केंद्रीय जांच एजेंसी इस मामले में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के नेता कुणाल घोष से भी रविवार को शिलॉन्ग में पूछताछ करेगी
शारदा चिटफंड घोटाले मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से पूछताछ की. उनसे यह पूछताछ पूर्वोत्तर के राज्य मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग में की गई. हजारों करोड़ रुपए के शारदा चिटफंड स्कैम में सबूतों को नष्ट करने में भूमिका को लेकर राजीव कुमार सीबीआई के निशाने पर हैं.
इसके अलावा अब सीबीआई मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के पूर्व सांसद कुणाल घोष से भी पूछताछ करने वाली है. सीबीआई उनसे रविवार को शिलॉन्ग में ही सवाल-जवाब करेगी. मेघालय में सीबीआई के जरिए तृणमूल कांग्रेस के पूर्व सांसद कुणाल घोष से पूछताछ की जाएगी. यह पूछताछ शिलॉन्ग के सीबीआई ऑफिस में 10 फरवरी को की जाएगी. इसके अलावा राजीव कुमार से एक बार फिर शारदा चिटफंड मामले में सीबीआई के जरिए 10 फरवरी को पूछताछ की जाएगी. यह पूछताछ भी शिलॉन्ग में ही होगी.
सुप्रीम कोर्ट ने दिया था निर्देश
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने बीते मंगलवार को राजीव कुमार को सीबीआई के सामने पेश होने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने अपने निर्देश में कहा था कि कोलकाता पुलिस कमिश्नर ‘शारदा चिटफंड घोटाले’ से जुड़े मामलों की जांच में सीबीआई के साथ ‘विश्वसनीय रूप से’ सहयोग करें. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाएगा.
रिपोर्ट्स में बताया गया था कि कोलकाता पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने स्टेट क्रिमिनल इन्वेस्टीगेशन डिपार्टमेंट के साथ मिलकर 80-100 सवालों की एक लिस्ट तैयार की थी. जो सीबीआई के अधिकारी राजीव कुमार से पूछे जाने हैं.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/02/mamata-kolkata-police-chief-7.jpg422759Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-02-09 15:02:252019-02-09 15:02:27राजीव कुमार से पूछताछ जारी अब कुनाल घोष की बारी
इसके अलावा चूक करने वाले अधिकारियों के खिलाफ मेडल उतारने के बारे में भी चर्चा की जा रही है.
4 फरवरी को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के जरिए धरना बुलाया गया. जिसमें कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार भी मौजूद थे. राजीव कुमार की मौजूदगी पर संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार ने कार्रवाई का आदेश दिया. वहीं कोलकाता में विरोध प्रदर्शन स्थल पर पांच अन्य शीर्ष पुलिस अधिकारी भी शामिल थे.
गृह मंत्रालय के जरिए पश्चिम बंगाल सरकार से राजीव कुमार के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने को कहा था. पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को संबोधित एक पत्र में कहा गया था कि कुमार ने ऑल इंडिया सर्विस (कंडक्ट) नियम, 1968 /AIS (अनुशासन और अपील) नियम 1969 का उल्लंघन किया था.
दरअसल, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मौजूदा अधिकारियों के जरिए धरने पर खास ध्यान देते हुए पश्चिम बंगाल सरकार से अधिकारियों से एक्शन लेने के लिए कहा है. केंद्र सरकार ने ऑल इंडिया सर्विस रूल के तहत धरना देने के लिए राज्य सरकार से कठोर कार्रवाई करने के लिए कहा है. सूत्रों के मुताबिक गृह मंत्रालय ने कथित तौर पर सभी पांच अन्य अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई करने की ठानी है.
चूक करने वाले अधिकारियों के खिलाफ मेडल उतारने के बारे में भी चर्चा की जा रही है. केंद्र सरकार सूची में शामिल अफसरों के नाम भी हटा सकती है और उन्हें केंद्र सरकार में सेवा देने से एक निश्चित अवधि के लिए रोक सकती है.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/02/19-mamata-angry.jpg450600Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-02-07 20:06:152019-02-07 20:06:17ममता के साथ धरने पर बैठे अधिकारियों के खिलाफ होगी प्रशासनिक कार्यवाही
एक हफ्ते में राज्य में मोदी की तीसरी रैली होगी. हालांकि उनकी रैली स्थल के लिए मंजूरी को लेकर भी भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं
नई दिल्ली/चुराभंडार: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी का दौरा करेंगे जहां वह राष्ट्रीय राजमार्ग-31 डी के फलाकाता-सलसलाबाड़ी खंड को चार लेन किये जाने की आधारशिला रखेंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया कि राष्ट्रीय राजमार्ग का यह 41.7 किलोमीटर लंबा खंड पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले में आता है और इसे करीब 1938 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाएगा. बयान में कहा गया कि मोदी जलपाईगुड़ी में हाई कोर्ट की नयी सर्किट बेंच का भी उद्घाटन करेंगे.
वहीं जलपाईगुड़ी के चुराभंडार से आई खबर के मुताबिक मोदी शुक्रवार को यहां एक सार्वजनिक रैली को भी संबोधित करेंगे. यह एक हफ्ते में राज्य में मोदी की तीसरी रैली होगी. हालांकि उनकी रैली स्थल के लिए मंजूरी को लेकर भी भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं.
यह ममता बनर्जी के सारदा चिट फंड घोटाले में कोलकाता के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार से सीबीआई की “राजनीति से प्रेरित” पूछताछ के विरोध में धरना खत्म करने के तीन दिन बाद हो रही है. यहां भाजपा सूत्रों के मुताबिक मोदी जिले में इस मंच का इस्तेमाल बनर्जी के आरोपों का “माकूल” जवाब देने के लिये कर सकते हैं और चुनावों से पहले पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भी भरेंगे.
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “पार्टी कार्यकर्ताओं को संदेश देने के अलावा हमें उम्मीद है कि मोदी जी तृणमूल कांग्रेस के असंवैधानिक धरने का भी समुचित जवाब देंगे.” भाजपा ने पिछले लोकसभा चुनावों में राज्य की 42 सीटों में से सिर्फ दो सीटें जीती थीं, लेकिन पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने इस बार यहां से 23 सीटें जीतने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है. भाजपा के दूसरे नेताओं के मामलों की तरह ही पार्टी को जलपाईगुड़ी में प्रधानमंत्री की सभा के लिये स्थल तलाशने में दिक्कत हुई.
जलपाईगुड़ी के सरकारी कॉलेज और उससे सटे स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड के मैदान के लिए मंजूरी नहीं मिलने के बाद पार्टी को जलपाईगुड़ी शहर से करीब 20 किलोमीटर दूर खेती की जमीन को किराये पर लेकर सभा के आयोजन के लिये बाध्य होना पड़ा. भाजपा की राज्य इकाई के महासचिव राजू बनर्जी ने आरोप लगाया कि स्थानीय तृणमूल कांग्रेस नेता बस संचालकों को चेतावनी दे रहे हैं कि भगवा पार्टी के समर्थकों को अपनी गाड़ियों में रैली स्थल पर न ले जाए. तृणमूल कांग्रेस के विधायक सौरव चक्रबर्ती ने हालांकि इन आरोपों को “निराधार” करार दिया.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/02/narendra_modi_loksabha_1549550411_618x347.jpeg347618Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-02-07 19:54:242019-02-07 19:54:26प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी का दौरा करेंगे
पूर्व केंद्रीय मंत्री वी किशोर चंद्र देव ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उनका आरोप है कि कांग्रेस आंध्र प्रदेश में ‘‘मूर्छित’’ अवस्था में है और संगठन में नयी जान फूंकने के लिए पार्टी ने पिछले चार साल में कोई कदम
नई दिल्ली :
सत्तारूढ़ बीजेपी को हटाकर केंद्र की कुर्सी पर काबिज होने की पुरजोर कोशिश में जुटी कांग्रेस को लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बड़ा झटका लगा है. पूर्व केंद्रीय मंत्री वी किशोर चंद्र देव (V Kishore Chandra Deo) ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि कांग्रेस आंध्र प्रदेश में ‘मूर्छित’अवस्था में है और संगठन में नई जान फूंकने के लिए पार्टी ने पिछले चार साल में कोई कदम नहीं उठाया है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को लिखे दो वाक्य के पत्र में देव (V Kishore Chandra Deo) ने कहा कि वह पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं. देव पिछले करीब 45 साल से कांग्रेस के सदस्य थे. हाल में उन्हें पार्टी की नवगठित आदिवासी शाखा ‘अखिल भारतीय आदिवासी कांग्रेस’ का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. साल 2011 में वह मनमोहन सिंह सरकार में केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री रह चुके हैं. वह आंध्र प्रदेश में कांग्रेस के प्रमुख नेता रहे हैं. वी किशोर चंद्र देव (V Kishore Chandra Deo) ने कहा कि पार्टी नेतृत्व ने तो मेरी ओर से जाहिर की गई चिंताएं और मेरे सुझाव भी नहीं पढ़े, ऐसे में उन पर अमल की बात क्या करूं. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उस पार्टी को छोड़ने का फैसला करना काफी तकलीफदेह है जिसकी सेवा मैंने 45 साल तक की है. उन्होंने कहा कि वह आने वाले दिनों में अपने भविष्य की रणनीति तय करेंगे. हालांकि उन्होंने राजनीति छोड़न से इनकार किया है.
आपको बता दें कि पिछले हफ्ते ही पश्चिम बंगाल में भी कांग्रेस को बड़ा झटका लगा था. माल्दा (उत्तर) से पार्टी सांसद मौसम बेनजीर नूर ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मौजूदगी में तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया था. दिवंगत कांग्रेस नेता एबीए गनी खान चौधरी की भतीजी नूर ने राज्य सचिवालय ‘नबन्ना’ में ममता बनर्जी से मुलाकात की, जिसके बाद उनके टीएमसी में शामिल होने की घोषणा की ग
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/02/345898-rahul.jpg545970Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-02-04 05:55:432019-02-04 05:55:46आंध्रा में कांग्रेस मूर्छित अवस्था में: किशोर चंद्र देव
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के बीच बढ़ते तनाव के बीच राज्य पुलिस और सीबीआई के बीच टकराव के हालात देखने को मिले.
कोलकाता:चिटफंड घोटालों के सिलसिले मेंकोलकाता के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार से पूछताछ के लिए पहुंची केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारियों की एक टीम को रविवार रात पश्चिम बंगाल पुलिस ने हिरासत में लेकर छोड़ दिया. इसको लेकर सीबीआई के अंतरिम डायरेक्टर एम. नागेश्वर राव ने कहा, ”हम सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार इन चिट फंड मामलों की जांच कर रहे हैं. कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार की अध्यक्षता में शीर्ष अदालत के निर्देश से पहले पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा ने एसआईटी का गठन भी किया गया था.”
राव ने बताया, ”उनका (राजीव कुमार) सबूतों को नष्ट करने और न्याय में बाधा डालने में महत्वपूर्ण योगदान रहा है. उन्होंने घोटाले से जुड़े सभी सबूतों और दस्तावेजों को जब्त कर लिया है. वे सभी दस्तावेजों को सौंपने में हमारा सहयोग नहीं कर रहे हैं और बहुत सारे सबूत नष्ट हो गए हैं या गायब हो गए हैं.”
हम कोलकाता पुलिस प्रमुख से पूछताछ करने गए थे सीबीआई के संयुक्त निदेशक पंकज श्रीवास्तव ने कहा कि एजेंसी के अधिकारी कोलकाता पुलिस प्रमुख राजीव कुमार के आवास पर उनसे चिटफंड मामले में पूछताछ करने गए थे और ‘अगर वह हमारा सहयोग नहीं करते तो हम उन्हें हिरासत में लेते’.
कोलकाता पुलिस प्रमुख से पूछताछ करने की सीबीआई की कोशिश ने उस समय अप्रत्याशित मोड़ ले लिया जब उन्हें पुलिस प्रमुख के आवास में प्रवेश करने से रोका गया. इसके बाद सीबीआई के अधिकारियों को पुलिस जीप से थाने ले जाया गया और हिरासत में ले लिया गया.
यह भी पढ़ें:जानिए कौन हैं कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार, जिनको बचाने के लिए धरने पर बैठीं ममता इसके बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री पुलिस प्रमुख के आवास पर पहुंची और केंद्र सरकार पर राजनीतिक प्रतिशोध लेने का आरोप लगाया. जैसे को तैसा का कदम उठाते हुए कोलकाता के पुलिस अधिकारियों की एक टीम सीजीओ परिसर पहुंची. यहां सीबीआई का राज्य मुख्यालय है.
उनसे जब पुलिस अधिकारियों द्वारा सीबीआई कार्यालयों की घेराबंदी और उनके खुद के घर की घेराबंदी करने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे भी हिरासत में लिया गया और मेरे घर के बाहर पुलिस अधिकारी खड़े हैं.’
कोलकाता पुलिस का बयान संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) प्रवीण त्रिपाठी ने बताया कि सीबीआई अधिकारियों को पूछताछ के बाद थाने से जाने दिया गया है. त्रिपाठी ने कहा, ‘‘ उन्होंने कहा कि वह यहां एक गुप्त अभियान के लिए आए थे. हमें नहीं पता कि यह किस तरह का अभियान है.’ बाद में शाम में केंद्रीय बल कोलकाता के सीबीआई कार्यालय पहुंचे, जिसकी घेराबंदी शहर की पुलिस पहले ही कर चुकी है.
कोलकाता पुलिस के ज्वाइंट कमिश्नर प्रवीण त्रिपाठी ने बताया कि सीबीआई अधिकारियों की एक टीम बिना किसी कागजात के आई थी, जिसे उन्होंने ‘सीक्रेट’ कहा था. जब प्रवीण त्रिपाठी से पूछा गया कि ऑपरेशन किस बारे में है, तो वे संतोषजनक प्रतिक्रिया नहीं दे सके.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/02/IMG_20190203_205244.jpg8001600Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-02-04 02:27:052019-02-04 02:27:08सीबीआई V/s बंगाल पुलिस राजीव कुमार के खिलाफ है पर्याप्त आधार: एम. नागेश्वर राव
कोलकाता: पश्चिम बंगाल में रविवार (3 फरवरी) को कोलकाता पुलिस कमिश्नर से पूछताछ करने गई सीबीआई की टीम को राज्य पुलिस ने हिरासत में ले लिया था. इसके बाद ममता बनर्जी केंद्र सरकार के खिलाफ धरने पर बैठ गईं. उन्होंने केंद्र सरकार पर देश के संवैधानिक ढांचे को तोड़ने के प्रयास का आरोप लगाया था. ममता बनर्जी ने अपने बयान में लोकतंत्र को बचाने की दुहाई दी. वहीं, इस मामले पर आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्य और कवि कुमार विश्वास ने तंज कसते हुए ट्वीट किया है.
कुमार विश्वास ने ट्वीट करते हुए लिखा, ”कल एक मुख्यमंत्री कोलकाता पहुंच रहे हैं. उनके जाने से लोकतंत्र की रक्षा होगी. पर आज एक मुख्यमंत्री को कोलकाता में प्रवेश से रोक दिया गया था, क्यूंकि उनके आने से लोकतंत्र नष्ट हो जाता.” विश्वास ने इस मामले पर सिलसिलेवार कई ट्वीट किये. गौरतलब है कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल सोमवार (4 फरवरी) को पश्चिम बंगाल जाएंगे. वहीं, रविवार को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ममता सरकार ने रैलीस्थल पर हेलीकॉप्टर उतारने की अनुमति नहीं दी थी. इसके बाद योगी ने फोन से रैली को संबोधित किया था.
एक अन्य ट्वीट में विश्वास ने लिखा कि ये दोनों तरफ के मल्लों की चुनावी कसरत है लेकिन देश और उसकी लोकतांत्रिक संस्थाओं के वैश्विक सम्मान के लिए ख़राब वक़्त है. फिर कह रहा हूं, अपने नेताओं-दलों को वोट दीजिए पर प्राथमिकता में पहले देश और उसके लोकतंत्र को रखिए. सत्ताएं आती-जाती रहेंगी पर ऐसी हरकतें हमारी साख पर खरोंच हैं.
हद्द है ! अपने-अपने खूँटों से बँधे गधे, अपने-अपने मालिकों के हक़ में रेंक रहे है पर देश के संवैधानिक संस्थानों की इस फ़ज़ीहत पर कोई बोलने को तैयार नहीं ? अपने मल्लयुद्ध में, बड़ी मेहनत से बने इस महान लोकतंत्र, उसकी संस्थाओं और राज्यों की स्वायत्तता को दाँव पर मत लगाओ करमजलो 8,4748:12 PM – Feb 3, 2019Twitter Ads info and privacy2,402 people are talking about this
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में उन्होंने अपना गुस्सा जाहिर करते हुए लिखा कि हद्द है. अपने-अपने खूंटों से बंधे गधे, अपने-अपने मालिकों के हक में रेंक रहे हैं पर देश के संवैधानिक संस्थानों की इस फजीहत पर कोई बोलने को तैयार नहीं. अपने मल्लयुद्ध में, बड़ी मेहनत से बने इस महान लोकतंत्र, उसकी संस्थाओं और राज्यों की स्वायत्तता को दांव पर मत लगाओ करमजलो.
आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल में रविवार को उस समय अभूतपूर्व स्थिति बन गई, जब कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से पूछताछ करने गई सीबीआई की टीम को राज्य पुलिस ने हिरासत में ले लिया. इसके बाद सीबीआई की टीम को हिरासत में लेकर पुलिस स्टेशन ले जाया गया. ये मामला सारदा चिट फंड से जुड़ा हुआ है. इसी मामले से संबंधित कुछ फाइलें गायब थीं, इसलिए सीबीआई राजीव कुमार से पूछताछ करने गई थी. इसके बाद सीबीआई अफसरों को हिरासत में ले लिया गया.
इतिहास में ये पहली बार हो रहा है, जब पुलिस ने सीबीआई अधिकारियों को ही गिरफ्तार कर लिया. मौके पर पुलिस और अधिकारियों के बीच हाथापाई भी हुई. कोलकाता पुलिस ने सीबीआई के 5 अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया है. हालांकि बाद में उन्हें छोड़ दिया गया.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/02/kumar-vishwas.jpg498885Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-02-04 02:05:052019-02-04 02:05:08कल एक मुख्यमंत्री कोलकाता पहुँच रहे हैं! उनके जाने से लोकतंत्र की रक्षा होगी: कुमार विश्वास
रोज वैली और शारदा चिटफंड मामले में कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से पूछताछ के लिए सीबीआई उनकी तलाश कर रही है. सीबीआई सूत्रों के मुताबिक उनकी गिरफ्तारी भी तय हो चुकी है. सीबीआई सूत्रों का कहना है कि चिटफंड मामले में राजीव कुमार शक के घेरे में हैं. पूछताछ के लिए उन्होंने कुमार को दो बार समन भी भेजा, लेकिन वो जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं.
रोज वैली और शारदा चिटफंड मामले में फरार पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के निवास पर सीबीआई के 40 अधिकारियों की एक टीम पहुंची थी. दरअसल, रोज वैली स्कैम 15000 करोड़ रुपए और शारदा चिट फंड में 2500 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है.
रोज वैली घोटाला
रोज वैली घोटाले पर काफी वक्त से हड़कंप मचा हुआ है. इसमें कई बड़े नेताओं का नाम भी शामिल होने की बात सामने आ चुकी है. रिपोर्ट्स के मुताबिक लोगों को बड़े-बड़े सपने दिखाकर चूना लगाने वाले इस समूह के पैर राजनीति, रियल एस्टेट और फिल्म जगत तक पसरे हुए थे. दरअसल, रोज वैली चिटफंड घोटाले में रोज वैली ग्रुप ने लोगों 2 अलग-अलग स्कीम का लालच दिया और करीब 1 लाख निवेशकों को करोड़ों का चूना लगा दिया था. आशीर्वाद और होलिडे मेंबरशिप स्कीम के नाम पर ग्रुप ने लोगों को ज्यादा रिटर्न देने का वादा किया. जिसके बाद लोगों ने भी इनकी बातों में आकर इसमें निवेश कर दिया. ग्रुप एमडी शिवमय दत्ता इस घोटाले के मास्टरमाइंड बताए जाते हैं.
शारदा चिटफंड घोटाला
पश्चिम बंगाल की एक चिटफंड कंपनी शारदा ग्रुप ने लोगों को लुभावने ऑफर देकर चूना लगा दिया. शारदा चिटफंड ने लालच दिया कि सागौन से जुड़े बॉन्ड्स में निवेश कर 34 गुना ज्यादा रिटर्न हासिल किया जा सकेगा. इसके लिए 25 साल का लॉकिंग पीरयड बताया गया था. मसलन, अगर आप 1 लाख रुपए का निवेश करते हैं तो 25 साल बाद आपको 34 लाख रुपए मिलते. हालांकि ये बस एक लोगों को लालच देकर ठगी करने का पैंतरा था. वहीं आलू के बिजनेस में 15 महीनों के भीतर ही रकम डबल करने का सपना भी इस ग्रुप ने दिखाया. लालच में आकर 10 लाख लोगों ने निवेश किया और आखिर में कंपनी पैसों के साथ फरार हो गई.
वहीं इन चिटफंड घोटालों की जांच करने वाली पश्चिम बंगाल पुलिस की SIT टीम का नेतृत्व 2013 में राजीव कुमार ने किया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक सीबीआई सूत्रों का कहना है कि एसआईटी जांच के दौरान कुछ खास लोगों को बचाने के लिए घोटालों से जुड़े कुछ अहम सबूतों के साथ या तो छेड़छाड़ हुई थी या फिर उन्हें गायब कर दिया गया था. इसी सिलसिले में सीबीआई कुमार से पूछताछ करने चाहती है. राजीव कुमार पश्चिम बंगाल कैडर के 1989 बैच के आईपीएस ऑफिसर हैं. रोज वैली और शारदा चिटफंड मामले में सीबीआई ने अब तक 80 चार्जशीट फाइल की हैं जबकि एक हजार करोड़ से ज्यादा रुपए रिकवर कर लिए गए हैं.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/02/Mamata-Banerjee-2.jpg5641002Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-02-03 16:54:122019-02-03 16:54:14रोज वैली और शारदा चिटफंड मामला क्या है जानें
कोलकाता में चिटफंड घोटाले से जुड़ा जबरदस्त हंगामा सामने आया है. पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी धरने पर बैठ गई हैं. बनर्जी को कल यानी सोमवार को पश्चिम बंगाल की विधानसभा में बजट भाषण देना था. अब वह धरना स्थल से ही विधानसभा को फोन के जरिए संबोधित करेंगी.
इसके अलावा खबर ये भी मिली है कि कोलकाता पुलिस ने सीबीआई के जिन अधिकारियों को हिरासत में लिया था उन्हें छोड़ दिया गया है. साथ ही सीबीआई के दफ्तर के बाहर मौजूद पुलिसकर्मियों को भी हटा लिया गया है.
दरअसल कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के घर चिटफंड घोटालों के मामले की पूछताछ के लिए रविवार को सीबीआई की एक टीम पहुंची लेकिन वहां तैनात पुलिस ने सीबीआई को घर में घुसने से रोक दिया. इस दौरान सीबीआई अधिकारियों और मौजूद पुलिस के बीच टकराव की स्थिति भी बन गई क्योंकि कोलकाता पुलिस सीबीआई के कुछ अधिकारियों को जबरदस्ती नजदीक के थाने में ले गई.
मामले के सामने आने के बाद बंगाल की सियासत में तूफान आ गया. खुद सीएम ममता बनर्जी राजीव कुमार के लाउडन स्ट्रीट स्थित आवास पहुंच गईं. सीबीआई ने शनिवार को दावा किया था कि राजीव कुमार फरार चल रहे हैं और शारदा व रोज वैली चिटफंड घोटालों के सिलसिले में उनकी तलाश की जा रही है. इस दावे के एक दिन बाद सीबीआई के करीब 40 अधिकारियों की एक टीम रविवार शाम कुमार के आवास पर पहुंची थी, लेकिन उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया.
कुछ ही देर बाद कोलकाता पुलिस के अधिकारियों की एक टीम सीबीआई अधिकारियों से बातचीत के लिए मौके पर पहुंची और यह पता लगाने की कोशिश करने लगी कि क्या उनके पास कुमार से पूछताछ करने के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट्स थे.
पुलिस कमिश्नर के घर के बाहर खड़े सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हम इस मुद्दे पर अभी कोई बात नहीं करना चाहते. देखते हैं कि क्या होता है. थोड़ा इंतजार करें.’
बाद में सीबीआई अधिकारियों की एक छोटी सी टीम को बात करने के लिए शेक्सपियर सरनी पुलिस थाने ले जाया गया. कुछ और लोगों के मौके पर पहुंचने पर हंगामा हो गया. जिसके बाद सीबीआई अधिकारियों को जबरन पुलिस थाने ले जाया गया.
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने इस मामले पर क्या कहा
हंगामे के बीच सीएम ममता बनर्जी वहां पहुंच गईं. वह पहले ही राजीव कुमार के प्रति अपना समर्थन जता चुकी थीं. रविवार सुबह ही उन्होंने राजीव कुमार को देश का सबसे बेस्ट पुलिस ऑफिसर बताया था.
ममता ने आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी, पुलिस और अन्य सभी संस्थाओं पर नियंत्रण हासिल करने के लिए सत्ता का गलत इस्तेमाल कर रही है. यह सारा विवाद पीएम मोदी की साजिश है इसलिए उनके घर पर सीबीआई भेजी गई.
ममता ने कहा, ये कार्यवाही पीएम मोदी के बंगाल दौरे के बाद हो रही हैं. उनके घर पर काम करने वालों से भी पूछताछ हो रही है. ये सब एनएसए अजीत डोभाल के इशारे पर हो रहा है लेकिन राजीव कुमार दुनिया के सबसे बेहतरीन अधिकारियों में से एक हैं.
बनर्जी ने यह भी कहा, ‘चिटफंड मामले में हमने जांच और गिरफ्तारी की, इसके बाद भी सीबीआई की इतनी हिम्मत कैसे हुई कि कोलकाता के कमिश्नर के घर बिना वारंट के पहुंच गई.’ उन्होंने कहा कि यह भारतीय संघीय ढांचे पर हमला है इसलिए तमाम विपक्षी दल एक होकर मोदी हटाओ देश बचाओ की मुहिम चलाएं.
ममता की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार भी सामने आए. हालांकि उन्होंने मीडिया से बातचीत नहीं की. ममता ने कहा कि यह कार्रवाई बदले की भावना से की गई है. सीबीआई बिना वारंट के पुलिस कमिश्नर के ऑफिस पहुंची थी.
उन्होंने कहा, ‘मैं इस घटना से दुखी हूं. देश में अपातकाल है और मैं संविधान बचाने के लिए हड़ताल पर बैठूंगी. बंगाल में कल बजट पेश होना है लेकिन मैं इस कार्यवाही के चलते मेट्रो सिनेमा के बाहर धरने पर बैठूंगी.’
ममता ने कहा, कोलकाता पुलिस प्रमुख के खिलाफ सीबीआई की कार्रवाई राजनीतिक प्रतिशोध वाली है, प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पश्चिम बंगाल में तख्तापलट की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि तृणमूल कांग्रेस ने यहां विपक्ष की रैली का आयोजन किया था. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इशारे पर सीबीआई को निर्देश दे रहे हैं.
ममता बनर्जी ने चिटफंड घोटाला मामले में सीबीआई के साथ दस्तावेज साझा करने पर कहा, कानून-व्यवस्था राज्य का मामला है, हम क्यों आपको (सीबीआई) सब कुछ दे दें. मैं संविधान की रक्षा के लिए आज रात धरने पर बैठूंगी और इस घटना के खिलाफ प्रदर्शन करूंगी.
क्या है चिटफंड घोटालों से जुड़ा पूरा मामला
सीबीआई के मुताबिक, चिटफंड घोटालों की जांच के लिए पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा गठित एसआईटी की अगुवाई कर चुके आईपीएस अधिकारी राजीव कुमार से गायब दस्तावेजों और फाइलों के बारे में पूछताछ करनी है, लेकिन उन्होंने जांच एजेंसी के सामने पेश होने के लिए जारी नोटिसों का कोई जवाब नहीं दिया.
सूत्रों ने बताया कि पश्चिम बंगाल कैडर के 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी कुमार ने चुनावी तैयारियों की समीक्षा के लिए पिछले दिनों कोलकाता आए चुनाव आयोग के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में भी हिस्सा नहीं लिया था. रविवार को कोलकाता पुलिस ने एक बयान जारी कर उन खबरों को सिरे से खारिज किया था कि राजीव कुमार ड्यूटी से गायब हैं.
पुलिस ने अपने बयान में कहा था, ‘कृपया इस बात पर ध्यान दें कि कोलकाता के पुलिस कमिश्नर न केवल शहर में उपलब्ध हैं बल्कि नियमित तौर पर ऑफिस आ रहे हैं. सिर्फ 31 जनवरी 2019 को वह ऑफिस नहीं आए, क्योंकि उस दिन उन्होंने छुट्टी ली थी. इसलिए सभी संबंधित पक्ष इस बात पर गौर करें कि अगर बिना जांच के कोई खबर फैलाई जाती है तो कोलकाता के पुलिस कमिश्नर और कोलकाता पुलिस दोनों की मानहानि का मामला चलाया जाएगा.’
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/02/Dye_O5BV4AAd5ii-1.jpg5761024Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-02-03 16:08:342019-02-03 16:11:45पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार भी ममता के साथ धरने पर बैठे
The top court said this upholding the plea by one Mohammed Salim. He was born to Mohammed Ilias and Valliamma, and court described him as their legitimate child.
NEW DELHI:
HIGHLIGHTS
Islam considers marriage between a Hindu and Muslim as “irregular”
But a child born to such a couple is “legitimate”, rules Supreme Court
Top court also said that the child has a claim on the father’s property
The Supreme Court on Tuesday said that although the marriage between a Muslim man and Hindu woman is an irregular marriage, described as “fasid” in Mohamadan law, the children born out this wedlock are legitimate and have claim over the property of the father.
“The marriage of a Muslim man with an idolater or fireworshipper is neither a valid (sahih) nor a void (batil) marriage, but is merely an irregular (fasid) marriage. Any child born out of such wedlock (fasid marriage) is entitled to claim a share in his father’s property,” observed the bench of Justice N.V. Ramana and Justice Mohan M. Shantanagoudar in their judgment.
Upholding an order of the trial court and that of the Kerala High Court, Justice Shantanagoudar speaking for the bench said: “It would not be out of place to emphasise at this juncture that since Hindus are idol worshippers, which includes worship of physical images/ statues through offering of flowers, adornment, etc., it is clear that the marriage of a Hindu female with a Muslim male is not a regular or valid (sahih) marriage, but merely an irregular (fasid) marriage.”
The top court said this upholding the plea by one Mohammed Salim. He was born to Mohammed Ilias and Valliamma, and court described him as their legitimate child.
Having held that a child born out of Hindu mother and Muslim father is legitimate and has claim over the property of father, the court said: “The position that a marriage between a Hindu woman and Muslim man is merely irregular and the issue from such wedlock is legitimate has also been affirmed by various high courts.”
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/08/Judges-fight-in-Supreme-Court-1.jpg5201200Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-01-23 12:08:102019-01-23 12:08:13Child from marriage of Muslim man and Hindu woman legitimate, entitled to father’s property: SC
पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में श्रीकांत जेना और कोरापुट के पूर्व विधायक कृष्णचंद्र सागरिया को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया. उन्होंने अखिल भारतीय कांग्रेस समिति की अनुशंसा पर पार्टी की ओडिशा इकाई ने निष्कासित किया है
भुवनेश्वर : कांग्रेस से निष्काषित किए जाने के एक दिन बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीकांत जेना ने रविवार को कहा कि वह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का ऐसा पर्दाफाश करेंगे कि वह फिर ‘‘जनता को अपना चेहरा नहीं दिखा’’ पाएंगे. पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में श्रीकांत जेना और कोरापुट के पूर्व विधायक कृष्णचंद्र सागरिया को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया. उन्होंने अखिल भारतीय कांग्रेस समिति की अनुशंसा पर पार्टी की ओडिशा इकाई ने निष्कासित किया है.
जेना ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मैं समझता हूं कि राहुल गांधी 25 जनवरी को ओडिशा के दौरे पर आएंगे. मैं उसी दिन उनका पर्दाफाश करूंगा ताकि वह जनता को अपना चेहरा नहीं दिखा सकें.’ बहरहाल, कांग्रेस प्रमुख के खिलाफ अपने प्रस्तावित ‘महाखुलासे’’ का उन्होंने ब्यौरा नहीं दिया.
कांग्रेस से निष्कासित किए जाने पर नाराज जेना ने कहा, ‘राहुल गांधी ने स्पष्ट कर दिया है कि वह खनन माफिया का साथ देंगे. कभी उत्कलमणि गोपबंधु दास का साथ देने वाली ओडिशा प्रदेश कांग्रेस समिति के नेतृत्व ने खनन माफिया से हाथ मिला लिया है. हालांकि इस तरफ मैंने कई बार राहुल गांधी का ध्यान आकर्षित किया, लेकिन उन्होंने खनन माफिया का साथ दिया.’
स्वतंत्रता सेनानी गोपबंधु दास को ‘ओडिशा का गांधी’ कहा जाता है, जिन्हें शानदार सामाजिक कार्यों, सुधारक, राजनीतिक कार्यकर्ता, पत्रकार, कवि होने के लिए ‘‘उत्कलमणि’’ की उपाधि हासिल है. जेना ने आरोप लगाए कि गांधी ने निर्णय किया था कि ओडिशा की सरकार की कमान पटनायक परिवार के हाथों में रहना चाहिए, जिसके लिए उन्होंने बीजू जनता दल (बीजद) के अध्यक्ष नवीन पटनायक के साथ ‘‘महागठबंधन’’ की घोषणा की.
जेना ने कटाक्ष करते हुए कहा कि वह पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त नहीं रहे और कांग्रेस में वह उपयुक्त नहीं बैठते क्योंकि खनिजों को लूटकर उन्होंने ‘‘धन इकट्ठा’’ नहीं किया है. उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष निरंजन पटनायक पर भी आरोप लगाए, जिनके जवाब में पटनायक ने कहा कि अनुशासनहीनता में शामिल लोगों के लिए कांग्रेस में कोई जगह नहीं है.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/01/Shrikant-Jena-Krushna-Chandra-Sagaria-Odisha-Congress.jpg450650Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-01-20 16:19:182019-01-20 16:19:21‘राहुल गांधी 25 जनवरी को ओडिशा के दौरे पर आएंगे. मैं उसी दिन उनका पर्दाफाश करूंगा ताकि वह जनता को अपना चेहरा नहीं दिखा सकें.’जेना
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