छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का नेतृत्व संकट गहरा गया है. पार्टी के दो बड़े नेताओं को लेकर विवाद हो गया है.
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का नेतृत्व संकट गहरा गया है. पार्टी के दो बड़े नेताओं को लेकर विवाद हो गया है. विवाद की वजह सीडी है. जिसमें कांग्रेस के प्रदेश मुखिया और राज्य के प्रभारी पीएल पुनिया का नाम आ रहा है. पीएल पुनिया इस साल ही छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रभारी बनाए गए थे. सीडी की बात सार्वजनिक होने से कांग्रेस नेताओं में हड़कंप है.
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को चुनाव की तैयारी में व्यस्त होना चाहिए. पार्टी किसी और वजह से परेशान है. छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ नेता दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं. ये नेता राहुल गांधी से मिलने के लिए इंतजार कर रहे हैं. सब अपनी बात राहुल गांधी को बताना चाहते हैं. एक खेमा स्टेट प्रेसिडेंट भूपेश बघेल और राज्य के प्रभारी पी एल पुनिया दोनों के खिलाफ है. एक खेमा पूरे प्रकरण के लिए भूपेश बघेल को ज़िम्मेदार बता रहा है. छत्तीसगढ़ में इस प्रकरण से कांग्रेस आलाकमान अंजान नहीं है.
छत्तीसगढ़ में सूत्रों के मुताबिक प्रदेश के प्रभारी पीएल पुनिया की कथित सीडी किन्हीं लोगों के पास है. सीडी में क्या है इसका खुलासा नहीं हो पा रहा है, लेकिन जिन लोगों के पास सीडी है, वो तीन विधानसभा सीट के लिए कांग्रेस से टिकट की मांग कर रहे हैं. जिसकी बातचीत का ऑडियो वायरल हो गया है. इस बातचीत का ऑडियो वायरल होने से कांग्रेस में हड़कंप मचा हुआ है. कांग्रेस के नेता परेशान है. राज्य में कांग्रेस का माहौल बन रहा था तभी सीडी कांड हो गया है.
बीजेपी आक्रामक
अभी तक बीजेपी बैकफुट पर थी फ्रंट फुट पर आ गई है. बीजेपी के नेता अमित शाह ने भी कांग्रेस को आड़े हाथ लिया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि ये कांग्रेस का असली चरित्र है. बीजेपी को बैठे बिठाए कांग्रेस के खिलाफ मुद्दा मिल गया है. जिस हिसाब से बीजेपी ने मुद्दा उठाया है उससे साफ है कि कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई का बीजेपी लाभ लेना चाहती है.
पुनिया और भूपेश बघेल का किरदार
छत्तीसगढ़ में बताया जा रहा है कि पीएल पुनिया और भूपेश बघेल के बीच अनबन चल रही है. भूपेश बघेल को पुनिया के काम काज को लेकर ऐतराज था. तब से पुनिया को निबटाने की योजना बन रही थी. जिसमें बताया जा रहा है कि कांग्रेस के ही नेताओं ने साजिश के तहत प्रभारी पी.एल. पुनिया का स्टिंग कर दिया है. जिसके बाद सीट के लिए ब्लैकमेलिंग चल रही है.
एक ऑडियो वॉयरल हो रहा है जिसमें तीन सीटों को लेकर बातचीत करते हुए सुना जा सकता है. इस ऑडियो को अग्रेजी चैनल ने प्रसारित भी किया है. बताया जा रहा है कि प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल और पप्पू फरिश्ता की आवाज है. जिसकी पुष्टि नहीं हो पाई है.
पप्पू फरिश्ता, फिरोज सिद्दीकी और भूपेश बघेल
छत्तीसगढ़ में सीडी का कारोबार 2003 से चल रहा है. 2003 में तब के मुख्यमंत्री अजित जोगी का स्टिंग ऑपरेशन फिरोज सिद्दीकी ने किया था. जिसमें अजित जोगी बीजेपी के विधायक को कांग्रेस में आने का न्योता दे रहे थे. उस वक्त फिरोज अजित जोगी के करीबी थे. जिसमें पप्पू फरिश्ता का अहम रोल था. इस खुलासे के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने सोनिया गांधी से शिकायत की थी. इस मामले में अजित जोगी को कांग्रेस ने निलंबित कर दिया था. तब से रमन सिंह की सरकार है.
बाद में ये दोनों व्यक्ति पप्पू फरिश्ता और फिरोज सिद्दीकी भूपेश बघेल के करीबी हो गए. अजित जोगी को राजनीतिक तौर पर कमजोर करने के लिए इन दोनों का भूपेश बघेल ने खूब इस्तेमाल किया. अजित जोगी कांग्रेस से बाहर हो गए हैं. लेकिन अब फिरोज सिद्दीकी ने दावा किया है कि भूपेश बघेल का स्टिंग उनके बंगले में ही किया गया है. पप्पू फरिश्ता और फिरोज दोनों पेशे से अपने को पत्रकार बताते हैं, लेकिन स्टिंग करने में माहिर हैं.
कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई सड़क पर
कांग्रेस के लगभग सभी नेता दिल्ली दरबार में पहुंच बनाने की जुगत में है. लीडर ऑफ अपोजिशन टी.एस. सिंह देव, पूर्व मुखिया रवींद्र चौबे, चरणदास महंत सभी अपनी बात रखने के लिए राहुल गांधी से मिल रहे हैं. कांग्रेस के सामने मुश्किल है कि चुनाव सिर पर है, पार्टी इस तरह के विवाद में उलझ गई है. सभी चाहते हैं कि आलाकमान जल्दी से फैसला लेकर चुनाव की तैयारी करे. सब को अपने भाग्य खुलने की उम्मीद है. हालांकि अपनी सफाई देने के लिए भूपेश बघेल भी दिल्ली में हैं.
डैमेज कंट्रोल मोड में कांग्रेस
कांग्रेस पूरे मसले पर डैमेज कंट्रोल मोड में है. पार्टी विवाद से बचने के लिए सभी विवादित लोगों के हटाने के लिए विचार कर रही है. ऐसे में चुनाव से ऐन पहले प्रदेश का नेतृत्व किसके हाथ में जाएगा ये बड़ा सवाल है. पूर्व में प्रदेश के मुखिया रहे चरणदास मंहत पर पार्टी फिर से भरोसा कर सकती है. वहीं प्रभारी के तौर पर फिलहाल मुकुल वासनिक या बीके हरिप्रसाद को भेजा जा सकता है. मुकुल वासनिक पिछले चुनाव में प्रदेश की देख-रेख कर रहे थे. बीके हरिप्रसाद कई साल तक राज्य के प्रभारी रह चुके हैं.
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को लग रहा था, इस बार सरकार बन सकती है. पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को भी उम्मीद थी. पहली बार बिना अजित जोगी के कांग्रेस चुनाव में उतरने की तैयारी कर रही थी. अब तक हार का ठीकरा अजित जोगी पर फूटता रहा है. प्रदेश के नेता ये आरोप लगाते रहे कि अजित जोगी और रमन सिंह की मिलीभगत है, इसलिए कांग्रेस जीत नहीं पा रही है. हालांकि पार्टी के सीनियर नेता मोतीलाल वोरा भी इस प्रदेश से आते हैं. लेकिन जोगी और वोरा के बीच खाई गहरी थी. एक जमाने में अजित जोगी सोनिया गांधी के करीबी थे. छत्तीसगढ़ का पहला मुख्यमंत्री अजित जोगी को बनाया गया था लेकिन अपनी कार्यशैली की वजह से जोगी 2003 में चुनाव हार गए. तब से प्रदेश में बीजेपी का शासन है.
इस बार कांग्रेस बीजेपी के सीधे मुकाबले में थी. कांग्रेस को कामयाबी मिल सकती है लेकिन अजित जोगी काम खराब करने के लिए मुकाबले में हैं. अजित ने मायावती के साथ गठबंधन करके कांग्रेस के सामने दोहरी चुनौती पेश कर दी है. इधर कांग्रेस के नेताओं की सीडी की चर्चा भी शुरू हो गई है. जिससे कांग्रेस की किरकिरी हो रही है.