राम मंदिर के मुद्दे पर सर्वोच्च न्यायालय ने किया निराश

दिनेश पाठक अधिवक्ता, राजस्थान उच्च न्यायालय, जयपुर। विधि प्रमुख विश्व हिन्दु परिषद

रामन्दिर के मुकदमे की सुनवाई को उत्सुक हिन्दू समाज को निराशा हुयी जब सुप्रीम कोर्ट ने नये सिरे से मध्यस्थता की ओर मोडकर मामले को कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल के बयान कि लोकसभा चुनाव के बाद सुनवाई होनी चाहिये की राह पर जाकर मामला ताल दिया !

अब जबकि मुकदमे के सभी पक्षकार सुनवाई के लिये तैयार है कागजी कार्यवाही भी पूरी हो चुकी है अब मध्यस्थता के नाम मामले को लटकाने का प्रयास किया जा रहा है! सुप्रीम कोर्ट के मध्यस्थता की बात करते ही जो लोग मामले की सुनवाई को लोकसभा के चुनाव के बाद सुनवाई केपक्ष मे थे की बाछे खिल गयी ये लोग वही है जो कि कुछ समय पहले श्री श्री रविशंकर के द्वारा की गयी मध्यस्थता पहल ने शामिल ही नही हुये,उनका विरोध भी किया अब उनकी इसी मध्यस्थता के नाम पर मुराद पूरी होने उम्मीद जाग रही है कि राम मन्दिर मामले की सुनवाई लोकसभा चुनाव से पहले नही होनी चाहिये क्योकि ये जानते है कि फैसला क्या आयेगा !

क्या राममन्दिर मामले को किसी और दिशा मे मोडने की कोशिश हो रही है?जबकि इलाहाबाद उच्च न्यायालय का आदेश स्पष्ट तौर पर रामलला के पक्ष मे है फिर भी उसका बंटवारा तीन हिस्सो मे किया गया तो समझौता भी हिन्दू समाज करे? मामले को इस स्तर पर मध्यस्थता की बात करने का मकसद ही मामले की सुनवाई टालना ही लगता है जबकि राम लला और हिन्दु महासभा की ओर से मामले के इस स्तर पर किसी तरह की मध्यस्थता का विरोध किया है! अब जबकि सभी पक्ष सुनवाई को तैयार है टालना का कोई बहाना ही नही बचा तो मामले का फैसला आये उसके बजाये मध्यस्थता की ओर मोडकर मामले को लटकाने का ही प्रयास है क्योंकि मध्यस्थता मे जाने के बाद साल छ: महीने के लिये टल जायेगा जबकि हिन्दू पक्ष पक्षकार अब और मामले कॊ लम्बा खींचना नही चाहता वो फैसला चाहता है क्योंकि उसके लिये यह आस्था का प्रश्न है!

देखने की बात यह है कि जिनके पक्ष मे इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला आया वो पक्ष मध्यस्थता के विरोध मे है जबकि मध्यस्थता का पूर्व मे विरोध कर चुकी बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी अचानक ही मध्यस्थता को बैचेन दिखाई तत्ा हथियार उनकी मंशा कि लोकसभा चुनाव के बाद सुनवाई होनी चाहिये को पूरी करता है लेकिन मध्यस्थता के लिये सभी पक्षो का सहमत होना आवश्यक है और अगर राममन्दिर का मामला मध्यस्थता को सौंपा जाता है तो सबरीमाला मन्दिर का मामला भी रिव्यू मे मध्यस्थता को सौपा जाना चाहिये

पांच सदस्यों की पीठ ने राममन्दिर मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले को बातचीत के माध्यम से सुलझाने और बातचीत के जरिये कोई हल निकालने को लेकर सुनवाई की जस्टिस एस ए बोबडे ने सुनवाई के दौरान कहा कि बाबर ने जो किया उसे हम बदल नही सकते हमारा मकसद विवाद को सुलझाना है इतिहास की जानकारी हमें भी है मध्यस्थता का मतलब किसी की हार या जीत नही है ये दिल,दिमाग,भावनाओ से जुडा मामला है हम इस मामले की गम्भीरता को लेकर सावचेत है ! जबकि इसी मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट कह चुका है कि यह सिविल सूट है अब जबकि हिन्दूपक्ष भी सिविल सूट जिसे वह आस्था के साथ जुडा पाता है,कि सुनवाई को तैयार है तो मध्यस्थता की आवश्यकता कैसे पडी जबकि कुछ समय पहले ही सबरीमाला मन्दिर के मामले मे सैकडो बर्षो पुरानी आस्था को तोडकर निर्णय दिया उस समय न्यायालय को मध्यस्थता मे जाना क्यों उचित नही लगा सबरीमाला मन्दिर के निर्णय को भी रिव्यू कर मध्यस्थता मे ले जाना उचित रहेगा ! मध्यस्थता को लेकर सभी पक्षकारो की भी भिन्न राय है मसलन निर्मोही अखाडे के वकील सुशील जैन ने कहा कि जमीन हमारी है और हमें वहां पूजा का अधिकार है लेकिन मध्यस्थता होती है तो सभी पक्षो को साथ आना होगा बाबरी मस्जिद के वकील राजीव धवन ने कहा कि वह मध्यस्थता के लिये तैयार है! रामलला की ओर से बरिष्ठ वकील सी एस वैद्य नाथन ने कहा कि अयोध्या श्री राम की जन्मभूमि है इसलिये यह आस्था का विषय है इसलिये इसमे किसी तरह का समझौता नही हो सकता है सिर्फ यही फैसला हो सकता है कि मस्जिद कहिं दूसरी जगह बना सकते है हम उसके लिये क्राउडफंडिग कर सकते है मध्यस्थता का तो सवाल ही नही है! वहीं हिन्दू महासभा के वकील हरिशंकर जैन ने किसी तरह के समझौते का विरोध किया उनका कहना था कि कोरगट मे पक्षकार मान भी जाते है तो बाहर आम जनता इस फैसले को नही मानेगी हिन्दु महासभा ने कहा कि जमीन हमारी है इसमे कोई समझौता मान्य नही है!

कांग्रेस ने जारी की अपनी लोक सभा प्रत्याशियों की पहली सूची

चुनावी सरगरमियों के चलते कांग्रेस ने अपनी पहली सूची जारी कर अटकलों के बाज़ार को शांत कर दिया है और साथ ही साथ भाजपा को अपने अपने लोकसभा क्षेत्रों से ही चुनाव लड़ने के लिए उकसाया भी है।

लोकसभा चुनाव 2019 के लिए कांग्रेस ने अपनी पहली सूची जारी कर दी है. इस लिस्ट के मुताबिक यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी रायबरेली से तो कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अमेठी से आम चुनाव लड़ेंगे.

कांग्रेस ने इस साल होने वाले आम चुनाव के लिए 15 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया है. इन नामों में 11 उम्मीदवार उत्तर प्रदेश से तो 4 गुजरात की सीटों के उम्मीदवारों का ऐलान किया गया है.

कांग्रेस की इस सूची में गुजरात के चार नामों में अहमदाबाद वेस्ट (एससी) से राजू परमार, आनंद से भरतसिंह एम सोलंकी, वडोदरा से प्रशांत पटेल, छोटा उदयपुर (एसटी) से रंजीत मोहनसिंह रठावा को टिकट दी गई है.

वहीं उत्तर प्रदेश से रायबरेली से सोनिया गांधी, अमेठी से राहुल गांधी, सहारनपुर से इमरान मसूद, बदायूं से सलीम इकबाल शेरवानी, धौरहरा से जितिन प्रसाद, उन्नाव से श्रीमती अनु टंडन, फर्रुखाबाद से सलमान खुर्शीद, अकबरपुर से राजाराम पाल, जालौन(एससी) बृज लाल खबरी, फैजाबाद से निर्मल खत्री और कुशीनगर से आरपीएन सिंह को चुनावी मैदान में उतारा गया है.

“बीके हरिप्रसाद ने जो भी कहा है कि वो कांग्रेस पार्टी का स्टैंड नहीं है, वो पार्टी पदाधिकारी/प्रवक्ता नहीं हैं तो कार्रवाई करने का कोई मामला नहीं बनता.” प्रियंका

कांग्रेस पार्टी में पदाधिकार न होना एक बड़े फाड़े का सौदा भी है, या यूं कहें की कांग्रेस के कुछ नेता इसी आम के लिए हैं की वह राष्ट्र ‘अहित’ में कुछ भी कहें पार्टी उन्हे पदाधिकारी न होने का फाइदा पहुँचती है या फिर उनसे अपने कुत्सित विचार फैलाने का फायदा लेती है। ऐसा ही मामला बीके हरिप्रसाद का भी है।

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता बीके हरिप्रसाद के एक बयान को लेकर गुरुवार को विवाद हो गया जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि पुलवामा आतंकी हमला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के बीच ‘मैच फिक्सिंग’ का नतीजा है. बीजेपी ने इस बयान को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा है. 

हरिप्रसाद ने कहा, “पुलवामा हमले के बाद के घटनाक्रम पर यदि आप नजर डालेंगे तो पता चलता है कि यह पीएम नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के बीच मैच फिक्सिंग थी. जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल ने खुले तौर पर स्वीकार किया है कि यह पुलवामा में हुई खुफिया जानकारी की विफलता है.” हरिप्रसाद यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा कि “केंद्रीय मंत्री रविशंकर को स्पष्ट करना चाहिए कि पीएम मोदी और इमरान खान के बीच क्या मैच फिक्सिंग थी. उनकी जानकारी के बिना पुलवामा का आतंकी हमला नहीं हो सकता.”  

इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने पुलवामा हमले को ‘दुर्घटना’ बताया था जिससे बड़ा विवाद खड़ा हो गया था. केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने हरिप्रसाद के बयान को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि यह सब राहुल गांधी के इशारे पर हो रहा है.

प्रसाद ने कहा, “कांग्रेस इतना गिर जाएगी, इसकी कल्पना हमने नहीं की थी. इनका कहने का क्या मतलब है कि भारत एक आंतकवादी देश है. कांग्रेस के महासचिव ने देश का अपमान किया देश की सेना का अपमान किया. हम ये भी नहीं कहेंगे की वो माफ़ी मांगे, ऐसे लोगो को भारत की जनता जवाब देगी. मैं इसकी निंदा करता हूं.” 

केंद्रीय मंत्री ने कहा, “कांग्रेस पार्टी का अब राहुल गांधी की अगवाई में कोई भविष्य नहीं है. दो दिन पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्री कुरैशी ने कहा था कि सभी राजनीतिक पार्टियां इमरान खान के साथ हैं लेकिन भारत में ऐसा नहीं है.” उधर, कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने इस मसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “बीके हरिप्रसाद ने जो भी कहा है कि वो कांग्रेस पार्टी का स्टैंड नहीं है, वो पार्टी पदाधिकारी/प्रवक्ता नहीं हैं तो कार्रवाई करने का कोई मामला नहीं बनता.” 

इसी सप्ताह में हो सकती हैं लोक सभा चुनावों की घोषणा

चुनाव आयोग ने जम्मू कश्मीर में लोकसभा के साथ साथ विधान सभा कुनव करवाये जाने की तैयारियों का जायजा ले लिया है और संभवत: इसी सप्ताह चुनावों की घोषणा की जा सकती है।

चुनाव आयोग अगले कुछ दिनों में लोकसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान कर सकता है. सूत्रों के मुताबिक 7 मार्च से 10 मार्च के बीच चुनावों की घोषणा की जा सकती है. इसके साथ ही आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम में विधानसभा चुनावों की घोषणा भी की जा सकती है.

जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनाव भी साथ ही कराए जा सकते हैं. इसके लिए चुनाव आयोग की तैयारियां पूरी कर ली हैं. पिछले कुछ चुनावों में भी तारीखों का ऐलान करने को लेकर आयोग लगातार विपक्षी दलों के निशाने पर रहा है. साल 2018 में पांच राज्यों के चुनाव में अधिसूचना जारी होने में देरी से खासतौर से कांग्रेस पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधती रही है.

उल्लेखनीय है कि साल 2014 में लोकसभा चुनाव 7 अप्रैल से 12 मई के बीच कुल 9 चरणों में कराए गए थे. 16 मई को चुनावी नतीजे घोषित हुए थे, जिसमें मोदी सरकार को बहुमत के साथ ही बड़ी जीत मिली थी.

प्रधानमंत्री मोदी ने 26 मई 2014 को शपथ ग्रहण किया था. पिछले चुनाव में अधिसूचना 5 मार्च को जारी की गई थी जो 7 अप्रैल को होने वाले पहले मतदान से 25 दिन पहले था. साल 2009 के लोकसभा चुनाव 16 अप्रैल से 13 मई के बीच पांच चरणों में हुए थे.

काश्मीर के बाद अब जम्मू में आतंकवादी सक्रिय

जम्मूः 

जम्मू में बस स्टैंड पर धमाके की खबर है. ऐसा बताया जा रहा है कि यहां ये ग्रेनेड हमला था. जम्मू कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ ने पूरे इलाके को खाली करा लिया है. ऐसा बताया जा रहा है कि ये धमाका एक बस में हुआ है. इस धमाके में 28 लोगों के घायल होने की खबर है. घायलों के अस्पताल में भर्ती कराया गया है. प्रत्यक्षदर्शियों ने समाचार एजेंसी को बताया कि इस हमले में कम से कम 12 लोग घायल हुए है. वहीं जम्मू कश्मीर पुलिस के आईजी एमके सिन्हा ने बताया, ‘ये एक ग्रेनेड ब्लास्ट था, जिसमें कम से कम 18 लोग घायल हुए है. सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है’
ऐसा बताया जा रहा है कि घायल हुए लोगों में से कुछ की हालत गंभीर है. सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके को घेर लिया है और ग्रेनेड फेंकने वाले शख्स को पकड़ने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया है. इसके साथ ही पुलिस लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है. पुलिस का कहना है कि ये ग्रेनेड एक बस के नीचे फटा.
जम्‍मू और कश्‍मीर में सुरक्षाबलों को आतंकियों के साथ मुठभेड़ में बड़ी सफलता हाथ लगी है. यहां सुरक्षाबलों ने हंदवाड़ा के बांदरपेई इलाके में एनकाउंटर के दौरान एक आतंकी को गुरुवार सुबह मार गिराया है. साथ ही इलाके में एक और आतंकी के छिपे होने की आशंका पर सर्च ऑपरेशन लगातार जारी है. यह मुठभेड़ बुधवार रात को 09:32 बजे शुरू हुई थी. यहां सुरक्षाबलों को आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी. इसके बाद इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया गया. इसी के बाद से आतंकियों और सुरक्षाबलों में मुठभेड़ शुरू हुई. सुरक्षाबलों ने इलाके को घेर रखा है और साथ ही इलाके में एहतियात के तौर पर इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं. दोनों ओर से गोलीबारी जारी है.
जम्मू-कश्मीर के पुंछ और राजौरी जिलों में नियंत्रण रेखा के पास पाकिस्तान द्वारा पिछले 20 घंटे में संघर्षविराम का उल्लंघन करने की कोई खबर नहीं है जिसके कारण सीमा पर बेचैन करने वाली शांति पसरी हुई है. अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इस बीच, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने जम्मू का अपना निर्धारित दौरा रद्द कर दिया. वह साम्बा और अखनूर सेक्टरों में दो अहम पुलों के उद्घाटन के अलावा पिछले नौ दिनों से जारी गोलेबारी के मद्देनजर सीमा पर हालात का जायजा लेने के लिए यह दौरा करने वाली थीं.

एक रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि जम्मू, खासकर सर्वाधिक प्रभावित राजौरी और पुंछ जिलों में नियंत्रण रेखा पर बुधवार दोपहर से पाकिस्तान द्वारा संघर्षविराम का उल्लंघन किए जाने की कोई खबर नहीं मिली है. पाकिस्तान ने दोनों जिलों में असैन्य इलाकों को निशाना बनाने के लिए तोपों और लंबी दूरी के मोर्टारों का इस्तेमाल किया था जिसका सेना ने उचित और करारा जवाब दिया. प्रवक्ता ने कहा, ‘‘सेना नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अत्यधिक सतर्कता बरत रही है और हालात पर नजदीकी से नजर रखी जा रही है.’’ 

उल्लेखनीय है कि पुलवामा में 14 फरवरी को जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे. इसके बाद भारत ने 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में जैश के आतंकवादी शिविर पर हवाई हमला किया था. इसके बाद से पाकिस्तान द्वारा संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाएं बढ़ गयी थीं. पाकिस्तान ने राज्य में नियंत्रण रेखा के पास पिछले सप्ताह संघर्ष विराम उल्लंघन की 100 से अधिक घटनाओं में 80 से अधिक गांवों को निशाना बनाया जिसमें एक परिवार के तीन सदस्यों समेत चार आम नागरिकों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए.

भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा पर आम नागरिकों को निशाना बनाए जाने को लेकर बुधवार को पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी थी और कहा था कि भड़कावे की इस प्रकार की भावी कार्रवाई या दुस्साहस का ‘‘गंभीर परिणाम’’ होगा. प्रवक्ता ने बताया कि रक्षा मंत्री का बीन पुल और ढोक पुल के उद्घाटन के लिए साम्बा और अखनूर सेक्टरों का निर्धारित दौरा रद्द कर दिया गया है. उन्होंने दौरा रद्द किए जाने का कोई कारण नहीं बताते हुए कहा, ‘‘दौरे की नई तारीख की बाद में जानकारी दी जाएगी.’’ 

यह वही नेता हैं, जिन्होंने ने पहले भी 26/11 हमले के दौरान पाकिस्तान को क्लीन चिट दी थी: नरेंद्र मोदी

धार: 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुलवामा आतंकी हमले को ‘दुर्घटना’ बताने पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह की नाम लिए बगैर निंदा की. पीएम मोदी ने मंगलवार को मध्य प्रदेश के धार में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि जिस पार्टी ने दशकों तक इस देश में सत्ता संभाली, अब वही लोग सेना की बहादुरी पर सवाल उठा रहे हैं. सेना की क्षमता पर सवाल उठाने वाले नेता मध्य प्रदेश के ही हैं. उन्होंने कहा कि पुलवामा आतंकी हमले को दुर्घटना बताना उनकी मानसिकता है. यह वही नेता हैं, जिन्होंने ने पहले भी 26/11 हमले के दौरान पाकिस्तान को क्लीन चिट दी थी.

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘भारत ने अब आतंकियों और आतंक के सरपरस्तों को डंके की चोट पर कह दिया है कि अब उनके सामने सुधरने के अलावा कोई चारा नहीं है. अगर वो फिर भी नहीं सुधरेंगे, तो फिर क्या किया जाएगा, ये भी उन्हें बता दिया गया है.’ पीएम ने एयर स्ट्राइक पर सवाल उठाने वाले विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि एयर स्ट्राइक पाकिस्तान में आतंकियों के ठिकानों पर हुई लेकिन सदमा भारत में कुछ लोगों को लगा है. 

पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि कोई सबूत मांगने लगा, तो कोई आतंकियों की लाशों की संख्या पूछने लगा और तो और ये लोग पाकिस्तान को ही शांति का दूत बताने लगे. आपने देखा होगा कि यह अंतरराष्ट्रीय महा-मिलावट एक सुर में राग अलाप रही है. उन्होंने कहा कि यहां ये लोग सवाल उठाते हैं और वहां पाकिस्तान में इनके लिए तालियां बजती हैं. पाकिस्तान के अखबारों की हेडलाइंस इनके बयानों से भरी पड़ी हैं, वहां के टीवी चैनलों पर इनके ही चेहरे दिखाई पड़ते हैं.

कांग्रेस के मना करने पर ट्विट्टर पर केजरीवाल हुए ट्रोल

नई दिल्ली: 

Lok Sabha Election 2019: दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने गठबंधन से इनकार करने को लेकर कांग्रेस पर जमकर हमला बोला. केजरीवाल ने कहा कि ऐसे वक्त में, जब सारा मुल्क मोदी-शाह की जोड़ी को हराना चाहता है, कांग्रेस BJP-विरोधी वोटों को बांटकर BJP की मदद कर रही है. उन्होंने कहा कि अफवाह है कि कांग्रेस का BJP से कोई समझौता है, जनता इस अपवित्र गठबंधन को हराएगी. उधर, आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता गोपाल राय ने कहा, ‘इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस BJP की मदद करने के लिए कटिबद्ध दिख रही है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सिर्फ दिल्ली में नहीं, पूरे देश में BJP को जिताने के लिए कटिबद्ध दिख रही है. केजरीवाल के ट्वीट के बाद लोगों ने उनका जमकर मजाक बनाया. 

At a time when the whole country wants to defeat Modi- Shah duo, Cong is helping BJP by splitting anti-BJP vote. Rumours r that Cong has some secret understanding wid BJP. Delhi is ready to fight against Cong-BJP alliance. People will defeat this unholy alliance.NDTV✔@ndtvReplying to @ndtvDelhi Congress chief @SheilaDikshit announces there would be no alliance with Aam Aadmi Party.
Announcement came after Congress chief @RahulGandhi held a two-hour meet with the party’s state leaders at his home
Details here: http://goo.gl/Y59j2y 
2,5893:35 PM – Mar 5, 2019Twitter Ads info and privacy5,672 people are talking about this

At a time when the whole country wants to defeat Modi- Shah duo, Cong is helping BJP by splitting anti-BJP vote. Rumours r that Cong has some secret understanding wid BJP. Delhi is ready to fight against Cong-BJP alliance. People will defeat this unholy alliance.

😂

शीला दीक्षित के बयान आते ही सड़जी ने अपने रंग दिखाने शुरू कर दिये। आज से काँग्रेस की खैर नही। 6603:51 PM – Mar 5, 2019Twitter Ads info and privacy87 people are talking about this

At a time when the whole country wants to defeat Modi- Shah duo, Cong is helping BJP by splitting anti-BJP vote. Rumours r that Cong has some secret understanding wid BJP. Delhi is ready to fight against Cong-BJP alliance. People will defeat this unholy alliance.

सर जी लाहौर में लड़ लो या कराची में, वहां जीत जाओगे453:48 PM – Mar 5, 2019Twitter Ads info and privacySee Sangam Mishra’s other Tweets

At a time when the whole country wants to defeat Modi- Shah duo, Cong is helping BJP by splitting anti-BJP vote. Rumours r that Cong has some secret understanding wid BJP. Delhi is ready to fight against Cong-BJP alliance. People will defeat this unholy alliance.

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हम इसे दुनिया का सबसे घटिया आदमी ऐसे ही नहीं कहते।

इतना बड़ा यु-टर्न?

पहले कहा हम किसी से गठबंधन नही करेंगे, बाद में गठबंधन के लिए गिड़गिड़ाने लगे, ओर जब गठबंधन की बात न बनी तो U-Turn मारने लगें

शर्म आनी चाहिए @ArvindKejriwal आपको

pic.twitter.com/z72H7nzgc7984:12 PM – Mar 5, 2019Twitter Ads info and privacy

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बता दें कि दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस की वरिष्ठ नेता शीला दीक्षित ने आम आदमी पार्टी के साथ किसी भी तरह के गठबंधन से इनकार कर दिया है. उन्होंने यह बात कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मिलने के बाद कही है. बता दें कि इससे पहले खबर आई थी कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) और कांग्रेस (Congress) के बीच गठबंधन हो गया है. सूत्रों का कहना था कि दिल्ली में लोकसभा की सात सीटों में से तीन-तीन पर दोनों पार्टियां अपने उम्मीदवार उतारेंगी. वहीं एक सीट शत्रुघ्न सिन्हा या यशवंत सिन्हा को दी जाएगी.

राहुल से मिलने के बाद शीला ने अरविंद के साथ किसी किस्म के गठबंधन को कही ना

नई दिल्ली: 

दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस की वरिष्ठ नेता शीला दीक्षित ने आम आदमी पार्टी के साथ किसी भी तरह के गठबंधन से इनकार कर दिया है. उन्होंने यह बात कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मिलने के बाद कही है. गौरतलब है  कि इससे पहले खबर आई थी कि  दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन हो गया है. सूत्रों का कहना था कि  दिल्ली में लोकसभा की सात सीटों में से तीन-तीन पर दोनों पार्टियां अपने उम्मीदवार उतारेंगी. वहीं एक सीट शत्रुघ्न सिन्हा या यशवंत सिन्हा को दी जाएगी. यानी दिल्ली में न कांग्रेस बड़ी न आम आदमी पार्टी. दोनों पार्टियां बराबर-बराबर सीटों पर ही चुनाव लड़ेगी. माना जा रहा था कि शत्रुघ्न सिन्हा या यशवंत सिन्हा में से कोई एक दोनों पार्टियों की ओर से साझा उम्मीदवार होंगे. दरअसल, इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कांग्रेस की दिल्ली यूनिट के नेताओं के साथ गठबंधन पर चर्चा के लिए बैठक की बुलाई थी. दोपहर 12 बजे से इनके घर एक बैठक होनी थी. माना जा रहा है कि इस बैठक के बाद ही गठबंधन पर आधिकारिक घोषणा हो सकती है. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व गठबंधन के लिए तैयार था, लेकिन पार्टी की दिल्ली यूनिट इसके पक्ष में नहीं थी. यही वजह है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को बीच में आना पड़ा.

हालांकि कांग्रेस के दिल्ली यूनिट के नेता पहले से ही आम आदमी पार्टी के पक्ष में नहीं थे. इससे पहले खबर थी कि आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस को गठबंधन के लिए दो फॉर्मूला सुझाया है. पहले फॉर्मूला के तहत AAP चाहती है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी 6 सीटों पर लड़े और कांग्रेस महज एक पर. इस सूरत में आम आदमी पार्टी फिर कहीं चुनाव नहीं लड़ेगी, जहां कांग्रेस होगी. वहीं दूसरे फॉर्मूला के तहत आम आदमी पार्टी का कहना है कि अगर दिल्ली में कांग्रेस को ज्यादा सीटें चाहिए तो उसे पंजाब, हरियाणा जैसे राज्यों में सीट देकर इसकी भरपाई करनी होगी. 

सूत्रों के इस दावे की पुष्टि इस बात से भी होती दिखी क्योंकि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की 7 लोकसभा सीटों में से अब तक 6 पर ही अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया. लेकिन उसकी रणनीति अब धरी की धरी रह गई है. ऐसा लग रहा है कि शीला दीक्षित ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को जोर का झटका दे दिया है.

फिक्र न करें मैं 2019 में वापिस आ रहा हूँ: मोदी

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अहमदाबाद में आतंकवाद पर बोलते हुए कहा कि हम आतंकियों को घर में घुसकर मारेंगे. अगर आतंकी पाताल में छिपे होंगे तो उन्हें खोजकर मारेंगे. पीएम ने कहा, हम किसी का इंतजार नहीं कर सकते, समय रहते सभी का जवाब देने की फितरत है. हमारा सिद्धांत है कि जो नुकसान पहुंचाएगा उसे घर में घुसकर मारेंगे. पीएम मोदी ने कहा कि, मैं आज अहमदाबाद की धरती पर आया हूं, सिविल हॉस्पिटल में आया हूं. पीएम मोदी ने कहा, 2008 के बम ब्लास्ट की तस्वीर भूल नहीं सकता हूं.

मैं आपको कहना चाहूंगा कि, अगर आतंकी पाताल में भी होंगे तो उनको मैं छोडूंगा नहीं. पीएम ने कहा, कि भारत के नेता बयानबाजी करते हैं. वे ऐसा बयान देते हैं कि पाकिस्तानी अखबार हेडलाइन बनाता है. उनके बयान पर पाकिस्तान की संसद में ताली बजाई जाती है. पीएम मोदी ने एअर स्ट्राइक पर बोलते हुए कहा कि, देश की सेना ने हिम्म्त दिखाई और आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दिया. पीएम मोदी ने कहा, मैं इंतजार नहीं कर सकता हूं. चुन-चुन के हिसाब लेने की मेरी फितरत है. 

इस दौरान पीएम मोदी ने भारतीय वायुसेना की एयर स्ट्राइक पर सवाल उठाने वाले विपक्ष पर भी जबरदस्त हमला बोला. उन्होंने कहा कि, एयर स्ट्राइक के बाद विपक्ष के पेट में दर्द हो रहा है.पीएम मोदी ने कहा, हमें सत्ता की चाहत नहीं है, हमें तो सिफर् देश की चिंता है. उन्होंने कहा कि अगर भारतीय वायुसेना का बालाकोट मिशन फेल  हो जाता, तो कौन जिम्मेदार होता? किसका इस्तीफा मांगा जाता. पीएम का कहना था कि, आतंकवाद चाहे सात पाताल में क्यों न हो, हम वहां घुसकर मारेंगे.

PM मोदी ने जनता से कहा- चिंता मत कीजिए मैं 2019 में वापसी कर रहा हूं
उधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को यहां भरोसा जताते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार 2019 लोकसभा चुनाव में सत्ता में फिर से आएगी. उन्होंने यहां से पास में स्थित जसपुर में पाटीदार समुदाय की विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, “चिंता मत कीजिए..मैं 2019 में वापसी कर रहा हूं, इसलिए अगर आपको केंद्र सरकार से कुछ चाहिए तो आप मुझे बोल सकते हैं. “

प्रधानमंत्री अहमदाबाद के बाहरी इलाके में समुदाय के 1000 करोड़ रुपये के उमिया माता मंदिर परिसर की आधारशिला रखने के बाद लोगों को संबोधित कर रहे थे.उमिया माता फाउंडेशन के न्यासियों को उनकी परियोजना के लिए शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा, “अगर आपको इसके लिए कुछ चाहिए, नई दिल्ली में मेरा घर आपका है, और चिंता मत कीजिए मैं 2019 चुनाव के बाद भी रहूंगा.”

मेट्रो सेवा के पहले चरण का उद्धाघटन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद मेट्रो ट्रेन सेवा के पहले चरण का उद्घाटन किया. मोदी ने उद्धाटन के बाद मेट्रो से यात्रा भी की. वस्त्राल को अपैरल पार्क को जोड़ने वाले इस खंड की लंबाई 6.5 किलोमीटर है.  प्रधानमंत्री मोदी ने वस्त्राल गांव मेट्रो स्टेशन पहुंचकर मेट्रो सेवा के पहले चरण का उद्धाघटन किया. 

उन्होंने हरी झंडी दिखाकर ट्रेन को रवाना किया और उसमें कुछ दूर तक सवारी भी की.  अहमदाबाद मेट्रो का पहला चरण 40 किमी लंबा होगा.  जिसमें 6.5 किमी का रास्ता भूमिगत है जबकि बाकी एलिवेटेड (खंभों पर) होगा है.  इसमें दो रास्ते होंगे.  पहला वस्त्राल गांव से थलतेज गांव तक और दूसरा ग्यासपुर डिपो को मोटेरा स्टेडियम से जोड़ेगा. 

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने फरवरी में अहमदाबाद मेट्रो रेल परियोजना के दूसरे चरण को भी मंजूरी दे दी है.  दूसरा चरण 28 किलोमीटर से ज्यादा लंबा होगा.  यह चरण मोटेरा स्टेडियम से लेकर गांधीनगर में महात्मा मंदिर को जोडे़गा.  गुजरात मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने बयान में कहा , ” इन मेट्रो परियोजनाओं से न सिर्फ सम्पर्क सुविधा बढ़ेगी बल्कि यात्रा समय भी कम होगा. इसके अलावा शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सफर करने में काफी आसानी भी होगी.  ” मेट्रो सेवा यात्रियों, खासकर अहमदाबाद और गांधीनगर क्षेत्र के लोगों को आरामदायक और विश्वसनीय सार्वजनिक परिवहन सुविधा देगी.  

शिवरात्रि : काठगढ़ में दर्शन करें अर्धनारीश्वर शिवलिंग के

 हिमाचल प्रदेश की भूमि को देवभूमि कहा जाता है। यहां पर बहुत से आस्था के केंद्र विद्यमान हैं। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के इंदौरा उपमंडल में काठगढ़ महादेव का मंदिर स्थित है।  यह विश्व का एकमात्र मंदिर है जहां शिवलिंग ऐसे स्वरुप में विद्यमान हैं जो दो भागों में बंटे हुए हैं अर्थात मां पार्वती और भगवान शिव के दो विभिन्न रूपों को ग्रहों और नक्षत्रों के परिवर्तित होने के अनुसार इनके दोनों भागों के मध्य का अंतर घटता-बढ़ता रहता है। ग्रीष्म ऋतु में यह स्वरूप दो भागों में बंट जाता है और शीत ऋतु में पुन: एक रूप धारण कर लेता है।

अर्धनारीश्वर शिवलिंग : काठगढ़
शिव पुराण में वर्णित कथा

शिव पुराण की विधेश्वर संहिता के अनुसार पद्म कल्प के प्रारंभ में एक बार ब्रह्मा और विष्णु के मध्य श्रेष्ठता का विवाद उत्पन्न हो गया और दोनों दिव्यास्त्र लेकर युद्ध हेतु उन्मुख हो उठे। यह भयंकर स्थिति देख शिव सहसा वहां आदि अनंत ज्योतिर्मय स्तंभ के रूप में प्रकट हो गए, जिससे दोनों देवताओं के दिव्यास्त्र स्वत: ही शांत हो गए।

ब्रह्मा और विष्णु दोनों उस स्तंभ के आदि-अंत का मूल जानने के लिए जुट गए। विष्णु शुक्र का रूप धरकर पाताल गए, मगर अंत न पा सके। ब्रह्मा आकाश से केतकी का फूल लेकर विष्णु के पास पहुंचे और बोले- ‘मैं स्तंभ का अंत खोज आया हूं, जिसके ऊपर यह केतकी का फूल है।’

ब्रह्मा का यह छल देखकर शंकर वहां प्रकट हो गए और विष्णु ने उनके चरण पकड़ लिए। तब शंकर ने कहा कि आप दोनों समान हैं। यहीं भगवान शिव ने ब्रह्मा को कहीं भी न पूजे जाने का श्राप दिया, और केतकी पुष्प को असत्य बोलने के लिए प्रेरित करने पर अपनी पूजपुष्प होने का सम्मान भी छीन लिया। यही अग्नि तुल्य स्तंभ, काठगढ़ के रूप में जाना जाने लगा। ईशान संहिता के अनुसार इस शिवलिंग का प्रादुर्भाव फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी की रात्रि को हुआ था।

चूंकि शिव का वह दिव्य लिंग शिवरात्रि को प्रगट हुआ था, इसलिए लोक मान्यता है कि काठगढ महादेव शिवलिंग के दो भाग भी चन्द्रमा की कलाओं के साथ करीब आते और दूर होते हैं। शिवरात्रि का दिन इनका मिलन माना जाता है।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

विश्वविजेता सिकंदर ईसा से 326 वर्ष पूर्व जब पंजाब पहुंचा, तो प्रवेश से पूर्व मीरथल नामक गांव में पांच हज़ार सैनिकों को खुले मैदान में विश्राम की सलाह दी। इस स्थान पर उसने देखा कि एक फ़कीर शिवलिंग की पूजा व्यस्त था।

उसने फ़कीर से कहा- ‘आप मेरे साथ यूनान चलें। मैं आपको दुनिया का हर ऐश्वर्य दूंगा।’ फ़कीर ने सिकंदर की बात को अनसुना करते हुए कहा- ‘आप थोड़ा पीछे हट जाएं और सूर्य का प्रकाश मेरे तक आने दें।’ फ़कीर की इस बात से प्रभावित होकर सिकंदर ने टीले पर काठगढ़ महादेव का मंदिर बनाने के लिए भूमि को समतल करवाया और चारदीवारी बनवाई। इस चारदीवारी के ब्यास नदी की ओर अष्टकोणीय चबूतरे बनवाए, जो आज भी यहां हैं।

रणजीत सिंह ने किया पुनरुद्धार

कहते हैं, महाराजा रणजीत सिंह ने जब गद्दी संभाली, तो पूरे राज्य के धार्मिक स्थलों का भ्रमण किया। वह जब काठगढ़ पहुंचे, तो इतना आनंदित हुए कि उन्होंने आदि शिवलिंग पर तुरंत सुंदर मंदिर बनवाया और वहां पूजा करके आगे निकले। मंदिर के पास ही बने एक कुएं का जल उन्हें इतना पसंद था कि वह हर शुभकार्य के लिए यहीं से जल मंगवाते थे।

अर्धनारीश्वर का रूप

दो भागों में विभाजित आदि शिवलिंग का अंतर ग्रहों एवं नक्षत्रों के अनुसार घटता-बढ़ता रहता है और शिवरात्रि पर दोनों का ‘मिलन’ हो जाता है। यह पावन शिवलिंग अष्टकोणीय है तथा काले-भूरे रंग का है। शिव रूप में पूजे जाते शिवलिंग की ऊंचाई 7-8 फुट है जबकि पार्वती के रूप में अराध्य हिस्सा 5-6 फुट ऊंचा है।

भरत की प्रिय पूजा-स्थली

मान्यता है, त्रेता युग में भगवान राम के भाई भरत जब भी अपने ननिहाल कैकेय देश (कश्मीर) जाते थे, तो काठगढ़ में शिवलिंग की पूजा किया करते थे।

शिवरात्रि के त्यौहार पर प्रत्येक वर्ष यहां पर तीन दिवसीय भारी मेला लगता है। शिव और शक्ति के अर्द्धनारीश्वर स्वरुप श्री संगम के दर्शन से मानव जीवन में आने वाले सभी पारिवारिक और मानसिक दु:खों का अंत हो जाता है। इसके अलावा सावन के महीने में भी