समृति ईरानी ने अमेठी में किया रोड शो और योगी की उपस्थिती में भरा नामांकन

मोदी के पुन: प्रधानमंत्री बनाने पर एक नेता ने राजनैतिक सन्यास लेने की बात कही है।

अमेठी: केन्द्रीय मंत्री एवं अमेठी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी स्मृति ईरानी ने गुरुवार को कांग्रेस पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी गर्भवती महिलाओं और गरीब बच्चों की योजनाओं का पैसा लूटकर जेबें भरती है. ईरानी ने अपना नामांकन दाखिल करने से पहले यहां पूजा अर्चना की. उसके बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबियों के यहां आयकर छापों का जिक्र करते हुए संवाददाताओं से कहा, ‘मध्य प्रदेश में वो कौन से सज्जन हैं, जिसने तुगलक रोड में रहने वाले किस सज्जन तक उनका पैसा पहुंचाया. 

कमलनाथ के करीबियों का किया जिक्र
उन्होंने कहा, ‘ये कैसी राजनीति है कांग्रेस पार्टी की, जो गर्भवती महिलाओं की योजना से पैसा लूटकर अपनी जेबें भरने का काम करती है. जो गरीब बच्चों की योजना का पैसा लूटकर अपने पार्टी कार्यालय तक पहुंचाती है.’ ईरानी ने कहा कि कमलनाथ के सहायक के घर से जो 280 करोड़ रुपये का ब्यौरा मिला है, जो नकदी मिली है और जानवरों की खाल मिली है, उसके संदर्भ में राहुल गांधी की चुप्पी अपने आप में उनकी हकीकत बताती है.

राहुल पर किया कटाक्ष 
रोडशो शुरू करने से पहले उन्होंने कहा कि मैं इतना ही कहना चाहूंगी कि बीजेपी संगठन और कार्यकर्ता का संस्कार मात्र एक है कि कार्यकर्ता चाहे किसी वर्ग, परिवार या समुदाय का हो, हम सब एक राष्ट्र, एक ध्वज और एक संविधान के अंतर्गत राष्ट्र निर्माण में समर्पित रहते हैं. ईरानी ने एक बार फिर परोक्ष रूप से राहुल पर कटाक्ष किया कि अगर किसी को यह लगता है कि राष्ट्र की जनता और कार्यकर्ता उनका अपना परिवार नहीं हैं तो ये उनकी मानसिकता दर्शाती है.

फिर प्रधान सेवक बनेंगे PM मोदी
उन्होंने कहा कि ऐसा विश्वास करती हूं कि एक बार फिर प्रधान सेवक की जिम्मेदारी उन्हें (पीएम मोदी को) प्राप्त होगी. केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि भाजपा ने बार बार कहा है कि राष्ट्र पहले, पार्टी बाद में है.  

मनाया जा रहा है लोकतंत्र का उत्सव 
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश के साथ-साथ पूरे देश में लोकतंत्र का उत्सव मनाया जा रहा है. मेरा सभी नागरिकों और वोटरों से आग्रह है कि वे अपना वोट दें. मतदान का दिन है. अपना बहुमूल्य वोट और आशीर्वाद दें.’ ईरानी उन्होंने कहा कि पांच साल पहले नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी बने और पांच साल उन्होंने प्रधान सेवक बनकर देश की सेवा की. हम आशावादी हैं कि जितना प्रेम और सम्मान नरेन्द्र भाई मोदी को मिला, उसके लिए कार्यकर्ता के नाते हम आभार व्यक्त करते हैं.

गुजरात में लोकसभा चुनावों से ठीक पहले कांग्रेस को दोहरा झटका

एक ही दिन में कांग्रेस को गुजरात से दूसरा झटका लगा है। आज पहले तो अलपेश ठकोर ने कांग्रेस से इस्तीफा दिया तट पश्चात ठकोर समुदाय के ही 2 विधायकों ने कांग्रेस का हाथ झटक दिया, पिछले 3 माह में कांग्रेस का हाथ झटकने वाले विधायकों कि संख्या अब 8 हो गयी है। कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि यह तीनों भी भाजपा का कमल थामेंगे।

अहमदाबाद: लोकसभा चुनाव 2019 से पहले कांग्रेस को बहुत बड़ा झटका गुजरात से लगा है. पार्टी के विधायक लगातार उसका साथ छोड़ रहे हैं. इसी कड़ी में अल्पेश ठाकोर ने भी इस्तीफा दे दिया है. अल्पेश ठाकोर के साथ ठाकोर समुदाय के दो अन्य विधायकों ने भी कांग्रेस से नाता तोड़ लिया है. ये विधायक हैं: धवल सिंह ठाकोर और विधायक भरत जी ठाकोर. तीनों ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है. 

पिछले महीने इन्हीं तीनों विधायकों ने मुख्यमंत्री विजय रूपाणी से भेंटकर हलचल बढ़ा दी थी. हालांकि अल्पेश ने इसे केवल औपचारिक भेंट बताया था. बाद में वह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से भी मिले थी और सब कुछ ठीक होने का दावा किया था. तीनों के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही हैं. 

पाटन लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना थे अल्पेश
अल्पेश ठाकोर पाटन लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे. पार्टी ने उनकी बात नहीं मानी. कांग्रेस ने उनके बजाय पूर्व सांसद जगदीश ठाकोर को टिकट दे दिया. इसी बीच, एक अन्य घटनाक्रम में असंतोष को और बढ़ाया. साबरकांठा लोकसभा सीट से ठाकोर सेना ने संगठन के एक सदस्य को टिकट देने की मांग की, कांग्रेस की लेकिन उसे भी नजरअंदाज कर दिया. इसके बाद ठाकोर सेना ने कांग्रेस से ही किनारा करने का मन बना लिया. 

पिछले 24 घंटे में बदले हालात 
गुजरात क्षत्रीय ठाकोर सेना ने अल्पेश को कांग्रेस से इस्तीफा देने और 24 घंटे के भीतर अपना रूख स्पष्ट करने को कहा था. ठाकोर सेना की कोर कमेटी की बैठक मंगलवार को हुई जिसमें यह निर्णय लिया गया था. ठाकोर सेना ने साफ अल्टीमेटम देते हुए अगर वह हमारे साथ रहना चाहते हैं तो उन्हें पार्टी और विधायक पद से इस्तीफा देना होगा. गुजरात में एक प्रमुख ओबीसी नेता के रूप में उभरने के बाद वह 2017 विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हुये और पाटन जिले में राधानपुर सीट से चुनाव जीते थे. ओबीसी नेता ने दावा किया उनका समुदाय और समर्थक ‘ठगा’ हुआ और ‘उपेक्षित’ महसूस कर रहे हैं.

पिछले तीन माह में 8 विधायकों ने छोड़ी पार्टी
गुजरात में पिछले तीन माह में 8 विधायक कांग्रेस का दामन छोड़ चुके हैं. फरवरी में उंझा से पहली बार विधायक बनीं आशा पटेल ने सदन और कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा देकर सत्तारूढ़ पार्टी में शामिल हो गई थीं. वरिष्ठ नेता जवाहर चावड़ा गुजरात विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हो गए थे. जामनगर (ग्रामीण) से विधायक वल्लभ धारविया, ध्रांगध्रा-हलवद सीट से विधायक पुरुषोत्तम साबरिया भी कांग्रेस का साथ छोड़ चुके हैं. 

अलपेश ठकोर ने कांग्रेस से दिया इस्तीफा

पाटन जिले में राधानपुर से विधायक, मोदी के कट्टर विरोधी होने के चलते कांग्रेस के प्रिय अलपेश ठकोर ने आज अपनी मांगें न मानी जाने के कारण कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया

अहमदाबाद:

लोकसभा चुनाव 2019 के पहले चरण से पहले कांग्रेस को एक और झटका लगा है. अल्पेश ठाकोर ने इस्तीफा दे दिया है. बताया जाता है कि वह पाटन लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन कांग्रेस ने उनके बजाय पूर्व सांसद जगदीश ठाकोर को तवज्जो दी. पार्टी ने साबरकांठा लोकसभा सीट से संगठन के एक सदस्य को टिकट देने की ठाकोर सेना की मांग को भी नजरअंदाज कर दिया. गुजरात क्षत्रीय ठाकोर सेना ने उनके कांग्रेस छोड़ने को कहा था. 

गुजरात क्षत्रीय ठाकोर सेना ने दिया था अल्टीमेटम
अल्पेश ठाकोर द्वारा गठित एक संगठन गुजरात क्षत्रीय ठाकोर सेना ने विधायक से पार्टी से इस्तीफा देने और 24 घंटे के भीतर अपना रूख स्पष्ट करने को कहा था. ठाकोर स्थानीय पार्टी नेतृत्व से नाखुश थे. मंगलवार देर रात तक ठाकोर सेना की कोर समिति की बैठक हुई जिसमें ठाकोर सेना ने कांग्रेस से नाता तोड़ने का प्रस्ताव पारित किया. इतना ही नहीं कोर कमेटी ने अल्टीमेटम देते हुए कहा था अगर अल्पेश अभी भी कांग्रेस में रहना चाहते हैं तो उन्हें ठाकोर सेना छोड़नी होगी.” अल्पेश ने अपनी कोर कमेटी की सलाह पर कांग्रेस से नाता तोड़ लिया है. 

गुजरात में एक प्रमुख ओबीसी नेता के रूप में उभरने के बाद वह 2017 विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हुए और पाटन जिले में राधानपुर सीट से चुनाव जीते थे. ओबीसी नेता ने दावा किया उनका समुदाय और समर्थक ‘ठगा’ हुआ और ‘उपेक्षित’ महसूस कर रहे हैं.

मुलायम अपने पापों की सज़ा भुगत रहे हैं: वरुण गांधी

पीलीभीत में एक चुनावी सभा में वरुण गांधी ने कहा, भले लोकसभा चुनाव 2019 को  देखते हुए सपा बसपा गंठबंधन पर हमला बोलते हुए कहा कि भले ही यह लोग एक हो गए हों. लेकिन नीचे के लोग नाराज हैं.
मुलायम ने रामभक्‍तों पर गोली चलवाकर पाप किया, इस‍लिए उनके बेटे ने धक्‍के मारकर बाहर निकाला

प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करते हुए वरुण ने कहा की आज तक किसी भी प्रधान मंत्री ने भारत को वह यश नहीं दिलाया जो मोदी के शासन काल में मिला।
“वाजपेयी जी एक सामान्य परिवार से थे, लेकिन कभी गरीबी को खारिज करते हुए नहीं देखा था। मोदी जी एक आर्थिक रूप से कमजोर परिवार से हैं। उनके गरीबी उन्मूलन के प्रयासों को किसी भी प्रकार के संदेह से नहीं देखा जा सकता,” पीलीभीत में वरुण

पीलीभीत: यूपी में सुल्तानपुर के सांसद और लोकसभा चुनाव 2019 में पीलीभीत से बीजेपी के लोकसभा प्रत्याशी वरुण गांधी ने समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो रहेमुलायम सिंह पर जुबानी हमला बोला है. मुलायम सिंह इस बार भी मैनपुरी से चुनाव लड़ रहे हैं. उन पर निशाना साधते हुए वरुण गांधी ने कहा, मुलायम सिंह यादव ने राम भक्तों पर गोली चलाकर पाप किया जिसका नतीजा यह निकला कि अंत मे उनके ही बेटे ने धक्के मारकर रोड पर निकाल दिया.

पीलीभीत में मायावती के लिए वरुण गांधी ने कहा कि मायावती ने पूरे जिन्दगी टिकट बेचे हैं. वरुण गांधी ने अपने व अपनी मां मेनका गांधी के टिकट मिलने पर कहा कि बीजेपी ने पूरे देश में केवल एक परिवार को ही दो टिकट दिए हैं. जबकि मांगने वाले 10 से 20 परिवार थे किसी को नही दिया.

सपा बसपा गंठबंधन पर हमला बोलते हुए कहा कि भले ही यह लोग एक हो गए हों. लेकिन नीचे के लोग नाराज हैं. यूपी में महागठबंधन के सवाल पर वरुण गांधी ने कहा, यह कौन से खेत की मूली है.

वरूण गांधी ने यह बयान पीलीभीत के रम्पूरा फकीरे गांव में एक जनसभा के दौरान दिया. वरुण गांधी पीलीभीत से बीजेपी के लोकसभा प्रत्‍याशी हैं. वरुण इस समय सुल्तानपुर से सांसद हैं जबकि उनकी मां मेनका गांधी पीलीभीत से सांसद हैं. इस बार बीजेपी दोनो मां बेटे के टिकट बदल दिए हैं. वरूण गांधी को पीलीभीत से टिकट दिया गया है, जबकि मेनका गांधी को सुल्तानपुर से टिकट दिया है. टिकट मिलने के बाद वरूण गांधी पीलीभीत में एक दिन में दो दर्जन से ज्यादा सभाए कर रहे हैं.

वरुण गांधी 2009 में भी पीलीभीत से चुनाव जीत चुके हैं. हालांकि उस समय वह अपनी विवादित ट‍िप्‍पण‍ियों के कारण चर्चा में आए थे. इसके बाद वह 2014 में अपने पिता की परंपरागत सीट सुल्‍तानपुर आ गए. लेकि‍न इस बार उनकी सीट बदल दी गई

‘चौकीदार चोर है’ लेकिन माल कमल नाथ के करीबियों से

‘चौकीदार चोर है’ का नारा देने वाली कांग्रेस के मध्यप्रदेश से मुख्यमंत्री के निजी अधिकारियों ओएसडी जिसकी नियुक्ति स्वयं कमल नाथ ने की थी के घर से आयकर विभाग के छापे के दौरान 9 करोड़ रूपये मिलने की सूचना है ज्ञातव्य है की सरकार बने अभी 100 दिन भी नहीं हुये। अब तक नोटों की गिनती जारी है । ख़बर लिखे जाने तक मिली हुई रकम 16 करोड़ हो चुकी थी। कमल नाथ के करिबियों के 50 ठिकानों पर आईटी की रेड पड़ रही है।नोएडा में कमल नाथ के भांजे की कंपनी मोसर बीयर के यहाँ भी प्रोविडेंट फ़ंड के घोटाले के चलते रेड की है। अटकलें हैं की पूरी रकम करीब 290 करोड़ के आसपास है

मध्‍य प्रदेश की राजधानी भोपाल में सीएम कमलनाथ के ओएसडी प्रवीण कक्‍कड़ के घर पर आईटी रेड के बाद वही हालात बन रहे हैं जो कुछ समय पहले बंगाल में बने थे. कक्‍कड़ के साथी अश्‍विन शर्मा के घर के बाहर मप्र पुलिस और सीआरपीएफ के जवान आमने सामने हैं.

भोपाल: मध्‍य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आईटी रेड के बाद अब सियासत गर्म होने लगी है. यहां पर भी कमोबेश वही हालात बन रहे हैं, जो एक महीने पहले पश्चिम बंगाल में बने थे. तब सीबीआई और स्‍थानीय पुलिस आमने सामने थी. अब मप्र की राजधानी भोपाल में सीआरपीएफ और मप्र की पुलिस आमने सामने है. रविवार को मध्‍यप्रदेश के भोपाल इंदौर सहित कुछ स्‍थानों पर आयकर का छापा पड़ा था. इसमें कमलनाथ के ओएसडी के आवास से 9 करोड़ रुपए की बरामदगी हुई थी. आयकर विभाग ने इस छापेमारी में सीआरपीएफ की मदद ली है.

पहले कांग्रेस की ओर से आरोप लगाया गया कि ये कार्रवाई बदले की भावना से की गई. इसके बाद भोपाल में उस समय विवाद की स्‍थ‍िति बन गई, जब सीआरपीएफ और पुलिस के जवान भोपाल में अश्‍व‍िन शर्मा के आवास पर आमने सामने आ गए. अश्‍वि‍न शर्मा, मध्‍यप्रदेश के सीएम कमलनाथ के ओएसडी प्रवीण कक्‍कड़ के सहयोगी हैं. सीआरपीएफ का कहना है कि मप्र पुलिस के जवान उसे काम नहीं करने दे रहे हैं. वहीं पुलिस की दलील है कि जिस जगह छापेमारी हो रही है, वहां से सीआरपीएफ ने सुबह से ही किसी को बाहर नहीं निकलने दिया है. हम उन्‍हीं हालात को देखने आए हैं. हमारा छापेमारी की घटना से कोई लेना देना नहीं है. सीआरपीएफ का कहना है कि मध्‍य प्रदेश पुलिस उन्‍हें काम नहीं करने दे रही.

9 करोड़ की रकम बरामद हुई थी
आयकर विभाग ने आयकर चोरी के आरोप में रविवार तड़के मध्‍यप्रदेश के सीएम कमलनाथ से जुड़े लोगों के दिल्ली और मध्य प्रदेश स्थित 50 ठिकानों पर छापेमारी की. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के निजी सचिव के घर से आयकर विभाग के छापे में 9 करोड़ की रकम बरामद हुई.

पुलिस ने दी अपनी दलील
इस छापेमारी में आयकर विभाग ने पुलिस की बजाय सीआरपीएफ का सहयोग लिया. कक्‍कड़ का सहयोगी अश्‍वि‍न शर्मा भोपाल के प्‍लेट‍िनम प्‍लाजा में रहता है. उसे सीआरपीएफ ने अपने कब्‍जे में ले रखा है. पुलिस का दावा है कि अश्‍विन शर्मा जिस रेसीडेंसियल बिल्‍ड‍िंग में रहते हैं, वहां पर दूसरे परिवार भी रहते हैं. सीआरपीएफ अपनी कार्यवाही के चलते दूसरे लोगों को बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा है. इस कारण हमें इस मामले में दखल देना पड़ा है. वहीं सीआरपीएफ का कहना है कि इस बिल्‍डि‍ंग में आने जाने के दूसरे रास्‍ते भी हैं.

अश्‍वि‍न शर्मा को आयकर विभाग की टीम साथ ले जाना चाहती है
अश्‍वि‍न शर्मा सीएम कमलनाथ के ओएसडी प्रवीण कक्‍कड़ का सहयोगी है. इसे आयकर टीम पूछताछ के लिए अपने साथ ले जाना चाहती है. इसके घर से भी आयकर विभाग को बड़ी मात्रा में कैश और ट्रांसफर के कागजात मिले हैं. सीआरपीएफ के अधिकारी प्रदीप कुमार का कहना है कि मप्र पुलिस हमारे काम में रुकावट डाल रही है. इतना ही नहीं पुलिस के जवान हमें गालियां भी दे रहे हैं. हम सिर्फ अपने अधिकारियों के ऑर्डर फॉलो कर रहे हैं.

पार्टी को प्रत्याशी घोषित करने में इतना समय नहीं लगाना चाहिए: सुमित्रा महाजन

नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha elections 2019) में इंदौर से बीजेपी सांसद और लोकसभा की स्पीकर सुमित्रा महाजन ने चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया है. सुमित्रा महाजन ने चिट्ठी लिखकर चुनाव नहीं लड़ने के लिए कहा है. हालांकि अपनी चिट्ठी में सुमित्रा महाजन ने इस फैसले को लेने के लिए भी पार्टी को जिम्मेदार ठहराया है. सुमित्रा महाजन का कहना है कि पार्टी इंदौर लोकसभा सीट पर प्रत्याशी के ऐलान में इतनी देरी क्यों कर रही है? इंदौर में लोकसभा चुनाव के लिए 19 मई को मतदान होना है. 

बता दें कि 2 अप्रैल को मीडिया से बात करते हुए सुमित्रा महाजन ने कहा था कि उन्होंने अपने तीन दशक लम्बे संसदीय जीवन में आज तक अपनी पार्टी से मांग नहीं की है कि उन्हें चुनावी प्रत्याशी बनाया जाये. लगातार आठ दफा लोकसभा में इंदौर की नुमाइंदगी करने वाली वरिष्ठ बीजेपी नेता ने यह भी कहा कि अगर इस बार उनकी उम्मीदवारी के विकल्पों पर चर्चा की जा रही है, तो यह “स्वाभाविक प्रक्रिया” होने के साथ खुद उनके लिये “गौरव” की बात है क्योंकि इससे पता चलता है कि बीजेपी में योग्य नेताओं की कमी नहीं है.

“ताई” (मराठी में बड़ी बहन का सम्बोधन) के नाम से मशहूर नेता ने यह बात ऐसे वक्त कही है, जब इंदौर सीट से बीजेपी उम्मीदवार की घोषणा में देरी के चलते अटकलों के सियासी गलियारों में यह सवाल जोर पकड़ रहा है कि क्या लालकृष्ण आडवाणी (91) और मुरलीमनोहर जोशी (85) सरीखे वरिष्ठतम बीजेपी नेताओं की तरह महाजन को भी इस बार चुनावी समर से विश्राम दिया जायेगा? 

इसी महीने की 12 तारीख को उम्र के 76 साल पूरे करने जा रहीं महाजन ने यहां पत्रकारों से कहा, “सबसे पहली बात तो यह है कि जब मैंने वर्ष 1989 में इंदौर से अपना पहला लोकसभा चुनाव लड़ा था, तब भी मैंने पार्टी से टिकट नहीं मांगा था. पार्टी ने मुझे खुद टिकट दिया था. मैंने अपनी पार्टी से आज तक टिकट नहीं मांगा है.” 

इंदौर से बीजेपी उम्मीदवार की घोषणा में देरी के सबब को लेकर किये गये सवाल पर उन्होंने कहा, “इस प्रश्न का उत्तर तो बीजेपी संगठन ही दे सकता है. हो सकता है कि उनके (बीजेपी संगठन के नेताओं के) मन में कुछ बात हो. इस बारे में जब तक बीजेपी संगठन कुछ नहीं बोलेगा, मैं भी कुछ नहीं कह सकती.” 

उन्होंने कहा, “मैंने बीजेपी संगठन के किसी भी नेता से बात नहीं की है कि इंदौर से पार्टी के उम्मीदवार की घोषणा क्यों रोकी गयी है? हमारी पार्टी में इस तरह के सवाल नहीं किये जाते, क्योंकि उम्मीदवार तय करना हमारे संगठन का काम है. इंदौर से उम्मीदवार चयन के मामले में बीजेपी संगठन उचित समय पर उचित निर्णय करेगा.” 

इंदौर सीट के उम्मीदवार के तौर पर उनके विकल्प के रूप में बीजेपी के कुछ स्थानीय नेताओं के नाम सामने आये हैं. इस बारे में महाजन ने कहा, “यह (विकल्पों पर चर्चा) अच्छी बात है और स्वाभाविक प्रक्रिया भी है. (पार्टी में) बहुत सारे विकल्प होने चाहिये. इसी से पार्टी मजबूत मानी जाती है और यह भी पता चलता है कि पार्टी में इतने योग्य कार्यकर्ता हैं कि इनमें से किसी को भी टिकट दे दिया जाये, तो वह चुनाव जीत जायेगा.” 

उन्होंने कहा, “अगर इंदौर में मेरे विकल्पों की चर्चा की जा रही है, तो यह मेरे लिये गौरव की बात है क्योंकि मैं भी पार्टी की एक घटक हूं.” 

बहरहाल, अपना टिकट कटने की अटकलों से बेपरवाह महाजन ने स्थानीय बीजेपी कार्यकर्ताओं की मार्गदर्शक के तौर पर चुनावी मैदान पकड़ लिया है. वह लोकसभा चुनावों की तैयारियों के मद्देनजर बीजेपी के अभियान के तहत शहर भर में पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठकें ले रही हैं. 

वर्ष 1982 में इंदौर नगर निगम के चुनावों में पार्षद पद की उम्मीदवारी से अपने चुनावी करियर की कामयाब शुरूआत करने वाली बीजेपी नेता ने कहा, “चुनाव एक व्यक्ति नहीं, बल्कि पूरी पार्टी लड़ती है. व्यक्ति (उम्मीदवार) तो सहायक की भूमिका में रहता है. अभी हमारे मन में एक ही लक्ष्य है कि लोकसभा चुनाव जीतकर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक बार फिर बहुमत वाली सरकार बनानी है.” 

महाजन के अलावा, इंदौर लोकसभा सीट से बीजेपी के चुनावी टिकट के दावेदारों के रूप में शहर की महापौर तथा पार्टी की स्थानीय विधायक मालिनी लक्ष्मणसिंह गौड़, बीजेपी की अन्य विधायक ऊषा ठाकुर, बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, पूर्व विधायक भंवरसिंह शेखावत और इंदौर विकास प्राधिकरण के पूर्व चेयरमैन शंकर लालवानी के नाम चर्चा में हैं. 

मोदी द्वारा पुराना बयान याद दिलाये जाने पर भड़के इमरान मसूद

चित भी मेरी पट भी मेरी, इमरान मसूद ने 2014 में जो ब्यान दिया था वह गलत था, तत्कालीन सरकार ने उस पर कोई कारवाई नहीं की थी क्योंकि ‘लड़कों में दोस्ती थी’। आज जब प्रधान मंत्री ने वही ब्यान याद दिलाया तो ‘प्रधान मंत्री की बौखलाहट है’। मसूद भाई आप कहें तो चौकीदार चोर और यदि आपके विरोधी आपको आप ही का वक्तव्य याद दिला दें तो वह बौखला गए हैं।

सहारनपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को सहारनपुर में आयोजित रैली में कांग्रेस प्रत्याशी इमरान मसूद पर परोक्ष रूप से निशाना साधा. प्रधानमंत्री ने सहारनपुर से कांग्रेस प्रत्याशी इमरान मसूद द्वारा वर्ष 2014 में अपने खिलाफ दिए गए ‘बोटी काट देंगे’ वाले बयान की याद दिलाई. उधर, मसूद ने भी पीएम के बयान पर प्रतिक्रिया दी है.  

बोटी- बोटी करने वाले शहजादे के बड़े चहेते
पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा, ‘यहां तो बोटी—बोटी करने वाले लोग शहजादे (कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी) के बड़े चहेते हैं. उन पर उन्हें ज्यादा ही प्यार आता है. याद रखिएगा वो बोटी-बोटी की धमकी देने वाले लोग हैं और हम बेटी-बेटी को सुरक्षा और सम्मान देने वाले लोग हैं.’ 

तीन तलाक का मुद्दा उठाया
मुस्लिम बहुल सहारनपुर में मोदी ने तीन तलाक का मुद्दा उठाते हुए कहा कि उनकी सरकार ने मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक के कुचक्र से मुक्ति दिलाकर उनका जीवन सुरक्षित करने का प्रयास किया, लेकिन कांग्रेस और उसके सहयोगी ऐसा नहीं चाहते.

उन्होंने कहा, ‘मैं मुस्लिम बेटियों से कहना चाहता हूं कि कांग्रेस, सपा, बसपा के राज में मुस्लिम महिलाओं का शोषण जारी रहेगा. ये तीन तलाक के खिलाफ कानून को भी अनुमति नहीं देंगे और हम जो अध्यादेश लाएं हैं उसे पारित नहीं होने देंगे.’ पीएम ने कहा, “सहारनपुर के बाजारों में आगजनी और व्यापारियों के साथ बदसलूकी यूपी भुला सकता है क्या? कैराना में पलायन की घटनाएं आप भूल सकते हैं क्या? अब कैराना में पलायन का भय खत्म हो चुका है.”

इमरान ने कहा, “पीएम को कम से कम इस तरह की भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए. ये बौखलाहट है. यहां सहारनपुर में क्योंकि हिंदू मतदाता बहुत भारी तादाद में मेरे साथ जुड़ने का काम कर रहा है, उसको प्रभावित करने के लिए इस प्रकार की भाषा का उपयोग किया जा रहा है.”

मोदी ने आडवाणी को जूता मार कर स्टेज से उतार दिया: राहुल

राहुल गांधी ने कहा कि हिंदू धर्म में गुरु का काफी महत्व है. गुरु शिष्य का रिश्ता बेहद महत्वपूर्ण है. राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी ने अपने गुरु लालकृष्ण आडवाणी को जूता मारकर स्टेज से उतार दिया.

चंद्रपुर :

लोकसभा चुनाव 2019 के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी लगातार चुनावी रैलियां कर रहे हैं. राहुल अपनी रैलियों में बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी पर तीखे हमले बोल रहे हैं. शुक्रवार को चंद्रपुर की रैली में राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी पर लालकृष्ण आडवाणी का अपमान करने का आरोप लगाया. राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी ने अपने गुरु लालकृष्ण आडवाणी को जूता मारकर स्टेज से उतार दिया. 

राहुल गांधी ने कहा कि लालकृष्ण आडवाणी पीएम मोदी के गुरु हैं लेकिन यह शिष्य अपने गुरु के सामने हाथ तक जोड़कर नहीं जाता. यह शिष्य अपने गुरु को स्टेज से नीचे उतार देता है.  राहुल गांधी ने कहा कि हिंदू धर्म में गुरु का काफी महत्व है. गुरु शिष्य का रिश्ता बेहद महत्वपूर्ण है. 

पीएम मोदी ने किए झूठे वादे

राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के चंद्रपुर के चांदा क्लब में राहुल गांधी ने एक चुनावी सभा को संबोधित किया. राहुल गांधी ने कहा कि हर खाते में 15 लाख रुपए जमा करवाने का पीएम मोदी का वादा झूठा था. 

मेरा किया वादा सच्चा है

उन्होंने दावा किया कि उनका गरीबों को हर साल 72 हजार रुपए और पांच साल में 3.60 लाख रुपए देने का वादा सच्चा है. राहुल गांधी ने कहा कि जिनकी आमदनी 12 हजार रुपए से कम है उन्हे ये मदद  दी जाएगी.

कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि पिछले पांच साल के दोरान पीएम मोदी ने 15 लोगों को लाखों करोड़ों रुपए दिए हैं. पीएम मोदी कहते हैं कि वे चौकीदार हैं लेकिन इन्होंने सिर्फ पैसेवालों की चौकीदारी की है. 

ED probes Congress leader Kamal Nath’s nephew in AW chopper case

04 Apr 2019

  • While Ratul Puri denied involvement in AgustaWestland case, the Congress blamed BJP for misusing probe agencies
  • Ratul Puri was summoned by ED after he was named by Dubai-based businessman Rajeev Saxena and Sushen Mohan Gupta, alleged middleman in the chopper scam

New Delhi: The Enforcement Directorate (ED) on Thursday summoned Hindustan Power Projects Pvt. Ltd chairman Ratul Puri in the AgustaWestland chopper scam case.

With Puri being the nephew of Madhya Pradesh chief minister and senior Congress leader Kamal Nath, the move could hand the ruling National Democratic Alliance (NDA) a potential tool to target the opposition ahead of the general elections.

A person familiar with the developments said requesting anonymity that Dubai-based businessman Rajeev Saxena, who turned approver last week, has allegedly named Puri in connection with the case.

The person said the ED, which has intensified its investigation in the case, is now trying to “piece together all the information on the basis of investigations” and allegations that Puri had a role in the channelling of kickbacks.

Puri was summoned by the probe agency after he was named by Saxena and Sushen Mohan Gupta, another alleged middleman in the chopper scam. While Puri told reporters in New Delhi that he had no “connections with any defence deals or to my relatives,” the Congress blamed the Bharatiya Janata Party for misusing investigation agencies.

“Since 2016, the BJP cries about Agusta everyday. Since the last 4.5 years, the BJP, its ED and Central Bureau of Investigation (CBI) have not found any evidence against any Congress leader,” said party spokesperson Jaiveer Shergill.

Hindustan Power also issued a denial. “Ratul Puri issues a categorical denial of having any connection or involvement of any kind in defence, in the AgustaWestland case. He would be fully cooperating with the ED investigation and provide any clarification or information as may be required.”

The ED on Thursday also filed a supplementary charge sheet, contents of which have not been made public, against alleged middleman Christian Michel. The agency has also named Michel’s partner David Syms, as an accused in the case. The charge sheet was filed before special judge Arvind Kumar of the Patiala house court.

हिम्मत है तो धारा 370 को छेड़ के भी दिखाओ: फारूक

शेख अब्दुल्लाह के बेटे फारूक अब्दुल्लाह अपने बड़े बोलों और तुनक मिजाजी के लिए जाने जाते हैं। गिरगिट की भांति रंग/सुर बदलने की कला से भी वह ख़ूब वाकिफ हैं। जब वह जम्मू में भी होते हैं तो उनके सुर घाटी वाले उनके सुरों से जुदा होते हैं। जब वह सत्ता पक्ष में मलाईदार माल छत कर रहे होते हैं तो उन्हे घाटी की फिक्र कम रहती है, पर जब वह विपक्ष में होते हैं तो उन्हे हर पल सत्ता पक्ष और केंद्र की सरकार काश्मीर के साथ खिलवाड़ करती दिखाई पड़ती है। आज वह कहते पाये गए की मौजूदा केंद्र सरकार काश्मीर से उसकी पहचान छिन लें चाहती है, गौर तलब बात यह है की काश्मीर की पहचान “काश्मीरी पंडित” तो कब के काश्मीरी अलगाववादियों की भेंट चढ़ गए। उन्के पुनर्वास का सबसे अधिक विरोध इन्ही पिता पुत्र ने किया था। आज वह केंद्र सरकार को धमका रहे हैं की हिम्मत है तो……. ।

श्रीनगर: नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला ने चुनावी रैली में एक बार फि‍र से बीजेपी के खिलाफ आक्रामक तेवर दिखाए. मंगलवार को उन्‍होंने सरकार को धारा 370 और अनुच्छेद 35 ए को रद्द करने पर चुनौती देते हुए कहा “इससे राज्य और भारत के बीच संबंध खत्म हो जाएंगे. फारुख अब्दुल्ला ने गांदरबल में एक चुनावी सभा के दौरान कहा, “वह धारा 370 और 35 ए को छूने की हिम्मत करें”

उन्होंने कहा कि अगर वे कहते हैं कि ये संवैधानिक प्रावधान अस्थायी हैं तो विलय भी फिर अस्थायी है. उन्हें इसके लिए तैयार रहना होगा. फारुख अब्‍दुल्‍ला बोले “अमित शाह और अरुण जेटली ने कहा कि वे अनुच्छेद 35-ए और अनुच्छेद 370 को समाप्त कर देंगे. करें, हम यह भी देखेंगे कि वे यह कैसे कर सकते हैं.”

उन्होंने कहा कि अगर धारा 370 खत्म हो जाता है तो जम्मू-कश्मीर और नई दिल्ली के बीच संबंध खत्म हो जाएंगे. पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए अब्दुल्ला ने कहा, वह देश को चलाने में सक्षम एकमात्र व्यक्ति नहीं थे. अब्दुल्ला ने कहा, “वह एक अभिनेता हैं और मैंने अब तक ऐसा अभिनेता कभी नहीं देखा है.” अगर पुलवामा नहीं होता तो उसकी (मोदी ) की हार पक्‍की थी.

फारुख अब्दुल्ला, जो श्रीनगर संसदीय सीट से चुनाव लड़ रहे हैं ने कहा कि आज हमको पाकिस्तानी कहा जाता है अगर हमें पाकिस्तान जाना होता तो हम 1947 में गए होते मगर हमने भारत को चुना जो सब का भारत था. गांधी का भारत था .मगर आज भारत को बदलने की कोशिश की हो रही है. इसलिए हमें होशियार रहना है. राज्य को नहीं बल्कि देश को बचना है.