सरकार को समर्थन दे रहे 2 निर्दलीय विधायकों ने बीजेपी को समर्थन देने का ऐलान किया है. वहीं कांग्रेस के निलंबित विधायक रोशन बेग इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल होंगे. गठबंधन सरकार की हालत सोमवार को तब और ज्यादा नाजुक हो गई, जब लघु उद्योग मंत्री एच नागेश ने मंत्री पद से इस्तीफा देकर 13 महीने पुरानी गठबंधन सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया, उनके साथ क्षेत्रीय पार्टी केपीजेपी (कर्नाटक प्रज्ञावंतारा जनता पक्ष) के आर. शंकर ने भी मंत्रिपद से इस्तीफा दे दिया है सूत्रों की मानें तो शंकर भी नागेश की राह पर हैं और भाजपा को समर्थन दे सकते हैं। जहां जेडीएस और काँग्रेस इस संकट के लिए भजपा को दोषी मान रही है वहीं जानकारों की मानें तो सारा खेल काँग्रेस का रचाया हुआ है। सत्ता से बाहर हुए मल्लिकार्जुन खडगे को कर्णाटक के मुख्य मंत्री बनाए जाने की कवायद में सिद्धरमाइया ने अपना हित ऊपर रख लिया, बागी विधायक सिद्धरमिया के खेमे से हैं।
बेंगलुरु: कर्नाटक में चल रहे सियासी नाटक से मंगलवार को पर्दा उठ सकता है.आज राज्य की कांग्रेस और जेडीएस सरकार की किस्मत का फैसला आज हो जाएगा. कांग्रेस-जेडीएस के 11 विधायकों के इस्तीफे स्वीकार होते हैं या नहीं, इस पर आज स्पीकर फैसला लेंगे. बता दें इन सभी विधायकों गोवा भेजा गया है. उधर बेंगलुरु में बैठे तीन विधायकों ने इस सरकार की मुसीबतें बहुत बढ़ा दी हैं. इनमें दो निर्दलीय विधायक हैं. सरकार को समर्थन दे रहे 2 निर्दलीय विधायकों ने बीजेपी को समर्थन देने का ऐलान किया है.
बेंगलुरु में आज बीजेपी विधायक दल की बैठक होनी है. वहीं निलंबित कांग्रेस विधायक रोशन बेग आज बीजेपी में शामिल होंगे. इससे पहले कांग्रेस विधायक अरविंद सिंह इस्तीफा दे चुके हैं. वहीं एक और विधायक प्रताप गौड़ा बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने की बात कह चुके हैं.
वहीं आज कांग्रेस विधायक दल की बैठक भी होने जा रही है. बैठक में शामिल होने के लिए कांग्रेस ने सभी विधायकों को सर्कुलर जारी कर चेतावनी दी है. पार्टी ने कहा है कि बैठक में शामिल नहीं होने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. विधायक दल की बैठक में सिद्धारमैया भी शामिल होंगे. बताया जा रहा है कि कर्नाटक कांग्रेस प्रभारी केसी वेणुगोपाल भी और कर्नाटक कांग्रेस प्रमुख दिनेश गुंडू राव भी शामिल होंगे.
कर्नाटक में जारी सियासी संकट के बीच मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि राज्य सरकार आसानी से चलेगी. वहीं, कुमारस्वामी के इस बयान पर बीएस येदियुरप्पा ने पलटवार किया है. येदियुरप्पा ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा कि दो निर्दलीय विधायकों ने राज्यपाल से मुलाकात की है. साथ ही उन्होंने पत्र लिखकर बीजेपी को समर्थन देने की बात कही है. विधानसभा में अब हमारी संख्या 107 हो गई है. उन्होंने कुमारस्वामी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने बहुमत खो दिया है, इसके बावजूद वो इस तरह की बात कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कर्नाटक की जनता हर चीज समझ रही है. हम देखो और इंतजार करो की नीति पर चल रहे हैं.
कांग्रेस से निलंबित चल रहे विधायक रौशन बेग ने न्यूज एजेंसी एएनआई पर बड़ा बयान दिया है. विधायक रोशन बेग ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी ने जिस तरह से मेरे साथ बर्ताव किया है, उससे मैं आहत हूं, उन्होंने कहा कि मैं अपने विधायक पद से इस्तीफा दे दूंगा और बीजेपी में शामिल हो जाऊंगा.
कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार असंतुष्ट विधायकों से मिलने के लिए मुंबई के लिए रवाना हो गए हैं. न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, कर्नाटक सरकार में मंत्री और कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार नाराज चल रहे विधायकों से मिलने के लिए मुंबई के सोफीटेल होटल पहुंचेंगे. वहीं, बताया जा रहा है कि कर्नाटक के निर्दलीय विधायक आर शंकर ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. खबर है कि आर शंकर भी मुंबई जाकर नाराज विधायकों से बात कर सकते हैं.
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने सोमवार को पार्टी विधायकों की बैठक से पहले बड़ा बयान दिया था. येदियुरप्पा ने कहा कि बीजेपी विधायकों की बैठक होने वाली है और हम इसमें उचित निर्णय लेंगे. उन्होंने कहा कि मंगलवार को बीजेपी कार्यकर्ता प्रदर्शन करेंगे, क्योंकि कांग्रेस और जेडीएस के गठबंधन की सरकार ने बहुमत खो दिया है. उन्होंने कहा कि हमारी मांग होगी कि सीएम कुमारस्वामी तत्काल इस्तीफा दें और कर्नाटक की जनता भी यही चाहती है.
येदियुरप्पा ने कहा कि कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन की सरकार ने बहुमत खो दिया है. इस स्थिति में उनके पास सरकार को चलाने का कोई नैतिक आधार नहीं है. उन्होंने कहा कि गठबंधन सरकार के अल्पमत में आने के कारण ही हम मुख्यमंत्री से इस्तीफा मांग रहे हैं.
कर्नाटक में संकट में चल रही जेडीएस और कांग्रेस की गठबंधन सरकार की हालत सोमवार को तब और ज्यादा नाजुक हो गई, जब लघु उद्योग मंत्री एच नागेश ने मंत्री पद से इस्तीफा देकर 13 महीने पुरानी गठबंधन सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया. राज्यपाल वजुभाई वाला को लिखे पत्र में नागेश ने कहा, “मैंने आज (मुख्यमंत्री) एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाले मंत्रिपरिषद से इस्तीफा दे दिया है.” नागेश ने शहर के मध्य स्थित राजभवन में वाला को अपना इस्तीफा सौंपा. उन्होंने पत्र में यह भी कहा है कि वह 13 महीने पुरानी सरकार से अपना समर्थन वापस ले रहे हैं.
नागेश ने पत्र में लिखा, “इस पत्र के माध्यम से आपको यह भी सूचित करना चाहूंगा कि मैं कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली सरकार से अपना समर्थन वापस ले रहा हूं.” नागेश ने राज्यपाल से यह भी कहा है कि वह कोलार जिले की मुलबगल (अनुसूचित जाति) विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक के तौर पर निर्वाचित हुए थे.
नागेश को बमुश्किल एक महीने पहले ही 34 सदस्यीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था. उनके साथ क्षेत्रीय पार्टी केपीजेपी (कर्नाटक प्रज्ञावंतारा जनता पक्ष) के आर. शंकर को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था, ताकि दिसंबर से ही बगावत पर उतारू कांग्रेस के लगभग दर्जन भर विधायकों की धमकी से उत्पन्न खतरे से गठबंधन सरकार को बचाया जा सके.
नगर निकाय मंत्री शंकर ने भी कांग्रेस के अन्य 20 मंत्रियों के साथ अपना इस्तीफा कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धारमैया को सौंप दिया, ताकि दर्जन भर बागी विधायकों के इस्तीफा वापस लेने और उन्हें मंत्री बनाए जाने का रास्ता साफ हो सके, और गठबंधन सरकार को 12 जुलाई से शुरू हो रहे 10 दिवसीय मॉनसून सत्र से पहले गिरने से बचाया जा सके. यह दूसरा मौका है, जब नागेश और रन्नेबेन्नूर सीट से विधायक शंकर ने गठबंधन सरकार से अपना समर्थन वापस लिया है. इससे पहले उन्होंने 22 दिसंबर को मंत्री पद से हटाए जाने के बाद 15 जनवरी को सरकार से समर्थन वापस ले लिया था.
कांग्रेस ने कर्नाटक में सरकार के संकट के लिए भाजपा पर आरोप लगाया है. कांग्रेस विधायक डीके सुरेश ने संवाददाताओं से कहा, “राज्य में इस राजनीतिक संकट के पीछे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय नेताओं का हाथ है. वे किसी भी राज्य में कोई सरकार या किसी विपक्षी दल की सरकार नहीं चाहते हैं. वे लोकतंत्र को खत्म कर रहे हैं.” भाजपा के नेताओं ने इस आरोप पर पलटवार किया है. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में कहा, “कर्नाटक में राजनीतिक संकट से भाजपा का कोई लेना-देना नहीं है.”