राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने सुनील अरोड़ा को नया मुख्य निर्वाचन आयुक्त नियुक्त किया


2 दिसम्बर को ओ पी रावत से कार्यभार संभालेंगे


राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने सुनील अरोड़ा को नया मुख्य निर्वाचन आयुक्त नियुक्त किया है. अरोड़ा 2 दिसंबर को ओपी रावत से पदभार संभालेंगे. सुनील अरोड़ा एक पूर्व नौकरशाह हैं. उन्हें पिछले साल सितंबर में इलेक्शन बॉडी में नियुक्त किया गया था. इसके पहले 62 वर्षीय अरोड़ा, सूचना विकास और उद्यमिता मंत्रालय, और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय में सचिव रहे थे.

अरोड़ा राजस्थान कैडर के 1980 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. अरोड़ा ने वित्त, वस्त्र और योजना आयोग जैसे मंत्रालयों और विभागों में काम किया है.

उन्होंने 1999-2002 के दौरान नागरिक उड्डयन मंत्रालय में ज्वाइंट सेकरेट्री और इंडियन एयरलाइंस में सीएमडी के तौर पर पांच साल (दो साल अतिरिक्त प्रभार और तीन साल पूर्ण प्रभार) कार्य किया है.

अरोड़ा वर्तमान मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत की जगह लेंगे. रावत ने ईवीएम में किसी भी तरह की अनियमिता की जांच के लिए वीवीपैट मशीनों के व्यापक उपयोग के लिए आवाज उठाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इसके साथ ही उन्होंने फेक न्यूज के खतरों और चुनावी प्रक्रियाओं पर प्रतिकूल प्रभाव को भी रेखांकित किया है. इसके साथ ही केंद्रीय और राज्य स्तर पर एक साथ चुनाव कराना एक उचित कानूनी ढांचे के बिना लगभग असंभव हैं इस बात को भी बार बार दोहराते रहे हैं.

कांग्रेस की स्थिति ऐसी कि ‘माया मिली न राम’: नक़वी


नकवी ने कहा, मोदी सरकार ने पहले दिन से ही गांव, गरीब, किसान, महिलाओं और युवाओं को ध्यान में रखकर काम किया है


केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, ‘कमरे में टोपी और सड़क पर तिलक, एक तरफ धर्म निरपेक्षता का चोला और दूसरी तरफ सांप्रदायिकता का झोला, ये कांग्रेस जैसी ग्रांड ओल्ड पार्टी की ब्रांड न्यू पहचान बनी हुई है.’

नकवी ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा, ‘स्थिति ये है कि न माया मिली और न राम.’ पीएम मोदी पर निशाना साधने वाले नेताओं को आड़े हाथों लेते हुए नकवी ने कहा, ‘जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल कांग्रेस के नेता कर रहे हैं, उससे उनकी मानसिक स्थिति पता लगती है.’

नकवी ने कहा, ‘मोदी सरकार ने पहले दिन से ही गांव, गरीब, किसान, महिलाओं और युवाओं को ध्यान में रखकर काम किया है जिससे देश का विकास हो. इसके अलावा बीते साढ़े चार सालों में 32 करोड़ 80 लाख बैंक खाते खोले गए हैं.’

केंद्र सरकार की तारीफ करते हुए नकवी ने कहा कि जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ समाज के हर हिस्से को मिला है. हम भारत को विश्व गुरू बनाने के रास्ते पर आगे ले जा रहे हैं. समावेशी-सर्वस्पर्शी विकास भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रनीति है.


Room me topi, aur road pe tilak. Ek taraf dharm nirpekshata ka chola aur dusri taraf sampradayikta ka jhola- ye Congress jo grand old party hai uski brand new pehchan bani hui hai. Stithi ye hai ki na maya mili na Ram: Union Minister Mukhtar Abbas Naqvi

CBI got nod to sue, Chidambram got bail extended till 18 Dec


Besides Mr. Chidambaram, sanction is required for the prosection of five public servants.


The sanction required to prosecute former Union Minister P. Chidambaram in the Aircel-Maxis case has been obtained from the authorities concerned, the CBI told a court on November 26.

The court, which further extended the protection from arrest to Mr. Chidambaram and his son Karti till December 18, also granted three weeks to the agency to get sanction against some other people who are accused in the case.

Special Judge O. P. Saini posted the next date of hearing on December 18. There are 18 accused in the case. Besides Mr. Chidambaram, sanction is required for the prosecution of five public servants.

Solicitor General Tushar Mehta submitted on behalf of the CBI that “the competent authority in the central government has accorded sanction for prosecution of accused P. Chidambaram under section 197 of CrPC and section 19 of Prevention of Corruption Act.”

“Sanction for prosecution in respect of remaining accused public servants [five] are still awaited,” he said, seeking two more weeks to get the nod.

The CBI said that court’s refusal to grant more time to obtain the sanction for other accused “in a matter pertaining to such a serious offences, may frustrate the cause of justice“.

It further said, “In view of the facts and circumstances stated above, it is most humbly and respectfully prayed that the prosecution sanction received from the competent authority in the central government in respect of accused P. Chidambaram may kindly be taken on record and a further time may be given to file sanction for prosecution in respect of remaining accused public servants.”

Custodial interrogation required

On behalf of the Enforcement Directorate (ED) in a related money laundering case, Mr. Mehta orally told the court that the accused “misled the agency and made false statement. He suppressed information about the bank accounts in other countries and the money received from various sources.”

“Custodial interrogation is required since various new materials have surfaced after filing of the charge sheet,” the ED, also represented by special public prosecutors N.K. Matta and Nitesh Rana, said.

Senior advocate Kapil Sibal, appearing for Mr. Chidambaram, requested the court to extend the protection of the former Union Minister, as well as his son and co-accused Mr. Karti in the both the cases filed by the CBI as well the ED. The father-son duo recently denied the allegations of both the agencies that they were evasive and non-cooperative during the probe in the case, and said the allegations against them were “unsubstantiated” and there was no need of their custodial interrogation.

The submissions were made in their rejoinder, filed by advocates P.K. Dubey and Arshdeep Singh, in response to the replies of the probe agencies. The CBI and ED, in their replies to the anticipatory bail pleas of Chidambarams, had alleged that they were not cooperating in the investigations.

Mr. Chidambaram filed his anticipatory bail application in May this year. His protection from arrest has been extended from time to time. The agencies have sought the custodial interrogation of both the accused, saying they have not been cooperating and, therefore, making it difficult to complete the investigation in a time-bound manner as directed by the Supreme Court.

The senior Congress leader and his son have come under the scanner of investigating agencies in the ₹3,500-crore Aircel-Maxis deal and the INX Media case involving ₹305 crore.

In its charge sheet filed earlier in the case against former telecom minister Dayanidhi Maran, his brother Kalanithi Maran and others, the CBI alleged that Mr. Chidambaram granted FIPB (Foreign Investment Promotion Board) approval in March 2006 to Mauritius-based Global Communication Services Holdings Ltd., a subsidiary of Maxis. The Maran brothers and the other accused named in the CBI charge sheet were discharged by the special court, which said the agency had failed to produce any material against them to proceed with the trial.

The ED is also probing a separate money-laundering case in the Aircel-Maxis matter, in which Mr. Chidambaram and Mr. Karti have been questioned by the agency and currently their anticipatory bail is pending

राम मंदिर मुद्दे का पेटेंट बीजेपी के पास नहीं है: उमा भारती


अयोध्या की अपनी यात्रा के दौरान, शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा कि केंद्र की बीजेपी सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण नहीं किया गया तो केंद्र सरकार को फिर कोई नहीं बचा सकता


केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की अयोध्या यात्रा का समर्थन किया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि राम मंदिर मुद्दे का पेटेंट बीजेपी के पास नहीं है.

उन्होंने कहा, ‘मैं उद्धव ठाकरे के प्रयास की सराहना करती हूं. राम मंदिर पर बीजेपी का पेटेंट नहीं है. भगवान राम सभी के हैं. मैं एसपी, बसपा, अकाली दल, ओवैसी, आज़म खान सहित सभी से अपील करती हूं की वो आगे आएं और मंदिर के निर्माण का समर्थन करें.’

मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, 90 के दशक में राम मंदिर आंदोलन का नेतृत्व करने वाले प्रमुख बीजेपी नेताओं में से एक थीं. भारती का बयान इस कारण से महत्त्वपूर्ण है क्योंकि उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य समेत कई बीजेपी नेताओं ने राम मंदिर के निर्माण के लिए शिवसेना द्वारा किए जा रहे प्रयास को अस्वीकार कर दिया था. साथ ही उन्होंने कहा था कि मंदिर आंदोलन में पार्टी की कोई भूमिका नहीं थी.

मौर्य ने कहा, ‘उद्धव ठाकरे द्वारा राम लल्ला के दर्शन करने में कोई बुराई नहीं है. लेकिन, अगर बालासाहेब ठाकरे जीवित होते, तो उद्धव जो भी कर रहे हैं वो उन्हें करने से रोक देते.’

मीडिया के मुताबिक अयोध्या की अपनी यात्रा के दौरान, शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा कि केंद्र की बीजेपी सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण नहीं किया गया तो केंद्र सरकार को फिर कोई नहीं बचा सकता. साथ ही उन्होंने राम मंदिर के मुद्दे पर विधेयक लाने के लिए भी कहा. यह भी चेतावनी दी कि हिंदुओं के भावनाओं को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.

शिवसेना प्रमुख ने राम लल्ला मंदिर में प्रार्थना की. इस दौरान उन्होंने कहा कि ‘दिन, साल और पीढ़ियां गुजर रही हैं, लेकिन मंदिर का निर्माण नहीं हुआ है.’ लोकसभा चुनाव होने में अब बहुत समय नहीं है. 2019 के लोकसभा चुनाव के पहले सिर्फ एक और संसद सत्र होना है. ऐसे में उद्धव ने राम मंदिर निर्माण के लिए सरकार से अध्यादेश लाने की मांग की.

उन्होंने कहा, ‘शिवसेना हिंदुत्व के मुद्दे पर उनका समर्थन कर रही है और ऐसा करना जारी रखेगी. चाहे अध्यादेश लाओ या फिर कानून. लेकिन मंदिर बनाओ. हिंदुओं की भावनाओं को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.’ सेना प्रमुख ने कहा कि अगर मंदिर नहीं बना, तो शायद यह सरकार भी नहीं टिकेगी. लेकिन मंदिर निश्चित रूप से बनाया जाएगा. ‘चुनाव प्रचार के दौरन मुद्दे का इस्तेमल ना करें. हिंदुओं की भावना से खिलवाड़ ना करें.’

“मैं सिद्धू को हजरत बुद्धू इसलिये कह रही हूं, क्योंकि उनकी हरकतें समझदार व्यक्तियों वाली नहीं हैं. “ठोको ताली” कहना किसी लाफ्टर चैलेंज की भाषा तो हो सकती है. लेकिन राजनीतिक मंच की अपनी गरिमा होती है.”: मीनाक्षी लेखी


दरअसल ‘कपिल शर्मा शो’ के कपिल शर्मा के विवादों में घिरने के बाद से शायद कपिल कुछ बादल गए होंगे पर सिद्धू अभी तक शो की उसी कुर्सी से चिपके हुए हैं जैस्पर वह नगाड़े बजाते रहेते थे ओर ठोकते रहते थे।

सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने मध्य प्रदेश में इंदौर की महिला महापौर के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी के लिए कांग्रेस नेता और पंजाब मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू से माफी की मांग की है.

सिद्धू के विवादास्पद बयान के खिलाफ बीजेपी की महिला कार्यकर्ताओं ने देवी अहिल्या की प्रतिमा के सामने मौन धरना दिया.


सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने मध्य प्रदेश में इंदौर की महिला महापौर के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी के लिए कांग्रेस नेता और पंजाब मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू से माफी की मांग की है. भारतीय जनता पार्टी की महिला कार्यकर्ताओं ने इसके लिए इंदौर के राजवाड़ा पैलेस के पास देवी अहिल्या की मूर्ति के सामने शांति भरा विरोध प्रदर्शन किया.

गौड़, इंदौर की प्रथम नागरिक होने के साथ शहर के विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-चार से विधायक भी हैं. वह अपने परिवार की इसी परंपरागत सीट से एक बार फिर भाजपा की ओर से चुनावी मैदान में हैं, मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं.

धरने के बाद भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने कहा, “हजरत बुद्धू ने एक महिला नेता के लिये बेहद अभद्र शब्दावली का इस्तेमाल किया है. आधी आबादी का अपमान करने वाली इस टिप्पणी के लिये उन्हें माफी मांगनी चाहिए.” नई दिल्ली से बीजेपी की लोकसभा सांसद ने कहा, “मैं सिद्धू को हजरत बुद्धू इसलिये कह रही हूं, क्योंकि उनकी हरकतें समझदार व्यक्तियों वाली नहीं हैं. “ठोको ताली” कहना किसी लाफ्टर चैलेंज की भाषा तो हो सकती है. लेकिन राजनीतिक मंच की अपनी गरिमा होती है.”

क्या कहा था सिद्धू ने?

इस बीच हाल ही में सिद्धू के जरिए एक रैली के दौरान इंदौर की मेयर मालिनी लक्ष्मणसिंह गौड़ की आलोचना की गई थी. सिद्धू ने कहा था ‘ताली ठोको और इसके साथ महापौर को भी ठोको’. साथ ही सिद्धू ने गौर और नगरपालिका प्रशासन पर आरोप लगाया कि वे मुआवजे का भुगतान किए बिना लोगों के घरों को ध्वस्त कर रही हैं.

दरअसल ‘कपिल शर्मा शो’ के कपिल शर्मा के विवादों में घिरने के बाद से शायद कपिल कुछ बादल गए होंगे पर सिद्धू अभी तक शो की उसी कुर्सी से चिपके हुए हैं जिस पर वह नगाड़े बजाते रहेते थे ओर ‘ठोकते’ रहते थे। कांग्रेस ओर कुर्सी वह चाहे कोई भी हो सिद्धु ‘कुर्सी मोड’ से बाहर नहीं आ पाते।

वहीं इस मामले को लेकर बीजेपी प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने सिद्धू को बेवकूफ कहा और इस टिप्पणी के लिए उनसे माफी की मांग की. मध्य प्रदेश में 28 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होगा. इसके बाद 11 दिसंबर को मतगणना होगी.

राजस्थान में भाजपा उम्मीदवार पर जानलेवा हमला


राजस्थान में बीजेपी के प्रत्याशी पर हमला किए जाने की घटना सामने आई है.


राजस्थान में विधानसभा चुनाव नजदीक है. हालांकि चुनाव के दौरान कई बार झगड़ों जैसी घटनाएं भी देखने को मिल जाती है. जिससे चुनाव का माहौल बिगड़ जाता है. अब ऐसी ही एक घटना राजस्थान में देखने को मिली है. जहां बीजेपी के प्रत्याशी पर हमला किए जाने की घटना सामने आई है. साथ ही इस हमले के दौरान कई लोग घायल भी हो गए हैं.

राजस्थान के धौलपुर से प्रत्याशी शोभारानी कुशवाह के साथ हमले की ये वारदात सामने आई है. इस वारदात में शोभारानी कुशवाह और उनके समर्थकों पर सदर थाना इलाके में हमला कर दिया गया. गांव झील का पुरा में उन पर किया गए इस हमले में गोलियां तक चली. फायरिंग के अलावा इस हमले के दौरान लाठी-भाटा जंग भी देखी गई. लोगों ने पत्थर और लाठियां भी बरसाई.

दरअसल, धौलपुर से प्रत्याशी शोभारानी कुशवाह पर ये हमला मृतक नरेश कुशवाहा के पिता और परिजनों ने किया है. इस हमले में करीब 20 राउंड गोली चली. वहीं शोभारानी के पति बीएल कुशवाह नरेश कुशवाहा के हत्या के षड्यंत्र के आरोपी हैं. इस हमले के दौरान दर्जनों लोग घायल भी हो गए. जिसके बाद घाटलों को अस्पताल पहुंचाया गया.

राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए 7 दिसंबर को मतदान किया जाएगा और 11 दिसंबर को मतगणना होगी.

कांग्रेस ने 28 बागियों को 6 साल के लिए किया निष्कासित


प्रदेश संगठन महासचिव महेश शर्मा ने इनके निष्कासन के आदेश जारी किए


राजस्थान कांग्रेस ने 28 बागियों को पार्टी से निकाल दिया है. इन 28 बागी उम्मीदवारों को कांग्रेस से 6 साल के लिए निष्कासित किया है. प्रदेश संगठन महासचिव महेश शर्मा ने इनके निष्कासन के आदेश जारी किए.

राजस्थान में 7 दिसंबर को मतदान होने वाले हैं. देश के पांच राज्यों मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. वोटों की गिनती 11 दिसंबर को होगी.

जिन 28 बागियों को कांग्रेस से निकाला गया है उनके नाम हैं : 

  1. – खंडेला से महादेव सिंह खंडेला
  2. – सिरोही से संयम लोढ़ा
  3. – केशोरायपाटन से सीएल प्रेमी
  4. – नीमकाथाना से रमेश खंडेलवाल
  5. – शाहपुरा से आलोक बेनीवाल
  6. – दूदू से बाबूलाल नागर
  7. – किशनगढ़ से नाथूराम सिनोदिया
  8. – बस्सी से लक्ष्मण मीणा
  9. – गंगापुर से रामकेश मीणा
  10. – तारानगर से सीएस बैद
  11. – लाडनू से जगन्नाथ बुरड़क
  12. – सादुल शहर से ओम बिश्नोई
  13. – गंगानगर से राजकुमार गौड़
  14. – करणपुर से पृथ्वीपाल सिंह संधू
  15. – रायसिंहनगर से सोहन नायक
  16. – रतनगढ़ से पूसाराम गोदारा
  17. – सुजानगढ़ से संतोष मेघवाल
  18. – किशनगढ़बास से दीपचंद खेड़िया
  19. – कठूमर से रमेश खींची
  20. – महुवा से अजीतसिंह महुवा
  21. – बामनवास से ननवलकिशोर मीणा
  22. – जैतारण से राजेश कुमावत
  23. – पाली से भीमराज भाटी
  24. – मारवाड़ जंक्शन से खुशवीर सिंह जोजावर
  25. – जैसलमेर से सुनीता भाटी
  26. – आहोर से जगदीश चौधरी
  27. – सलूम्बर से रेशमा मीणा
  28. – शाहपुरा से गोपाल केसावत

राजस्थान में हर पांच साल पर सत्ता बदलने का चलन रहा है. मुख्यत: यहां दो दलों के बीच में ही कड़ा मुकाबला रहता है.  एक बार आप और एक बार हम वाली स्थिति रहती आई है, मतलब एक बार कांग्रेस तो एक बार बीजेपी. ऐसे में वसुंधरा राजे की सरकार पर खतरे की घंटी लटकी हुई है. लेकिन वहीं खुद वसुंधरा सरकार के गलत राजनीतिक फैसलों ने भी राज्य में कांग्रेस की स्थिति को मजबूत करने में सहायता की है.

मेरी मां राजनीति का ‘र’ तक नहीं जानती, कांग्रेस ने उनका नाम घसीटकर ओछी हरकत की: नरेन्द्र मोदी


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस द्वारा उनकी मां के बाद पिता को भी राजनीति में ‘‘घसीटे’’ जाने पर कहा कि कांग्रेस अब मुद्दों के अभाव में ऐसी ओछी हरकतें कर रही है.


विदिशा : 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस द्वारा उनकी मां के बाद पिता को भी राजनीति में ‘‘घसीटे” जाने पर कहा कि कांग्रेस अब मुद्दों के अभाव में ऐसी ओछी हरकतें कर रही है. मध्य प्रदेश में 28 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के पक्ष में रविवार को यहां एक आमसभा में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बहुत दिक्कत होती है उनको, जब मुद्दे नहीं बचे, तर्क नहीं बचे,जो जनता का विश्वास खो चुके हैं, खुद पर भरोसा उठा चुका है. तब एक ही रास्ता बचा है. गाली गलौज, गाली गलौज. उन्होंने कहा, ‘‘मैं हैरान हूं और ये नामदार कांग्रेस पार्टी के मुखिया. ये जो कुछ भी चल रहा है, उसको वे समर्थन दे रहे हैं”. मोदी ने कहा, ‘‘मैं हैरान था दो दिन पहले कांग्रेस के एक नेता हमारी माताजी को चुनाव में घसीट लाये. हमारी माताजी जिसने बेचारी ने मध्य प्रदेश कहां है, यह भी देखा नहीं, जो राजनीति का ‘‘र” नहीं जानतीं. अपने छोटे से कमरे में प्रभु पूजा में जीवन बिता रही हैं. क्या मेरी मां को इस प्रकार से घसीटना उचित था. क्या आपके पास यही मुद्दा बचा है”.

प्रधानमंत्री ने आगे कहा, ‘‘मैं सोच रहा था, शायद कांग्रेस पार्टी सबक सीखेगी लेकिन आज मैंने देखा टीवी, सोशल मीडिया में चल रहा है, मेरी मां को घसीटने से कुछ मिला नहीं. आज मेरे पिताजी को घसीटकर ले आये. मेरे पिताजी, जो 30 साल पहले ये दुनिया छोड़कर चले गये. मेरे परिवार की सौ पीढ़ी में भी किसी का राजनीति से संबंध नहीं है. छोटा सा गांव, गरीब परिवार जैसा होता है, वैसी जिंदगी गुजारने वाले हम लोग. क्या कारण है, आज मेरे पिता जी को भी घसीटकर ले आये, जो 30 साल पहले दुनिया छोड़कर चले गये हैं”. उन्होंने कहा, ‘‘और कांग्रेस के नामदार कांग्रेस अध्यक्ष कहते हैं कि मोदी जी भी तो मेरे परिवार के लिये बोलते हैं. अरे नामदार, हम आपके परिवार के किसी भी व्यक्ति के लिये नहीं बोलते हैं. हम देश के भूतपूर्व प्रधानमंत्रियों के लिये बोल रहे हैं. हम देश के भूतपूर्व कांग्रेस नेताओं के खिलाफ बोल रहे हैं. उनके काम का हिसाब मांग रहे हैं. अगर मेरे परिवार का कोई भी व्यक्ति राजनीति में है. सार्वजनिक जीवन में है तो श्रीमान नामदार आपको भी हक है मेरे परिवार के बाल नोंच लेने का. अगर वह राजनीति में है तो, अगर वह सत्ता के गलियारों में है तो.

प्रधानमंत्री ने कांग्रेस अध्यक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा कि आपका पूरा परिवार देश के शीर्षस्थ स्थानों पर रहा है, दल के शीर्षस्थ स्थानों पर रहा है, इसलिये जितना मोदी पर आप सवाल पूछ सकते हैं, जितना मोदी जवाबदेह है, उतना ही आपका परिवार भी जवाबदेह है, ये लोकतांत्र है. उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष से कहा कि आप ये तर्क देकर गाली गलौज करने वाले अपने साथियों का बचाव मत कीजिये. और आप जनता मुझे बताइये कांग्रेस में कोई ऐसा है जो नामदार की इच्छा के सिवाय बोल सके. कांग्रेस में गली का कार्यकर्ताओं हो या दिल्ली का, वो नामदार की इजाजत के बिना बोल ही नहीं सकता है. उल्लेखनीय है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री विलास मुत्तेमवार ने शनिवार को राजस्थान में कांग्रेस की एक जनसभा के दौरान कहा था, ‘‘आपके (मोदी के) प्रधानमंत्री बनने से पहले आपको जानता कौन था? अब भी आपके पिता का नाम कोई नहीं जानता, लेकिन हर कोई (कांग्रेस अध्यक्ष) राहुल गांधी के पिता का नाम जानता है”. मुत्तेमवार के इस बयान का वीडियो वायरल हो गया. हालांकि विदर्भ क्षेत्र के रहने वाले मुत्तेमवार ने कहा कि सोशल मीडिया पर साझा किए जा रहे वीडियो से छेड़छाड़ की गई है.

विदिशा में आमसभा में मोदी ने कांग्रेस पर आपा खोने का आरोप लगाते हुए कहा कि आपने देखा होगा कि ये झूठ पे झूठ बोले जा रहे हैं, अनाप-शनाप बोले जा रहे हैं. और बोल के चले जाओ सबूत-वबूत कुछ देना नहीं. अब तो आदत ऐसी हो गयी है. उन्होंने कहा कि अब तो यहां के युवाओं को भी चोर और नकलची कहना शुरू कर दिया है. पहले मोदी को चोर कहते थे. अब कहते हैं यहां के युवा परीक्षा में चोरी, नकल करते हैं. क्या करते हैं, क्या आप. यह आपका अपमान है, ये पूरे मध्य प्रदेश के नौजवानों का अपमान नहीं है क्या, क्या भाषा बोल रहे हैं ये. मोदी के लिये कुछ भी बोल दिया. अब उससे आपका पेट नहीं भरा तो युवाओं को चोर बोल रहे हैं. कितना संतुलन खो दिया कांग्रेस के नेताओं ने, यह इसका यह जीता जागता उदाहरण है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भाजपा ने विकास के मुद्दे को ही हमारा मंत्र बनाया है. विकास हमारे लिये चुनावी मुद्दा नहीं है. विकास हमारे लिये आजादी के दीवानों के सपनों का भारत बनाने का एक मजबूत रास्ता है. हम केवल विकास, विकास और तेज विकास करना चाहते हैं

आखिर क्यों पीएम मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को बताया झूठा?


पीएम ने कहा कि कांग्रेस ने देश में जितने वर्षों तक शासन किया उसकी तुलना में अगर मुझे आधा समय भी मिल जाए तो हमारी सरकार देश में कई बड़े बदलाव लाकर दिखाएगी.

खास बातें: 

 

  1. गरीबी हटाओ का नारा झूठा- पीएम

  2. बैंकों के राष्ट्रीयकरण के बाद भी नहीं खुले सभी के खाते

  3. सिर्फ झूठ बोलते आई है कांग्रेस- पीएम


भोपाल:

मध्य प्रदेशचुनाव (MP Assembly Election 2018) की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आते जा रही है वैसे ही राजनीतिक पार्टियां एक दूसरे पर हमले तेज करते जा रहे हैं. मध्यप्रदेश के मंदसौर में पीएम मोदी (PM Modi) ने एक रैली के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) का गरीबी हटाओ का नारा पूरी तरह से झूठा साबित हुआ है. पीएम मोदी (PM Modi) ने इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) द्वारा बैकों का राष्ट्रीयकरण किए जाने के फैसले को गरीबों के लिए बड़ा फर्जीवाड़ा बताया. पीएम ने कहा कि कांग्रेस ने देश में जितने वर्षों तक शासन किया उसकी तुलना में अगर मुझे आधा समय भी मिल जाए तो हमारी सरकार देश में कई बड़े बदलाव लाकर दिखाएगी. खास बात यह है कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) को लेकर पीएम मोदी का यह बयान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के उस आरोप के बाद आया जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार पर झूठे वादे करने का आरोप लगाया था.

रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि नेहरू-गांधी की चार पीढ़ियों ने इस देश पर राज किया है, लेकिन इस दौरान उन्होंने गरीबों को सिर्फ धोखा दिया है. पीएम ने कहा कि इंदिरा जी ने नारा दिया था गरीबी हटाएंगे लेकिन क्या आज तक गरीबी हटी. उन्होंने कहा कि बैंकों के राष्ट्रीयकरण के बाद भी 2014 तक देश के आधी जनसंख्या के पास उनका बैंक खाता नहीं था. क्या राष्ट्रीयकरण गरीबों के नाम पर एक फर्जीवाड़ा नहीं है? गौरतलब है कि मध्यप्रदेश चुनाव के दौरान पीएम मोदी ने कई बार कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा.

मध्य प्रदेश के मंदसौर में एक सभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भाजपा किसानों के लिए काम करने वाली पार्टी है. गांव, गरीब और किसान मजबूत हो और सरकार के सामने सिर झुका कर खड़ा न रहना पड़े, इसके लिए हम कदम उठा रहे हैं. 5-6 दशक के पाप को ठीक करने के लिए थोड़ा समय भी तो चाहिए. मुझे तो अभी सिर्फ 4 साल मिले हैं. उनसे आधा समय भी मिल जाए तो स्थिति बदल जाएगी. पीएम ने कहा कि मध्य प्रदेश के किसान अपना लोहा मनवा रहे हैं. आज देश में एमपी कृषि के क्षेत्र में अव्वल है. कांग्रेस के जमाने में जो बीमारू राज्य था, आज वह विकास कर रहा है. एमपी गेहूं के उत्पादन में आगे निकल चुका है और देश में दूसरे नंबर पर है. यह किसानों के बूते ही हुआ है. जो आप को गुमराह करते हैं उनसे सवाल पूछिये कि 55 साल वो कहां खो गए थे? पहले उन्हें किसान क्यों याद नहीं आए. कृषि उत्पादन को ढाई गुना करने में शिवराज की सरकार सफल हुई है.

पीएम मोदी ने कहा कि दशकों तक किसानों की अनदेखी हुई. इसका नतीजा भी गलत रहा. किसान यूरिया के लाठी झेलते थे, ब्लैक में खरीदते थे. जब मैं सीएम था तब मैं भी भारत सरकार को चिट्ठी लिखता था. मेरे पीएम बनने के बाद इस देश के किसी भी सीएम को चिट्ठी लिखने की नौबत नहीं आई. आज किसानों को तमाम समस्याओं से मुक्ति मिल गई है. पहले यूरिया की चोरी होती थी, मोदी ने सारे दरवाजे बंद कर दिये. यूरिया का नीम कोटिंग किया, अब इसका एक दाना भी केमिकल फैक्ट्री के काम नहीं आता है.

चोरी रुक गई. पीएम मोदी ने कहा कि पहले हिस्सेदारी थी, इसलिये यह काम नहीं कर पाए. हम किसानों की सेवा करना चाहते थे और करके दिखाया. शिवराज सरकार ने सिंचाई की व्यवस्था 5 गुना बढ़ाई. कांग्रेस ने 55 साल में जो किया, शिवराज ने वही काम 15 साल में कर दिखाया.

Yogi Govt approves 221 mts. tall Lord Ram statue on banks of Saryu

After shortlisting five statues, Chief Minister Yogi Adityanath has approved one, made of bronze.

While ashow of strength is on in Ayodhya Ji, by the VHP for the Ram Mandir, the BJP government in Uttar Pradesh has cleared a 221-metre-tall statue of Lord Ram, to come up on the banks of the Saryu in the temple town.

While the government did not reveal the details of cost, funding, or exact location, it announced the expected size of the statue, which seems to outdo the 182-metre Sardar Patel statue in Gujarat.

The Lord Ram statue would consist of a 151-metre statue, a 20-metre umbrella overhead, and a 50-metre pedestal; the total being 221 metre, a government spokesperson said.

The pedestal would hold a “grand and ultra-modern museum” showcasing history of Ayodhya, legendary Ishvaku dynasty and Raja Manu, and the Ram Janmabhooomi.

After shortlisting five statues, Chief Minister Yogi Adityanath approved one, made of bronze.

The Yogi Adityanath government had last year announced that it would construct a Ram statue in Ayodhya as part of the “Navya Ayodhya” scheme of the UP Tourism Department to develop the town as a tourist hub.

This is not the only Ram statue the BJP government is planning in UP. The government has also announced that it would build a statue of Lord Ram at Shringverpur, a site near Allahabad revered by Nishads. They are a riverine Most-Backward Caste.

Next to that Lord Ram statue would come up a statue of Nishadraj, the caste icon and boatman who, as per Hindu beliefs, helped Lord Ram along with his wife and brother cross the Ganga during exile. Mr. Adityanath had in September said ₹ 34 crore would be allocated for the project.