अलगाववादी बयानों को लेकर घिरे ओवैसी

मोदी की रहनुमाई में भाजपा की इंकलाबी जीत की आँधी में तिनके की तरह उड़े विपक्ष के एक मुस्लिम अलगाववादी नेता ओवैसी ने मोदी के “सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ के बदले में मक्का मस्जिद में मुस्लिम बिरदरान को भड़काते हुए कहा की ‘मुसलमान यहाँ हिस्सेदार है न कि किरायेदार’ उनके इस बयान से उनकी हताशा ओर निराशा तो नज़र आती ही है साथ ही उनकी कुंठित सोछ जो उनके अपने ही समाज को ले कर है नज़र आती है, गहन निराशा में डूबे ओवैसी एक बार फिर अपने बयानों को लेकर घिर गए हैं।

Madhav Bhandar a file photograph

नई दिल्ली : ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के किरायेदार वाले बयान पर बीजेपी ने पलटवार किया है. बीजेपी नेता माधव भंडारी ने असदुद्दीन ओवैसी पर हमला बोलते हुए कहा- उन्हें सोच समझकर बोलना चाहिए, उनको किसी ने किरायेदार नहीं कहा, लेकिन हिस्सेदारी की भाषा बोलेंगे तो वो 1947 में दे दी, तो मामला ही खत्म हो गया. 

क्या बोले थे ओवैसी
बता दें कि 1 जून को ओवैसी ने बीजेपी की जीत पर तंज कसते हुए कहा था, अगर कोई ये समझ रहा है कि हिंदुस्तान के वजीर-ए-आजम 300 सीट जीतकर हिंदुस्तान पर मनमानी करेंगे तो यह नहीं हो सकेगा.

उन्होंने कहा, वजीर-ए-आजम से हम कहना चाहते हैं, संविधान का हवाला देकर ओवैसी ने कहा कि मैं आपसे लडूंगा, मजलूमों के इंसाफ के लिए. उन्होंने कहा था कि हिंदुस्तान को आबाद रखना है, हम हिंदुस्तान को आबाद रखेंगे, हम यहां पर बराबर के शेहरी है, किरायेदार नहीं है, हिस्सेदार रहेंगे. 

हार के लिए राहुल नहीं सपा-बसपा जिम्मेदार – कांग्रेस की राहुल को सांतव्ना

अमेठी की हार के लिए राहुल गांधी का आभिजात्य वर्ग के व्यक्ति की भांति पेश आना है, प्रियंका गांधी का दंभ और सबसे ऊपर “चौकीदार चोर है”। राहुल के इर्द गिर्द जो चाटुकारों का समाज है वह राहुल की आँखों के आगे एक ऐसी पट्टी चढ़ा देते हैं की ऊनहे अमेठी जैसे संसदीय क्षेत्र में समृति ईरानी की प्रचंड जीत नहीं दीख पड़ती अपितु कुच्छ मतों से राहुल की हार दीखती है (जिसे कांग्रेस फिर से स्मृति की हार बताती हैं)। कांग्रेस राहुल गांधी की अमेठी में हार ने कांग्रेस को हिला कर रख दिया है, क्योंकि यह सीट 1980 से ही कांग्रेस का गढ़ मानी जाती रही है। यहाँ से राहुल का 2 अथवा 3 मतों से हारना भी राहुल गांधी के लिए एक बड़ी शर्मना हार है, फिर समृति ई उपस्थित ने अमेठी का ऐसा दिल जीता के राहुल अमेठी छोड़ वायनाड़ दौड़ लिए। लेकिन कांग्रेस राहुल को सच का सामना करवाने के बजाए स्पा- बसपा ही में उलझाए रखना चाहती है।

अमेठी: 

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के परिवार का गढ़ रहे अमेठी संसदीय क्षेत्र में उनकी हार के कारणों का पता लगाने वाली कांग्रेस की दो सदस्यीय समिति को बताया गया कि समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का सहयोग नहीं मिलना उनकी हार के लिए जिम्मेदार है. संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में उनके प्रतिनिधि कांग्रेस सचिव जुबेर खान और के. एल. शर्मा को स्पष्ट तौर पर बताया गया कि सपा और बसपा की अमेठी इकाइयों ने कांग्रेस को सहयोग नहीं किया और उनके एक बड़े वर्ग का वोट बीजेपी को चला गया.

एक स्थानीय नेता ने बताया, “सरल गणित है. राहुल गांधी को 2014 के लोकसभा चुनाव (4.08 लाख वोट) से ज्यादा वोट 2019 (4.13 लाख वोट) मिले. बसपा प्रत्याशी को 2014 में 75,716 वोट मिले. अगर यह वोट कांग्रेस को मिला होता तो कांग्रेस की जीत होती. भाजपा की स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को 55,000 वोटों के अंतर से शिकस्त दी.”

अमेठी के जिला कांग्रेस अध्यक्ष योगेंद्र मिश्रा ने भी इस आरोप का समर्थन किया कि सपा और बसपा ने कांग्रेस के साथ सहयोग नहीं किया, जबकि उनके नेताओं ने राहुल के पक्ष में समर्थन का एलान किया था. योगेंद्र मिश्रा ने कहा, “सपा के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति के पुत्र अनिल प्रजापति खुलेआम स्मृति ईरानी के पक्ष में चुनाव प्रचार कर रहे थे. गौरीगंज से सपा विधायक राकेश सिंह अपने ब्लॉक प्रमुखों और जिला पंचायत सदस्यों को बचाए रखने के लिए भाजपा के साथ गए.”

हालांकि राकेश सिंह ने इस आरोप का खंडन किया. राहुल को अमेठी के चार विधानसभा क्षेत्रों में हार मिली और गौरीगंज में हार का अंतर सबसे ज्यादा (18,000) था. वह अमेठी में आगे रहे, लेकिन तिलाई, जगदीशपुर और सलोन विधानसभा क्षेत्रों में पिछड़ गए. दो सदस्यीय समिति ने गौरगंज और तिलोई में पार्टी कार्यकर्ताओं की प्रतिक्रिया ली.  समिति अगले दो दिनों के दौरान जगदीशपुर, सलोन और अमेठी में कार्यकर्ताओं से मिलेगी.

अंतिम रिपोर्ट कांग्रेस हाईकमान को अगले सप्ताह सौंपी जाएगी. राहुल गांधी की अमेठी में हार ने कांग्रेस को हिला कर रख दिया है, क्योंकि यह सीट 1980 से ही कांग्रेस का गढ़ मानी जाती रही है.

गायब कम्प्युटर बाबा की बढ़ी मुश्किलें

ख़ालिस राजनीतिज्ञ की भांति आचरण करने वाले कम्प्युटर बाबा कभी साधावी प्रज्ञा के लिए देशद्रोही शब्द का प्रयोग करते हैं, कभी चुनाव आयोग को ललकारते हैं और कभी च्नावोन में बंगाल से मोदी को खदेड़ने के लिए ममता का साथ देने की बात करते हैं। यह बात ओर है कि दिग्विजय सिंह की जीत के लिए 5 क्विंटल मिर्ची से यज्ञ करने वाले महामंडलेश्वर वैराग्यानंद गिरी महाराज इन दिनों गायब चल रहे हैं. बाबा गायब हैं फिर भी निरंजिनी अखाड़े ने उन्हे आहाड़े से बाहर आर दिया है। साथ ही सोशल मीडिया में एनएसई जल समाधि लेने के बाबत भी पूछा जा रहा है। सनद रहे की बाबा ने डिग्गी राजा के हारने पर जल समाधि लेने की बात कही थी।

भोपाल: मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और लोकसभा चुनाव में भोपाल से कांग्रेस प्रत्याशी रहे दिग्विजय सिंह के पक्ष में प्रचार करने वाले संत पर निरंजनी अखाड़े ने गाज गिराई है. निरंजनी अखाड़े ने महामंडलेश्वर वैराज्ञानंद गिरी को अखाड़े से बाहर कर दिया.

हरिद्वार के निरंजनी अखाड़े के सचिव रविन्द्र पुरी ने बताया, महामंडलेश्वर वैराज्ञानंद गिरी ने दिग्विजय सिंह के नहीं जीतने पर समाधि लेने का दावा किया था. साथ ही, दिग्विजय सिंह को जिताने के लिए 5 क्विंटल मिर्ची का हवन भी किया गया था. बाबा ने यह भी दावा किया था कि भोपाल में कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह ही जीतेंगे. अगर भोपाल में कोई अन्य प्रत्याशी जीतता है तो वह जल समाधि ले लेंगे.

लाल घेरे में डिग्गी राजा बाबा के साथ यज्ञ में भाग लेते हुए

बता दें बाबा भोपाल में लोकसभा चुनाव संपन्न होने से पहले यहां आए थे और दिग्विजय सिंह की जीत के लिए उन्होंने मिर्ची का यज्ञ किया था. स्वामी वैराग्यानंद ने इस हवन के माध्यम से दिग्विजय सिंह के जीत की कामना की थी. साथ ही यह संकल्प भी लिया था कि अगर दिग्विजय सिंह भोपाल में हारे तो वह जल समाधि ले लेंगे. अब जब लोकसभा चुनाव के रिजल्ट आ गए हैं तो बाबा कहीं गायब हो गए हैं.

कंप्यूटर बाबा के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन का मामला
इससे पहले कांग्रेस उम्मीदवार दिग्विजय सिंह के समर्थन में हठयोग व साधुओं को रोड शो में शामिल कराने के मामले में नामदेव दास त्यागी उर्फ कंप्यूटर बाबा के खिलाफ आदर्श आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज हुआ था. कंप्यूटर बाबा पूर्ववर्ती शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्ववाली भाजपा सरकार में राज्यमंत्री थे. कुछ दिनों बाद नाराज होकर उन्होंने इस्तीफा दे दिया था.

भाजपा की ओर से कंप्यूटर बाबा के हठयोग और रोड शो की शिकायत मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से की गई थी. इस पर संज्ञान लेते हुए आयोग की ओर से कंप्यूटर बाबा को नोटिस जारी किया गया. बाबा का जवाब आने के बाद थाने में उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.

बताया जा रहा है कि कंप्यूटर बाबा इन दिनों भोपाल में कहीं नजर नहीं आ रहे हैं. भोपाल से कांग्रेस उम्मीदवार दिग्विजय सिंह की जीत के लिए कंप्यूटर बाबा ने न्यू सेफिया कॉलेज के मैदान में हठयोग किया था और साधुओं के साथ रोड शो भी किया था, जबकि उन्होंने चुनाव आयोग से संत समागम के लिए अनुमति ली थी.

भारत के लिए मोदी ईश्वरीए चमत्कार से कम नहीं : शिव राज सिंह चौहान

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विधान सभा में NOTA दबाने वाले मतदाताओं ने इस बार अपनी गलती न केवल स्वीकारी अपितु प्र्याश्चित स्वरूप सूद समेत लोक सभा सीटों के रूप में शिवराज मामा की झोली भर दी है। शिवराज चौहान ने कहा, “राष्ट्रीय अध्यक्ष (अमित शाह) शुरू से कह रहे थे कि हमारा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन बाकी है. पश्चिम बंगाल, ओडिशा अभी बाकी है. राष्ट्रीय अध्यक्ष जो कहते हैं, वह करके दिखाते हैं, अब परिणाम भी वैसे आ रहे हैं.”

भोपाल: लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) के शुरुआती रुझान और नतीजे 2019 (Lok Sabha Election Results 2019) आने लगे हैं. ताजा रुझानों में मध्य प्रदेश की 28 सीटों पर बीजेपी और एक सीट पर कांग्रेस को बढ़त मिली हुई है. मध्य प्रदेश की कई सीटों पर बीजेपी प्रत्याशी करीब एक लाख वोटों की बढ़त बनाए हुए हैं. चुनावी रुझानों में दिख रही प्रचंड ‘मोदी लहर’ के बीच मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश की जनता के लिए ईश्वरीय चमत्कार बताया है. 

लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मिली सफलता पर अपनी प्रतिक्रिया में शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को संवाददाताओं से कहा, “इस चुनाव से देश में नई राजनीति का उदय हुआ है. क्षेत्रवाद, जातिवाद और पंथवाद इस चुनाव से मिट गया. सारा देश एक साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पीछे खड़ा हो गया.” उन्होंने आगे कहा, “पीएम मोदी जनता की श्रद्धा हैं, आस्था हैं और ईश्वरीय चमत्कार हैं. सबका साथ-सबका विकास उनका मूल मंत्र है और सारा देश उनके पीछे खड़ा हो गया.”

कांग्रेस द्वारा ‘चौकीदार चोर है’ का नारा दिए जाने के सवाल पर चौहान ने कहा, “चुनाव में कांग्रेस ने बचकानी हरकतें कीं, राहुल बाबा को परिपक्व होना चाहिए, जिस तरह से वह गालियां देते रहे, चौकीदार चोर है के नारे लगवाते रहे. वहीं दूसरी ओर जनता कसम खाती रही कि पीएम मोदी के बारे में ऐसा कह रहे हैं, इसका हम बदला लेंगे और वह चुनावी नतीजों में दिख रहा है.” भाजपा को पश्चिम बंगाल और ओडिशा में मिली सफलता के सवाल पर चौहान ने कहा, “राष्ट्रीय अध्यक्ष (अमित शाह) शुरू से कह रहे थे कि हमारा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन बाकी है. पश्चिम बंगाल, ओडिशा अभी बाकी है. राष्ट्रीय अध्यक्ष जो कहते हैं, वह करके दिखाते हैं, अब परिणाम भी वैसे आ रहे हैं.”

गृह मंत्रालय की केंद्र शासित प्रदेशों और राज्यों को चौकन्ना रहने के आदेश

कुशवाहा, महागठबंधन के नेताओं ओर आम आदम पार्टी के भारद्वाज द्वारा नतीजे अनुरूप न आने पर गृह युद्ध छिड़ने की धमकी दिये जाने पर, गृह मंत्रालय ने अनुकूल नतीजे न मिलने पर हिंसा भड़काने को आतुर दलों का नाम लिए बिना एक अलर्ट जारी किया है। मंत्रालय का कहना है कि कुछ पक्षों द्वारा किए गए हिंसा भड़काने के आह्वान को देखते हुए यह कदम उठाया गया है.

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के लिए मतगणना से एक दिन पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हिंसा की आशंका के मद्देनजर बुधवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अलर्ट कर दिया. मंत्रालय का कहना है कि कुछ पक्षों द्वारा किए गए हिंसा भड़काने के आह्वान को देखते हुए यह कदम उठाया गया है. 

मंत्रालय ने एक बयान में यह भी कहा कि उसने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कानून एवं व्यवस्था तथा शांति बनाये रखने के लिए कहा है.

बयान में कहा गया है,‘गृह मंत्रालय ने राज्य के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों को कल मतगणना के सिलसिले में देश के अलग..अलग हिस्सों में हिंसा भड़कने की आशंका के संबंध में अलर्ट किया है.’  मंत्रालय ने कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को साथ ही यह भी कहा गया है कि वे स्ट्रांग रुम और मतगणना स्थलों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त कदम उठायें.

इसमें कहा गया है,‘यह विभिन्न पक्षों की ओर से मतगणना वाले दिन हिंसा भड़काने और बाधा उत्पन्न करने के लिए किए गए आह्वान और दिये गए बयानों के संबंध में किया गया है.’’ 

एक अधिकारी ने कहा कि केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों को सूचना मिली है कि कुछ संगठन और व्यक्तियों ने, विशेष तौर पर उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार और त्रिपुरा में, कुछ बयान दिये हैं जिससे हिंसा उत्पन्न होने की आशंका है और इससे मतगणना प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न हो सकती है.’’ 

लोकसभा चुनाव सात चरणों में 11 अप्रैल से 19 मई तक हुए थे. मतगणना गुरुवार को होगी.

लोकसभा नतीजों के बाद गिर जाएगी कर्नाटक सरकार

एक्जिट पोल में पूर्वानुमान जताया गया है कि भाजपा कर्नाटक में 28 सीटों में से 21 पर जीत दर्ज करेगी। भाजपा ने 2014 के लोकसभा चुनाव में इस दक्षिणी राज्य में 17 सीटें जीती थीं। सत्ताधारी गठबंधन सहयोगियों को यह भी आशंका है कि भाजपा लोकसभा चुनाव के बाद ‘‘आपरेशन लोटस’’ के जरिये कुछ असंतुष्ट विधायकों को अपने पाले में कर सकती है जिससे सरकार अस्थिर हो जाएगी। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सदानंद गौड़ा ने यह भी कहा कि उसके बाद राज्य में नई सरकार के गठन के लिए मंच तैयार होगा.

बेंगलुरु:  केंद्रीय मंत्री डी. वी. सदानंद गौड़ा ने बुधवार को दावा किया कि लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद कर्नाटक में कांग्रेस..जेडीएस गठबंधन सरकार गिर जाएगी और एच. डी. कुमारस्वामी 24 मई की सुबह तक ही मुख्यमंत्री रहेंगे. कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री गौड़ा ने यह भी कहा कि उसके बाद राज्य में नई सरकार के गठन के लिए मंच तैयार होगा. 

उन्होंने कहा,‘कुमारस्वामी कल शाम तक ही कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहेंगे. कल शाम या अगले दिन सुबह तक, क्योंकि यदि रात में उन्हें नींद नहीं आए…इसलिए परसों सुबह कुमारस्वामी शत प्रतिशत पद से हट जाएंगे.’ बीजेपी नेता ने कहा,‘नई सरकार के गठन के लिए मंच तैयार होगा.’ 

गठबंधन सरकार को लेकर जारी है अटकलों का दौर 
इसको लेकर अटकलें हैं कि लोकसभा चुनाव में प्रतिकूल परिणाम का कर्नाटक में गठबंधन सरकार की स्थिरता पर प्रभाव होगा. एक्जिट पोल में पूर्वानुमान जताया गया है कि कांग्रेस..जेडीएस गठबंधन के लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन कर सकता है.

दोनों पार्टियों ने गठबंधन कर लोकसभा चुनाव लड़ा था जबकि जमीनी स्तर, विशेष तौर मैसुरू क्षेत्र में असंतोष था क्योंकि वहां दोनों एक-दूसरे को प्रतिद्वंद्वी मानते हैं.

एक्जिट पोल में बीजेपी की जीत का अनुमान 
एक्जिट पोल में पूर्वानुमान जताया गया है कि बीजेपी कर्नाटक में 28 सीटों में से 21 पर जीत दर्ज करेगी.  बीजेपी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में इस दक्षिणी राज्य में 17 सीटें जीती थीं.

सत्ताधारी गठबंधन सहयोगियों को यह भी आशंका है कि बीजेपी लोकसभा चुनाव के बाद ‘‘आपरेशन लोटस’’ के जरिये कुछ असंतुष्ट विधायकों को अपने पाले में कर सकती है जिससे सरकार अस्थिर हो जाएगी.

के सुधाकरन के बगावती तेवरों का क्या असर होगा कर्नाटक सरकार

रौशन बेग के बाद अब कांग्रेसी विधायक के सुधाकर ने बुधवार को सवाल उठाया कि ईवीएम में कथित हेरफेर का मुद्दा क्यों लोकसभा चुनावों पर एग्जिट पोल के अनुमान आने के बाद उठाया जा रहा है. सुधाकर के अनुसार जब एक्ज़िट पोल के नतीजों पर चर्चा करनी चाहिए थी, उन पर विमर्श होना चाहिए था जबकि सभी ईवीएम को ले कर उलझे पड़े हैं। और उन्होने अपने अंदाज़ – ए- बयां से कर्नाटक की सरकार को भी चेताया।

बेंगलुरु:

लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजे कल यानि 23 मई को घोषित हो जाएंगे. लेकिन, कर्नाटक में इससे पहले ही कांग्रेस को लगातार झटके मिल रहे हैं. दरअसल, राज्य में कांग्रेस और जेडीएस के गठबंधन की सरकार चल रही है. इन सबके बीच कांग्रेस विधायक के सुधाकर ने कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन को अपवित्र करार दे दिया है. उन्होंने कहा कि मैं पहले दिन से कह रहा हूं कि यह गठबंधन गलत नीतियों पर हुआ है. सुधाकर ने कहा कि यह गठबंधन चुनावी जरुरतों को पूरा करने के लिए किया गया है.     

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Dr K Sudhakar, Congress MLA: This is the stand that I took when this alliance was formed. I said on on the day 1 that Congress-JD(S) alliance was purely based on electoral requirements. It is a very unholy alliance, this is what I have been saying since day 1. #Karnataka8236:16 PM – May 22, 2019257 people are talking about this

इससे पहले कांग्रेस के विधायक रोशन बेग ने भी कांग्रेस के प्रादेशिक नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाए थे. वहीं, अब कांग्रेसी विधायक सुधाकर ने बुधवार को सवाल उठाया कि ईवीएम में कथित हेरफेर का मुद्दा क्यों लोकसभा चुनावों पर एग्जिट पोल के अनुमान आने के बाद उठाया जा रहा है. सुधाकर का रुख कांग्रेस के रुख के विपरीत है जो गुरुवार को होने वाले मतदान से पहले ईवीएम में कथित छेड़छाड़ की आशंका को लेकर दूसरे विपक्षी दलों के सुर में सुर मिला रही है.

कांग्रेस विधायक की यह टिप्पणी पार्टी के वरिष्ठ विधायक रोशन बेग की उस टिप्पणी के एक दिन बाद आई है जिसमें उन्होंने राज्य नेतृत्व पर तीखा हमला करते हुए प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष दिनेश गुंडू राव को ‘‘फ्लॉप शो’’ करार दिया था और पार्टी महासचिव के सी वेणुगोपाल को ‘मसखरा’ बताया.

इस दक्षिणी राज्य में कांग्रेस-जेडीएस के बीच हुए गठबंधन को लेकर अपनी शिकायतों को मुखरता से व्यक्त करने वाले सुधाकर ने मंगलवार रात ट्वीट कर कहा कि एग्जिट पोल और ईवीएम से छेड़छाड़ दो अलग-अलग चीजें हैं. चिक्काबल्लापुरा के विधायक ने ट्वीट किया, “व्यक्तिगत रूप से मैं थोड़ा भ्रमित हूं कि क्यों ईवीएम में छेड़छाड़ का मुद्दा एग्जिट पोल के नतीजों पर चर्चा के दौरान बातचीत में लाया जा रहा है.” “जबकि वास्तव में एग्जिट पोल के नतीजे चुनावों के बाद मतदाताओं की भावना का संकेत देते हैं.”

बाद में पत्रकारों से बात करते हुए सुधाकर ने स्पष्ट किया कि उन्होंने सिर्फ यह कहा था कि एग्जिट पोल का ईवीएम में छेड़छाड़ से कुछ लेना देना नहीं है. उन्होंने कहा, “मैंने सिर्फ एग्जिट पोल के बारे में बात की क्योंकि कुछ लोगों की उन्हें लेकर अलग राय है. मैंने कहा कि इसका ईवीएम से छेड़छाड़ को लेकर कुछ लेना देना नहीं है…क्योंकि एग्जिट पोल चुनाव के दिन किये जाते हैं.”

सिद्धू की वाणी को जबरन विराम मिला

नई दिल्ली:

मोदी को गालियां बकते बकते वह कब पंजाब के मुख्यमंत्री को भी अपने शब्द बाणों से घायल कर गए यह बहुत बोलने वाले मियां बीवी को पता ही नहीं चला।
कांग्रेस के स्टार प्रचारक नवजोत सिद्धू की पत्नी डॉ. नवजोत कौर सिद्धू ने कहा है कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को प्रदेश की सभी 13 सीट पर जीत का विश्वास है फिर प्रदेश में सिद्धू के चुनाव प्रचार की क्या जरूरत है। डॉ. सिद्धू शनिवार को पूर्वी विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस उम्मीदवार गुरजीत सिंह औजला के चुनाव प्रचार के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहीं थीं।
अब हालात यह हैं की उन्हे अपने ध्वनि यंत्र अथवा वोकल कॉर्ड वजह से छुट्टी लेनी पड़ रही है। वैसे भी सभी ने सुनील जाखड़ को भविष्य का मुख्य मंत्री मान लिया है ऐसे में सिद्धू की वाणी को विराम लगना बनता है।

लोकसभा चुनाव 2019 के 6 चरणों का मतदान हो चुका है. 19 मई को सातवें चरण का मतदान होना बाकी है. इसी बीच कांग्रेस को एक झटका लगा है. कांग्रेस नेता और पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू का गला खराब हो गया है. लोकसभा चुनाव के दौरान सिद्धू अपने विवादास्‍पद बयानों, तुकबंदी और जुमलों से चुनाव माहौल को गरम बनाए हुए थे. अचानक गला खराब हो जाने से कांग्रेस और सिद्धू दोनों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. 19 मई को  पंजाब की 13 लोकसभा सीटों पर भी वोटिंग होनी है. पंजाब में जीत के लिए सभी राजनैतिक पार्टियां इन दिनों जमकर प्रचार कर रही हैं.

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Navjot Singh Sidhu’s office: Navjot Singh Sidhu put on steroid medication and injections due to continuous speech damaging his vocal cords. At the moment Mr. Sidhu is under the medication & in process of a quick recovery to return-back to campaigning at the earliest. (file pic)3872:32 PM – May 13, 2019513 people are talking about thisTwitter Ads info and privacy

कांग्रेस के नेता नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) भी अपनी पार्टी को जीत दिलाने के लिए ताबड़तोड़ प्रचार कर रहे थे. अचानक नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) को लेकर अब एक खबर आ रही है कि रैलियों में भाषण दे देकर उनका गला खराब हो गया है और वो इसका इलाज करा रहे हैं.नवजोत सिंह सिद्धू के कार्यालय से जारी बयान में कहा गया कि, लगातार प्रचार की वजह से सिद्धू का गला खराब हो गया है. जिसके बाद डॉक्टर उनका इलाज कर रहे हैं. जारी बयान में कहा गया है कि ‘वह जल्द ही चुनाव प्रचार के लिए वापस आएंगे.

अमर सिंह की नवजोत को नसीहत:
पीएम नरेंद्र मोदी(PM Modi) पर कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू(Navjot Singh Sidhu) के लगातार तीखे हमलों ने राज्यसभा सांसद अमर सिंह(Amar Singh) को बेचैन कर दिया है.उन्होंने नवजोत सिंह सिद्धू पर करारा हमला बोला है. नरेंद्र मोदी पर तीखे बयानों को लेकर सिद्ध को संबोधित करते हुए अमर सिंह ने कहा है कि अगर आसमान पर थूकोगे तो थूक चेहरे पर ही गिरेगा. देश के निर्वाचित प्रधानमंत्री को अपशब्द बोलना शोभा नहीं देता. अपने ट्विटर हैंडल से पोस्ट किए वीडियो में अमर सिंह ने कहा है कि राजनीति में विवाद स्वाभाविक है. नरेंद्र मोदी का भी गुजरात में शंकर सिंह बाघेला और केशुभाई पटेल से विवाद हो चुका, मगर उन नेताओं के बारे में नरेंद्र मोदी ने कभी गलत बातें नहीं कहीं. खुद का केस बताते हुए अमर सिंह ने कहा कि उन्हें समाजवादी पार्टी से दो-दो बार निकाला गया, मगर आपको तो नहीं निकाला गया. सिर्फ बीजेपी ने अरुण जेटली के लिए टिकट काटा. बावजूद इसके आपकी पीड़ा को समझते हुए बीजेपी ने राज्यसभा भेजा. आपने इसे स्वीकार भी किया. फिर कांग्रेस में जाने के लिए आपने राज्यसभा से इस्तीफा भी दे दिया.यह आपका अधिकार भी है. मैं आपको जेंटलमैन समझता रहा. मगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणियां स्वीकार्य नहीं हैं. 

एक खबर के मुताबिक कांग्रेस के स्टार प्रचारक माने जाने वाले सिद्धू ने लोकसभा चुनाव के दौरान 28 दिनों में 80 राजनैतिक रैलियों को संबोधित किया है. लगातार रैलियों में बोलने की वजह से उनका गला खराब हो गया . जिसके बाद डॉक्टर उन्हें स्टेरॉयड की दवा और इंजेक्शन दे रहे हैं.

सिद्धू को 14 मई को बिहार और 15 मई को बिलासपुर में रैली करनी थी. जो अब शायद स्थगित करनी करनी पड़े. 16 मई और 17 मई को वह एमपी में भी रैली करने वाले थे. गला खराब होने के बाद सिद्धू और कांग्रेस के लिए यह झटके के रूप में देखा जा रहा है.

समर्थन वापिस लेने की चुनौती पर बिफरीं मायावती

अलवर बलात्कार मामले में प्रधान मंत्री मोदी ने मायावती को चुनौती दी की यदि वह सच में दलित हितैषी हैं तो राजस्थान में कांग्रेस को जो समर्थन दीं हुयी हैं उसे वापिस लेलें। इस चुनौतीको मायावती ने अपने आप पर ओर अपनी दलित प्रेम की नीतियों पर प्रत्यक्ष चोट माना और बौखलाहट में मायावती ने कहा, ‘पीएम मोदी ने कल जो यहां नकली दलित प्रेम दिखाने की ड्रामेबाजी की है, उससे चुनाव में कुछ हासिल होने वाला नहीं है. अभी सहारनपुर कांड को लोग भूले नहीं हैं. हैदराबाद में रोहित वेमुला के साथ क्या हुआ और गुजरात में दलितों के साथ जितने उत्पीड़न क मामले सामने आए, वह किसी से छिपा हुआ नहीं है. उत्तर प्रदेश में भी हर रोज दलित उत्पीड़न हो रहा है इस पर चुप्पी साधे हुए हैं.’ मायावती इतना बौखला गईं की उनके छद्म कांग्रेस विरोध का पर्दाफाश हो गया अब वह कुच्छ भी कहेंगी, जिसका आने वाले चुनावों पर पूरा पूरा असर होगा।

लखनऊ: अलवर गैंगरेप (Alwar Gangrape) मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra modi) की ओर से आए बयान पर बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने उन्हें आड़े हाथों लिया है. सोमवार को मायावती ने कहा, ‘पीएम मोदी ने कल जो यहां नकली दलित प्रेम दिखाने की ड्रामेबाजी की है, उससे चुनाव में कुछ हासिल होने वाला नहीं है. अभी सहारनपुर कांड को लोग भूले नहीं हैं. हैदराबाद में रोहित वेमुला के साथ क्या हुआ और गुजरात में दलितों के साथ जितने उत्पीड़न क मामले सामने आए, वह किसी से छिपा हुआ नहीं है. उत्तर प्रदेश में भी हर रोज दलित उत्पीड़न हो रहा है इस पर चुप्पी साधे हुए हैं.’

‘यूपी में दलित उत्पीड़न पर चुप क्यों हैं पीएम?’
बीएसपी सुप्रीमो ने कहा कि जिन बीजेपी शासित राज्यों में दलित उत्पीड़न हुए वहां मुख्यमंत्रियों से इस्तीफे क्यों नहीं लिए गए. इन सब मामलों में नैतिक जिम्मेवारी लेते हुए कभी भी इस्तीफे की पेश नहीं की गई. अलवर में हुई दलित उत्पीड़न की घटना को लेकर पीएम मोदी चुप थे, लेकिन मेरे बोलने के बाद अब चुनाव में घृणित लाभ लेने की कोशिश का रहे हैं. 

‘पीएम मोदी गरीब होने का नाटक कर रहे हैं’
उन्होंने कहा कि ये क्या बात करेंगे, ये अपनी ख़राब हुई राजनीतिक स्थिति को देखते हुए आये दिन अपना जाती बदल रहे हैं. अब अपनी जाती गरीब बता रहे हैं. गरीब की कभी चिंता नहीं की और 15 लाख रुपए अकाउंट में डालने की बात को जुमलेबाजी कहके पल्ला झाड़ रहे हैं. नोटबांडी करके गरीबों को परेशान किया. पीएम मोदी न तो गरीब हैं न फ़कीर हैं. गरीब होने का नाटक कर रहे हैं, ताकि इन्हें वोट मिल सके. 

‘जन्मजात अति पिछड़ी जाति से नहीं हैं पीएम मोदी’
मायावती ने कहा कि पीएम मोदी अपने को अति पिछड़ी जाती का बताते हैं. वास्तव में ये जन्मजात पिछड़ी जाती के नहीं हैं. इन्होंने गुजरात में अपने शासन में अपनी जाती को पिछड़े वर्ग में शामिल करा लिया है, क्योंकि अगर ये दलित होते तो दलितों के बंगले इनको अखरते नहीं. इन्हें अखरता है कि दलित बंगले में कैसे रह रहा है. वैसे अब इनके कुछ ही दिन बचे हैं. अपनी मन मर्यादा टाक पर रख दी है.

‘मैं झांसे में नहीं आई तो तीखे हमले करने लगे पीएम मोदी’
बीएसपी सुप्रीमो ने कहा कि इस बार बीजेपी और पीएम मोदी को केंद्र की सत्ता से बहार रखना होगा. इन्होंने गठबंधन तोड़ने की कोशिश की और मुझे आदरणीय बहन मायावती जी पुकारे और जब मैंने मुहतोड़ जवाब दिया तो अब बुआ-बबुआ पर उतर आये. जो संस्कारी लोग हैं वो पूरे सम्मान के साथ मुझे बहनजी पुकारते हैं और मेरे माता पिता भी मुझे बहनजी बुलाते हैं और अखिलेश जी मुझे बहन जी ही बुलाते हैं. लोगों को मोदी जी के दोहरे चरित्र से सावधान रहना चाहिए.

कांग्रेस शासित प्रदेश में दलितों को “न्याय” नहीं

बलात्कार पर राजनीति कोइ अच्छी बात नहीं लेकिन अशोक गहलोत ने चुनावों तक मामला दर्ज़ ही न होने देने की चाल चल कर राजनीति को हवा दे दी। हर जगह अवार्ड वापीसी गैंग, दलित प्रेमी नेताओं को ढूंढा जाने लगा। च्ंकि यह मामला राजस्थान का था जहां कांग्रेस की सरकार है कोई भी सामने नहीं आया, यहाँ तक कि आतिशी कि झूठी शियायात पर हायतौबा मचाने वाला महिला कमीशन अथवा ह्यूमन राइट्स अमिशन को भी कांग्रेस सरकार में दलित मनुष्य नहीं लगे। आ जब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने मायावती जो हमेशा केएचडी को दलितों का झंडाबरदार मानतीं हैं से ने दलित प्रेम ए बारे मेन पूछा तो यह सभी खोये हुए लोग बरसाती मेंढ़कों कि तरह निकलने लग पड़े।

देवरिया/कुशीनगर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि बसपा अध्यक्ष मायावती को अगर अलवर में हुए सामूहिक बलात्कार काण्ड से वाकई पीड़ा हो रही है, तो वह राजस्थान सरकार से समर्थन वापस लें. पीएम मोदी ने देवरिया और कुशीनगर में हुए चुनावी रैलियों में कहा कि राजस्थान की सरकार बसपा के सहयोग से चल रही है. वहां की कांग्रेस सरकार दलित बेटी से सामूहिक बलात्कार का मामला दबाने में लगी है. बहनजी (बसपा प्रमुख मायावती) राजस्थान में आपके समर्थन से सरकार चल रही है. वहां दलित बेटी से बलात्कार हुआ है. आपने उस सरकार से समर्थन वापस क्यों नहीं लिया? घड़ियाली आंसू बहा रही हो.’ 

उन्होंने कहा कि आपके (मायावती) साथ गेस्ट हाउस कांड पर पूरे देश को पीड़ा हुई थी. आज अलवर कांड पर आपको पीड़ा क्यों नहीं हो रही है. अगर हो रही है तो बयानबाजी करने की बजाय राजस्थान सरकार से समर्थन वापस लीजिये.’ मोदी ने रैली में मौजूद लोगों से पूछा ‘आतंकवादियों को घर में घुसकर मारा गया. आपको गर्व हुआ कि नहीं हुआ. माथा ऊंचा हुआ कि नहीं हुआ. सीना चौड़ा हुआ कि नहीं हुआ. ये चुनाव देश में एक बुलंद सरकार देने का चुनाव है. 21वीं सदी में भारत का विश्व में क्या स्थान हो, उसके लिये यह चुनाव है. यही कारण है कि देश आज राष्ट्र के हितों को सर्वोपरि रखने वाली सरकार केन्द्र में चाहता है.’ 

पीएम मोदी ने कहा कि आतंक से निपटना सपा, बसपा के बस की बात ही नहीं है और बाजार में प्रधानमंत्री के जितने चेहरे घूम रहे हैं. उनमें हिम्मत के साथ सीना तानकर आतंकवाद के खिलाफ कौन लड़ सकता है. सपा, बसपा और कांग्रेस वाले ऐसे लोग हैं, जो गली के गुंडे तक पर लगाम नहीं लगा पाते, ये आतंकवाद पर कैसे लगाम लगाएंगे.

पीएम ने कहा कि मैं अति पिछड़ी जाति में पैदा हुआ लेकिन देश को दुनिया में सबसे आगे ले जाने के लिये जी-जान से जुटा हुआ हूं. जो लोग मोदी की जाति जानना चाहते हैं, वे कान खोलकर सुन लें. मोदी की एक ही जाति है गरीब. ये लोग मोदी का नहीं, बल्कि गरीबी की जाति का सर्टिफिकेट मांग रहे हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि सपा, बसपा के लोगों ने गरीबों को लूट कर बड़े—बड़े महल खड़े कर लिये लेकिन मैंने कभी जोड़-तोड़ करके अमीर बनने का सपना नहीं देखा और ना ही अपने परिवार वालों को दिखाया है. जब 20-25 साल बाद मेरा शरीर कमजोर हो जाएगा तब मुझे रहने के लिये किराये का कमरा ढूंढना पड़ेगा.

उन्होंने सपा और बसपा के बीच नाराजगी पनपने का दावा करते हुए कहा कि बहनजी सपा के कार्यकर्ताओं से नाराज हैं इसलिए उनको माइक पर सलाह देती हैं कि बसपा वालों से सपा को सीखने की जरूरत है. स्वार्थ का साथ ज्यादा नहीं चलता है. मैं सोचता हूं कि 23 मई को बहनजी के समर्थकों का क्या होगा, तब उनकी दोस्ती चूर-चूर हो जाएगी. तब बबुआ के कार्यकर्ता बुआ के कार्यकर्ताओं से ऐसी दुश्मनी निकालेंगे कि बहनजी भी कुछ नहीं कर पाएंगी.’ मोदी ने कहा कि विपक्षी दल लोकसभा चुनाव में चारों खाने चित हो जाएंगे क्योंकि लोगों ने एक मजबूत और ईमानदार सरकार बनाने की ठान ली है.