खट्टर सरकार के राज में जनता हुई बेहाल बिजली गुल-पानी गुल, हरियाणा हुआ खस्ताहाल
प्रदेश का दुर्भाग्य है कि आज भाजपा सरकार की संवेदनहीनता के कारण प्रदेश के लोग अपने रोजमर्रा के कामों को छोड़कर बिजली को लेकर आए दिन प्रदर्शन करने पर मजबूर हैं। इस भीषण गर्मी में लोग बिन बिजली दुभर जीवन जी रहे हैं। केवल बिजली ही नहीं प्रदेश में पानी की कमी को लेकर भी लोग परेशान हो रहे हैं, लेकिन लोगों की समस्याओं से पुरी तरह बेख़बर व बेपरवाह भाजपा सरकार के लोग एसी कमरों में बैठ जानबूझकर प्रदेश के लोगों को इस भीषण गर्मी में झोंकने का काम कर रहे हैं। इसका जीता जागता उदाहरण भाजपा सरकार द्वारा 6 बिजली कारख़ाने बंद कर प्रदेश को बिजली संकट में धकेलना है।
भाजपा सरकार ने जानबूझकर प्रदेश को बिजली संकट में धकेला- हरियाणा में जनता बिजली की कमी से त्राहि-त्राहि कर रही है लेकिन सत्ता के घमण्ड में चूर भाजपा सरकार ने राज्य के 6 बिजली कारख़ाने बंद कर प्रदेश को बिजली संकट में धकेला हुआ है।
प्रदेश में बिजली आपूर्ति के शेड्यूल बिगड़ने का सिलसिला बढ़ता जा रहा है – पूरे प्रदेश में जनता बिजली के अघोषित कटों से भारी तंग व परेशान है, लेकिन प्रदेश सरकार जनता के दुखों से पूरी तरह बेपरवाह है। प्रदेश के लगभग सभी शहरों और गावों में बिजली आपूर्ति के शेड्यूल बिगड़ने का सिलसिला बढ़ता जा रहा है और जनता कई-कई घंटे तक बिजली कट झेलने पर मजबूर है। अघोषित बिजली कटों से पानी की सप्लाई बाधित हो रही है और लोगों की परेशानी दोगुनी हो रही है।
प्रदेश के अपने संसाधनों से कुल 4849.8 मेगावाट बिजली उत्पादन और हिस्से में से केवल 3128 मेगावाट बिजली उत्पन्न की जा रही है- सच्चाई यह है कि राज्य में बिजली कि कोई कमी नहीं है और बिजली को लेकर जनता की परेशानियाँ के लिए केवल व केवल प्रदेश सरकार का कुप्रबंधन और नालायकी ज़िम्मेदार है। प्रदेश के अपने संसाधनों से कुल 4,849.8 मेगावाट बिजली उत्पादन और हिस्से में से केवल 3,128 मेगावाट बिजली उत्पन्न की जा रही है, जो भाजपा सरकार की उदासीनता का मुंह बोलता उदाहरण है। यह राज्य की जनता के साथ सीधा धोखा है, जिसके लिए जनता इन्हे माफ़ नहीं करेगी।
भाजपा सरकार की साजिश के तहत कम हो रहा बिजली का उत्पादन- खट्टर सरकार ने पिछले पाँच साल में बिजली उत्पादन नहीं बढाया। अब गर्मी के मौसम में बिजली कि ज़रूरत बढ़ जाने के बावजूद प्रदेश के पानीपत स्थित 6 बिजली कारखाने बंद कर रखे हैं जिनकी क्षमता 830 मेगावाट है, इनमें से चार को “डैमेजड” बताकर और दो को सुचारू मानने के बावजूद ‘नो डिमांड’ बताकर बंद किया हुआ है। इसके अलावा खेदड में स्थापित बिजली संयंत्र में क्षमता से 400 मेगावाट यूनिट बिजली कम पैदा की जा रही है और यह बिजली उत्पादन भी केवल 15 दिन पहले शुरु किया गया है।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/06/2018_2image_09_24_463699530bijli-1490456542-ll.jpg354600Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-06-14 12:44:362019-06-14 12:44:39खट्टर सरकार में जनता बेहाल : सुरजेवाला
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और डॉक्टरों के बीच हुए विवाद की आंच पूरे देश में फैल गई है. पश्चिम बंगाल के डॉक्टरों के साथ हुई मारपीट के बाद देशभर के डॉक्टर उनके समर्थन में आ गए हैं. इसके तहत राजधानी दिल्ली, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के अधिकांश सरकारी और निजी डॉक्टर आज हड़ताल करेंगे. साथ ही कुछ मरीजों के इलाज के दौरान ही विरोध प्रदर्शन करेंगे. सनाद रहे कोलकाता के सरकारी अस्पताल सागर दत्ता मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के 3 असिस्टेंट प्रोफेसर, 1 प्रोफेसर और 4 रेजिडेंट डॉक्टरों ने पद से इस्तीफा दे दिया है.
कोलकाता: पश्चिम बंगाल में हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने दोपहर दो बजे तक काम पर लौटने के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश को नहीं माना और कहा कि सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा संबंधी मांग पूरी होने तक हड़ताल जारी रहेगी. वहीं मुख्यमंत्री ने प्रदर्शनकारियों पर बरसते हुए विपक्षी बीजेपी और सीपीएम पर उन्हें भड़काने तथा मामले को सांप्रदायिक रंग देने का आरोप लगाया.
डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से कई सरकारी अस्पतालों एवं मेडिकल कॉलेजों अस्पतालों में तीसरे दिन भी आपातकालीन वार्ड, ओपीडी सेवाएं, पैथोलॉजिकल इकाइयां बंद रही. वहीं निजी अस्पतालों में भी चिकित्सकीय सेवाएं बंद रहीं. डॉक्टर कोलकाता में एनआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक मरीज की मौत के बाद भीड़ द्वारा अपने दो सहकर्मियों पर हमले के मद्देनजर प्रदर्शन कर रहे हैं. भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने घटना के खिलाफ तथा हड़ताली डॉक्टरों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए शुक्रवार को ‘अखिल भारतीय विरोध दिवस’ घोषित किया है.
विपक्ष ने गतिरोध के लिए बनर्जी पर हमला किया है और बीजेपी ने उनपर ‘हिटलर’ की तरह काम करने का आरोप लगाया. जब मुख्यमंत्री दोपहर में सरकारी एसएसकेएम अस्पताल पहुंची तो डॉक्टरों ने ‘हमें इंसाफ चाहिए’ के नारे लगाए. उन्होंने कहा, “मैं आंदोलन की निंदा करती हूं. कनिष्ठ चिकित्सकों का आंदोलन सीपीएम और बीजेपी का षड्यंत्र है.”
बनर्जी के पास स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय का भी प्रभार है. उन्होंने चिकित्सकों को चार घंटे के भीतर काम पर लौटने को कहा था लेकिन बाद में समय-सीमा में संशोधन करके इसे अपराह्न दो बजे कर दिया. उन्होंने ऐसा नहीं करने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी और कहा कि उन्हें छात्रावास खाली करने होंगे. बनर्जी की समय सीमा के बावजूद डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल जारी रखी. डॉक्टरों की एक टीम ने इस मुद्दे पर राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी से मुलाकात की. राज्यपाल ने भी उनसे हड़ताल खत्म करने की अपील की.
त्रिपाठी से भेंट के बाद राजभवन के बाहर एक जूनियर डॉक्टर ने कहा, “मांग पूरी होने तक हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे. हमारी मांगे साधारण हैं…उचित सुरक्षा मिले और सभी अस्पताल में सशस्त्र पुलिस बल तैनात हों तथा एनआरएस अस्पताल में शनिवार को हुए हमले में शामिल अपराधियों को गैर जमानती धाराओं में गिरफ्तार किया जाए.”
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने जो कहा, हमें उनसे उसकी उम्मीद नहीं थी. बहरहाल, बनर्जी ने आरोप लगाया कि बाहर के लोग चिकित्सीय कॉलेजों और अस्पतालों में व्यवधान डालने के लिए घुस आए हैं. उन्होंने बीजेपी पर हड़ताल को साम्प्रदायिक रंग देने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा, “सीपीएम की मदद से बीजेपी हिंदू-मुस्लिम की राजनीति कर रही है. मैं उनके बीच प्रेम को देखकर स्तब्ध हूं.” बनर्जी ने कहा, “बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को साम्प्रदायिक तनाव पैदा करने और फेसबुक पर दुष्प्रचार चलाने के लिए उकसा रहे हैं.’’
एक फेसबुक पोस्ट में मुख्यमंत्री ने हड़ताल की वजह से मरीजों की खराब हालात को रेखांकित किया तथा दावा किया कि सरकार डॉक्टरों के साथ सहयोग कर रही है. उन्होंने एनआरएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में दो जूनियर डॉक्टरों को आई चोटों को दुर्भाग्यपूर्ण कहा. बनर्जी ने कहा कि इस बाबत पांच लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और इलाज में लापरवाही की शिकायत पर भी जांच के आदेश दे दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि कैंसर व गुर्दे के मरीज तथा दुर्घटना पीड़ित और दूर दराज से आए बच्चे इलाज नहीं मिलने की वजह से सबसे ज्यादा भुगत रहे हैं.
विपक्षी पार्टियों ने हड़ताली डॉक्टरों को कथित ‘धमकी’ देने के लिए मुख्यमंत्री की आलोचना की और स्वास्थ्य मंत्री के तौर पर उनका इस्तीफा मांगा. बीजेपी नेता मुकुल रॉय ने आरोप लगाया कि बनर्जी अराजक बन गई हैं और ‘हिटलर’ की तरह काम कर रही है. तृणमूल कांग्रेस प्रमुख पर मामले का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाते हुए माकपा की केंद्रीय कमेटी के सदस्य सुजान चक्रवर्ती ने कहा कि बनर्जी की गतिरोध को खत्म करने में दिलचस्पी नहीं लगती है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सोमेन मित्रा ने भी मुख्यमंत्री की आलोचना करते हुए कहा कि राज्य सरकार को डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए.
स्वास्थ्य राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री बनर्जी पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं. मेरे पास डॉक्टरों के इस्तीफे की कोई रिपोर्ट नहीं है.’’
डॉक्टरों की हड़ताल की गूंज दिल्ली तक पहुंच गई हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बृहस्पतिवार को मरीजों और उनके तीमारदारों से संयम बरतने का अनुरोध किया और घटना की निंदा की. उन्होंने कहा कि कि वह सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के समक्ष डॉक्टरों की सुरक्षा का मुद्दा उठाऐंगे. राष्ट्रीय राजधानी स्थित एम्स के रेजीडेंट डॉक्टरों ने बृहस्पतिवार को सांकेतिक प्रदर्शन करते हुए अपने सिर पर पट्टियां बांधकर काम किया और शुक्रवार को काम का बहिष्कार करने का फैसला किया. इस बीच बनर्जी ने एसएसकेएम अस्पताल के हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टरों पर उनके दौरे के समय अपशब्द बोलने का आरोप लगायाा.
उन्होंने गुरुवार रात को एक बांग्ला समाचार चैनल से बातचीत में कहा, “मैं आपातकालीन विभाग में गयी थी जहां वे मुझसे बात कर सकते थे, लेकिन जब मैं वहां थी तो उन्होंने जिस भाषा का इस्तेमाल किया, वह मुझे अपशब्द बोलने जैसा था.”
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/05/mamata.png385696Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-06-14 04:24:492019-06-14 04:24:50ममता के चलते डाक्टरों की देशव्यापी हड़ताल
हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार गंगा दशहरा का पर्व 12 जून 2019 यानी बुधवार के दिन मनाया जाएगा। गंगा दशहरा के दिन ही ईक्षवाकू वंश के राजा भागीरथ के प्रयास से मां गंगा धरती पर प्रकट हुई थी। मां गंगा की इस दिन विधिवत पूजा का विधान है। ज्येष्ठ मास की दशमी तिथि के दिन यह पर्व हर्षोल्लास से मनाया जाता है। गंगा दशहरा के दिन दान और स्नान को अधिक महत्व दिया जाता है। अगर आप भी गंगा दशहरा के दिन मां गंगा की पूजा- अर्चना करना चाहते हैं और आपको गंगा की पृथ्वी पर उत्पत्ति, गंगा जल के फायदे और गंगा दशहरा पर स्नान के महत्व के बारे में नहीं पता है तो आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे तो चलिए जानते हैं गंगा जल के फायदे और गंगा दशहरा पर स्नान के महत्व के बारे में…
गंगा का भूलोक पर उतरना
राजा दशरथ के पूर्वजों में राजा सगर हुए थे। सगर के पिता का नाम असित था। वे अत्यंत पराक्रमी थे। हैहय, तालजंघ, शूर और शशबिन्दु नामक राजा उनके शत्रु थे। उनसे युद्ध करते-करते राज्य त्यागकर उन्हें अपनी दो पत्नियों के साथ हिमालय भाग जाना पड़ा। वहां कुछ काल बाद उनकी मृत्यु हो गयी। उनकी दोनों पत्नियां गर्भवती थीं। उनमें से एक का नाम कालिंदी था। कालिंदी की संतान नष्ट करने के लिए उसकी सौत ने उसको विष दे दिया। कालिंदी अपनी संतान की रक्षा के निमित्त भृगुवंशी महर्षि च्यवन के पास गयी। महर्षि ने उसे आश्वासन दिया कि उसकी कोख से एक प्रतापी बालक विष के साथ (स+गर) जन्म लेगा। अत: उसके पुत्र का नाम सगर पड़ा।
सगर अयोध्या नगरी के राजा हुए। वे संतान प्राप्त करने के इच्छुक थे। उनकी सबसे बड़ी रानी विदर्भ नरेश की पुत्री केशिनी थी। दूसरी रानी का नाम सुमति था। दोनों रानियों के साथ राजा सगर ने हिमवान के प्रस्त्रवण गिरि पर तप किया। प्रसन्न होकर भृगु मुनि ने उन्हें वरदान दिया कि एक रानी को वंश चलाने वाले एक पुत्र की प्राप्ति होगी और दूसरी के साठ हज़ार वीर उत्साही पुत्र होंगे। बड़ी रानी के एक पुत्र और छोटी ने साठ हज़ार पुत्रों की कामना की। केशिनी का असमंजस नामक एक पुत्र हुआ और सुमति के गर्भ से एक तूंबा निकला जिसके फटने पर साठ हज़ार पुत्रों का जन्म हुआ। असमंजस बहुत दुष्ट प्रकृति का था। अयोध्या के बच्चों को सताकर प्रसन्न होता था। सगर ने उसे अपने देश से निकाल दिया। कालांतर में उसका पुत्र हुआ, जिसका नाम अंशुमान था। वह वीर, मधुरभाषी और पराक्रमी था।
राजा सगर ने विंध्य और हिमालय के मध्य यज्ञ किया। सगर के पौत्र अंशुमान यज्ञ के घोड़े की रक्षा कर रहे थे। जब अश्ववध का समय आया तो इन्द्र राक्षस का रूप धारण कर घोड़ा चुरा ले गये। सगर ने अपने साठ हज़ार पुत्रों को आज्ञा दी कि वे पृथ्वी खोद-खोदकर घोड़े को ढूंढ़ लायें। जब तक वे नहीं लौटेंगे, सगर और अंशुमान दीक्षा लिये यज्ञशाला में ही रहेंगे। सगर-पुत्रों ने पृथ्वी को बुरी तरह खोद डाला तथा जंतुओं का भी नाश किया। देवतागण ब्रह्मा के पास पहुंचे और बताया कि पृथ्वी और जीव-जंतु कैसे चिल्ला रहे हैं। ब्रह्मा ने कहा कि पृथ्वी विष्णु भगवान की स्त्री हैं वे ही कपिल मुनि का रूप धारण कर पृथ्वी की रक्षा करेंगे। सगर-पुत्र निराश होकर पिता के पास पहुंचे। पिता ने रुष्ट होकर उन्हें फिर से अश्व खोजने के लिए भेजा। हज़ार योजन खोदकर उन्होंने पृथ्वी धारण करने वाले विरूपाक्ष नामक दिग्गज को देखा। उसका सम्मान कर फिर वे आगे बढ़े। दक्षिण में महापद्म, उत्तर में श्वेतवर्ण भद्र दिग्गज तथा पश्चिम में सोमनस नामक दिग्गज को देखा। तदुपरांत उन्होंने कपिल मुनि को देखा तथा थोड़ी दूरी पर अश्व को चरते हुए पाया। उन्होंने कपिल मुनि का निरादर किया, फलस्वरूप मुनि के शाप से वे सब भस्म हो गये। बहुत दिनों तक पुत्रों को लौटता न देख राजा सगर ने अंशुमान को अश्व ढूंढ़ने के लिए भेजा। वे ढूंढ़ने-ढूंढ़ते अश्व के पास पहुंचे जहां सब चाचाओं की भस्म का स्तूप पड़ा था। जलदान के लिए आसपास कोई जलाशय भी नहीं मिला। तभी पक्षीराज गरुड़ उड़ते हुए वहां पहुंचे और कहा कि ‘ये सब कपिल मुनि के शाप से हुआ है, अत: साधारण जलदान से कुछ न होगा। गंगा का तर्पण करना होगा। इस समय तुम अश्व लेकर जाओ और पिता का यज्ञ पूर्ण करो।’ उन्होंने ऐसा ही किया।
सगर के बाद उनके पौत्र अंशुमान राजा हुए थे। अंशुमान अपने पुत्र दिलीप को राज्य-भार सौंप कर गंगा को पृथ्वी पर लाने की चिंता में ग्रस्त थे। उन्होंने घोर तपस्या करते हुए शरीर त्याग किया। राजा दिलीप गंगा को पृथ्वी पर लाने का कोई मार्ग नहीं सोच पाये और बीमार होकर स्वर्ग सिधार गये।
भगीरथ पुत्रहीन थे। उन्होंने राज्यभार अपने मन्त्रियों को सौंपा और स्वयं गोकर्ण तीर्थ में जाकर घोर तपस्या करने लगे। ब्रह्मा के प्रसन्न होने पर उन्होंने दो वर माँगे—एक तो यह कि गंगा जल चढ़ाकर भस्मीभूत पितरों को स्वर्ग प्राप्त करवा पायें और दूसरा यह कि उनको कुल की सुरक्षा करने वाला पुत्र प्राप्त हो। ब्रह्मा ने उन्हें दोनों वर दिये, साथ ही यह भी कहा कि गंगा का वेग इतना अधिक है कि पृथ्वी उसे संभाल नहीं सकती। शंकर भगवान की सहायता लेनी होगी। ब्रह्मा के देवताओं सहित चले जाने के उपरान्त भगीरथ ने पैर के अंगूठों पर खड़े होकर एक वर्ष तक तपस्या की। शंकर ने प्रसन्न होकर गंगा को अपने मस्तक पर धारण किया। गंगा को अपने वेग पर अभिमान था। उन्होंने सोचा था कि उनके वेग से शिव पाताल में पहुँच जायेंगे। शिव ने यह जानकर उन्हें अपनी जटाओं में ऐसे समा लिया कि उन्हें वर्षों तक शिव-जटाओं से निकलने का मार्ग नहीं मिला।
भगीरथ ने फिर से तपस्या की। शिव ने प्रसन्न होकर उसे बिंदुसर की ओर छोड़ा। वे सात धाराओं के रूप में प्रवाहित हुईं। ह्लादिनी, पावनी और नलिनी पूर्व दिशा की ओर; सुचक्षु, सीता और महानदी सिंधु पश्चिम की ओर बढ़ी। सातवीं धारा राजा भगीरथ की अनुगामिनी हुई। राजा भगीरथ गंगा में स्नान करके पवित्र हुए और अपने दिव्य रथ पर चढ़कर चल दिये। गंगा उनके पीछे-पीछे चलीं। मार्ग में अभिमानिनी गंगा के जल से जह्नुमुनि की यज्ञशाला बह गयी। क्रुद्ध होकर मुनि ने सम्पूर्ण गंगा जल पी लिया। इस पर चिंतित समस्त देवताओं ने जह्नुमुनि का पूजन किया तथा गंगा को उनकी पुत्री कहकर क्षमा-याचना की। जह्नु ने कानों के मार्ग से गंगा को बाहर निकाला। तभी से गंगा जह्नुसुता जान्हवी भी कहलाने लगीं। भगीरथ के पीछे-पीछे चलकर गंगा समुद्र तक पहुँच गयीं। भगीरथ उन्हें रसातल ले गये तथा पितरों की भस्म को गंगा से सिंचित कर उन्हें पाप-मुक्त कर दिया। ब्रह्मा ने प्रसन्न होकर कहा—“हे भगीरथ, जब तक समुद्र रहेगा, तुम्हारे पितर देववत माने जायेंगे तथा गंगा तुम्हारी पुत्री कहलाकर भागीरथी नाम से विख्यात होगी। साथ ही वह तीन धाराओं में प्रवाहित होगी, इसलिए त्रिपथगा कहलायेगी।’’
गंगा जल के फायदे
1.धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गंगा जल के स्पर्श मात्र से ही किसी भी चीज का शुद्धिकरण हो जाता है। 2.गंगा जल कई प्रकार की औषोधियों में भी प्रयोग होता है। 3.शास्त्रों के अनुसार अगर किसी मरते हुए व्यक्ति के गंगा की बूंदे डालने से उसके सभी पाप धूल जाते हैं। 4. गंगा जल का विशेष गुण है। उसका कभी न खराब होना । गंगा जल सालों तक खराब नहीं होता 5.शास्त्रों के अनुसार पूजा में गंगा जल का विशेष प्रयोग किया जाता है।
गंगा दशहरा पर स्नान महत्व
गंगा दशहरा पर स्नान को विशेष महत्व दिया जाता है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन पवित्र गंगा जी में डुबकी लगाने से मनुष्य अपने जीवन के सभी पाप और कष्ट से मुक्त हो जाता है। इसके अलावा गंगा दशहरा अगर आपको कोई ऐसा रोग है जो ठीक न हो और वह गंगा दशहरा के दिन कोई रोगी गंगा नदी में स्नान कर लेता है तो उसे उस रोग से मुक्ति मिल जाती है।
गंगा दशहरा पर किया गया स्नान मनुष्य के जन्म – जन्मांतर के पाप को धो देता है। माना जाता है अगर आप गंगा दशहरा के दिन किसी तीर्थ पर जाते हैं तो आपको इस दिन भगवान की विशेष कृपा प्राप्त होगी।शास्त्रों में एक और चीज वर्णित है कि अगर आप गंगा जी में स्नान नहीं कर पाते तो अपने नहाने के पानी में इस दिन नहाने के पानी में गंगा जल डालकर स्नान कर सकते हैं।
इस दिन किया गया स्नान मनुष्य के जन्मों के पाप को धो देता है। इस दिन अगर आप किसी तीर्थ पर भी जाते हैं तो आपको इसका लाभ अवश्य मिलेगा और अगर आप गंगा जी में स्नान नहीं कर पाते तो अपने नहाने के पानी में इस दिन नहाने के पानी में गंगा जल डालकर स्नान कर सकते हैं।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/06/ganga2.jpg506749Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-06-12 11:59:212019-06-12 11:59:23गंगा दशहरा 2019
कमाल नाथ के चलते प्रदेश के हालात यह हो गए हैं कि लोग सोच रहे हैं कि काश एक बार फिर चुनाव हो जाएँ तो काँग्रेस का सूपड़ा ही साफ कर दें। ऐसी स्थिति मध्य प्रदेश में क्यों बन रही है? मध्य प्रदेश में गहराते बिजली संकट में ग्रामीणों को पड़ रही है दोहरी मार। वोट मिलने के लालच में कॉंग्रेस नेताओं ने इलाके में ट्रान्स्फ़ोर्मर लगवा बिजली चालू करवा दी लेकिन ज्यों ही हार का सामना करना पड़ा ट्रान्स्फ़ोर्मर हटवा दिये गए। गाँव वालों से ताकीद की गयी की भाजपा के वोट दिया है तो बिजली भी उनही से मांगो। यह है ज्योतिरादित्य सिंधिया की राजनीति।
मध्यप्रदेश
के गुना के शिवपुरी लोकसभा एवं कोलारस विधानसभा के कंचनपुरा पोलिंग से हैरान कर
देनी वाली न्यूज आ रही है। वोट मांगने के लिए पहले ट्रांसफार्मर लगाए, जनता को लुभाने के
लिए, अब
चुनाव हो जाने पर वोट न मिलने पर आदिवासी बस्ती में जो ट्रांसफार्मर लगवाये लगाए, वो अब रातो रात
उखाड़ लिये गये है।
कांग्रेस नेता को वोट न मिलने पर आक्रोश में आकर आदिवासियों के ट्रान्सफमर ही उखाड़ लिए। जिससे आदिवासियों को बहुत मुस्किलो का सामना करना पड़ रहा है। सूत्रों के मुताविक बताया जा रहा है कि कांग्रेस के कुछ नेता बिजली कंपनी के कर्मचारियों को लेकर आए और जो ट्रांसफार्मर लगैए थे, वो सब उखाड़ कर ले गए।
कांग्रेस नेता का कहना था कि तुम लोगों ने बीजेपी को मतदान दिया है। अब ट्रांसफार्मर भी बीजेपी बोलो लगवाने। आक्रोश में आये ग्रामीणों ने नेताओं पर हमला कर दिया। जिससे कांग्रेस नेता अपनी जीप और बाइक छोड़कर वहाँ से भाग निकले। eknumbernews.com की खबर के अनुसार कहा जा रहा है कि 250 आदिवासी परिवारों की इस बस्ती में विधानसभा चुनाव से पहले आचार संहिता लागू हो जाने के बाद ट्रांसफार्मर लगवाये गये थे।
आदिवासियों
ने कोलारस विधानसभा के काँग्रेस उमीदवार एवं विधायक
महेंद्र यादव से ट्रांसफार्मर लगवाने की मांग की थी। जो उन्होंने पूरी की थी। आचार
संहित लागू होने के के बाद भी कांग्रेस नेता ने आदिवासी जगह पर ट्रांसफार्मर लगवा
दिये थे। जिससे आदिवासियों के मन मे खुशी की लहर उठ गई थी।
इसके
बाद इस आदिवासी पोलिंग से महेंद्र सिंह यादव को बंपर जीत मिली थी। लोकसभा चुनाव में भी कंचनपुर पोलिंग से कांग्रेस
यानी आदिवासी बस्ती ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को मतदान नहीं दिया। इसी बजह से
कांग्रेसी नेताओं ने वहाँ जाकर ट्रांसफार्मर निकलवा दिये।
सूत्रों के मुताविक कोलारस के पूर्व विधायक महेंद्र सिंह यादव के कार्यकर्ता बिजली कंपनी के कर्मचारियों को लेकर ट्रांसफार्मर निकलवाने आए थे। आदिवासियों ने सरकारी कर्मचारियों से तो कुछ भी नहीं कहा। किंतु जब नेताओं ने वहाँ आकर अपशव्द बातें करने प्रारंभ कर दी तो आदिवासियों ने उन्हे चारो ओर से पकड़ लिया। खवरो के अनुसार वहाँ मौजूद कांग्रेस नेता अपनी जीप, बाइक और चप्पलें छोड़कर भाग निकले।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/11/303183-kamalnath-scindia.jpg545970Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-06-12 11:12:172019-06-12 11:54:19भाजपा को वोट दिया है तो भाजपा से बिजली मांगो: congress
कांग्रेस नेता केके शर्मा ने कहा कि मैंने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के चुनाव प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया से बैठक के दौरान कहा कि मुझे गुलाम नबी आजाद के खिलाफ काफी कुछ कहना है लेकिन, मौका नहीं दिया गया. कॉंग्रेस की यही कमजोरी है की वह मंथन के नाम पर भी आदेश ही देती है। समीक्षा के नाम पर दोषारोपण और बली ली जाती है। बड़े नेताओं की दुयानेन चलतीं रहे इस लिए न्हे संगठन ही मेन न्छे पद दे दिये जाते हैं ओर वह अपने यवराज ही की भांति आचरण करते हैं और जमीनी कार्यकर्ताओं की तो बात छोड़िए पार्टी के स्थानीय नेताओं से भी नहीं मिलते। राहुल की भांति सिंधिया भी अपनी अभूतपूर्व हार से कुछ नहीं सीखे। सनद रहे सिंधिया अपने ही कार्यकर्ता के अपमान का स्वाद उसी कार्यकर्ता द्वारा मिली हार से चख रहे हैं। परंतु आज भी वह वही गलती करते जा रहे हैं।
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) में कांग्रेस के अपेक्षित प्रदर्शन न कर पाने के बाद मंगलवार को एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई. कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व द्वारा आयोजित की गई इस बैठक में उत्तर प्रदेश में पार्टी को मिली हार की समीक्षा की जानी थी. इसी दौरान पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ कांग्रेसी नेताओं के बीच गरमागरमी हो गई. न्यूज एजेंसी एएनआई के द्वारा जारी वीडियो में देखा जा सकता है कि नेताओं के बीच बहस ने काफी बड़ा रूप ले लिया और धक्कामुक्की भी हुई. बताया जा रहा है कि कांग्रेस के नेता समीक्षा बैठक के लिए काफी समय से इंतजार कर रहे थे लेकिन, बैठक शुरू होने में काफी समय लग गया.
Argument between Congress leaders from Western Uttar Pradesh following a review meeting in Delhi on election results in UP; a Congress leader says, “it’s our internal matter”.
कांग्रेस नेता केके शर्मा ने नेताओं की बहस मामले पर न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा कि हम यहां सुबह 10 बजे से इंतजार कर रहे थे. लेकिन, बैठक शाम को 3 बजे बुलाई गई थी. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि शीर्ष नेतृत्व ने बिना बैठक के ही निर्णय ले लिया. उन्होंने दावा किया कि बैठक में सदस्यों को जगह नहीं दी गई और नेतृत्व ने बिना सदस्यों से मिले ही निर्णय ले लिया. उन्होंने कहा कि जो लोग चुनाव नतीजों के लिए जिम्मेदार हैं, उन्हें बैठक में जगह ही नहीं मिली. उन्होंने कहा कि मैंने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के चुनाव प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया से बैठक के दौरान कहा कि मुझे गुलाम नबी आजाद के खिलाफ काफी कुछ कहना है लेकिन, मौका नहीं दिया गया.
वहीं, इस मामले पर कांग्रेस नेता मीम अफजल ने कहा कि यह हमारा आंतरिक मामला है. मीम अफजल ने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 10 जिलों के नेताओं को बुलाया गया था. सभी ने कांग्रेस नेतृत्व के सामने अपना विश्लेषण रखा. उन्होंने बताया कि बैठक में यूपी कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर और पश्चिमी यूपी के प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया मौजूद थे. उन्होंने कहा कि इस बैठक में समीक्षा की गई. उन्होंने कहा कि यह बैठक लोकसभा चुनाव 2022 की तैयारी के लिए की गई थी.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/06/review-meeting.jpg362646Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-06-11 17:40:032019-06-11 17:40:05अंतर्कलह की भेंट चढ़ी स्मीक्षा बैठक पर भीम अफजल के लिए सब ठीक है
भाजपा ने बंगाल में तृणमूल कांग्रेस को एक और झटका दिया है। लोगों का मानना है कि भाजपा एक प्र्भवी विकल्प कि तरह उभर रही है। 32 सदस्यीय दार्जीलिंग नगर निगम में भाजपा अब बहुमत में है। निगम की दो सीटें खाली हैं. तृणमूल यहां पहली बार सत्ता में आई थी.
नई दिल्ली: बीजेपी पश्चिम बंगाल की राजनीति में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस को हर कदम पर नुकसान पहुंचाती दिख रही है. लोकसभा में तृणमूल से 16 सीटें छीनने के बाद अब बीजेपी नगर पालिका और नगर निगम पर अपनी निगाहें जमा दी हैं. शनिवार को दार्जिलिंग नगर निगम में तृणमूल के 17 पार्षद बीजेपी में शामिल हो गए. इसके साथ ही इस नगर निगम में बीजेपी का कब्जा हो गया है. इससे पहले भाटपारा में नगर पालिका में भी बीजेपी ने जीत हासिल की थी.
दार्जीलिंग नगर निगम के 17 पार्षद शनिवार को बीजेपी में शामिल हो गए जिससे स्थानीय निकाय में भाजपा को बहुमत मिल गया है. बीजेपी नेता मुकुल रॉय ने पार्षदों को औपचारिक रूप से पार्टी में शामिल कराने के बाद संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी. रॉय ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर जनप्रतिनिधियों और उनके समर्थकों का उत्पीड़न करने के लिए पुलिस के इस्तेमाल का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा, ‘राज्य में लोकतंत्र बचाने की हमारी लड़ाई जारी है. लोकसभा चुनाव में जनादेश मुख्यमंत्री के खिलाफ था, लेकिन अब वह बीजेपी कार्यकर्ताओं और समर्थकों को परेशान करने के लिए पुलिस राज का इस्तेमाल कर रही हैं.’ रॉय ने कहा कि 32 सदस्यीय दार्जीलिंग नगर निगम में भाजपा अब बहुमत में है. निगम की दो सीटें खाली हैं.
उन्होंने कहा कि भाजपा आने वाले दिनों में यहां बड़ा प्रदर्शन करेगी. राज्य के पार्टी मामलों के प्रभारी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने भी बनर्जी पर निशाना साधते हुए उन पर अनेक संस्थाओं पर हमले का आरोप लगाया. दार्जीलिंग से सांसद राजू बिस्ता ने कहा कि राज्य में खासकर उत्तर बंगाल में तृणमूल कांग्रेस को हुए नुकसान के लिए पुलिस क्षेत्र में बीजेपी के लोगों को परेशान कर रही है.
एक साल पहले हुए निकाय चुनावों में पहली बार ममता बनर्जी की पार्टी को हिल्स यानी दार्जिलिंग नगर निगम में कामयाबी मिली थी. इस क्षेत्र में बिमल गुरुंग की गोरखा जनमुक्ति मोर्चा का दबदबा रहता है. ये संगठन लंबे समय से अलग प्रदेश गोरखालैंड की मांग पर अड़ा है. बीजेपी इसी के सहयोग से दार्जिलिंग की लोकसभा सीट जीतती आ रही है.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/06/e66ef52277458f8b1bf87ca494293bd4.jpg252448Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-06-08 17:15:122019-06-08 17:15:14दार्जिलिंग में ममता को मिला एक बड़ा झटका
राहुल गांधी आज अपने सांसदिया क्षेत्र वायनाड में थे, वहाँ उन्होने जम कर प्रधानमंत्री मोदी पर अपनी भड़ास निकली। उन्होने प्रधान मंत्री मोदी पर जुबानी हमला करते हुए कहा ‘‘राष्ट्रीय स्तर पर हम जहर से लड़ रहे हैं. मोदी का प्रचार झूठ, जहर, घृणा और देश के लोगों के विभाजन से भरा हुआ था. उन्होंने चुनाव में झूठ का इस्तेमाल किया…. कांग्रेस सच्चाई, प्यार और लगाव के साथ खड़ी रही.’ वहीं मोदी ने कहा, ‘‘लोकतंत्र में चुनाव का अपना स्थान होता है और यह जीतने वाले की जिम्मेदारी होती है कि वह 130 करोड़ लोगों का ख्याल रखे. जिन लोगों ने हमें जिताया है या जिन लोगों ने ऐसा नहीं किया है, दोनों हमारे अपने (लोग) हैं. केरल वाराणसी जितना ही मुझे प्रिय है.’’
गुरुवायूर (केरल): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा में भरोसा जताने के लिए मतदाताओं का शुक्रिया अदा करते हुए शनिवार को कहा कि राजनीतिक दल और राजनीतिक पंडित लोकसभा चुनाव से पहले जनता के मूड को भांपने में नाकाम रहे. लोकसभा चुनाव में पार्टी प्रचंड जनादेश के साथ जीतकर सत्ता में आयी है.
लोकसभा चुनाव में भाजपा की शानदार जीत से दूसरे कार्यकाल के लिये सत्ता बरकरार रखने के बाद अपने पहले सार्वजनिक कार्यक्रम में मोदी ने कहा कि राज्य से कोई सांसद नहीं चुने के बावजूद उन्होंने अपनी पहली यात्रा के लिये केरल को चुना क्योंकि यह भी उन्हें उत्तर प्रदेश में अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी जितना ही प्रिय है.
हाल में सम्पन्न लोकसभा चुनाव को ‘‘लोकतंत्र का पर्व’’ बताते हुए मोदी ने केरल की जनता की प्रशंसा की और यहां के मतदाताओं के योगदान के लिये उनका धन्यवाद किया. उन्होंने कहा कि देश ने देखा है कि चुनाव में ‘‘जनता भगवान होती है.’’
अपनी पार्टी को चुनने के लिये उन्होंने मतदाताओं का शुक्रिया अदा किया और कहा, ‘‘राजनीतिक पार्टियां और राजनीतिक पंडित लोगों के मूड को भांप नहीं सके. वे (चुनावी) सर्वेक्षण करने में लगे रहे और जनता ने भाजपा को अपना मजबूत जनादेश दे दिया.’’
उन्होंने कहा हालिया चुनाव ने साबित किया है कि लोगों ने ‘‘नकारात्मकता’’ को खारिज किया और ‘‘सकारात्मकता’’ को स्वीकार किया है.
लोकसभा चुनाव के बाद अपनी पहली यात्रा के लिये केरल को चुनने पर मोदी ने कहा कि कुछ लोग हैरान हो रहे होंगे कि यहां तो भाजपा का ‘‘खाता भी नहीं खुला’’, फिर भी उन्होंने दक्षिणी राज्य को क्यों चुना. उन्होंने कहा, एक चुना हुआ नेता सर्वमान्य होता है.
मोदी ने कहा, ‘‘लोकतंत्र में चुनाव का अपना स्थान होता है और यह जीतने वाले की जिम्मेदारी होती है कि वह 130 करोड़ लोगों का ख्याल रखे. जिन लोगों ने हमें जिताया है या जिन लोगों ने ऐसा नहीं किया है, दोनों हमारे अपने (लोग) हैं. केरल वाराणसी जितना ही मुझे प्रिय है.’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा सिर्फ चुनावी राजनीति के लिये काम नहीं करती, बल्कि वह देश निर्माण के लिये प्रतिबद्ध है और यह सुनिश्चित करना चाहती है कि अंतरराष्ट्रीय जगत में भारत को उसका गौरवपूर्ण स्थान मिले.
निपाह विषाणु के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि केंद्र सभी जरूरी सहायता उपलब्ध कराने के लिये केरल सरकार के साथ ‘‘कंधे से कंधा मिलाकर’’ काम कर रहा है.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/06/modi_1.jpeg433770Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-06-08 17:03:282019-06-08 17:03:29मोदी ने केरल के मतदाताओं को शुक्रिया कहा
सच्चाई यह है की लगातार 2सरी बार बुरी तरह हारने के बाद और अपने दम पर नेता प्रतिपक्ष का पद हासिल करने योग्य संख्या बल भी नहीं होने के बावजूद राहुल को नकारत्म्क्ता से इतना मोह है की वह वायनाड में अभी तक चुनावी मोड में हैं। यहाँ वह प्रधान मंत्री को ठीक उस तरह कोस रहे हैं जैसा वह चुनावों के दौरान करते थे। उन्हे पता है कि अब 5 साल तो कुछ बदलने वाला है नहीं अत: अपनी भड़ास यूं ही निकाल लो। दरअसल कांग्रेस में अब कोई उन्हे समझाये इतनी समझ किसी में नहीं।
वायनाड (केरल): अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड की यात्रा के दूसरे दिन भी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर तीखा हमला जारी रखा और कहा कि लोकसभा चुनाव का उनका प्रचार अभियान ‘‘झूठ, जहर और घृणा’’ से भरा हुआ था, जबकि कांग्रेस सच्चाई, प्यार और लगाव के साथ खड़ी थी. वायनाड लोकसभा सीट जीतने के बाद पहली बार अपने संसदीय क्षेत्र आए गांधी शनिवार को रोड-शो के बाद कालपेटा, कमबलकाडु और पनामरम में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे.
रोड शो के रास्ते में बड़ी संख्या में कांग्रेस नीत यूडीएफ के कार्यकर्ता और महिलाएं मौजूद थीं. राहुल गांधी के विशेष वाहन पर उनके साथ कांग्रेस महासचिव कर्नाटक प्रभारी के. सी. वेणुगोपाल, केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता रमेश चेन्नीथला, केरल कांग्रेस प्रमुख मुल्लापल्ली रामचन्द्रन मौजूद थे. राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि मोदी ‘हथियार की तरह घृणा, गुस्सा और झूठ का इस्तेमाल करते हैं.’
उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी प्रधानमंत्री द्वारा दर्शायी जाने वाली ” सबसे बुरी भावनाओं” के खिलाफ लड़ाई जारी रखेगी. राहुल गांधी ने वहां मौजूद लोगों से कहा, ‘‘राष्ट्रीय स्तर पर हम जहर से लड़ रहे हैं. मोदी का प्रचार झूठ, जहर, घृणा और देश के लोगों के विभाजन से भरा हुआ था. उन्होंने चुनाव में झूठ का इस्तेमाल किया…. कांग्रेस सच्चाई, प्यार और लगाव के साथ खड़ी रही.’
गांधी ने वायनाड में शुक्रवार और शनिवार को रोड-शो किया. इस दौरान सड़कों पर भारी भीड़ रही और लोगों ने अपने नव-निर्वाचित सांसद का स्वागत किया. कमबलकाडु में कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि वायनाड में कुछ चुनौतियां हैं जिनसे साथ काम करके पार पाया जा सकता है. उन्होंने कहा, ‘‘मेरा काम पूरे वायनाड का प्रतिनिधित्व करना है. चुनाव में सभी दलों के लोगों ने मेरा साथ दिया. वायनाड में बड़ी चुनौतियां और मुद्दे हैं. हम साथ काम करेंगे और सारी समस्याओं का समाधान करेंगे.’
गांधी ने वायनाड लोकसभा सीट से 4.31 लाख मतों से जीत दर्ज की थी. हालांकि वह गांधी परिवार का गढ़ माने जाने वाले अमेठी लोकसभा क्षेत्र से केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से चुनाव हार गये थे. लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस ने 52 सीटें जीती हैं. पंजाब और तमिलनाडु़ के बाद केरल तीसरा राज्य है जहां पार्टी ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए सहयोगियों के साथ मिलकर 20 में से 19 सीटें जीती. कांग्रेस अध्यक्ष अपने लोकसभा क्षेत्र के तीन दिवसीय दौरे पर हैं.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/06/rahul-gandhi5.jpg349466Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-06-08 15:37:202019-06-08 15:37:23राहुल फिर मुंह कि खाएँगे
कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले अब्दुल सत्तार के दावों पर यकीन करें तो पार्टी की मुश्किलें महाराष्ट्र और भी बढ़ने वाली हैं. उनका दावा है कि कांग्रेस के 8-10 विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं, जो कभी भी पार्टी छोड़ सकते हैं.
मुंबई:
लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार से हिचकोले खा रही महाराष्ट्र कांग्रेस को झटके पर झटके लग रहे हैं. महाराष्ट्र कांग्रेस के दिग्गज नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राधाकृष्ण पाटिल ने इस्तीफा दे दिया है. उनके साथ ही पूर्व मंत्री अब्दुल सत्तार ने भी विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है. अब्दुल सत्तार के दावों पर यकीन करें तो कांग्रेस की मुश्किलें यहां और भी बढ़ने वाली हैं. उनका दावा है कि कांग्रेस के 8-10 विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं, जो कभी भी पार्टी छोड़ सकते हैं.
राधाकृष्ण पाटिल ने बेटे को अहमदनगर सीट से लोकसभा चुनाव का टिकट नहीं मिलने के बाद ही पार्टी छोड़ने के बारे में संकेत दे दिए थे. उन्होंने 25 अप्रैल को ही विधानसभा में विपक्ष के नेता का पद छोड़ दिया था. लोकसभा चुनाव प्रचार में भी राधाकृष्ण विखे पाटिल ने हिस्सा नहीं लिया. उनके बेटे सुजोय पाटिल पहले ही कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए हैं, क्योंकि उन्हें अहमदनगर से कांग्रेस का टिकट नहीं मिला था.
दरअसल अहमदनगर की सीट एनसीपी के कोटे में जा रही थी और एनसीपी किसी कीमत पर ये सीट छोड़ने को तैयार नहीं हुई. इससे मायूस होकर सुजोय विखे पाटिल ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मिलने के बाद बीजेपी ज्वाइन कर ली थी. बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में सुजोय को अहमदनगर से अपना उम्मीदवार बनाया और उन्हें जीत भी मिली. तभी से ये कयास लगाए जा रहे थे कि राधाकृष्ण विखे पाटिल कभी भी कांग्रेस का हाथ झटक सकते हैं. आखिरकार मंगलवार को राधाकृष्ण विखे पाटिल ने अपना इस्तीफा विधासनभा के स्पीकर को सौंप दिया.
हालांकि राधाकृष्ण विखे पाटील ने अपने अगले कदम के बारे में बताया नहीं है, लेकिन जिस तरह इस्तीफा देने के बाद वह मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मिले उससे साफ है कि उनके इरादे क्या हैं. सूत्रों की मानें तो राधाकृष्ण विखे पाटिल ना सिर्फ बीजेपी ज्वाइन करेंगे बल्कि महाराष्ट्र मंत्रिमंडल के विस्तार में भी उन्हें जगह मिल सकती है.
इधर महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हाण इस्तीफे की पेशकश कर चुके हैं. हालांकि उनके इस्तीफे पर कांग्रेस हाईकमान ने अभी तक कोई फैसला नहीं किया है. महाराष्ट्र में कुछ महीने बाद ही विधानसभा के चुनाव होने हैं. कुछ ही महीने पहले दिग्गज नेताओं के छोड़ने से पार्टी की मुश्किलें और बढ़ने वाली है. इसका सीधा असर विधानसभा चुनाव पर पड़ेगा.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/10/bjp_2017042617081579_650x.jpg438650Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-06-05 02:40:162019-06-05 02:40:18विखे पाटिल ने हाथ छोड़ कमल थामा
लोकसभा 2019 के चुनावों के रिज़ल्ट आने से पहले ही शिवराज सिंह चौहान ने अपने बयानों से आंग्रेस नींदें डा रखीं थीं, अब नतीजे आने के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में खुलेआम उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों और सरकार को कोसने का काम किया था कि कांग्रेस की सरकार होने के बाद भी उनकी सरकार में नहीं चल रही है. एक बार फिर हरदीप सिंह डंग ने भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के आंदोलन को समर्थन देकर एक नई चर्चा को जन्म दिया है.
नई दिल्लीः मंदसौर के सुवासरा से कांग्रेस के विधायक हरदीप सिंह डंग एक बार फिर चर्चा में आ गए हैं, हरदीप सिंह डंग ने भाजपा के किसान मोर्चा विंग के किसानों के समर्थन में चल रहे धरना आंदोलन को समर्थन दिया है और कहा है कि उनकी मांग जायज है. मैंने मुख्यमंत्री कमलनाथ से भी ओला पीड़ित किसानों को मुआवजा देने की मांग की थी, लेकिन अभी तक उन्हें मुआवजा नहीं मिला है. हरदीप सिंह डंग पहले भी पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ फोटो वायरल होने को लेकर चर्चा में आ चुके हैं और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में खुलेआम उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों और सरकार को कोसने का काम किया था कि कांग्रेस की सरकार होने के बाद भी उनकी सरकार में नहीं चल रही है. एक बार फिर हरदीप सिंह डंग ने भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के आंदोलन को समर्थन देकर एक नई चर्चा को जन्म दिया है.
मंदसौर जिले के सीतामऊ विकासखंड के गांव सुरखेड़ा और कोचरिया खेड़ी के किसानों की पिछली बार ओलावृष्टि होने के कारण फसलें बर्बाद हो गई थी और उन्हें मुआवजा भी नहीं मिला था. लोकसभा चुनाव के समय तक किसानों को मुआवजा न मिलने के कारण किसानों ने मतदान का बहिष्कार कर दिया था. मतदान के दिन मौके पर प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे थे और किसानों को आश्वासन दिया था कि चुनाव के बाद उन्हें मुआवजा दे दिया जाएगा. पता चला था कि कस्बा पटवारी ने रिपोर्ट ही नहीं दी कि इन दोनों गांव में ओलावृष्टि से किसानों की फसलों को नुकसान हुआ है .
प्रशासन ने कस्बा पटवारी पिंकी अहीर को उस समय निलंबित कर दिया था, लेकिन किसानों की समस्या का समाधान नहीं किया. किसानों को आज दिन तक ओलावृष्टि से हुए नुकसान का मुआवजा नहीं मिला किसानों की समस्याओं को लेकर भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा ने सीतामऊ में किसानों को लेकर धरना आंदोलन रखा. प्रशासन हरकत में आया मौके पर तहसीलदार प्रीति बीसे पहुंची और किसानों को समझाइश दी. पटवारी की गलती के कारण किसानों को मुआवजा नहीं मिल पाया था उसकी जांच की जा रही है और यह बात आपकी शासन तक पहुंचा दी जाएगी. भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने 2 गांव के किसानों के साथ भेदभाव किया है किसानों को मुआवजा नहीं मिला है.
यहां तक तो ठीक था, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के किसानों के इस आंदोलन को सुवासरा से कांग्रेस के विधायक हरदीप सिंह डंग ने भी समर्थन दे दिया हरदीप सिंह डंग ने कहा कि उनकी मांग जायज है और मैं उसका समर्थन करता हूं. मैंने मुख्यमंत्री कमलनाथ से भी मांग की है किसानों को ओलावृष्टि से नुकसान का मुआवजा दिया जाए, लेकिन आज तक उन्हें मुआवजा नहीं मिला.
सुवासरा के कांग्रेसी विधायक हरदीप सिंह डंग अपने कार्यकर्ताओं के बीच सरकार के खिलाफ बयान बाजी को लेकर तथा पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ वायरल फोटो को लेकर पहले भी चर्चित हो चुके हैं हालांकि उन्होंने बाद में स्पष्टीकरण दे दिया था कि वे कांग्रेसमें है और कांग्रेसमें ही रहेंगे लेकिन भारतीय जनता पार्टी के आंदोलन को समर्थन देकर उन्होंने एक बार फिर भाजपा के नजदीकी होने का इशारा कर दिया है.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/06/download-3.jpg225225Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-06-04 05:33:372019-06-04 05:35:08मध्यप्रदेश कांग्रेसी नेता ने किया भाजपा किसान मोर्चा का समर्थन।
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