शीला की कीमत पर गठबंधन होगा??

आम आदमी पार्टी से गठबंधन की बैठक को शीला दीक्षित बीच ही में छोड़ कर क्यों चलीं गईं थीं, कांग्रेस आज सार दिन इस सवाल से बचती नज़र आई। केजरीवाल के शीला दीक्षित को महत्वपूर्ण नेता न मानने पर भी कांग्रेस की तरफ से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई। शाम होते होते 4/3 के फार्मूले पर कयास लगने लग पड़े। लगा की बात तकरीबन बन चुकी है। पूछे जाने पर भी कोई ठीक उत्तर नहीं मिला।

नई दिल्ली: दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन के बारे में सवाल को टालते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि पूरे देश में गठबंधनों को लेकर उनकी पार्टी का रुख लचीला है.

राहुल गांधी ने दिल्ली में आप के साथ गठबंधन के सवाल पर सीधे उत्तर नहीं देते हुए कहा,‘इस पर कोई असमंजस नहीं है. स्थिति बहुत स्पष्ट है. देश भर में हमने गठबंधन किए हैं. हमारे दरवाजे गठबंधन के लिए खुले हुए हैं. इस मुद्दे पर हमारा रुख लचीला है.’

राहुल ने की शीला दीक्षित और पीसी चाको के साथ बैठक 
इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष ने मंगलवार को सुबह पार्टी की दिल्ली इकाई की अध्यक्ष शीला दीक्षित और राज्य के पार्टी प्रभारी पीसी चाको के साथ एक बैठक की. गौरतलब है कि आप के साथ गठबंधन को लेकर अब तक दिल्ली कांग्रेस के नेताओं में भिन्न भिन्न राय सामने आई है.

पिछले दिनों कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ बैठक के दौरान डीपीसीसी अध्यक्ष शीला दीक्षित और तीनों कार्यकारी अध्यक्षों राजेश लिलोठिया, देवेंद्र यादव और हारून यूसुफ तथा पूर्व अध्यक्ष जेपी अग्रवाल ने गठबंधन का विरोध किया तो अजय माकन, सुभाष चोपड़ा, अरविंदर सिंह लवली तथा कुछ अन्य नेताओं ने तालमेल के पक्ष में राय जाहिर की. दिल्ली में सभी सात सीटों के लिए 12 मई को वोट डाले जाएंगे. 23 मई को मतगणना होगी.

हालांकि इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव के लिए नयी दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) के साथ गठबंधन करने से इनकार कर दिया है. ‘आप’ प्रमुख ने कहा था कि उन्होंने हाल ही में राहुल गांधी से मुलाकात की थी. कांग्रेस अध्यक्ष ने ‘आप के साथ चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया.’ 

दिल्ली कांग्रेस की अध्यक्ष शीला दीक्षित के उनसे संपर्क ना करने के बयान पर केजरीवाल ने कहा, ‘हमने राहुल गांधी से मुलाकात की थी. दीक्षित इतनी महत्वपूर्ण नेता नहीं हैं.’ केजरीवाल लोकसभा चुनाव में भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए लगातार कांग्रेस से गठबंधन करने की अपील कर रहे हैं.

Congress’ manifesto claiming it made “traitors and separatists happy”: Sushma

Sushma Swaraj criticises Congress manifesto

Union Minister Sushma Swaraj has slammed the Congress’ manifesto claiming it made “traitors and separatists happy“.

Ms. Swaraj has been addressing a BJP women workers’ meeting in Nagpur for the party’s Lok Sabha candidate and Union Minister Nitin Gadkari.

“The Congress manifesto has made deshdrohi (traitor) and algavwadi (separatist) people happy. It is unfortunate for the country that on one side Prime Minister Narendra Modi is giving a befitting reply to Pakistan’s terror attacks with surgical and air strikes. On the other hand, the Congress president (Rahul Gandhi) is refusing to accept treason as a crime,” she says.

While Mr. Modi has taken back security provided to separatist leaders (in Jammu and Kashmir post the Pulwama terror attack), the Congress chief talks of continuous talks with them, the Minister of External Affairs says.

“This is the difference between chowkidar and rajkumar,” she says, adding that she was confident people would not vote for a party that made the nation unsafe.

“I am confident people will re-elect Modi as PM because they know the nation is safe in his hands,” she claims.

She says the Congress failed to corner Pakistan following the 26/11 terror raid on Mumbai in 2008 while the Modi government has given all powers to armed forces to retaliate following the Uri and Pulwama attacks.

She says India isolated Pakistan post the Pulwama attack and the latter did not attend the Organisation of Islamic Countries (OIC) meeting as India was a special invitee.

कांग्रेस के सभी फेस बूक पेजों के साथ पाकिस्तान के 103 पेजों की भूमिका के चलते उन्हे डिलीट किया गया: फेसबूक

सोश्ल मीडिया का इस्तेमाल जानकारी के आदान प्रादान के लिए किया जाता है। इस मीडियमसे लोगों के फासले खत्म हसे हो गए हैं, शारीरिक रूप से दूर भी अभूत सहजता से स्व्यम को आपके पास पाता है और उस दूरी का एहसास खत्म हो जाता है। लोग इस माध्यम से मिली जानकारी को भी बहुत ही संजीदगी से लेते हैं, खास कर युवा वर्ग। जब यहीं पर प्रचार सामग्री मिल रही हो तो राजनाइटिक दल भी इसका भरपूर इस्तेमाल करते हैं। राजनाइटिक विद्वेष यहाँ प्रचार कम अपितु दुष्प्रचार अधिक करते हैं। कोई अचरज नहीं जब पाकिस्तान भी भारत के लोकसभा चुनावों में दल विशेष की मदद कर रहा हो। फस बुक के अनुसार उन्होने कांग्रेस संबन्धित तमाम पेज डिलीट कर दिये हैं परंतु आश्चर्य यह है की इन्हीं पेजिस के साथ साथ पाकिस्तान सेन के 103 पेज भी भारत चुनावों में संलिप्त थे। है तो जांच का विषय। कपिल सिब्बल ज़रूर जानना चाहेंगे की गद्दार कौन है।

  • सोशल मीडिया कंपनी ने कहा कि ‘अप्रमाणिक व्यवहार’ के चलते देश की मुख्य विपक्षी पार्टी से जुड़े इन पेजों को हटाया गया है
  • फेसबुक के साइबर सिक्यॉरिटी पॉलिसी के हेड नाथनेल ग्लेचियर ने कहा, ‘लोगों ने अपनी पहचान को छिपाकर यह काम करने का प्रयास किया
  • सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी ने कहा कि उसने पाकिस्तानी सेना के जनसंपर्क विभाग से जुड़े 103 पन्नों को भी हटाने का फैसला लिया है

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के कुछ दिन पहले फेसबुक ने एक सख्त कदम उठाते हुए देश के प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस से संबंधित तमाम पेज डिलीट करने की घोषणा की है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक फेसबुक ने सोमवार को यह भी बताया है कि इसके साथ ही उसने पाकिस्तानी सैन्यकर्मियों से जुड़े 103 अकाउंट भी रिमूव कर दिए हैं. सोमवार को सोशल मीडिया कंपनी ने अपने इस कदम के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि ‘अप्रमाणिक व्यवहार’ के चलते देश की मुख्य विपक्षी पार्टी (कांग्रेस) से जुड़े पेजों को हटाया गया है. फेसबुक ने इसके साथ ही यह भी साफ किया है कि इन पन्नों को उनमें प्रकाशित सामग्री की बजाय उनके ‘इनअथेंटिक बिहेवियर’ यानी अप्रामाणिक जानकारी के चलते हटाया गया है.

फेक अकाउंट बना कर तमाम ग्रुप में जुड़े थे लोग
आपको बता दें कि दुनिया में सबसे ज्यादा फेसबुक यूजर भारत में हैं जिनकी संख्या तकरीबन 30 करोड़ है. फेसबुक ने कहा है कि उसने अपनी जांच में पाया है कि पहले लोगों ने फेक अकाउंट्स बनाए और अलग-अलग ग्रुप्स से जुड़कर अपनी बातों (कंटेंट) को फैलाया और लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने का काम किया. फेसबुक ने कहा कि उन फेसबुक पन्नों पर लोकल न्यूज के साथ-साथ अपने विरोधी दल जैसे कि पीएम नरेंद्र मोदी के बीजेपी की आलोचना भी की जाती थी.

कांग्रेस की आईटी सेल से जुड़े थे लोग
फेसबुक के साइबर सिक्योरिटी पॉलिसी के प्रमुख नथानिएल ग्लीइकर ने इस बारे में बताते हुए कहा, “लोगों ने अपनी पहचान को छिपाकर यह काम करने का प्रयास किया था, लेकिन हमने अपनी जांच में पाया कि ऐसे फेसबुक पेज कांग्रेस की आईटी सेल के लोगों से जुड़े हुए थे.” इसके साथ ही उन्होंने आगे कहा कि इन अकाउंट्स को उनके द्वारा पोस्ट किए गए कंटेंट के आधार पर नहीं बल्कि उनके व्यवहार के चलते हटाया जा रहा है.

पाकिस्तान के 103 अकाउंट भी हटाए गए
सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी ने इसके साथ ही यह भी कहा कि उसने पाकिस्तानी सेना के जनसंपर्क विभाग से जुड़े 103 फेसबुक पेज, ग्रुप और अकाउंट को भी हटाने का फैसला लिया है. फेसबुक के मुताबिक इनका संचालन पाकिस्तान से ही होता था और ये पाकिस्तानी सेना के अंतर-सेवा जनसंपर्क विभाग के कर्मचारियों द्वारा चलाए जा रहे थे.

इस वजह से उठाया गया है यह कदम
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक भारत सरकार के साथ ही साथ दुनिया भर की कई अथॉरिटीज ने फेसबुक पर इस बात के लिए दबाव बनाया था कि वह यह सुनिश्चित करे कि उसके प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल राजनीतिक लाभ के लिए फर्जी जानकारियां फैलाने (खासकर आने वाले चुनावों के वक्त) के लिए नहीं किया जाएगा.

मैं देश की जनता के पैसों पर पंजा नहीं पड़ने दूंगा: चौकीदार नरेंद्र मोदी

  • मोदी ने दिल्ली के तालकटोरा मैदान से ‘मैं भी चौकीदार’ अभियान के तहत समर्थकों को संबोधित किया
  • पाक को छोड़ दो वह अपनी मौत मरेगा, हम आगे बढ़ने पर ध्यान दें
  • कांग्रेस पर तंज कसा- जनता के पैसों पर कोई पंजा नहीं पड़ने दूंगा
  • प्रधानमंत्री बोले- पिछले लोकसभा चुनाव से पहले आलोचकों ने मेरा ज्यादा प्रचार किया

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ‘मैं भी चौकीदार’ अभियान के तहत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेशेवर, कारोबारियों व चौकीदारों से बातचीत की. इस दौरान पीएम मोदी ने अपने चिरपरिचित अंदाज में भाषण की शुरुआत भारत माता की जय के नारे के साथ की. प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि मैं देश की जनता के पैसों पर पंजा नहीं पड़ने दूंगा. उन्होंने कहा कि एक चौकीदार के रूप में मैं अपनी जिम्मेदारी निभाऊंगा.

लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधा. पीएम ने कहा कि कुछ लोगों का विकास नहीं हो पाता है. यह विकास बौद्धिक स्तर पर रुक जाता है. उन्होंने कहा कि देश की जनता मुझे चौकीदार के रूप में पसंद करती है. जनता को राजा-महाराजा पसंद नहीं आते हैं. उन्होंने कहा कि चौकीदार न कोई व्यवस्था है, न कोई यूनिफॉर्म की पहचान है. उन्होंने कहा कि चौकीदार एक भावना है. यह भावना देश की जनता में लगातार बढ़ रही है.

उन्होंने कहा कि स्वच्छता का आंदोलन देश की जनता का आंदोलन हो गया है. सवा सौ करोड़ लोगों ने चौकीदारी की जिम्मेदारी निभाई. उन्होंने कहा कि चौकीदारी का सिद्धांत महात्मा गांधी ने देश को दिया था. यह गांधी का सिद्धांत है. 2014 में भाजपा ने मुझे दायित्व दिया उसके बाद मुझे देश के कोने-कोने में जाने की जरूरत पड़ी. तब मैंने देश के लोगों से कहा था कि आप मुझे जो दायित्व दे रहे हैं उसका मतलब है कि आप एक चौकीदार बैठा रहे हैं.

पीएम मोदी ने कहा कि राजनीतिक हितों से ऊपर उठकर, नफा-नुकसान को किनारे रखकर देश को सबसे ऊपर रखा. पीएम ने बालाकोट हमले के सवाल पर यह उत्तर दिया. उन्होंने कहा कि पूर्ण बहुमत की सरकार देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. दुनिया में भारत की आवाज सुनाई देने का सीधा अर्थ बहुमत की सरकार है. उन्होंने कहा कि बालाकोट पर कार्रवाई मैंने नहीं की, देश के जवानों ने की, हमारे सुरक्षा बलों ने की. 

पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया का कोई नेता जब मुझसे हाथ मिलाता है या गले मिलता है, तो उसे मोदी नहीं दिखता, पूर्ण बहुमत वाली सरकार के माध्यम से सवा सौ करोड़ देशवासी दिखते हैं. पीएम मोदी ने कहा कि मेरे लिए चुनाव नही देश प्राथमिकता है. उन्होंने आतंकवाद पर निशाना साधते हुए कहा कि हम आतंकियों को उन्हीं की भाषा में उनकी ही जमीन पर जवाब देंगे. उन्होंने कहा कि बहुमत की सरकार ही ऐसे कड़े फैसले ले सकती है.  

पीएम मोदी ने भ्रष्टाचार के सवाल पर कहा कि हमारी सरकार ने कई लोगों को जेल के दरवाजे तक पहुंचा दिया है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग जमानत पर चल रहे हैं, कुछ जमानत के लिए कोशिश में लगे हैं. उन्होंने कहा कि लुटेरों को देश की पाई-पाई चुकानी होगी. उन्होंने कहा कि कुछ लोग विदेश की अदालतों में कहते हैं कि भारत की जेलों की स्थिति अच्छी नहीं है. अब इनको कोई महल में थोड़ी रखेगा. अंग्रेजों ने गांधी जी को जिस जेल में रखा था, मैं उनको उससे अच्छी जेल नहीं दे सकता हूं. उन्होंने कहा कि 2019 के बाद कई और भ्रष्टाचारी जेल जाएंगे.

उन्होंने कहा कि अगर मोदी अपने राजनीतिक भविष्य का सोचता, तो वो मोदी नहीं होता. उन्होंने कहा कि अगर इसी राजनीतिक पैंतरेबाजी से देश चलाना होता, तो मोदी की देश को कोई जरूरत नहीं थी. उन्होंने कहा कि हमारा देश 6वीं आर्थिक ताकत बन गया है.

उन्होंने कहा कि मैंने देश में एक माहौल बनाया है और आगे भी बनाना है कि हमे दुनिया की बराबरी करनी है. हमने बहुत सारा समय भारत-पाकिस्तान करने में ही गुजार दिया. पाकिस्तान अपनी मौत मरेगा उसे छोड़ दो, हमे आगे बढ़ना है बस इसी पर हमारा ध्यान रहना चाहिए.

पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस के झूठ सीजनल होते हैं. सीजन के हिसाब से वो झूठ बोलते हैं, फिर मैदान में छोड़ते हैं और इनका ईको सिस्टम इसे उठाता है. उन्होंने कहा कि असहिष्णुता जैसे झूठ अब देश में नजर नहीं आते हैं. उन्होंने कहा कि उनके झूठ की उम्र भी ज्यादा नहीं, कुछ झूठ की तो ‘बालमौत’ हो जाती है, लेकिन फिर भी उसे खींचते रहते हैं. उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि एक तरफ झूठ की फैक्ट्री चली है, रोज नए-नए झूठ आ रहे हैं.

पीएम मोदी ने अप्रत्यक्ष रूप से राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि जो झूठ बोलता है तो उसके लिए पहली शर्त होती है कि उसकी मेमोरी पावर तेज होनी चाहिए. लेकिन वो एक दिन एक आंकड़ा बोले, अगले दिन दूसरा, उनकी झूठ की फैक्ट्री उन्हें पकड़ा देती है. मेमोरी पावर कम होने के कारण वो पकड़े जाते हैं.

उन्होंने कहा कि आजकल कुछ लोग चुनावी वादों की रेवड़ियां बांट रहे हैं. पहली बार वोट देने वालों से कहना चाहता हूं कि वादे करने वालों का ट्रैक रिकॉर्ड देखिए, उनके टेप रिकॉर्डर को मत सुनिए. उन्होंने कहा कि बीते 5 वर्ष देश की आवश्यकताओं को पूरा करने को मैंने प्राथमिकताएं दी. अगले 5 वर्ष में मेरा फोकस आकांक्षाओं को पूर्ण करने पर होगा. आने वाले दिनों में मेरा पहला काम होगा देश को लूटने वालों के प्रति और ज्यादा कड़क होना और देश को 5 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी के क्लब में ले जाना हैं.

पीएम मोदी ने कहा कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 500 से ज्यादा जगहों पर लाखों लोगों से संवाद करने का मौका मिला. इस दौरान उन्होंने वहां मौजूद लोगों के सवालों के भी जवाब दिए. 

पीएम मोदी ने मिशन शक्ति पर कहा किहमारे एक बुद्धिमान नेता कहते हैं कि इसे सीक्रेट रखना चाहिए था, सबके सामने नहीं लाना चाहिए था. मैं उन बुद्धिमान से कहना चाहता हूं कि कुछ सामान्य बुद्धि का प्रयोग कर लीजिए. जब अमेरिका, चीन और रूस ने इसे डंके की चोट पर किया तो हम गुपचुप क्यों करें.

चाको का बयान चाटुकारिता भरी मानसिकता दशता है: जवडेकर

जयपुर: केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने गांधी परिवार के बारे में कांग्रेस नेता पी सी चाको के कथित बयान की निंदा करते हुए इसे चाटुकारिता की संस्कृति का प्रतीक बताया है. जावड़ेकर ने कहा, ‘पीसी चाको ने गांधी परिवार को देश का ‘पहला परिवार’ बताया. यह कांग्रेस की मानसिकता और चाटुकारिता की संस्कृति है जो आपातकाल में देवकांत बरुआ के कथन से मिलती जुलती है, जो कहते थे कि इंदिरा भारत है, भारत इंदिरा है.’

जावड़ेकर ने कहा, ‘‘वही चाटुकारिता की संस्कृति कांग्रेस में जारी है. वहीं भाजपा के लिए, गरीब परिवार ही देश का पहला परिवार है, न कि कोई वंश. वंशवाद कांग्रेस की संस्कृति है.’ इस बीच, भाजपा की राज्य इकाई ने कांग्रेस सरकार के खिलाफ ‘जन आरोप पत्र’ जारी किया है. इसमें गहलोत सरकार पर जनता से किए गए वादे सौ दिन में भी पूरे नहीं करने का आरोप है.

पूर्व मंत्री राजेंद्र राठौड़ ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव से पहले जो वादे किए थे वे झूठ साबित हुए हैं. चाहे वह किसान कर्जमाफी का मामला हो या युवाओं को बेरोजगारी भत्ते का मामला हो. कांग्रेस सरकार ने किसी भी वादे को अपने 100 दिन के कार्यकाल में पूरा नहीं किया है.’

फिरोज खान पर महिला आयोग का संज्ञान हुआ केस दर्ज़

नेता जी(मुलायम सिंह) भाजपा को पुन: सत्ता में देखने के इच्छुक हैं, लेकिन उनकी पार्टी के लड़कों से गलती हो जाती है। समाजवादी पार्टी के लोग महिलाओं की कितनी इज्ज़त करते हैं यह तो उनके पूर्व प्रमुख और वर्तमान नेताओं के बयानों से स्पष्ट हो जाता है। समाजवादी पार्टी के संभल जिला अध्यक्ष फिरोज खान ने बीते गुरुवार को रामपुर से बीजेपी प्रत्याशी एवं प्रसिद्ध अभिनेत्री जया प्रदा पर अभद्र टिप्पणी की थी. महिला आयोग ने संज्ञान लिया था. अब जया ने इसका करारा जवाब दिया है.

संभल: समाजवादी पार्टी के संभल जिला अध्यक्ष फिरोज खान ने बीते गुरुवार को रामपुर से बीजेपी प्रत्याशी एवं प्रसिद्ध अभिनेत्री जया प्रदा पर अभद्र टिप्पणी की थी. महिला आयोग ने संज्ञान लिया था. अब जया ने इसका करारा जवाब दिया है. जया प्रदा ने कहा कि उन पर (फिरोज खान पर) पर केस लग गया है. समाजवादी पार्टी वालों के यही संस्कार हैं. फिरोज ने विवादित बयान देते हुए कहा था, “जया प्रदा के रामपुर आने पर यहां रातें रंगीन होने लगेंगी. मुझे डर है कि मेरे क्षेत्र के लोग यहां शामें रंगीन करने न आ जाएं. मुझे अपने इलाके का ध्यान रखना होगा.”

वह यहीं पर नहीं रुके. उन्होंने आगे कहा था, “रामपुर के लोग बहुत अच्छे हैं, सूझबूझ वाले हैं. आजम खां ने यहां बहुत काम कराए हैं. रामपुर के लोग समाजवादी पार्टी को वोट देंगे. लेकिन वे अब मजे लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. शाम होते ही वह कहेंगे कि मेरे पैरों में घुंघरू बंधा दो, फिर मेरी चाल देख लो.” 

फिरोज ने कहा था, “हम लोग पहले भी उनकी रातें यहां पर देख चुके हैं. लंबा समय हो चुका है उनको देखे हुए.” उन्होंने आगे कहा था, “मैं एक दिन बस से जा रहा था, उस दौरान उनका काफिला भी वहां से गुजर रहा था तो जाम लग गया. मैंने बस से उतरकर उन्हें देखने की कोशिश की. मुझे लगा कि कहीं जाम खुलवाने के लिए ठुमका ना लगा दें.”

सपा-बसपा गठबंधन ने पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां को रामपुर से प्रत्याशी बनाया है. वह पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ने मैदान में उतरे हैं. फिरोज खान उनके करीबी माने जाते हैं. 

बीजेपी ज्वॉइन करते ही जया को मिला टिकट
जया प्रदा ने 26 मार्च को बीजेपी ज्वॉइन की थी. बीजेपी ने उन्हें आनन-फानन में टिकट दे दिया. जया प्रदा ने 1994 से टीडीपी के साथ अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी. बाद में चंद्रबाबू नायडू से उनके मतभेद हो गए. फिर उन्होंने सपा का दामन थाम लिया लेकिन 2010 में उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधि चलाने के आरोप में बाहर का रास्ता दिखा दिया. वह समाजवादी पार्टी से रामपुर से दो बार सांसद बनीं. फिर उन्होंने आरएलडी की ओर से बिजनौर से 2014 में चुनाव लड़ा लेकिन हार का मुंह देखना पड़ा. 

कमल नाथ और सिंधिया के षड्यंत्र का शिकार हुए दिग्विजय: विजयवर्गीय

कैलाश विजयवर्गीय को जानने वालों की मानें तो कैलाश विजयवर्गीय सटीक बोलते हैं, निर्भीक वक्तव्य उनकी पहचान है और उनकी बात का कोई दूसरा मतलब नहीं होता। आज जब कैलाश विजयवर्गीय ने दिग्विजय को षड्यंत्र का शिकार बताया तो जानना सरल हो गया कि 2003 से 2018 तक अपने लिए पूरे मध्यप्रदेश में कोई सुरक्शित सीट नहीं मिली अत: वह राज्यसभा के रास्ते संसद भवन कि सीढ़ियाँ चढ़ते रहे। परन्तु कमाल नाथ और सिंधियाके द्वारा उन्हे विश्वास दिला दिया गया है कि लोग भाजपा से नाराज़ हैं जिनहोने कांग्रेस को विधान सभा में जीत दिलाई है तो अब लोक सभा में समीकरण और भी पक्ष में हैं। अत: दिग्विजय चुनावी रन में कूद पड़ें हैं। वैसे भी बिना चुनाव लड़े राजनीति में डेढ़ दशक तक सत्ता शीर्ष में रहना भी एक कला है जो दिग्विजय सिंह को ही आती है। अब उन्हे चुनाव लड़ने ही पड़ेगा।

भोपालः भाजपा की गढ़ कही जाने वाली भोपाल लोकसभा सीट पर दिग्विजय पर दाब लगाकर कांग्रेस ने सबको चौंका दिया है. वहीं भाजपा को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर वह कौन है जो दिग्विजय सिंह के खिलाफ चुनाव लड़कर भाजपा को जीत दिला सकता है. ऐसे में जहां पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर पहले ही दिग्विजय सिंह को चुनौती दे चुके हैं और भोपाल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं तो वहीं भाजपा के ही एक अन्य नेता ने दिग्गी राजा के खिलाफ चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की है. भाजपा के कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय ने पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ भोपाल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की है.

इंदौर में दहाड़ लागते हुए आज कैलाश विजयवर्गीय ने दिग्विजय के खिलाफ चुनाव लड़ने की मंशा जाहिर करके भाजपा की राह आसान कर दी है. बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने दिग्विजय सिंह को चुनौती देते हुए कहा कि ”पार्टी कहेगी तो भोपाल से लड़ने को तैयार हूं. दिग्विजय सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ने में मजा आएगा. बता दें इंदौर में कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय ने खुले शब्दों में कहा है कि मुझसे पूछा गया तो मैं भोपाल से लडूंगा और दिग्विजय के खिलाफ लड़ने में मजा आएगा.”

उन्होंने आगे कहा कि ”दिग्विजय तो भोपाल से चुनाव लड़ना ही नहीं चाहते थे, वह तो सुरक्षित सीट ढूंढ रहे थे, जो हमेशा दुसरों को फंसाता रहा, वह खुद कमलनाथ और सिंधिया के षड्यंत्र में फंस गया है. दिग्विजय को भोपाल से हराना ही है.” वहीं कमलनाथ के मंत्री जीतू पटवारी के चुनाव लड़ने पर भी कैलाश ने बोला हमला बोला है और कहा कि ”एमपी की सरकार जाने वाली है इसलिए उनके सरकार के मंत्री सासंद बनना चाहते हैं. सरकार जाने के बाद मंत्री पद तो रहेगा नहीं इसलिए सांसद बनना चाहते हैं” वहीं इंदौर से सुमित्रा महाजन का नाम होल्ड करने के सवाल पर कहा, 25 तक मध्यप्रदेश की सारी सीटें तय हो जाएगी.

भाजपा के गढ़ ‘भोपाल’ से चुनाव लड़ेंगे दिग्गी राजा

2018 के विधानसभा चुनावों के पश्चात हाशिये पर सिमट चुकी कांग्रेस ने सपा बसपा इत्यादि के साथ मिल कर मध्यप्रदेश में सरकार बनाई है। बसपा ने अपना समर्थन वापिस लेने की बात कर दी है, और भाजपा ने भी कह दिया है की लोकसभा चुनावों के पश्चात इस नव निर्मित सरकार कुछ ही दिनों की मेहमान होगी। परंतु अपनी पुरानी चुनावी जीत से अभिभूत और नए सिरे से आत्मविश्वास से लबरेज कमाल नाथ और दिग्विजय सिंह भाजपा को सीधे सीधे टक्कर देने की जुगत में हैं। 2003 के बाद से हार के दर से कोई भी चुनाव न लड़ कर राज्य सभा में सुरक्शित सीट पाने वाले दिग्विजय सिंह भी कमलनाथ के सहारे भाजपा का गढ़ काही जाने वाली भोपाल सीट से चुनाव के प्रत्याशी होंगे। सांड रहे कि भाजपा भोपाल लोकसभा सीट पिछले 30 सालों से जीतती आ रही है। अत: भाजपा को इस सीट पर बेखबर मानना एक भूल भी हो सकती है।

भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने शनिवार को यहां राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भोपाल संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ने की घोषणा की. कमलनाथ ने कहा कि केंद्रीय चुनाव समिति ने तय कर लिया है कि दिग्विजय सिंह भोपाल से चुनाव लड़ेंगे. इस नाम की मैं घोषणा कर सकता हूं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह को इंदौर, जबलपुर अथवा भोपाल से चुनाव लड़ने के लिए कहा गया था. अंत में तय हुआ है कि दिग्विजय सिंह भोपाल से चुनाव लड़ेंगे. कमलनाथ ने पिछले दिनों कहा था कि दिग्विजय सिंह को कठिन सीट से चुनाव लड़ना चाहिए, लिहाजा कमलनाथ द्वारा कही गई बात पर केंद्रीय चुनाव समिति ने भी मुहर लगा दी है. भोपाल वह संसदीय क्षेत्र है, जहां लंबे अरसे से कांग्रेस को जीत नहीं मिली है.

कमलनाथ बोले- इस फैसले मैं बहुत खुश
कमलनाथ से जब पूछा गया कि भोपाल से चुनाव लड़ाए जाने के फैसले से दिग्विजय सिंह खुश हैं या नहीं? कमलनाथ ने कहा, “यह तो उन्हीं से पूछिए, मगर मैं तो खुश हूं.” दिग्विजय ने राज्य विधानसभा का अंतिम चुनाव 2003 में लड़ा था. उस चुनाव में कांग्रेस को मिली हार के बाद उन्होंने 10 साल तक कोई चुनाव न लड़ने का ऐलान किया था. इसी के चलते उन्होंने अब तक कोई चुनाव नहीं लड़ा है. दिग्विजय वर्तमान में राज्यसभा सदस्य हैं. कांग्रेस की डेढ़ दशक बाद राज्य में सत्ता वापसी हुई है और अब दिग्विजय सिंह भी चुनाव लड़ने को तैयार हैं.

1989 के बाद सभी चुनावाें में बीजेपी जीती
भोपाल संसदीय क्षेत्र के अब तक के चुनाव परिणामों पर नजर डालने पर पता चलता है कि यह सीट भाजपा का गढ़ बन चुकी है. भोपाल में वर्ष 1989 के बाद से हुए सभी आठ चुनावों में भाजपा उम्मीदवारों को जीत मिली है. यहां से सुशील चंद्र वर्मा, उमा भारती, पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी और आलोक संजर चुने जा चुके हैं. वहीं इस संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के छह सांसद चुने गए हैं, जिनमें पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा प्रमुख रहे हैं. इसी तरह वर्ष 1967 में जनसंघ और वर्ष 1977 के चुनाव में लोकदल से आरिफ बेग यहां से निर्वाचित हुए थे.

राज्य में लोकसभा की 29 सीटें हैं, जिनमें से 26 पर भाजपा का कब्जा है. तीन सीटें कांग्रेस के पास हैं. छिंदवाड़ा से कमलनाथ, गुना से ज्योतिरादित्य सिंधिया और रतलाम से कांतिलाल भूरिया कांग्रेस के सांसद हैं.

आसानी से नहीं खोना चाहेगी बीजेपी इस सीट को
इस सीट पर लंबे समय से बीजेपी का कब्‍जा रहा है. ऐसे में वह इस सीट को कांग्रेस के पास नहीं जाने देगी. लेकिन उसे ये भी ध्‍यान रखना होगा कि सामने दिग्‍व‍िजय सि‍ंह हैं. ऐसे में उसे भी अपना हेवीवेट उम्‍मीदवार ही मैदान में उतारना होगा.

कमल नाथ के टिकट आबंटन से पहले हिमाद्रि सिंह ने थामा ‘कमल’

कमल नाथ की नीतियों और उनके शब्दों ने हिमाद्रि सिंह को इतना आहात किया कि वह भाजप कि होलीं

भोपाल:

 मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2019) के टिकट के लिए दावेदारों का जो पैनल तैयार किया है, उसमें सबसे चौंकाने वाला नाम शहडोल लोकसभा क्षेत्र से हिमाद्री सिंह का है. यही नाम कांग्रेस के गलियारों में भी तेजी से चल रहा था, इसकी वजह हिमाद्री सिंह का पूर्व केंद्रीय मंत्री दलबीर सिंह की बेटी होना.

हिमाद्रि 2016 में हुए शहडोल संसदीय सीट के उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रही हैं, लेकिन बदले हुए राजनीतिक समीकरणों ने हिमाद्री को बीजेपी ज्वाइन करने पर मजबूर कर दिया. इसकी वजह प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ का वो बयान था जिसमें उन्होंने हिमाद्री को तभी टिकट देने की बात कही थी, जब वो पति नरेंद्र मरावी को बीजेपी से कांग्रेस में शामिल करवाएं. ऐसा हो पाता इसके पहले ही बीजेपी नेता नरेंद्र मरावी ने हिमाद्री को बीजेपी की सदस्यता दिलवा दी. बीजेपी प्रदेश कार्यालय में पार्टी अध्यक्ष राकेश सिंह ने कांग्रेस नेत्री को बीजेपी की सदस्यता दिलवाई.

पति के लिए प्रचार किया तो बढ़ी परेशानी
इसके पहले उनके पति नरेंद्र मरावी बतौर बीजेपी प्रत्याशी शहडोल लोकसभा का ही चुनाव लड़ चुके हैं. मरावी ने 2009 में हिमाद्रि की मां राजेश नंदिनी के खिलाफ चुनाव लड़ा और वे 13,415 मतों से हार गए. मरावी पुष्पराजगढ़ से विधानसभा चुनाव भी लड़े थे, लेकिन हार गए. इसी चुनाव में हिमाद्री पर बीजेपी का प्रचार करने का आरोप लगा और कांग्रेस ने इस बार टिकट देने से पहले उनके सामने पति को कांग्रेस ज्वाइन करवाने की शर्त रखी थी. लेकिन कांग्रेस की मुहिम को झटका देते हुए हिमाद्री पति के साथ बीजेपी दफ्तर पहुंच गईं.

ऐसे रहे सियासी समीकरण
2016 में हिमाद्रि शहडोल सीट से कांग्रेस की उम्मीदवार रह चुकी हैं. उपचुनाव से पहले हिमाद्री को बीजेपी की ओर से कई बार पार्टी में शामिल कराने की कोशिश की गई लेकिन वे कांग्रेस के साथ ही आगे बढ़ती रहीं. सिर्फ इतना ही नहीं हिमाद्री ने बीजेपी के उम्मीदवार रहे ज्ञान सिंह को तगड़ी टक्कर दी, इसके बावजूद बीजेपी जीत गई. अब पार्टी फिर हिमाद्रि को टिकिट देने का मन बना चुकी है. हिमाद्री ने 2014 में जीत के अंतर को 2.41 लाख से घटाकर 59 हजार तक पहुंचा दिया.

48 घंटों में राम जन्मभूमि फिल्म को बैन करें: आल इंडिया उलेमा बोर्ड


उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सैय्यद वसीम रिजवी द्वारा निर्मित यह फिल्म 29 मार्च को समूचे देश में रिलीज होने वाली है. 

भोपाल: ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड की मध्यप्रदेश इकाई ने फिल्म ‘राम जन्मभूमि’ पर मंगलवार को दो फतवे जारी करने के साथ-साथ केन्द्र एवं मध्य प्रदेश सरकार से मंगलवार को मांग की कि वे इस फिल्म पर रोक लगाएं. एक फतवा इस फिल्म की मुस्लिम अभिनेत्री नाज़नीन पाटनी के खिलाफ जारी कर उसे सलाह दी है कि वह अपने ईमान को तजदीद करे, जबकि दूसरे फतवे में देश के मुस्लिम समुदाय से अपील की गई है कि वह इस फिल्म को देखने से गुरेज़ करें. ये दोनों फतवे मंगलवार को आल इंडिया उलेमा बोर्ड के मध्यप्रदेश अध्यक्ष एवं क़ाज़ी सय्यद अनस अली नदवी ने जारी किये.

29 मार्च को रिलीज हो रही है फिल्म
उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सैय्यद वसीम रिजवी द्वारा निर्मित यह फिल्म 29 मार्च को समूचे देश में रिलीज होने वाली है. आल इंडिया उलेमा बोर्ड, मध्य प्रदेश के उपाध्यक्ष नूर उल्लाह यूसुफ ज़ई ने  संवाददाताओं को बताया, ‘‘फिल्म ‘राम जन्मभूमि’ न सिर्फ विवादित है, बल्कि दो समुदायों के बीच नफरत पैदा करने वाली है. इस फिल्म में शरीयत के साथ खिलवाड़ किया गया है. इस्लाम के दो अहम और संजीदा मुद्दों को विवादित करने की कोशिश की गई है.’’ 

तीन तलाक को किया गलत तरीके से पेश- बोर्ड
उन्होंने कहा, ‘‘इस फिल्म में तीन तलाक को गलत तरह से पेश किया गया है. इसके अलावा, इसमें बताया गया है कि एक ससुर बहू के साथ हलाला करता है. यह पूरे तौर पर गलत है. पूरी दुनिया में इसकी मिसाल नहीं मिलती. इसने मुस्लिम समुदाय के जज्बात को बुरी तरह आहत किया है.’’ 

शरीयत के साथ खिलवाड़- उलेमा बोर्ड
ज़ई ने बताया, ‘‘बोर्ड यह कतई बर्दाश्त नहीं करेगा कि शरीयत से कोई खिलवाड़ करे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम मध्य प्रदेश सरकार एवं केन्द्र सरकार से मांग करते हैं कि फिल्म ‘राम जन्मभूमि’ के प्रदर्शन पर 48 घंटे के अंदर रोक लगाई जाए.’’ उन्होंने कहा कि यदि 48 घंटे के अंदर इस फिल्म के रिलीज पर रोक नहीं लगाई गई, तो हम अदालत का दरवाजा खटखटांगे.