राजस्थान उच्च नयायालय की बार अससोसिएश्न ने केरल के बाद पीड़ितों को भेजी राहत सामाग्री

 

जयपुर:

आज केरल के बाढ़ पीड़ितों के लिए हाई कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा एक ट्रक राहत सामग्री जैसे 80 किवंटल चावल, 25000 पानी की बोतल, बिस्किट के पैकेट्स, कपड़े और दैनिक उपभोग की चीजे रवाना की। इस कार्य मे अधिवक्ताओं ने जोर शोर से सहयोग किया और राहत सामग्री से ट्रक को पाट दिया। इस अवसर पर मुख्य न्यायाधिपति और अन्य सभी न्यायाधिपतियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और बार एसोसिएशन के इस कार्य की सराहना की और सभी न्यायाधिपतियों ने भी सहयोग करने की घोषणा की।

टिकट के दावेदारों से बागी ना होने का शपथ पत्र


फूल छाप कांग्रेसियों का डर इस कदर हावी है कि कांग्रेस को अपने टिकट के दावेदारों से बागी ना होने का शपथ पत्र लेना पड़ रहा है


मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस को अपने उम्मीदवार चुनने में अभी से ही पसीना आने लगा है. राज्य में कांग्रेस अविश्वास के भंवर में फंसी हुई है. कार्यकर्ता और नेता एक दूसरे को शंका भरी निगाहों से देखते रहते हैं. शंका बीजेपी से मिलीभगत को लेकर होती है? कांग्रेस में ऐसे कार्यकर्ताओं और नेताओं को फूल छाप कांग्रेसी का नाम दिया गया है. फूल छाप कांग्रेसियों का डर इस कदर हावी है कि कांग्रेस को अपने टिकट के दावेदारों से बागी ना होने का शपथ पत्र लेना पड़ रहा है.

राहुल गांधी के निर्देश पर लिए जा रहे हैं शपथ पत्र

मध्यप्रदेश में विधानसभा के उम्मीदवार तलाश करने के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने मधूसूदन मिस्त्री की अध्यक्षता में स्क्रीनिंग कमेटी गठित की है. मधुसूदन मिस्त्री ने ही पिछले विधानसभा चुनाव के उम्मीदवारों के नामों की स्क्रीनिंग की थी. कांग्रेस के ज्यादातर बड़े नेताओं को मधुसूदन मिस्त्री की कार्यशैली पसंद नहीं आती है. मिस्त्री अपने अंदाज में ही उम्मीदवारों की स्क्रीनिंग कर नाम कांग्रेस अध्यक्ष के पास प्रस्तावित कर देते हैं. पिछले विधानसभा चुनाव के वक्त भी मिस्त्री ने कई उम्मीदवार राज्य के बड़े कांग्रेसी नेताओं की मर्जी के खिलाफ प्रस्तावित किए थे. ऐसे लोगों को टिकट देने का नतीजा यह हुआ कि वे चुनाव हार गए थे.

इस बार भी मधुसूदन मिस्त्री को उम्मीदवारों की छानबीन की जिम्मेदारी दिए जाने से राज्य के कांग्रेसी नेताओं में कानाफूसी चलती रहती है. मधुसूदन मिस्त्री इस तथ्य से पूरी तरह वाकिफ हैं कि राज्य में कांग्रेस के पास प्रतिबद्ध कार्यकर्ता नहीं है. इस कारण से वह बड़ी ही बारीकी से दावेदारों पर ध्यान दे रहे हैं. राज्य में फूल छाप कांग्रेसी होने की आशंका को भी मिस्त्री नजरअंदाज नहीं कर रहे हैं.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के निर्देश पर टिकट के सभी दावेदारों से दस रुपए के स्टांप पेपर पर एक शपथ पत्र भी लिया गया है. राज्य के कांग्रेसियों को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की यह कार्रवाई कुछ अटपटी सी लग रही है. कहा जा रहा है कि राहुल गांधी का यह फार्मूला गुजरात और कर्नाटक में सफल हुआ था. एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने नाम ना छापने की शर्त पर कहा कि उम्मीदवारों के चयन के पहले ही अविश्वास का वातावरण तैयार करेंगे तो बीजेपी से मुकाबला करना बेहद कठिन होगा.

राहुल गांधी के निर्देश पर उम्मीदवारों से जो शपथ पत्र लिया जा रहा है उसमें यह शपथ लेने के लिए कहा गया है कि वे (दावेदार) टिकट ना मिलने की स्थिति में पार्टी से बगावत नहीं करेंगे. पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार के खिलाफ प्रचार नहीं करेंगे. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के एक पदाधिकारी ने ऑफ द रिकॉर्ड बातचीत में कहा कि इस तरह के शपथ पत्र की कोई कानूनी मान्यता या बंधन दिखाई नहीं देता है. यह समय बर्बाद करने वाली कवायद से ज्यादा कुछ नहीं है. यदि गलत व्यक्ति को उम्मीदवार बनाया जाता है तो शपथ पत्र देने के बाद भी बगाबत हो सकती है. मध्यप्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता विजेंद्र सिंह सिसोदिया ने कांग्रेस द्वारा दावेदारों से शपथ पत्र मांगने पर कहा कि यह हास्यास्पद है.

दावेदारों के साक्षात्कार भी ले चुके हैं मिस्त्री

कांग्रेस में पहली बार ऐसा हो रहा है कि स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन ने अपनी टीम के साथ राज्य कांग्रेस के मुख्यालय में बैठकर टिकट के दावेदारों का साक्षात्कार वैसे ही लिया जैसे किसी पब्लिक सर्विस परीक्षा में शामिल उम्मीदवारों से वन-टू-वन किया जाता है. मिस्त्री के साथ अजय कुमार लल्लू और नेट्टा डिसूजा ने दो दिन तक दावेदारों के साक्षात्कार लिए. चुनाव समिति के सदस्यों और पार्टी के पदाधिकारियों से भी अनौपचारिक चर्चा की. चुनाव समिति के सदस्यों से भी मिस्त्री ने टिकट देने के आधार पर भी चर्चा की. उम्मीदवार कब घोषित किया जाना चाहिए इस पर भी विचार किया गया.

यहां उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ यह पहले ही घोषित कर चुके हैं कि उम्मीदवारों की पहली सूची 15 सितंबर तक जारी कर दी जाएगी. कांंग्रेस पार्टी में ऐसे बहुत से लोग हैं जो कमलनाथ की इस राय का समर्थन भी कर रहे हैं. इनमें प्रचार समिति के प्रमुख ज्योतिरादित्य सिंधिया भी हैं. चुनाव की तारीखें घोषित होने के पहले उम्मीदवार घोषित करने का जोखिम भी कांग्रेस को दिखाई दे रहा है. वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भागीरथ प्रसाद भिंड से उम्मीदवार घोषित हो जाने के बाद भी कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में चले गए थे. ऐसी स्थिति विधानसभा चुनाव में निर्मित ना हो यह कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती बन सकती है.

बायोडाटा के अलावा दावेदारों की पूरी कुंडली भी ले रही है समिति

राज्य में विधानसभा की कुल 230 सीटें हैं. इन सीटों के लिए प्रदेश कांग्रेस में 2,700 से अधिक आवेदन आए हैं. 100 से ज्यादा लोगों ने स्क्रीनिंग कमेटी के सामने सीधे अपनी दावेदारी प्रस्तुत की है. मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि राज्य के कांग्रेसियों को इस बार जीत की उम्मीद दिखाई दे रही है इस कारण हर सीट पर एक दर्जन से अधिक दावेदार टिकट के लिए सामने आए हैं.

मिस्त्री के नेतृत्व वाली स्क्रीनिंग कमेटी ने दावेदारों से वन-टू-वन चर्चा में जीत की संभावनाओं को लेकर कई सवाल किए हैं. कांग्रेस पिछले 3 चुनाव क्यों हारी इसका पता लगाने की कोशिश समिति ने दावेदारों से चर्चा में की. दावेदारों से सामान्य जानकारी के अलावा उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि की भी जानकारी ली गई. दावेदार कांग्रेस का प्रतिबद्ध कार्यकर्त्ता है या नहीं, यह पता लगाने के लिए एक सवाल यह भी पूछा कि उसने संगठन चुनाव में कितने सक्रिय सदस्य बनाए थे? दावेदारों को वे पांच कारण भी बताने पड़े जिनके कारण वर्ष 2013 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस हार गई थी.

करुणा शुक्ल का भाजपा पर राजनैतिक हमला


शुक्ला ने कहा, बीजेपी स्वार्थी पार्टी है और अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर राजनीति कर रही है. उनका नाम लेकर 2019 चुनावों की तैयारी की जा रही है

करुणा जो 2014 के चुनाव कांग्रेस के निशान पर लड़ कर हार चुकीं हैं, ने छत्तीस गढ़, ओर मध्य प्रदेश की भाजपा पर अटल के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाया। पूछे जाने पर की उनका विरोध मात्र इन दो राज्यों के लिए है तो वह ‘जनता सब जानती है’ कह कर सवाल टाल गईं।


पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी करुणा शुक्ला ने गुरुवार को बीजेपी पर बड़ा हमला बोला. उन्होंने बीजेपी पर 2019 के आम चुनावों को देखते हुए वाजपेयी का नाम भुनाने का आरोप लगाया.

शुक्ला ने न्यूज18 से कहा, बीजेपी स्वार्थी पार्टी है और अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर राजनीति कर रही है. उनका नाम लेकर 2019 चुनावों की तैयारी की जा रही है. उन्होंने कहा, बीजेपी को वाजपेयी की मृत्यु पर भी राजनीति करने में शर्म नहीं आती. हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि पब्लिक सब जानती है और उसे सब पता है.

इससे पहले बुधवार को बीजेपी ने पूरे देश में बिहारी वाजपेयी की अस्थि कलश यात्रा शुरू की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अशोक रोड स्थित बीजेपी कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में सभी राज्यों के बीजेपी अध्यक्षों को अस्थि कलश सौंपा.

इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, संगठन मंत्री रामलाल समेत कई केंद्रीय मंत्री और पार्टी के नेता मौजूद थे. वाजपेयी की दत्तक बेटी नमिता कौल भट्टाचार्य और परिवार के अन्य लोग भी मौजूद थे.

सभी बीजेपी अध्यक्ष अपने-अपने राज्यों में वाजपेयी की अस्थियों का कलश लेकर जाएंगे. हर राज्य में अस्थि कलश यात्रा निकाली जाएगी. पूर्व प्रधानमंत्री की इस कलश यात्रा के लिए राजधानियों, जिलों और तालुकों में भी कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है.

Gateway to drugs ignored by four states in their fight plan

Jammu and Kashmir may have become a virtual gateway to drugs, but its cause to control the malaise is not expected to get help following its exclusion by a group of four other northern states which came together to fight drug menace.

The Chief Ministers of Haryana, Punjab, Uttrakhand and Himachal Pradesh have reportedly decided to establish a central secretariat at Panchkula to sharing data and monitor steps to meet the challenge of growing drug abuse among the youth.

Many have questioned Jammu and Kashmir has not been included to participate in the drive, claiming that most narcotics are being smuggled to rest of the country from the state.

Drug smuggling has apparently assumed the proportion of narco-terrorism. Narcotics are smuggled into J&K from Pakistan and Afghanistan through mountainous terrain along the Line of Control (LoC) between India and Pakistan occupied Kashmir (PoK).

Although at present there is no elected government in J&K – the state being under Governor’s rule – some representative of the Home Department or the state police could have been included in the joint team to yield better results in fight against drug smuggling.

J&K, Punjab, Rajasthan and Gujarat share international border with Pakistan from where narcotics, it is understood, are being pushed into India.

Besides, smuggling from Pakistan and PoK, high quality charas grown in various parts of Kashmir is also smuggled to rest of the country. Seizure of huge consignments of narcotics recently by the J&K Police and the Narcotics Bureau bear testimony to that. A consignment of narcotics worth about Rs 300 crore was recently seized from a Pakistani truck on a LoC trading centre in Kashmir.

Besides J&K, the Malana valley of Himachal Pradesh is also known to be contributing high grade charas in the drug market, but reports indicate that the charas produced in Anantnag area of south Kashmir has a greater market even in far away city of Mumbai.

The J&K Police, meanwhile, has initiated a drive to manually destroy the poppy plantations in apple orchards at various places. However, it might take a long time to achieve the desired results till mechanical methods are introduced to uproot the plants.

पत्रकारों को झूठे मुकदमे दर्ज कर फंसाया जा रहा है

(श्रवण सिंह राठाैड़ दासपां )
एससी एसटी एक्ट का बाड़मेर के पत्रकार दुर्ग सिंह जी के खिलाफ बिहार में मुकदमा् दर्ज कराने वाला खुद ही मुकर गया। वो परिवादी बोल रहा है कि मुझे तो पता ही नहीं। मैं कभी बाड़मेर आया ही नहीं। दुर्ग सिंह राजपुरोहित को जानता ही नहीं हूं। मैंने तो मुकदमा ही दर्ज नहीं कराया। इस झूठे प्रकरण में दुर्ग सिंह जी राजपुरोहित गिरफ्तार हो कर बिहार की जेल में बंद है। ये क्या हो रहा है इस देश में। पत्रकारों को झूठे मुकदमे दर्ज कर फंसाया जा रहा है। कोई सुनने वाला नहीं है। क्या भाजपा सरकार इतनी कमजोर और डरपोक है, जो ऐसे घटियापन पर उतर आई है।
मतलब साफ है कि ये राजनीतिक षड़यंत्र के तहत परिवादी राकेश पासवान के किसी स्थानीय विवाद में मदद का बोलकर साइन करवाकर वहां के एक बड़े भाजपा नेता (मेयर ) ने दुर्ग सिंह के खिलाफ ये झूठी कारवाई करवाई है। भला बिहार के मेयर से बाड़मेर के दुर्ग सिंह से क्या दुश्मनी होगी ? क्या ये महामहिम राज्यपाल ने डोरा करने की कोशिश करवाईं थी ?? भगवान जाने? वैसे भी झूठ पांव नहीं होते हैं। सच्चाई सामने आ रही है। सब षड़यंत्र रचने वाले बेनकाब होंगे।
मैं राजस्थान सरकार से मांग करता हूं कि वो इस षड़यंत्र में सहयोग करने वाले बाड़मेर पुलिस अधीक्षक को तत्काल प्रभाव से हटाए। थोड़ी भी शर्म बची हो तो मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को इस प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच करानी चाहिए। इस प्रकरण में चुप्प बैठकर तमाशा देखने वालों को भी अपनी अंतरात्मा से सवाल करना चाहिए। मैंने पहले दिन जब इस प्रकरण को सबसे पहले सोशल मीडिया और अपने दिल्ली और बिहार के पत्रकार मित्रों के माध्यम से उठाया तब मुझे कुई लोगों ने मना किया था कि दुर्ग सिंह जी की छवि अच्छी नहीं है, इसलिए आपको ऐसे व्यक्ति की पैरवी नहीं करनी चाहिए ! मैं सुनता सबकी हूं, करता अपने मन की हूं। मेरा मानना है कि हमें गलत को ग़लत और सही को सही बोलने की आदत डालने की जरूरत है। आज दुर्ग सिंह जी अंदर है, कल आपका नंबर भी लग सकता है। फिलहाल नितिश कुमार के नेतृत्व वाली भाजपा की भागीदारी वाली बिहार सरकार और वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार एससी-एसटी एक्ट के इस झूठे प्रकरण के लिए पूरी तरह दोषी है। हमें सरकार के इस नंगेपन के खिलाफ लोकनिंदा के माध्यम से विरोध करना चाहिए।
सत्यमेव जयते।

मोदी सरकार की ओर से संशोधित करके लागू किए गए एससी एसटी एक्ट के प्रभावशाली लोगों की ओर से दुरुपयोग का यह संभवतया पहला मामला है। बाडमेर के वरिष्ठ पत्रकार दुर्ग सिंह राजपुरोहित के खिलाफ दर्ज एफआईआर को मैंने पढ़ा है। अपने क्राइम रिपोर्टिंग के इतने सालों के अनुभव के आधार पर दावे से कह सकता हूं कि ये फर्जी और मनगढ़ंत प्रकरण है, जिसमें बिहार और राजस्थान पुलिस ने बड़े दबाव में फर्जी तरीके से ये गिरफ्तारी की गई है। अगर निष्पक्ष जांच हुई तो कई बड़े चेहरे बेनकाब होंगे और कई सलाखों के पीछे जाएंगे। बिहार के राकेश पासवान नाम के एक कथित मजदूर ने दुर्ग सिंह के खिलाफ बिहार में एफ आई आर दर्ज कराईं है। जिसमें आरोप लगाया है कि दुर्ग सिंह ने 7 मई को बिहार आकर नीच पासवान जाति का बोलकर अपमानित किया। साथ ही घर से बाहर निकालकर मारपीट की। रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि दुर्ग सिंह का बाड़मेर में पत्थरों समेत कई तरह के व्यवसाय है। आरोप के मुताबिक पासवान बाड़मेर में दुर्ग सिंह के वहां मजदूरी करता था। छह महीने काम करके बिना मजदूरी लिए वो बिहार चला गया। दुर्ग सिंह 15 अप्रेल को बिहार उस मजदूर को लेने गया। रिपोर्ट के मुताबिक मजदूर ने माता पिता की बीमारी का हवाला देकर बिहार से बाड़मेर आने के लिए मना कर दिया। इसके बाद दुर्ग सिंह फिर 7 मई को 3-4 अज्ञात लोगों को लेकर बिहार राकेश पासवान के घर आकर बाड़मेर जबरन ले जाने के लिए धमकाने लगा। घर से घसीटकर बाहर ले कर आए। नीच जाति का बोलकर मारपीट की। मेरे 75 हजार मज़दूरी के भी नहीं दिए। ……………………………………….
बिहार में ये एफआई आर दर्ज होने के बाद कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट जारी हो जाता है। उस वारंट को पटना के एसपी ने गंभीरता से लेते हुए तुरंत बाड़मेर एसपी को जरिए ईमेल और वाट्स अप के भिजवाया गया। एसपी बाड़मेर ने प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए एसपी ने रीडर के जरिए दुर्ग सिंह को उपस्थित होने की सूचना भिजवाई। दुर्ग सिंह जी तुरंत बाड़मेर एसपी आफिस गए। एसपी ने बिठाने कै बोला। दुर्ग सिंह को इतला दी कि आपके खिलाफ पटना में एससी एसटी एक्ट और अमानत में ख़यानत का प्रकरण दर्ज हुआ है। दुर्ग सिंह ने बोला कि मेरी तो सात पीढ़ियों में से कोई भी आज तक पटना नहीं गया है। उधर एसपी ने ग्रामीण थाने के एसएचओ को बुलाकर दुर्ग सिंह को एक हैड कांस्टेबल और दो सिपाहियों के साथ पटना लेकर जाने के निर्देश दिए गए। तुरंत एक हैड कांस्टेबल और दो सिपाही एक प्राइवेट गाड़ी करके दुर्ग सिंह जी को लेकर बाड़मेर से पटना रवाना हो गए। फोन ले लिया गया। राजस्थान पुलिस गाली गलौज के गंभीर मामले के मुलजिम दुर्ग सिंह को ले जाकर पटना पुलिस को सुपुर्द कर दिया है। वहां दुर्ग सिंह को कोर्ट ने ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया है।
………………………………………………………………………..
सवाल
1. दुर्ग सिंह इंडिया न्यूज में कार्यरत है, उसका कोई पत्थर खनन का काम नहीं है।
2. दुर्ग सिंह जिदंगी में कभी बिहार नहीं गए।
3. दुर्ग सिंह के मुताबिक उन्होंने कभी राकेश पासवान नाम के व्यक्ति को देखा ही नहीं।
4. दुर्ग सिंह के मुताबिक उसने बिहार के गवर्नर सतपाल मलिक के बाड़मेर में दौरे को लेकर एक पोस्ट लिखी थी, जिससे भाजपा नेता प्रियंका चौधरी उससे नाराज़ हैं।
5. दुर्ग सिंह का आरोप है कि ये गवर्नर विवाद कनेक्शन की वजह से उसे झूठे मामले में बिना जांच के फर्जी एससी-एसटी एक्ट का प्रकरण दर्ज करके गिरफ्तार किया गया है।
6. एफ आई आर में दुर्ग सिंह को 7 मई को बिहार में राकेश पासवान के घर पर जाकर नीच जाति का बोलकर अपमानित करने का आरोप लगाया है, जबकि फेसबुक पर 7 मई को दुर्ग सिंह बाड़मेर में एक पुस्तक के विमोचन का लाइव दिखा रहे थे। उसकी डिटेल मैंने इस पोस्ट में स्कि्रन शाट सलंग्न है।
7. एक मजदूर को जाति सूचक शब्दों से अपमानित करने के मामले में बिहार से आए वारंट में राजस्थान पुलिस पर किसका दबाव था, जिस वजह से दुर्ग सिंह को बिना किसी नोटिस के। गिरफ्तार कर एक हैड कांस्टेबल और दो सिपाहियों को प्राइवेट टैक्सी से बिहार जाकर वहां की पुलिस को सुपुर्द किया गया। ऐसा तो किसी आतंकी गतिविधियों के मामले में भी एक तरफा कार्यवाही नहीं हुई।
8. मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को अपनी गौरव यात्रा से पहले ये स्पष्ट करना चाहिए कि उनकी पार्टी की नेता और राज्य की पुलिस का इस अनैतिक कारवाई में संलिप्तता की वो निष्पक्ष जांच करवाकर क्या तत्काल प्रभाव से बाड़मेर एसपी को वहां से हटाने और भाजपा की महिला नेता वियंका चौधरी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगी ?
(श्रवण सिंह राठाैड़ दासपां की कलम से )

राजनीति के रास्ते आगे बढ़ रही है वाजपेयी की विरासत


अटल बिहारी वाजपेयी की विरासत को आगे बढ़ाते हुए बीजेपी के नेता उससे होने वाले फायदों को भी खूब भुना रहे हैं


हरिद्वार में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के अस्थि कलश को लेकर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के अलावा यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत हरकी पैड़ी पहुंचे. इस मौके पर कई और नेता-मंत्री भी मौजूद रहे. उनके साथ अटल बिहारी वाजपेयी की दत्तक पुत्री नमिता कौल भी परिवार समेत मौजूद थी. अटल जी की अस्थियां मोक्षदायिनी गंगा में विसर्जित कर दी गईं.

इस मौके पर भी बीजेपी के सभी दिग्गजों की मौजूदगी यह बताने के लिए काफी था कि कैसे बीजेपी आलाकमान ने अपने सबसे प्रिय नेता की विरासत को संजोने, संभालने और उसको आगे बढ़ाने के लिए अपने-आप को अटल जी के प्रति समर्पित कर दिया है.

राजनीति के एक युग का अंत

16 अगस्त को अटल बिहारी वाजपेयी ने जब दिल्ली में एम्स में अंतिम सांसे लीं. उस दिन सुबह से लेकर रात तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, मोदी सरकार के सभी मंत्रियों के अलावा बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों तक सबने एम्स से लेकर बाद में उनके सरकारी आवास तक अपने-आप को सीमित कर दिया. पल-पल उनकी सेहत का समाचार लेने के लिए सभी तत्पर रहे.

अगले दिन सुबह जब उनके पार्थिव शरीर को बीजेपी के केंद्रीय कार्यालय में लाया गया तो वहां भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह लगातार पार्टी दफ्तर में वहां मौजूद रहे, जहां बीजेपी के सभी नेता और कार्यकर्ताओं के अलावा अटल जी को चाहने वालों का श्रद्धांजलि देने के लिए तांता लगा था. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस मौके पर लगातार मोदी-शाह के साथ बैठे दिखे. इसके बाद अंतिम यात्रा में स्मृति स्थल तक बीजेपी के सभी नेता अंतिम यात्रा में पैदल ही गए.

उनके अंतिम संस्कार के बाद उनकी अस्थि यात्रा को विसर्जित करने की बात हो या फिर बीजेपी शासित राज्यों में उनकी विचारों और उनके सिद्धांतों को आगे बढ़ाने की बात हो, बीजेपी की तरफ से प्रयास जारी है.

अटल बिहारी वाजपेयी की कर्मभूमि यूपी रही है. यूपी के बलरामपुर से ही अटल बिहारी वाजपेयी पहली बार 1957 में सांसद चुने गए. बाद में उन्होंने प्रधानमंत्री रहते लखनऊ का भी प्रतिनिधित्व किया. कानपुर में उन्होंने पढ़ाई की थी. इस लिहाज से यूपी से उनका काफी गहरा नाता रहा है.

कर्मभूमि है यूपी 

अटल जी के पंचतत्व में विलीन होने के बाद अब उनकी यादों को संजोने के लिए यूपी सरकार ने कई बड़े फैसले किए हैं. यूपी में चार स्थलों लखनऊ, कानपुर, बलरामपुर और आगरा में अटल बिहारी वाजपेयी के स्मारक बनाने का फैसला किया गया है जहां से उनकी यादें जुड़ी हुई हैं. इसके अलावा यूपी सरकार ने तय किया है कि प्रदेश की हर छोटी-बड़ी नदियों में अटल अस्थि कलश को विसर्जित किया जाएगा. हालाकि सबसे पहले हरिद्वार में अस्थि कलश यात्रा के बाद उनका अस्थि विसर्जन किया गया है.

यूपी के अलावा बिहार समेत देश के लगभग हर राज्य में उनका अस्थि विसर्जन किया जा रहा है. लेकिन, इस वक्त मध्य प्रदेश में भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की तरफ से अटल जी के सम्मान में नई-नई घोषणाओं का अंबार लग रहा है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के सात शहर भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर, ग्वालियर, सागर और सतना को अटल स्मार्ट सिटी का नाम दिया है. ये सभी शहर अब अटल स्मार्ट सिटी कहे जाएंगे.

इसके अलावा उनके नाम पर और भी कई योजनाओं का नामकरण किया जा रहा है. अगले साल से मध्य प्रदेश के स्कूलों में अटल जी की जीवनी भी पढ़ाई जाएगी. भोपाल में बन रहे विश्वस्तरीय रेलवे स्टेशन का नाम भी अटल जी के नाम पर करने का फैसला किया गया है.

अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म मध्यप्रदेश में ही हुआ था. प्रारंभिक शिक्षा भी उनकी वहीं हुई थी. यही वजह है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने प्रदेश की मिट्टी मैं पैदा हुए इस महान शख्स की यादों को अनंत काल के लिए यादगार बनाने में लगे हैं.

वाजपेयी, शिवराज और विधानसभा चुनाव

दरअसल, मध्यप्रदेश में इसी साल के आखिर में विधानसभा के चुनाव होने हैं. पिछले पंद्रह साल से प्रदेश की सत्ता में बीजेपी है. इस वक्त राज्य भर में अलग-अलग जगहों पर दौरा करके शिवराज सिंह चौहान अपनी सरकार बनाने की कवायद कर रहे हैं. लिहाजा वह पार्टी के भीष्म पितामह के नाम और काम के दम पर लोगों को जोड़ने में जुटे हैं.

बात अटल जी के सम्मान की कही जा रही है. लेकिन, उनकी जिंदगी से जुड़े हर उस स्थल को विकसित करने, उनके नाम पर सात स्मार्ट शहर का नाम रखने और उनके नाम पर हबीबगंज स्टेशन का नाम बदलने जैसी तमाम कोशिशों से लगता है कि मुख्यमंत्री चौहान  विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की लोकप्रियता, उनके चाहने वालों का प्यार और उनके प्रति समर्पण को अपने लिए भुनाने की कोशिश कर रहे हैं. इसमें कुछ गलत भी नहीं है, क्योंकि अटल जी बीजेपी के सबसे बड़े और कद्दावर नेता थे.

दरअसल बीजेपी अटल जी के नाम और उनके काम का फायदा आगे भी लेना चाह रही है. उनके आदर्शों और उनके विचारों की पोटली को अपना विरासत बनाकर उसे सहेजने की उसकी कोशिश से इस बात की झलक मिल रही है कि पार्टी उनकी विरासत को लेकर कितनी सजग है.

यूपी भी पीछे नहीं

मध्यप्रदेश भले ही अटल जी की जन्मभूमि रही हो, लेकिन, उनकी कर्मभूमि यूपी को ही माना जाता है. उनकी कर्मभूमि यूपी में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उनकी यादों को संजोने-संवारने के प्रति दिखाया गया उत्साह, इतिहास में शामिल हो चुके इस अजातशत्रु के सम्मान में स्मारक का निर्माण कराना और सर्वजन के लोकप्रिय अपनी मधुर वाणी से सबको मंत्रमुग्ध करने वाले जननेता की अस्थियों को पूरे प्रदेश की नदियों में प्रवाहित करना यह दिखाता है कि योगी भी अटल जी के प्रति सम्मान के साथ-साथ उनके प्रति अपने समर्पण और लगाव को दिखाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं.

भले ही मध्यप्रदेश में अभी विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. लेकिन, आने वाले दिनों में यूपी के भीतर भी अटल जी के नाम, काम और उनके सपने को साकार करने को लेकर योगी सरकार अपनी वचनबद्धता और प्रतिबद्धता दिखा रही है. उनके नाम का सियासी फायदा लेने से बीजेपी यूपी में भी नहीं हिचकेगी.

बीजेपी की तरफ से देश भर में अटल बिहारी वाजपेयी के काम को लेकर जिस तरह से दिखाने और आगे बढ़ाने की कोशिश हो रही है, उससे साफ है कि वो अटल जी की विरासत पर पूरी तरह से अपना हक जता रही है. अटल जी की उदार छवि के नाम पर उन्हें नेहरुवादी बताने वालों के लिए पार्टी कोई स्पेस नहीं छोड़ना चाहती.

5चवां अग्रवाल युवक युवती परिचय सम्मेलन का आयोजन सफल हुआ

[18/08 6:29 pm] Satya narayan Gupta:

5चवां अग्रवाल युवक युवती परिचय सम्मेलन का आयोजन सफल हुआ इस कार्यक्रम का आयोजन अग्रवाल परिवार संगठन ट्रस्ट रजिस्टर्ड द्वारा पम्रशांत बिहार सैक्टर 14 रोहिणी दिल्ली के तत्वावधान में किया गया इस कार्यक्रम की जानकारी देते हुए संगठन के अध्यक्ष श्री जगमोहन गुप्ता ने बताया कि परिचय सम्मेलन में हरियाणा, पंजाब, दिल्ली,यू पी, राजस्थान, उत्तराखंड, चंडीगढ़, तथा मध्य प्रदेश के 800 के लगभग बच्चों एवं उनके परिजनों ने भाग लिया। -। उन्होंने ने बताया कि इस से पुर्व चार परिचय सम्मेलन करवा चुके हैं और उक्त सम्मेलनों के माध्यम से 40% रिश्ते हो चुकें है इसलिए इस पांचवें अग्रवाल युवक युवती परिचय सम्मेलन का आकार बढ़ाने का प्रयास किया है और सफल भी हुए जिस कारण 800 के लगभग शादी के लायक युवक युवतियों ने और उनके परिवारजनों ने कार्यक्रम में शिरकत की -। श्री जगमोहन ने बताया कि उक्त कार्यक्रम में 10%के आस पास परिवारवालों के रिश्ते हो गय और कुछ की बात चित चल रही है
[इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मोहिंदर गोयल विधायक ने दीप प्रज्ज्वलित करके कार्यक्रम की शुरुआत की तथा उक्त परिचय सम्मेलन में 600 युवक युवतियों के बायोडाटा उपलब्ध करवाए तथा परिचय पुस्तिका का विमोचन किया इस अवसर अग्रवाल विकास ट्रस्ट पंचकूला के प्रधान सत्यनारायण गुप्ता विशेष अतिथि थे और अग्रवाल समाज के लोग भारी संख्या में उपस्थित रहे

In tribute to Vajpayee, PM Modi walks the extra mile

Indian Prime Minister Narendra Modi (R) walks behind a truck pulling the coffin with the body of former Indian prime minister Atal Bihari Vajpayee during a funeral procession in New Delhi on August 17, 2018.
Three-time Indian prime minister Atal Bihari Vajpayee died August 16, sparking tributes from across the political spectrum as current leader Narendra Modi mourned the “irreplaceable loss” of the respected statesman.


In a rare gesture, Prime Minister Modi joined the sea of people who walked down from the BJP headquarters up to the Smriti Sthal, a distance of roughly 5km


He may not be a true follower of the style of politics that former Prime Minister Atal Bihari Vajpayee believed in, but Prime Minister Narendra Modi paid a rare tribute to the three-time BJP PM by covering his final journey on foot on Friday.

In a rare gesture, Prime Minister Modi joined the sea of people who walked down from the BJP headquarters up to the Smriti Sthal, a distance of roughly 5 km. By doing so, the Prime Minister set aside the protocol and apprehensions over his security. This was a silent gesture of PM Modi to show how much he loved and respected BJP stalwart AB Vajpayee

Prime Minister Narendra Modi paying his last respects to former prime minister Atal Bihari Vajpayee at the cremation ground in New Delhi on August 17, 2018.

Vajpayee’s funeral procession started from the BJP headquarters on the Deen Dayal Upadhyay Marg, and then took the Bahadur Shah Zaffar Marg, crossed Delhi Gate and Daryaganj, to take the Netaji Subhash Marg, before reaching Smriti Sthal at Shanti Van.

Social media was flooded with posts appreciating PM Modi’s gesture towards the former PM.

Entire nation will mark respect to ‘Atal Ji’ on his demise

Chandigarh, 16th August 2018:

All offices/ Boards/ Corporations of Chandigarh Administration and Educational Institutions of the Union Territory and Panjab University Campus and all its affiliated colleges of Chandigarh and Punjab shall remain closed on 17.08.2018 as a mark of respect to Sh Atal Bihari Vajpayee, former Prime Minister of India

Punjab & Haryana High court along with Vidhan Sabha  of both states has also notified about the holiday.

Haryana and Punjab has declared 17 August as holiday under negotiable instrument act.

Examination, meeting and other related activities also stand postponed till new dates announced by the University in this regard

ह्यूमन लाइफ स्कूल के बेघर घुमंतू बच्चों ने धूमधाम के साथ मनाया स्वतंत्रता दिवस, मिला जनसहयोग

15 अगस्त , जयपुर . अनाथ, बेघर, घुमंतू एवं झुग्गी बस्तियों में रहने वाले अत्यंत निर्धन एवं सुविधाहीन गरीब परिवारों के शिक्षा से वञ्चित बच्चों को शिक्षित बनने एवं नशामुक्ति के क्षेत्र में कार्य करने वाली प्रमुख समाज सेवी संस्था “ह्यूमन लाइफ फाउंडेशन” द्वारा स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया . इस कार्यक्रम में फाउंडेशन द्वारा प्रतापनगर एवं महल रोड (जगतपुरा) जयपुर क्षेत्र में स्थित झुग्गी बस्तियों में निःशुल्क संचालित “ह्यूमन लाइफ स्कूल” (चैरिटी स्कूल) की दोनों शाखाओं में पढने वाले कुल ७५ गरीब बच्चों ने भाग लिया.
कार्यक्रम की शुरुआत धजारोहण फिर राष्ट्रगान और पुनश्च कार्यक्रम अध्यक्ष रेणु सिंह द्वारा भारतमाता के चित्र पर माल्यार्पण करने के साथ हुए के साथ हुई. इस अवसर बच्चों की सत्प्रेरणा एवं सहयोग के लिए मुख्य अतिथि सरदार श्री के .पी. सिंह (गारमेंट एक्सपोर्टर), कार्यक्रम अध्यक्ष श्रीमति रेणु सिंह, विशिष्ट अतिथि लोयंस क्लब के श्री बी.पी मूंदड़ा (सी.ए) एवं श्रीमति सीमा दया सहित श्रीमति सीमा चौधरी, श्रीमति बगडा, श्रीमति सुधा मूंदड़ा, श्री प्रदीप जैन सी.ए., श्री ओमप्रकाश गुप्ता, श्री अशोक अग्रवाल जैसे समाज के कई गणमान्य नागरिक व्यक्ति उपस्थित थे. ध्वजारोहण के बाद संस्था के सक्रिय सदस्य श्री ललित जैन, हेमराज चतुर्वेदी एवं रेखा मैडम द्वारा समस्त अतिथियों का माल्यार्पण करके स्वागत किया गया.
इस कार्यक्रम में बच्चों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और कविता, देशभक्ति गाने, भारतमाता के भजन एवं देशभक्ति गीतों पर नृत्य परफॉरमेंस करके माहौल को देशक्तिमय बना दिया. छोटे छोटे की परफॉरमेंस देखकर समस्त अतिथि, स्रोता एवं उपस्थित बच्चे, देशप्रेम की भावना से ओतप्रोत हो गए. जब बच्चों ने जब ‘जागो तो इक बार जागो जागो रे’… गाने का संयुक्तगायन किया तो सभी बच्चो में देशभक्ति और देश पर मर मिटने जज्बा पैदा हो गया. घूमर .., लहरियों सतरंगी…. देश रंगीला रंगीला…. सुनो गौर से दुनिया वालो…. जैसे मधुर गीतों पर बच्चों की डांस परफॉरमेंस को देखकर सभी अतिथियों ने बहुत तारीफ की, इस अवसर पर बच्चों ने प्राणायाम एवं कठिन कठिन योगासन करके भारतमाता की जय और वन्देमातरम् के नारे लगाये. जिन बच्चों ने कार्यक्रम में भाग लिया उन सभी बच्चों को मुख्यातिथि की ओर से पानी की बोतलें गिफ्ट की गई.
कार्यक्रम के अंत में मुख्य अतिथि श्री के पी सिंह जी ने बच्चो को संवोधित करते हुए कहा की पढ़ लिखकर ही तुम आगे बढ़ सकते हो इसलिए पढाई को जीवन का नित्य हिस्सा बनाना. विशिष्ट अतिथि लोयंस क्लब के श्रीमति मूंदड़ा ने पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का उदाहारण देकर गरीब श्री बच्चों को भांति भांति से बच्चों को आगे बढ़ने एवं हर समय चहरे पर खुशी बनाये रखने के लिए प्रेरित किया..और घुमंतू एवं गरीव तबके के लिए ट्रस्ट द्वारा किये जारहे सेवाकार्यों को महान एवं राष्ट्रनिर्माण का कार्य बताकर ट्रस्ट के फाउंडर हेमराज चतुर्वेदी एवं सम्पूर्ण टीम की बहुत तारीफ की. , इसी क्रम में विशिष्ट अतिथि श्रीमति सीमा दया ने सेवा कार्य को प्रसंसनीय बताया और बच्चो के की शिक्षा , स्वस्थ एवं स्वच्छता पर बल देने हुए बच्चो को निरोग रहने एवं बड़े होकर देश सेवाका सन्देश दिया. कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही श्रीमति रेनू सिंह ने बच्चो को अशिक्षा ,कुपोषण जैसी समस्याओं पर बल देते हुए शिक्षा लेने वाले एवं इन बच्चों को दोपहर के भोजन की उपलब्धता पर बल दिया और इस हेतु संस्था की स्वयं की किचिन सेटअप करने के लिए उन्होंने कुछ बर्तन भी भेंट किये. जिससे की फ़ूड रिलीफ कार्य को गति मिलसके किया जा सके.
राष्ट्रीय पर्व पर खुसी के इस अवसर पर कार्यक्रम के अंत में सभी बच्चो को मुख्य अतिथि जी के आर्थिक सहयोग से मिठाई, फल, फ्रूटी जूस, श्री मूंदड़ा की ओर से पानी की बोतलें, स्कूल गवर्निंग बोर्ड के अध्यक्ष श्री रमेश कुमार की ओरे से सभी बच्चों को पेंसिल बॉक्स वितरित किये गए. इन सबको पाकर बच्चे बहुत ही खुश और आनंदित हुए. आज उनके अन्दर भी हमने देश के के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा आसानी से देखा जा सकता था. और भारतीय समाज में वैचारिक परिवर्तन हो रहा है , हिन्दू समाज के हृदय में सेवाकार्यो के प्रति सकारात्मकता आने लगी है इसका उदहारण तब देखने को मिला जब हमारे एक पडौसी ने जगदीश की प्रसादी के नातेसभी बच्चों को खाना भी खिलाया… तो फिर बात ही क्या है ? बच्चे भी खुश….. और बाँटने बाले भगत भी खुश … और भगवान भी खुश… और हम भी खुश !
ह्यूमन लाइफ फाउंडेशन के फाउंडर हेमराज चतुर्वेदी ने बताया कि ट्रस्ट के सेवा कार्यों से प्रभावित होकर अतिथियों ने स्कूल को आर्थिक सहयोग भी दिया. श्री प्रदीप जैन सी.ए., श्री ओमप्रकाश गुप्ता एस .ई. एवं श्री अशोक अग्रवाल जी तीनों सहयोगियों ने मिलकर ११,०००/- रूपये का सहयोग प्रदान किया. इसी तरह श्रीमति बगडा ने भी ५०००/- का सहयोग देकर दूसरों सक्षम लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत बनीं.
हेमराज चतुर्वेदी ने कार्यक्रम के अंत में सभी सहयोगियों, अतिथियों , बच्चों, शिक्षिकों एवं वोलुन्टीयरस को धन्यवाद् एवं स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएँ दी.