारा आज अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर श्री पशुपतिनाथ शिव मंदिर, एमडीसी, सैक्टर 6, पंचकूला में सुबह 6:30 बजे से योग शिविर का आयोजन किया गया। योग  शिविर में सगंठन के सदस्यों ने विशिष्ट रुचि दिखाते हुये उत्साहपूर्वक भाग लिया। योग शिविर के पश्चात, योग की महत्ता को समझते हुये सगंठन के सदस्यों द्वारा योग के प्रति अन्य लोगों को प्रेरित करने का संकल्प भी लिया। इस शिविर में  सगंठन के पदाधिकारी वीरेन्द्र रावत, एडवोकेट कमल जोशी, सुधीर रावत, सोनु रावत, अर्नव रावत, पुष्कर चौहान, शारू डिमरी, पंडित पवन शर्मा, बलबीर रावत, शिवानी डिमरी आदि शामिल हुए।

‘मेरी याददाश्‍त चली गई है’, सत्‍येंद्र जैन ने ED के सवालों पर द‍िया ये जवाब

साल 2017 में आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में केंद्रीय जाँच ब्यूरो (CBI) ने मनी लॉन्ड्रिंग के तहत सत्येंद्र जैन के खिलाफ FIR दर्ज की थी। इसी शिकायत के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय ने AAP नेता के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया था। जाँच एजेंसी ने ये आरोप लगाया था कि जैन चार कंपनियों से मिली फंडिंग के स्त्रोत के बारे में नहीं बता सके थे, जबकि वो उसमें शेयर होल्डर थे। इन कंपनियों ने कथित तौर पर 2010 से 2014 तक 16.39 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग की थी।

  • धन शोधन मामले में मंत्री सत्येंद्र जैन और करीबियों पर मामला दर्ज
  • ईडी ने छानबीन के दौरान कैश और सोना बरामद किया था
  • ईडी के सामने बोले जैन, कोरोना के कारण मेरी याददाश्त ही चली गई

नयी दिल्ली(ब्यूरो) डेमोक्रेटिक फ्रंट, नयी दिल्ली :

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका पर अपना आदेश मंगलवार को सुरक्षित रख लिया। जैन को मनी लॉड्रिंग के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार किया है। विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने ईडी के साथ ही जैन की दलीलों को सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। एजेंसी ने धन शोधन रोकथाम कानून की आपराधिक धाराओं के तहत जैन को हिरासत में लिया था, वह अभी न्यायिक हिरासत में हैं।

सुनवाई के दौरान ईडी ने बताया कि एक सवाल पूछे जाने के दौरान सत्येन्द्र जैन ने कहा कि उन्हें कोरोना हुआ था और इसके कारण उनकी याददाश्त चली गई। हवाला से जुड़े कुछ कागजातों के सम्बन्ध में सत्येन्द्र जैन से ईडी सवाल कर रही थी। ईडी ने बताया कि सत्येंद्र जैन से कुछ कागजात के बारे में सवाल किए गए थे। जैसे हवाला से पैसा पाने वाले ट्रस्ट से सत्येंद्र जैन का क्या कनेक्शन है, वे उसके मेंबर क्यों हैं?

कोर्ट में सत्येंद्र जैन के वकील हरिहरन पेश हुए थे। उन्होंने उन पॉइंट्स के बारे में अपनी दलीलें पेश की हैं, जिन बिंदुओं की वजह से जमानत न मिलने का डर है। वकील ने कहा कि जैन के देश छोड़ने का डर, सबूतों को नष्ट करने और गवाहों को धमकाने की बात कही जा रही है, लेकिन मामले की जांच के दौरान सत्येंद्र जैन विदेश गए थे और वापस भी आए थे।

कोर्ट से वकील ने कहा कि इस मामले की जांच 2018 से चल रही है और आज तक किसी भी गवाह को किसी तरह से नुकसान नहीं पहुंचाया गया है और न ही धमकाया गया है। यहां तक की जांच कर रही एजेंसियों ने सभी गवाहों के बयान पहले ही रिकॉर्ड कर चुकी हैं।

सबूत नष्ट करने वाले पॉइंट पर वकील ने कहा कि सभी सबूत डॉक्यूमेंट में हैं और सभी एजेंसी के पास हैं, जिनसे छेड़छाड़ बिल्कुल नहीं की जा सकती है।

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (आआपा) के नेता सत्येंद्र कुमार जैन को सोमवार (13 जून, 2022) को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। प्रवर्तन निदेशालय ने जैन को 30 मई की रात को गिरफ्तार किया था। उन पर मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering Case) का आरोप है। 

उल्लेखनीय है कि 6 जून को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने ‘आम आदमी पार्टी’ नेता के घर सहित उनके 7 ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की थी। इस दौरान ईडी ने 2.82 करोड़ रुपए की अघोषित नकदी व 1.80 किग्रा सोना बरामद किया था। इसके बाद ईडी ने 9 जून को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जैन को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया था। ईडी ने दावा किया था कि केजरीवाल के मंत्री सत्येंद्र जैन ने पत्नी और बेटियों के नाम पर 16 करोड़ की धोखाधड़ी की है।

गौरतलब है कि साल 2017 में आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में केंद्रीय जाँच ब्यूरो (CBI) ने मनी लॉन्ड्रिंग के तहत सत्येंद्र जैन के खिलाफ FIR दर्ज की थी। इसी शिकायत के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय ने आम आदमी पार्टी (आआपा) नेता के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया था। जाँच एजेंसी ने ये आरोप लगाया था कि जैन चार कंपनियों से मिली फंडिंग के स्त्रोत के बारे में नहीं बता सके थे, जबकि वो उसमें शेयर होल्डर थे। इन कंपनियों ने कथित तौर पर 2010 से 2014 तक 16.39 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग की थी।

गंगा दशहरा 2022

हर साल ज्येष्ठ मास में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा का शुभ पर्व मनाया जाता है। इस साल गंगा दशहरा 9 जून, गुरुवार को है। इस दिन मां गंगा की पूजा-अर्चना का विधान है। इस दिन घर के मुख्य दरवाजे में द्वार पत्र लगाने की भी परंपरा है। इस दिन हर व्यक्ति को अपने घर के मुख्य दरवाजे पर द्वार पत्र लगाना चाहिए। मान्यता है कि द्वार पत्र लगाने से बहुत अधिक लाभ होता है। मां गंगा का उद्गम स्थान गंगोत्री, उत्तराखंड में है। गंगा दशहरा के पावन दिन उत्तराखंड के हर घर के मुख्य दरवाजे में द्वार पत्र लगाने की परंपरा है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, धर्म/संस्कृति डेस्क, चंडीगढ़ :

सृष्टि के निर्माता ब्रह्माजी के कमंडल से राजा भागीरथ द्वारा देवी गंगा के धरती पर अवतरण दिवस को गंगा दशहरा के नाम से जाना जाता है। पृथ्वी पर अवतार से पहले गंगा नदी स्वर्ग का हिस्सा हुआ करती थीं। गंगा नदी को भारत की सबसे पवित्र नदी माना जाता है, इस कारण उन्हें सम्मान से माँ गंगा अथवा गंगा मैया पुकारते हुए माता के समान पूजा जाता है।गंगा दशहरा के दिन भक्त देवी गंगा की पूजा करते हैं और गंगा में डुबकी लगाते हैं और दान-पुण्य, उपवास, भजन और गंगा आरती का आयोजन करते हैं। मान्यता है इस दिन मां गंगा की पूजा करने से भगवान विष्णु की अनंत कृपा प्राप्त होती है। हिन्दू धर्म में तो गंगा को देवी मां का दर्जा दिया गया है। यह माना जाता है कि जब मां गंगा स्वर्ग से पृथ्वी पर अवतरित हुईं तो वह ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि थी, तभी से इस तिथि को गंगा दशहरा के रूप में मनाया जाता है।  ज्योतिषाचार्य पं. मनोज कुमार द्विवेदी ने बताया कि वर्तमान समय में भौतिक जीवन जी रहे मनुष्य से जाने अनजाने जो पाप कर्म हो जाते हैं उनकी मुक्ति के लिए मां गंगा की साधना करनी चाहिए। कहने का तात्पर्य है जिस किसी ने भी पापकर्म किये हैं और जिसे अपने किये का पश्चाताप है और इससे मुक्ति पाना चाहता है तो उसे सच्चे मन से मां गंगा की पूजा अवश्य करनी चाहिये। इस वर्ष लॉकडाउन और कोरोना को देखते हुए घर मे ही स्वच्छ जल में थोड़ा गंगा जल मिलाकर मां गंगा का स्मरण कर उससे भी स्नान कर सकते हैं।

दुनिया की सबसे पवित्र नदियों में एक है गंगा। गंगा के निर्मल जल पर लगातार हुए शोधों से भी गंगा विज्ञान की हर कसौटी पर भी खरी उतरी विज्ञान भी मानता है कि गंगाजल में कीटाणुओं को मारने की क्षमता होती है जिस कारण इसका जल हमेशा पवित्र रहता है। हमारी सनातन संस्कृति में गंगा को मां का स्थान दिया गया है। सदियों से समस्त मानव समाज इस मां रूपी पवित्र जल का उपयोग करता है और हमें इसके लिए अपनी गंगा मां का कृतार्थ होना चाहिए किन्तु पिछले कुछ वर्षों में हमारे देश में विकास के नाम पर जिन प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध दोहन किया गया है, उनमें गंगा नदी-जल के साथ कई प्रदूषित तत्व मिलाए गए और मिलाये जा रहें हैं।

हमें समझने की आवश्यकता है कि गंगा केवल जलधारा ही नहीं अपितु जनजीवन और लोक-संस्कृति का अभिन्न अंग हैं। गंगा सभ्यताओं एवं संस्कृतियों के साथ-साथ विकास की भी जननी रही हैं। वर्तमान समय में जल संकट एक गंभीर समस्या है। देश के कई राज्यों में ग्रीष्मकालीन समय आते ही यह भयावह होने लगता है क्योंकि हमने अपनी बूँद-बूँद सहेजने वाली पूर्वजों की जल-संस्कृति को तिलांजलि दे दी है वर्तमान समय में जल की दोहरी समस्या है एक तो पर्याप्त मात्रा में पेयजल बचा नहीं है और जो बचा हुआ है उसका रूप-रंग और स्वाद तेजी से बदल रहा है और इन परिस्थितियों के लिए जिम्मेदार एकमात्र इंसान है और हमें इस बात को गम्भीरता से समझना होगा।

ज्योतिष शास्त्र में चन्द्रमा जल तत्व का कारक है यदि हम अपने दैनिक जीवन में जल को दूषित करेंगे, जल का संरक्षण नहीं करेंगे तो हमारा मन अशान्त और चित्त दूषित होगा और हमारा जीवन अशान्त होगा। इसलिए गंगा को प्रदूषण से बचाकर हम अपने कुंडली में चन्द्र ग्रह को मजबूत कर सकते हैं और अपने चित्त को प्रसन्न और स्वस्थ रह सकते हैं। गंगा दशहरा में हम सभी को यह संकल्प लेना होगा गंगा की सफाई, स्वच्छता में हम सभी पूर्ण सहयोग करेंगे क्योंकि गंगा की सफाई हेतु हम सबका एकीकृत होना वर्तमान की एक बड़ी ज़रूरत है। और सही मायने में यही मां गंगा की सच्ची सेवा और उपासना होगी।

उत्तराखंड में लागू होगी समान नागरिक संहिता, धामी सरकार का बड़ा फैसला

चीन और नेपाल की सीमा से सटे 53483 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले उत्तराखंड का राष्ट्रीय महत्व तो है ही, देवभूमि अपने धार्मिक और आध्यात्मिक स्वरूप के लिए विश्वभर में पहचान रखती है। राष्ट्रीय नदी गंगा के उद्गम स्थल वाले उत्तराखंड में हर साल ही चारधाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री समेत अन्य धार्मिक स्थलों में बड़ी संख्या में देश-विदेश से लोग पहुंचते हैं। ऋषि-मुनियों की यह धरती अनादिकाल से ही सामाजिक सद्भाव के साथ-साथ सभी प्राणियों को समान भाव से देखने का संदेश भी विश्व को देती आ रही है। ध्यान-योग के लिए तो सदियों से साधक इस हिमालयी राज्य के लिए रुख करते हैं।

  • 12 फरवरी को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने की घोषणा की थी
  • 29 मार्च को प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में यूसीसी को लागू करने और इसका ड्राफ्ट बनाने के लिए विशेषज्ञ समिति बनाने का फैसला किया।
  • 27 मई को प्रदेश सरकार ने विशेषज्ञ समिति के गठन की अधिसूचना जारी की।

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़/उत्तराखंड :

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर धामी अपनी योजनाओं और अपनी घोषणाओं को पूरा करने के लिए नए-नए आयाम छू रहे हैं। उन्होंने जो-जो घोषणाएं चुनाव से पहले की थी वो उनको पूरा करने में पीछे नहीं हट रहे हैं। इन्हीं घोषणाओं में से एक थी समान नागरिक संहिता इस पर पहले ही विवाद हो चूका है लेकिन सीएम धामी ने बिना किसी बात की परवाह किये इसे लागू करने का मन बना लिया है।

 उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने चुनावी वादे के अनुसार राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। इसके लिए मुख्यमंत्री ने सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत न्यायाधीश रंजना देसाई की अध्यक्षता में ड्राफ्टिंग कमिटी का गठन किया है।

 विधानसभा चुनावों के दौरान सीएम धामी ने घोषणा की थी कि अगर राज्य में भाजपा की सरकार दोबारा सत्ता में आती है तो समान नागरिक संहिता लागू किया जाएगा। इसके बाद राज्य में इतिहास रचते हुए पहली सत्ताधारी पार्टी सत्ता में लौटी थी।

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए प्रदेश सरकार ने उच्चतम न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन कर दिया है। कमेटी राज्य के सभी लोगों के व्यक्तिगत नागरिक मामलों को नियंत्रित करने वाले सभी प्रासंगिक कानूनों की जांच करने और मसौदा कानून या मौजूदा कानून में संशोधन की रिपोर्ट तैयार करेगी। समिति में सिक्किम उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश प्रमोद कोहली, पूर्व मुख्य सचिव, पूर्व कुलपति और एक सामाजिक कार्यकर्ता को सदस्य बनाया गया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा चुनाव के दौरान चुनाव दृष्टिपत्र जारी होने के बाद राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने की घोषणा की थी। उन्होंने भाजपा के सत्ता में वापसी करने के बाद सबसे पहले समान नागरिक संहिता के मामले में निर्णय लेने का एलान भी किया था। सत्ता में आने के बाद पहली ही कैबिनेट में धामी सरकार ने समान नागरिक संहिता के लिए एक विशेषज्ञ समिति बनाने का फैसला किया।

शुक्रवार को अपर मुख्य सचिव गृह राधा रतूड़ी के आदेश पर समिति के गठन की अधिसूचना जारी कर दी गई। समान नागरिक संहिता के परीक्षण और इसे लागू करने के लिए विशेषज्ञ समिति के गठन को राज्यपाल ने मंजूरी प्रदान की। अपर सचिव गृह रिधिम अग्रवाल ने इस संबंध में आदेश जारी किया है।

समान नागरिक संहिता के परीक्षण और उसे लागू करने के लिए गठित समिति में न्यायाधीश (सेनि.) रंजना प्रकाश देसाई को अध्यक्ष बनाया गया है। रंजना देसाई उच्चतम न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश रही हैं और जम्मू और कश्मीर के लिए गठित परिसीमन आयोग की अध्यक्ष भी रही हैं। समिति में सिक्किम उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश प्रमोद कोहली, सामाजिक कार्यकर्ता मनु गौड़, पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह और दून विश्वविद्यालय की कुलपति सुरेखा डंगवाल को सदस्य बनाया गया है।

विशेषज्ञ समिति उत्तराखंड राज्य में रहने वाले सभी लोगों के व्यक्तिगत नागरिक मामलों को नियंत्रित करने वाले सभी प्रासंगिक कानूनों का अध्ययन व जांच करेगी। उनमें जरूरी संशोधन पर अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी। समिति विवाह, तलाक, संपत्ति के अधिकार, उत्तराधिकार से संबंधित लागू कानून, विरासत, गोद लेने और देखभाल और संरक्षता आदि का परीक्षण करेगी।

चुनाव के समय संकल्प पत्र में किए वादे के अनुरूप समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए विशेषज्ञ समिति का गठन कर दिया गया है। देवभूमि की संस्कृति को संरक्षित करते हुए सभी धार्मिक समुदायों को एकरूपता प्रदान करने के लिए उच्चतम न्यायालय की न्यायाधीश (सेनि.) रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में विशेष समिति बनाई गई है। – पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री