मध्य प्रदेश में ‘धर्म स्वातंत्र्य विधेयक 2020’ को कैबिनेट की मंजूरी

शिवराज सरकार ने लव जिहाद कानून के मसौदे को मंजूरी दे दी है. आज हुई बैठक में मंत्रियों से चर्चा के बाद सर्वसम्मति से मसौदे पर कैबिनेट की मुहर लग गई. अब इस विधेयक को 28 दिसंबर से शुरू होने वाले विधानसभा के सत्र में पेश किया जाएगा. विधानसभा में पारित होने के बाद धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम 1968 को खत्म माना जाएगा. इसकी जगह नया कानून ले लेगा. मसौदे की एक खास बात ये है कि स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन करने वाले व्यक्ति और उसका धर्म परिवर्तन कराने वाले धार्मिक व्यक्ति को जिला कलेक्टर को 60 दिन पहले सूचना देना जरूरी होगी. लव जिहाद कानून के तहत अब कोई भी व्यक्ति दुर्भावना, प्रलोभन धमकी, बल प्रयोग, उत्पीड़न या अन्य कपट पूर्ण तरीके से धर्म परिवर्तन या धर्म परिवर्तन के लिए दबाव नहीं डाल सकेगा. इस तरह से करने वाले व्यक्ति के दबाव को षड्यंत्र माना जाएगा.

भोपाल/नयी दिल्ली(ब्यूरो):

मध्य प्रदेश में लव जिहाद विरोधी विधेयक ‘धर्म स्वातंत्र्य विधेयक 2020’ को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है. नए कानून में कुल 19 प्रावधान हैं, जिसके तहत अगर धर्म परिवर्तन के मामले में पीड़ित पक्ष के परिजन शिकायत करते हैं तो पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी. अगर किसी शख्स पर नाबालिग, अनुसूचित जाति/जनजाति की बेटियों को बहला फुसला कर शादी करने का दोष सिद्ध होता है तो उसे दो साल से 10 साल तक कि सजा दी जाएगी. अगर कोई शख्स धन और संपत्ति के लालच में धर्म छिपाकर शादी करता हो तो उसकी शादी शून्य मानी जाएगी.

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने कहा कि प्रदेश में बलपूर्वक धर्म परिवर्तन कराने की अनुमति नहीं दी जाएगी. लोभ, लालच, प्रलोभन, धोखा देकर किसी प्रकार का धर्म परिवर्तन मध्य प्रदेश में नहीं होगा. यदि ऐसा किया गया तो प्रस्तावित कानून में 10 साल की सजा और ₹50 हजार रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है. किसी को दबाकर, प्रलोभन देकर, अंधेरे में रखकर धर्मांतरण करवाना मध्य प्रदेश में नहीं चलेगा. ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जब नाबालिगों का धर्म परिवर्तन और विवाह कराने के मामले सामने आ चुके हैं.  

मध्य प्रदेश में सबसे कठोर कानून

मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि हमने अपने प्रदेश में देश का सबसे कठोर कानून बनाया है. अब इस विधेयक को विधानसभा में लाया जाएगा. 28 दिसंबर से मध्य प्रदेश विधानसभा का सत्र प्रस्तावित है. यूपी से इस कानून की तुलना पर नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि हम किसी से इसकी तुलना नहीं कर रहे हैं लेकिन ये देश का सबसे कड़ा कानून है. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि इस तरह की शादी टूटने के बाद संतान को भी संपत्ति का हक मिलेगा. मां भी गुजारा भत्ते की हकदार होगी.

मध्य प्रदेश के गृह मंत्री ने धर्म स्वातंत्र्य विधेयक 2020 में जुर्माने की रकम 50 हजार रखे जाने से जुड़े सवाल पर कहा कि जुर्माने की रकम इतनी अधिक इसलिए रखी गई है कि डर पैदा हो.

नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि अगर कोई पंडित या मौलवी किसी मामले में जबरदस्ती शादी करवाने का आरोपी पाया जाता है तो उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी. मध्य प्रदेश सरकार का दावा है कि लव जिहाद को रोकने के लिए यह सबसे सख्त कानून बनाया गया है. 

यूपी कैबिनेट ने नवंबर महीने में ही पास हुआ लव जिहाद पर अध्यादेश

उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने नवंबर महीने में ही लव जिहाद पर अध्यादेश पास कर दिया था. अध्यादेश के मुताबिक, धोखे से धर्म बदलवाने पर 10 साल तक की सजा होगी. इसके अलावा धर्म परिवर्तन के लिए जिलाधिकारी को दो महीने पहले सूचना देनी होगी. 

बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने ऐलान किया था कि हम लव जिहाद पर नया कानून बनाएंगे. ताकि लालच, दबाव, धमकी या झांसा देकर शादी की घटनाओं को रोका जा सके.

यूपी सरकार में मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि अध्यादेश में धर्म परिवर्तन के लिए 15,000 रुपये के जुर्माने के साथ 1-5 साल की जेल की सजा का प्रावधान है. अगर SC-ST समुदाय की नाबालिगों और महिलाओं के साथ ऐसा होता है तो 25,000 रुपये के जुर्माने के साथ 3-10 साल की जेल होगी.

उन्होंने कहा कि यूपी कैबिनेट उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म समपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020 लेकर आई है, जो उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था सामान्य रखने के लिए और महिलाओं को इंसाफ दिलाने के लिए जरूरी है. उन्होंने कहा कि बीते दिनों में 100 से ज्यादा घटनाएं सामने आई थीं, जिनमें जबरन धर्म परिवर्तित किया जा रहा है. इसके अंदर छल-कपट, बल से धर्म परिवर्तित किया जा रहा है.

कॉंग्रेस के दिग्गज नेता मोती लाल वोहरा नहीं रहे, वह 93 वर्ष के थे

साल 2020 जाते जाते कॉंग्रेस पार्टी विशेषकर गांधी परिवार को व्यतिगत क्षति देता हुआ जा रहा है। 24 नवंबर को पार्टी और गांधी परिवार के संकटमोचन माने जाने वाले अहमद पटेल का निधन हुआ था, ओर आज महीना भी नहीं बीता था कि आज मोतीलाल वोहरा के निधन का दु:खद समाचार मिला रहल गांधी ने दु:ख प्रगत करते हुए दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि दी।

नयी दिल्ली(ब्यूरो):

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा का 93 साल की उम्र में सोमवार को निधन हो गया. खराब सेहत की वजह से मोतीलाल वोरा का दिल्ली के फोर्टिस एस्कॉर्ट हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था. बता दें कि कल ही उनका जन्मदिन भी था.

बताया जा रहा है कि मोतीलाल वोरा को दो दिन पहले ही अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इससे पहले वो कोविड-19 से भी संक्रमित हुए थे. उस वक्त उनका इलाज एम्स, दिल्ली में किया गया था. इलाज के बाद वो ठीक हो गए थे और अस्पताल से डिस्चार्ज हो चुके थे.

उनके निधन पर कांग्रेस के तमाम नेताओं ने अपना दुख प्रकट किया है. राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा, “वोरा जी एक सच्चे कांग्रेसी और अद्भुत इंसान थे. हम उन्हें बहुत मिस करेंगे. उनके परिवार और दोस्तों को मेरा प्यार

मोतीलाल वोरा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और उत्तर प्रदेश के राज्यपाल भी रह चुके हैं. मोतीलाल वोरा गांधी परिवार के बेहद करीबी थे. मोतीलाल वोरा लंबे समय तक कांग्रेस में कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालते रहे थे. लेकिन साल 2018 में बढ़ती उम्र का हवाला देते हुए राहुल गांधी ने मोतीलाल वोरा से कोषाध्याक्ष की जिम्मेदारी लेकर अहमद पटेल को दे दी थी. हालांकि अब उनका भी निधन हो चुका है.

आपको बता दें कि राजनीति में आने से पहले मोतीलाल वोरा एक पत्रकार की भूमिका निभा रहे थे. मोतीलाल वोरा ने लंबे समय तक कांग्रेस पार्टी के संगठन में काम किया. वह गांधी परिवार के वफादार माने जाते थे. 1993 में मोतीलाल वोरा ने उत्तर प्रदेश के गवर्नर के तौर पर जिम्मेदारी संभाली थी और 3 साल तक वह यूपी के राज्यपाल थे. इसके अलावा वोरा केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री का दर्जा भी संभाल चुके हैं.

बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनावों के परिणाम आने के बाद जब पार्टी की हार की जिम्मेदारी लेते हुए राहुल गांधी ने कांग्रेस के अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा दे दिया था तो उसके बाद मोतीलाल वोरा के भी अंतरिम अध्यक्ष बनाए जाने की काफी चर्चा हुई थी. हालांकि अंत में उस पद की जिम्मेदारी सोनिया गांधी को दी गई.

आय दोगुनी करने का झांसा देकर सरकार ने किसानों को किया बर्बाद : चौधरी रूद्रसैन

राहुल भारद्वाज सहारनपुर:

आय दोगुनी करने का झांसा देकर सरकार ने किसानों को किया बर्बाद चौधरी रूद्रसैन, किसानों के हर संघर्ष में सपा करेगी सहयोग

सहारनपुर सपा जिलाध्यक्ष चौ.रूद्रसैन ने सरकार पर आय दोगुनी करने का झांसा देकर किसानों को बर्बाद करने का आरोप लगाते हुए कहा केंद्र व प्रदेश सरकार पूरी तरह किसान विरोधी है और देश के अन्नदाता का किसी रूप में उत्पीड़न सहन नहीं किया जाएगासपा जिलाध्यक्ष चौ.रूद्रसैन आज यहां सपा जिला कार्यालय पर  कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित कर रहे थे उन्होंने कहा कि समाज को बांटने, भ्रम, भय और भ्रष्टाचार की राजनीति में भाजपा की दक्षता है। किसानों के आंदोलन को उलझाने के लिए विपक्ष पर आरोप लगाए जा रहे हैं। साथ ही भाजपा अपने किए को सही ठहराने की हठधर्मी भी पाले हुए है। समाज अब जागरूक व सजग है। उसे कोई भ्रमित नहीं कर सकता है। किसान जबाव व समाधान तत्काल चाहता है। किसानों की आवाज सुनने के बजाय उसे कुचलने की कोई भी क्रिया आत्मघाती होगी। किसान अन्नदाता है उसका सम्मान होगा तभी देश आत्मनिर्भर होगा।

न अपना कोई काम और न ही किसानों के साथ न्याय

न अपना कोई काम और न ही किसानों के साथ न्याय, फिर भी सरकारी दावेदारी कि किसी के साथ अन्याय नहीं होगा। सबका साथ और सबका विश्वास पाने के लिए लाठी-गोली, आंसू गैस और पानी की बौछार का तोहफा। लंबे-चौड़े वादों से लोगों को बहकाने की साजिशें। भाजपा के कुशासन से अन्नदाता बर्बाद है। भाजपा राज में किसानों को राहत के ये नए फार्मूले है।

किसान की आय दोगुनी करने के झूठे आश्वासन से कृषि कानूनों की आड़ में किसानो की जमीन हड़पने का जो षडयंत्र है, उसे खेती-किसानी करने वाले अच्छे से समझते हैं। किसानों का असंतोष आक्रोश बनकर फूट पड़ा है। भाजपा शासित राज्यों के किसान भी आंदोलित हैं। किसानों के हित में सपा सरकार ने एमएसपी दिलाने के लिए मंडियों की स्थापना और कृषि सुरक्षा वाली संरचना के विस्तार के लिए कदम उठाए थे। भाजपा ने इन्हें चौपट करने का काम किया है। समाजवादी पार्टी किसानों के संघर्ष में उनके साथ खड़ी है।

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार किसानों की आय दोगुनी करने का जुमला देकर कृषि कानून की आड़ में चंद पूंजीपति दोस्तों को लाभ पहुंचाये जाने के उद्देश्य से उनकी जमीनें हड़पने का षडयंत्र रच रही है, जिसे किसी रूप में सहन नहीं किया जायेगा और खेत में काम करने वाला किसान अब भाजपा की जुमले बाजी में आने वाला नही है और वह भली भांति अपने अच्छे बुरे के बारे में जान चुका है। किसान आज अपने हक हकूक की लड़ाई को लेकर सडक़ों पर उतरा हुआ है, जब तक सरकार उनकी मांगों को स्वीकार नहीं करती, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।उन्होंने कहा कि किसानों के इस आंदोलन व संघर्ष में समाजवादी पार्टी पूरा सहयोग करती है, जब तक किसानों को एमएसपी मण्डी व कृषि सुरक्षा करने वाली संरचना बची और बनी रहे, इसके लिए हर संभव प्रयास किया जायेगा।

इस दौरान सपा जिलाध्यक्ष चौधरी रूद्रसैन प्रतिनिधि चौधरी प्रवीन बान्दुखेड़ी, जिला सचिव कुलदीप यादव, जिला उपाध्यक्ष सोनू चौधरी, जिला उपाध्यक्ष सुहेल राणा, राव वजाहत, आकाश खटीक, मजहबी खान, हसीन कुरैशी, हनीफ तेली, अमित चौधरी,आदि मौजूद रहे।

लव जिहाद पर कानूनी मुहर

उत्तर प्रदेश में लव जिहाद के गुनहगारों के दिन पूरे हो गए है. क्योंकि यूपी की योगी सरकार जिहादियों के खिलाफ एक्शन के लिए पूरी तरह तैयार हो गई है. योगी कैबिनेट ने इस कानून पर अंतिम मुहर भी लगा दी है..

लखनऊ: 

मजहब की आड़ में लव जिहाद का गंदा खेल खेलने वाले सावधान हो जाए. क्योंकि उनकी सारी करतूतों का हिसाब करने वाला कानून यूपी की योगी कैबिनेट में पास हो गया है. सीएम आवास पर हुई बैठक में लव जिहाद पर कानून पास कर दिया गया है. लव जिहाद और गैरकानूनी धर्म परिवर्तन रोकने के लिए यूपी सरकार अध्यादेश लाई. राज्यपाल की मंजूरी के बाद ये कानून लागू हो जाएगा.

Love Jihad कानून पर मुहर

उत्तर प्रदेश में लव जिहाद करने वालों की अब खैर नहीं. आज योगी कैबिनेट की बैठक हुई. जिसमें लव जिहाद के खिलाफ कड़े कानून को मंजूरी दे दी गई. ऐसी जानकारी सामने आ रही है कि इसे गैर कानूनी धर्मांतरण निरोधक बिल के नाम से जाना जाएगा.

उत्तर प्रदेश के कई शहरों में लव जिहाद के मामले सामने आने के बाद योगी सरकार ने लव जिहाद के खिलाफ कानून लाने का ऐलान किया था. अब इस कानून पर योगी कैबिनेट ने मुहर भी लगा दिया है.

लव जिहाद पर यूपी के क़ानून में क्या?

  • उ.प्र.विधि विरुद्ध प्रतिषेद अध्यादेश 2020
  • धोखा या लालच देकर शादी करना अपराध
  • शादी के बाद जबरन धर्म बदलवाने पर सज़ा
  • दोषी को 5 से 10 साल तक की सज़ा का प्रावधान

वहीं यूपी की तरह ही मध्य प्रदेश सरकार भी लव जिहाद के खिलाफ कड़े कानून लाने की तैयारी कर रही है. मध्य प्रदेश सरकार ने अपने प्रस्तावित बिल में पांच साल की कठोर सजा का प्रावधान किया है और मामले गैर जमानती धाराओं में दर्ज होंगे. वहीं हरियाणा में निकिता तोमर की हत्या के बाद हरियाणा सरकार ने भी लव जिहाद के ख़िलाफ़ कानून लाने की बात कही है. फिलहाल आज योगी सरकार ने लव जिहाद पर सबसे पहले कानून लाकर इतिहास रच दिया है. अब 20 करोड़ हिन्दुस्तानियों को लव जिहाद से आजादी मिल गई है. हमारी मुहिम है कि 130 करोड़ हिन्दुस्तानियों को लव जिहाद से आजादी मिले.

सोमवार को ही उत्तर प्रदेश के कानपुर में 14 में से 11 मामले में लव जिहाद की पुष्टि हुई थी.  SIT की जांच रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ था. जानकारी के मुताबिक सिर्फ 3 मामलों में लड़की बालिग थी.

लव जिहाद संगठित अपराध?

– कानपुर लव जिहाद मामले में SIT जांच से बड़ा खुलासा
– 2019-20 के 14 में से 11 केस में लव जिहाद की पुष्टि
– 11 केस में आरोपियों ने हिंदू लड़कियों को धोखा दिया
– 4 लड़कों ने हिंदू लड़कियों को धोखे देकर निकाह किया
– 3 लड़कों ने हिंदू नाम बताकर लड़कियों को धोखा दिया
– आरोपियों ने धार्मिक पहचानकर बदलकर शादियां की
– धोखे से शादी के बाद लड़कियों का जबरन धर्म बदला
– जांच में पाया गया कि 4 लड़के एक दूसरे के संपर्क में थे
– धोखे की शिकार हुई हिंदू लड़कियों में से 8 नाबालिग थीं
– सिर्फ़ 3 मामलों में लड़कियों का लड़कों के पक्ष में बयान

अब आपको लव जिहाद को लेकर देश में मचे संग्राम के बारे में जानकारी दे देते हैं. क्योंकि इस कानून को लेकर देशभर में सियासी बवाल छिड़ा हुआ है.

लव जिहाद पर ‘आर-पार’

योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश – बेटियों से खिलवाड़ करने वालों का राम नाम सत्य होगा
Vs
अशोक गहलोत, मुख्यमंत्री, राजस्थान – लव जिहाद कोई शब्द नहीं, बीजेपी का सांप्रदायिक शिगूफ़ा है

शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश – विवाह के नाम पर साजिश करने वालों पर कड़ा क़ानून लाएंगे
Vs
असदुद्दीन ओवैसी, अध्यक्ष, AIMIM – लव जिहाद पर क़ानून असली मुद्दों से ध्यान हटाने की साज़िश

अनिल विज, गृहमंत्री, हरियाणा – लव जिहाद के खिलाफ़ कड़ा और प्रभावी कानून लाया जाएगा
Vs
नुसरत जहां, सांसद, TMC – प्यार निजी मामला है, धर्म को राजनीतिक हथियार नहीं बनाएं

धर्म पर क्या कहता है संविधान?

– अनुच्छेद 25, 26, 27 और 28 में हर नागरिक को धार्मिक स्वतंत्रता
– अनुच्छेद 25 में सभी को अपना धर्म मानने, उसके प्रचार की आज़ादी
– धर्म प्रचार के अधिकार में किसी अन्य के धर्मांतरण का अधिकार नहीं
– अनुच्छेद 26 में सभी संप्रदायों को धार्मिक कार्यक्रम करने का अधिकार
– अनुच्छेद 27-  किसी धर्म विशेष को दान देने के लिये ज़बर्दस्ती नहीं

लव जिहाद या फिर संगठित अपराध? लव जिहाद के खिलाफ़ योगी सरकार आज अध्यादेश को मंजूरी दे दी है. मुख्यमंत्री योगी ने जो ऐलान किया था, उसपर मुहर लग चुकी है. लव जिहाद पर मध्य प्रदेश सरकार और हरियाणा सरकार के भी प्रस्तावित कानून पाइप लाइन में हैं, यानी उनपर काम जारी है. यूपी में लव जिहाद पर अध्यादेश को मंज़ूरी से पहले कानपुर के मामलों में SIT रिपोर्ट सामने आई है. जांच का सार ये है कि सब कुछ सोचे-समझे तरीके से हो रहा है. यानी पहले धर्म छिपाना, फिर प्रेम जाल में फांसना और उसके बाद ज़बर्दस्ती करके हिंदू लड़की का धर्म बदलवा देना.

धोखे से धर्म परिवर्तन और विवाह पर नया कानून, होगी 10 वर्ष की सज़ा

योगी सरकार उत्तर प्रदेश में महिलाओं के जबरदस्ती धर्म परिवर्तन के खिलाफ एक अध्यादेश लेकर आई है. इसमें दो अलग धर्मों के लोगों के बीच होने वाले विवाह को भी रखा गया है और ऐसा अध्यादेश लाने वाला उत्तर प्रदेश, देश का पहला राज्य बन गया है. इसके तहत अगर दो अलग-अलग धर्मों के लोग आपस में विवाह करते हैं और जांच में ये पाया जाता है कि इस विवाह का मकसद धर्म परिवर्तन कराना था तो अपराधी को 1 से 10 वर्ष तक की सजा हो सकती है.गैर कानूनी रूप से धर्म परिवर्तन के खिलाफ ये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बड़ी स्ट्राइक मानी जा रही है.

लखनऊ/दिल्ली:

10 साल तक की कड़ी सजा का प्रावधान

योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से पारित किए अध्यादेश में धोखे से धर्म बदलवाने पर 10 साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है. यानी कि धोखा देकर, नाम बदलकर, धर्म बदलकर महिलाओं का धर्म परिवर्तन करवाने वाले लव जेहादियों को अब जेल जाना पड़ेगा. वहीं अब सिर्फ शादी के लिए किया गया धर्म परिवर्तन मान्य नहीं होगा. ऐसी शादी को शून्य माना जाएगा. इसके अलावा योगी सरकार के अध्यादेश में सामूहिक धर्म परिवर्तन करवाने वालों के खिलाफ भी सजा और जुर्माने का प्रावधान है. 

यूपी में ‘लव जेहाद’ के ख़िलाफ़ अध्यादेश ! 

बता दें कि उत्तर प्रदेश में जबरन धर्म परिवर्तन के 100 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. इस अध्यादेश में पहचान छिपाकर या जबरन धर्म परिवर्तन और शादी पर सजा का प्रावधान है. दोषी पाए जाने पर 1 से 5 साल की सजा और 15 हजार का जुर्माना तय किया गया है. अवयस्क, एससी/एसटी महिलाओं के धर्म परिवर्तन पर और कठोर सजा का प्रावधान किया गया है. ऐसे मामलों में 10 साल तक की सजा और 25 हजार रुपये जुर्माना लगाया जाएगा. 

‘प्रदेश में कपटपूर्वक धर्म परिवर्तन हो रहा है’

योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह  ने कहा कि प्रदेश में जबरन धर्म परिवर्तन किया जा रहा है. बलपूर्वक कपट नीति से धर्म परिवर्तन किया जा रहा है, वो दिल दहलाने वाला है. इसके लिए योगी जी की कैबिनेट अध्यादेश लेकर आए हैं. उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020 के जरिए योगी सरकार उत्तर प्रदेश को लव जेहाद से मु​क्त करने की तैयारी कर रही है. 

दूसरे धर्म में शादी कैसे होगी ? 

वैसे ऐसा भी नहीं कि अब उत्तर प्रदेश में दूसरे धर्म में शादी करना अब नामुमकिन हो गया है. दूसरे धर्म में शादी के लिए जिलाधिकारी से अनुमति लेनी होगी. दो महीने पहले सूचना देकर अनुमति मिलने पर शादी और धर्म परिवर्तन संभव हो सकेगा. 

सामूहिक धर्म परिवर्तन पर होगी सख्त कार्रवाई

उत्तर प्रदेश में सामूहिक धर्म परिवर्तन को भी संगीन अपराध की श्रेणी में रखा गया है . सामू​हिक धर्म परिवर्तन करवाने वाली संस्थाओं के लिए भी जुर्माने और जेल का प्रावधान किया गया है. ऐसे मामलों में 3 से 10 वर्ष की सजा ओर 50 हजार का जुर्माना भी लगाया जाएगा. इस अध्यादेश के कानून का रूप लेने के बाद गैरकानूनी धर्म परिवर्तन के साथ-साथ लव जेहाद पर भी रोक लग जाएगी.

यूपी की राह पर चलेंगे दूसरे राज्य !

योगी सरकार ने लव जेहाद के खिलाफ जो कड़े कदम उठाने की बात कही थी. अब जमीन पर भी उसकी बानगी दिख रही है. लव जेहाद के खिलाफ़ अध्यादेश पारित करने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य है. अब योगी सरकार की राह पर चलते हुए कुछ और राज्य भी लव जेहाद के खिलाफ़ कड़ा कानून बना सकते हैं. 

कॉन्ग्रेस पार्टी की जमीन पर संगठन के तौर पर मौजूदगी ही नहीं है : चिदंबरम

चिदंबरम ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि पार्टी को बिहार में इतनी ज्यादा सीटों पर चुनाव नहीं लड़ना चाहिए था. कांग्रेस के पास गिरती अर्थव्यवस्था और कोरोनावायरस संकट के मुद्दे थे, लेकिन पार्टी उसपर भी कैंपेनिंग करके अच्छी मौजूदगी नहीं जता पाई, इस पर सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि ‘मुझे गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक के उपचुनावों की चिंता ज्यादा है. यह नतीजे दिखाते हैं कि या तो पार्टी की जमीन पर संगठन के तौर पर मौजूदगी ही नहीं है, या फिर बहुत ज्यादा कम हुई है।’ उन्होंने कहा, ‘बिहार में, आरजेडी-कांग्रेस के पास जीतने का मौका था। जीत के इतने करीब होने के बावजूद हम क्यों हारे, इस पर बहुत ही गहराई से विचार करने की जरूरत है। याद कीजिए, कांग्रेस को राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और झारखंड जीते हुए बहुत ज्यादा वक्त नहीं हुआ है।’

चंडीगढ़/नयी दिल्ली :

हाल ही में हुए बिहार विधानसभा चुनावों और कई राज्यों के उपचुनावों में लचर प्रदर्शन के बाद कॉन्ग्रेस पार्टी को अपने ही दिग्गज नेताओं से तीखी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। इस कड़ी में कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल के बाद अब यूपीए सरकार में वित्त मंत्री रहे पी चिदंबरम ने बयान दिया है। उन्होंने कॉन्ग्रेस के नीतिगत ढाँचे की आलोचना करते हुए कहा कि पार्टी के प्रदर्शन में पिछले कुछ समय से लगातार गिरावट ही आई है। उन्होंने कहा कि कॉन्ग्रेस को इतना साहसी बनना होगा कि गिरावट के उन कारणों को पहचाने और उन पर काम करे। 

कॉन्ग्रेस नेता पी चिदंबरम की तरफ से यह प्रतिक्रिया बिहार विधानसभा और मध्य प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश उपचुनाव में दयनीय प्रदर्शन के बाद सामने आई है। चिदंबरम ने कहा कि कॉन्ग्रेस ने अपनी संगठनात्मक क्षमता से ज़्यादा सीटों पर चुनाव लड़ा। एक दैनिक को दिए साक्षात्कार में उन्होंने कॉन्ग्रेस के प्रदर्शन पर खुल कर आलोचना की। चिदंबरम ने कहा कि उपचुनाव इस बात प्रमाण हैं कि कॉन्ग्रेस की संगठनात्मक दृष्टिकोण से कोई पकड़ नहीं रह गई है। इतना ही नहीं जिन राज्यों में उपचुनाव हुए हैं उनमें कॉन्ग्रेस कमज़ोर ही हुई है। 

सनद रहे :

महागठबंधन की हार अपना नज़रिया रखते हुए कॉन्ग्रेस नेता ने कहा कि महागठबंधन के जीतने की उम्मीदें थीं फिर भी हम जीतते जीतते हार गए। इन तमाम आलोचनात्मक दलीलों के बाद कॉन्ग्रेस पार्टी के लिए आशावादी नज़र आते हुए उन्होंने कहा कि कुछ ही समय पहले कॉन्ग्रेस ने हिन्दी बेल्ट 3 राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के चुनावों में जीत हासिल की थी। 

इसके बाद एआईएमआईएम और सीपीआई (एमएल) का उल्लेख करते हुए चिदंबरम ने कहा कि छोटे दल अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं क्योंकि इनकी ज़मीनी स्तर पर पकड़ बेहद मजबूत है। कॉन्ग्रेस, राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन की सबसे कमज़ोर कड़ी साबित हुई है। पार्टी को तमाम तरह के बदलावों की ज़रूरत है और ऐसे बदलाव नहीं होने की सूरत में राजनीतिक नुकसान बढ़ता ही जाएगा। 

पार्टी की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया आई:

लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने एक निजी चैनल से बातचीत में वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल के हाल के विवादित बयान पर नाराज़गी जताते हुए कहा ”जिन नेताओं को लगता है की कांग्रेस उनके लिए सही पार्टी नहीं है वे नई पार्टी बना सकते हैं. अगर वे चाहें तो किसी दूसरी पार्टी को ज्वाइन कर सकते हैं. कांग्रेस में रहकर इस तरह की लज्जाजनक बयानबाज़ी से पार्टी की विश्वसनीयता कमज़ोर होती है.” अधीर रंजन चौधरी ने आगे कहा “कपिल सिब्बल पार्टी की स्थिति से नाखुश हैं. क्या वे बिहार या उत्तर प्रदेश गए थे चुनाव अभियान में? बिना ज़मीन पर पार्टी के लिए काम किए बगैर इस तरह के बयान देने का कोई मतलब नहीं है.”  

अंत में कॉन्ग्रेस नेता ने कहा कि पार्टी ने अपनी संगठनात्मक क्षमता से ज़्यादा सीटों पर चुनाव लड़ा। यह एक बड़ा कारण था कि कॉन्ग्रेस इतनी कम सीटों पर जीत हासिल हुई जबकि भाजपा और उसके सहयोगी दल पिछले 20 वर्षों से चुनाव जीत रहे हैं। पार्टी को सिर्फ 45 उम्मीदवार उतारने चाहिए थे, शायद तब बेहतर नतीजे हासिल होते। इसके ठीक पहले कॉन्ग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने भी संगठन के शीर्ष नेतृत्व पर कई सवाल खड़े किए थे। 

उनका कहना था कि हार दर हार के बाद पार्टी के नेतृत्व ने इस प्रक्रिया को अपनी नियति मान कर स्वीकार कर लिया। कपिल सिब्बल के इस बयान पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सलमान खुर्शीद ने आलोचना की थी। इन्होंने यहाँ तक कह दिया था कि पार्टी के भीतर रह कर पार्टी को नुकसान पहुँचाने वाले नेता खुद बाहर चले जाएं। इसके अलावा लोकसभा में कॉन्ग्रेस के नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन ने भी कपिल सिब्बल के बयान पर प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था कि कपिल सिब्बल को पार्टी छोड़ ही देनी चाहिए।     

लव जेहाद के खिलाफ मध्य प्रदेश सरकार लाएगी कडा कानून

मध्य प्रदेश में लव जिहाद के खिलाफ बनने वाले कानून में प्रावधान किया गया है कि यदि धोखे, बहला-फुसलाकर, धोखाधड़ी और जबरिया धर्मांतरण करने के लिए शादी की जाती है तो उस स्थिति में परिवार से शिकायत मिलने पर ही केस दर्ज किया जाएगा। यह अपराध गैर जमानती रहेगा और थाने से आरोपी को जमानत नहीं मिल सकेगी। विधेयक में 5 साल तक के कठोर कारावास का प्रावधान है। धर्मान्तरण कराए जाने पर जेल होगी। ऐसे अपराध में सहयोग करने वाला भी मुख्य आरोपी की ही तरह अपराधी होगा। शादी के लिए स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन करने के लिए एक महीने पहले कलेक्टर के यहां आवेदन करना होगा।

  • ‘लव जिहाद’ रोकने के लिए बनाएंगे सख्त कानून, नहीं सुधरे तो ‘राम नाम सत्य’ की यात्रा निकलेगी: सीएम योगी
  • सीएम योगी के बाद हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज बोले- ‘लव जिहाद’ के खिलाफ बना सकते हैं कानून
  • महज शादी के लिए धर्म परिवर्तन वैध नहीं: इलाहाबाद हाई कोर्ट

भोपाल/नयी दिल्ली:

मध्य प्रदेश सरकार जल्द ही लव जिहाद पर कानून बनाने जा रही है। सरकार आगामी विधानसभा सत्र में धर्मांतरण और लव जिहाद के बढ़ते मामलों को रोकने के मकसद से मध्यप्रदेश धर्म स्वातंत्र्य कानून 2020 लाने की तैयारी में है। इस नए अधिनियम में जोर जबरदस्ती से धर्मांतरण कराने पर पाँच साल तक की सजा का प्रावधान हेागा।

मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मंगलवार (17 नवंबर, 2020) को यह बड़ा बयान दिया है। नरोत्तम मिश्र ने कहा कि जल्द ही हम विधानसभा में लव जिहाद के खिलाफ कानून लाएँगे। यह गैर-जमानती अपराध होगा। जिसमें दोषियों को 5 साल तक की सजा का प्रावधान होगा।

उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा सत्र में शिवराज सरकार लव जिहाद को लेकर फ्रीडम ऑफ रिलीजन बिल 2020 के लिए विधेयक पेश किया जाएगा और कानून बन जाने के बाद गैर जमानती धाराओं में केस दर्ज कर 5 साल तक की कठोर सजा दी जाएगी।

उन्होंने यह भी कहा कि लव जिहाद में किसी भी प्रकार से सहायता करने वालों को भी मुख्य आरोपित की ही तरह सज़ा दी जाएगी और शादी के लिए धर्मांतरण कराने वालों को भी सजा देने का प्रावधान इस कानून में रहेगा।

उन्होंने यह भी बताया कि कोई भी अपनी मर्जी से धर्मपरिवर्तन कर शादी नहीं कर सकता लेकिन अगर कोई स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन कर शादी करना चाहता हो, तो इसके लिए सम्बंधित शख्स को एक महीने पहले कोर्ट में अर्जी लगानी पड़ेगी। वहीं, बिना आवेदन के अगर धर्मांतरण किया गया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।

राज्य के गृह मंत्री ने यह भी कहा कि अगर कोई जोर-जबरदस्ती, बलपूर्वक या धोखे से शादी करता है तो धोखे से पहचान छिपाकर की गई शादी को इस कानून के बाद रद्द माना जायेगा।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पहले ही लव जिहाद के खिलाफ सख्त कानून बनाने की बात कही थी। बेटियों की सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए सीएम ने कहा था कि कि लव जिहाद के मामलों से सख्ती से निपटा जाएगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि लव जिहाद के खिलाफ जो कानून बनाया जाना है उसका खाका तैयार कर लिया गया है। बता दें कि इससे पहले उत्तर प्रदेश की योगी सरकार लव जिहाद को लेकर कानून बनाने की बात कह चुके है।

बिहार में शाम होते होते लालटेन जल उठी

आज बिहार चुनावों की गणना शुरू हुई तो रुझान महागठबंधन के पक्ष में आ रहे थे जो घंटे भर बाद एनडीए की ओर झुक गए। एनडीए खेमे में खुशी की लहर दौड़ गयी तो आरजेडी के मृत्युंजय तिवार ने कहा की लालटेन शाम ही में जलती है, ठीक वैसा ही अब दिखने भी लगा है, अब अचानक ही से रुझान महागठबंधन के पक्ष में जाने लगे हैं। यह निर्णायक पल हैं जो रुझानों को नतीजों में बदलने की कुव्वत रखते हैं।

पटना/नई दिल्‍ली: 

बिहार विधान सभा चुनाव में सत्‍तापक्ष और विपक्ष के बीच कांटे की टक्‍कर चल रही है. रुझानों के मुताबिक सत्‍तारूढ़ एनडीए भले ही बहुमत के लिए जरूरी 122 सीटों के आंकड़े के आस-पास दिख रहा है लेकिन एक वक्‍त में काफी पिछड़ रहे महागठबंधन ने शाम होते-होते एक बार फिर रफ्तार पकड़ी है. इस वक्‍त के रुझान के मुताबिक एनडीए 121 और आरजेडी के नेतृत्‍व वाला महागठबंधन 113 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है. यदि दलगत स्थिति की बात की जाए तो सबसे बड़े दल के लिए बीजेपी और राजद के बीच कांटे की टक्‍कर दिख रही है. इस वक्‍त के रुझानों के मुताबिक बीजेपी 71 सीटों पर आगे है, वहीं राजद 74 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है. यानी इस वक्‍त तेजस्‍वी यादव की पार्टी आरजेडी सबसे बड़े दल के रूप में उभरती हुई दिख रही है.

बदलते समीकरण
मतगणना के रुझानों में भाजपा 71 सीटों पर आगे चल रही है और उसे एक सीट पर जीत हासिल हुई है. जबकि उसकी सहयोगी जदयू 42 सीटों पर आगे चल रही है और एक सीट पर जीत मिली है. मतगणना में हम पार्टी तीन सीट और वीआईपी पार्टी 5 सीटों पर बढ़त बनाये हुए है.

कांग्रेसी विधायक आरिफ मसूद पर कसा शिकंजा

शरारती तत्वों के खिलाफ योगी मॉडल अब दूसरी सरकारों को भी भा गया है. देश/समाज विरोधी तत्व अब अधिक दिनों तक कानून की खिल्ली नहीं उड़ा पाएंगे, मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के इकबाल मैदान में फ्रांस के राष्ट्रपति के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले कॉन्ग्रेस विधायक आरिफ मसूद के खिलाफ बीजेपी की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने शिकंजा कस दिया है. आरिफ मसूद के खिलाफ जहाँ मामला दर्ज किया गया है, वहीं स्‍थानीय प्रशासन ने गुरुवार को सुबह मसूद के इंदिरा प्रियदर्शनी कॉलेज के करीब अतिक्रमण कर बनाए चार अवैध निर्माण को ढहा दिया है. प्रशासन द्वारा करीब तीन घंटे चले इस अतिक्रमण में बुलडोजर से अलग-अलग जगह स्थित सीढ़ी, बाथरूम आदि तोड़े गए हैं. 2005 से निर्माण को गिराने पर रोक लगी थी.

भोपाल/नयी दिल्ली:

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का आयोजन करने वाले कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है. भोपाल नगर निगम ने इंदिरा प्रियदर्शनी कॉलेज में कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के चार अवैध निर्माण को तोड़ दिया है. कुछ दिन पहले ही विधायक के खिलाफ केस भी दर्ज किया गया था.

बताया जा रहा है कि भोपाल नगर निगम ने गुरुवार को खानू गांव स्थित बड़े तालाब के कैचमेंट एरिया में निर्मित बिल्डिंगों पर कार्रवाई शुरू कर दी. यहां विधायक आरिफ मसूद का इंदिरा प्रियदर्शनी कॉलेज भी बना हुआ है. 50 मीटर के दायरे में यानी कैचमेंट एरिया में आने के कारण कांग्रेस विधायक के चार अवैध निर्माण को जमींदोज कर दिया.

कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि यह असंवैधानिक है. हमने अपने धर्म के खिलाफ फ्रांसीसी राष्ट्रपति की टिप्पणी का शांतिपूर्ण तरीके से विरोध किया था. यह हमारा संवैधानिक अधिकार है. यह बदले की कार्रवाई है. 2005 से निर्माण को गिराने पर रोक लगी थी, हम मामले को उचित मंच पर ले जाएंगे. मैं अपने छात्रों को बताना चाहता हूं कि कक्षाएं बंद नहीं होंगी.

इससे पहले भोपाल मध्य विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. आरिफ मसूद ने 29 अक्टूबर को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के खिलाफ भोपाल के इकबाल मैदान में एक बड़े प्रदर्शन की अगुवाई की थी, जिसमें हजारों लोगों की भीड़ इकट्ठा हुई थी.

कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद की संपत्ति पर प्रशासन का बुलडोजर चलने के बाद सियासी तूफान खड़ा हो गया है. कांग्रेस ने इसे दबाव की राजनीति बताते हुए सरकार और प्रशासन पर सवाल खड़े किए हैं. पूर्व मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक पीसी शर्मा ने आजतक से बात करते हुए कहा कि सरकार जानबूझकर यह कार्रवाई कर रही है जो गलत है. पीसी शर्मा ने कैमरे पर लाल गुलाब का फूल दिखाते हुए प्रशासन को गेट वेल सून कहा है और कहा है कि सरकार को इस फूल की तरह अच्छा बनना चाहिए.

इकबाल मैदान में प्रदर्शन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग और मास्किंग के सभी नियम दरकिनार करते हुए लोगों ने काफी देर तक फ्रांस के खिलाफ प्रदर्शन किया था. इसके बाद आरिफ मसूद समेत 200 लोगों पर एफआईआर दर्ज कर ली गई थी. इसी मामले में आरिफ के खिलाफ धारा 153 के तहत धार्मिक भावनाओं को आहत करने का एक और मामला दर्ज किया गया.

गौरतलब है कि भोपाल में हुए प्रदर्शन के बाद से ही मध्यप्रदेश में सियासी बवाल मचा हुआ था. प्रदर्शन के अगले ही दिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने साफ कर दिया था इस मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी.

मेवात मे रहने वाले हिन्दुओं के मूल अधिकारों की रक्षा के लिये सुप्रीम कोर्ट मे याचिका

छ: साल पहले अपने आपको हिन्दु हितैषी कहने वाली भाजपा की सरकार हरियाणा में बनी तो मेवात के इलाके मे रहने वाले हिन्दु परिवारो को कुछ उम्मीद बंधी लेकिन छ: साल इस सरकार के गुजरने के बाद भी हालात सुधरने के बजाये बदतर होते जा रहे है, अपने आपको हिन्दु हितैषी कहने वाली सरकार भी इन घटनाओ को रोकने मे नाकाम साबित हो रही है और इलाके के हिन्दु परिवार अपने आपको असहाय महसूस कर रहे हैं।

सारिका तिवारी, पंचकुला/ मेवात:

हरियाणा के मेवात क्षेत्र मे रहने वाले हिन्दुओं के मूल अधिकारों की रक्षा के लिये सर्वोच्च न्यायालय मे एक याचिका दाखिल की गयी है जिसमें मेवात क्षेत्र और उसके आसपास के इलाके मे आये दिन हिन्दु बहन बेटियों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार, अपहरण, बलात्कार, हत्या जैसी घटनाओ पर एस आई टी जांच की मांग की है।

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याचिका मे एक न्यूज चैनल द्वारा मेवात इलाके मे आये दिन हिन्दु परिवारो को प्रताडित करने की खबर की सीरीज का भी हवाला दिया गया है

पिछले दिनो बल्लभगढ मे एक लव जिहाद का मामला सामने आया जिसमें तौफीक नामक मुस्लिम युवक ने निकिता तोमर नाम की लडकी को धर्म परिवर्तन और प्यार न करने की सजा सरेराह गोली मारकर उसकीहत्या कर दी थी जो कि सीसीटिवी मे सारा मामला रिकार्ड हो गया जो कि सोशल मिडिया पर बडी तेजी से वायरल हुआ तथा चैनलो ने प्रसारित भी किया।

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इस याचिका को रंजना अग्निहोत्री, शिशिर चतुर्वेदी,जितेन्द्र सिंह, आशुतोष मिश्रा,करुणेश शुक्ला ने दायर किया है।

इस याचिका मे कहा गया है कि इस इलाके मे मुस्लिम समुदाय बहुतायत मे है जिसके चलते वहां रहने वाले हिन्दुओं की दशा दयनीय है ऐसी स्थिति मे हिन्दु परिवारों को वहां से भगा दिया जा रहा है या उनके कत्ल किये जा रहे है या इस्लाम धर्म स्वीकार करने को मजबूर किया जा रहा है। सर्वोच्च न्यायालय मे दायर याचिका मेवात इलाके और आसपास के इलाके मे रहने वाले हिन्दु परिवारों की सम्पत्ति, जमीन,मन्दिर,शमशान आदि वापिस दिलाये जाने की मांग की है

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जैसा कि विदित है कि मेवात इलाके मे हिन्दु बहन बेटियां सुरक्षित नही है आये दिन लूट, मारपीट,धर्मांतरण, हत्या,बलात्कार, गैंगरेप, की शिकार होती है लेकिन वोटों की राजनीति के चलते कोई कार्यवाही नही होती। छ:: साल पहले अपने आपको हिन्दु हितैषी कहने वाली भाजपा की सरकार हरियाणा में बनी तो मेवात के इलाके मे रहने वाले हिन्दु परिवारो को कुछ उम्मीद बंधी लेकिन छ: साल इस सरकार के गुजरने के बाद भी हालात सुधरने के बजाये बदतर होते जा रहे है, अपने आपको हिन्दु हितैषी कहने वाली सरकार भी इन घटनाओ को रोकने मे नाकाम साबित हो रही है और इलाके के हिन्दु परिवार अपने आपको असहाय महसूस कर रहे हैं।

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याचिका में कहा गया है कि तबलीगी जमात के संरक्षण में मुस्लिमों ने धीरे-धीरे अपनी शक्ति बढ़ाई है। हिन्दुओं की संख्या बीस फीसदी से घटकर अब दस-ग्यारह फीसदी रह गई है। हिन्दुओं से जबरन धर्मांतरण करवाया जा रहा है। याचिका में 31 मई के चार सदस्यीय कमेटी के उस रिपोर्ट का हवाला दिया है, जो कमेटी इलाके के कई गांवों में गई थी और हरियाणा के मुख्यमंत्री को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। याचिका में कहा गया है कि मेवात-नूंह में 431 गांव हैं, जिसमें से 103 गांवों में हिन्दू बिल्कुल नहीं हैं। 82 गांवों में केवल चार से पांच हिन्दू परिवार ही बचे हैं।

जब सरकार से उम्मीद टूट जाती है तब न्यायालय की शरण मे जाने को मजबूर होते है और यही कार्य रंजना अग्निहोत्री, जितेन्द्र सिंह,शिशिर चतुर्वेदी, आशुतोष मिश्रा,करुणेश शुक्ला ने किया है जिससे मेवात के हिन्दु परिवारो को एक बार फिर उम्मीद की किरण नजर आई है।