आरिफ मोहम्मद की ओवैसी को नसीहत “यदि समानता दरकार है तो ‘समान नागरिक संहिता’ का भी समर्थन करो”

पूर्व केंद्रीय मंत्री आरिफ मोहम्मद खान ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि बोर्ड ने तीन तलाक के मुद्दे पर यू-टर्न ले लिया है. खान ने ओवैसी को सलाह देते हुए कहा, “अगर वह समानता की बात करते हैं तो वह सरकार से देश के प्रत्येक नागरिक के लिए पारिवारिक कानूनों को लागू करने के लिए क्यों नहीं कहते. वह कॉमन सिविल कोड का समर्थन करें.” 

ब्यूरो:

 पूर्व केंद्रीय मंत्री आरिफ मोहम्मद खान ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि बोर्ड ने तीन तलाक के मुद्दे पर यू-टर्न ले लिया है. खान ने यह बयान एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के उस बयान के जवाब में दिया जिसमें उन्होंने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से उन्हें उम्मीद है कि वह तीन तलाक कानून की वैधानिकता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगा. पूर्व केंद्रीय मंत्री खान ने ओवैसी को भी नसीहत दे डाली. 

दरअसल, ओवैसी ने सवाल उठाया था कि हिंदू व्यक्ति को एक साल की सजा जबकि मुस्लिम व्यक्ति को तीन साल साल की सजा का प्रावधान है. एक देश में दो कानून क्यों हैं? इस पर खान ने ओवैसी को सलाह देते हुए कहा, “अगर वह समानता की बात करते हैं तो वह सरकार से देश के प्रत्येक नागरिक के लिए पारिवारिक कानूनों को लागू करने के लिए क्यों नहीं कहते. वह कॉमन सिविल कोड का समर्थन करें.” 

पूर्व केंद्रीय मत्री ने न्यूज एजेंसी ANI को दिए एक साक्षात्कार में कहा, “पर्सनल लॉ बोर्ड ने सबसे पहले तो तलाक को ‘गुनाह, दमनकारी और अन्यायपूर्ण बताया था.” हालांकि, बाद में उन्होंने अपना रुख बदल दिया.”   
 
खान ने कहा, “हम एक लोकतांत्रिक देश हैं. हर किसी को अपनी राय व्यक्त करने का अधिकार है. आपके पास संसद में पास कानून की वैधता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का अधिकार है लेकिन मुझे समझ में नहीं आ रहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड जिसने सुप्रीम कोर्ट में शपथ पत्र देकर वादा किया था कि वह तीन तलाक के खिलाफ कैंपेन चलाएगा, वह अब कोर्ट कैसे जा सकता है.”  

उन्होंने कहा, “वे अब फिर से सुप्रीम कोर्ट वैधानिकता को चुनौती देने जा रहे हैं तो ऐसे में अपने शपथ पत्र की बातों को कैसे स्वीकार करेंगे. मैं अब देखना चाहूंगा कि वे अब क्या कहते हैं. मैं इसका स्वागत करता हूं. उन्हें कोर्ट जाना चाहिए.”  

खान राजीव गांधी सरकार में मंत्री थे लेकिन 1986 में मुस्लिम पर्सनल लॉ बिल और तीन तलाक को लेकर कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था. खान ने कहा कि डिवोर्स एक सिविल मामला है जबकि तीन तलाक ‘आपराधिक कृत्य’ है.  

भाजपा ने ‘राज्यसभा’ में भी ट्रिपल तलाक बिल को दिलाई मंजूरी

ट्रिपल तलाक बिल राज्यसभा में भी पास हो गया है. बिल के पक्ष में 99 जबकि विपक्ष में 84 वोट पड़े.    पीएम मोदी ने कहा, ‘एक प्राचीन और मध्यकालिन प्रथा को आखिरकार इतिहास के कूड़ेदान में डाल दिया गया. संसद ने ट्रिपल तलाक खत्म कर दिया है और मुस्लिम महिलाओं के साथ की गई एक एतिहासिक गलती को सुधार दिया है.  पीएम मोदी ने कहा कि यह जेंडर जस्टिस की जीत है जो कि आगे समाज में समानता लाएगी. आज भारत खुश है.’

नई दिल्‍ली: देश के लिए आज ऐतिहासिक दिन है. मोदी सरकार ने मुस्लिम बहनों को रक्षाबंधन का गिफ्ट दिया है. ट्रिपल तलाक बिल राज्यसभा में भी पास हो गया है. बिल के पक्ष में 99 जबकि विपक्ष में 84 वोट पड़े. अब बिल को राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा. उनके हस्ताक्षर के बाद यह कानून का रूप ले लेगा. एनडीए के 16 सदस्यों ने बिल का बहिष्कार किया और वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया. उधर, विपक्ष की ओर से एनसीपी, बसपा, आम आदमी पार्टी के सदस्यों ने बॉयकट किया. एआईएडीएमके और जेडीयू ने सदन से वॉक आउट किया. बीजेडी ने बिल का समर्थन किया. कांग्रेस के 4 सदस्य किसी वजह से सदन में मौजूद नहीं थे. वहीं बीजेपी के दो सांसद सदन में मौजूद नहीं थे. 

उधर, राज्यसभा में ट्रिपल तलाक पास होने पर कानून मंत्री रविशंकर ने प्रतिक्रिया देते हुए कह, “यह ऐतिहासिक दिन है. दोनों सदनों ने मुस्लिम महिलाओं को न्याय प्रदान किया है. ये बदलते भारत की शुरुआत है.”  

इससे पहले, बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजने का प्रस्ताव गिर गया था. तभी तय हो गया था कि यह बिल राज्यसभा में पास हो जाएगा क्योंकि वोटिंग के दौरान संख्याबल यही रहने के आसार थे. थोड़ी देर बाद, बिल पास हो गया. लोकसभा में पास होने के बाद तीन तलाक बिल मंगलवार को राज्‍यसभा में पेश किया गया था. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने दोपहर 12 बजे बिल सदन के पटल पर रखा और कहा कि सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले में इस प्रथा को अवैध ठहराया गया लेकिन उसके बाद भी तीन तलाक की प्रथा जारी है. 

अब ट्रिपल तलाक दिया तो क्या होगा? 

1. देश में अब ट्रिपल तलाक अपराध होगा.
2. ट्रिपल तलाक देने पर पति को अधिकतम 3 साल की सजा मिल सकती है. 
3. पीड़िता या रिश्तेदार अब एफआईआर दर्ज करा सकते हैं. 

पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता जयपाल रेड्डी का निधन, वह 77 वर्ष के थे

  • यूपीए कार्यकाल के दौरान केंद्रीय मंत्री रह चुके कांग्रेस के दिग्गज नेता जयपाल रेड्डी का हैदराबाद में निधन हो गया
  • लंबे समय से थे बीमार, शनिवार देर रात तबीयत ज्यादा बिगड़ने के बाद उन्हें एआईजी अस्पताल में भर्ती कराया
  • 2009 चुनाव में जयपाल रेड्डी चेवेल्ला सीट से सांसद चुने गए थे और यूपीए के दोनों कार्यकाल के दौरान केंद्रीय मंत्री रहे

नई दिल्‍ली : पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता जयपाल रेड्डी का निधन हो गया है. शनिवार रात को उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद उन्‍हें हैदराबाद के एआईजी अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था. अस्‍पताल में उनकी हालत अधिक खराब होने के बाद उन्‍होंने देर रात 2:30 बजे अंतिम सांसें लीं. बताया जा रहा है कि वह पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे. उनकी उम्र 77 साल थी. 

कांग्रेस नेता जयपाल रेड्डी का जन्म 16 जनवरी, 1942 को हैदराबाद के मदगुल में हुआ था. अब यह तेलंगाना राज्य के अंतर्गत आता है. उनकी शादी 7 मई, 1960 को लक्ष्मी से हुई थी. उनके दो बेटे और एक बेटी है. जयपाल रेड्डी का तेलगू राजनीति में अहम ओहदा था. वह 4 बार विधायक और 5 बार सांसद चुने गए.

जयपाल रेड्डी 1969 से 1984 के बीच आंध्र प्रदेश के कलवाकुर्ती से चार बार विधायक भी रह चुके हैं। उन्होंने आपातकाल के दौरान कांग्रेस छोड़ दी थी और जनता पार्टी में शामिल हो गए थे। 1999 में उनकी 21 साल बाद कांग्रेस में वापसी हुई। वह यूपीए के दोनों कार्यकाल के दौरान केंद्रीय मंत्री रहे। 

पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने स्वीकारा रामायण कांक्लेव का आमंत्रण

रामकथा ने केवल भारत को ही नहीं एशिया के अन्य देशों को भी प्रेरित किया है। एक सहस्ताब्दी पूर्व भारतीय संस्कृति दक्षिण-पूर्वी एशिया में पहुँची और तभी से रामायण वहाँ के जन-जीवन में रस-बस गई। थाईलैंड, मलेशिया, कम्बोडिया, बर्मा, लओस आदि में रामकथा का प्रर्याप्त प्रचार है।

थाईलैंड और कम्बोडिया में रामकिर्ती प्रसिद्ध है। यहाँ रामलीला का आयोजन नृत्य-नाटक के रुप में होता है। इंडोनेशिया की रामलीला का आयोजन रंग-बिरंगे नृत्य के रुप में होता है। यहाँ रामायण की जनप्रिय ककाविन कवित्ते है जिनसे रामलीला के मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किए जाते हैं। नृत्य जावा व बाली द्वीपों में काफी प्रसिद्ध हैं। करीब सौ व्यक्तियों द्वारा खुली रंगशाला में खेला जाने वाला सुग्रीव वानर नृत्य भी अत्यन्त आकर्षक होता है। वायंगकुलैत नामक छायानृत्य काफी लोकप्रिय है जिसमें रामकथा के पात्र चमड़े के वस्र पहन कर नृत्य करते हैं।

नेपाल में रामलीला का आयोजन काफी बड़े पैमाने पर होता है। नेपाल में रामलीला मनोरंजन के लिए नहीं होता बल्कि धार्मिकता की भावना से की जाती है। नेपाली भाषा में अनूदित “भानु रामायण” पर आधारित रामकथा को प्रत्येक वर्ष पंचमी तिथि पर जानकी मंदिर में अनुप्राणित किया जाता है, क्योंकि लोगों का विश्वास है कि यहाँ सीता-राम का विवाह हुआ था।

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श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने स्वीकारा रामायण कांक्लेव का आमंत्रण आगामी जनवरी माह में हिंदुस्तान में आयोजित होने जा रहे अंतरराष्ट्रीय रामायण कांक्लेव का आमंत्रण गत 21 जुलाई को श्रीलंका में आयोजित समारोह में श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने स्वीकार किया कांक्लेव के मुख्य प्रवक्ता महेंद्र चौधरी ने बताया की उपरोक्त समारोह में तकरीबन 10 से 12 देशों के वर्तमान व पूर्व राष्ट्राध्यक्ष सहित कई विद्वान व राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय कलाकार हिस्सा लेंगे इसी क्रम में श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति श्री महिंदा राजपक्षे ने कार्यक्रम हेतु अपनी सहमति प्रदान की।

उपरोक्त कार्यक्रम के अंतर्गत नेपाल भूटान सिंगापुर मलेशिया थाईलैंड मारीशस फिजी दुबई इत्यादि देशों के शीर्ष लोगों को आमंत्रित करने का क्रम शुरू हो गया है कांक्लेव के निर्देशक दुष्यंत सिंह के अनुसार समूची रामचरितमानस को एक विशेष तरह के संगीत में  संगीतबद्ध कर उसका अंतरराष्ट्रीय फिल्मांकन किया जाएगा एवं उसका बृहद प्रचार प्रसार व प्रदर्शन राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किया जाएगा। उपरोक्त संगीत में ही रचना में देश विदेश के दिग्गज कलाकार अपना स्वर देंगे।

रूचिन त्यागी के अनुसार जनवरी माह में तीन दिवसीय रामायण कांक्लेव में देश-विदेश से आ रहे महानुभाव प्रभु श्री राम व रामचरितमानस के ऊपर अपने विचार रखेंगे व उपरोक्त कार्यक्रम के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रभु श्री राम के भक्तों को जोड़ने के साथ साथ पर्यटन के क्षेत्र में भी एक वृहद रामायण कारी डोर की परिकल्पना को पंख लगेंगे आयोजकों के अनुसार उपरोक्त कार्यक्रम में भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी व महामहिम राष्ट्रपति महोदय श्री रामनाथ कोविंद जी व प्रभु श्री राम की जन्म स्थली अयोध्या का प्रतिनिधित्व कर रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी आमंत्रण के साथ साथ कार्यक्रम हेतु आशीर्वाद लिया जाएगा उपरोक्त कार्यक्रम की तैयारियां जोर शोर से जारी हैं व आयोजकों के अनुसार सन 2020 का कदाचित वैश्विक तौर पर यह सबसे बड़ा आयोजन होगा

श्रीलंका में रामायण के प्रमाण

रावण जब माता सीता का अपहरण कर श्रीलंका पहुंचा तो सबसे पहले सीता जी को इसी जगह रखा था। इस गुफा का सिर कोबरा सांप की तरह फैला हुआ है। गुफा के आसपास की नक्‍काशी इस बात का प्रमाण है। इसके बाद जब माता सीता ने महल मे रहने से इंकार कर दिया तब उन्‍हें अशोक वाटिका में रखा गया। सीता अशोक के जिस वृक्ष के नीचे बैठती थी वो जगह सीता एल्‍या के नाम से प्रसिद्ध है। 2007 में श्रीलंका सरकार एक रिसर्च कमेटी ने भी पुष्‍टि की, कि सीता एल्‍या ही अशोक वाटिका है। बाद में हनुमान जी के लंका जलाने से भयभीत रावण ने सीता जी को अशोक वाटिका से हटा कर कोंडा कट्टू गाला में रखा था। पुरातत्व विभाग को यहां कई ऐसी गुफाएं मिली है जो रावण के महल तक जाती थी।

हनुमान जी के पद चिन्ह

रामायण मे वर्णन है जब हनुमान जी ने सीता जी को खोजने के लिए समुद्र पार किया था तब उन्होंने विशाल रूप धारण किया था। जिसके चलते जब वो श्रीलंका पहुंचे तो उनके पैर के निशान वहां बन गए। जो आज भी मौजूद हैं।

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श्रीलंका में हिमालय की जड़ी-बूटी

श्रीलंका मे उस स्थान पर जहां लक्ष्मण मूर्छित होकर गिरे थे और उन्‍हे संजीवनी दी गई थी वहां हिमालय की दुर्लभ जड़ी-बूटियों के अंश मिले हैं। दावा है कि इन  जड़ी-बूटियों का श्रीलंका में पाया जाना रामायण काल की वास्‍तविकता को प्रमाणित करता है।

विशालकाय हाथी

रामायण के सुंदर कांड अध्‍याय में लिखा है लंका की रखवाली के लिए विशालकाय हाथी करता था। जिन्हें हनुमान जी ने अपने एक प्रहार से धराशाही किया था।  पुरातत्व विभाग को श्रीलंका में ऐसे ही हाथियों के अवशेष मिले हैं जिनका आकार वर्तमान हाथियों से बहुत ज्‍यादा है। 

रावण का महल

पुरातत्व विभाग को श्रीलंका में एक महल मिला है जिसे रामायण काल का बताया जाता है। रामायण लंका दहन का वर्णन है जब हनुमान जी ने पूरी लंका मे अपनी पूंछ से आग लगा दी थी। जलने के बाद उस जगह की की मिट्टी काली हो गई थी, इस बात के प्रमाण भी यहां से मिलते हैं। यहीं से थोड़ी दूर पर रावण एल्ला नाम से एक झरना है, जो 82 फीट की ऊंचाई से गिरता है। राम द्वारा रावण का वध करने के पश्‍चात विभीषण को लंका का राजा बनाया गया था। विभीषण ने अपना महल कालानियां में बनाया था। यह कैलानी नदी के किनारे स्थित था। नदी के किनारे पुरातत्व विभाग को उस महल के अवशेष मिले हैं।

तेलंगाना में अस्तित्व के लिए हारी बाजी लड़ती काँग्रेस

राष्ट्रीय पार्टी राज्य में अपना अस्तित्व बचाने के संकट से जूझ रही है, जहां उसे राज्य के निर्माण का श्रेय लेने का दावा कर अपना भाग्य पलटने की उम्मीद थी। 72000 लेलों पर वोट दे दो, चौकीदार चोर है का नारा भी काम नहीं आया और तो और हैदराबाद में मुस्लिम तुष्टीकरण से भी बात न बनी और आज कॉंग्रेस वहाँ अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है।

हैदराबाद: तेलंगाना में कांग्रेस के 12 विधायकों के प्रदेश में सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) में विलय तथा कांग्रेस के एक और विधायक के भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल होने की योजना की घोषणा के बाद राज्य विधानसभा लगभग कांग्रेस मुक्त हो चुकी है. 

राष्ट्रीय पार्टी राज्य में अपना अस्तित्व बचाने के संकट से जूझ रही है, जहां उसे राज्य के निर्माण का श्रेय लेने का दावा कर अपना भाग्य पलटने की उम्मीद थी. तेलंगाना में 119 सदस्यों वाली विधानसभा में छह की सदस्य संख्या पर पहुंचने के साथ ही कांग्रेस का मुख्य विपक्षी दल का दर्जा भी खत्म हो गया.

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दूसरी कोशिश भी रही नाकाम 
पिछले साल दिसंबर में विधानसभा चुनावों में हार के बाद कांग्रेस की राज्य में सत्ता में आने की लगातार दूसरी कोशिश नाकाम रही थी. कांग्रेस ने 2014 में आंध्र प्रदेश को अलग कर तेलंगाना राज्य की स्थापना की थी.

साल 2018 के विधानसभा चुनावों में तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) और तेलंगाना जन शक्ति (तेजश) के साथ गठबंधन कर हिस्सा लिया था, लेकिन सिर्फ 19 सीटें जीत सकी, वहीं टीआरएस ने 88 सीटों पर जीत दर्ज की.

चुनाव के सिर्फ छह महीनों के अंदर कांग्रेस से राज्य विधान मंडल के दोनों सदनों से मुख्य विपक्षी दल का दर्ज भी छिन गया.

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दलबदल ने तोड़ा कांग्रेस का मनोबल
पिछले कार्यकाल में विपक्षी दलों के 25 विधायकों को अपनी पार्टी में शामिल करने वाली टीआरएस ने कांग्रेस विधायकों को अपनाने में बिल्कुल समय नहीं गंवाया. लोकसभा चुनाव से पहले मार्च में शुरू हुए इस दलबदल ने कांग्रेस का मनोबल तोड़ दिया.

किसी करिश्माई नेता की कमी और आंतरिक कलह में फंसी कांग्रेस पूरी तरह अव्यवस्थित हो चुकी थी. हालांकि लोकसभा चुनावों में राज्य में कांग्रेस ने तीन और बीजेपी ने चार सीटें जीतकर टीआरएस के क्लीन स्वीप करने के सपने को तोड़ दिया.

राज्य की कुल 17 सीटों में से टीआरएस नौ सीटें जीतीं, जबकि उसकी सहयोगी मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) अपनी एक मात्र सीट पर कायम रही.

‘ओवैसी साहब,आपको सुनने की आदत डालनी होगी.’ : अमित शाह

लोकसभा में सोमवार को एनआईए संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह और एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी के बीच नोकझोंक देखने को मिली. ओवैसी ने कहा कि आप गृह मंत्री हैं तो डराइए मत, जिस पर शाह ने कहा कि वह डरा नहीं रहे हैं, लेकिन अगर डर जेहन में है तो क्या किया जा सकता है.अमित शाह की बात वाजिब भी है की जब बात आतंकवाद निरोध की हो तो ओवैसी को डर क्यों लगता है?

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र में हंगामे और तीखी नोकझोंक के बाद सोमवार को लोकसभा में ‘एनआईए संशोधन विधेयक 2019’ को मंजूरी दे दी गई. इस विधेयक के अनुसार, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को भारत से बाहर किसी भी गंभीर अपराध के संबंध में मामले का पंजीकरण करने और जांच का निर्देश देने का प्रावधान किया गया है. गृह मंत्री अमित शाह ने ‘एनआईए संशोधन विधेयक 2019’ का समर्थन किया. वहीं, इस बिल पर चर्चा के दौरान शाह की एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी से तीखी बहस भी हुई. 

गृह मंत्री ने ओवैसी से कहा, ‘जब कोई और बोलता है तो आप चुप रहकर सुनते हैं लेकिन जब सत्यपाल सिंह बोल रहे हैं तो आप लगातार बीच में बोल रहे हैं. आपको सुनने की आदत डालनी होगी.’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि एनआईए तेजी से मामलों को खत्म करती है और एजेंसी ने अपने 90 फीसदी केस समाप्त किए हैं, जो दुनियाभर की एजेंसियों की तुलना में अच्छा है. शाह ने एनआईए की तारीफ करते हुए कहा कि मजबूत एनआईए के साथ भारत आतंकवाद को खत्म करेगा.  

विपक्ष के द्वारा एजेंसी के गलत रूप से प्रयोग किए जाने के सवाल पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान का हवाला देते हुए कहा कि सरकार कानून के नियमों से चलती है और सभी जांच एजेंसियां कानून द्वार स्थापित प्रक्रिया का ही पालन करती है. इसके साथ ही उन्होंने सरकार की आतंकवाद को लेकर ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति की सराहना की. गृह मंत्री ने कहा कि आतंकवाद को आतंकवाद के तौर पर ही देखा जाना चाहिए. आतंकवाद में राइट और लेफ्ट नहीं होता है. उन्होंने कहा कि आतंकवादी घटनाओं के अपराधियों को दंडित करने की जरूरत है और उन्हें दंडित किया जाएगा.

चन्द्र यान – 2 आज अंतरिक्ष में बजेगा भारत का डंका

चंद्रयान-2 को इसरो अपने बाहुबली रॉकेट जीएसएलवी मार्क-3 से चांद पर भेजेगा. चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से होगी. पूर्णतया भारतीय और महिला सशक्तीकर्ण की उम्दा मिसाल

नई दिल्‍ली : भारत 15 जुलाई यानी कल एक और विश्‍व कीर्तिमान बनाने जा रहा है. सोमवार को पूरे विश्‍व की नजरें भारत पर होंगी क्‍योंकि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) इस दिन अपना चंद्रयान-2 अभियान शुरू करेगा. सुबह-सुबह करीब 02:51 बजे इसरो चंद्रयान-2 को चांद के लिए लांच करेगा. इसे चंद्रयान-2 को इसरो अपने बाहुबली रॉकेट जीएसएलवी मार्क-3 से चांद पर भेजेगा. चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से होगी. इसरो की ओर से ट्वीट में जानकारी दी गई है कि चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग की उल्‍टी गिनती रविवार सुबह 6:51 बजे शुरू हो गई है.

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व प्रमुख के राधाकृष्णन ने शनिवार को कहा कि भारत का दूसरा मून मिशन चंद्रयान-2 रोबोटिक अंतिरिक्ष खोज की दिशा में देश का पहला कदम है और यह ज्यादा जटिल व पेचीदा है. राधाकृष्णन इस समय भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-कानुपर के बोर्ड ऑफ गवनर्स के चेयरमैन हैं. 

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फोरमेशन टेक्नोलोजी डिजाइन एंड मैन्यूफैक्चरिंग (आईआईआईटीडीएम), कांचीपुरुम के सातवें दीक्षांत समारोह में उन्होंने कहा कि चांद की कक्षा की परिक्रमा करने वाला विक्रम कं पास करीब 6,000 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चांद की परिक्रमा करते हुए खुद अपनी रफ्तार को कम और ज्यादा करने की क्षमता होगी और यह चांद के अपरिचित क्षेत्र में सुरक्षित उतर सकता है.

उन्होंने कहा, “यह पूरा कार्य 16 मिनट के भीतर होगा और उतरते समय यह खुद ही उतरने की जगह भी तय करेगा. पूरे देश की नजर इसकी ओर है.” राधाकृष्णन 2009 में भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के प्रमुख बने और प्रथम चंद्रयान मिशन के एक साल बाद 2014 तक इस पद पर बने रहे.

भारत के बड़े मिशन चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग को देखने के लिए लोगों में खासा उत्साह है और इसे लाइव देखने के लिए अब तक 7,134 लोगों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया है. दरअसल 15 जुलाई को इसरो के शक्तिशाली रॉकेट ‘बाहुबली’ पर सवार होकर चंद्रयान-2 अपने मिशन पर निकलेगा, जिसे देखने के लिए लोग ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं. इसरो ने हाल ही में आम लोगों के लिए रॉकेट लॉचिंग प्रक्रिया को लाइव देखने की शुरुआत की है. लोग विशेष तौर पर बनाई गई एक गैलरी में बैठकर इसरो के लॉन्च देख सकते हैं. इसमें कुल 10 हजार लोगों के बैठने की क्षमता है, इसलिए इसरो की योजना है कि धीरे-धीरे दर्शकों की संख्या बढ़ाई जाएगी.
चंद्रयान-2 अभियान के लिए कानपुर आईआईटी ने इसरो की महत्वपूर्ण मदद की है. 2009 में कानपुर आईआईटी और इसरो के बीच दो एएमयू साइन हुए थे, जिसमें पहला एएमयू चंद्रयान -2 के लिए मैप बनाने का और दूसरा एएमयू रास्ता दिखाने का था, जिसे कानपुर आईआईटी के वैज्ञानिकों ने बनाकर इसरो को सौंप दिया.

आईआईटी कानपुर में पढ़ाने वाले प्रोफेसर केए वेंकटेश और प्रोफेसर आशीष दत्ता ने मिलकर कई सालों की मेहनत से ये प्रोजेक्ट तैयार किया है. प्रोफेसर आशीष दत्ता बताते हैं कि अंतरिक्ष परियोजना चंद्रयान-2 के चांद पर पहुंचते ही मोशन प्लानिंग का काम शुरू हो जाएगा.

विदेशी मीडिया ने भारत के दूसरे मून मिशन चंद्रयान-2 को हॉलीवुड फिल्म ‘एवेंजर्स एंडगेम’ से कम खर्चीला बताया है. विदेशी मीडिया और वैज्ञानिक जर्नलों में चंद्रयान-2 की लागत को हॉलीवुड फिल्म एवेंजर्स एंडगेम के बजट के आधे से भी कम बताया है. भारत इस मिशन की सफलता के साथ अपने अंतरिक्ष अभियान में अमेरिका, रूस और चीन के समूह में आ जाएगा. 

स्पूतनिक ने कहा, ‘चंद्रयान-2 की कुल लागत करीब 12.4 करोड़ डॉलर है जिसमें 3.1 करोड़ डॉलर लांच की लागत है और 9.3 करोड़ डॉलर उपग्रह की. यह लागत एवेंजर्स की लागत की आधी से भी कम है. इस फिल्म का अनुमानित बजट 35.6 करोड़ डॉलर है.’ 

मुकुल रॉय के ब्यान ने मचाई खलबली

गोवा और कर्नाटक में सियासी हलचल से अभी कांग्रेस थी तरह उभरी भी नहीं थी की उसे बंगाल से एक बहुत ही भयंकर समाचार प्राप्त हुआ है। बीजेपी नेता मुकुल रॉय ने कहा

है कि पश्चिम बंगाल में 107 विधायक बीजेपी में शामिल होंगे. मुकुल रॉय ने कहा कि इन सभी विधायकों की लिस्ट तैयार हो चुकी है और उनसे लगातार संपर्क बना हुआ है। कर्नाटक में अभी थोड़ी सुध आ ही रही थी कि मुकुल रॉय के ब्यान ने एक बार फिर सियासी तूफान मचा दिया है।

कोलकाता: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता मुकुल रॉय ने शनिवार को एक ऐसा दावा किया है, जिससे पश्चिम बंगाल की सियासत में भारी उथल-पुथल मच सकती है. न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, मुकुल रॉय ने कहा है कि पश्चिम बंगाल में 107 विधायक बीजेपी में शामिल होंगे. उन्होंने दावा किया कि सीपीएम, कांग्रेस और टीएमसी के 107 विधायक बीजेपी में शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि हमारे पास उन विधायकों की लिस्ट तैयार हो गई है और उनसे लगातार संपर्क में हैं.

लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी प्रचंड बहुमत के साथ दोबारा सत्ता पर काबिज हुई थी. बीजेपी ने पश्चिम बंगाल की 42 लोकसभा सीटों में से 18 पर जीत दर्ज की थी. वहीं, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को 22 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. कांग्रेस को दो सीटों पर जीत मिली थी. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस किले में सेंध लगाने के लिए बीजेपी कोई भी कोर-कसर छोड़ना नहीं चाहती है. अभी हाल ही में टीएमसी के कई नेताओं ने बीजेपी का दामन थामा था. टीएमसी के नेताओं का बीजेपी में शामिल होने का क्रम लोकसभा चुनाव से पहले ही शुरू हो गया था.  

यदि ऐसा हो जाता है तो सबसे अधिक नुकसान काँग्रेस को होगा। वह बंगाल में अपना बचाखुचा जनाधार भी खो देगी।

सदस्यता अभियान के पहले ही दिन भाजपा के हाथ लगी बड़ी कामयाबी

बीजेपी के सदस्यता अभियान के पहले दिन दक्षिण भारत के दो बड़े चेहरों ने पार्टी का दामन थाम लिया. इनमें एक एन भास्करा राव हैं और दूसरी हैं अंजू बॉबी जॉर्ज.

नई दिल्ली: 

लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी प्रचंड बहुमत के साथ केंद्र में दोबारा सत्ता पर काबिज हुई. केंद्र में सरकार बनने के एक महीने के भीतर ही बीजेपी ने 2019 के लिए सदस्यता अभियान की शुरुआत करने की घोषणा कर दी थी. वहीं, बीजेपी की ओर से शनिवार को इस सदस्यता अभियान की शुरूआत की गई. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्विटर पर पार्टी के इस अभियान की जानकारी देते हुए कहा कि जन संघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर ‘संगठन पर्व-सदस्यता अभियान’ 2019 की शुरुआत करने का निर्णय किया है. दरअसल, अमित शाह शनिवार को हैदराबाद पहुंचे और तेलंगाना के रंगारेड्डी जिले में उन्होंने बीजेपी के सदस्यता अभियान की शुरुआत की.

वहीं, बीजेपी को सदस्यता अभियान के पहले ही दिन बड़ी कामयाबी मिली है. दरअसल, बीजेपी के सदस्यता अभियान के पहले दिन दक्षिण भारत के दो बड़े चेहरों ने पार्टी का दामन थाम लिया. इनमें एक एन भास्करा राव हैं और दूसरी हैं अंजू बॉबी जॉर्ज. बता दें कि अमित शाह के रंगारेड्डी में हुए कार्यक्रम में आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन भास्करा राव बीजेपी में शामिल हुए. वहीं, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की उपस्थिति में एथलीट अंजू बॉबी जॉर्ज ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की. अंजू बॉबी जॉर्ज वह शख्सियत हैं, जिन्होंने भारत को एथलेटिक्स में पहला अंतर्राष्ट्रीय मेडल दिलाया था. उन्होंने 2003 में पेरिस में हुई वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था.