मोदी के आवाहन पर भारत ने दिखाई एकता, की दीपावली

कोरोना के खिलाफ जंग में पीएम मोदी की अपील के बाद देशवासी आज रात 9 बजे 9 मिनट दीया, कैंडल, मोबाइल फ्लैश और टार्च जलाकर एकजुटता का परिचय देंगे. लोग दीया जलाने की तैयारी कर लिए हैं.

नई दिल्ली: 

कोरोना वायरस के खिलाफ पूरे देश ने एकजुट होकर प्रकाश पर्व मनाया. पीएम मोदी की अपील पर एकजुट होकर देश ने साबित कर दिया कि कोरोना के खिलाफ हिंदुस्तान पूरी ताकत से लड़ेगा. देश के इस संकल्प से हमारी सेवा में 24 घंटे, सातों दिन जुटे कोरोना फाइटर्स का भी हौसला लाखों गुना बढ़ गया. गौरतलब है कि पूरी दुनिया कोरोना महामारी की चपेट में हैं. अमेरिका और ब्रिटेन जैसे विकसित देश कोरोना के आगे बेबस और लाचार नजर आ रहे हैं लेकिन भारत के संकल्प की वजह से देश में कोरोना संक्रमण विकसित देशों के मुकाबले कई गुना कम है.

Live Updates- 

  • कोरोना के खिलाफ एकजुट हुआ भारत, प्रकाश से जगमगाया पूरा देश
  • पीएम मोदी की अपील पर हिंदुस्तान ने किया कोरोना के खिलाफ जंग का ऐलान
  • कोरोना के खिलाफ जापान में जला पहला दीया,
  • कुछ देर बाद 130 करोड़ हिंदुस्तानी लेंगे एकजुटता का संकल्प

अमित शाह ने जलाए दीये

दिल्ली: गृह मंत्री अमित शाह ने अपने आवास पर सभी लाइट बंद करने के बाद मिट्टी के दीपक जलाए. 

योगी आदित्यनाथ ने जलाया दीया

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने दीया जलाकर एकता की पेश की मिसाल. दीए की रोशनी से बनाया ऊं.

अनुपम खेर ने जलायी मोमबत्ती

अनुप खेर ने दीया जलाकर दिया एकता का संदेश

बता दें कि पीएम मोदी ने शुक्रवार को अपील की थी कि पूरे देश के लोग रविवार रात 9 बजे घर की बत्तियां बुझाकर अपने कमरे में या बालकनी में आएं और दीया, कैंडिल, मोबाइल और टॉर्च जलाकर कोरोना के खिलाफ जंग में अपनी एकजुटा प्रदर्शित करें.

लॉकडाउन के समय यूपी में रसूका लागू

लॉकडाउन (Lockdown) का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ योगी सरकार लगातार सख्त रुख अपना रही है. इसी के तहत सूबे में गुरुवार को 177 एफआईआर दर्ज की गईं. वहीं लॉकडाउन का फायदा उठाकर जमाखोरी और कालाबाजारी करने के मामलों में 72 एफआईआर भी दर्ज की गई हैं. देश में कोरोना वॉरियर्स पर बढ़ते हमलों के बाद राज्य सरकारें सख्त रुख अपना रही है। मध्य प्रदेश के इंदौर में मेडिकल टीम पर हमला करने वालों पर NSA लगा दिया गया है जबकि यूपी से सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि अगर राज्य में कहीं भी पुलिस पर हमला हुआ तो ऐसे लोगों पर NSA लगाया जाए।

  • यूपी की योगी सरकार ने पुलिसकर्मियों पर हमले करने वालों के खिलाफ जारी किया नया आदेश
  • अगर लॉकडाउन के दौरान यूपी पुलिस पर हमला किया तो होगी एनएसए के तहत कर्रवाई
  • देश के कई हिस्सों में पुलिसकर्मियों और स्वास्थ्यकर्मियों पर हो रहे हैं हमले
इंदौर में मेडिकल टीम पर हमला
  • देश में कोरोना वायरस के पीड़ित लोगों के मामलों में बढ़ोतरी
  • देश में कोरोना पीड़ितों की संख्या 2,300 के ऊपर पहुंची, 56 लोगों की मौत
  • कोरोना वॉरियर्स पर बढ़ते हमलों पर राज्य सरकारें हुईं सख्त
  • मध्य प्रदेश ने इंदौर के हमलावर पर लगाया NSA, योगी आदित्यनाथ का भी आदेश

नई दिल्ली

कोरोना के खिलाफ जंग में देश के कोरोना वॉरियर्स को कई जगह मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इंदौर में कोरोना से संदिग्ध एक शख्स की जांच करने गई मेडिकल टीम पर पथराव किया गया वहीं, अलीगढ़ में पुलिस पर पथराव हुआ। ऐसे में जब देश में कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ रही है तब कोरोना वॉरियर्स पर हो रहे हमले चिंता बढ़ा रहे हैं। हालांकि इन हमलों के बाद राज्य सरकारों ने सख्त ऐक्शन लिया और इंदौर में पथराव की घटना में शामिल 4 लोगों पर NSA(National Security Act) लगा दिया है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी राज्य में पुलिस पर कहीं भी हमला करने वालों के खिलाफ NSA लगाने का आदेश जारी कर दिया है। आइए जानते हैं कि आखिर राज्य सरकारें क्यों इस सख्त कानून को लागू करने के लिए मजबूर हो रही है..

इंदौर में मेडिकल टीम पर हमला

इंदौर के टाटपट्टी बाखल में पहुंची मेडिकल टीम पर बुधवार को स्‍थानीय लोगों ने पथराव कर दिया था। उस टीम में दो महिला डॉक्‍टर्स शामिल थीं। सब किसी तरह जान बचाकर वहां से भागे थे। घटना के बाद, एफआईआर दर्ज की गई। वीडियो फुटेज के आधार पर हमलावरों में से सात को गिरफ्तार कर लिया गया था। जिला कलेक्‍टर मनीष कुमार ने चार लोगों पर NSA लगाया है। सभी टाटपट्टी बाखल के ही रहने वाले हैं।

अलीगढ़ में पुलिस पर पथराव

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में पुलिस पर पथराव के आरोप में 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सीओ पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि बन्नादेवी में कुछ लोग मस्जिद में नमाज पढ़ने के लिए एकत्र थे। तभी पुलिस वहां पहुंची और उनसे वहां एकत्र होने का कारण पूछा। लेकिन वे पुलिस पर पत्थर फेंकने लगे।

योगी आदित्यनाथ का NSA लगाने का आदेश

पुलिस प्रशासन पर पथराव के बढ़ते मामले को देखते हुए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने आदेश दिया है कि ऐसे लोगों के खिलाफ NSA के तहत कार्रवाई हो। यूपी सरकार ने अपने आदेश में कहा है कि लॉकडाउन के दौरान राज्य में कहीं पर भी अगर पुलिस पर कोई हमला करता है तो उसके खिलाफ NSA लगाया जाए।

आखिर NSA क्यों?

देश इस समय एक बड़ी आपदा से गुजर रहा है। पूरे देश में 21 दिनों का लॉकडाउन लागू है। पीएम नरेंद्र मोदी लोगों से घरों में रहने की अपील कर चुके हैं। डॉक्टर और अन्य मेडिकल कोरोना के जानलेवा वायरस से निपटने के लिए पूरी ताकत से लड़ रहे हैं। पुलिस कानून का पालन करवाने के लिए पूरी ताकत से सड़कों पर है। लेकिन कुछ लोग मेडिकल टीम और पुलिस को निशाना बना रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या समाज के ऐसे दुश्मनों से केवल NSA लगाकर ही निपटा जा सकता है। दरअसल, यह कानून केंद्र और राज्यों को किसी भी संदिग्ध पर ऐक्शन लेने और उसे हिरासत में लेने की अनुमति देता है।

जानिए, क्या है NSA

-राष्ट्रीय सुरक्षा कानून-1980 या NSA देश की सुरक्षा के लिए सरकार को अधिक ताकत देने वाला कानून है। इसके जरिए केंद्र और राज्य सरकारें किसी भी संदिग्ध को हिरासत में ले सकती है।

-सरकार को ऐसा प्रतीत होता है कि कोई शख्स देश की सुरक्षा निश्चित करने वाले काम से रोक रहा है या रोक सकता है तो उसे हिरासत में लिया जा सकता है।

कोरोना: थाली-ताली के बाद मोदी ने अब देश में मांगे 9 मिनटप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम जारी अपने वीडियो मेसेज में देशवासियों से 5 अप्रैल, रविवार को रात नौ बजे घरों सारी बत्तियां बुझाकर 9 मिनट के लिए मोमबत्ती, दिया, टॉर्च या मोबाइल की फ्लैशलाइट जलाने का आग्रह किया।

-इस कानून का प्रयोग जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त कर सकते हैं। यदि सरकार को लगता है कि कोई व्यक्ति कानून व्यवस्था को सही तरीके से चलाने में उके सामने बाधा खड़ी कर रहा है तो उसे हिरासत में लेने का आदेश दे सकती है।

– NSA के तहत किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को बिना किसी आरोप के 12 महीने तक जेल में रखा जा सकता है। राज्य सरकार को केवल यह सूचित करने की जरूरत होती है कि NSA के तहत एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया है।

– NSA के तहत किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को बिना किसी आरोप के 12 महीने तक जेल में रखा जा सकता है। राज्य सरकार को केवल यह सूचित करने की जरूरत होती है कि NSA के तहत एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया है।

– NSA के तहत हिरासत में लिए गए व्यक्ति को उनके खिलाफ आरोप तय किए बिना 10 दिनों के लिए रखा जा सकता है। हिरासत में लिया गया व्यक्ति हाई कोर्ट के सलाहकार बोर्ड के सामने अपील कर सकता है लेकिन उसे मुकदमे के दौरान वकील की अनुमति नहीं होती है।

मध्य प्रदेश में फिर शिव राज

अपने पहले भाषण में पार्टी को अपनी मां बताते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा वो मां (पार्टी) के दूध की लाज रखने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.उन्होंने कहा सबको साथ लेकर चलेंगे. कमलनाथ सरकार के बारे में शिवराज सिंह चौहान ने कहा-पिछले 15 महीने में पूरे प्रदेश की व्यवस्था चौपट हो गयी है. उसे सुधारा जाएगा.

मध्य प्रदेश में सीएम के नाम पर लग रहे कयासों पर विराम लग गया है. अब तय हो गया है कि अगले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान होंगे. सोमवार शाम हुई भाजपा विधायक दल की बैठक में शिवराज के नाम पर मुहर लग गई. BJP विधायक दल की बैठक में उन्हें सीएम बनाने प्रस्ताव रखा गया जिसका समर्थन सभी विधायकों ने किया. राजभवन में आज रात 9 बजे शिवराज सिंह चौहान का शपथ ग्रहण होगा. वह अकेले शपथ ग्रहण करेंगे. मंत्रियों को बाद में शपथ दिलाई जाएगी. 

शिवराज ने कहा

इस मौके पर अपने पहले भाषण में पार्टी को अपनी मां बताते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा वो मां (पार्टी) के दूध की लाज रखने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.उन्होंने कहा सबको साथ लेकर चलेंगे. कमलनाथ सरकार के बारे में शिवराज सिंह चौहान ने कहा-पिछले 15 महीने में पूरे प्रदेश की व्यवस्था चौपट हो गयी है. उसे सुधारा जाएगा.

भोपाल में बीजेपी दफ्तर में हुई बैठक में शिवराज सिंह चौहान, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव, पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा, भूपेंद्र सिंह, राजेन्द्र शुक्ल सहित सभी विधायक मौजूद थे. केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर अरुण सिंह और विनय सहस्त्रबुद्धे वीडियो कांफ्रेंसिंग से जुड़े.

आनन-फानन में बैठक

शिवराज के नाम पर सोमवार दोपहर पार्टी आलाकमान ने मोहर लगायी. उसके बाद आनन-फानन में बीजेपी विधायक दल की फिर बैठक बुलायी गयी. इससे पहले कोरोना संक्रमण के कारण बैठक टाल दी गयी थी और विधायकों को अपने क्षेत्र में जाने का निर्देश दे दिया गया था. लेकिन आलाकमान का फैसला आते ही फौरन विधायकों को भोपाल पहुंचने का निर्देश दिया गया.

अकेले आएं

कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए बीजेपी विधायक दल की बैठक में काफी एहतियात बरता गया. प्रदेश अध्यक्ष बी डी शर्मा ने ट्वीट कर सभी विधायकों अनुरोध किया था कि वो अपने सहयोगी और सुरक्षाकर्मी लेकर बैठक में ना आएं. यहां कोरोना से बचाव की सभी गाइडलाइंस को फॉलो करें. बैठक में मार्क्स और सेनेटाइजर की व्यवस्था की गयी थी.कार्यकर्ताओं ने शर्मा ने अपील की थी कि वो कार्यालय ना आएं.

मीडिया क नो एंट्री

कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए मीडिया के लिए भी बीजेपी दफ्तर और राजभवन नो एंट्री ज़ोन था. मीडिया को अंदर प्रवेश नहीं दिया गया. सिर्फ एक न्यूज एजेंसी और दूरदर्शन को ही एंट्री दी गयी थी. पूरा प्रोग्राम जनसंपर्क वेबकास्टिंग के जरिए लाइन दिखाने की व्यवस्था की गयी थी.

‘जनता कर्फ़्यू’ से ऐन पहले राजस्थान लॉक डाउन

अशोक गहलोत वाकई जादूगर हैं, प्रियंका सोनिया की पहली पसंद यूं ह नहीं थे। गहलोत एक तीर से तीन निशाने लगाने जानते हैं। मध्य प्रदेश के स्पीकर ने एन मौके पर करोना का सहारा लिया और मुंह की खाई, लेकिन गहलोत एक पंथ 3 काज कर गए। पहला तो वह मोदी की अपील का असर भाँपते हुए ‘जनता कर्फ़्यू’ का असर राजस्थान में नहीं होने देना चाहते थे, तो लॉक डाउन करवा दिया। दूसरे राज्यसभा चुनाव, यदि सूत्रों की मानें तो राज्यसभा चुनावों में राजस्थान कॉंग्रेस की फूट खुल कर सामने आ रही थी, उसे भी ठिकाने लगाया और तीसरा सबसे अहम जनता के स्वास्थ्य की चिंता। इसीलिए आवश्यक सेवाओं को छोड़कर आगामी 31 मार्च तक पूरा राजस्थान लॉक डाउन रहेगा.

जयपर: 

कोरोना वायरस को लेकर पूरा देश अलर्ट मोड पर है. इसी कड़ी में राजस्थान में सरकार ने कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर बड़ा फैसला लिया है. खबर के मुताबिक, आवश्यक सेवाओं को छोड़कर संपूर्ण राजस्थान 31 मार्च तक बंद रहेगा. 

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में यह फैसला लिय गया है. सभी बाजार और अन्य प्रतिष्ठानों के साथ ही सरकारी दफ्तर भी बंद होंगे. वहीं, राजस्व से जुड़े कुछ महकमों में काम संचालित किया जा सकता है. यहां तक कि, रोडवेज समेत सार्वजनिक परिवहन के सभी वाहन भी बंद रहेंगे. हालांकि, इस मामले से जुड़ी विस्तृत आदेश कुछ ही देर में गृह विभाग की तरफ से जारी किए जाएंगे. वहीं, दूसरी ओर सरकार ने सभी जिला कलेक्टरों को भी अलर्ट जारी कर दिया गया है.

रात 9 बजे  इसकी आधिकारिक घोषणा कर दी गई. कोराना वायरस को लेकर लॉक डाउन होने वाला देश का पहला राज्य है.

पॉजिटिव केस मिलने का सिलसिला जारी है

राजस्थान में कोरोना वायरस के पॉजिटिव केस मिलने का सिलसिला जारी है. शनिवार को ही प्रदेश में आधा दर्जन नए पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं. इन केस समेत राजस्थान में पॉजिटिव पीड़ितों की संख्या 23 हो चुकी है. शनिवार को सामने आए पॉजिटिव केस में 5 भीलवाड़ा में और 1 जयपुर से है. राजस्थान में पॉजिटिव पाए गए 3 मरीजों को ठीक किया जा चुका है. प्रदेश में अब तक 658 सैंपल जांच के लिए आये हैं. इनमें से 593 सैंपल की जांच रिपोर्ट नेगेटिव है. जबकि 42 सैंपल अभी अंडर प्रोसेस हैं.

आगामी 31 मार्च तक धारा-144 भी लागू है

कोरोना वायरस से बचाव के लिए प्रदेश में आगामी 31 मार्च तक धारा-144 भी लागू है. वहीं सभी स्कूल-कॉलेज और विश्वविद्यालयों की परीक्षाएं स्थगित की जा चुकी हैं. कोरोना से बचाव के लिए राज्य सरकार तमाम तरह के कदम उठा रही है. राज्य के तमाम बड़े मंदिरों और दरगाह बंद कर दिए गए हैं. वहां पूजा पाठ के लिए कुछ लोगों को ही जाने की अनुमति है. सीएम अशोक गहलोत लगातार इस मामले को लेकर समीक्षा बैठकें कर रहे हैं. जिला अस्पतालों में भी आइसोलेशन वार्ड बनाने के निर्देश दिए गए हैं. वहीं भीलवाड़ा में बड़ी संख्या में  संदिग्ध मरीजों के मिलने के बाद वहां कर्फ्यू लगा दिया गया है.

जीतू पटवारी चुनाव से पहले और सत्ता खोने के बाद

जीतू पटवारी जो अपने विवादित बयानों के लिए मशहूर हैं आज कल सत्ता सुख से दूर हो गए हैं, अचानक मिले इस आघात को वह अपने टिवीट्टर पर ब्यान कर रहे हैं और कॉंग्रेस पार्टी के लिए दुह माना रहे हैं, जबकि चुनावों में वह इसी पार्टी के बारे में कहते थे ‘आप मेरा ध्यान रखना, आपको मेरी इज्जत रखनी है पार्टी जाए तेल लेने.’ दरअसल वो मॉर्निंग वॉक के दौरान इंदौर की राऊ विधानसभा में प्रचार कर रहे थे.

चुनाव से पहले जीतू पटवारी

भोपाल: 

मध्य प्रदेश में कमलनाथ की सरकार गिरने के बाद राज्य के कांग्रेसी नेता बहुत गुस्से में हैं. खासकर ज्योतिरादित्य सिंधिया से. दिग्विजय सिंह तो पहले ही इशारों-इशारों में ही सही सिंधिया पर जमकर निशाना साध चुके हैं. लेकिन जीतू पटवारी खुलकर सिंधिया पर कटाक्ष कर रहे हैं और भला बुरा कह रहे ​हैं. कभी वह सिंधिया को ‘विभीषण’ कह रहे तो कभी उनकी तुलना ऐसी नागिन से कर रहे जो अपने ही सपोलों को खा जाती है.

सिंधिया का आदर्श वाक्य ‘सत्ता मेव जयते’: पटवारी

कमलनाथ के इस्तीफा देने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट किया. उन्होंने कमलनाथ की सरकार गिरने को मध्य प्रदेश की जनता की जीत बताई. इस पर जीतू पटवारी ने भी ट्वीट कर सिंधिया को जवाब दिया. उन्होंने लिखा, ”मिस्टर विभीषण, ‘सत्य मेव जयते’ राष्ट्रीय आदर्श वाक्य है, आप इसे बदनाम मत करो. ‘सत्ता मेव जयते’ आपका आदर्श वाक्य देश हमेशा याद रखेगा.”

जीतू पटवारी मध्य प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं. उन्होंने शनिवार को अपने ट्विटर हैंडल पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए एक वीडियो संदेश ​जारी किया. इस वीडियो संदेश में जीतू पटवारी ने कहा, ‘आज सरकार नहीं है. हमारे मन में वेदना है. जिन्होंने हमारी पीठ मे छुरा भोंका, उनसे अब नफरत नहीं करना बल्कि हराना है.’

सत्ता जाने के बाद जीतू पटवारी

जीतू पटवारी ने सिंधिया को इशारों में बताया नागिन

उन्होंने बागी विधायकों पर बिकने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘विधायक 30 से 50 करोड़ तक की बोली मे बिक गए.’ उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया पर तंज कसते हुए कहा, ‘जिसे हमने मुखिया बनाया, जैसे नागिन अपने बच्चों को खा जाती है, ऐसे ही मुखिया ने हमे धोखा दिया.  सरकार गिरी है, हौसले अभी भी जिंदा हैं. फिर लड़ेंगे फिर जीतेंगे.’

मध्य प्रदेश सियासी उलटफेर के बाद होगा सचिवालय में होंगे बड़े बदलाव

सियासी गलियारों में नई सरकार के साथ ही भावी प्रशासनिक बदलावों की चर्चा भी तेज है. सरकार के निशाने पर वो अफसर हो सकते हैं जो हनीट्रैप और माफिया राज के नाम पर पार्टी विशेष के नेताओं के खिलाफ कार्रवाई को लेकर चर्चा में रहे हैं.

भोपाल. 

प्रदेश में कांग्रेस सरकार के विदा होते ही सियासी गलियारों के साथ ही अब प्रशासनिक गलियारों में भी बदलाव की चर्चा तेज हो गई है. सरकार के जाते ही नई सरकार के निशाने पर वो आईएएस और आईपीएस होंगे, जो बीजेपी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई को लेकर सुर्खियों में रहे हैं. हनीट्रैप से लेकर माफिया राज के बहाने पार्टी विशेष और नेताओं को निशाना बनाने वाले अफसर नई सरकार के रडार पर होंगे.

नए मुख्य सचिव के लिए चर्चा में हैं ये नाम

सियासी उथलपुथल के बीच आनन फानन में पदभार संभालने वाले मुख्य सचिव से लेकर कई अफसरों की बदली होना तय है. मुख्य सचिव पद के लिए केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर गये दीपक खांडेकर, राधेश्याम जुलानिया और इकबाल सिंह बैंस का नाम चर्चा में हैं, वहीं बीजेपी सरकार में सबसे चर्चित रहने वाले अफसर फिर से कमान संभालेंगे. मंत्रालय से लेकर मैदानी अफसरों को बदला जाएगा. गुना, ग्वालियर में हाल ही में हटाये गये कलेक्टरों को दोबारा उन जिलों की कमान मिल सकती है. सिंधिया के बीजेपी में जाते ही कांग्रेस सरकार ने इन जिलों के कलेक्टरों की बदली कर नई पदस्थापना की थी.

मध्यप्रदेश में सर्वाधिक विरोध प्रदर्शन का सामना करने वाले आईएएस राधेश्याम जुलानिया अब डेप्यूटेशन पर जा रहे हैं। इसके साथ ही माध्यमिक शिक्षा मंडल के अध्यक्ष व 1982 बैच के सीनियर आईएएस अधिकारी एसआर मोहंती का मप्र का नया मुख्य सचिव बनना लगभग तय हो गया है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शनिवार को इसकी मंजूरी दे दी। सोमवार को इसके आदेश जारी हो सकते हैं। 

राजगढ़ कलेक्टर सबसे पहले ‘निशाने’ पर

सीएए के समर्थन में रैली के दौरान राजगढ़ कलेक्टर निधि निवेदिता से बीजेपी नेताओं का विवाद सबसे ज्यादा चर्चा में आया था, इसका खामियाजा अब उन्हें भुगतना पड़ सकता है. सीएम हाउस से मुख्य सचिव दफ्तर तक नए सिरे से होगी अफसरों की तैनाती होगी. मंत्रालय में सीएम और मुख्य सचिव कार्यालय से लेकर प्रमुख विभागों में अधिकारी नए सिरे से तैनात होंगे. 1985 बैच के अधिकारी एम गोपाल रेड्डी की जगह नये मुख्य सचिव की तैनाती होगी.

पुलिस महकमें में भी होगा बदलाव

कांग्रेस सरकार में पुलिस विभाग में अहम जिम्मेदारी संभालने वाले अफसरों को बदला जाएगा. सीएम के ओएसडी से लेकर आधा दर्जन जिलों केएसपी बदले जाएंगे. सबसे ज्यादा चर्चा में हनीट्रैप मामला रहा है. इसकी जांच के लिए बनी एसआईटी के चीफ को भी बदला जा सकता है. एसआईटी चीफ राजेंद्र कुमार समेत एडीजी इंटेलीजेंस एसडब्ल्यू नकवी, पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन के संजय माने, उज्जैन, रतलाम, इंदौर, भोपाल, जबलपुर, राजगढ़ में तैनात पुलिस अफसरों को बदला जा सकता है.

काँग्रेस के बागी 22 ने थामा कमल

कांग्रेस के सभी बागी पूर्व विधायक शनिवार को विधिवत बीजेपी में शामिल हो गए. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उन्हें बीजेपी की सदस्यता दिलाई.

नई दिल्ली. 

कांग्रेस के बागी और ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक 22 पूर्व विधायक शनिवार को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से उनके निवास पर मिले. नड्डा ने इस सभी पूर्व विधायकों को बीजेपी की सदस्यता दिलाई. इस दौरान बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, नरेंद्र सिंह तोमर, बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और अनिल जैन भी मौजूद थे.

नड्डा ने पूर्व विधायकों से की चर्चा

नड्डा ने इन सभी पूर्व विधायकों से मध्य प्रदेश के मसले पर चर्चा भी की. इसके बाद ये सभी पूर्व विधायक एक बस में बैठकर वहां से रवाना हो गए. केंद्रीय मंत्री केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, नरेंद्र सिंह तोमर, बीजेपी नेता अनिल जैन और नरोत्तम मिश्रा पूर्व विधायकों तो बस तक छोड़ने आए थे.

सिंधिया ने कहा- सभी को बीजेपी परिवार में उचित सम्मान मिलेगा

बैठक के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया भी जेपी नड्डा के आवास से निकले. मीडिया से बात करते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि जो भी पूर्व विधायक और कांग्रेस नेता BJP में आज औपचारिक तौर पर शामिल हुए हैं, उनको BJP परिवार में उचित सम्मान मिलेगा. उन्होंने कहा कि आज अध्यक्षजी की तरफ से इन तमाम नेताओं का स्वागत किया गया. इस बीच दो निर्दलीय विधायक भी जेपी नड्डा के आवास पर पहुंचे थे.

क्या फ्लोर टेस्ट से पहले इस्तीफा दे सकते हैं कमल नाथ?

सत्तारूढ़ कांग्रेस जहां सरकार बचा ले जाने का दावा कर रही है, वहीं मुख्य विपक्षी बीजेपी लगातार कमलनाथ सरकार के अल्पमत में आने पर जोर दे रही है. मध्‍य प्रदेश में आज शाम पांच बजे तक फ्लोर टेस्‍ट होना है.

भोपाल: 

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आज शाम पांच बजे तक मध्य प्रदेश विधानसभा में फ्लोर टेस्‍ट होना है. इस कड़ी में दोपहर दो बजे से विधानसभा का कामकाज शुरू होगा लेकिन सूत्रों का कहना है कि उससे पहले ही मुख्‍यमंत्री कमलनाथ इस्‍तीफा दे सकते हैं. दरअसल संख्‍याबल के खेल में कांग्रेस पिछड़ रही है. ऐसे में कहा जा रहा है कि उससे पहले वह इस्‍तीफा दे सकते हैं. आज दोपहर 12 बजे प्रेस कांफ्रेंस भी बुलाई गई है. उसके बाद इन कयासों को बल मिला है.

इससे पहले गुरुवार की रात को मप्र विधानसभा के स्पीकर नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने कांग्रेस के 16 बागी विधायकों के इस्तीफे भी मंजूर कर लिए. स्पीकर ने 6 मंत्रियों के इस्तीफे पहले ही मंजूर कर लिए थे. ज्योतिरादित्य सिंधिया की कांग्रेस से बगावत करने और भाजपा में शामिल होने के बाद 22 विधायकों ने कमलनाथ सरकार का साथ छोड़ दिया था. इनमें से 19 विधायक बेंगलुरु में ठहरे हैं.

कांग्रेस के 22 विधायकों के इस्तीफे स्वीकार होने के बाद जानिए क्या है विधानसभा का गणित…

असेंबली की स्थिति 

मध्य प्रदेश विधानसभा में कुल विधायकों की संख्या है- 230
इनमें से 2 विधायकों के आकस्मिक निधन से संख्या है- 228
कांग्रेस के 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद संख्या है- 206
इस तरह विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा बैठता है- 104

मौजूदा आंकड़े

भाजपा – 107 विधायक, बहुमत के आंकड़े से 3 ज्यादा.
कांग्रेस – 92  विधायक, 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद.
सपा, बसपा, निर्दलीय-  07 विधायक (सपा- 2, बसपा-1, निर्दलीय- 4).
यानी अगर कांग्रेस+ भी मानें तो आंकड़ा पहुंचता है 99, बहुमत के आंकड़े से 5 कम.

बीते 2 मार्च को शुरू हुआ था सियासी ड्रामा

मध्य प्रदेश में बीते 2 मार्च से कमलनाथ सरकार पर संकट के बादल छाए थे. सबसे पहले कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने 2 मार्च को ट्वीट कर भाजपा पर हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप लगाया था. इसके बाद उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा नेताओं शिवराज सिंह चौहान, नरोत्तम मिश्रा और अरविंद भदौरिया पर कमलनाथ सरकार को गिराने की साजिश रचने का आरोप लगाया था. लेकिन असली खेल तब शुरू हुआ था, जब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 10 मार्च को कांग्रेस पार्टी से बगावत कर भाजपा में शामिल होने का फैसला किया. 11 मार्च को सिंधिया ने भाजपा का दामन थामा और उनके नक्शे कदम पर चलते हुए कांग्रेस में इस्तीफे का दौर शुरू हो गया. 

इसके बाद से ही मध्य प्रदेश के राजनीति ड्रामे का भोपाल में राजभवन, विधानसभा, मुख्यमंत्री आवास के साथ दिल्ली में भाजपा नेता नरेंद्र सिंह तोमर के आवास पर मंचन होता रहा. आखिरी में सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे पर पहुंचने के बाद मध्य प्रदेश के सियासी नाटक का क्लाइमैक्स लिखा गया. अब फ्लोर टेस्ट में कमलनाथ सरकार बहुमत साबित कर पाए इसकी उम्मीद बहुत कम है. हालांकि सदन में उपस्थित रहने के लिए कांग्रेस और भाजपा ने अपने विधायकों को व्हिप जारी किया है.

फ्लोर टेस्ट आज दोपहर 2 बजे:

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मध्य प्रदेश विधान सभा सचिवालय ने देर रात कार्यसूची जारी की. कार्य सूची के मुताबिक दोपहर 2 बजे विश्वास प्रस्ताव पर मत विभाजन होगा. सुप्रीम कोर्ट ने आज शाम 5 बजे तक सरकार को बहुमत साबित करने का समय दिया है.

भोपाल.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मध्य प्रदेश में सियासी पारा हाई है. राजनीतिक गतिविधियां उफान पर हैं. विधानसभा सचिवालय ने देर रात कार्यसूची जारी की. कमलनाथ सरकार को आज सदन में अपना बहुमत साबित करना है. कांग्रेस और बीजेपी दोनों अपने सदस्यों को व्हिप जारी कर चुकी हैं. देर रात विधानसभा सचिवालय ने कार्यसूची जारी की जिसमें 2 बजे का समय मत विभाजन का तय किया है.उससे पहले दोपहर 12 बजे सीएम कमलनाथ प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले हैं.

ये है सदन का आंकड़ा

मध्य प्रदेश विधानसभा में कुल 230 सीट हैं. इनमें से 2 विधायकों के निधन के कारण 2 सीट खाली हैं. इस तरह कुल 228 विधायक थे.इनमें से कांग्रेस के बागी 22 विधायकों के इस्तीफे स्पीकर ने मंजूर कर लिए हैं. इस तरह अब 206 विधायक शेष हैं. सरकार को बहुमत साबित करने के लिए 104 विधायक चाहिए.लेकिन कांग्रेस के पास इस वक्त सिर्फ 92 विधायक हैं. कमलनाथ सरकार को समर्थन दे रहे समाजवादी पार्टी, बहुजन समाजवादी पार्टी और निर्दलीय विधायकों की संख्या कुल मिलाकर 7 है.अगर सारा गुणा भाग कर लिया जाए तो भी ये आंकड़ा 99 पर पहुंचता है. यानि बहुमत से 5 कदम दूर.उधर बीजेपी के पास 107 विधायक हैं. हालांकि वो दावा सिर्फ 106 विधायकों का कर रही है. उसने राज्यपाल के सामने परेड में भी 106 विधायक ही शामिल किए थे. पार्टी ने अपने विधायक नारायण त्रिपाठी का नाम उस सूची में शामिल नहीं किया था. त्रिपाठी जुलाई में दंड विधि संशोधन विधेयक पर कमलनाथ सरकार के पक्ष में क्रॉस वोटिंग कर चुके हैं.

देर रात कार्यसूची जारी

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मध्य प्रदेश विधान सभा सचिवालय ने देर रात कार्यसूची जारी की. कार्य सूची के मुताबिक दोपहर 2 बजे विश्वास प्रस्ताव पर मत विभाजन होगा. सुप्रीम कोर्ट ने आज शाम 5 बजे तक सरकार को बहुमत साबित करने का समय दिया है.

आधी रात विधानसभा पहुंचे नेता प्रतिपक्ष

इससे पहले जब विधानसभा की कार्यवाही की कार्यसूची जारी होने में देर हुई तो नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रति और अपना पत्र तामील करवाने आधी रात विधानसभा पहुँचे. भार्गव ने विधानसभा स्थित अध्यक्ष और प्रमुख सचिव महोदय के कक्ष में गए. लेकिन दोनों मौजूद नहीं थे. उनकी अनुपस्थिति में गोपाल भार्गव दोनों की टेबल पर अपना पत्र और सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रति छोड़कर आए.

शिवराज ने मांगी सुरक्षा

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने डीजीपी विवेक जौहरी, विधानसभा सचिव और विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखे. डीजीपी को लिखे पत्र में उन्होंने बीजीपी विधायकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया है. चौहान ने विधानसभा के सचिव और विधानसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय अनुसार विधानसभा की कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए आग्रह किया है.

कांग्रेस-बीजेपी ने जारी किया व्हिप

मध्य प्रदेश में कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने अपने विधायकों को व्हिप जारी किए हैं. कांग्रेस ने अपने व्हिप में आज 20 मार्च को होने वाले प्लोर टेस्ट में अनिवार्य तौर पर सदन में रहने और बहुमत के प्रस्ताव पर वोट करने के लिए कहा है. बीजेपी ने अपने विधायकों को सदन में मौजूद रहकर विश्वास प्रस्ताव के विरोध में वोट करने के लिए कहा है.

इन विधायकों के इस्तीफे स्वीकार

विधासभा स्पीकर एन पी प्रजापति ने गुरुवार को कांग्रेस के बागी इन 16 विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए.
राजवर्धन सिंह
मुन्नालाल गोयल
ओ पी एस भदौरिया
गिरिराज दंडोतिया
जगपाल सिंह जग्गी
रणवीर सिंह जाटव
हरदीप सिंह डंग
रघुराज कंसाना
बिसाहू लाल सिंह
एदल सिंह कंसाना
मनोज चौधरी
बृजेंद्र सिंह यादव
कमलेश जाटव
जसवंत जाटव
सुरेश धाकड़
रक्षा संतराम सिरोनिया

मध्य प्रदेश सियासी संकट : सर्वोच्च न्यायालय का आदेश, कल यानि 20 मार्च को ही होगा शक्ति परीक्षण

कोर्ट ने कहा है कि कल शाम 5 बजे तक विधानसभा में बहुमत परीक्षण होना चाहिए. इसके अलावा कोर्ट ने यह भी कहा कि बाहर गए 16 विधायकों पर सदन में आने का कोई दवाब नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को मध्य प्रदेश में जारी सियासी संकट पर बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने आदेश दिया है कि मध्यप्रदेश में कल यानि 20 मार्च को विधानसभा में बहुमत परीक्षण होगा. कोर्ट का आदेश है कि उसी दिन फ्लोर टेस्ट हो हाथ उठा कर मतदान हो और उसकी वीडियोग्राफी भी हो. कोर्ट ने कहा कि 16 विधायक अगर बहुमत परीक्षण में आना चाहते है तो कर्नाटक DGP और मध्यप्रदेश DGP सुरक्षा मुहैया कराए.

नई दिल्ली. 

सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को मध्यप्रदेश में चल रहे सियासी संकट को लेकर सुनवाई हुई. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला देते हुए कहा कि मध्यप्रदेश विधानसभा में शुक्रवार को ही फ्लोर टेस्ट करवाया जाए.  इससे पहले लगातार कांग्रेस की तरफ से वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी फ्लोर टेस्ट न करवाने की मांग कर रहे थे.

वीडियो रिकॉर्डिंग होगी

सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान आदेश दिया कि सदन में हाथ उठाकर वोटिंग होगी और इस पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी. फ्लोर टेस्ट शाम पांच बजे से पहले पूरा करना होगा.

बागी विधायक सदन आना चाहें तो सुरक्षा दें

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि यदि बागी विधायकों को सदन में आने में किसी भी तरह का खतरा या डर है तो मध्यप्रदेश और कर्नाटक के डीजीपी उन्हें सुरक्षा प्रदान करवाएं और यह सुनिश्चित करें कि उन्हें किसी भी प्रकार का कोई खतरा न हो.

कांग्रेस लगातार कर रही थी फ्लोर टेस्ट का विरोध

इससे पहले मध्यप्रदेश विधानसभा के स्पीकर की ओर से पक्ष रख रहे वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि विधायकों के इस्तीफे पर फैसला करना स्पीकर के अधिकार क्षेत्र में है. उन्होंने इस दौरान दलील दी कि बीजेपी की याचिका उनके अधिकार क्षेत्र में दखल है. इसके साथ ही सीएम कमलनाथ का पक्ष रख रहे वकील कपिल ‌सिब्बल ने कहा कि किस तरह की राजनीति है कि हम उनके (कांग्रेस विधायकों के) पास नहीं जा सकते, ना उनसे मिल सकते हैं. सिब्बल ने कहा कि   दिल्ली एयरपोर्ट से उड़ान भर रहे हैं. यह केंद्र सरकार द्वारा नियंत्रित एक उच्च सुरक्षा क्षेत्र है और उन्होंने वहां से उड़ान भरने की अनुमति दी है. कोई भी उनसे मिलने में सक्षम नहीं है. क्या यह स्वतंत्र शख्स की परिभाषा है?

क्यों विधायकों को नहीं आने दिया

कपिल सिब्बल ने कोर्ट में सवाल किया कि क्या राज्यपाल अपनी शक्ति का इस्तेमाल सिर्फ इसलिए कर सकते हैं क्योंकि विपक्षी दल का कहना है कि हमारे साथ सत्तारूढ़ दल का सदस्य है, इसलिए सरकार बहुमत खो चुकी है! सिब्बल का तर्क है कि यदि बागी विधायक स्वतंत्र है, तो उन्हें विधानसभा में आने और मौजूदा सरकार (कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस के खिलाफ) वोट देने से क्या रोक रहा है? सिब्बल ने कहा कि जैसा बीजेपी और बागी विधायक चाहते हैं, उस तरह अगर वह कानून की व्याख्या करे तो वह संवैधानिक ढांचे को ध्वस्त करने के लिए प्रोत्साहित करेगी. लंच के बाद सुनवाई के दौरान वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि यह एक अनूठा मामला है जहां पहली बार एक राज्यपाल एक फ्लोर टेस्ट के लिए कह रहा है; किसी भी पक्ष ने अब तक बहुमत का दावा नहीं किया.